हाईकोर्ट
असम पंचायत नियमों का नियम 47(1) सिर्फ़ बाज़ार सेटलमेंट के लिए सबसे ज़्यादा बोली की सीमा तय करता है, सबसे कम सही दर तय नहीं करता: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि असम पंचायत (वित्तीय) नियम, 2002 का नियम 47(1) सिर्फ़ बाज़ारों के सेटलमेंट के लिए ऊपरी सीमा तय करता है और कानूनी योजना में किसी न्यूनतम या "सबसे कम सही" बोली की शर्त को पढ़ने की अनुमति नहीं देता है।कोर्ट ने आगे कहा कि टेंडर से जुड़े आंकड़ों से निकाले गए प्रशासनिक नोटिस या अनुमानों का इस्तेमाल नियम 47(1) में ऐसी शर्तें जोड़ने के लिए नहीं किया जा सकता, जो नियम में खुद नहीं दी गईं।जस्टिस देवाशीष बरुआ ने नियम 47(1) के दायरे की जांच करते हुए कहा,"ऊपर बताए गए नियम को देखने...
HSVP प्लॉट के देरी से अलॉटमेंट के लिए विस्थापितों से 'मौजूदा कीमत' नहीं वसूल सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ₹3 लाख का जुर्माना लगाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP, पहले HUDA) ज़मीन से विस्थापित लोगों को अलॉट किए गए प्लॉट के लिए मौजूदा रिज़र्व कीमत नहीं वसूल सकता, जब अलॉटमेंट में देरी खुद अथॉरिटी की वजह से हुई हो। कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि राजीव मनचंदा बनाम HUDA मामले में फुल बेंच के फैसले के अनुसार 11% ब्याज लगाना "उचित ब्याज" नहीं है और निर्देश दिया कि इसके बजाय 5.5% ब्याज लिया जाए।कोर्ट विस्थापितों को अलॉट किए गए प्लॉट की कीमत तय करने, ब्याज और पेमेंट के तरीके से जुड़े...
S. 11 Cattle Preservation Act | सर्कल ऑफिसर को परिसर में घुसने, जांच करने का अधिकार हो सकता है, लेकिन उसे सील करने का नहीं: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि असम पशु संरक्षण अधिनियम (Cattle Preservation Act) 2021 की धारा 11 के तहत सर्कल ऑफिसर को ऐसे परिसर में घुसने और जांच करने का अधिकार दिया जा सकता है, जहां कानून का उल्लंघन हुआ हो, जिसमें एक मांस की दुकान भी शामिल है। हालांकि ऑफिसर के पास परिसर को सील करने का कोई अधिकार या क्षेत्राधिकार नहीं है।कोर्ट ने कहा कि कानून ऐसे अधिकारियों को परिसर में घुसने और जांच करने और वहां मिली सामग्री को जब्त करने की अनुमति देता है, लेकिन यह परिसर को पूरी तरह से सील करने तक नहीं है, जहां...
मुकदमेबाजी में पड़ने के बजाय हार मानना सीखें: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुकदमा लड़ रहे भाई-बहनों को दी सलाह, रिश्तों के महत्व पर भी दिया ज़ोर
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सीनियर सिटीजन भाई-बहन की जोड़ी को अपने माता-पिता की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का सुझाव देते हुए कहा, "भाई-बहनों को मुकदमेबाजी में पड़ने के बजाय हार मानना सीखना चाहिए।"सिंगल-जज जस्टिस जितेंद्र जैन ने मानहानि के मुकदमे में भाई-बहन द्वारा अपनी दलीलों में 'अपमानजनक भाषा' के इस्तेमाल पर ध्यान देते हुए हमारे देश में 'रक्षा बंधन' और 'भाई दूज' के महत्व पर ज़ोर दिया।19 दिसंबर को पारित आदेश में जज ने कहा,"मौजूदा कार्यवाही के तथ्य इस कोर्ट...
Specific Performance | जब वादी दावा करता है कि सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट ने टाइमलाइन बढ़ाई तो लिमिटेशन सुनवाई योग्य मुद्दा: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने हाल ही में कहा कि किसी कॉन्ट्रैक्ट के स्पेसिफिक परफॉर्मेंस के लिए दायर मुकदमे को ऑर्डर VII रूल 11 सिविल प्रोसीजर कोड (CPC) के तहत समय-बाधित होने के आधार पर शुरुआती दौर में ही खारिज नहीं किया जा सकता, अगर वादी ने साफ तौर पर यह दलील दी कि बाद में किए गए सप्लीमेंट्री एग्रीमेंट ने परफॉर्मेंस के लिए मूल टाइमलाइन को बढ़ा दिया।जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में यह सवाल कि क्या मुकदमा लिमिटेशन से बाधित है, कानून और तथ्य का एक मिला-जुला सवाल है,...
अनुकंपा नियुक्ति अधिकार नहीं, आवेदक की वैवाहिक स्थिति, पारिवारिक आय और निर्भरता प्रासंगिक: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दोहराया कि अनुकंपा नियुक्ति कोई निहित अधिकार नहीं है, बल्कि एक रियायत है, जिसे नीति के अनुसार सख्ती से दिया जाना चाहिए और केवल सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु के कारण होने वाली तत्काल वित्तीय कठिनाई को कम करने के लिए दिया जाना चाहिए।एक रिट याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने एक विवाहित बेटी के अनुकंपा नियुक्ति का दावा खारिज करने का फैसला यह मानते हुए सही ठहराया कि अथॉरिटी उसके वैवाहिक स्थिति, पति की आय, अन्य कमाने वाले भाई-बहनों की मौजूदगी और लगातार निर्भरता की...
'बेबुनियाद दावों से सक्षम अधिकारियों के दस्तावेज़ों को अमान्य नहीं किया जा सकता': जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी मामलों में खास दलीलों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया
धोखाधड़ी का आरोप लगाते समय सटीक दलीलों की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दस्तावेज़ों की सच्चाई के बारे में बड़े और बेबुनियाद आरोप लगाने से ऐसे दस्तावेज़ अविश्वसनीय नहीं हो जाएंगे।जस्टिस संजय धर की बेंच ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी मुक़दमेबाज़ के लिए यह ज़रूरी है कि वह कथित धोखाधड़ी का पूरा ब्यौरा सबूतों के साथ दे।ये टिप्पणियां एक याचिका खारिज करते हुए की गईं, जिसमें पेट्रोलियम आउटलेट की स्थापना के लिए वैधानिक अधिकारियों...
ऐसे उल्लंघन जिनके लिए पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं: पर्सनैलिटी राइट्स के नुकसान की अंतहीन प्रकृति
एक ऐसे युग में जहां डिजिटल संचार ने भौगोलिक सीमाओं को भंग कर दिया है, व्यक्तिगत पहचान एक मुक्त-फ्लोटिंग संपत्ति बन गई है जो बिना अनुमति के विश्व स्तर पर यात्रा करने में सक्षम है। एक व्यक्ति का चेहरा, नाम, आवाज, आंदोलन और व्यवहार संबंधी लक्षण अब खतरनाक आसानी से प्रसारित होते हैं, जो अक्सर वास्तविकता से पूरी तरह से अलग संदर्भों में दिखाई देते हैं। इक्कीसवीं शताब्दी की परेशान करने वाली सच्चाई यह है कि व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन के लिए पासपोर्ट या पुष्ट यात्रा टिकट की आवश्यकता नहीं होती है। वे...
कॉलेजियम को समझदार बनना होगा: न्यायिक नियुक्तियां संयोग पर निर्भर क्यों नहीं हो सकतीं?
भारत की न्यायिक नियुक्ति प्रणाली एक विडंबना पर टिकी हुई है जिसका उसने कभी भी पूरी तरह से सामना नहीं किया है। यह एक संरचना है जिसे न्यायपालिका को कार्यकारी सनक से बचाने के लिए तैयार किया गया है, फिर भी यह आंतरिक दुर्घटना के लिए पूरी तरह से असुरक्षित बनी हुई है। जो किसी दिए गए दिन कॉलेजियम में बैठता है, जो एक सप्ताह पहले सेवानिवृत्त हो चुका है, और जो तकनीकी रूप से मौजूद है लेकिन व्यावहारिक रूप से बाहर रखा गया है, वह ऊंचाई और ग्रहण के बीच अंतर कर सकता है। यह संवैधानिक योजना नहीं है। यह संस्थागत...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी के खिलाफ MBBS एडमिशन धोखाधड़ी मामला रद्द किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित MBBS एडमिशन के संबंध में धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप वाली लगभग दो दशक पुरानी आपराधिक शिकायत रद्द की। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर सिर्फ इसलिए आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि किसी तीसरे पक्ष ने कथित तौर पर उनके नाम और दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करके शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी की थी।जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,"शिकायतकर्ता के साथ सचिन शाह द्वारा किए गए गलत बयानी के आधार पर पैसे की धोखाधड़ी की गई। यह गलत बयानी याचिकाकर्ता नंबर...
फॉरेंसिक ऑडिट में गंभीर खामियां: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के खिलाफ फ्रॉड कार्यवाही पर लगाई रोक
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिलायंस समूह के संस्थापक और चेयरमैन अनिल अंबानी को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ भारतीय ओवरसीज बैंक, IDBI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा शुरू की गई फ्रॉड वर्गीकरण की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाई।अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया कि जिस फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर यह कार्यवाही शुरू की गई, वह कानूनी और वैधानिक मानकों पर खरी नहीं उतरती।जस्टिस मिलिंद एन. जाधव की एकल पीठ ने कहा कि 15 अक्टूबर 2020 को BDO LLP द्वारा तैयार की गई फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट RBI की फ्रॉड से संबंधित मास्टर...
लापता व्यक्तियों की तलाश में सरकार की उदासीनता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, गृह विभाग के प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब
लापता व्यक्तियों की तलाश में राज्य प्रशासन के लचर और उदासीन रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने उनसे न केवल एक याचिकाकर्ता की शिकायत पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है बल्कि यह भी स्पष्ट करने को कहा कि 1 जनवरी, 2024 के बाद राज्य के पोर्टल पर कितनी गुमशुदगी की शिकायतें दर्ज हुईं और उनमें से कितने मामलों में लोगों को खोज निकाला गया।यह आदेश जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस बबीता रानी की...
दिल्ली की हवा आपातकाल जैसी: हाईकोर्ट ने केंद्र से एयर प्यूरीफायर पर लगी अस्थायी GST राहत पर विचार करने को कहा
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे आपातकालीन स्थिति करार दिया और केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अस्थायी राहत देने पर विचार करने को कहा।कोर्ट ने कहा कि कम से कम अस्थायी तौर पर एक सप्ताह या एक महीने के लिए GST में छूट दी जानी चाहिए।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उन पर लगने वाले 18 प्रतिशत GST को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर...
POCSO Act की धारा 5(सी) लागू नहीं: उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद क्यों निलंबित हुई, दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया
दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करते हुए अहम कानूनी टिप्पणी की।हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि सेंगर के खिलाफ POCSO Act की धारा 5(सी) के तहत गंभीर (एग्रेवेटेड) यौन अपराध का मामला नहीं बनता, जिस आधार पर ट्रायल कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि सेंगर को पॉक्सो अधिनियम की धारा 5(सी) या भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(बी)...
DRAT में रिक्तियों से अपील का अधिकार नहीं हो सकता निष्प्रभावी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि ऋण वसूली कानून के तहत उपलब्ध वैधानिक अपीलीय उपाय को केवल इस आधार पर निष्प्रभावी नहीं बनाया जा सकता कि संबंधित ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (DRAT) में रिक्तियां हैं या प्रशासनिक व प्रक्रियागत बाधाएं मौजूद हैं।जस्टिस अनिल क्षेतरपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दो नीलामी खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि सामान्यतः जब कोई वैकल्पिक वैधानिक अपील उपलब्ध होती है तो हाईकोर्ट रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं...
महार समुदाय को लेकर आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल पर दर्ज SC/ST Act का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठी टीवी चैनल स्टार प्रवाह के खिलाफ दर्ज अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के तहत FIR रद्द करते हुए अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि किसी धारावाहिक में केवल किसी जाति या समुदाय के नाम का उल्लेख मात्र, अपने आप में SC/ST Act के तहत अपराध नहीं बनता, जब तक कि उसके पीछे जानबूझकर अपमान, डराने या नीचा दिखाने की मंशा स्पष्ट रूप से साबित न हो।यह फैसला जस्टिस मनीष पितले और मंजुषा देशपांडे की खंडपीठ ने मंगलवार (23 दिसंबर) को सुनाया।यह मामला मराठी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने IPL 2012 के लिए आयात किए गए ब्रॉडकास्ट डिवाइसेज पर कस्टम ड्यूटी रखी बरकरार, गलत घोषणा को 'जानबूझकर' की गई माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में उस कस्टम ड्यूटी को बरकरार रखा है, जिसे कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स सेटलमेंट कमीशन ने उस कंपनी पर लगाया था, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आईपीएल 2012 की कवरेज के लिए ब्रॉडकास्ट उपकरण और संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया था।जस्टिस प्रतीबा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में, चूंकि आयात अस्थायी (temporary) प्रकृति का था और उपकरणों को पुनः निर्यात किया जाना था, इसलिए याचिकाकर्ता को...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अंडरट्रायल कैदियों के ट्रांसफर पर महबूबा मुफ्ती की PIL खारिज की
जनहित याचिका की संवैधानिक सीमाओं की पुष्टि करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख के हाईकोर्ट ने PDP अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर PIL खारिज की। कोर्ट ने कहा कि याचिका में "ज़रूरी दस्तावेज़ों की कमी थी और यह अस्पष्टता पर आधारित है" और यह अधूरी, अस्पष्ट और बिना सबूत वाले दावों पर टिकी है।चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस रजनेश ओसवाल की डिवीजन बेंच ने रिट क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करने से यह देखते हुए इनकार किया कि याचिका में कोर्ट के सामने किसी भी अंडरट्रायल कैदी के एक भी विशिष्ट...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'सात समुंदर पार' गीत के उपयोग पर अंतरिम रोक से इनकार किया
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़े एक मामले में Trimurti Films Pvt. Ltd. को अंतरिम (ad-interim) राहत देने से इनकार कर दिया। यह मामला 1992 की फिल्म विश्वात्मा के लोकप्रिय गीत “सात समुंदर पार” के उपयोग से संबंधित है, जिसे आगामी हिंदी फिल्म Tu Meri Main Tera Main Tera Tu Meri में इस्तेमाल किया गया है। अदालत ने क्रिसमस रिलीज़ के लिए निर्धारित Dharma Productions की इस फिल्म में गीत के उपयोग पर रोक लगाने से मना कर दिया।यह आदेश एकल पीठ में जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख ने पारित...
सात साल या उससे ज़्यादा की सज़ा वाले अपराधों के लिए भी अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनवाई योग्य: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने साफ़ किया कि अग्रिम ज़मानत याचिका पर फ़ैसला करने का अधिकार रखने वाली सेशंस कोर्ट का यह कर्तव्य है कि वह याचिका पर गुण-दोष के आधार पर फ़ैसला करे, या तो उसे मंज़ूर करे या खारिज करे, और ऐसा किए बिना वह ऐसी किसी याचिका का निपटारा नहीं कर सकती। कोर्ट ने आगे साफ़ किया कि सिर्फ़ इसलिए अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनने पर कोई कानूनी रोक नहीं है, क्योंकि कथित अपराध में सात साल या उससे ज़्यादा की जेल की सज़ा हो सकती है।ये टिप्पणियां जस्टिस जितेंद्र कुमार की सिंगल जज बेंच ने आपराधिक विविध...




















