गौहाटी हाईकोर्ट

महिला ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को पुरुषों जैसी कठोर चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए: गुवाहाटी हाईकोर्ट, राज्य को दी आरक्षण नीति पर सलाह
महिला ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को पुरुषों जैसी कठोर चयन प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए: गुवाहाटी हाईकोर्ट, राज्य को दी आरक्षण नीति पर सलाह

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती विज्ञापन में ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को पुरुष अभ्यर्थियों के साथ क्लब किए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि महिला ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों को पुरुष उम्मीदवारों जैसी कठोर चयन प्रक्रिया से नहीं गुजारा जा सकता। अदालत ने राज्य सरकार को सुझाव दिया कि भविष्य की भर्तियों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अधिक समावेशी और न्यायसंगत नीति अपनाई जाए।यह मामला उस भर्ती विज्ञापन से जुड़ा था, जिसमें सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल पदों के लिए ट्रांसजेंडर...

रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार संभव नहीं, परंतु पदोन्नति के आधार पर सीमित वित्तीय लाभ मिलेंगे: गुवाहाटी हाईकोर्ट
रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार संभव नहीं, परंतु पदोन्नति के आधार पर सीमित वित्तीय लाभ मिलेंगे: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि रिटायरमेंट के बाद पदोन्नति के आधार पर सेवा अवधि बढ़ाना कानून के अनुरूप नहीं है। ऐसी किसी भी सिफारिश को कर्मचारी के रिटायरमेंट हो जाने के बाद प्रभावी नहीं किया जा सकता। हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि कैरियर उन्नयन योजना के तहत की गई पदोन्नति को केवल पेंशन रूप से मान्य कर वित्तीय लाभ दिए जा सकते हैं। भले ही कर्मचारी वास्तविक रूप से उच्च पद पर कार्यभार ग्रहण न कर पाया हो।चीफ जस्टिस अशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की खंडपीठ ने यह...

POCSO पीड़िता की गवाही की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है, जब DNA रिपोर्ट में आरोपी को जैविक पिता होने से इनकार किया जाता है: गुवाहाटी हाईकोर्ट
POCSO पीड़िता की गवाही की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है, जब DNA रिपोर्ट में आरोपी को जैविक पिता होने से इनकार किया जाता है: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि जब DNA रिपोर्ट में आरोपी को पीड़िता द्वारा जन्मे बच्चे का जैविक पिता होने से अंतिम रूप से खारिज कर दिया जाता है तो पीड़िता की गवाही की विश्वसनीयता खत्म हो जाती है।जस्टिस माइकल ज़ोथनखुमा और जस्टिस मिताली ठाकुरिया की खंडपीठ ने दोहराया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 29 के तहत अनुमान तभी लागू होता है, जब अभियोजन पक्ष मूलभूत तथ्य स्थापित कर लेता है।भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 415 के तहत अपील, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा...

बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास बदल रहा असम की जनसांख्यिकी, राज्य में बढ़ रहा है असंतोष: गुवाहाटी हाईकोर्ट
बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास बदल रहा असम की जनसांख्यिकी, राज्य में बढ़ रहा है असंतोष: गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि बांग्लादेश से हो रहा अवैध प्रवास असम की जनसांख्यिकी (demography) को बदल रहा है, जिसके कारण राज्य में व्यापक असंतोष फैल रहा है।कोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार के पास “घोषित विदेशी नागरिकों” (declared foreign nationals) को देश से बाहर निकालने की पूरी शक्ति है। अगर किसी कारण से ऐसे व्यक्तियों को निष्कासित (expel) नहीं किया जा सकता, तो राज्य सरकार उन्हें रोजगार पाने, भूमि खरीदने, भारतीय नागरिक से विवाह करने आदि से रोक सकती है — इसके...

गुवाहाटी हाईकोर्ट का फैसला: सेना कर्मियों के बच्चों को नागालैंड के सेंट्रल पूल MBBS कोटे से बाहर रखना वैध
गुवाहाटी हाईकोर्ट का फैसला: सेना कर्मियों के बच्चों को नागालैंड के सेंट्रल पूल MBBS कोटे से बाहर रखना वैध

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उस मेडिकल उम्मीदवार को राहत देने से इनकार किया, जिसे कट-ऑफ अंक हासिल करने के बावजूद नागालैंड सरकार को आवंटित सेंट्रल पूल MBBS कोटे की सीट से वंचित कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि रक्षा कर्मियों के बच्चों के लिए पहले से ही समर्पित कोटा होने के कारण उन्हें सेंट्रल पूल के 'कमी वाले राज्य के कोटे से बाहर रखना भेदभावपूर्ण नहीं है।चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की खंडपीठ ने सिंगल बेंच के उस फैसले को पलट दिया, जिसने उम्मीदवार के पक्ष में फैसला सुनाया था।मामला और...

हाईकोर्ट ने CNN-News18 एंकर अकांक्षा स्वरूप के खिलाफ कामाख्या मंदिर पर विवादित बयान पर FIR खारिज की
हाईकोर्ट ने CNN-News18 एंकर अकांक्षा स्वरूप के खिलाफ कामाख्या मंदिर पर विवादित बयान पर FIR खारिज की

गौहाटी हाईकोर्ट ने CNN-News18 की एंकर अकाशा स्वरूप के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया। यह मामला उस टीवी शो से जुड़ा था जिसमें उन्होंने कहा था कि मां कामाख्या मंदिर में नरबलि की प्रथा होती है।कोर्ट ने कहा कि अकाशा का यह बयान लापरवाही में दिया गया था, लेकिन इसमें धार्मिक भावनाएं आहत करने की कोई जानबूझकर मंशा नहीं थी। यह टिप्पणी उन्होंने मेघालय में एक व्यक्ति की मौत पर चर्चा के दौरान की थी। चैनल ने बाद में माफी मांग ली थी और बयान को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था। जस्टिस शमीमा जहां ने कहा कि यह...

भावी नियमितीकरण से पहले मानद सेवा अवधि के लिए बकाया वेतन का दावा नहीं किया जा सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट
भावी नियमितीकरण से पहले मानद सेवा अवधि के लिए बकाया वेतन का दावा नहीं किया जा सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट

जस्टिस माइकल ज़ोथनखुमा और जस्टिस अंजन मोनी कलिता की गुवाहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि यदि नियुक्ति की शर्तें स्वीकार कर ली गई हों और नियमितीकरण आदेश के तहत लाभ केवल भावी रूप से प्रदान किए गए हों तो कोई कर्मचारी नियमितीकरण से पहले मानद सेवा अवधि के लिए बकाया वेतन का दावा नहीं कर सकता।पृष्ठभूमि तथ्यअपीलकर्ता को तर्कशास्त्र और दर्शनशास्त्र विषय के शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें शासी निकाय के दिनांक 03.03.2000 के प्रस्ताव नंबर 6 के अनुसरण में विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा पारित...

लोकतंत्र में असहमति स्वीकार होनी चाहिए: पत्रकार अभिसार शर्मा को असम CM पर बयान वाले मामले में हाईकोर्ट से राहत
'लोकतंत्र में असहमति स्वीकार होनी चाहिए': पत्रकार अभिसार शर्मा को असम CM पर बयान वाले मामले में हाईकोर्ट से राहत

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने आज पत्रकार अभिसार शर्मा को पहले से मिली अंतरिम सुरक्षा (गिरफ्तारी या चार्जशीट जैसी जबरन कार्रवाई से संरक्षण) की अवधि 22 अक्टूबर तक बढ़ा दी। शर्मा ने यह याचिका उस FIR के खिलाफ दायर की है जो असम पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज की थी। FIR में आरोप है कि उन्होंने असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर “सांप्रदायिक राजनीति” करने का बयान दिया। FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 (राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालना), 196 (समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना) और 197 (राष्ट्रीय एकता व...

गुवाहाटी हाईकोर्ट का फैसला : राज्य सूचना आयुक्त को मुख्य सचिव के समान वेतन और सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे
गुवाहाटी हाईकोर्ट का फैसला : राज्य सूचना आयुक्त को मुख्य सचिव के समान वेतन और सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे

गुवाहाटी हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि राज्य सूचना आयुक्त को मुख्य सचिव के बराबर वेतन भत्ते और सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ का अधिकार है। अदालत ने कहा कि इन लाभों को केवल इस आधार पर नहीं रोका जा सकता कि पदाधिकारी के पास 10 वर्ष की आवश्यक सेवा नहीं है, विशेषकर तब जब वह पहले से केंद्रीय सिविल सेवा नियमों के तहत पेंशन प्राप्त कर रहा हो।चीफ जस्टिस अशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की खंडपीठ ने यह फैसला उस अपील पर दिया, जिसमें असम सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी थी।...

अनुदान से वेतन प्राप्त करने वाले असम अल्पसंख्यक बोर्ड के कर्मचारी सरकारी कर्मचारी नहीं माने जा सकते: गुवाहाटी हाईकोर्ट
अनुदान से वेतन प्राप्त करने वाले असम अल्पसंख्यक बोर्ड के कर्मचारी सरकारी कर्मचारी नहीं माने जा सकते: गुवाहाटी हाईकोर्ट

चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस मनीष चौधरी की गुवाहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के कर्मचारी, जिनका वेतन राज्य वेतन मद से नहीं बल्कि अनुदान सहायता से मिलता है, सरकारी कर्मचारी नहीं माने जा सकते और असम सेवा (पेंशन) नियम, 1969 के नियम 31 के तहत पेंशन के हकदार नहीं हैं।पृष्ठभूमि तथ्यअपीलकर्ता असम अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के अंतर्गत चपरासी, ड्राइवर, एलडीए और स्टेनो जैसे ग्रेड-III और ग्रेड-IV पदों पर कार्यरत कर्मचारी थे। उनके पद राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत थे और स्थायी...

संशोधित पेंशन लाभ प्रदान करने के लिए राज्य कट-ऑफ तिथियों के आधार पर समरूप वर्ग के पेंशनभोगियों का मनमाने ढंग से वर्गीकरण नहीं कर सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट
संशोधित पेंशन लाभ प्रदान करने के लिए राज्य कट-ऑफ तिथियों के आधार पर समरूप वर्ग के पेंशनभोगियों का मनमाने ढंग से वर्गीकरण नहीं कर सकता: गुवाहाटी हाईकोर्ट

जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की गुवाहाटी हाईकोर्ट की खंडपीठ ने माना कि रिटायरमेंट की तिथि के आधार पर पेंशनभोगियों का वर्गीकरण, जबकि सभी रिटायरमेंट समरूप वर्ग बनाते हैं। वेतन संशोधन एक विशेष तिथि से प्रभावी होता है, मनमाना और अनुचित है। इसके अलावा, वित्तीय बाधाओं के कारण इस तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार को उचित नहीं ठहराया जा सकता।पृष्ठभूमि तथ्यअसम वेतन आयोग, 2008 ने वेतन और पेंशन संशोधन के लिए अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं। इन सिफारिशों को असम सरकार ने स्वीकार किया और 01.01.2006 से...

निजी कंपनी को 3000 बीघा ज़मीन दे दी गई! क्या ये मज़ाक है?: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सीमेंट कंपनी को आदिवासी ज़मीन आवंटित करने पर आपत्ति जताई
'निजी कंपनी को 3000 बीघा ज़मीन दे दी गई! क्या ये मज़ाक है?': गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सीमेंट कंपनी को आदिवासी ज़मीन आवंटित करने पर आपत्ति जताई

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम राज्य के दीमा हसाओ क्षेत्र में खनन के उद्देश्य से एक निजी सीमेंट कंपनी (महाबल सीमेंट्स) को लगभग 3000 बीघा ज़मीन दिए जाने पर अपनी आपत्ति जताई है। जस्टिस संजय कुमार मेधी ने मौखिक रूप से कहा, "3000 बीघा! पूरा ज़िला? क्या हो रहा है? 3000 बीघा ज़मीन एक निजी कंपनी को आवंटित? हम जानते हैं कि ज़मीन कितनी बंजर है...3000 बीघा? यह कैसा फ़ैसला है? क्या यह कोई मज़ाक है या कुछ और? आपकी ज़रूरत मुद्दा नहीं है...जनहित मुद्दा है।"सीमेंट कंपनी के वकील ने कहा कि आवंटित ज़मीन सिर्फ़ बंजर...

पाकिस्तान समर्थित फेसबुक पोस्ट मामले में हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की
पाकिस्तान समर्थित फेसबुक पोस्ट मामले में हाईकोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सोमवार को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कीस जिस पर फेसबुक पर पाकिस्तान और तुर्की के राष्ट्रपति के समर्थन में पोस्ट डालने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A में निहित मूल कर्तव्यों का पालन नहीं किया।जस्टिस पार्थिवज्योति सैकिया की एकल पीठ ने कहा,"फेसबुक पोस्ट को साधारण रूप से पढ़ने पर स्पष्ट होता है कि वर्तमान समय में याचिकाकर्ता अपने देश के बजाय पाकिस्तान का समर्थन करता है। उसने संविधान के अनुच्छेद 51A में वर्णित निर्देशात्मक सिद्धांतों का...

सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर ही हो इंचार्ज हेडमास्टर की नियुक्ति : गुवाहाटी हाईकोर्ट
सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर ही हो इंचार्ज हेडमास्टर की नियुक्ति : गुवाहाटी हाईकोर्ट

गुवाहाटी हाईकोर्ट की जस्टिस रॉबिन फुकन की पीठ ने फैसला सुनाया कि यदि दो अभ्यर्थी एक ही दिन सेवा में शामिल होते हैं तो सीनियरिटी उम्र के आधार पर तय की जाएगी और बड़े उम्र के कर्मचारी को सीनियर माना जाएगा। साथ ही मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर की नियुक्ति सीनियरिटी-कम-एफिशिएंसी के आधार पर की जानी चाहिए।मामले की पृष्ठभूमियाचिकाकर्ता को 11.02.1994 को झौडांगा एमई स्कूल में साइंस ग्रेजुएट शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था। उसी दिन प्रतिवादी को हिंदी शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया। बाद में...

संदिग्ध अवैध प्रवासियों को कथित रूप से निर्वासित करने के लिए असम सरकार की पुश-बैक नीति को हाईकोर्ट में चुनौती
संदिग्ध अवैध प्रवासियों को कथित रूप से निर्वासित करने के लिए असम सरकार की 'पुश-बैक नीति' को हाईकोर्ट में चुनौती

असम सरकार की संदिग्ध अवैध अप्रवासियों को वापस भेजने की 'पुश-बैक नीति' को चुनौती देने वाली जनहित याचिका गुवाहाटी हाईकोर्ट में छात्र संघ द्वारा दायर की गई। इस याचिका में मांग की गई कि कथित अवैध अप्रवासियों के संबंध में असम सरकार द्वारा अपनाई गई 'पुश-बैक' नीति को असंवैधानिक घोषित किया जाए, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 22 का उल्लंघन है।27 जून को जब मामले की सुनवाई हुई तो जस्टिस मनीष चौधरी और जस्टिस मिताली ठाकुरिया की खंडपीठ को याचिकाकर्ता-ऑल बीटीसी माइनॉरिटी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के वकील...

चेक बाउंस केस में आरोपी के राशि जमा करने को ट्रायल कोर्ट ने किया नजरअंदाज, हाईकोर्ट ने सजा को रद्द किया
चेक बाउंस केस में आरोपी के राशि जमा करने को ट्रायल कोर्ट ने किया नजरअंदाज, हाईकोर्ट ने सजा को रद्द किया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में सत्र न्यायाधीश, डिब्रूगढ़ द्वारा NI Act, 1881 की धारा 138 के तहत पारित दोषसिद्धि के निर्णय को इस आधार पर रद्द कर दिया कि अभियुक्त ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पहले ही अपना दोष स्वीकार कर लिया था और सत्र न्यायाधीश ने अपील की अनुमति देते समय उक्त पहलू की अनदेखी की थी।जस्टिस पार्थिवज्योति सैकिया की एकल न्यायाधीश पीठ BNSS, 2023 की धारा 438 और 442 के तहत एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सत्र न्यायाधीश, डिब्रूगढ़ द्वारा पारित 21 मार्च, 2025 के फैसले को चुनौती दी...

हाईकोर्ट ने असम सरकार से गुवाहाटी में आउटडोर विज्ञापन को विनियमित करने वाले 2017 दिशानिर्देशों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी
हाईकोर्ट ने असम सरकार से गुवाहाटी में आउटडोर विज्ञापन को विनियमित करने वाले 2017 दिशानिर्देशों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में असम सरकार से 'गुवाहाटी आउटडोर विज्ञापन नीति दिशानिर्देश, 2017' के संशोधित संस्करण के संबंध में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। चीफ जस्टिस (कार्यवाहक) लानुसुंगकुम जमीर और जस्टिस मानस रंजन पाठक की खंडपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार ने अभी तक अंतिम 'गुवाहाटी आउटडोर विज्ञापन पुलिस दिशानिर्देश, 2017' को अधिसूचित नहीं किया है।वर्तमान याचिकाकर्ता ने इससे पहले वर्ष 2016 में एक जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट का दरवाजा...

ऑनलाइन गवाही, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रिमांड और अधिक: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक संचार और सुनवाई के लिए नियम जारी किए
ऑनलाइन गवाही, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रिमांड और अधिक: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक संचार और सुनवाई के लिए नियम जारी किए

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में (20 जून) इलेक्ट्रॉनिक संचार और ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के उपयोग के लिए नियम अधिसूचित किए। इन नियमों का उद्देश्य न्यायिक कार्यवाही में देरी को रोकना है, जो आमतौर पर पक्षकारों, वकीलों, गवाहों या अभियुक्तों की शारीरिक अनुपस्थिति के कारण होती है।यह उल्लेखनीय है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 530 यह प्रावधान करती है कि सभी मुकदमे, जांच व कार्यवाहियां — जिसमें शिकायतकर्ता व गवाहों की जिरह, साक्ष्य दर्ज करना, अपील कार्यवाही व अन्य...

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने APSC घोटाले में बर्खास्त 52 अधिकारियों की बहाली का आदेश दिया, कहा- बिना उचित सरकारी आदेश के सेवा से हटाना असंवैधानिक
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने APSC घोटाले में बर्खास्त 52 अधिकारियों की बहाली का आदेश दिया, कहा- बिना उचित सरकारी आदेश के सेवा से हटाना असंवैधानिक

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने हाल ही में असम सरकार को 52 अधिकारियों को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया, जिन्हें असम लोक सेवा आयोग (APSC) की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2013 और 2014 के माध्यम से नियुक्ति के बाद कथित रूप से "कैश फॉर जॉब" घोटाले में शामिल होने के कारण सेवा से बर्खास्त किया गया था। अदालत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 311(2) के प्रावधान (b) के तहत उपयुक्त सरकार द्वारा आवश्यक आदेश पारित नहीं किए गए।जिससे यह बर्खास्तगी टिक नहीं सकती।जस्टिस कल्याण राय सुराणा और जस्टिस मालसरी नंदी की खंडपीठ ने...