हाईकोर्ट
आरोपी द्वारा हस्ताक्षरित विस्तृत रिकवरी मेमो गिरफ्तारी के आधारों की लिखित सूचना की आवश्यकता को पूरा करता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक विस्तृत रिकवरी मेमो (फर्द बरामदगी), जो उसी समय तैयार किया गया हो, जिसमें लागू की गई दंडात्मक धाराएं शामिल हों और जिस पर आरोपी के हस्ताक्षर हों, वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 22 (1) के तहत गिरफ्तारी के आधारों की लिखित रूप में सूचना देने की आवश्यकता को पूरा करता है।कोर्ट ने कहा कि जहां ऐसा कोई दस्तावेज़ मौजूद है, वहां औपचारिक गिरफ्तारी मेमो में आधारों की तकनीकी चूक घातक नहीं होगी, क्योंकि यह गिरफ्तारी के आधार की सूचना देने की आवश्यकता का पर्याप्त...
नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची ED
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसमें नेशनल हेराल्ड मामले में कथित तौर पर कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया गया।इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की संभावना है।ED ने 16 दिसंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी।ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि गांधी परिवार के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर अभियोजन शिकायत कानून के तहत मान्य...
एक ही मुद्दों पर IPR विवादों की सुनवाई एक साथ की जा सकती है, भले ही वे गैर-वाणिज्यिक अदालतों में लंबित हों: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक ही या मिलते-जुलते मुद्दों से जुड़े इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी विवादों की सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए ताकि समानांतर मामलों और विरोधाभासी फैसलों को रोका जा सके, भले ही उनमें से कुछ मामले गैर-वाणिज्यिक अदालतों में लंबित हों।कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रोसीजर कोड के तहत मामलों को ट्रांसफर करने की उसकी शक्ति व्यापक है और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी विवादों पर भी लागू होती है। यह शक्ति इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी डिवीजन (IPD) नियमों द्वारा सीमित नहीं है, जिसमें मुख्य रूप...
दावेदार अवॉर्ड के अलग किए गए हिस्से के लिए बिना लिमिटेशन बार के वैकल्पिक उपाय अपना सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि लिमिटेशन की गणना करते समय पिछली आर्बिट्रल कार्यवाही में बिताए गए समय को बाहर रखा जा सकता है, भले ही आर्बिट्रल अवॉर्ड का केवल एक हिस्सा रद्द किया गया हो और नई कार्यवाही किसी अलग एग्रीमेंट से शुरू हुई हो।जस्टिस संदीप वी मार्ने की सिंगल बेंच ने 17 दिसंबर, 2025 के आदेश में कहा कि आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट की धारा 43(4) ऐसे समय को बाहर रखने की अनुमति देती है, जब तक कि विवाद पिछली आर्बिट्रेशन का हिस्सा था।कोर्ट ने कहा,"जब ऐसे मामले में दावेदार मुकदमा दायर करता...
इस तरह शराब का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सनबर्न फेस्टिवल में शराब की खुली बिक्री की इजाज़त देने पर महाराष्ट्र सरकार से कहा
पहले सनबर्न फेस्टिवल में शराब की बिक्री को लेकर चिंता जताने वाली जनहित याचिका (PIL) पर, जो 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक मुंबई में हो रहा है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के इस कार्यक्रम में शराब की इजाज़त देने के फैसले पर सवाल उठाया, खासकर तब जब यह एक खुले मैदान में होने वाला है।चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की डिवीजन बेंच ने भी ऐसे कार्यक्रम में शराब की इजाज़त देने के फैसले पर चिंता जताई, जिसमें हजारों लोगों के आने की उम्मीद है, क्योंकि इस कार्यक्रम के लिए पहले...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1995 के धोखाधड़ी मामले में खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे की सज़ा पर रोक लगाने से इनकार किया, सज़ा निलंबित की
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) (अजित पवार गुट) के सीनियर नेता माणिकराव कोकाटे को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 1995 के धोखाधड़ी मामले में उनकी सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल उनकी सज़ा निलंबित कर दी है।सिंगल-जज जस्टिस राजेश लड्ढा ने कोकाटे द्वारा सीनियर वकील रवि कदम और वकील अनिकेत निकम के माध्यम से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कोर्ट से उनकी सज़ा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया, क्योंकि इससे उन्हें विधायक (MLA) के पद से हटाया या अयोग्य...
'बिजली अधिनियम की धारा 127(2) के तहत जमा की गई वैधानिक जमा राशि पर उपभोक्ता ब्याज का दावा नहीं कर सकता': बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 127(2) के तहत अनिवार्य रूप से जमा की गई राशि पर ब्याज का दावा करने का उपभोक्ता के पास कोई लागू करने योग्य वैधानिक अधिकार नहीं है, जब बिजली के अनधिकृत उपयोग के मूल्यांकन को अपील में रद्द कर दिया जाता है। कोर्ट ने कहा कि धारा 127(2) के तहत जमा राशि वैधानिक अपील को बनाए रखने के लिए एक पूर्व शर्त है और यह टैरिफ या उपभोग शुल्क के भुगतान के लिए नहीं है; लाइसेंसधारी पर ब्याज का भुगतान करने का पारस्परिक दायित्व बनाने वाले किसी भी स्पष्ट...
राहुल गांधी नागरिकता विवाद | BJP कार्यकर्ता ने रायबरेली में वकीलों पर 'जान से मारने की धमकी' देने का आरोप लगाया, हाईकोर्ट ने मामला लखनऊ ट्रांसफर किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत मामले को रायबरेली के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट-IV की कोर्ट से लखनऊ की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में तुरंत ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने इस तरह BJP कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर (मूल शिकायतकर्ता) द्वारा BNSS की धारा 447 के तहत दायर ट्रांसफर एप्लीकेशन को मंज़ूरी दी।अपनी ट्रांसफर याचिका में शिशिर ने रायबरेली कोर्ट में तनावपूर्ण और हिंसक...
सरासर उद्दंडता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CJM को जवाब देने के लिए सब-इंस्पेक्टर तैनात करने पर SSP को फटकारा, जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बदायूं के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उसे सरासर उद्दंडता करार दिया। अदालत ने SSP द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) को जवाब देने का काम एक सब-इंस्पेक्टर को सौंपने पर सख्त आपत्ति जताई और उनसे व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि उनके खिलाफ अलग से सिविल अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।जस्टिस जे.जे. मुनिर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ एक ऐसे आपराधिक अपील मामले की सुनवाई कर रही थी, जो वर्ष 1984 से लंबित है...
वकालतनामा स्टांप और सदस्यता शुल्क बढ़ाने को चुनौती: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान एडवोकेट कल्याण निधि (संशोधन) अधिनियम, 2020 को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। इस संशोधन अधिनियम के जरिए वकालतनामा पर लगने वाले कल्याण स्टांप शुल्क को चार गुना बढ़ाया गया। साथ ही राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि की सदस्यता शुल्क में भी वृद्धि की गई।याचिका में कहा गया कि राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1987 का मूल उद्देश्य अधिक से अधिक अधिवक्ताओं को इसके दायरे में लाना है ताकि उन्हें सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभ मिल सकें। हालांकि,...
POCSO अपराध में जमानत के दौरान शादी या बच्चे का जन्म अप्रासंगिक: एमपी हाईकोर्ट ने 20 साल की सजा बरकरार रखी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने हाल ही में अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि POCSO Act के तहत अपराधों में जमानत के दौरान आरोपी और पीड़िता के बीच हुई शादी या उस विवाह से संतान का जन्म, सजा में रियायत देने के लिए किसी भी तरह से प्रासंगिक नहीं माना जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सहानुभूति दिखाने का आधार नहीं बनता।जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस रामकुमार चौबे की खंडपीठ ने यह टिप्पणी साजन भट्ट द्वारा दायर आपराधिक अपील खारिज करते हुए की। अपील में आरोपी ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले...
कैश फॉर क्वेरी मामला: दिल्ली हाईकोर्ट से महुआ मोइत्रा को राहत, CBI चार्जशीट के लिए लोकपाल की मंजूरी रद्द
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता और सांसद महुआ मोइत्रा को बड़ी राहत देते हुए कैश फॉर क्वेरी विवाद से जुड़े मामले में लोकपाल द्वारा CBI को चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी देने का आदेश रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने लोकपाल के आदेश को कानून के प्रावधानों के विपरीत करार देते हुए कहा कि लोकपाल ने लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 के प्रावधानों को सही ढंग से नहीं समझा।जस्टिस अनिल क्षेतरपाल और जस्टिस हरिश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए लोकपाल से कहा कि वह मंजूरी...
Liberty To Bleed: मासिक धर्म अवकाश नीति
कर्नाटक सरकार ने हाल ही में एक सरकारी आदेश (जी. ओ.) जारी किया है जिसमें कामकाजी महिलाओं को प्रति वर्ष 12 दिनों की मासिक धर्म छुट्टी दी गई है। जीओ के ऑपरेटिव भाग में कहा गया है कि कारखानों, दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, बागानों, बीड़ी इकाइयों और मोटर परिवहन उपक्रमों में काम करने वाली 18 से 52 वर्ष की आयु की महिला कर्मचारी मासिक धर्म के कारण प्रति माह एक भुगतान अवकाश की हकदार हैं। बिहार पहला राज्य था, जिसने 1992 में एक दीर्घकालिक नीति शुरू की थी जो विशेष रूप से महिला सरकारी कर्मचारियों को...
शैक्षिक संघवाद का क्षरण: विश्वविद्यालय के कुलपतियों के लिए लड़ाई
भारत में कुलपति की नियुक्ति निरंतर संवैधानिक संघर्ष का एक क्षेत्र है। कई राज्य विश्वविद्यालय अधिनियमों में राज्यपाल को राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर के रूप में कार्य करने वाले प्रावधान हैं। केंद्र में सत्ता में पार्टी के आज के मंत्री या पदाधिकारी कल राज्यपाल हैं, और इसका उल्टा। चांसलर द्वारा वीसी के चयन की शक्ति, जो राज्यपाल, केंद्र की एक राजनीतिक नियुक्त व्यक्ति है, आज कुलपति नियुक्तियों में विवाद का सार है।हालांकि कई राज्य सरकारों ने राज्यपाल को चांसलर के रूप में हटाने के लिए नए...
'साफ़-साफ़ लिखें या ऑर्डर टाइप करवाएं': इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश- न्यायिक अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाए
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे सभी ज़िला जजों को फिर से निर्देश जारी करें ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले न्यायिक अधिकारियों को ऑर्डर शीट साफ़-साफ़ हैंडराइटिंग में लिखने या उसे टाइप करवाने के लिए संवेदनशील बनाया जा सके।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने 2018 के हत्या के प्रयास के मामले में बब्बू उर्फ हैदर द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।हालांकि, कोर्ट ने आखिरकार याचिकाकर्ता को ज़मानत दी, लेकिन उसने बागपत के एडिशनल...
यूपी पुलिस की नाकामी के बाद हाईकोर्ट का केंद्र सरकार से सवाल- क्या केंद्रीय एजेंसियां 1984 की अपील से जुड़े 'फरार' व्यक्ति का पता लगा सकती हैं?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से पूछा कि क्या 1984 के आपराधिक अपील से जुड़े एक दोषी को गिरफ्तार करने का काम केंद्रीय एजेंसियों को सौंपा जा सकता है।जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच ने यह आदेश तब दिया, जब उन्होंने पाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस मौलाना खुर्शीद जमाल कादरी को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिसे कोर्ट ने "निश्चित रूप से एक फरार" बताया।यह घटनाक्रम उसी बेंच द्वारा प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर की एक रिपोर्ट को स्वीकार करने से इनकार करने के हफ्तों...
मानहानिकारक वीडियो के लिए YouTube चैनल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा पतंजलि, मांगा ₹15.5 करोड़ का हर्जाना
पतंजलि फूड्स ने लोकप्रिय YouTube चैनल 'ट्रस्टिफाइड सर्टिफिकेशन' के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें अपनी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 10.5 करोड़ रुपये और अपने प्रोडक्ट 'न्यूट्रेला सोया चंक्स' के खिलाफ कथित तौर पर 'मानहानिकारक' वीडियो अपलोड करके अपने ब्रांड को नुकसान पहुंचाने के लिए 'विशेष हर्जाने' के तौर पर 5 करोड़ रुपये की मांग की।वकील अपूर्व श्रीवास्तव के माध्यम से दायर यह मुकदमा जस्टिस शर्मिला देशमुख की सिंगल-जज बेंच के सामने लिस्ट किया गया, जिनके सामने प्रतिवादी YouTube...
'हिस्ट्री-शीटर' वकीलों पर यूपी बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में कहा- ऐसे वकीलों के लाइसेंस किए जाएंगे सस्पेंड
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बताया कि उसने उन वकीलों के लाइसेंस सस्पेंड करने का सर्वसम्मत फैसला लिया है, जो पुलिस रिकॉर्ड में "हिस्ट्री-शीटर" या "गैंगस्टर" के तौर पर लिस्टेड हैं।यह बात 15 दिसंबर को जस्टिस विनोद दिवाकर की बेंच के सामने वकील मोहम्मद कफील की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही गई। कफील पर कई आपराधिक मामले चल रहे हैं, जिनमें यूपी गैंगस्टर एक्ट, जालसाजी, जबरन वसूली और आपराधिक साजिश के आरोप शामिल हैं।संक्षेप में मामलाकफील ने एडिशनल सेशंस जज, इटावा के आदेश को चुनौती देने...
यूनिफॉर्म से परे: SSC अधिकारियों को पेंशन और सेवा के बाद के अवसर क्यों मिलने चाहिए?
शॉर्ट सर्विस कमीशन प्रणाली की संरचना को भारतीय सशस्त्र बलों में युवा और गतिशील प्रतिभा को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। शॉर्ट सर्विस कमीशन निश्चित रूप से उन व्यक्तियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है जो नहीं चाहते कि रक्षा सेवाएं अपना स्थायी पेशा बनाएं और तीनों सेवाओं में अधिकारियों की सैन्य कमी को भी पूरा करें। वर्ष 2006 से पहले एक लंबे समय तक, एसएससी 5 साल की अवधि रहने के लिए पात्र था, जिसके बाद इसे और 5 साल की अवधि तक बढ़ाया जा सकता था, जिसे आगे 4 साल की अवधि तक बढ़ाया जा सकता...
सिर कलम करने की मांग पैगंबर का अपमान, उन्होंने बुराई को अच्छाई से दूर किया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुर्व्यवहार के बावजूद महिला के प्रति उनकी दयालुता को याद किया
"गुस्ताख-ए-नबी की एक सजा, सर तन से जुदा" (पैगंबर का अपमान करने की एकमात्र सजा सिर कलम करना है) नारे के इरादे की निंदा करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह "पैगंबर मोहम्मद के आदर्शों का अपमान करने के अलावा और कुछ नहीं है"।हाईकोर्ट ने कहा कि पैगंबर ने कभी भी किसी व्यक्ति का सिर कलम करने की इच्छा नहीं जताई, यहां तक कि उन लोगों का भी नहीं जिन्होंने उन्हें व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचाया है।बरेली हिंसा में शामिल एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए महत्वपूर्ण आदेश में जस्टिस अरुण...




















