छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

वैवाहिक घर ईंटों और पत्थरों से नहीं बल्कि पति-पत्नी के बीच प्यार, सम्मान और देखभाल से बनाया जा सकता है: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट
वैवाहिक घर ईंटों और पत्थरों से नहीं बल्कि पति-पत्नी के बीच प्यार, सम्मान और देखभाल से बनाया जा सकता है: छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने हाल ही में कहा कि वैवाहिक घर केवल ईंटों और पत्थरों से नहीं बनाया जा सकता बल्कि पति-पत्नी के बीच आदान-प्रदान किए जाने वाले प्यार सम्मान और देखभाल के तत्व ही ऐसे घर की नींव रखते हैं।जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की पीठ ने सरोजलता रजक द्वारा दायर की गई पहली अपील खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। सरोजलता ने मई 2023 में फैमिली कोर्ट द्वारा पारित निर्णय और डिक्री को चुनौती दी थी, जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(i-a) और 13(1)(i-b)] क्रूरता और परित्याग...

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य साइबर पुलिस स्टेशनों में विशेषज्ञों की कमी पर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका शुरू की, डीजीपी से व्यक्तिगत शपथ पत्र मांगा
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य साइबर पुलिस स्टेशनों में विशेषज्ञों की कमी पर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका शुरू की, डीजीपी से व्यक्तिगत शपथ पत्र मांगा

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में सूबे के साइबर पुलिस स्टेशनों में विशेषज्ञ कर्मियों की कमी पर एक स्वत: संज्ञान जनहित याचिका शुरू की। कोर्ट ने राज्य की साइबर अपराध जांच इकाइयों में विशेषज्ञ पेशेवरों की कमी संबंध‌ित 24 अप्रैल, 2024 को "बिलासपुर भास्कर" में प्रकाशित समाचार रिपोर्टों के आधार पर इस मुद्दे पर स्वतंः संज्ञान लिया।समाचार पत्र में प्रकाशित लेख का शीर्षक था-"रेंज साइबर थानों में 7 माह में सिर्फ 7 केस, क्योंकि एक्सपर्ट की भर्ती नहीं"। लेख का उपशीर्षक था- "खुद ही बचें ठगों से, प्रदेश में...

मां-बेटी को 30 घंटे से अधिक समय तक अवैध हिरासत में रखने के लिए 3 लाख रुपये का मुआवजा दे राज्य सरकार: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
मां-बेटी को 30 घंटे से अधिक समय तक अवैध हिरासत में रखने के लिए 3 लाख रुपये का मुआवजा दे राज्य सरकार: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह मां-बेटी को 30 घंटे से अधिक समय तक अवैध हिरासत के लिए 3 लाख रुपये का मुआवजा दे।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने अंजू लाल (मां/रिटायर्ड स्कूल टीचर) और दीक्षा लाल (बेटी) द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।पूरा मामलायाचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि वे निजी प्रतिवादी (के.के. जगदे) के पड़ोसी हैं और आम सड़क शेयर करते हैं। निजी प्रतिवादी ने कथित तौर पर इस सड़क के आधे हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया, जिससे...

पदोन्नति में एससी/एसटी के लिए आरक्षण नीति केवल मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर ही बनाई जा सकती है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
पदोन्नति में एससी/एसटी के लिए आरक्षण नीति केवल मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर ही बनाई जा सकती है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि पदोन्नति में एससी/एसटी के लिए आरक्षण नीति मात्रात्मक डेटा के आधार पर और संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) और (4बी) के अनुसार बनाई जानी चाहिए।चीफ रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा, "पदोन्नति में एससी और एसटी के लिए आरक्षण नीति केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभिन्न आधिकारिक घोषणाओं में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए तय किए गए मानदंडों के आधार पर बनाई जा सकती है और यह भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 16(4ए) और (4बी) में निहित...

विश्वासघात का मामला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करने वाले पिता की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी
'विश्वासघात का मामला': छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करने वाले पिता की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते 3 साल तक अपनी ही बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने के दोषी व्यक्ति की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने इसे 'विश्वासघात' और 'सामाजिक मूल्यों को कमजोर करने वाला' मामला बताया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की पीठ ने कहा,“आरोपी ने बच्ची को पिता जैसा प्यार, स्नेह और समाज की बुराइयों से सुरक्षा देने के बजाय, उसे हवस का शिकार बनाया। यह एक ऐसा मामला है जहां विश्वास को धोखा दिया गया है और सामाजिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया...

छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने सोशल मीडिया पर न्यायालय की कार्यवाही को पुनः पोस्ट करने और जजों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई के आदेश दिए
छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने सोशल मीडिया पर न्यायालय की कार्यवाही को पुनः पोस्ट करने और जजों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई के आदेश दिए

छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट ने मंगलवार को रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि वे कदम उठाएं और जरूरत पड़ने पर न्यायालय की कार्यवाही के छेड़छाड़ किए गए वीडियो को फिर से पोस्ट करने वाले व्यक्तियों तथा जजों और न्यायालय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले नेटिजनों के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस जारी करें।न्यायालय की छवि और निष्ठा पर सोशल मीडिया पर किए गए अपमानजनक हमले पर आपत्ति जताते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा,ऐसा प्रतीत होता है कि जजों और वकीलों के खिलाफ अपमानजनक और...