हाईकोर्ट

15 वर्षीय लड़की का बलात्कार और हत्या | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2018 में मौत की सज़ा पाए व्यक्ति को बरी किया
15 वर्षीय लड़की का बलात्कार और हत्या | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2018 में मौत की सज़ा पाए व्यक्ति को बरी किया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में 15 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या से जुड़े मामले में एक व्यक्ति को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सज़ा को पलट दिया।चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने हत्या और बलात्कार के आरोपी को दोषी ठहराते हुए अभियोजन पक्ष के मामले और निचली अदालत के रिकॉर्ड में कई खामियों की ओर इशारा किया।न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मामले में आरोपी (मोहम्मद अज़हर) की भूमिका जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया, संदिग्ध हैं।न्यायालय ने कहा कि उसकी चोटों को...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने महिला से बार-बार बलात्कार करने के लिए पुलिसकर्मी की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने महिला से बार-बार बलात्कार करने के लिए पुलिसकर्मी की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति समुदाय की महिला से बार-बार बलात्कार करने के लिए हरियाणा के पुलिस अधिकारी की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया।शेक्सपियर के मैकबेथ से न्यायाधीश ने यह कहते हुए उद्धृत किया कि भले ही सज़ा दी जाए और गलती करने वाले व्यक्ति से कुछ हद तक पश्चाताप किया जाए लेकिन जनता का हिला हुआ विश्वास फिर से नहीं लौट सकता।सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए जस्टिस सुमित गोयल ने कहा:"आवेदक-अपीलकर्ता जो पुलिस अधिकारी के रूप में काम कर रहा था, उसको ट्रायल कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के...

नागरिकों को गलत पहचान के आधार पर अवैध रूप से हिरासत में न लिया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करें: केरल हाईकोर्ट का पुलिस प्रमुख को निर्देश
नागरिकों को गलत पहचान के आधार पर अवैध रूप से हिरासत में न लिया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करें: केरल हाईकोर्ट का पुलिस प्रमुख को निर्देश

केरल हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश जारी करें कि नागरिकों को गलत पहचान के आधार पर अवैध रूप से हिरासत में न लिया जाए। मामले के तथ्यों के अनुसार याचिकाकर्ता को गलत पहचान के मामले में पुलिस द्वारा गलत तरीके से हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार किया गया।जस्टिस गोपीनाथ पी. ने आदेश दिया कि निर्दोष नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता में किसी भी अवैध हस्तक्षेप को रोकने के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा नागरिकों को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने से...

पुलिस हिरासत में लिए गए इकबालिया बयान पर आरोपी को दोषी ठहराने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पुलिस हिरासत में लिए गए इकबालिया बयान पर आरोपी को दोषी ठहराने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डकैती के दौरान चोरी की गई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करने के लिए दोषी ठहराए गए आरोपी को न्यायेतर इकबालिया बयान (Confession) के आधार पर रिहा करने का निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में लिए गए इकबालिया बयान पर आरोपी को दोषी ठहराने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता।जस्टिस पंकज जैन ने अघनू नागेसिया बनाम बिहार राज्य [(1966) 1 एससीआर 134] के ऐतिहासिक फैसले पर भरोसा करते हुए कहा:"पुलिस हिरासत में आरोपी द्वारा दिए गए इकबालिया बयान पर अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के लिए...

CMRL के अधिकारी सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और आम जनता के साथ धोखाधड़ी के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी: ED ने केरल हाईकोर्ट को बताया
CMRL के अधिकारी सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और आम जनता के साथ धोखाधड़ी के लिए प्रथम दृष्टया उत्तरदायी: ED ने केरल हाईकोर्ट को बताया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज केरल हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (CMRL) सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों ने धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA Act) के तहत संज्ञेय अपराध किए और बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करके आम जनता के साथ धोखाधड़ी की। यह कहा गया कि CMRL के अधिकारियों के खिलाफ ED द्वारा दर्ज प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) के आधार पर कार्यवाही रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।जस्टिस टी आर रवि ने ED की ओर से पेश...

लोक अदालतों के निर्णय स्वतंत्र निर्णय नहीं, उन्हें नियमित न्यायाधीशों की भूमिका निभाने के प्रलोभन से बचना चाहिए: उड़ीसा हाईकोर्ट
लोक अदालतों के निर्णय स्वतंत्र निर्णय नहीं, उन्हें नियमित न्यायाधीशों की भूमिका निभाने के प्रलोभन से बचना चाहिए: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने दोहराया कि लोक अदालतों द्वारा पारित 'निर्णय' स्वतंत्र न्यायिक निर्णय नहीं हैं बल्कि 'निष्पादन योग्य आदेश' के रूप में पक्षों द्वारा सहमत समझौते या समझौते की शर्तों को शामिल करने का प्रशासनिक कार्य है।डॉ. जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्रही की एकल पीठ ने लोक अदालतों को नियमित न्यायालयों के रूप में कार्य करने से परहेज करने की सलाह दी और कहा -“लोक अदालतों को नियमित न्यायाधीशों की भूमिका निभाने के अपने प्रलोभन से बचना चाहिए। उन्हें लगातार मध्यस्थ के रूप में कार्य करने का प्रयास करना...

न्यायालय निष्पादन याचिकाओं में ट्रेडमार्क उल्लंघन की जांच कर सकते हैं, नए मुकदमे की जरूरत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
न्यायालय निष्पादन याचिकाओं में ट्रेडमार्क उल्लंघन की जांच कर सकते हैं, नए मुकदमे की जरूरत नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जसमीत सिंह की एकल पीठ ने वैक्सीन के उत्पादन में लगी बायोफार्मा कंपनी ग्लैक्सो ग्रुप लिमिटेड के ट्रेडमार्क के उल्लंघन में शामिल प्रतिवादियों के खिलाफ निष्पादन याचिका को अनुमति दी।हाईकोर्ट ने माना कि निष्पादन न्यायालय प्रतिवादियों को रोकने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा प्रदान करने वाले मूल आदेश के उल्लंघन का न्याय करने के लिए उल्लंघन के गुणों पर विचार कर सकता है।पूरा मामला:ग्लैक्सो ग्रुप लिमिटेड ("ग्लैक्सो") ने अपने रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क का उपयोग करने से रोकने के लिए स्थायी...

तलादंडा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा क्यों रोकी गई?: उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
तलादंडा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा क्यों रोकी गई?': उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा

उड़ीसा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि पिछले साल नवंबर से ही इसके उद्घाटन के दूसरे महीने पूरा होने से पहले ही तलदंडा नहर में पर्यावरण अनुकूल नौका विहार सुविधा क्यों रोक दी गई।जस्टिस संगम कुमार साहू और जस्टिस वी. नरसिंह की खंडपीठ कटक शहर में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की निगरानी के लिए न्यायालय द्वारा दर्ज जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी।पीठ गुरुवार को दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में कटक के लोगों के सामने आने वाले कई मुद्दों पर सुनवाई करने के लिए एकत्रित हुई।सुनवाई के दौरान न्यायालय...

भारतीय न्यायालय गैर-पारस्परिक देशों के विदेशी दिवालियेपन निर्णयों से बाध्य नहीं : कलकत्ता हाईकोर्ट
भारतीय न्यायालय गैर-पारस्परिक देशों के विदेशी दिवालियेपन निर्णयों से बाध्य नहीं : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट की जज जस्टिस शम्पा सरकार की एकल पीठ ने माना कि व्यापक सीमा-पार दिवालियेपन ढांचे के बिना भारतीय न्यायालय गैर-पारस्परिक देशों, जैसे कि यू.एस. से स्थगन आदेशों को मान्यता नहीं देते या लागू नहीं करते। इस प्रकार ऐसी विदेशी कार्यवाही के कारण चल रहे मुकदमों को रोकने के लिए बाध्य नहीं हैं।यह माना गया कि याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर धारा 45 आवेदन पर निर्णय लेते समय ट्रायल कोर्ट विदेशी कार्यवाही पर विचार कर सकता है। हालांकि, यह बाध्यकारी विचार नहीं है। मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (A&C...

दहेज हत्या के मामलों की सभी संभावित कोणों से जांच करें; यह बताएं कि मामला किस तरह धारा 302, 304-बी या 306 आईपीसी के अंतर्गत आता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया
'दहेज हत्या के मामलों की सभी संभावित कोणों से जांच करें; यह बताएं कि मामला किस तरह धारा 302, 304-बी या 306 आईपीसी के अंतर्गत आता है': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि वे जांच अधिकारियों को दहेज हत्या से संबंधित मामलों में "व्यापक जांच" करने और विवाहित महिला की मृत्यु (उसकी शादी के 7 साल के भीतर) की हर संभव कोण से जांच करने का निर्देश दें।जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने निर्देश दिया,"मामले के जांच अधिकारी को व्यापक जांच करनी चाहिए और जांच के दौरान सामग्री एकत्र करनी चाहिए ताकि धारा 173(2) सीआरपीसी के तहत अपनी रिपोर्ट को उचित ठहराया जा सके कि क्या...

वयस्कों के बीच अंतरंग संबंध साथी पर यौन हमले को उचित नहीं ठहराते: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार का मामला खारिज करने से इनकार किया
वयस्कों के बीच अंतरंग संबंध साथी पर यौन हमले को उचित नहीं ठहराते: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार का मामला खारिज करने से इनकार किया

'दो वयस्क व्यक्तियों के बीच संबंध किसी एक द्वारा अपने साथी पर यौन हमले को उचित नहीं ठहराते', बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा अपने प्रेमी के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए कहा।जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दायर एफआईआर और उसके बाद का आरोपपत्र रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा,“शिकायतकर्ता ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता ने उसके साथ जबरन और उसकी सहमति के बिना यौन संबंध स्थापित किया, जबकि...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ बार काउंसिल का ब्लैड डे विरोध पर लगाई रोक
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ बार काउंसिल का 'ब्लैड डे' विरोध पर लगाई रोक

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के विरोध में 1 जुलाई को पश्चिम बंगाल बार काउंसिल द्वारा आहूत काला दिवस विरोध में वकीलों के लिए उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है।जस्टिस शम्पा सरकार की एकल पीठ ने कहा,यह कानून की स्थापित स्थिति है कि किसी को भी हड़ताल करने या काम बंद करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। वकील वादियों के लिए सार्वजनिक कार्य करते हैं। इस प्रकार, पश्चिम बंगाल बार काउंसिल के इस प्रस्ताव को वकीलों पर काम से विरत रहने का आदेश नहीं माना जाएगा। इच्छुक वकील पूरे...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो वितरित करने के आरोपी पूर्व BJP MLA के खिलाफ जांच की अनुमति दी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो वितरित करने के आरोपी पूर्व BJP MLA के खिलाफ जांच की अनुमति दी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हसन से पूर्व भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक प्रीतम गौड़ा के खिलाफ चल रही जांच को रोकने से इनकार किया, जिन पर जनता दल (एस) के नेता प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े यौन उत्पीड़न के अश्लील वीडियो वितरित करने का आरोप है।जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने गौड़ा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67, 66ई और भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए, 354डी, 354बी और 506 के...

जब किसी की संपत्ति से निकाले गए खनिजों का परिवहन नहीं किया जाता है तो अनुमति की आवश्यकता नहीं होती, केवल अधिकारियों को सूचित करना और रॉयल्टी का भुगतान करना ही दायित्व: केरल हाईकोर्ट
जब किसी की संपत्ति से निकाले गए खनिजों का परिवहन नहीं किया जाता है तो अनुमति की आवश्यकता नहीं होती, केवल अधिकारियों को सूचित करना और रॉयल्टी का भुगतान करना ही दायित्व: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने घोषणा की कि किसी व्यक्ति को अपनी संपत्ति पर खनिज निकालने के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है, जब खनिज को संपत्ति के परिसर से बाहर नहीं ले जाया जाता है। न्यायालय ने कहा कि उसे केवल संबंधित अधिकारियों को सूचित करने और निर्माण के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करने के लिए उन्हें रॉयल्टी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता है। जस्टिस सी जयचंद्रन ने कहा, "यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि यदि खनिज का कोई परिवहन आवश्यक नहीं है, तो याचिकाकर्ता का एकमात्र दायित्व नियम 106 में निर्धारित सक्षम...

धारा 92 साक्ष्य अधिनियम | बिक्री विलेख में प्लॉट नंबर के गलत विवरण के दावों के बीच दस्तावेज़ की सामग्री को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्य स्वीकार्य: पटना हाईकोर्ट
धारा 92 साक्ष्य अधिनियम | बिक्री विलेख में प्लॉट नंबर के गलत विवरण के दावों के बीच दस्तावेज़ की सामग्री को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्य स्वीकार्य: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने माना कि यदि किसी विक्रय पत्र में प्लॉट संख्या के गलत विवरण के बारे में दावा किया जाता है तो भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 92 के तहत किसी दस्तावेज की विषय-वस्तु को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्य स्वीकार्य हो सकता है। ज‌स्टिस अरुण कुमार झा मुंसिफ न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता के मामले पर विचार कर रहे थे, जिसने याचिकाकर्ता/वादी को विक्रय पत्र में निहित सीमा के बिंदु पर प्रतिवादी से जिरह करने की अनुमति नहीं दी थी।हाईकोर्ट ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 91 और 92 के...

तेलंगाना हाईकोर्ट ने खूंखार जर्मन शेफर्ड कुत्ते को हिरासत में लेने पर अंतरिम रोक लगाई
तेलंगाना हाईकोर्ट ने खूंखार जर्मन शेफर्ड कुत्ते को हिरासत में लेने पर अंतरिम रोक लगाई

तेलंगाना हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अनुभाग के उप निदेशक को SHO द्वारा जारी निर्देशों पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, जिसमें 2 वर्षीय जर्मन शेफर्ड ज़ोरो को खूंखार होने के कारण हिरासत में लेने के लिए कहा गया था।न्यायालय ने कहा :"प्रतिवादी नंबर 3, पुलिस उपनिरीक्षक, पुंजागुट्टा पुलिस स्टेशन हैदराबाद के दिनांक 19.06.2024 के पत्र के अनुसार सभी आगे की कार्यवाही पर अंतरिम रोक रहेगी। बशर्ते कि याचिकाकर्ता के पालतू कुत्ते 'ज़ोरो' के साथ हर समय याचिकाकर्ता या उसके परिवार के सदस्य मौजूद रहें।"कुत्ते के...

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को यांत्रिक रूप से जोड़ना अस्थायी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि दहेज हत्या के मामलों में ट्रायल कोर्ट कब हत्या का आरोप जोड़ सकते हैं
भारतीय दंड संहिता की धारा 302 को यांत्रिक रूप से जोड़ना 'अस्थायी': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया कि दहेज हत्या के मामलों में ट्रायल कोर्ट कब हत्या का आरोप जोड़ सकते हैं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य के ट्रायल कोर्ट के जजों द्वारा दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में बिना किसी सहायक सामग्री के आईपीसी की धारा 302 (हत्या) को नियमित और यांत्रिक रूप से जोड़ने पर आपत्ति जताई। जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की पीठ ने कहा कि दहेज हत्या और दहेज से संबंधित अमानवीय व्यवहार से जुड़े मामलों में हत्या का आरोप (आईपीसी की धारा 302) यांत्रिक रूप से जोड़ने से स्थिति "अधिक गंभीर और गंभीर" हो रही है। न्यायालय ने...

हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी मानने का कोई कारण नहीं: झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत आदेश में कहा
हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोषी मानने का कोई कारण नहीं: झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत आदेश में कहा

झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले के मामले में जमानत दी। यह फैसला 13 जून को सोरेन की जमानत याचिका के संबंध में आदेश सुरक्षित रखने के न्यायालय के फैसले के बाद आया।जस्टिस रोंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया। सोरेन का प्रतिनिधित्व करते हुए सीनियर एडवोकेट मीनाक्षी अरोड़ा ने दावा किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और निराधार हैं।सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सोरेन की जमानत के लिए दलील दी और कहा कि ईडी ने...

एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर केवल कारण बताओ नोटिस जारी करने तक सीमित नहीं है, इसमें व्यक्तिगत सुनवाई भी शामिल है: कर्नाटक हाईकोर्ट
एफसीआरए पंजीकरण रद्द करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर केवल कारण बताओ नोटिस जारी करने तक सीमित नहीं है, इसमें व्यक्तिगत सुनवाई भी शामिल है: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पारित एक आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें वन्यजीव अध्ययन केंद्र नामक ट्रस्ट को विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के तहत जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया था। इस आदेश को इस आधार पर रद्द कर दिया गया था कि आदेश पारित करने से पहले ट्रस्ट को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया था। जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। ट्रस्ट के मुख्य पदाधिकारी उपन्यासकार डॉ. के शिवराम कारंत के पोते उल्लास...