हाईकोर्ट
DRAT में रिक्तियों से अपील का अधिकार नहीं हो सकता निष्प्रभावी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि ऋण वसूली कानून के तहत उपलब्ध वैधानिक अपीलीय उपाय को केवल इस आधार पर निष्प्रभावी नहीं बनाया जा सकता कि संबंधित ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (DRAT) में रिक्तियां हैं या प्रशासनिक व प्रक्रियागत बाधाएं मौजूद हैं।जस्टिस अनिल क्षेतरपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दो नीलामी खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि सामान्यतः जब कोई वैकल्पिक वैधानिक अपील उपलब्ध होती है तो हाईकोर्ट रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं...
महार समुदाय को लेकर आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल पर दर्ज SC/ST Act का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठी टीवी चैनल स्टार प्रवाह के खिलाफ दर्ज अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के तहत FIR रद्द करते हुए अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि किसी धारावाहिक में केवल किसी जाति या समुदाय के नाम का उल्लेख मात्र, अपने आप में SC/ST Act के तहत अपराध नहीं बनता, जब तक कि उसके पीछे जानबूझकर अपमान, डराने या नीचा दिखाने की मंशा स्पष्ट रूप से साबित न हो।यह फैसला जस्टिस मनीष पितले और मंजुषा देशपांडे की खंडपीठ ने मंगलवार (23 दिसंबर) को सुनाया।यह मामला मराठी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने IPL 2012 के लिए आयात किए गए ब्रॉडकास्ट डिवाइसेज पर कस्टम ड्यूटी रखी बरकरार, गलत घोषणा को 'जानबूझकर' की गई माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में उस कस्टम ड्यूटी को बरकरार रखा है, जिसे कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स सेटलमेंट कमीशन ने उस कंपनी पर लगाया था, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आईपीएल 2012 की कवरेज के लिए ब्रॉडकास्ट उपकरण और संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया था।जस्टिस प्रतीबा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में, चूंकि आयात अस्थायी (temporary) प्रकृति का था और उपकरणों को पुनः निर्यात किया जाना था, इसलिए याचिकाकर्ता को...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अंडरट्रायल कैदियों के ट्रांसफर पर महबूबा मुफ्ती की PIL खारिज की
जनहित याचिका की संवैधानिक सीमाओं की पुष्टि करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख के हाईकोर्ट ने PDP अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर PIL खारिज की। कोर्ट ने कहा कि याचिका में "ज़रूरी दस्तावेज़ों की कमी थी और यह अस्पष्टता पर आधारित है" और यह अधूरी, अस्पष्ट और बिना सबूत वाले दावों पर टिकी है।चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस रजनेश ओसवाल की डिवीजन बेंच ने रिट क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करने से यह देखते हुए इनकार किया कि याचिका में कोर्ट के सामने किसी भी अंडरट्रायल कैदी के एक भी विशिष्ट...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'सात समुंदर पार' गीत के उपयोग पर अंतरिम रोक से इनकार किया
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़े एक मामले में Trimurti Films Pvt. Ltd. को अंतरिम (ad-interim) राहत देने से इनकार कर दिया। यह मामला 1992 की फिल्म विश्वात्मा के लोकप्रिय गीत “सात समुंदर पार” के उपयोग से संबंधित है, जिसे आगामी हिंदी फिल्म Tu Meri Main Tera Main Tera Tu Meri में इस्तेमाल किया गया है। अदालत ने क्रिसमस रिलीज़ के लिए निर्धारित Dharma Productions की इस फिल्म में गीत के उपयोग पर रोक लगाने से मना कर दिया।यह आदेश एकल पीठ में जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख ने पारित...
सात साल या उससे ज़्यादा की सज़ा वाले अपराधों के लिए भी अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनवाई योग्य: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने साफ़ किया कि अग्रिम ज़मानत याचिका पर फ़ैसला करने का अधिकार रखने वाली सेशंस कोर्ट का यह कर्तव्य है कि वह याचिका पर गुण-दोष के आधार पर फ़ैसला करे, या तो उसे मंज़ूर करे या खारिज करे, और ऐसा किए बिना वह ऐसी किसी याचिका का निपटारा नहीं कर सकती। कोर्ट ने आगे साफ़ किया कि सिर्फ़ इसलिए अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनने पर कोई कानूनी रोक नहीं है, क्योंकि कथित अपराध में सात साल या उससे ज़्यादा की जेल की सज़ा हो सकती है।ये टिप्पणियां जस्टिस जितेंद्र कुमार की सिंगल जज बेंच ने आपराधिक विविध...
इलाहाबाद हाईकोर्ट: केवल धारा 313 CrPC के बयान के आधार पर दोषसिद्धि अवैध, 24 साल बाद डकैती के आरोपी को बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में डकैती के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे व्यक्ति की दोषसिद्धि को रद्द करते हुए अहम टिप्पणी की कि केवल धारा 313 CrPC के अंतर्गत दिए गए कथित स्वीकारोक्ति/बयान के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, खासकर तब जब अभियोजन पक्ष कोई भी पुष्टिकरण या आपराधिक साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा हो।यह फैसला जस्टिस जे.जे. मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ ने दिया। अदालत ने मामले के “दुखद पहलू” पर जोर देते हुए कहा कि अपीलकर्ता आजाद खान लगभग 24 वर्षों तक जेल में बंद...
SHANTI Act 2025: परमाणु विस्तार में निजी भागीदार के लिए पर्यावरण की अनदेखी
हाल ही में संसद ने सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया बिल, 2025 (SHANTI विधेयक) पारित किया है, जो अब राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा में है। यह विधेयक भारत के परमाणु ऊर्जा ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी को तेज़ी से बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह भारत में परमाणु ऊर्जा से संबंधित कानूनों के इतिहास में पहली बार है कि निजी खिलाड़ियों के लिए इस क्षेत्र को इस स्तर पर खोला जा रहा है।यह देश के किसी भी परमाणु ऊर्जा से जुड़े कानून के लिए पहला होगा,...
मासिक धर्म अवकाश का मामला: इसे श्रम कानूनों में वैधानिक अधिकार के रूप में क्यों संहिताबद्ध किया जाना चाहिए?
2025 के अंत में कर्नाटक सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए 12-दिवसीय अनिवार्य सवेतन मासिक धर्म अवकाश को अधिसूचित करके लैंगिक-संवेदनशील श्रम सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। संविधान के अनुच्छेद 15(3) के तहत एक प्रगतिशील जीत के रूप में मनाए जाने के बावजूद, यह कदम कर्नाटक हाईकोर्ट में मैनेजमेंट ऑफ अविराटा एएफएल कनेक्टिविटी सिस्टम्स लिमिटेड बनाम कर्नाटक राज्य, डब्ल्यू पी नंबर 36659/2025 (कर्नाटक हाईकोर्ट, 18 दिसंबर, 2025) के मामले में पहुंच गया है। जबकि न्यायालय "कार्यकारी बनाम विधायी" शक्ति पर...
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर के फेज-II निर्माण के लिए ₹197.13 करोड़ की मंज़ूरी दी
मध्य प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने सोमवार, 22 दिसंबर, 2025 को धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर के स्थायी परिसर में फेज–II निर्माण कार्य के लिए ₹197 करोड़ 13 लाख की राशि को स्वीकृति प्रदान की है। इस स्वीकृत राशि से विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, स्टाफ आवास, कैंपस की बाउंड्री वॉल तथा अन्य आवश्यक सहायक अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) का निर्माण किया जाएगा।वर्तमान में धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बी.ए. एल.एल.बी. (ऑनर्स), एल.एल.एम. एवं पीएच.डी. कार्यक्रम संचालित किए...
उन्नाव रेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित की, कड़ी शर्तों पर रिहाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (23 दिसंबर) को उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए और आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया। अदालत ने यह राहत उनकी अपील लंबित रहने तक सशर्त दी है।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि सेंगर की सजा निलंबित की जा रही है लेकिन उस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।अदालत ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और समान राशि की तीन जमानतों पर रिहा करने का निर्देश...
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश: स्मृति ईरानी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली शूटर वर्तिका सिंह के खिलाफ जालसाजी का केस रद्द
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अंतरराष्ट्रीय शूटर और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वर्तिका सिंह के खिलाफ दर्ज जालसाजी और मानहानि से जुड़े आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया।अदालत ने कहा कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि वर्तिका सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) या तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यालय के नाम से कथित पत्रों की जालसाजी की थी।जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप महज अनुमान पर आधारित हैं और रिकॉर्ड पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे...
फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट को चुनौती देनी है तो भारत लौटिए: बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजय माल्या से कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि वह फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 (FEO Act) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं तो उन्हें भारत लौटकर अदालत के अधिकार क्षेत्र के अधीन आना होगा।अदालत ने माल्या से यह भी कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर यह बताएँ कि वह भारत कब लौटने का प्रस्ताव रखते हैं।चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखाड़ की खंडपीठ विजय माल्या द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।एक याचिका में FEO Act की वैधता को...
सुनील गावस्कर के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा: दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध मर्चेंडाइज बिक्री और फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर के पर्सनैलिटी राइट्स की रक्षा करते हुए उनके नाम, छवि और पहचान का दुरुपयोग कर की जा रही अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने मंगलवार को अंतरिम आदेश पारित करते हुए अनधिकृत मर्चेंडाइज की बिक्री से जुड़े ऑनलाइन लिस्टिंग हटाने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से आपत्तिजनक पोस्ट्स को तत्काल टेक-डाउन करने के निर्देश दिए।अदालत ने यह आदेश उन याचिकाओं पर पारित किया, जिनमें आरोप लगाया गया कि विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर सुनील...
एकल बोली के आधार पर ई-नीलामी रद्द नहीं कर सकता राजस्थान हाउसिंग बोर्ड: हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि केवल इस आधार पर कि किसी ई-नीलामी में एक ही बोलीदाता शामिल हुआ राजस्थान हाउसिंग बोर्ड नीलामी को रद्द नहीं कर सकता।अदालत ने स्पष्ट किया कि जब बोलीदाता ने सभी निर्धारित शर्तों का विधिवत पालन किया हो तब प्रतिस्पर्धा की कमी या एकल बोली को नीलामी रद्द करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।जस्टिस नूपुर भाटी एक याचिका पर सुनवाई कर रही थीं जिसमें याचिकाकर्ता ने राजस्थान हाउसिंग बोर्ड द्वारा आयोजित ई-नीलामी में एक व्यावसायिक भूखंड के लिए सबसे ऊंची बोली लगाई...
हुक या क्रुक से जीतने वाला सामान्य पक्षकार नहीं है सरकार: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य की आक्रामक मुकदमेबाजी पर कड़ी फटकार, 1 लाख का जुर्माना
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आक्रामक और गैर-जिम्मेदाराना मुकदमेबाजी पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि सरकार कोई साधारण वादी नहीं है, जो अपने ही नागरिक के खिलाफ किसी भी तरह से मामला जीतने की कोशिश करे।अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य का दायित्व न्यायपूर्ण आचरण का है न कि तकनीकी दांव-पेंच अपनाकर कमजोर पक्ष पर अनुचित बढ़त हासिल करने का।चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ एक सिविल रिव्यू याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के खिलाफ...
एक ही गलती पर दो बार सजा नहीं दी जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CISF कांस्टेबल को राहत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में स्पष्ट किया कि किसी कर्मचारी को एक ही कदाचार के लिए एक से अधिक बार दंडित नहीं किया जा सकता। इसी सिद्धांत को दोहराते हुए कोर्ट ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक कांस्टेबल को राहत प्रदान की, जिसे पहले ही उसी कथित कदाचार के लिए लघु दंड दिया जा चुका था लेकिन बाद में उसी आधार पर उसे बड़ी सजा के समान दुष्परिणाम भुगतने पड़े।जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने कहा,“कोई भी व्यक्ति एक ही कदाचार के लिए एक से अधिक बार दंडित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने माना कि...
BNS | सोसाइटी गेट, स्कूल बस स्टॉप पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोकना 'गलत रोक' नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि अगर कोई व्यक्ति हाउसिंग सोसायटी की ज़रूरी जगहों जैसे एंट्री/एग्जिट पॉइंट, स्कूल बस स्टॉप वगैरह पर आवारा कुत्तों को खाना खिला रहा है, जो 'तय जगहें' नहीं हैं, उसे दूसरे सोसाइटी मेंबर खाना खिलाने से रोकते हैं तो वह भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 126 (गलत रोक) के तहत शिकायत दर्ज नहीं कर सकता।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस संदेश पाटिल की डिवीजन बेंच ने पुणे के हिंजेवाड़ी इलाके की सोसाइटी के रहने वाले अयप्पा स्वामी के खिलाफ दर्ज फर्स्ट इंफॉर्मेशन...
Mumbai Air Pollution: बुलेट ट्रेन, मेट्रो लाइन 2B, नई हाईकोर्ट साइट प्रदूषण फैलाने वालों में शामिल- हाईकोर्ट
मुंबई और नवी मुंबई में कई कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हवा प्रदूषण रोकने के दिशानिर्देशों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन होने की जानकारी मिलने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मौखिक रूप से नागरिक अधिकारियों से ऐसे सभी उल्लंघन करने वालों को 'काम रोकने के नोटिस' जारी करने को कहा, जिसमें बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, मेट्रो 2B लाइन, प्रस्तावित नई हाईकोर्ट बिल्डिंग वगैरा की कंस्ट्रक्शन साइट्स शामिल हैं।चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की डिवीजन बेंच को हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त चार सदस्यीय कमेटी द्वारा...
'हत्या सामाजिक बदला नहीं थी, दोषी 60 साल से ज़्यादा उम्र का': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सिर काटने के मामले में मौत की सज़ा कम की
यह देखते हुए कि हत्या परिवार की संपत्ति के विवाद से पैदा हुई निजी दुश्मनी के कारण हुई थी, न कि "सामाजिक बदले" के कारण, साथ ही दोषी 60 साल से ज़्यादा उम्र का है और उसका हिंसक व्यवहार का कोई इतिहास नहीं है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने छोटे भाई की हत्या और सिर काटने के दोषी एक व्यक्ति की मौत की सज़ा कम कर दी है।भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 और 201 के तहत दोषसिद्धि बरकरार रखते हुए कोर्ट ने पाया कि यह मामला मौत की सज़ा के लिए "दुर्लभ से दुर्लभतम" श्रेणी में नहीं आता है। इसके बजाय दोषी को...




















