छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
'व्यक्तिगत पसंद का सम्मान किया जाना चाहिए': छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप सर्वाइवर को 21 हफ़्ते की प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाज़त दी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप और सेक्सुअल असॉल्ट सर्वाइवर को अपनी 21 हफ़्ते की प्रेग्नेंसी खत्म करने की इजाज़त दी। साथ ही दोहराया कि ऐसा न करने देना उसके शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के अधिकार का उल्लंघन होगा, उसके मानसिक ट्रॉमा को बढ़ाएगा और उसकी शारीरिक, साइकोलॉजिकल और मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालेगा।सुचिता श्रीवास्तव और अन्य बनाम चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन (2009) में सुप्रीम कोर्ट की बात का ज़िक्र करते हुए जहां कोर्ट ने “बेस्ट इंटरेस्ट” थ्योरी लागू की थी, जिसके तहत कोर्ट को यह पता लगाना...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के कॉलेजों के स्टूडेंट्स और पुराने स्टूडेंट्स को प्राथमिकता देने वाले पीजी एडमिशन नियम को खारिज किया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट एडमिशन रूल्स, 2025 (2025 रूल्स) के रूल 11(a) और (b) को भारत के संविधान के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। यह रूल राज्य के संस्थानों के पुराने स्टूडेंट्स को संस्थान के आधार पर प्राथमिकता देता था, जो असल में आरक्षण के बराबर था।2025 रूल्स के रूल 11(a) में यह प्रावधान था कि राज्य कोटे में उपलब्ध सीटों पर एडमिशन सबसे पहले उन कैंडिडेट्स को दिया जाएगा, जिन्होंने या तो छत्तीसगढ़ में मौजूद किसी मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री ली है या जो अभी काम कर रहे...
बेटी के विवाह खर्च और भरण-पोषण की कानूनी–नैतिक जिम्मेदारी पिता पर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा है कि पिता अपनी अविवाहित बेटी के भरण-पोषण और विवाह खर्च उठाने के लिए न केवल कानूनी रूप से, बल्कि नैतिक रूप से भी बाध्य है, भले ही बेटी बालिग क्यों न हो।मामला एक 25 वर्षीय अविवाहित बेटी से संबंधित था, जिसने हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20 और 3(b) के तहत आवेदन दायर कर कहा कि वह स्वयं को संभालने में असमर्थ है, जबकि उसका पिता सरकारी शिक्षक है और ₹44,642 मासिक वेतन प्राप्त करता है। बेटी ने मासिक भरण-पोषण और ₹15 लाख विवाह खर्च की...
अनुकंपा नियुक्ति में देरी से उसका उद्देश्य विफल, मृत्यु तिथि से 15 वर्ष बीत जाने के बाद राहत नहीं दी जा सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति लंबे समय (15 वर्ष) के बाद नहीं दी जा सकती, क्योंकि इसका उद्देश्य मृतक कर्मचारी के परिवार को तत्काल वित्तीय राहत प्रदान करना है।पृष्ठभूमि तथ्यअपीलकर्ता की माँ विकासखंड शिक्षा अधिकारी, गरियाबंद के अधीन सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। 09.12.2000 को सेवाकाल के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उस समय अपीलकर्ता-पुत्री नाबालिग थी। अपीलकर्ता वर्ष 2015 में वयस्क हो गई। 05.08.2015 को उसने अनुकंपा...
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने आबकारी अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को किया स्थायी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों को दी गई अंतरिम गिरफ्तारी सुरक्षा को स्थायी कर दिया।कोर्ट ने यह आदेश आरोपित अधिकारियों के विरुद्ध दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई के दौरान पारित किया।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की पीठ ने यह आदेश सीनियर एडवोकेट एस. नागमुथु और सिद्धार्थ अग्रवाल (याचिकाकर्ताओं की ओर से) तथा सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी और एएसजी एस.डी. संजय (राज्य एवं प्रवर्तन निदेशालय की ओर से) की...
विकलांग कर्मचारी रोज सीढ़ियां चढ़ने को मजबूर: सरकारी भवन में खराब लिफ्ट और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त, स्वतः संज्ञान लिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्थानीय हिंदी अखबार में प्रकाशित समाचार का स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के समेकित सरकारी भवन की दयनीय स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है।खबर में बताया गया था कि लगभग छह माह से भवन की लिफ्ट बंद पड़ी है, जिसके कारण रोज़ाना आने-जाने वाले करीब 500 कर्मचारी और आगंतुक जिनमें चार विकलांग कर्मचारी भी शामिल हैं, गंभीर परेशानी झेलने को मजबूर हैं। भवन में पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है।यह समेकित सरकारी भवन वर्ष 2023 में करीब 8 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। इसमें 22 अलग-अलग...
सरकार को देरी माफ़ कराने का कोई विशेष अधिकार नहीं, सीमाबद्धता कानून को चुनिंदा लोगों के हित में नहीं बदला जा सकता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि देरी माफी कोई सामान्य नियम नहीं बल्कि एक अपवाद है। इसे सरकारी विभाग अपने विशेषाधिकार के रूप में नहीं मांग सकते। अदालत ने कहा कि कानून की सीमाबद्धता (Law of Limitation) सभी पर समान रूप से लागू होती है और इसे चुनिंदा पक्षों को लाभ पहुंचाने के लिए तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी विभागों पर विशेष दायित्व होता है कि वे अपने कार्यों को पूरी सतर्कता और प्रतिबद्धता के साथ...
लंबी तारीखें न दें, जल्दी साक्ष्य दर्ज करें : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ट्रायल कोर्ट्स को निर्देश
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निचली अदालतों (ट्रायल कोर्ट्स) को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से लंबी तारीखें (adjournments) न दें, क्योंकि इससे मुकदमों के निपटारे में देरी होती है। अदालत ने कहा कि विशेष रूप से तब जब आरोपी न्यायिक हिरासत में हो, साक्ष्य दर्ज करने (recording of evidence) के लिए छोटी और लगातार तारीखें तय की जानी चाहिए।चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा ने टिप्पणी की, “यह देखा गया है कि कई मामलों में ट्रायल कोर्ट्स लंबे समय की तारीखें दे देते हैं, भले ही आरोपी जेल में हो। ऐसी प्रथा न केवल मुकदमे के...
"बचपन के मामूली मामलों पर बर्खास्तगी गलत" — छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अधिकारी को राहत दी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी की फूड इंस्पेक्टर पद से बर्खास्तगी रद्द कर दी है। अदालत ने कहा कि बचपन के मामूली मामलों को छिपाने के आधार पर नौकरी से हटाना मनमाना और अनुचित है।चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा कि अधिकारी पर दर्ज दोनों आपराधिक मामले 2002 में हुए थे जब वह नाबालिग था, और 2007 में लोक अदालत में समझौते से समाप्त हो गए थे। इसलिए उसे किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 24(1) के तहत सुरक्षा मिलती है, जिसके अनुसार “बाल अपराधियों पर कोई...
प्रेरणा से धर्मांतरण सामाजिक संकट: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आदिवासी गांवों में पादरियों के प्रवेश पर लगी रोक रखी बरकरार
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रलोभन द्वारा धर्मांतरण की प्रथा पर कड़ी चिंता व्यक्त करते हुए इसे सामाजिक संकट करार दिया।न्यायालय ने उन ग्राम सभाओं द्वारा उठाए गए कदम को संवैधानिक रूप से सही ठहराया, जिन्होंने अपने गांवों के प्रवेश द्वार पर ईसाई पादरियों और धर्मांतरित ईसाइयों के प्रवेश को रोकने वाले होर्डिंग लगाए थे।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि धर्मांतरण तब एक गंभीर समस्या बन जाता है, जब यह...
कर्मचारी के ट्रांसफर पोस्ट पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद ट्रांसफर आदेश को चुनौती देना अस्वीकार्य हो जाता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि कर्मचारी के ट्रांसफर पोस्ट पर कार्यभार ग्रहण करने के बाद ट्रांसफर आदेश को चुनौती देना सामान्यतः स्वीकार्य नहीं होता।पृष्ठभूमि तथ्यलेक्चरर (हिस्ट्री) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अभनपुर में कार्यरत थे। उन्हें अधिशेष घोषित कर राजपुर के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ट्रांसफर कर दिया गया। बाद में वे काउंसलिंग के लिए उपस्थित हुए। हालांकि, उनके विषय में कोई रिक्त पद न होने के कारण उन्हें संभागीय...
आँखों में धूल झोंकने' वाली कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट नाराज़, मुख्य सचिव से मांगा नया हलफनामा
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सड़कों पर होने वाली गुंडागर्दी को रोकने के लिए राज्य के अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों पर असंतुष्टि व्यक्त की है। यह गुंडागर्दी मुख्य रूप से लापरवाह ड्राइवरों द्वारा स्टंट करने और रिकॉर्ड करने, और सार्वजनिक सड़कों पर जन्मदिन मनाने के कारण होती है।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि राज्य द्वारा की गई कार्रवाई केवल आँखों में धूल झोंकने के समान प्रतीत होती है और अधिकारियों के प्रयास में गंभीरता की कमी है।कोर्ट ने 13 अक्टूबर को मुख्य...
कर्मचारियों को केवल उसी तत्काल निचले पद पर वापस किया जा सकता है, जहां से उन्हें पदोन्नत किया गया, न कि सबसे निचले पद पर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि किसी कर्मचारी को केवल उसी तत्काल निचले पद पर वापस किया जा सकता है जहां से उन्हें पदोन्नत किया गया और उन्हें उससे निचले पद पर वापस करना असंवैधानिक और कानून की दृष्टि से अनुचित है।पृष्ठभूमि तथ्ययाचिकाकर्ता की नियुक्ति शुरू में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तकनीशियन ग्रेड-III के पद पर हुई। उन्हें क्रमिक रूप से पदोन्नति मिली। वे कनिष्ठ अभियंता (विद्युत) के पद पर पहुंचे। 15.07.2013 को उन्हें 19.06.2013 से...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में चैतन्य बघेल की ED गिरफ्तारी बरकरार रखी, कहा- प्रक्रियागत खामियां अवैध नहीं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए चैतन्य बघेल (याचिकाकर्ता) के खिलाफ शुरू की गई गिरफ्तारी और उसके बाद की आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से इनकार किया।जहां याचिकाकर्ता ने अपनी गिरफ्तारी में कई प्रक्रियागत खामियों और अनियमितताओं की ओर इशारा किया, जैसे - समन जारी न करना, असहयोग के निराधार दावे, गिरफ्तारी के सामान्य आधार और अनुचित बलपूर्वक कार्रवाई, वहीं जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा ने गिरफ्तारी और कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा,“आगे की जांच में...
आश्रित, सात साल बाद मृत मान लिए गए लापता कर्मचारी की सेवा समाप्ति को चुनौती दे सकता है और उसके सेवा लाभों का दावा कर सकता है: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि किसी लापता सरकारी कर्मचारी की आश्रित पत्नी उसकी एकतरफा सेवा समाप्ति को चुनौती दे सकती है और सात साल बाद मृत मान लिए गए लापता कर्मचारी के सेवा लाभों का दावा कर सकती है।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादी का पति भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) की राजहरा खदान में वरिष्ठ तकनीशियन (विद्युत) के पद पर कार्यरत था। वह मानसिक रूप से बीमार था और बाद में लापता हो गया। इसलिए वह लंबे समय तक अपने कर्तव्यों से अनुपस्थित रहा। उसकी पत्नी...
आपराधिक मामले के लंबित रहने से विभागीय कार्यवाही स्वतः जारी रहने या समाप्त होने पर रोक नहीं लगती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि किसी आपराधिक मामले के लंबित रहने से विभागीय कार्यवाही स्वतः जारी रहने या समाप्त होने पर रोक नहीं लगती। इसके अलावा, आपराधिक मुकदमे के लंबित रहने तक अनुशासनात्मक कार्यवाही पर रोक केवल एक उचित अवधि के लिए ही होनी चाहिए। साथ ही किसी कर्मचारी द्वारा आपराधिक मुकदमे की लंबी अवधि का उपयोग विभागीय कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए विलंबित करने के लिए नहीं किया जा सकता।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पुल के रास्ते को अवरुद्ध करने पर लिया स्वत: संज्ञान, कहा- अतिक्रमणकारी राज्य को सीधी चुनौती दे रहे हैं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक हिंदी दैनिक में प्रकाशित समाचार पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें बताया गया म कि दयालबंद पुल के नीचे रहने वाले 15 परिवारों के लिए इस्तेमाल होने वाले चिह्नित फुटपाथ को कुछ लोगों ने अवरुद्ध कर दिया। ये लोग पहले वह ज़मीन खरीदने में विफल रहे थे और उन्होंने अब वहां एक लोहे का गेट और दीवार खड़ी कर दी, जिस पर एक धमकी भरा नोट भी चिपका है कि उस रास्ते से गुजरने वालों को 'उचित उपचार' दिया जाएगा।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभू दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इन व्यक्तियों द्वारा अपनाई...
पुत्र जीवित है तो पुत्री मिताक्षरा हिंदू पिता की संपत्ति की उत्तराधिकारी नहीं हो सकती, जिनकी मृत्यु 1956 से पहले हुई थी: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि मिताक्षरा विधि के अनुसार, यदि पुत्र जीवित है तो पुत्री अपने मृत हिंदू पिता की संपत्ति की उत्तराधिकारी नहीं हो सकती, जिनकी मृत्यु 1956 (हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के लागू होने के वर्ष) से पहले हुई।जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि पुत्र की अनुपस्थिति में पुत्री ऐसी संपत्ति पर अपना अधिकार जता सकती है।कोर्ट ने कहा,“यह विधिक स्थिति सर्वविदित है कि मिताक्षरा कानून के अनुसार, पुत्री, अधिनियम, 1956 के लागू होने से पूर्व अपने पिता की संपत्ति की...
साइबर अपराध जांच में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षकों की कमी पर चिंता: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के लिए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षकों की अनुपस्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि इस कमी के कारण कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्राधिकरणों की साइबर अपराधों से तुरंत निपटने की क्षमता बाधित हो रही है।चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य के लिए पर्याप्त संख्या में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षकों की नियुक्ति की मांग की गई।कोर्ट ने खेद व्यक्त करते हुए कहा,"यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण चिंता का...
वित्तीय आपत्तियों के कारण सशर्त पदोन्नति राज्य हित में: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के हितों की रक्षा के लिए कुछ शर्तों के अधीन पदोन्नति वैध रूप से दी जा सकती है, जैसे कि गंभीर वित्तीय आपत्तियों से संबंधित लंबित जांचों के परिणाम पर निर्भर होना।मामले की पृष्ठभूमि के तथ्यअपीलकर्ता/रिट याचिकाकर्ता विधि एवं विधायी कार्य विभाग में अवर सचिव के पद पर कार्यरत है। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी से आते हैं। उप-सचिव के पद पर उनकी पदोन्नति के मामले पर वर्ष 2012 में विभागीय पदोन्नति समिति...










