हाईकोर्ट
S. 321 CrPC | सिर्फ़ राज्य सरकार की प्रॉसिक्यूशन वापस लेने की मंशा बाध्यकारी नहीं, PP और कोर्ट द्वारा स्वतंत्र जांच ज़रूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी खास मामले में राज्य सरकार द्वारा प्रॉसिक्यूशन वापस लेने की "सिर्फ़ मंशा ज़ाहिर करना" न तो कोर्ट को बाध्य करता है, न ही पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और न्यायपालिका द्वारा स्वतंत्र जांच की कानूनी ज़रूरत को कम करता है।धोखाधड़ी और SC-ST Act के तहत अपराधों से जुड़े एक मामले में चार आरोपियों द्वारा दायर आपराधिक अपील खारिज करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने ज़ोर दिया कि CrPC की धारा 321 के तहत प्रॉसिक्यूशन वापस लेना तभी मंज़ूर है, जब पब्लिक प्रॉसिक्यूटर...
जनहित से जुड़े शांतिपूर्ण आंदोलनों पर दर्ज मामलों की वापसी को मंजूरी: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक पूर्व विधायक एवं राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री के खिलाफ दर्ज अभियोजन को वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा है कि एफआईआर में जिस कथित जन-अशांति का उल्लेख है, वह जनहित से जुड़े मुद्दों के कारण उत्पन्न हुई थी और इसके पीछे कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं था।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने यह पाया कि आरोप पानी की किल्लत तथा प्रशासन से न्याय की मांग जैसे विषयों पर किए गए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों से संबंधित थे, जिनसे सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने का कोई प्रयास परिलक्षित नहीं...
सभी गवाहों से एक साथ क्रॉस एग्जामिनेशन
ट्रायल के दौरान, एक प्रवृत्ति अक्सर उत्पन्न होती है जहां बचाव पक्ष एक ही समय में सभी अभियोजन या वादी गवाहों के पेश करने पर जोर देता है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस.), भारतीय रक्षा अधिनयम (बीएसए ), नागरिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी.), और प्रासंगिक अभ्यास नियम साक्ष्य के आदेश और अदालत की शक्तियों को नियंत्रित करने वाले सामान्य ढांचे की रूपरेखा तैयार करते हैं, लेकिन वे एक पक्ष को एक ही निरंतर बैठक में सभी गवाहों की लगातार जांच करने के लिए कोई स्पष्ट अधिकार प्रदान नहीं करते हैं। इसलिए, यह...
दिल्ली हाईकोर्ट ने Sci-Hub से जुड़ी अतिरिक्त मिरर वेबसाइट्स ब्लॉक करने का दिया आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉपीराइट उल्लंघन के एक मामले में Sci-Hub तक अनधिकृत पहुंच उपलब्ध कराने वाली अतिरिक्त मिरर वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। यह आदेश Elsevier, Wiley और American Chemical Society द्वारा दायर मुकदमे में पारित किया गया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने 19 अगस्त को पारित अपने पूर्व आदेश का विस्तार करते हुए उन 40 अतिरिक्त वेबसाइट्स को भी ब्लॉक करने के निर्देश दिए, जो पहले से भारत में प्रतिबंधित Sci-Hub डोमेन्स तक पहुंच प्रदान कर रही थीं।प्रकाशन संस्थानों ने अदालत को बताया कि...
आय छिपाने के कारण भरण-पोषण न मिलने से पत्नी का आवास अधिकार समाप्त नहीं होता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि पत्नी द्वारा अपनी आय छिपाने के कारण उसे आर्थिक भरण-पोषण (monetary maintenance) का अधिकार नहीं दिया जाता, तो भी इससे उसे घरेलू हिंसा अधिनियम (Protection of Women from Domestic Violence Act) के तहत आवास आदेश (residence order) से वंचित नहीं किया जा सकता।जस्टिस स्वरना कांता शर्मा पत्नी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थीं, जिसमें ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत पति द्वारा दी जाने वाली अंतरिम भरण-पोषण राशि को पत्नी के लिए निरस्त कर...
ग्रेच्युटी अपील के लिए ब्याज सहित पूरी राशि जमा करना अनिवार्य: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि Payment of Gratuity Act, 1972 के तहत ग्रेच्युटी से जुड़े आदेश को चुनौती देते समय नियोक्ता को केवल ग्रेच्युटी की राशि ही नहीं, बल्कि उस पर अर्जित ब्याज सहित पूरी राशि जमा करनी होगी। यह राशि अपील को स्वीकार किए जाने की पूर्व-शर्त (condition precedent) होगी।यह निर्णय जस्टिस के. बाबू ने Kerala State Financial Enterprises Ltd. (KSFE) द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनाते हुए दिया। मामला क्या था? याचिकाकर्ता ने क्षेत्रीय संयुक्त श्रम आयुक्त, कोल्लम (जो कि Gratuity...
S. 337 BNSS | विदेशी देश में आपराधिक मामला दर्ज होने से भारत में उन्हीं तथ्यों पर मुकदमा चलाने में कोई रोक नहीं: उड़ीसा हाईकोर्ट
ओडिशा हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ विदेशी देश में आपराधिक मामला दर्ज होने से भारत में उसी तरह के तथ्यों या उसी लेन-देन से जुड़े अपराध के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई रुकावट नहीं आएगी।ज़ाम्बिया में हुए कुछ वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े एक ज़मानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस गौरीशंकर सतपथी की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना या वारंट जारी होना भारतीय दंड प्रावधानों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई रोक नहीं है, क्योंकि यह 'दोहरे दंड' के...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 7 साल के बच्चे को पासपोर्ट जारी करने का दिया आदेश, पिता के 'अवैध प्रवासी' होने के कारण अधिकारियों ने कर दिया था इनकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को एक सात साल की बच्ची की मदद की और अधिकारियों को उसे भारतीय पासपोर्ट जारी करने और 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत उसे 'भारतीय नागरिक' घोषित करने का आदेश दिया।जस्टिस सारंग कोटवाल और जस्टिस आशीष चव्हाण की डिवीजन बेंच एक सात साल की बच्ची ज़ामी धा तिरकिता काये द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अपने 'नागरिकता अधिकारों' की रक्षा के लिए गोवा बेंच में याचिका दायर की थी।बच्ची की मां भारतीय है और पिता ब्रिटिश नागरिक है। बेंच ने पाया कि पिता 2006 में...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनि शिंगणापुर मंदिर के मैनेजमेंट की देखरेख के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करने वाला आदेश रद्द किया
औरंगाबाद में बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें उसने अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) में शनि शिंगणापुर मंदिर के मैनेजमेंट की देखरेख के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था और महाराष्ट्र पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के तहत चुनी गई पिछली मैनेजमेंट कमेटी को हटा दिया था।जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस हितेन वेनेगांवकर की डिवीजन बेंच ने एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा बनाई गई कमेटी भी रद्द की और मंदिर का कामकाज पिछली मैनेजिंग कमेटी को सौंपने का आदेश दिया।खास बात यह है कि...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीवर हेल्पर को स्थायी करने का आदेश दिया, कहा- पॉलिसी वापस लेने से मिले हुए अधिकार खत्म नहीं हो सकते
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को महिला सीवर हेल्पर की सेवाओं को स्थायी करने का निर्देश दिया, जो 1997 से दिहाड़ी मज़दूरी पर काम कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि 2003-2004 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत उसका अधिकार राज्य द्वारा उन योजनाओं को वापस लेने से बहुत पहले ही पक्का हो गया था।यह देखते हुए कि "यह कोर्ट वर्कफोर्स के इस कमज़ोर वर्ग द्वारा झेली गई लंबे समय की कठिनाई, अपमान और अनिश्चितता के प्रति उदासीन नहीं रह सकता। हालांकि कोई भी उपाय खोए हुए सालों की सही मायने में भरपाई नहीं कर सकता,...
सुरक्षा उल्लंघन के आरोपों पर पति की मौत की जांच की मांग वाली कोल वर्कर की पत्नी की याचिका पर MP हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल जिले की SECL खदान में एक कोल वर्कर की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह याचिका मृतक अनिल कुशवाहा की पत्नी ने दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को भारी बारिश और खदान में जलभराव के बावजूद ओवरबर्डन उतारने के लिए मजबूर किया गया, जिसके कारण उनका वाहन फिसलकर पानी से भरे गहरे गड्ढे में गिर गया और उनकी मृत्यु हो गई। याचिका में Mines Act, 1952 की धारा 24 के तहत जांच, कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा घोषित ₹40 लाख मुआवजा तथा मृतक...
'फर्जी' केस बढ़ रहे हैं: शिकायतकर्ता के मुकरने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'दहेज हत्या' मामले में जमानत दी, जहां सुप्रीम कोर्ट को 'पहली नज़र में' सबूत मिले थे
शादी के मामलों में "समाज की कड़वी सच्चाई" को सामने लाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच) ने हाल ही में दहेज हत्या के एक केस में एक आरोपी (ससुर) को यह देखते हुए जमानत दी कि "दहेज की मांग के फर्जी केस बढ़ रहे हैं"।जस्टिस पंकज भाटिया ने यह राहत तब दी जब शिकायतकर्ता (मृतक का भाई), जिसने पहले आरोपी की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, ट्रायल के दौरान मुकर गया और अपने आरोपों से 'मुकर गया'।दिलचस्प बात यह है कि यह ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के उसी आरोपी (और उसकी पत्नी) की...
दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: आरोपित को नोटिस दिए बिना जांच अवधि बढ़ाना अनुच्छेद 21 का उल्लंघन, NDPS मामले में डिफॉल्ट जमानत मंजूर
दिल्ली हाईकोर्ट ने NDPS मामले में आरोपी को डिफॉल्ट जमानत देते हुए कहा कि जांच अवधि बढ़ाने के लिए अदालत द्वारा लिया गया फैसला यदि आरोपी की उपस्थिति या उसे नोटिस दिए बिना किया जाए तो यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि जब भी जांच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया जाता है। आरोपी की शारीरिक या वर्चुअल उपस्थिति अनिवार्य है।अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया कोई औपचारिकता नहीं बल्कि...
“भारत में ऑनर किलिंग आज भी गंभीर समस्या”: मद्रास हाईकोर्ट ने कविन ऑनर किलिंग केस में पुलिसकर्मी को जमानत देने से इनकार किया
मद्रास हाईकोर्ट ने तिरुनेलवेली जिले में टेक कर्मचारी कविन सेल्वगणेश की कथित ऑनर किलिंग के मामले में आरोपी सब-इंस्पेक्टर सरवनन को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और “ऑनर किलिंग” जैसे जघन्य अपराधों में जमानत एक अपवादस्वरूप राहत होती है, जिसे अत्यंत सावधानीपूर्वक प्रदान किया जाना चाहिए।जस्टिस के. मुरली शंकर ने जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि समाज में अब भी सम्मान के नाम पर हत्या की घटनाएँ...
आंध्र प्रदेश के डिप्टी CM ने पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया
आंध्र प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर पवन कल्याण ने शुक्रवार को अपनी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि नेता ने एक्टर अजय देवगन केस में दिए गए ऑर्डर के मुताबिक, विवादित कंटेंट के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लिखा।बता दें, कोर्ट ने साफ किया कि जो लोग आपत्तिजनक ऑनलाइन कंटेंट को तुरंत हटाना चाहते हैं, उन्हें सीधे ज्यूडिशियल रोक लगाने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संपर्क करना होगा।सुनवाई के दौरान, कल्याण की ओर से...
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा- पुराने लेबर लॉ सिस्टम से नए इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड में आसानी से बदलाव हो
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह यह पक्का करे कि पुराने लेबर लॉ सिस्टम से नए इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, 2020 में आसानी से बदलाव हो।चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच NA सेबेस्टियन नामक व्यक्ति की PIL पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार के 21 नवंबर को जारी किए गए नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई, जिससे इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, 2020 लागू हुआ था।याचिका में दावा किया गया कि नोटिफिकेशन लागू करने के लिए ज़रूरी नियम बनाए बिना या कोई ट्रिब्यूनल बनाए...
दिल्ली हाईकोर्ट का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को निर्देश, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर की पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा की अर्जी पर कार्रवाई करें
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार (12 दिसंबर) को सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज़ से कहा कि वे पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर द्वारा दायर किए गए उस केस को शिकायत मानें और उसी पर फैसला करें, जिसमें उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा की मांग की।सुनवाई के दौरान गावस्कर के वकील ने जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा के सामने कहा,"मैंने मुख्य डिफेंडेंट की उल्लंघन करने वाली गतिविधियों के संबंध में एक चार्ट तैयार किया है... क्वा डिफेंडेंट 4, फोटो बेचना..."इस स्टेज पर कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा,"आप मेरे...
सर्विस लॉ में 'डीम्ड गिल्ट' का कोई कॉन्सेप्ट नहीं: पटना हाईकोर्ट ने इंटेलिजेंस इकट्ठा न कर पाने के आरोप में पुलिस वाले की सज़ा रद्द की
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सर्विस लॉ ज्यूरिस्प्रूडेंस में 'डीम्ड गिल्ट' का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है। एक पुलिस ऑफिसर पर लगाई गई सज़ा रद्द कर दी।जस्टिस संदीप कुमार वाली सिंगल जज बेंच पुलिस ऑफिसर की रिट पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी, जिसे दो साल के लिए सैलरी इंक्रीमेंट रोकने की सज़ा दी गई। यह मामला सीतामढ़ी ज़िले के सुरसंड पुलिस स्टेशन के पास से एक्साइज़ डिपार्टमेंट द्वारा लगभग 4767.22 लीटर गैर-कानूनी शराब ज़ब्त करने से जुड़ा है।याचिकाकर्ता पर आरोप था कि वह इंटेलिजेंस इकट्ठा करने और बिहार...
NDPS Act का कस्टम एरिया में भी ज़्यादा असर होता है: राजस्थान हाईकोर्ट ने ₹15.5 करोड़ के हाइड्रोपोनिक वीड ज़ब्ती मामले में ज़मानत देने से मना किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में कस्टम डिपार्टमेंट के उस काम को माना और कन्फर्म किया, जिसमें बैंकॉक से एयरपोर्ट पर पकड़ी गई हाइड्रोपोनिक वीड की कथित स्मगलिंग से जुड़े मामले में कस्टम एक्ट के प्रोविज़न का इस्तेमाल नहीं किया गया। यह कन्फर्म किया कि NDPS Act एक स्पेशल कानून होने के नाते, अपनी धारा 80 की रोशनी में कस्टम एक्ट पर ज़्यादा असर डालता है।इसके अलावा, जस्टिस समीर जैन की बेंच ने इस मामले में 21 साल के आरोपी की ज़मानत अर्ज़ी खारिज की, जिसमें बरामद नारकोटिक सब्सटेंस की तेज़ी, उसकी मार्केट...
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एल्गर परिषद - भीमा कोरेगांव केस में फादर स्टेन स्वामी के खिलाफ टिप्पणियों को रद्द करने की मांग वाली याचिका का निपटारा किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को फादर स्टेन स्वामी के परिजनों द्वारा दिसंबर, 2021 में दायर की गई याचिका का निपटारा किया, जिसमें अब दिवंगत (स्वामी) का नाम एल्गर परिषद - भीमा कोरेगांव केस से हटाने की मांग की गई।यह याचिका मुंबई में जेवियर्स कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल फादर फ्रेजर मस्कारेनहास ने सीनियर वकील मिहिर देसाई के ज़रिए दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया कि स्वामी के खिलाफ स्पेशल NIA कोर्ट के नतीजे उनकी रेप्युटेशन और आदिवासी और मानवाधिकारों में उनके काम को "बदनाम" करते हैं। ये नतीजे संविधान के आर्टिकल...




















