इलाहाबाद हाईकोट

फर्जी केस बढ़ रहे हैं: शिकायतकर्ता के मुकरने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज हत्या मामले में जमानत दी, जहां सुप्रीम कोर्ट को पहली नज़र में सबूत मिले थे
'फर्जी' केस बढ़ रहे हैं: शिकायतकर्ता के मुकरने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'दहेज हत्या' मामले में जमानत दी, जहां सुप्रीम कोर्ट को 'पहली नज़र में' सबूत मिले थे

शादी के मामलों में "समाज की कड़वी सच्चाई" को सामने लाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच) ने हाल ही में दहेज हत्या के एक केस में एक आरोपी (ससुर) को यह देखते हुए जमानत दी कि "दहेज की मांग के फर्जी केस बढ़ रहे हैं"।जस्टिस पंकज भाटिया ने यह राहत तब दी जब शिकायतकर्ता (मृतक का भाई), जिसने पहले आरोपी की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, ट्रायल के दौरान मुकर गया और अपने आरोपों से 'मुकर गया'।दिलचस्प बात यह है कि यह ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के उसी आरोपी (और उसकी पत्नी) की...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नबी पैगंबर के खिलाफ कथित FB पोस्ट पर केस रद्द करने से मना किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'नबी पैगंबर' के खिलाफ कथित FB पोस्ट पर केस रद्द करने से मना किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अर्जी खारिज की, जिसमें मुस्लिम समुदाय के 'नबी पैगंबर' (पैगंबर) के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ शुरू की गई क्रिमिनल कार्रवाई को रद्द करने की मांग की गई।कोर्ट ने देखा कि पोस्ट में इस्तेमाल किए गए शब्द साफ तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के "जानबूझकर और गलत इरादे" से लिखे गए।जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव की बेंच ने यह भी कहा कि BNSS की धारा 528 के तहत हाईकोर्ट की अंदरूनी शक्तियों का इस्तेमाल कम-से-कम किया जाना चाहिए और समन के स्तर पर हाईकोर्ट...

S. 125 CrPC | जो महिला अपना गुज़ारा कर सकती है, वह पति से गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट
S. 125 CrPC | जो महिला अपना गुज़ारा कर सकती है, वह पति से गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अगर कोई पत्नी अच्छी नौकरी करती है और अपना गुज़ारा करने के लिए काफ़ी सैलरी कमाती है तो वह CrPC की धारा 125 के तहत गुज़ारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है।इस तरह जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने फ़ैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक पति को अपनी पत्नी को सिर्फ़ "इनकम को बैलेंस" करने और दोनों पक्षों के बीच बराबरी लाने के लिए 5K रुपये गुज़ारा भत्ता देने का निर्देश दिया गया, जबकि पत्नी हर महीने 36K रुपये कमाती थी।कोर्ट ने इस बात पर भी एतराज़ जताया कि...

बरेली में ऐवाने-ए-फरहत बैंक्वेट हॉल के मालिक समाजवादी पार्टी के नेता को हाईकोर्ट से राहत, BDA को कंपाउंडिंग याचिका पर फैसला लेने का निर्देश
बरेली में "ऐवाने-ए-फरहत" बैंक्वेट हॉल के मालिक समाजवादी पार्टी के नेता को हाईकोर्ट से राहत, BDA को कंपाउंडिंग याचिका पर फैसला लेने का निर्देश

बरेली में "ऐवाने-ए-फरहत" बैंक्वेट हॉल के मालिक समाजवादी पार्टी के नेता को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) को आवासीय ढांचे और मैरिज हॉल को आगे तोड़ने से रोक दिया।जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी और जस्टिस कुणाल रवि सिंह की बेंच ने पार्टियों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया और याचिकाकर्ताओं को अवैध निर्माण के नियमितीकरण और कंपाउंडिंग के लिए BDA के वाइस-चेयरमैन से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी।यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा मालिकों, SP नेता सरफराज वली खान और...

स्कूल TC, JJ Act की धारा 94 के तहत जन्म प्रमाण पत्र नहीं, मैकेनिकल CWC आदेश के खिलाफ हेबियस याचिका सुनवाई योग्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
स्कूल TC, JJ Act की धारा 94 के तहत 'जन्म प्रमाण पत्र' नहीं, 'मैकेनिकल' CWC आदेश के खिलाफ हेबियस याचिका सुनवाई योग्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ़ स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) या स्कूल के एडमिशन रजिस्टर में एंट्री, जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट, 2015 (JJ Act) की धारा 94 के तहत "स्कूल से जन्म प्रमाण पत्र" की ज़रूरत को पूरा नहीं करता है।जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस ज़फीर अहमद की बेंच ने एक हेबियस कॉर्पस रिट याचिका को मंज़ूरी देते हुए यह बात कही। कोर्ट ने प्रभावी रूप से फैसला सुनाया कि अगर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) बिना अधिकार क्षेत्र के काम करती है और सिर्फ़ बिना वेरिफाई किए...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के बावजूद महिला को हिरासत में लेने के लिए SP, CWC चेयरपर्सन को अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक के बावजूद महिला को 'हिरासत में लेने' के लिए SP, CWC चेयरपर्सन को अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक (मऊ), स्टेशन हाउस ऑफिसर (मधुबन) और बाल कल्याण समिति (CWC), मऊ के चेयरपर्सन को एक महिला को हिरासत में लेने के लिए सिविल अवमानना ​​का कारण बताओ नोटिस जारी किया, जबकि हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का खास आदेश दिया था।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने कहा कि किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण, जिसमें सरकार भी शामिल है, द्वारा किया गया कोई भी काम जो किसी न्यायिक आदेश का उल्लंघन करता है, वह कोर्ट की अवमानना ​​का काम होने के अलावा, अमान्य...

लापता यूपी पुलिस अधिकारी की मौत?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल रिट में बदला, खराब CCTV कैमरों पर शक जताया
लापता यूपी पुलिस अधिकारी की मौत?: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल रिट में बदला, खराब CCTV कैमरों पर 'शक' जताया

उत्तर प्रदेश पुलिस के सस्पेंड अधिकारी के लापता होने के मामले में एक गंभीर मोड़ आया। बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि अलीगढ़ के सब-इंस्पेक्टर अनुज कुमार "जाहिर तौर पर एक भयानक अंजाम को पहुंचे हैं"।यह देखते हुए कि मामला 'गंभीर' और 'महत्वपूर्ण' मुद्दों से जुड़ा है, हाईकोर्ट ने उनकी मां की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को क्रिमिनल मिसलेनियस रिट याचिका में बदलने का निर्देश दिया।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने मामले में पुलिस जांच पर गहरा संदेह व्यक्त किया, क्योंकि उन्होंने खास...

ट्रैप कार्रवाई में हाथ धोना और रिश्वत की रकम सील करना घटनास्थल पर ही हो, थाने में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया
ट्रैप कार्रवाई में हाथ धोना और रिश्वत की रकम सील करना घटनास्थल पर ही हो, थाने में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में ट्रैप कार्रवाई की विश्वसनीयता तब कमजोर हो जाती है जब आरोपी और शिकायतकर्ता के हाथ धोने, बरामद रिश्वत की रकम को सील करने जैसी ज़रूरी प्रक्रियाएँ घटनास्थल के बजाय थाने में की जाती हैं। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत होने वाली जाँच की “लापरवाहीपूर्ण कार्यप्रणाली” पर गंभीर आपत्ति जताई।जस्टिस समीअर जैन की बेंच ने मुख्य सचिव (गृह) और डीजीपी को निर्देश दिया कि वे तुरंत आवश्यक आदेश जारी करें ताकि ट्रैप से...

कानून की बेइज्जती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भरण-पोषण मामले में फर्जी बैंक स्टेटमेंट फाइल करने के आरोपी पति को राहत देने से किया मना
'कानून की बेइज्जती': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भरण-पोषण मामले में 'फर्जी' बैंक स्टेटमेंट फाइल करने के आरोपी पति को राहत देने से किया मना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में ऐसे व्यक्ति के खिलाफ क्रिमिनल केस रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की, जिस पर भरण-पोषण मामले में अपनी फाइनेंशियल कैपेसिटी को कम दिखाने के लिए कथित तौर पर जाली डॉक्यूमेंट फाइल करने का आरोप है।कोर्ट ने कहा कि जाली डॉक्यूमेंट फाइल करना ज्यूडिशियल प्रोसेस की ईमानदारी बनाए रखने के प्रिंसिपल पर 'सीधा हमला' है और यह "कानून की बेइज्जती" है।इस तरह जस्टिस विक्रम डी चौहान की बेंच ने गौरव मेहता नाम के एक व्यक्ति की CrPC की धारा 482 के तहत फाइल की गई एप्लीकेशन खारिज की,...

पुलिस थानों से तुरंत निर्देश लें: हाईकोर्ट के आदेश के बाद DG प्रॉसिक्यूशन ने पूरे UP में प्रॉसिक्यूटर को निर्देश जारी किया
'पुलिस थानों से तुरंत निर्देश लें': हाईकोर्ट के आदेश के बाद DG प्रॉसिक्यूशन ने पूरे UP में प्रॉसिक्यूटर को निर्देश जारी किया

पूरे यूपी में पुलिस और प्रॉसिक्यूशन मशीनरी के बीच तालमेल को बेहतर बनाने के मकसद से उत्तर प्रदेश में डायरेक्टर जनरल (प्रॉसिक्यूशन) ने पिछले महीने एक सख्त सर्कुलर जारी किया, जिसमें सभी प्रॉसिक्यूटिंग ऑफिसर को यह पक्का करने का निर्देश दिया गया कि पुलिस थानों से निर्देश बिना देरी के ट्रायल कोर्ट तक पहुंचें।यह निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) के दखल के बाद जारी किया गया, जिसने एक मामले में एडमिनिस्ट्रेटिव सुस्ती पर ध्यान दिया, जिसके कारण आरोपी के सरेंडर एप्लीकेशन में देरी हुई।संक्षेप में मामलायह...

पूर्व वकील से अनापत्ति प्रमाणपत्र केवल सदाचार की प्रक्रिया, नया वकील बिना NOC के भी जमानत पर बहस कर सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
पूर्व वकील से अनापत्ति प्रमाणपत्र केवल सदाचार की प्रक्रिया, नया वकील बिना NOC के भी जमानत पर बहस कर सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि किसी आपराधिक मामले में पुराने वकील से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेना केवल सदाचार की प्रक्रिया है कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं। यदि नया वकील अपने मुवक्किल द्वारा विधिवत अधिकृत है तो वह बिना एनओसी के भी जमानत याचिका प्रस्तुत कर सकता है।जस्टिस राजेश सिंह चौहान एवं जस्टिस अभयदेश कुमार चौधारी की खंडपीठ ने यह टिप्पणी दहेज मृत्यु से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की।इसमें अपीलकर्ता मनोरमा शुक्ला जिनकी अगस्त 2021 में अपर सत्र...

SC/ST Act का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 साल की देरी के बाद दर्ज FIR में ज़मानत दी
SC/ST Act का 'गलत इस्तेमाल' नहीं होना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 9 साल की देरी के बाद दर्ज FIR में ज़मानत दी

SC-ST Act 1989 के तहत रेप और अपराधों के आरोपों से जुड़ी FIR में दो आरोपियों को ज़मानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि स्पेशल कानून के तहत पीड़ित को दिए गए अधिकारों का "गलत इस्तेमाल और गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए"।जस्टिस अनिल कुमार-X की बेंच ने अपील करने वालों [अज़नान खान और फुरकान इलाही] को ज़मानत दी, जिसमें मुख्य रूप से FIR दर्ज करने में 9 साल की बिना वजह की देरी और विक्टिम, जो खुद एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं, के 'गलत' बर्ताव को ध्यान में रखा गया।संक्षेप में मामलापीड़िता ने इस साल...

NCDRC के आदेशों के खिलाफ आर्टिकल 226 की रिट केवल अपवादात्मक परिस्थितियों में ही स्वीकार्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
NCDRC के आदेशों के खिलाफ आर्टिकल 226 की रिट केवल 'अपवादात्मक परिस्थितियों' में ही स्वीकार्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के आदेशों को चुनौती देने वाली रिट याचिका संविधान के आर्टिकल 226 के तहत तो दायर की जा सकती है, लेकिन इस अधिकार का उपयोग केवल अत्यंत अपवादात्मक परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में किसी भी पक्षकार को वैकल्पिक उपाय, यानी हाईकोर्ट की सुपरवाइजरी जुरिस्डिक्शन के तहत आर्टिकल 227 का सहारा लेना होगा।जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने एम/एस साहू लैंड...

बाइबल बांटना, धर्म का प्रचार करना अपराध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण मामले में हद पार करने पर यूपी पुलिस को फटकारा
बाइबल बांटना, धर्म का प्रचार करना अपराध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण मामले में हद पार करने पर यूपी पुलिस को फटकारा

एक कड़े आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सिर्फ़ बाइबल बांटना या किसी धर्म का प्रचार करना उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्मांतरण निषेध अधिनियम 2021 के तहत अपराध नहीं है।जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस बबीता रानी की बेंच ने यूपी पुलिस को भी फटकारा, जिसे उन्होंने FIR दर्ज होने के तुरंत बाद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए हद पार करना कहा, जबकि उस समय जबरन धर्मांतरण के दावों को साबित करने के लिए कोई पीड़ित सामने नहीं आया था।हाईकोर्ट ने ये टिप्पणियां आरोपी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए...

हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के खिलाफ कानूनों के बेअसर होने का दावा करने वाली PIL पर हाईकोर्ट ने कहा- लागू करना एग्जीक्यूटिव का अधिकार क्षेत्र
हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के खिलाफ कानूनों के 'बेअसर' होने का दावा करने वाली PIL पर हाईकोर्ट ने कहा- लागू करना एग्जीक्यूटिव का अधिकार क्षेत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने गुरुवार को पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) का निपटारा किया, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं और धार्मिक किताबों को अपमान से बचाने के लिए मौजूदा कानूनी ढांचे के असर का रिव्यू करने की मांग की गई।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस इंद्रजीत शुक्ला की बेंच ने कहा कि कानून बनाना या उनमें बदलाव करना पूरी तरह से लेजिस्लेचर के अधिकार क्षेत्र में आता है, जबकि मौजूदा कानूनों को लागू करना एग्जीक्यूटिव के अधिकार क्षेत्र में आता है।इस तरह बेंच ने याचिकाकर्ताओं को भारत सरकार के संबंधित...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारी से टीचर की मौत के एक साल बाद उसे नौकरी से निकालने का आदेश देने पर स्पष्टीकरण मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधिकारी से टीचर की मौत के एक साल बाद उसे नौकरी से निकालने का आदेश देने पर स्पष्टीकरण मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य शिक्षा अधिकारियों के रवैये पर हैरानी जताई, जिन्होंने COVID-19 महामारी के कारण एक असिस्टेंट टीचर की मौत के एक साल से ज़्यादा समय बाद उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू की।इस बात पर ज़ोर देते हुए कि मरे हुए व्यक्ति के खिलाफ जांच शुरू नहीं की जा सकती, जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच ने यूपी के डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन (बेसिक) को एक पर्सनल एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसमें यह बताया जाए कि उन्होंने कानून के किन प्रावधानों के तहत एक मृत कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू...

सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में सेंसिटिव FIR को ज़रूरी ऑनलाइन अपलोडिंग से छूट, पीड़ित व्यक्ति SP/CP से कॉपी मांग सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में 'सेंसिटिव' FIR को ज़रूरी ऑनलाइन अपलोडिंग से छूट, 'पीड़ित व्यक्ति' SP/CP से कॉपी मांग सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

'सेंसिटिव' मामलों में, जहां FIR ऑनलाइन अपलोड नहीं की जाती है, उनकी कॉपी पाने के तरीके को साफ़ करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि ऐसे मामलों में कोई "पीड़ित व्यक्ति" सीधे सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (SP) या कमिश्नर ऑफ़ पुलिस को अप्लाई कर सकता है, जैसा भी मामला हो, और FIR की कॉपी मांग सकता है।हाईकोर्ट ने यूथ बार एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले में दिए गए अपवादों का ज़िक्र किया, जो पुलिस को यौन अपराधों, बगावत और आतंकवाद से जुड़ी FIR को...

पहलगाम हमले पर X पोस्ट PM के खिलाफ, उनके नाम का गलत इस्तेमाल: हाईकोर्ट ने नेहा राठौर को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
पहलगाम हमले पर 'X' पोस्ट 'PM के खिलाफ', उनके नाम का गलत इस्तेमाल: हाईकोर्ट ने नेहा राठौर को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने लोक सिंगर नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की। यह अर्जी उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पहलगाम आतंकी हमले के बारे में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए दर्ज FIR के संबंध में दायर की गई थी।जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने देखा कि राठौर द्वारा पोस्ट किए गए 'X' पोस्ट/ट्वीट भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ हैं और कथित पोस्ट में PM के नाम का 'गलत तरीके से' इस्तेमाल किया गया।कोर्ट ने आगे कहा कि हालांकि संविधान का आर्टिकल 19 बोलने की...

बिना NBW के तभी सही है, जब दोषी मर चुका हो या देश छोड़कर भाग गया हो; 1984 की अपील में पूरे भारत में उस आदमी का पता लगाएं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा
'बिना NBW के तभी सही है, जब दोषी मर चुका हो या देश छोड़कर भाग गया हो; 1984 की अपील में पूरे भारत में उस आदमी का पता लगाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी का नॉन-बेलेबल वारंट (NBW) बिना तामील किए सिर्फ़ दो खास हालात में वापस किया जा सकता है: अगर भगोड़ा मर चुका हो या अगर वह इसे साबित करने के लिए ठोस सबूत के साथ देश छोड़कर भाग गया हो।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की डिवीजन बेंच ने यह देखते हुए मंगलवार को प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर की उस रिपोर्ट को मानने से इनकार किया, जिसमें असल में कहा गया कि 41 साल पुरानी क्रिमिनल अपील में एक दोषी बिना किसी निशान के गायब हो गया था।कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि पुलिस...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान में नोटिस प्रोसेस की लीगैलिटी पर सवाल उठाए, CEO नोएडा से एफिडेविट मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में न्यू ओखला डेवलपमेंट अथॉरिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) से पर्सनल एफिडेविट मांगा। यह एफिडेविट उन अखबारों 'बिजनेस स्टैंडर्ड' और 'महामेधा' के सर्कुलेशन एरिया को तय करने के लिए है, जिनके ज़रिए मॉडिफाइड टाउनशिप प्लान मैप पर ऑब्जेक्शन मंगाए गए।याचिकाकर्ता एसोसिएशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स ऑफ पवेलियन कोर्ट एंड पवेलियन हाइट अपार्टमेंट्स ने 23.03.2011 के मंज़ूर लेआउट प्लान में किए गए कथित गैर-कानूनी बदलाव के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जो उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट...