मद्रास हाईकोर्ट
PMLA के तहत अपराध अलग है, एक ही अदालत में होने पर भी विधेय अपराध के साथ संयुक्त सुनवाई नहीं हो सकती: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि PMLA के तहत मुकदमा 'प्रतिपादित अपराध' के मुकदमे से अलग और अलग है और इसलिए आरोपी एक साथ या संयुक्त सुनवाई की मांग नहीं कर सकता, भले ही दोनों मुकदमे एक ही अदालत में लंबित हों।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस एम जोतिरमन की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि पीएमएलए के तहत सुनवाई के लिए अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं, इसलिए संयुक्त या एक साथ सुनवाई का कोई सवाल ही नहीं उठता। अदालत ने यह भी कहा कि विशेष अदालत के लिए मुकदमे को जारी रखने में कोई बाधा नहीं थी, भले ही एक प्रतिपादित...
हिंदू उत्तराधिकार कानून पुनर्विवाह के बाद मृत पति की संपत्ति का वारिस होने पर विधवाओं को अयोग्य नहीं ठहराता: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो पुनर्विवाह के बाद विधवा को अपने मृत पति की संपत्ति में हिस्सा लेने या उसका उत्तराधिकारी बनने से रोकता हो।जस्टिस आर सुब्रमण्यम और जस्टिस सी कुमारप्पन की खंडपीठ ने कहा कि हालांकि हिंदू पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 पुनर्विवाह पर एक विधवा को विरासत में संपत्ति से अयोग्य घोषित करता है, लेकिन हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम लागू होने के बाद इस अधिनियम को निरस्त कर दिया गया था। खंडपीठ ने आगे कहा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम...
NI Act | कॉलेज को कंपनी के बराबर नहीं माना जा सकता, प्रिंसिपल चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्तरदायी नहीं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कॉलेज के प्रिंसिपल के खिलाफ परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act (NI Act)) की धारा 138 के तहत शुरू की गई कार्यवाही रद्द की, क्योंकि उन्होंने चेक पर हस्ताक्षर किए, जिसे अपर्याप्त निधि के कारण वापस कर दिया गया।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने माना कि प्रिंसिपल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए और चूंकि कॉलेज को कंपनी के बराबर नहीं माना जा सकता, इसलिए अधिनियम की धारा 141 के तहत परक्राम्य दायित्व वर्तमान मामले में प्रभावी नहीं होगा।अदालत ने...
अपराध की आय को छिपाना PMLA के तहत अपराध, ED को यह स्थापित करने की आवश्यकता नहीं कि पैसा आखिरकार कहां गया: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि चूंकि अपराध की आय को छिपाना स्वयं धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपराध है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय को यह स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है कि पैसा आखिरकार कहां गया।जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस आर पूर्णिमा की खंडपीठ ने कहा कि आरोपी, जिसने पैसे को गायब करने की साजिश रची होगी, को केवल इसलिए आरोपों से मुक्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि अपराध की आय की पहचान नहीं की गई। इस प्रकार न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि यदि अभियोजन पक्ष अपराध की आय के स्रोत और इस...
मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषी व्यक्ति को दोषी मानने से पहले पर्याप्त कानूनी सलाह मिले: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में दो व्यक्तियों को अपना अपराध स्वीकार करने के बाद भी ट्रायल कोर्ट में अपना मामला लड़ने की अनुमति दी।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने यह आदेश यह देखते हुए दिया कि व्यक्तियों ने बिना परिणाम जाने ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपना अपराध स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने कहा कि मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषी व्यक्ति को दोषी मानने से पहले पर्याप्त कानूनी सलाह मिले और मजिस्ट्रेट के लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह दोषी व्यक्ति के दोषी होने पर तुरंत कार्रवाई करे खासकर तब जब प्रदान की गई...
कोयंबटूर में रिजर्व फॉरेस्ट के नजदीक अवैध खनन: मद्रास हाईकोर्ट ने भूविज्ञान एवं खनन आयुक्त और एसपी को तलब किया, CBI जांच की चेतावनी दी
मद्रास हाईकोर्ट ने भूविज्ञान एवं खनन आयुक्त और कोयंबटूर के पुलिस अधीक्षक को उसके समक्ष उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया कि कोयंबटूर में रिजर्व फॉरेस्ट के नजदीक अवैध खनन कैसे हो रहा है।जस्टिस एन सतीश कुमार और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की विशेष रूप से गठित पीठ कार्यकर्ता एस मुरलीधरन द्वारा कोयंबटूर वन प्रभाग में हाथी गलियारों को सुरक्षित करने और पूरे पश्चिमी घाट को विशेष पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र के रूप में नामित करने और जंगल के अंदर वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों या आवासों की अनुमति नहीं देने के लिए...
बाल अपराधियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाया जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य भर में सुधारात्मक परियोजनाओं के कार्यान्वयन का सुझाव दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में सुझाव दिया है कि किशोर अपराधियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए राज्य भर में सुधारात्मक परियोजनाएं लागू की जानी चाहिए।अदालत ने मशीन मोटर और सबमर्सिबल मोटर जैसी चल वस्तुओं की चोरी के आरोपी 19 वर्षीय लड़के को 45,000 रुपये मूल्य के आरोपी को जमानत देते हुए यह बात कही। जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने कहा कि भले ही राज्य ने चेन्नई में परवई और पट्टम जैसी सुधारात्मक परियोजनाओं को लागू किया था, लेकिन इन परियोजनाओं को पूरे राज्य में फैलाने की आवश्यकता थी। अदालत ने इस...
Netflix डॉक्यूमेंट्री में मूवी क्लिपिंग के इस्तेमाल को लेकर नयनतारा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे धनुष
अभिनेता धनुष की फिल्म निर्माण कंपनी वंडरबार फिल्म्स ने एक्ट्रेस नयनतारा, उनके पति और निर्देशक विग्नेश सिवन, उनकी प्रोडक्शन कंपनी राउडी पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड, लॉस गैटोस प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया एलएलबी के खिलाफ नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री "नयनतारा: बियॉन्ड द फेयरीटेल" के लिए बिना आवश्यक अनुमति के फिल्म नानम राउडी धान की वीडियो क्लिपिंग के इस्तेमाल को लेकर मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।धनुष की वंडरबार फिल्म्स ने फिल्म नानम राउडी धान का निर्माण किया।धनुष ने लॉस गैटोस प्रोडक्शन सर्विसेज इंडिया...
नागरिकों को अपनी संपत्ति पर प्रतिमा स्थापित करने का अधिकार, बशर्ते इससे समुदायों के बीच टकराव न हो: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने व्यक्ति को अपनी निजी भूमि पर फादर स्टेन स्वामी की तस्वीर वाला पत्थर का स्तंभ स्थापित करने की अनुमति दी, जो आदिवासी व्यक्तियों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों का सम्मान करता है।राज्य अधिकारियों द्वारा जारी किए गए नोटिस को खारिज करते हुए जस्टिस एम ढांडापानी ने टिप्पणी की कि फादर स्टेन स्वामी ने आदिवासी व्यक्तियों के कल्याण के लिए बहुत प्रयास किए। न्यायालय ने यह भी कहा कि नागरिकों को अपनी निजी संपत्ति में प्रतिमा स्थापित करने का अधिकार है। एकमात्र प्रतिबंध यह है कि इस तरह के...
[NDPS Act] प्रथम दृष्टया मैजिक मशरूम की हर कोशिका में रसायन होता है, इसलिए कमर्शियल मात्रा का पता लगाने के लिए पूरी तरह से तौला जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट
NDPS Act के तहत जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि मैजिक मशरूम की हर कोशिका में साइकोट्रॉपिक रसायन होते हैं। इसलिए यह निर्धारित करने के लिए कि जब्त की गई मात्रा वाणिज्यिक मात्रा में आती है या नहीं पूरे मशरूम का वजन करना होगा।जमानत याचिका खारिज करते हुए जस्टिस भरत चक्रवर्ती ने प्रथम दृष्टया कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा सईदी मोजदेह एहसान बनाम कर्नाटक राज्य में अपनाए गए रुख से अलग राय रखी, जिसमें एकल जज ने कहा था कि जब्त की गई वस्तु कमर्शियल मात्रा में आती है या नहीं यह...
दो प्यार करने वाले व्यक्तियों का एक दूसरे को गले लगाना और चूमना स्वाभाविक: मद्रास हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न का मामला खारिज किया
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ धारा 354A IPC के तहत शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही खारिज की, जिस पर एक लड़की का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है।जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा कि यौन उत्पीड़न का अपराध बनने के लिए व्यक्ति को शारीरिक संपर्क बनाना चाहिए और अवांछित और स्पष्ट यौन प्रस्ताव पेश करने चाहिए।वर्तमान मामले में न्यायालय ने कहा कि पुरुष और महिला के बीच प्रेम संबंध को स्वीकार किया गया। दो प्यार करने वाले व्यक्तियों का एक दूसरे को गले लगाना और चूमना बिल्कुल स्वाभाविक है।“IPC की धारा...
Hindu Succession Act | 2005 में बेटी को समान अधिकार देने वाले संशोधन से संपत्ति में मां और विधवा के हिस्से में कमी आई : मद्रास हाईकोर्ट
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में 2005 (Hindu Succession Act) के संशोधनों पर चर्चा करते हुए मद्रास हाईकोर्ट जज जस्टिस एन शेषसाई ने कहा कि संशोधन ने यह सुनिश्चित किया कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिले, लेकिन इसने उस संपत्ति की मात्रा भी छीन ली, जो अन्यथा मृतक की विधवा और मां के पास होती।अदालत ने कहा,“हालांकि, इस उल्लास के शोर में यह बात नजरअंदाज की गई कि बेटियों के अलावा, मृतक सहदायिक की विधवा और मां भी प्रथम श्रेणी की महिला उत्तराधिकारी हैं। सहदायिक के रूप में बेटियों की स्थिति में वृद्धि...
NIA Act| हाईकोर्ट व्याख्या का दायरा नहीं बढ़ा सकते, अनुमत सीमा से अधिक देरी को माफ कर सकते हैं: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि हाईकोर्ट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 के तहत स्वीकार्य सीमा से परे अपील दायर करने में देरी को माफ करने का अधिकार नहीं था। अधिनियम की धारा 21 के अनुसार, आदेश या निर्णय की तारीख के 30 दिनों के भीतर अपील की जानी चाहिए। यह धारा उच्च न्यायालयों को 30 दिनों की समाप्ति के बाद भी अपील पर विचार करने की अनुमति देती है, लेकिन 90 दिनों से अधिक नहीं, यदि वह संतुष्ट है कि देरी के लिए पर्याप्त कारण था।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और जस्टिस वी शिवागनानम की खंडपीठ ने कहा...
मद्रास हाईकोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव को पद्म विभूषण दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को सद्गुरु जग्गी वासुदेव को दिए गए पद्म विभूषण पुरस्कार रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज की।चीफ जस्टिस केआर श्रीराम और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि न्यायालय संतुष्ट है कि पुरस्कार प्रदान करने के मानदंडों का पालन किया गया। इसलिए मांगी गई राहत प्रदान नहीं की जा सकती।इससे पहले न्यायालय ने याचिका की स्वीकार्यता के बारे में भी संदेह व्यक्त किया था। टिप्पणी की थी कि पद्म पुरस्कार प्रदान करना न्यायिक पुनर्विचार के दायरे में नहीं आ...
फोनपे का प्रतिरूपण करने वाले खातों को हटाएंगे और ब्लॉक करेंगे: Telegram ने मद्रास हाईकोर्ट को सूचित किया
टेलीग्राम ने मद्रास हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह फोनपे का प्रतिरूपण करने वाले किसी भी खाते को अपने सर्वर से हटा देगा, जब भी फोनपे से ऐसा करने का अनुरोध प्राप्त होगा।जस्टिस के कुमारेश बाबू के समक्ष प्रस्तुतियां दी गईं। न्यायालय टेलीग्राम के विरुद्ध निषेधाज्ञा की मांग करने वाली फोनपे की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।फोनपे ने न्यायालय से 10 लाख रुपए का हर्जाना तथा टेलीग्राम और उसके एजेंटों को फोनपे के पंजीकृत ट्रेडमार्क का विकास, वितरण, होस्टिंग या होस्टिंग सक्षम करने, विपणन, बिक्री, बिक्री के लिए...
निजता के मौलिक अधिकार में पति-पत्नी की निजता भी शामिल, कानून पति-पत्नी द्वारा जासूसी की अनुमति नहीं दे सकता: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि निजता के मौलिक अधिकार में पति-पत्नी की निजता भी शामिल है। न्यायालय ने कहा कि कानून पति-पत्नी द्वारा दूसरे पति-पत्नी की जासूसी की अनुमति नहीं दे सकता या उसे प्रोत्साहित नहीं कर सकता। इस प्रकार न्यायालय ने कहा कि साथी की निजता का उल्लंघन करके प्राप्त किए गए साक्ष्य न्यायालय में अस्वीकार्य हैं।न्यायालय ने कहा,"कानून इस आधार पर आगे नहीं बढ़ सकता कि वैवाहिक कदाचार आदर्श है। यह एक पति-पत्नी द्वारा दूसरे पति-पत्नी की जासूसी की अनुमति नहीं दे सकता या उसे प्रोत्साहित नहीं कर...
कैदी गुलाम नहीं, उन्हें उनके अपराधों की सज़ा देने के लिए अमानवीय तरीके से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता: हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि कैदी गुलाम नहीं हैं। उन्हें उनके अपराधों की सज़ा देने के लिए अमानवीय तरीके से प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि कैदियों को प्रताड़ित करने से सिर्फ़ अपराध को बढ़ावा मिलेगा, अपराध कम नहीं होंगे।जस्टिस एस.एम. सुब्रमण्यम और जस्टिस वी. शिवगनम की खंडपीठ ने कैदी की मां की याचिका पर यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया कि जेल अधिकारी उसके साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। यहां तक कि उससे अधिकारियों के घरेलू काम भी करवाए जा रहे हैं।न्यायालय ने कहा,“यह...
क्या संवैधानिक अधिकारियों के पास ड्रेस कोड है? मद्रास हाईकोर्ट ने डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ याचिका पर राज्य से जवाब मांगा
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन को राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड का पालन करने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।जस्टिस डी कृष्णकुमार और जस्टिस पीबी बालाजी की बेंच ने अटॉर्नी जनरल से यह पता लगाने को कहा कि क्या तमिलनाडु राज्य में संवैधानिक प्राधिकारियों के लिए कोई ड्रेस कोड निर्धारित है। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। यह नोटिस एडवोकेट सत्य कुमार की याचिका पर जारी किया गया...
PMLA | ED को पूर्ववर्ती अपराध में क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने का पूरा अधिकार: हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि एक बार धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत शिकायत दर्ज होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पूर्ववर्ती अपराध में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती देने का पूरा अधिकार है, यदि इसके परिणामस्वरूप न्याय में चूक होती है।न्यायालय ने कहा,"PMLA के तहत शिकायत के लंबित रहने के दौरान, यदि पूर्ववर्ती अपराध बंद हो जाता है तो वर्तमान मामले में इसके परिणामस्वरूप न्याय में चूक होती है, ED को न्याय के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत...
मुस्लिम पत्नी तलाक दिए जाने पर विवाद किए जाने पर विवाह विच्छेद के लिए न्यायिक घोषणा प्राप्त करना पति पर निर्भर: मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जब पत्नी मुस्लिम पति द्वारा तलाक जारी करने पर विवाद करती है तो विवाह विच्छेद के लिए न्यायिक घोषणा प्राप्त करना पति पर निर्भर करता है।जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि मुस्लिम व्यक्तिगत कानूनों के तहत तलाक में निश्चित प्रक्रिया शामिल है, जिसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। इस प्रकार न्यायालय ने कहा कि यदि पति ने पत्नी को तलाक देने का दावा किया। पत्नी द्वारा उस पर विवाद किया जाता है तो पति के लिए एकमात्र उचित और कानूनी रूप से स्वीकार्य तरीका यह होगा कि वह विवाह...