हाईकोर्ट
UAE में हिरासत में लिए गए एक्ट्रेस सेलिना जेटली के भाई, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से संपर्क कराने में मदद करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (4 दिसंबर) को विदेश मंत्रालय से एक्ट्रेस सेलिना जेटली और उनके भाई के बीच कॉन्टैक्ट कराने में मदद करने को कहा, जिन्हें UAE में गिरफ्तार करके हिरासत में लिया गया था। बता दें, एक्ट्रेस सेलिना जेटली के भाई रिटायर्ड इंडियन आर्मी ऑफिसर हैं।कोर्ट जेटली की उस अर्जी पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उन्होंने अपने भाई के लिए असरदार कानूनी मदद मांगी है।कुछ देर मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने मुंह से कहा:"मैंने ये दो निर्देश जारी किए हैं। नंबर 1, कॉन्सुलेट ऑफिसर हिरासत में...
चार्जशीट व संज्ञान आदेश रिकॉर्ड पर न होने पर धारा 528 BNSS के तहत FIR रद्द नहीं की जा सकती : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में BNSS की धारा 528 के तहत दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें मात्र FIR को रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि जब आरोपपत्र (Chargesheet) और संज्ञान आदेश (Cognizance Order) रिकॉर्ड पर नहीं लाए गए हों, तब धारा 528 BNSS के तहत दायर ऐसी याचिका रखरखाव योग्य नहीं है। जस्टिस जितेन्द्र कुमार सिन्हा की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि आवेदक केवल FIR को चुनौती देता है और चार्जशीट व संज्ञान आदेश दाखिल नहीं करता, तो धारा 528 BNSS का प्रयोग नहीं किया जा सकता। यह निर्णय...
धार्मिक कर्मकांड पर रोक लगाकर साम्प्रदायिक सौहार्द नहीं बन सकती: थिरुपरंकुंद्रम दीपम मामले पर मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को थिरुपरंकुंद्रम पहाड़ी पर दीप प्रज्वलन से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी एक समुदाय को उसके धार्मिक कृत्य करने से रोककर साम्प्रदायिक सौहार्द नहीं बनाया जा सकता। सौहार्द तभी संभव है जब विभिन्न समुदाय आपसी सह-अस्तित्व के साथ एक-दूसरे की आस्थाओं का सम्मान करें।जस्टिस जी. जयचंद्रन और जस्टिस के.के. रामकृष्णन की खंडपीठ ने यह टिप्पणी उस अपील की सुनवाई के दौरान की, जो सिंगल जज द्वारा दिए गए उस आदेश के विरुद्ध दायर की गई, जिसमें...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में अंतरिम रोक बढ़ाई
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में जारी अंतरिम रोक को आगे भी जारी रखने का आदेश दिया। इससे ट्रायल कोर्ट में इस मामले की कार्यवाही फिलहाल स्थगित रहेगी।इससे पहले 17 जनवरी को हाईकोर्ट ने 42वें अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगाई थी।जस्टिस एस. सुनील दत्त यादव की सिंगल बेंच ने गुरुवार को उस अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए आगे की सुनवाई तक राहत को बरकरार रखा।सुनवाई के...
कोर्ट में चुप करा दिए जाने का दावा कर लाल टेप लगाकर पेश हुए वकील पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराज़गी, बताया- अशोभनीय आचरण
दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील के आचरण पर सख्त नाराज़गी व्यक्त की। वकील अपने होंठों पर लाल रंग का चिपकने वाला टेप लगाकर कोर्ट में पेश हुए थे, जिसका दावा उन्होंने यह कहकर किया कि यह प्रतीक है कि उन्हें पिछली सुनवाई में जिरह के दौरान "चुप करा दिया गया।यह घटना 1 दिसंबर को हुई थी, जब दिल्ली सरकार के सीनियर वकील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार याचिकाकर्ता को दिए गए प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर रही है और एक नया लिखित प्रस्ताव पेश किया गया। यह तब हुआ जब...
IPC की धारा 498A के मामलों में आज़ाद गवाहों की कमी से क्रूरता के आरोप कमज़ोर नहीं होते: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि इंडियन पैनल कोड (IPC) की धारा 498A के तहत आने वाले मामलों में आज़ाद गवाहों की गैरमौजूदगी अपने आप में अभियोजन पक्ष केस को कमज़ोर नहीं कर सकता।कोर्ट ने ज़ोर दिया कि करीबी रिश्तेदारों की गवाही को सिर्फ़ इसलिए खारिज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि उनका पीड़ित से रिश्ता है।बता दें, IPC की धारा 498A पति या पति के रिश्तेदार द्वारा पत्नी के साथ की गई क्रूरता से संबंधित है।जस्टिस एम बी स्नेहलथा पति द्वारा दायर क्रिमिनल रिवीजन याचिका पर फ़ैसला सुना रही थीं, जिसमें उसने IPC की धारा...
पहले जांच अधिकारी की गवाही न होना अभियोजन के लिए घातक नहीं, यदि घटना स्थल अन्य साक्ष्यों से साबित हो: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की कि यदि किसी आपराधिक मामले में घटना स्थल को अन्य साक्ष्यों के माध्यम से साबित किया जा सकता है तो पहले जांच अधिकारी (IO) की गवाही न होना अभियोजन पक्ष के मामले के लिए घातक नहीं होगा।जस्टिस आलोक कुमार पांडे की सिंगल बेंच भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304B (दहेज मृत्यु) के तहत दोषसिद्धि और दस साल के कठोर कारावास की सजा के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी।तथ्यों के अनुसार शिकायतकर्ता की बेटी की शादी अपीलकर्ता से 28.03.2014 को हुई। आरोप था कि...
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना: राजस्थान हाईकोर्ट ने SHO के वकीलों के साथ दुर्व्यवहार के बाद जांच और सॉफ्ट-स्किल्स ट्रेनिंग का आदेश दिया
पुलिस स्टेशन में रेप पीड़िता के साथ आए वकील के साथ पुलिस अधिकारियों के दुर्व्यवहार और बदसलूकी के मामले की सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि वकील और पुलिसकर्मी न्याय व्यवस्था के दो अहम हिस्से हैं, जिन्हें आपसी सम्मान और सहयोग के साथ मिलकर काम करना चाहिए।एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस बलजिंदर सिंह संधू की डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि कमिश्नरेट से उम्मीद है कि इस बात की जानकारी पुलिस अकादमी को दी जाएगी...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता के दूसरे बयान पर राज्य की आपत्ति और पॉलीग्राफ टेस्ट पर जोर देने पर उठाए सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक नाबालिग रेप पीड़िता से जुड़े मामले में बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) के व्यक्तिगत हलफनामे में चौंकाने वाली और महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने पर कड़ी आपत्ति जताई।हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा और राज्य के इस फैसले पर भी हैरानी जताई है कि वह पीड़िता के बयान को दोबारा दर्ज करने की अनुमति देने वाले कोर्ट के आदेश को चुनौती दे रहा है।जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस बबीता रानी की खंडपीठ ने एसपी द्वारा इस तरह का हलफनामा कैसे...
'वकालत की कला सालों के अनुभव से बंधी नहीं है': राजस्थान हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में पद्मेश मिश्रा की AAG के तौर पर नियुक्ति को सही ठहराया
राजस्थान हाईकोर्ट ने सिंगल जज बेंच के उस फैसले को सही ठहराया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान राज्य के लिए एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) के तौर पर पद्मेश मिश्रा की नियुक्ति के खिलाफ चुनौती खारिज की।खास बात यह है कि मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पीके मिश्रा के बेटे हैं। याचिका में दावा किया गया कि स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी 2018 के अनुसार पद के लिए योग्य होने के लिए ज़रूरी अनुभव पूरा न करने के बावजूद मिश्रा को AAG के तौर पर नियुक्त किया गया।एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस बलजिंदर...
पुलिस गवाह को स्टेशन से गवाही देने की इजाज़त देने वाले हरियाणा सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा सरकार से एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) पर जवाब मांगा, जिसमें उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई, जो क्रिमिनल ट्रायल में गवाहों की ऑनलाइन जांच के लिए पुलिस हेडक्वार्टर और पुलिस स्टेशनों को 'डेजिग्नेटेड जगह' बनाता है।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी ने हरियाणा सरकार के वकील से निर्देश मांगने को कहा और मामले की सुनवाई 18 दिसंबर तक टाल दी।एडवोकेट अर्जुन श्योराण की दलील में कहा गया की भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 265(3), 266(2),...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 30 साल से नौकरी से निकाले गए वर्कर को ₹5 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आनंदपुर साहिब हाइडल प्रोजेक्ट (ASHP) के एक पूर्व अर्थ वर्क मिस्त्री को एकमुश्त ₹5 लाख का मुआवज़ा देने का निर्देश दिया, जिसकी सरकारी नौकरी में शामिल होने की अर्ज़ी पर साफ़ न्यायिक निर्देशों के बावजूद दशकों तक कोई सुनवाई नहीं हुई।जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा,"याचिकाकर्ता की परेशानी राज्य सरकार द्वारा उसके पक्ष में जारी न्यायिक निर्देशों का पालन करने में नाकामी और बाद में माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने उसके अपने एडवोकेट जनरल द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग...
'अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया': पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब स्टेट और चंडीगढ़ (UT) ह्यूमन राइट्स कमीशन के जारी निर्देशों के लागू होने पर रोक लगाई। कोर्ट ने कहा कि कमीशन ने प्रोटेक्शन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स एक्ट, 1993 के तहत सिर्फ़ सिफ़ारिशें जारी करने के बजाय एग्जीक्यूटिव अधिकारियों को ज़बरदस्ती कार्रवाई करने का आदेश देकर "अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया।"राज्य को नोटिस जारी करते हुए चीफ़ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी ने कहा,"यह बिल्कुल साफ़ है कि ह्यूमन राइट्स कमीशन ने सिफ़ारिश करने के बजाय एग्जीक्यूटिव अधिकारियों...
ट्रायल जज को डराने की कोशिश पर दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार; कहा— “जज, जज होता है, चाहे कहीं भी बैठा हो”
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक अधिवक्ता को फटकार लगाई, जिस पर आरोप था कि उसने ट्रायल कोर्ट के जज को डराने-धमकाने की कोशिश की। अदालत ने वकील को याद दिलाया कि “जज, जज होता है—चाहे वह न्यायिक पदानुक्रम में कहीं भी क्यों न बैठा हो।”जस्टिस गिरीश कथपालिया ने टिप्पणी की:“हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि जब किसी मामले में मेरिट नहीं होता या संबंधित जज लंबी सुनवाई की अनुमति नहीं देता और कार्यवाही खींचने नहीं देता, तो कुछ (सौभाग्य से सभी नहीं) वकील जज को प्रभावित या दबाव में लाने का प्रयास करते हैं,...
एयर क्वालिटी के उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएं, हमारे पास पहले से ही बहुत-से पेंडिंग मामले: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वह राष्ट्रीय राजधानी में एयर पॉल्यूशन लेवल और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को कंट्रोल करने और कम करने के लिए तुरंत उपाय करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाए।चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में एयर क्वालिटी से जुड़े मुद्दे पर नज़र रख रहा है और कई आदेश भी दिए हैं।कोर्ट ग्रेटर कैलाश-II वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से अपने जनरल सेक्रेटरी संजय राणा और एडवोकेट उदियन शर्मा के...
32,000 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश पलटा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा- मामूली अनियमितताओं के कारण पूरी व्यवस्था को बर्बाद नहीं किया जा सकता
कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने लगभग 32,000 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने वाला सिंगल बेंच का विवादास्पद आदेश खारिज करते हुए उन्हें बड़ी राहत दी। यह मामला पश्चिम बंगाल में कैश-फॉर-जॉब्स टीईटी-भर्ती घोटाले से जुड़ा था।जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस रीतोब्रतो कुमार मित्रा की खंडपीठ ने अपने फैसले में जोर देकर कहा कि प्रणालीगत दुर्भावना साबित नहीं हुई। असफल उम्मीदवारों के एक समूह को पूरी व्यवस्था को नुकसान पहुँचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।यह आदेश तत्कालीन सिंगल बेंच जज अभिजीत...
व्यभिचार साबित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर्याप्त, पत्नी का भरण-पोषण दावा ख़ारिज: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पत्नी द्वारा व्यभिचार में रहना साबित करने के लिए प्रत्यक्ष साक्ष्य अनिवार्य नहीं है बल्कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी पर्याप्त हो सकता है और ऐसे मामलों में इससे पत्नी का CrPC की धारा 125 के अंतर्गत भरण–पोषण का दावा समाप्त किया जा सकता है।जस्टिस काउसर एडप्पगाथ ने यह निर्णय उस पुनर्विचार याचिका पर दिया, जिसमें फैमिली कोर्ट द्वारा पत्नी को दी गई भरण–पोषण राशि को चुनौती दी गई। पति का तर्क था कि पत्नी व्यभिचार में रह रही है, इसलिए CrPC की धारा 125(4) के अनुसार वह...
जमानत याचिकाओं में देरी करने वाले लापरवाह पुलिसकर्मियों पर सख़्त कार्रवाई: DGP को सर्कुलर जारी करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) को निर्देश दिया कि वह सभी जिला पुलिस प्रमुखों को एक सर्कुलर जारी करें कि अगर सरकारी वकील को बेल अर्जियों में निर्देश देने में किसी पुलिस अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने यह आदेश देते हुए कहा कि किसी आरोपी की आज़ादी को सिर्फ इसलिए कम नहीं किया जा सकता, क्योंकि पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट को ज़रूरी निर्देश देने में लापरवाही की।हाईकोर्ट विनोद राम नामक...
ओला-उबर, स्विगी-जोमैटो के गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, महिला चालकों की भागीदारी बढ़ाई जाए: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐप आधारित परिवहन और डिलीवरी सेवाओं से जुड़े गिग वर्कर्स के संचालन को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए। न्यायालय ने आदेश दिया कि ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो सहित सभी कंपनियों के चालकों और डिलीवरी कर्मियों का राज्य परिवहन विभाग तथा महानिदेशक, सायबर के समक्ष अनिवार्य रजिस्ट्रेशन किया जाए।जस्टिस रवि चिरानिया की पीठ ने महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि संबंधित कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि छह माह के भीतर कम-से-कम 15 प्रतिशत चालक महिलाएं...
2018 से पुलिस हिरासत से लापता युवक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने DGP को फटकारा; कहा—'अगर युवक को मार दिया गया है, तो SP को भी बख्शा नहीं जाएगा'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कड़ी आलोचना करते हुए पुलिस हिरासत से 2018 में गायब हुए एक व्यक्ति के मामले को न्याय प्रणाली का “घोर उपहास” बताया है। जस्टिस जे.जे. मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ ने राज्य के डीजीपी को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि detenue/कॉपस को “खत्म” कर दिया गया है, तो इसकी जिम्मेदारी सिर्फ किसी जूनियर अधिकारी पर नहीं थोपी जा सकती और ऐसे हाल में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (SP) को भी बख्शा नहीं जा सकता। यह टिप्पणियाँ 2018 में दायर उस हैबियस कॉर्पस याचिका की...




















