कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के मंच द्वारा धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी, कहा- प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के मंच द्वारा धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी, कहा- प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार एवं हत्या के खिलाफ डॉक्टरों के संयुक्त मंच द्वारा शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति देने वाले एकल जज के आदेश को बरकरार रखा।जस्टिस हरीश टंडन और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने एकल जज का आदेश संशोधित करते हुए विरोध प्रदर्शन में कुल उपस्थिति को पहले स्वीकृत 250 डॉक्टरों से घटाकर 100 किया, क्योंकि राज्य ने अपील की थी कि क्रिसमस के व्यस्त समय में प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो जाएंगी, जिससे...

जमानत आपराधिक न्याय प्रणाली का अनिवार्य तत्व,  निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार की गारंटी देता है: कलकत्ता हाईकोर्ट
जमानत आपराधिक न्याय प्रणाली का अनिवार्य तत्व, निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार की गारंटी देता है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि जमानत आपराधिक न्याय प्रणाली का अनिवार्य तत्व है, क्योंकि यह आपराधिक मामले में आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार देता है।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने POCSO Act के तहत आरोपी व्यक्ति की याचिका पर ये टिप्पणियां कीं, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी उसकी जमानत रद्द करने के आदेश के खिलाफ़ अपील की गई थी।उन्होंने कहा,"जमानत नियम है और जेल अपवाद है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप है, जो भारत के सभी नागरिकों को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा की गारंटी देता...

पत्नी द्वारा अपने मित्रों और परिवार को पति की इच्छा के विरुद्ध उसके घर पर थोपना क्रूरता के समान: कलकत्ता हाईकोर्ट
पत्नी द्वारा अपने मित्रों और परिवार को पति की इच्छा के विरुद्ध उसके घर पर थोपना क्रूरता के समान: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि यदि पत्नी अपने मित्रों और परिवार को अपने पति की इच्छा के बिना उसके घर पर ठहराती है तो यह क्रूरता के समान है।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने कहा:यदि अपीलकर्ता (पति) ने उसकी पेंशन या प्रतिवादी द्वारा अर्जित धन हड़प लिया होता तो प्रतिवादी (पत्नी) की मां उसके कोलाघाट स्थित घर पर नहीं रहती। किसी भी स्थिति में मौसमी पॉल (मित्र) और उसके परिवार के अन्य सदस्यों का पति की आपत्ति और असुविधा के बावजूद उसके घर पर लगातार मौजूद रहना रिकॉर्ड से प्रमाणित...

झगड़े में दोनों पक्ष शामिल होते हैं, क्रूरता के आधार पर तलाक देने का कारण नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
"झगड़े" में दोनों पक्ष शामिल होते हैं, क्रूरता के आधार पर तलाक देने का कारण नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा है कि पति और पत्नी के बीच 'झगड़े' के लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और यह वैवाहिक जीवन की सामान्य टूट-फूट का हिस्सा होगा और क्रूरता के आधार पर तलाक की अनुमति देने का आधार नहीं हो सकता।जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने कहा: "झगड़ा" शब्द, इसकी परिभाषा के अनुसार, दो पक्षों को शामिल करता है। जैसे, गलती को केवल एक विवाद या झगड़े के लिए पार्टियों में से एक के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, पीडब्ल्यू 2 का लगातार मामला...

संपत्ति के संवैधानिक अधिकार को राज्य के एमिनेंट डोमेन के संदर्भ में समझा जाना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट
'संपत्ति' के संवैधानिक अधिकार को राज्य के 'एमिनेंट डोमेन' के संदर्भ में समझा जाना चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना कि व्यापक सार्वजनिक हित के लिए राज्य की ओर से प्रयुक्त राइट ऑफ एमिनेंट डोमेन संविधान के अनुच्छेद 300 ए के तहत निजी भूमि स्वामियों को प्राप्‍त संपत्ति के संवैधानिक अधिकार पर प्रभावी होगा। उल्लेखनीय है कि Right Of Eminent Domain के तहत सरकार को सार्वजनिक हित के लिए उच‌ित मुआवजा देकर निजी संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार है। कोर्ट के समक्ष मौजूद मामल में जस्टिस अनिरुद्ध रॉय ने मेट्रो रेलवे निर्माण के लिए याचिकाकर्ता के परिसर को अधिग्रहित करने की अनुमति देते हुए कहा,...

संपत्ति के खरीदार द्वारा किरायेदारों से परिसर खाली करने या बेदखली का सामना करने का अनुरोध करना आपराधिक धमकी का दोषी नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
संपत्ति के खरीदार द्वारा किरायेदारों से परिसर खाली करने या बेदखली का सामना करने का अनुरोध करना आपराधिक धमकी का दोषी नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने संपत्ति के खरीदार के खिलाफ किरायेदारों द्वारा शुरू की गई धारा 506 IPC के तहत आपराधिक धमकी का मामला खारिज किया, जिसने किरायेदारों से परिसर खाली करने या बेदखली का सामना करने के लिए कहा था।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने कहा,"प्रतिवादी संख्या 2/शिकायतकर्ता गर्ग को सिविल मुकदमा दायर करना चाहिए। अप्रत्यक्ष उद्देश्यों के लिए आपराधिक प्रक्रिया शुरू करना कानून की दृष्टि से गलत है और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है। केस डायरी में मौजूद सामग्रियों से ऐसा प्रतीत होता है कि बेशक केवल एक ही...

अनुकंपा रोजगार प्रदान करते समय अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट
अनुकंपा रोजगार प्रदान करते समय अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने माना है कि अनुकंपा रोजगार प्रदान करने के मामलों में बच्चे के जन्म के स्रोत पर विचार करना और अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के साथ भेदभाव करना निंदनीय है।जस्टिस अनन्या बंदोपाध्याय ने कहा कि “परिवार में कमाने वाले की मृत्यु की स्थिति में उत्पन्न वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का उद्देश्य अचानक संकट और दरिद्रता को कम करने के लिए पर्याप्तता का साधन सुनिश्चित करता है, जिसे एक परिपत्र के आधार पर अस्पष्ट और अनुचित रूप से अस्वीकार नहीं किया जा सकता है...

[S.376 IPC] कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के साथ सहमति से संबंध बनाने के 7 साल बाद व्यक्ति के खिलाफ शादी का झूठा वादा करने का मामला खारिज किया
[S.376 IPC] कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के साथ सहमति से संबंध बनाने के 7 साल बाद व्यक्ति के खिलाफ शादी का झूठा वादा करने का मामला खारिज किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने महिला द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किए गए कथित बलात्कार का मामला खारिज किया, जिसके साथ वह सहमति से संबंध में थी।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने पाया कि शिकायतकर्ता ने 2013 में आरोपी के साथ शारीरिक संबंध बनाए और 2018 तक इसे जारी रखा जिसके बाद उसने 2020 में शिकायत दर्ज कराई।अदालत ने कहा,केस डायरी में उक्त सामग्रियों से इस अदालत को पता चलता है कि वास्तविक शिकायतकर्ता को पता था कि याचिकाकर्ता की शादी में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन फिर भी उसने घटना के समय लगभग 25 वर्ष की आयु में...

राज्य को राज्य की ओर से हुई गलती के कारण से रिटायर अधिकारी को दी गई अतिरिक्त राशि वसूलने का अधिकार नहीं : कलकत्ता हाईकोर्ट
राज्य को राज्य की ओर से हुई गलती के कारण से रिटायर अधिकारी को दी गई अतिरिक्त राशि वसूलने का अधिकार नहीं : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस राजशेखर मंथा और जस्टिस अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने माना कि यदि राज्य की ओर से हुई गलती के कारण कर्मचारी को अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया तो राज्य को रिटायर अधिकारी को दी गई अतिरिक्त राशि वसूलने का अधिकार नहीं है।मामले की पृष्ठभूमि के तथ्ययाचिकाकर्ता मूल रूप से भारतीय वायु सेना (IAF) में था। बाद में वह रिटायर हो गया और वर्ष 1995 में उसे पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय स्वयंसेवी बल द्वारा प्लाटून कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया। अपनी नौकरी के आरंभ में राज्य सरकार ने...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने वैवाहिक घर छोड़ने के 3 साल बाद पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर क्रूरता का मामला खारिज किया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने वैवाहिक घर छोड़ने के 3 साल बाद पति के खिलाफ पत्नी द्वारा दायर क्रूरता का मामला खारिज किया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पत्नी द्वारा अपने पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए के तहत दायर मामला खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपने वैवाहिक घर छोड़ने के तीन साल बाद उसके प्रति क्रूरता का आरोप लगाया था। जबकि पत्नी ने 2020 में पति का घर छोड़ दिया था, उसने 2023 में उस पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने कहा:दोनों मामलों में आरोप पक्षों के बीच वैवाहिक विवाद से उत्पन्न हुए हैं। यह भी देखा गया कि वर्ष 2020 से जब उसने पहला मामला दायर किया, तब से शिकायतकर्ता ने अपना वैवाहिक घर...

शराब पीकर गाड़ी चलाना महज लापरवाही नहीं, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों से जुड़ी दुर्घटनाओं में धारा 304 (II) जोड़ी जानी चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी
शराब पीकर गाड़ी चलाना महज लापरवाही नहीं, शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों से जुड़ी दुर्घटनाओं में धारा 304 (II) जोड़ी जानी चाहिए: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य के वकीलों पर जोर दिया कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के सभी मामलों में जहां दुर्घटना हुई, राज्य को आरोपी के खिलाफ धारा 304 (I) के बजाय धारा 304 (II) (गैर इरादतन हत्या) को आरोप के रूप में जोड़ना चाहिए न कि सिर्फ लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए।जस्टिस तीर्थंकर घोष ने कहा,"सामान्य लापरवाही से गाड़ी चलाना धारा 304 (I) ठीक है SC ने कानून तय कर दिया। गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को पता होना चाहिए कि वह शराब पीकर गाड़ी नहीं चला सकता। यह तथ्य लापरवाही नहीं है। सामान्य ड्राइविंग...

सह-आरोपी के बयान के साथ अभियोजन शुरू नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने भर्ती घोटाले के आरोपी सुजय कृष्ण भद्र को जमानत दी
सह-आरोपी के बयान के साथ अभियोजन शुरू नहीं हो सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने भर्ती घोटाले के आरोपी सुजय कृष्ण भद्र को जमानत दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भर्ती घोटाले के आरोपी सुजय कृष्ण भद्र को जमानत दी। भद्र की फर्म का संबंध अपराध की आय को एम/एस लीप्स एंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित करने से था, जो एआईटीसी सांसद अभिषेक बनर्जी से जुड़ी कंपनी है।जस्टिस शुभ्रा घोष ने जमानत मंजूर करते हुए कहा: मामला मूल रूप से याचिकाकर्ता और सह-आरोपी के बयान और उसके अनुसार की गई वसूली पर टिका है। अभियोजन ने वास्तव में पीएमएलए की धारा 50 के तहत तपस कुमार मंडल और कुंतल घोष के बयान के साथ शुरू किया। यह सामान्य कानून है कि अभियोजन पीएमएलए...

मामले के निपटारे के बावजूद वादी की अंडरटेकिंग का प्रवर्तन तब तक जारी रहेगा जब तक कि अंडरटेकिंग का निर्वहन नहीं हो जाता: कलकत्ता हाईकोर्ट
मामले के निपटारे के बावजूद वादी की अंडरटेकिंग का प्रवर्तन तब तक जारी रहेगा जब तक कि अंडरटेकिंग का निर्वहन नहीं हो जाता: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ, जिसमें जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस गौरांग कंठ शामिल थे, उन्होंने 22.11.2024 को राजस्थान उर्वरक एवं रासायनिक निगम लिमिटेड द्वारा मेसर्स बंगाल औद्योगिक निगम के भागीदारों के खिलाफ दायर अवमानना ​​याचिका से अपील को खारिज करते हुए कहा कि "GA/2/2022 में अवमाननाकर्ताओं द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग को लागू करने के लिए अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की गई है। किसी मुकदमेबाज द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग को लागू करना मामले के निपटारे के बावजूद तब तक जारी रहेगा जब तक अंडरटेकिंग को...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 साल पहले चलती ट्रेन से गिरकर मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को 8 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 साल पहले चलती ट्रेन से गिरकर मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को 8 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेलवे ट्रिब्यूनल के आदेश को पलट दिया और 2001 में चलती ट्रेन से गिरकर मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को ब्याज सहित 8 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने कहा,प्रस्तुत मूल टिकट और टिकट की संख्या दावे के आवेदन में दी गई संख्या के समान होने से प्रथम दृष्टया यह साबित होता है कि इस मामले में पीड़ित भारतीय रेलवे का वास्तविक यात्री था। एमओ की राय से संबंधित डी.पी. मेमो और उसकी प्रविष्टियां, ओ/सी बंत्रा की पी.एम. रिपोर्ट में दर्ज चोटें और यू.डी. मामले की...

बलात्कार पीड़िता तक पहुंच न होने का दावा करने वाला अभियुक्त अपने दावे को साबित करने के लिए पैटरनिटी टेस्ट की मांग कर सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट
बलात्कार पीड़िता तक पहुंच न होने का दावा करने वाला अभियुक्त अपने दावे को साबित करने के लिए पैटरनिटी टेस्ट की मांग कर सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में अभियुक्त को पैटरनिटी टेस्ट से गुजरने की अनुमति दी, जिससे वह अपने इस दावे को साबित कर सके कि कथित पीड़िता तक उसकी पहुंच नहीं है, जिसने दावा किया कि उसके द्वारा बलात्कार किया गया और बाद में वह गर्भवती हो गई।जस्टिस शम्पा (दत्त) पॉल ने दीपनविता रॉय बनाम रोनोब्रोटो रॉय के सुप्रीम कोर्ट के मामले पर भरोसा किया और कहा,"वर्तमान मामले में दोनों पक्षों के बीच कोई विवाह नहीं है। पीड़ित लड़की का दावा है कि बच्चा याचिकाकर्ता का है। दूसरी ओर, याचिकाकर्ता ने बच्चे के...

बेलडांगा सांप्रदायिक हिंसा | धार्मिक मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप साबित नहीं हुए, स्थिति नियंत्रण में: कलकत्ता हाईकोर्ट ने BSF, DM की रिपोर्ट दर्ज की
बेलडांगा सांप्रदायिक हिंसा | धार्मिक मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप साबित नहीं हुए, स्थिति नियंत्रण में: कलकत्ता हाईकोर्ट ने BSF, DM की रिपोर्ट दर्ज की

मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मुद्दे पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने इलाके में जमीनी हालात पर BSF और DIG से संयुक्त रिपोर्ट मांगी थी, क्योंकि याचिका में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की बात कही गई थी।जस्टिस हरीश टंडन और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद पाया कि एक खास समुदाय की धार्मिक मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से सांप्रदायिक हिंसा के आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में इलाके में मौजूदा सामान्य स्थिति का उल्लेख किया गया।...

यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होने के बाद से याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से हंगामा मचा रखा है: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी
यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होने के बाद से याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से हंगामा मचा रखा है: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि यूट्यूब पर अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के आगमन से ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जहां याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से हंगामा मचा रखा है।जस्टिस तीर्थंकर घोष ने याचिकाकर्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किए जा रहे मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।जस्टिस घोष ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने पहले भी वकील को नियुक्त किया था और वह इस मामले में पेश भी हुआ तो याचिकाकर्ता ने कहा कि हालांकि वकील को नियुक्त किया गया लेकिन वह इस अवसर पर...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर DM, BSF के DIG को बेलडांगा का दौरा करने का निर्देश दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर DM, BSF के DIG को बेलडांगा का दौरा करने का निर्देश दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट और BSF के DIG को नवंबर में कार्तिक पूजा के उत्सव के बाद से दो धार्मिक समुदायों के सदस्यों के बीच हुई सांप्रदायिक झड़पों की घटनाओं पर बेलडांगा क्षेत्र का दौरा करने का निर्देश दिया।जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा,"यह पता लगाने के लिए कि क्या धार्मिक संरचनाओं में कोई तोड़फोड़ हुई, पूरक हलफनामे में नामों का खुलासा किया गया। इसलिए हम मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट और सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक, राज्य मुख्यालय,...