सुप्रीम कोर्ट मंथली राउंड अप, दिसंंबर 2020 : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा दिसंंबर 2020
LiveLaw News Network
27 Dec 2020 12:45 PM IST
आइए जानते हैंं कि सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा दिसंंबर 2020 का माह। मंंथली राउंंड अप।
बाल संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ही उनके परिवारों को वापस सौंपा जाए : सुप्रीम कोर्ट ने दिशानिर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आठ राज्यों में बाल संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार ही उनके परिवारों को वापस सौंपने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों को भारत सरकार के संयुक्त सचिव के आदेश द्वारा रद्द किया गया था।
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'सुनवाई योग्य नहीं' : सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को हटाने की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी पर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमना के खिलाफ सार्वजनिक आरोप लगाने के लिए कार्यवाही करने की याचिका खारिज कर दी।
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'कोई भी तथ्यों को दबा नहीं सकता' : सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट COVID-19 अस्पताल में आग पर गुजरात सरकार को फटकार लगाई
27 नवंबर को गुजरात के राजकोट में COVID-19 नामित एक अस्पताल में आग लगने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गुजरात सरकार की खिंचाई की, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया, जबकि यह भी कहा कि राज्य तथ्यों को दबा नहीं सकता है और उसी को सही अंदाज में सामने आना है। तदनुसार, शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मामले को देखने का निर्देश दिया।
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आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज ने मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज के खिलाफ साजिश के लिए कॉल टेप की जांच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वी ईश्वरैया ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की एक पीठ के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें कथित तौर पर उनकी और आंध्र प्रदेश के एक निलंबित जिला मुंसिफ मजिस्ट्रेट के बीच एक कथित निजी फोन पर बातचीत करने की जांच के आदेश दिए गए थे। ये आरोप लगाया गया था कि फोन कॉल ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश के खिलाफ एक "गंभीर साजिश" का खुलासा किया।
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सुप्रीम कोर्ट ने चंदा कोचर की बर्खास्तगी के ICICI बैंक के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज की
यह देखते हुए कि मामले में केवल ये ही विवाद शामिल है कि बैंक ने पहले इस्तीफा स्वीकार कर लिया और बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यह मुद्दा एक निजी बैंक और उसके कर्मचारी के बीच संविदात्मक संबंध का है, यह रिट अधिकार क्षेत्र के आह्वान के लिए नहीं है, और ICICI बैंक की पूर्व चेयरमैन चंदा कोचर की याचिका खारिज कर दी। जस्टिस एस के कौल और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ बॉम्बे हाईकोर्ट के 5 मार्च के फैसले के खिलाफ कोचर की एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देने वाली ट उनकी रिट याचिका को आरबीआई के उसके अनुमोदन को मंज़ूरी देने पर गैर-सुनवाई योग्य बताया गया था।
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सात-आठ महीने बाद भी आप इतने धृष्ट हैं : सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बिना कमीज के पेश होने वाले वकील को कड़ी फटकार लगायी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई के दौरान बिना कमीज पहने पेश हुए वकील की कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "सात-आठ माह बाद भी आप अपने धृष्ट और लापरवाह हैं।" कमीज पहने बिना न्यायालय के समक्ष पेश होने का यह वाकया उस वक्त हुआ जब न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ बाल संरक्षण गृहों में COVID-19 संक्रमण के प्रसार के मद्देनजर स्वत: संज्ञान लिये गये मामले की सुनवाई कर रही थी।
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पत्रकार सिद्दीक कप्पन गिरफ्तारी : केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से जांच की मांग की
केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पत्रकार सिद्दीक कप्पन की कथित अवैध गिरफ्तारी और हिरासत से जुड़े तथ्यों को निर्धारित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से एक स्वतंत्र जांच की मांग की है जब वह हाथरस अपराध की रिपोर्ट करने के लिए आगे बढ़ रहे थे। संगठन द्वारा अधिवक्ता श्री पाल सिंह के माध्यम से दायर किए गए एक हलफनामे में प्रार्थना की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कप्पन की रिहाई की मांग करने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में यूपी सरकार द्वारा दी गई दलीलें "झूठे और तुच्छ" हैं।
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विवाह द्वारा धर्मांतरण के खिलाफ लागू यूपी अध्यादेश ने पसंद की आजादी और गरिमा को पीछे छोड़ दिया हैः जस्टिस लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में विवाह के उद्देश्य से धार्मंतरण को आपराधिक बनाने के लिए लाए गए अध्यादेश की आलोचना की है। उन्होंने 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020' को "पसंद की आजादी और गरिमा को पीछे छोड़ने वाला बताया है।"
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'सार्वजनिक स्थान पर आप लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हैं? ' : सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 354 के तहत दर्ज FIR में यौन उत्पीड़न के आरोपी को अग्रिम जमानत पर रिहा करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने छेड़छाड़ के एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। इस मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (इज्जत खराब करने के इरादे से महिला का उत्पीड़न या आपराधिक बल प्रयोग) के तहत एक FIR दर्ज की गयी थी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 21 जनवरी के उस फैसले के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) की सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाईकोर्ट ने आईपीसी धारा 354, 506 (डराने-धमकाने के अपराध), 341 (गलत तरीके से कब्जे में रखने) और 34 के तहत दर्ज FIR के सिलसिले में आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी : KUWJ याचिका में कप्पन की पत्नी और बेटी को भी करेगा शामिल, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली
पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के लिए दायर याचिका में केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (KUWJ) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिका में केरल के पत्रकार की पत्नी और बेटी को भी हस्तेक्षपकर्ता बनाया जाएगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी। सिब्बल ने सीजेआई की टिप्पणी के बाद याचिका में कप्पन की पत्नी और बेटी को शामिल करने की पेशकश की थी।
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'कभी कोई महिला भारत की मुख्य न्यायाधीश नहीं रही, न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने से यौन हिंसा से जुड़े मामलों में अधिक संतुलित और सशक्त दृष्टिकोण होगा : एजी केके वेणुगोपाल
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के राखी 'जमानत आदेश के खिलाफ महिला वकीलों द्वारा दायर एसएलपी में अपने लिखित सबमिशन में कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में सुधार करने से यौन हिंसा से जुड़े मामलों में एक अधिक संतुलित और सशक्त दृष्टिकोण होने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय किया जा सकता है।
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होम्योपैथिक डॉक्टर COVID-19 के लिए निर्दिष्ट होम्योपैथिक दवाओं को "एड-ऑन उपचार" के रूप में निर्धारित कर सकते हैं : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट मेंं बताया
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि निर्दिष्ट होम्योपैथिक दवाओं को COVID-19 के लिए "एड-ऑन उपचार" के रूप में निर्धारित किया जा सकता है और इस प्रकार, यह कहना गलत है कि होम्योपैथिक चिकित्सकों को COVID-19 पॉजिटिव रोगियों के लिए कोई उपचार नहीं लिख सकते। ये स्पष्टीकरण केरल उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ डॉ एकेबी सद्भावना मिशन स्कूल ऑफ होमो फार्मेसी द्वारा दाखिल अपील के जवाब में आया है, जिसमें आयुष डॉक्टरों को गोलियों / मिश्रण के जरिए COVID -19 का इलाज निर्धारित करने से रोका गया था।
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ग्राहक को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने वाली निजी सुरक्षा एजेंसी पर भी ईपीएफ के प्रावधान लागू : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम के प्रावधान, अपने ग्राहक को विशेषज्ञ सेवा प्रदान करने में लगी एक निजी सुरक्षा एजेंसी पर भी लागू होते हैं,अगर वो ईपीएफ अधिनियम की आवश्यकता को पूरा करती है तो। जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने इस तरह से पैंथर सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया, जबकि सहायक भविष्य निधि आयुक्त के आदेश की पुष्टि करते हुए इसे ईपीएफ अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन और वैधानिक बकाया जमा करने के लिए उत्तरदायी ठहराया।
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मुल्तानी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को अग्रिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुमेध सिंह सैनी की अग्रिम जमानत याचिका को अनुमति दे दी, जिन्होंने 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी हत्या मामले में जमानत की मांग की थी। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों को रद्द करते हुए कहा कि अगर सैनी को धारा 302 आईपीसी के तहत गिरफ्तार किया जाता है, तो उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा।
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'प्रत्येक पुलिस स्टेशन में CCTV कैमरा लगाना सुनिश्चित करें' : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके अधीन कार्य करने वाले प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे स्थापित हों। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि इन निर्देशों को अक्षरश: जल्द से जल्द लागू किया जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सीबीआई, एनआईए आदि केंद्रीय एजेंसियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने का भी निर्देश दिया है।
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दिल्ली नगर निगमों में डॉक्टरों को वेतन नहीं मिला, आईएमए ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की
दिल्ली के तीन नगर निगमों के साथ काम करने वाले डॉक्टरों के वेतन का भुगतान न करने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि भले ही उच्चतम न्यायालय ने 17 जून को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राज्य अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को पूर्ण वेतन का भुगतान करें, उन्हें उचित आवास प्रदान करें और चिकित्सा कर्मचारियों और डॉक्टरों के बीच समान रूप से क्वारंटीन संबंधी दिशा-निर्देशों को लागू करें, COVID-19 रोगियों के साथ संसर्ग को देखे बिना, लेकिन डॉक्टरों को भुगतान किए जाने के लिए आवश्यक मासिक वेतन / पारिश्रमिक / भत्ते आदि दिल्ली सरकार द्वारा नहीं दिए गए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एक्ज़ाम 2020 रद्द किया, जून 2021 तक स्थगित
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में #COVID19 मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड परीक्षा 2020 को रद्द करने और जून 2021 तक उसी को स्थगित करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट सेल ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को पत्र भेजकर फैसले की जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है: "दिल्ली में COVID-19 महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सक्षम अधिकारी ने निर्देश दिया है कि अधिवक्ता-ऑन-रिकॉर्ड परीक्षा 2020 इस वर्ष आयोजित नहीं की जाएगी। अब इसे जून 2021 के महीने में आयोजित किया जा सकता है। इसलिए आपसे अनुरोध किया जाता है इस संचार की सामग्री को सभी संबंधितों तक पहुंचाएं।"
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'सड़क एक पेड़ के आसपास से क्यों मोड़ी नहीं जा सकती?' सड़क विकास के लिए पेड़ों को काटने की मांग करने वाली याचिका पर सीजेआई ने पूछा
सड़क पेड़ के चारों ओर से मोड़ क्यों नहीं ले सकती है? इसका मतलब केवल यह होगा कि गति धीमी होगी। यदि गति धीमी है, तो यह दुर्घटनाओं को कम करेगी और अधिक सुरक्षित भी होगी।'' मथुरा में कृष्णा गोवर्धन सड़क परियोजना के लिए पेड़ों को काटने के लिए यूपी सरकार की तरफ से दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए बुधवार को सीजेआई एसए बोबडे ने यह टिप्पणी की है। उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग और यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन ने परियोजना के लिए 2,940 पेड़ों की कटाई के लिए शीर्ष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था।
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'जमानत के लिए राखी' आदेश : एजी ने कहा, जजों को पितृसत्तात्मक सोच से बचना होगा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आठ वकीलों द्वारा दायर उस याचिका में आदेशों को सुरक्षित रखा, जिसमें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें अभियुक्त पर जमानत के लिए शर्त लगाई गई थी कि वह शिकायतकर्ता पीड़िता के घर जाए और उसे आने वाले समय में उसकी सर्वश्रेष्ठ क्षमता की रक्षा करने के वादे के साथ "राखी बांधने" का अनुरोध करे। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक पीठ इसी तरह के आदेशों के खिलाफ शीर्ष अदालत से निर्देश मांगने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ गंभीर यौन अपराधों की घटना को तुच्छ बनाते हैं।
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'अर्नब गोस्वामी मामले में आपने हस्तक्षेप किया जबकि निचली अदालत में जमानत याचिका लंबित थी, मैं उस पर भरोसा करूंगा': सिद्दीक कप्पन केस में कपिल सिब्बल
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया कि वह केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को हिरासत से रिहा करने के मामले में अर्नब गोस्वामी के फैसले पर भरोसा करेंगे। सिब्बल ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के एंकर गोस्वामी को तब भी सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी थी, जब उनकी जमानत की अर्जी सेशंस कोर्ट में लंबित थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ के समक्ष वह केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) की ओर से प्रस्तुतियां दे रहे थे।
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'वे ट्वीट्स एक साल पहले किए गए थे': एजी केके वेणुगोपाल ने शेफाली वैद्य के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार किया
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने लेखिका शेफाली वैद्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उनके ट्वीट्स के लिए अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है। इसके बारे में अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि वे ट्वीट्स एक साल पहले किए गए थे।
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टाटा बनाम साइरस मिस्त्री विवाद : सुप्रीम कोर्ट 8 दिसंबर को करेगा अंतिम सुनवाई
टाटा बनाम साइरस विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट 8 दिसंबर को अंतिम सुनवाई करेगा। बुधवार को सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे और उस दिन पीठ सिर्फ इसी मामले पर अंतिम सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने 22 सितंबर को मिस्त्री फर्मों और शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री के खिलाफ टाटा संस में अपने शेयरधारिता की सुरक्षा के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने, शेयरों के संबंध में कोई हस्तांतरण या कोई और कार्रवाई ना करने का आदेश दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने लगातार कार्यवाही में एक ही कारण को बार बार उठाने के लिए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये की जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक याचिकाकर्ता पर 'कानून की प्रक्रिया के घोर दुरुपयोग' के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट की लगातार कार्यवाही में एक ही कारण से बार-बार शीर्ष अदालत का रुख किया। न्यायमूर्ति रोहिंतन नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति के.एम जोसेफ की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से इस पर स्पष्टीकरण की मांगा कि इस तरह के आवेदनों को सूचीबद्ध कैसे किया जा रहा है?
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सुप्रीम कोर्ट ने प्रायोगिक तौर पर तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट खोलने की अनुमति देने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वेदांता लिमिटेड को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और 2, 4 या 6 सप्ताह के लिए ट्रायल के तौर पर तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट को फिर से खोलने के लिए खनन दिग्गज की याचिका को खारिज कर दिया। कंपनी ने अगस्त में मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसने वेदांता की कॉपर की स्मेल्टर को फिर से खोलने की याचिका को खारिज कर दिया था और इसे बंद करने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।
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यूपी के अस्पताल में कुत्ते द्वारा शव को नोचने की घटना : डॉ अश्विनी कुमार ने शवों से निपटने के लिए "समान प्रोटोकॉल" बनाने के लिए सीजेआई को लिखा
सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र याचिका भेजी गई है, जिसमें पूरे देश के अस्पतालों और शवगृहों में शवों से निपटने के लिए "समान प्रोटोकॉल" के लिए दिशा-निर्देश / गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई है। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री, डॉ अश्विनी कुमार द्वारा,मीडिया में रिपोर्ट की गई, यूपी के एक अस्पताल में 'दिल को झकझोर देने वाली' घटना की पृष्ठभूमि में, जिसमें एक अस्पताल के अंदर गलियारे में स्ट्रेचर पर एक लड़की के शव पर कुत्ते को नोचते हुए दिखाया गया है।
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बार काउंसिल ऑफ इंडिया अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग कर रही हैः एलएलबी कोर्स के लिए अधिकतम उम्र सीमा के खिलाफ सीसीआई में याचिका
बार काउंसिल ऑफ इंडिया, भारत में कानूनी शिक्षा को नियंत्रित करने में अपनी प्रभावशाली स्थिति का दुरुपयोग करते हुए, कानूनी शिक्षा के नियम, 2008 के खंड संख्या 28 के माध्यम से, कानूनी शिक्षा में प्रवेश करने के लिए अधिकतम आयु सीमा लगाकर कानूनी सेवा के पेशे में नए प्रवेशकों के लिए अप्रत्यक्ष प्रवेश अवरोध पैदा कर रहा है। भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के समक्ष दायर एक शिकायत में यह आरोप लगाया गया है। आंध्र प्रदेश के 52 साल के निवासी थुपिली रवीन्द्र बाबू ने कानूनी शिक्षा हासिल करने की इच्छा जताते हुए आयोग की विजयवाड़ा पीठ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।
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सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 रोगियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाने के वैधता पर फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है, जिसमें विभिन्न राज्यों की सरकारों के आइसोलेशन में रहने वाले COVID-19 रोगियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाने के फैसले को चुनौती दी गई है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र के लिए उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि क्या केंद्र द्वारा इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की जा सकती है, ताकि राज्य पॉजिटिव रोगियों के घरों की दीवारों पर पोस्टर चिपकाने से बचे। कानून अधिकारी ने अदालत को बताया कि इस तरह की एक एडवाइजरी पहले से ही थी।
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दिल्ली विधानसभा के समन को फेसबुक उपाध्यक्ष की चुनौती : शांति और सद्भाव समिति ने हस्तक्षेप किया, सुप्रीम कोर्ट जनवरी में करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष अजीत मोहन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई को जनवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया जिसमें फरवरी 2020 में हुए "दिल्ली के दंगों में फेसबुक के अधिकारियों की भूमिका या मिलीभगत" की शिकायतों पर शांति और सद्भाव की विधानसभा समिति द्वारा जारी समन को चुनौती दी गई है। जस्टिस एसके कौल, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने मामले की सुनवाई की और समिति की ओर से दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में नोटिस जारी किया जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने किया था।
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केंद्र ने लोक सेवकों के समान आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने पर सांसद/ विधायक पर आजीवन बैन लगाने की याचिका का विरोध किया
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने हलफनामे में उस याचिका का विरोध किया है जिसमें मांग की गई है कि आपराधिक मामलों में दोषी व्यक्तियों, चाहे वो जनप्रतिनिधि हों, सिविल सेवक हों या न्यायपालिका के सदस्य, को कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ- साथ समान रूप से विधायिका से हटा दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा 2017 की अर्जी के जवाब में हलफनामा दायर किया गया है।
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अग्रिम जमानत देने के लिए एफआईआर दर्ज करने में हुई लंबी देरी एक वैध विचार : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एफआईआर दर्ज करने में हुई लंबी देरी अग्रिम जमानत देने के लिए एक वैध विचार हो सकता है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), सुमेध सिंह सैनी के अग्रिम जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए की है। सैनी ने वर्ष 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी हत्या मामले में जमानत की मांग की थी।
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94-वर्षीया विधवा ने 1975 के आपातकाल को असंवैधानिक करार देने और 25 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
एक 94-वर्षीया विधवा ने 1975 में आपातकाल की घोषणा को असंवैधानिक करार दिये जाने और इसमें हिस्सा लेने वाले अधिकारियों से मुआवजा के तौर पर 25 करोड़ रुपये दिलाये जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 'एडीएम जबलपुर बनाम शिवकांत शुक्ला (1976)' मामले में पांच सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले को पलटने वाले 2017 के 'के एस पुत्तास्वामी (सेवानिवृत्त) बनाम भारत सरकार' मामले में दिये गये फैसले पर भरोसा करते हुए याचिका में कहा गया है कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में दफन सबसे काले अध्याय 'आपातकाल' के दौरान अधिकारियों के हाथों अत्याचार की शिकार हुई इस याचिकाकर्ता को अभी तक राहत प्रदान नहीं की जा सकी है।
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"धार्मिक प्रथा के आधार पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो सकती": मुस्लिमों में द्विविवाह को कानूनी मान्यता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर द्विविवाह को सभी धर्मों के लिए असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 494 को रद्द करने की प्रार्थना करते हुए यह दलील दी गई है कि जहां तक 'किसी भी मामले में ऐसी शादी शून्य है' से संबंधित है और धारा 2 मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम, 1937 में जहां तक यह मुस्लिम समुदाय में प्रचलित द्विविवाह / बहुविवाह की प्रणाली को मान्यता देता है।
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"पीड़िता अच्छे और बुरे को समझने की स्थिति में नहीं थी" : सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रूप से अक्षम लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रूप से अक्षम लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा है। अभियुक्त चमन लाल को मुख्य रूप से ट्रायल कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के आधार पर बरी कर दिया और इस आधार पर भी कि अभियोजन पक्ष परिणामों को समझने के लिए मानसिक रूप से सक्षम नहीं था कि क्या हो रहा है। अपील में, रिकॉर्ड पर पूरे साक्ष्य को पुनः प्राप्त करने पर, उच्च न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन पक्ष का आईक्यू 62 था और यह हल्की मानसिक मंदता थी। उच्च न्यायालय ने उसे सात साल के सश्रम कारावास और 10,000 / - के जुर्माने की सजा के साथ जुर्माने के भुगतान के डिफ़ॉल्ट में, आगे छह महीने के कठोर कारावास , धारा 376 आईपीसी के तहत चार साल के कठोर कारावास और 5,000 रुपये के जुर्माने के साथ और जुर्माना के डिफ़ॉल्ट रूप में, धारा 506 आईपीसी के तहत आगे तीन महीने की सजा सुनाई।
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सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रूप से अक्षम लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक रूप से अक्षम लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा है। अभियुक्त चमन लाल को मुख्य रूप से ट्रायल कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के आधार पर बरी कर दिया और इस आधार पर भी कि अभियोजन पक्ष परिणामों को समझने के लिए मानसिक रूप से सक्षम नहीं था कि क्या हो रहा है। अपील में, रिकॉर्ड पर पूरे साक्ष्य को पुनः प्राप्त करने पर, उच्च न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन पक्ष का आईक्यू 62 था और यह हल्की मानसिक मंदता थी। उच्च न्यायालय ने उसे सात साल के सश्रम कारावास और 10,000 / - के जुर्माने की सजा के साथ जुर्माने के भुगतान के डिफ़ॉल्ट में, आगे छह महीने के कठोर कारावास , धारा 376 आईपीसी के तहत चार साल के कठोर कारावास और 5,000 रुपये के जुर्माने के साथ और जुर्माना के डिफ़ॉल्ट रूप में, धारा 506 आईपीसी के तहत आगे तीन महीने की सजा सुनाई।
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सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदों को शामिल करने की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में आवंटित जमीन पर मस्जिद के निर्माण के लिए सरकारी नुमाइंदों का ट्रस्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति रोहिंटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिवक्ता हरि शंकर जैन की दलीलें सुनीं और याचिका खारिज करने के लिए आगे बढ़ीं। शिशिर चतुर्वेदी और करुणेश कुमार शुक्ला द्वारा एडवोकेट दिव्या ज्योति सिंह के माध्यम से दायर जनहित याचिका में "उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित 5 एकड़ की भूमि और निर्माण के उचित प्रशासन के लिए सुन्नी मुस्लिम समुदाय से संबंधित केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदों का ट्रस्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।
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विशेष अनुमति याचिका खारिज होने का कानून के सवाल पर कोई परिणाम नहीं होता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विशेष अनुमति याचिका को खारिज होने का कानून के सवाल पर कोई परिणाम नहीं होता। इस मामले में, उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के फैसले को रद्द कर दिया था जिसने याचिकाकर्ताओं को 9/16 साल के समय के लिए बाध्य संशोधित प्रमोशनल स्केल देने की अनुमति दी। डिवीजन बेंच ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड बनाम कृष्ण कुमार विज में फैसला सुनाया था कि याचिकाकर्ता राहत मांगने के हकदार नहीं है।
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'किसानों का प्रदर्शन COVID-19 के जोखिम को बढ़ा रहा है': सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर दिल्ली-एनसीआर के सीमावर्ती इलाकों में प्रदर्शन कर रहे किसानों को इस आधार पर हटाने का अनुरोध किया गया है कि वे दिल्ली में फैलने वाले COVID-19 के खतरे को बढ़ा रहे हैं। एक कानूनी छात्र ऋषभ शर्मा की वकील ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से दायर रिट याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारी "आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने के लिए बाधा डाल रहे हैं।"
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सार्वजनिक निकाय के आचरण को निष्पक्ष होना चाहिए, मनमाना नहीं, लोगों को अदालत जाने के लिए मजबूर मत कीजिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के शासन को बनाए रखने के लिए एक सार्वजनिक निकाय के आचरण को निष्पक्ष होना चाहिए और मनमाना नहीं होना चाहिए। अदालत ने इस प्रकार उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ गुजरात मैरीटाइम बोर्ड की अपील को खारिज कर दिया, जिसने "एशियाटिक स्टील" द्वारा दायर रिट याचिका को अनुमति दी जिसमें 3,61,20,000 / - के अनुबंध विचार को बोर्ड को वापस करने की मांग की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई-सलेम आठ लेन एक्सप्रेस वे की भूमि अधिग्रहण अधिसूचनाओं को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चेन्नई-सलेम आठ लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए जारी अधिसूचनाओं को बरकरार रखा। आंशिक रूप से भारत संघ और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अपील की अनुमति देते हुए, शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को उस हद तक उलट दिया,जिसमे उसने भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उसने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत जारी अधिसूचनाओं के खिलाफ चुनौती को नकार दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मेडिकल कॉलेज को पीजी मेडिकल कोर्स में अवैध रूप से दाखिला ना देने पर प्रत्याशी को 10 लाख का मुआवजा देने के निर्देश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में एक मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिया है कि कॉलेज में पीजी मेडिकल कोर्स के प्रत्याशी के दाखिले को अवैध रूप से नकारने के लिए मुआवजे के रूप में दस लाख रुपये का भुगतान किया जाए। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने यह भी देखा कि अगले शैक्षणिक वर्ष (2021-22) के लिए मोथुकुरु श्रीया कौमुदी को कामिनेनी एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के प्रबंधन कोटा से एमएस (जनरल सर्जरी) पाठ्यक्रम में एक सीट दी जाएगी।
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"यह किस तरह की याचिका है?" आपातकाल के कारण हुई परेशानी के लिए मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित करते हुए कहा
"यह किस तरह की याचिका है? ", 94 साल की विधवा द्वारा दायर याचिका को स्थगित करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा। एक 94-वर्षीया विधवा ने 1975 में आपातकाल की घोषणा को असंवैधानिक करार दिये जाने और इसमें हिस्सा लेने वाले अधिकारियों से मुआवजा के तौर पर 25 करोड़ रुपये दिलाये जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उक्त टिप्पणी की। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
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सार्वजनिक परीक्षा : प्रश्नों और उत्तर कुंजी का अदालतों द्वारा मूल्यांकन स्वीकार्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि सार्वजनिक परीक्षाओं के प्रश्नों और उत्तर कुंजी का अदालतों द्वारा मूल्यांकन स्वयं ही स्वीकार्य नहीं है। अदालत राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर एक अपील पर विचार कर रही थी जिसमें उसने सामाजिक विज्ञान में वरिष्ठ शिक्षक (ग्रेड II) के पद पर राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के प्रश्नों और उत्तर कुंजी की शुद्धता की जांच की थी और आयोजित किया था कि 5 प्रश्नों की उत्तर कुंजी गलत थी।
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विकास और आर्थिक प्रगति को पर्यावरणीय विचारों पर प्रमुखता दी जाए: सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार का बचाव करते हुए एटॉर्नी जनरल ने कहा
एटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया, "सतत विकास के लिए संतुलन की आवश्यकता होती है। पर्यावरणीय विचारों के विपरीत, देश को वस्तुओं और लोगों के आवागमन के लिए व्यापक राष्ट्रीय राजमार्गों की आवश्यकता होती है, राष्ट्रीय राजमार्गों की आवश्यकता को पर्यावरणीय विचारों पर प्रमुखता दी जानी चाहिए।" जस्टिस एल नागेश्वर राव, हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की खंडपीठ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एनएचआई ने मद्रास हाईकोर्ट के 8 जनवरी के फैसले के खिलाफ, जिसमें एनएच -45 ए के विस्तार पर रोक लगा दी गई थी, जो केंद्र की भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।
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' ये थोड़ी महत्वकांक्षी याचिका है ' : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस के खिलाफ अर्नब गोस्वामी की नई याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एआरजी आउटलॉयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (रिपब्लिक टीवी चैनल चलाने वाली कंपनी) और अर्नब गोस्वामी द्वारा मुंबई पुलिस द्वारा चैनलों की संपादकीय टीम के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की एक बेंच ने याचिका पर विचार करने के लिए असंतोष व्यक्त किया और सुझाव दिया कि इसे वापस ले लिया जाए और अन्य उचित उपायों का पालन किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट ने सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती पर टिप्पणी के लिए पत्रकार अमीश देवगन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती पर टिप्पणी के लिए पत्रकार अमीश देवगन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने से इनकार कर दिया। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने हालांकि देवगन के खिलाफ सभी दर्ज एफआईआर को अजमेर स्थानांतरित कर दिया। 8 जुलाई का जांच और पत्रकार के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक का आदेश जारी रहेगा। 15 जून को प्रसारित होने वाले अपने प्राइम टाइम शो में सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के आधार पर देवगन के खिलाफ राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई, शिलान्यास की इजाज़त
एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के संबंध में संरचनाओं का निर्माण या तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि केंद्र परियोजना की कागजी कार्रवाई और 10 दिसंबर को प्रस्तावित नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह के साथ आगे बढ़ सकता है, लेकिन निर्माण या तोड़फोड़ कार्यों को अंजाम नहीं दे सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर निर्माण परियोजनाओं पर "आक्रामक" तरीके से आगे बढ़ने पर नाराज़गी व्यक्त की, जबकि केंद्रीय विस्टा परियोजना की वैधता का मुद्दा लंबित है।
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वाणिज्यिक प्रभाग ना होने के बावजूद भी हाईकोर्ट डिजाइन अधिनियम की धारा 22 (4) के तहत डिजाइन को रद्द करने के मामले की सुनवाई कर सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 दिसंबर को एस डी कंटेनर्स, इंदौर बनाम मेसर्स मोल्ड टेक पैकेजिंग लिमिटेड के मामले में दिए गए निर्णय में डिजाइन एक्ट 2000 और वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम 2015 के बीच परस्पर क्रिया पर चर्चा की गई है। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि डिजाइन अधिनियम की धारा 22 (4) के तहत डिजाइन को रद्द करने के मुद्दे से संबंधित मुकदमा उच्च न्यायालय के एक वाणिज्यिक प्रभाग द्वारा सुना जाए। यह माना गया है कि मूल सिविल अधिकार क्षेत्र और एक वाणिज्यिक प्रभाग के बिना कोई उच्च न्यायालय ऐसे मामले पर विचार करने के लिए सक्षम है।
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कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के कारण BHELअधिकारी द्वारा आत्महत्या करने का मामला : सर्वोच्च न्यायालय ने 'असंवेदनशीलता' के लिए तेलंगाना सरकार की खिंचाई की
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तेलंगाना सरकार और तेलंगाना राज्य पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है क्योंकि उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के कारण बीएचईएल की एक कर्मचारी द्वारा पिछले साल आत्महत्या कर लेने के मामले में असंवेदनशील रवैया दिखाया है। न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के माध्यम से पीड़िता की मां ने दायर की है और मामले की आपराधिक जांच को तत्काल स्थानांतरित करने की मांग की गई है।
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सभी अदालतों को विकलांग वकीलों के लिए सक्रिय वातावरण बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिएः जस्टिस चंद्रचूड़
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा, "सभी अदालतों को विकलांग वकीलों के लिए एक सक्रिय वातावरण बनाने की दिशा में भी प्रयास करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट और देश के सभी उच्च न्यायालयों में समान अवसर कक्ष होने चाहिए... हमारे बेंचमार्क परिणाम को दर्शाते हैं।" वह विकलांग विधिक पेशेवरों के तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में बोल रहे थे। कानूनी पेशे में विकलांगों को पेश आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपायों पर, उन्होंने सुझाव दिया, "सबसे पहले, सबमिशन की छपाई और स्कैनिंग की आवश्यकता के बजाय, डिफ़ॉल्ट स्थिति यह होनी चाहिए कि वकील पीडीएफ दस्तावेजों को फाइल करने में सक्षम रहें। दस्तावेजों की स्कैनिंग और छपाई निरर्थक और समय लेने वाली है। इसके अलावा, उन्होंने डिजिटल हस्ताक्षरों के उपयोग की सिफारिश की और हस्ताक्षर केवल पेपर बुक के अंतिम पेज पर करने की आवश्यकता है।"
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गलत लिंक पर क्लिक करने के कारण एडमिशन से वंंचित रहे छात्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत, आईआईटी बाॅम्बे को छात्र को अंतरिम प्रवेश देने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक 18 वर्षीय छात्र को राहत दे दी, जिसने आईआईटी-बॉम्बे में अपने प्रवेश का मौका खो दिया था क्योंकि उसने अनजाने में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के दौरान गलत लिंक पर क्लिक कर दिया था। जस्टिस एस के कौल,जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने एक अंतरिम आदेश देते हुए आईआईटी बॉम्बे को निर्देश दिया है कि वह आगरा के रहने वाले छात्र सिद्धांत बत्रा को प्रोविजनल एडमिशन दे दे। इस छात्र का JEE में ऑल इंडिया रैंक 270 आया है।
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धारा 153ए आईपीसी - जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा आवश्यक; 'सार्वजनिक शांति' को भंग करने का मतलब सामान्य कानून और व्यवस्था के मुद्दे नहीं हैं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अमिश देवगन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में भारतीय दंड संहिता की धारा 153A के तहत अपराध के अवयवों की व्याख्या की है। भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (बी) की व्याख्या करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 'सार्वजनिक शांति' शब्द को सार्वजनिक आदेश और सुरक्षा के पर्याय सीमित अर्थों में समझा जाना चाहिए, न कि सामान्य कानून और व्यवस्था के मुद्दों में, जिनसे बड़े पैमाने पर जनहित को खतरा नहीं होता है।
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मराठा आरक्षण : सुप्रीम कोर्ट 25 जनवरी से अंतिम सुनवाई शुरू करेगी, रोक का आदेश जारी रहेगा
सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने बुधवार को महाराष्ट्र सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) अधिनियम, 2018 की संवैधानिकता के खिलाफ चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 25 जनवरी से सुनवाई का फैसला किया है, जो नौकरियों और शिक्षा में मराठों को कोटा प्रदान करने के लिए लागू किया गया था। पीठ ने मराठा कोटे के तहत नियुक्ति और प्रवेश करने पर इस साल सितंबर में तीन न्यायाधीशों वाली पीठ द्वारा लगाई गई रोक को हटाने के लिए कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। 3-जजों की बेंच द्वारा रोक के आदेश को बड़ी बेंच को मामलों का हवाला देते हुए पारित किया गया था।
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COVID-19 अस्पतालों में आग : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से अग्नि सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट तलब की
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गुजरात राज्य को 11 दिसंबर तक COVID-19 अस्पतालों में आग की घटनाओं की जांच की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को आज केंद्र के लिए सॉलिसिटर जनरल ने उपस्थित होकर सूचित किया कि राज्यों की अग्नि सुरक्षा ऑडिट के संबंध में रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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डीएमए के सक्षम प्राधिकारी के निर्देश के बिना COVID-19 मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर नहीं : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि COVID-19 मरीजों के घरों के बाहर पोस्टरों को तभी चिपकाया जा सकता है, जब राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सक्षम प्राधिकारी से ऐसा करने का कोई निर्देश हो। न्यायालय ने कहा कि केंद्र ने इस मुद्दे पर पहले ही इस रुख को स्पष्ट कर दिया है और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यही करने का निर्देश दिया है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिसबीआर गवई और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने उस रिट याचिका का निस्तारण किया, जिसमें विभिन्न राज्यों की सरकारों के फैसले को चुनौती दी गई थी कि COVID- 19 रोगियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाए जाएं, जो आइसोलेशन में हैं।
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दुर्घटना दावा मामलों में प्रमाण का मानक, उचित संदेह से परे होने की अपेक्षा संभाव्यताओं की प्रबलता में से एक: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि मोटर दुर्घटना दावा मामलों में प्रमाण का मानक उचित संदेह से परे होने की अपेक्षा संभाव्यताओं की प्रबलता में से एक है। जस्टिस सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा, यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि दुर्घटना के मामलों में सबूतों की जांच करते समय न्यायालयों का दृष्टिकोण और भूमिका कुछ सर्वश्रेष्ठ चश्मदीदों के गैर-परीक्षण में गलती ढूंढना नहीं होना चाहिए, जैसा कि एक आपराधिक मुकदमों में हो सकता है; लेकिन, इसके बजाय केवल पार्टियों द्वारा रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री का विश्लेषण करना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि दावेदार का बयान सच है या नहीं।
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"विरोध के अधिकार और आवागमन के अधिकार में संतुलन बनाएं" किसानों को जंतर मंतर पर विरोध करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए और उन्हें विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित स्थान यानी जंतर मंतर पर COVID-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विरोध करने की अनुमति दी जाए। अधिवक्ता रीपक कंसल की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि किसानों के विरोध के " मानवीय और मौलिक अधिकारों" की रक्षा करने और उन्हें बचाने के लिए न्यायालय का सहारा चाहिए, जिन्हें याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्यों ने शांतिपूर्ण विरोध के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है।
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"ऐसा कोई आदेश जारी नहीं करेंगे जिससे अर्थव्यवस्था गड़बड़ाए" : सुप्रीम कोर्ट ने ऋण स्थगन के मामले में कहा
सुप्रीम कोर्ट ने ऋण स्थगन के विस्तार के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की केंद्र पीठ की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुतियां दीं, जिनमें निष्कर्ष ये था कि तत्काल याचिकाओं में विशिष्ट क्षेत्रों के मुद्दों को अनुच्छेद 32 के तहत राहत नहीं दी जा सकती।
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सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी बंगले का किराया ना चुकाने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ चल रही अवमानना कार्यवाही पर रोक लगा दी है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने को चुनौती देने पर ये कदम उठाया गया जिसमें उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की गई है। उच्च न्यायालय के समक्ष, ये अवमानना याचिका सरकारी बंगले के लिए बाजार किराए के भुगतान के आदेश का पालन करने में राज्यपाल की कथित विफलता पर टिकी है, जो उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में आवंटित किया गया था।
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न्यूनतम वेतन नियमों पर केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ दायर दो विशेष अनुमति याचिकाओं पर नोटिस जारी किए, जो केरल न्यूनतम वेतन नियमों में लाए गए संशोधनों से संबंधित हैं। एसएलपी केरल राज्य और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा दायर की गई हैं। उच्च न्यायालय ने नियमों में लाए गए एक संशोधन पर रोक लगा दी थी, जिसमें बैंक खातों के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से वेतन का भुगतान अनिवार्य था।
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ड्रग्स तस्कर की सजा को कम कर 16 साल करने के फैसले पर केंद्र की अपील की सुनवाई जनवरी में करेगा सुप्रीम कोर्ट, जमानत याचिका भी टाली
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र की उस याचिका पर सुनवाई को जनवरी 2021 में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें एक दोषी की रिहाई की तारीख को संशोधित करने के लिए केंद्र को आदेश देते हुए कैदी प्रत्यावर्तन अधिनियम, 2003 की धारा 13 (6) के संदर्भ में सजा और उसकी रिहाई की तारीख की गणना के बाद उसकी रिहाई का आदेश देने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ अपील की गई है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ 2019 के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र की एसएलपी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एक शेख इस्तियाक अहमद द्वारा दायर याचिका की अनुमति दी गई थी, जिसे 2014 में मारीशस के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ड्रग तस्कर होने का दोषी पाए जाने के बाद ठाणे सेंट्रल जेल में रखा गया था और 26 साल जेल की सजा सुनाई। उसे तीन साल बाद, 2017 में भारत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री के साथ विदेश यात्राओं में शामिल व्यक्तियों की जानकारी देने के सूचना आयोग के आदेश पर रोक लगाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के एक आदेश के संचालन पर रोक लगा दी। केंद्रीय सूचना आयोग ने भारतीय वायु सेना को निर्देश दिया था कि वह प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं में शामिल व्यक्तियों से संबंधित जानकारियां सूचना के अधिकार के तहत जारी करे। वायुसेना की ओर से सीआईसी के निर्देश के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश पारित किया।
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"इस तरह की याचिकाओं पर आदेश जारी करना अंसभव ": सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और काले धन आदि अपराधों पर कड़ी सजा की याचिका पर कहा
आप न्यायपालिका से सभी भूमिकाओं को संभालने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं," सुप्रीम कोर्ट ने कि काला धन, बेनामी संपत्ति आदि को 100% जब्त करने और भ्रष्टाचार से संबंधित अपराध में आजीवन कारावास देने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए केंद्र को दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की याचिकाओं पर सुनवाई की और याचिका को वापस लेने का निर्देश दिया और कानून सुधारों की सिफारिश करने के लिए विधि आयोग का दरवाजा खटखटाया।
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"अदालत सभी बीमारियों के लिए राम-बाण नहीं दे सकती": सुप्रीम कोर्ट ने वोहरा समिति की रिपोर्ट के आधार पर अपराधियों और राजनेताओं के बीच सांठगांठ पर कार्यवाही की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपराधियों और राजनेताओं के बीच सांठगांठ पर वोहरा समिति की 1993 की रिपोर्ट में सिफारिशों पर कार्रवाई करने की मांग वाली याचिका को वापस लेने के आधार पर खारिज कर दिया। पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस के कौल ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, "अदालत सभी बीमारियों के लिए रामबाण नहीं दे सकती।" पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय भी शामिल थे, ने याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय को यह ध्यान देने के बाद भारत के विधि आयोग से संपर्क करने की स्वतंत्रता प्रदान की कि याचिका में प्रार्थना काल्पनिक प्रकृति की है और इसलिए, इसे मंजूर नहीं किया जा सकता है।
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'ये किसानों को कॉरपोरेट की दया पर छोड़ देगा': भारतीय किसान यूनियन भानू ने कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
भारतीय किसान यूनियन भानू ने देश भर में विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा देने वाले तीन कृषि अधिनियमों को चुनौती देने वाली संसद सदस्य (डीएमके) तिरुचि शिवा द्वारा दायर याचिका में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है। यह कहते हुए कि आवेदक के रूप में, संघ को अपने अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के माध्यम से, उत्तरदाताओं / राज्यों को विधिवत रूप से प्रदत्त प्रतिनिधित्व का कोई जवाब नहीं मिला, उन्हें तत्काल आवेदन दायर करने के लिए विवश किया गया।
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सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों से जुड़े विवादों की सुनवाई से अन्य अदालतों को रोकने के दो साल पुराने पूर्ण प्रतिबंध के आदेश को हटाया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने दो साल पुराने पूर्ण प्रतिबंध के आदेश को हटा दिया, जिसके तहत उसने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और राज्य क्रिकेट संघों से जुड़े विवादों की सुनवाई से अन्य अदालतों को रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 14 मार्च, 2019 को देश भर के अन्य सभी न्यायालयों को बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों से संबंधित किसी भी मामले की सुनवाई या कार्यवाही करने से रोक दिया था, जब तक कि अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थ और वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा लंबित विवाद पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर दें।
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कार्यपालिका द्वारा फैसलों का उल्लंघन किये जाने से अराजकता पैदा हो जायेगी : सुप्रीम कोर्ट ने सीईआरसी में नियुक्ति नहीं किये जाने के लिए केंद्र को लगायी फटकार
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) में विधि सदस्य की नियुक्ति न किये जाने को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, "हमने इस मामले में काफी संयम दिखाया है। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे संयम का गलत अर्थ लगाया गया है।"
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आईपीसी की धारा 149 को धारा 34 में बदला जा सकता है अगर आरोपियों का आम इरादा साबित हो जाए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 149 को धारा 34 IPC के तहत किसी आरोप में परिवर्तन करने की अनुमति है यदि तथ्य यह साबित करते हैं कि अपराध एक आम इरादे से किया गया है। आईपीसी की धारा 149 जमावड़े के किसी भी सदस्य द्वारा किए गए अपराध के लिए गैरकानूनी जमावड़े के सदस्यों के लिए आम उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए दायित्व प्रदान करता है और उन्हें सजा के लिए उत्तरदायी बनाता है। इस धारा को लागू करने के लिए शर्त यह है कि जमावड़े में पांच या अधिक व्यक्ति होने चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री पर गैर पेशेवर गतिविधियों का आरोप लगाने वाली न्यायिक अधिकारी की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के एक न्यायिक अधिकारी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री पर गैर पेशेवर गतिविधियों द्वारा उनके व आम लोगों के साथ केसों को सूचीबद्ध करने के असमान व्यवहार करने के साथ- साथ अनावश्यक त्रुटियां निकालने का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।