इलाहाबाद हाईकोट
सरासर उद्दंडता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CJM को जवाब देने के लिए सब-इंस्पेक्टर तैनात करने पर SSP को फटकारा, जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बदायूं के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उसे सरासर उद्दंडता करार दिया। अदालत ने SSP द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) को जवाब देने का काम एक सब-इंस्पेक्टर को सौंपने पर सख्त आपत्ति जताई और उनसे व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि उनके खिलाफ अलग से सिविल अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।जस्टिस जे.जे. मुनिर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ एक ऐसे आपराधिक अपील मामले की सुनवाई कर रही थी, जो वर्ष 1984 से लंबित है...
'साफ़-साफ़ लिखें या ऑर्डर टाइप करवाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश- न्यायिक अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे सभी ज़िला जजों को फिर से निर्देश जारी करें ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले न्यायिक अधिकारियों को ऑर्डर शीट साफ़-साफ़ हैंडराइटिंग में लिखने या उसे टाइप करवाने के लिए संवेदनशील बनाया जा सके।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने 2018 के हत्या के प्रयास के मामले में बब्बू उर्फ हैदर द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।हालांकि, कोर्ट ने आखिरकार याचिकाकर्ता को ज़मानत दी, लेकिन उसने बागपत के एडिशनल...
यूपी पुलिस की नाकामी के बाद हाईकोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल- क्या केंद्रीय एजेंसियां 1984 की अपील से जुड़े 'फरार' व्यक्ति का पता लगा सकती हैं?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से पूछा कि क्या 1984 के आपराधिक अपील से जुड़े एक दोषी को गिरफ्तार करने का काम केंद्रीय एजेंसियों को सौंपा जा सकता है।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने यह आदेश तब दिया, जब उन्होंने पाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस मौलाना खुर्शीद जमाल कादरी को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिसे कोर्ट ने "निश्चित रूप से एक फरार" बताया।यह घटनाक्रम उसी बेंच द्वारा प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर की एक रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करने के हफ्तों...
'हिस्ट्री-शीटर' वकीलों पर यूपी बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में कहा- ऐसे वकीलों के लाइसेंस किए जाएंगे सस्पेंड
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बताया कि उसने उन वकीलों के लाइसेंस सस्पेंड करने का सर्वसम्मत फैसला लिया है, जो पुलिस रिकॉर्ड में "हिस्ट्री-शीटर" या "गैंगस्टर" के तौर पर लिस्टेड हैं।यह बात 15 दिसंबर को जस्टिस विनोद दिवाकर की बेंच के सामने वकील मोहम्मद कफील की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही गई। कफील पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें यूपी गैंगस्टर एक्ट, जालसाजी, जबरन वसूली और आपराधिक साजिश के आरोप शामिल हैं।संक्षेप में मामलाकफील ने एडिशनल सेशंस जज, इटावा के आदेश को चुनौती देने...
सिर कलम करने की मांग पैगंबर का अपमान, उन्होंने बुराई को अच्छाई से दूर किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्व्यवहार के बावजूद महिला के प्रति उनकी दयालुता को याद किया
"गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा" (पैगंबर का अपमान करने की एकमात्र सजा सिर कलम करना है) नारे के इरादे की निंदा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह "पैगंबर मोहम्मद के आदर्शों का अपमान करने के अलावा और कुछ नहीं है"।हाईकोर्ट ने कहा कि पैगंबर ने कभी भी किसी व्यक्ति का सिर कलम करने की इच्छा नहीं जताई, यहां तक कि उन लोगों का भी नहीं जिन्होंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचाया है।बरेली हिंसा में शामिल एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए महत्वपूर्ण आदेश में जस्टिस अरुण...
Bareilly Violence | 'सर तन से जुदा' नारा भारत की संप्रभुता के खिलाफ, सशस्त्र विद्रोह भड़काता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से इनकार किया
सितंबर, 2025 में बरेली हिंसा में शामिल आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भीड़ द्वारा "गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा" (पैगंबर का अपमान करने की एकमात्र सजा सिर कलम करना है) का नारा लगाना कानून के अधिकार और भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए सीधी चुनौती है।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने कहा कि ऐसे नारे लोगों को "सशस्त्र विद्रोह" के लिए उकसाते हैं और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत दंडनीय हैं। सिंगल जज ने कहा कि यह इस्लाम...
जिला कोर्ट में शुरुआती दौर के वकीलों की आय बेहद सीमित: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जूनियर वकील की पत्नी को देय भरण-पोषण राशि घटाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि जिला कोर्ट में वकालत के शुरुआती वर्षों में अधिकांश वकील पर्याप्त आय अर्जित करने में संघर्ष करते हैं और गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हैं एक जूनियर वकील द्वारा अपनी पत्नी को दी जाने वाली भरण-पोषण राशि को कम कर दिया।जस्टिस मदन पाल सिंह की पीठ ने फैमिली कोर्ट, पीलीभीत के उस आदेश में आंशिक संशोधन किया, जिसमें पति को अपनी पत्नी को प्रतिमाह 5,000 रुपये भरण-पोषण के रूप में देने का निर्देश दिया गया था।हाईकोर्ट ने माना कि वकील पति की “अनिश्चित और उतार-चढ़ाव वाली...
मुस्लिम शादी | दूसरी पत्नी का भरण-पोषण करना, कानूनी तौर पर शादीशुदा पहली पत्नी को मेंटेनेंस देने से इनकार करने का आधार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
एक मुस्लिम शादी में मेंटेनेंस के विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि दूसरी पत्नी का भरण-पोषण करने वाला पति, पहली कानूनी तौर पर शादीशुदा पत्नी को मेंटेनेंस देने से इनकार नहीं कर सकता जो पूरी तरह से आर्थिक मदद के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर है।संक्षेप में, पति ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उसकी पहली पत्नी को हर महीने 20,000 रुपये मेंटेनेंस देने का आदेश दिया गया था। पति का कहना था कि वह सिर्फ 83,000 रुपये सालाना कमाता है और यह रकम...
शिक्षकों की अनुपस्थिति से RTE Act का उद्देश्य विफल होता है: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को 3 माह में समयपालन नीति बनाने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट रूप से कहा कि यदि शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, तो इससे बच्चों के निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार ( RTE Act) का उद्देश्य ही विफल हो जाता है। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों के उन शिक्षकों के निलंबन में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिन्हें निरीक्षण के दौरान विद्यालय से अनुपस्थित पाया गया था।साथ ही अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन माह के भीतर शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस नीति...
एकतरफा तलाक के बाद केस ट्रांसफर की कोशिश देरी की मंशा दर्शाती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जिस पति ने स्वयं एक अदालत में तलाक की याचिका दायर की और एकतरफा डिक्री हासिल करने के बाद उसी मामले से जुड़ी रिकॉल कार्यवाही को किसी अन्य शहर की अदालत में स्थानांतरित कराने की मांग की, उसका आचरण कार्यवाही को लंबा खींचने की नीयत को दर्शाता है।जस्टिस सैयद कमर हसन रिज़वी ने पति द्वारा दायर ट्रांसफर प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए टिप्पणी की कि पहले गोंडा की फैमिली कोर्ट को चुनकर तलाक की कार्यवाही शुरू करना और फिर उसी से उत्पन्न कार्यवाही को लखनऊ ट्रांसफर कराने का आग्रह...
यूपी बार काउंसिल ने द्विविवाह के आरोपी वकील को 10 साल के लिए किया था सस्पेंड, हाईकोर्ट ने रद्द किया आदेश
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश स्टेट बार काउंसिल द्वारा वकील पर लगाए गए 10 साल के सस्पेंशन को इस आधार पर रद्द कर दिया कि उसे सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया गया। वकील पर कथित द्विविवाह के लिए नैतिक पतन का आरोप है।जस्टिस शेखर बी सर्राफ और जस्टिस मनजीव शुक्ला की बेंच ने यह टिप्पणी की:"कारण बताओ नोटिस 17 फरवरी, 2025 को 10 मार्च, 2025 को पेश होने के लिए जारी किया गया और विवादित आदेश 23 फरवरी, 2025 को पारित किया गया, जिससे यह साफ है कि विवादित आदेश बिना सुनवाई का कोई मौका दिए एकतरफ़ा पारित...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विदेश में गारंटर और संपत्ति वाली विदेशी फर्मों को दिए गए लोन के लिए RBI गाइडलाइंस की डिटेल्स मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में भारत सरकार से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की उन गाइडलाइंस के बारे में खास निर्देश मांगे, जो विदेशी धरती पर विदेशी कंपनियों को दिए गए लोन से संबंधित हैं, जहाँ कोलैटरल सिक्योरिटी किसी विदेशी व्यक्ति की है।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच मोहम्मद फारूक नाम के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) में स्थित एक फर्म से जुड़े बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ लोन विवाद के संबंध में हाईकोर्ट का...
2017 के दंगा मामले में नगीना सांसद चंद्रशेखऱ रावण को राहत नहीं, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से मौजूदा सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण की दायर याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में 2017 के सहारनपुर दंगों से जुड़े उनके खिलाफ दर्ज 4 FIR की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी।जस्टिस समीर जैन की बेंच ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घटनाएं एक ही दिन हुईं, बाद की FIR रद्द नहीं की जा सकती अगर उनका "दायरा अलग" है और अपराध अलग-अलग जगहों और समय पर किए गए।कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में जहां "बड़ी साज़िश" से इनकार नहीं...
अफसरों के नाम के आगे 'माननीय' लगाने का मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- अदालतों का दर्जा कम करने का 'सूक्ष्म' तरीका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में नौकरशाहों और प्रशासनिक अधिकारियों के नामों के आगे 'माननीय' टाइटल लगाने की प्रथा पर कड़ी आपत्ति जताई।जस्टिस अजय भनोट और जस्टिस गरिमा प्रसाद की डिवीजन बेंच ने इस 'ट्रेंड' को "संवैधानिक अधिकारियों और अदालतों का दर्जा कम करने का एक सूक्ष्म लेकिन पक्का तरीका" बताया।संक्षेप में मामलाहाईकोर्ट क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें एडिशनल कमिश्नर अपील के डेजिग्नेशन के बारे में मुद्दा उठा था। बेंच ने देखा कि अधिकारी को "माननीय एडिशनल कमिश्नर, अपील" कहा गया था।इस...
'लिव-इन रिलेशनशिप गैर-कानूनी नहीं, राज्य जोड़ों की रक्षा करने के लिए बाध्य': इलाहाबाद हाईकोर्ट
एक महत्वपूर्ण आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट (सिंगल जज) ने बुधवार को कहा कि हालांकि लिव-इन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट सभी को स्वीकार्य नहीं हो सकता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा रिश्ता 'गैर-कानूनी' है या शादी की पवित्रता के बिना साथ रहना कोई अपराध है।इसमें यह भी कहा गया कि इंसान के जीवन का अधिकार "बहुत ऊंचे दर्जे" पर है, भले ही कोई जोड़ा शादीशुदा हो या शादी की पवित्रता के बिना साथ रह रहा हो।कोर्ट ने टिप्पणी की,"एक बार जब कोई बालिग व्यक्ति अपना पार्टनर चुन लेता है तो किसी अन्य व्यक्ति, चाहे वह...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने में देरी पर खुद ही PIL दर्ज की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रेप पीड़ितों की प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सही कदम उठाने में अलग-अलग लेवल पर हो रही देरी के मुद्दे पर खुद ही एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) दर्ज की।इस मामले का नाम रखा गया: प्रेग्नेंसी खत्म करने के मामलों में सभी संबंधित लोगों को जागरूक करने के लिए गाइडलाइंस बनाने के संबंध मेंPIL दर्ज करने का आदेश सितंबर में जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस अरुण कुमार की बेंच ने दिया। बेंच ने महसूस किया कि प्रक्रिया में होने वाली देरी को दूर करना ज़रूरी है, जो अक्सर...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में एसिड की बिक्री को रेगुलेट करने वाली 2014 की PIL को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में एसिड की बिक्री पर रोक और रेगुलेशन से संबंधित 2014 में दायर एक जनहित याचिका (PIL) को स्वतः संज्ञान कार्यवाही में बदल दिया।यह आदेश तब पारित किया गया जब मूल याचिकाकर्ता (अनुभव वर्मा) ने कहा कि वह इस मुकदमे को आगे नहीं बढ़ाना चाहता।उन्हें मामले से हटने की अनुमति देते हुए जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस विवेक सरन की डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता की इच्छा के कारण मामला बंद कर दिया जाता है तो "न्याय का हित प्रभावित हो सकता है"।याचिका खारिज...
2017 में योगी आदित्यनाथ और केपी मौर्य को यूपी का सीएम और डिप्टी सीएम बनाए जाने को चुनौती, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2017 में दायर एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) याचिका खारिज की, जिसमें 2017 में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की वैधता को चुनौती दी गई थी।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस राजीव भारती की बेंच ने कहा कि संविधान में ऐसा कुछ भी नहीं है, जो पहले से ही संसद सदस्य व्यक्ति को किसी राज्य का मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने से रोकता हो।हाईकोर्ट ने कहा कि संसद सदस्य का पद न तो संवैधानिक पद है (जैसे राष्ट्रपति या...
स्टेट बार काउंसिल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के चुनावों को कंट्रोल या रेगुलेट नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि स्टेट बार काउंसिल के पास बार एसोसिएशन के चुनावों को "कंट्रोल या रेगुलेट" करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि वे अपने खुद के नियमों से चलते हैं।जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने इस तरह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल (प्रतिवादी नंबर 3) द्वारा जारी निर्देश रद्द कर दिया, जिसमें 15 नवंबर, 2025 और फरवरी 2026 के बीच राज्य के सभी बार एसोसिएशन के चुनाव कराने पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।कोर्ट ने कहा कि हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के पास स्टेट बार...
अवैध निर्माण गिराने का आश्वासन देने के बाद कंपाउंडिंग की उम्मीद नहीं कर सकता दोषी पक्ष: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण के मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जब किसी पक्ष ने स्वयं यह स्वीकार करते हुए शपथपत्र दिया हो कि वह स्वीकृत मानचित्र से हटकर किए गए निर्माण को गिरा देगा तो बाद में वह यह अपेक्षा नहीं कर सकता कि विकास प्राधिकरण उससे मानचित्र कंपाउंड कराने के लिए संपर्क करे। अदालत ने स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को इस तरह की राहत का कोई अधिकार नहीं है।जस्टिस सरल श्रीवास्तव और जस्टिस सुधांशु चौहान की खंडपीठ प्रयागराज के न्यू कटरा क्षेत्र में किए गए अवैध...



















