हाईकोर्ट
ऐसे उल्लंघन जिनके लिए पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं: पर्सनैलिटी राइट्स के नुकसान की अंतहीन प्रकृति
एक ऐसे युग में जहां डिजिटल संचार ने भौगोलिक सीमाओं को भंग कर दिया है, व्यक्तिगत पहचान एक मुक्त-फ्लोटिंग संपत्ति बन गई है जो बिना अनुमति के विश्व स्तर पर यात्रा करने में सक्षम है। एक व्यक्ति का चेहरा, नाम, आवाज, आंदोलन और व्यवहार संबंधी लक्षण अब खतरनाक आसानी से प्रसारित होते हैं, जो अक्सर वास्तविकता से पूरी तरह से अलग संदर्भों में दिखाई देते हैं। इक्कीसवीं शताब्दी की परेशान करने वाली सच्चाई यह है कि व्यक्तित्व अधिकारों के उल्लंघन के लिए पासपोर्ट या पुष्ट यात्रा टिकट की आवश्यकता नहीं होती है। वे...
कॉलेजियम को समझदार बनना होगा: न्यायिक नियुक्तियां संयोग पर निर्भर क्यों नहीं हो सकतीं?
भारत की न्यायिक नियुक्ति प्रणाली एक विडंबना पर टिकी हुई है जिसका उसने कभी भी पूरी तरह से सामना नहीं किया है। यह एक संरचना है जिसे न्यायपालिका को कार्यकारी सनक से बचाने के लिए तैयार किया गया है, फिर भी यह आंतरिक दुर्घटना के लिए पूरी तरह से असुरक्षित बनी हुई है। जो किसी दिए गए दिन कॉलेजियम में बैठता है, जो एक सप्ताह पहले सेवानिवृत्त हो चुका है, और जो तकनीकी रूप से मौजूद है लेकिन व्यावहारिक रूप से बाहर रखा गया है, वह ऊंचाई और ग्रहण के बीच अंतर कर सकता है। यह संवैधानिक योजना नहीं है। यह संस्थागत...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डीवाई पाटिल यूनिवर्सिटी के खिलाफ MBBS एडमिशन धोखाधड़ी मामला रद्द किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कथित MBBS एडमिशन के संबंध में धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप वाली लगभग दो दशक पुरानी आपराधिक शिकायत रद्द की। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं पर सिर्फ इसलिए आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, क्योंकि किसी तीसरे पक्ष ने कथित तौर पर उनके नाम और दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करके शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी की थी।जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,"शिकायतकर्ता के साथ सचिन शाह द्वारा किए गए गलत बयानी के आधार पर पैसे की धोखाधड़ी की गई। यह गलत बयानी याचिकाकर्ता नंबर...
फॉरेंसिक ऑडिट में गंभीर खामियां: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के खिलाफ फ्रॉड कार्यवाही पर लगाई रोक
बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिलायंस समूह के संस्थापक और चेयरमैन अनिल अंबानी को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ भारतीय ओवरसीज बैंक, IDBI बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा शुरू की गई फ्रॉड वर्गीकरण की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाई।अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया कि जिस फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर यह कार्यवाही शुरू की गई, वह कानूनी और वैधानिक मानकों पर खरी नहीं उतरती।जस्टिस मिलिंद एन. जाधव की एकल पीठ ने कहा कि 15 अक्टूबर 2020 को BDO LLP द्वारा तैयार की गई फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट RBI की फ्रॉड से संबंधित मास्टर...
लापता व्यक्तियों की तलाश में सरकार की उदासीनता पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, गृह विभाग के प्रमुख सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा तलब
लापता व्यक्तियों की तलाश में राज्य प्रशासन के लचर और उदासीन रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने उनसे न केवल एक याचिकाकर्ता की शिकायत पर अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है बल्कि यह भी स्पष्ट करने को कहा कि 1 जनवरी, 2024 के बाद राज्य के पोर्टल पर कितनी गुमशुदगी की शिकायतें दर्ज हुईं और उनमें से कितने मामलों में लोगों को खोज निकाला गया।यह आदेश जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस बबीता रानी की...
दिल्ली की हवा आपातकाल जैसी: हाईकोर्ट ने केंद्र से एयर प्यूरीफायर पर लगी अस्थायी GST राहत पर विचार करने को कहा
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे आपातकालीन स्थिति करार दिया और केंद्र सरकार से एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में अस्थायी राहत देने पर विचार करने को कहा।कोर्ट ने कहा कि कम से कम अस्थायी तौर पर एक सप्ताह या एक महीने के लिए GST में छूट दी जानी चाहिए।चीफ जस्टिस डी.के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस घोषित करने और उन पर लगने वाले 18 प्रतिशत GST को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर...
POCSO Act की धारा 5(सी) लागू नहीं: उन्नाव रेप केस में कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद क्यों निलंबित हुई, दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया
दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करते हुए अहम कानूनी टिप्पणी की।हाईकोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि सेंगर के खिलाफ POCSO Act की धारा 5(सी) के तहत गंभीर (एग्रेवेटेड) यौन अपराध का मामला नहीं बनता, जिस आधार पर ट्रायल कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी थी।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा कि सेंगर को पॉक्सो अधिनियम की धारा 5(सी) या भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(बी)...
DRAT में रिक्तियों से अपील का अधिकार नहीं हो सकता निष्प्रभावी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि ऋण वसूली कानून के तहत उपलब्ध वैधानिक अपीलीय उपाय को केवल इस आधार पर निष्प्रभावी नहीं बनाया जा सकता कि संबंधित ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण (DRAT) में रिक्तियां हैं या प्रशासनिक व प्रक्रियागत बाधाएं मौजूद हैं।जस्टिस अनिल क्षेतरपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दो नीलामी खरीदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि सामान्यतः जब कोई वैकल्पिक वैधानिक अपील उपलब्ध होती है तो हाईकोर्ट रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं...
महार समुदाय को लेकर आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल पर दर्ज SC/ST Act का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठी टीवी चैनल स्टार प्रवाह के खिलाफ दर्ज अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के तहत FIR रद्द करते हुए अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि किसी धारावाहिक में केवल किसी जाति या समुदाय के नाम का उल्लेख मात्र, अपने आप में SC/ST Act के तहत अपराध नहीं बनता, जब तक कि उसके पीछे जानबूझकर अपमान, डराने या नीचा दिखाने की मंशा स्पष्ट रूप से साबित न हो।यह फैसला जस्टिस मनीष पितले और मंजुषा देशपांडे की खंडपीठ ने मंगलवार (23 दिसंबर) को सुनाया।यह मामला मराठी...
दिल्ली हाईकोर्ट ने IPL 2012 के लिए आयात किए गए ब्रॉडकास्ट डिवाइसेज पर कस्टम ड्यूटी रखी बरकरार, गलत घोषणा को 'जानबूझकर' की गई माना
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में उस कस्टम ड्यूटी को बरकरार रखा है, जिसे कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स सेटलमेंट कमीशन ने उस कंपनी पर लगाया था, जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा आईपीएल 2012 की कवरेज के लिए ब्रॉडकास्ट उपकरण और संबंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया था।जस्टिस प्रतीबा एम. सिंह और जस्टिस शैल जैन की खंडपीठ ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में, चूंकि आयात अस्थायी (temporary) प्रकृति का था और उपकरणों को पुनः निर्यात किया जाना था, इसलिए याचिकाकर्ता को...
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने अंडरट्रायल कैदियों के ट्रांसफर पर महबूबा मुफ्ती की PIL खारिज की
जनहित याचिका की संवैधानिक सीमाओं की पुष्टि करते हुए जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख के हाईकोर्ट ने PDP अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा दायर PIL खारिज की। कोर्ट ने कहा कि याचिका में "ज़रूरी दस्तावेज़ों की कमी थी और यह अस्पष्टता पर आधारित है" और यह अधूरी, अस्पष्ट और बिना सबूत वाले दावों पर टिकी है।चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस रजनेश ओसवाल की डिवीजन बेंच ने रिट क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करने से यह देखते हुए इनकार किया कि याचिका में कोर्ट के सामने किसी भी अंडरट्रायल कैदी के एक भी विशिष्ट...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'सात समुंदर पार' गीत के उपयोग पर अंतरिम रोक से इनकार किया
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कॉपीराइट उल्लंघन से जुड़े एक मामले में Trimurti Films Pvt. Ltd. को अंतरिम (ad-interim) राहत देने से इनकार कर दिया। यह मामला 1992 की फिल्म विश्वात्मा के लोकप्रिय गीत “सात समुंदर पार” के उपयोग से संबंधित है, जिसे आगामी हिंदी फिल्म Tu Meri Main Tera Main Tera Tu Meri में इस्तेमाल किया गया है। अदालत ने क्रिसमस रिलीज़ के लिए निर्धारित Dharma Productions की इस फिल्म में गीत के उपयोग पर रोक लगाने से मना कर दिया।यह आदेश एकल पीठ में जस्टिस शर्मिला यू. देशमुख ने पारित...
सात साल या उससे ज़्यादा की सज़ा वाले अपराधों के लिए भी अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनवाई योग्य: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने साफ़ किया कि अग्रिम ज़मानत याचिका पर फ़ैसला करने का अधिकार रखने वाली सेशंस कोर्ट का यह कर्तव्य है कि वह याचिका पर गुण-दोष के आधार पर फ़ैसला करे, या तो उसे मंज़ूर करे या खारिज करे, और ऐसा किए बिना वह ऐसी किसी याचिका का निपटारा नहीं कर सकती। कोर्ट ने आगे साफ़ किया कि सिर्फ़ इसलिए अग्रिम ज़मानत याचिकाएं सुनने पर कोई कानूनी रोक नहीं है, क्योंकि कथित अपराध में सात साल या उससे ज़्यादा की जेल की सज़ा हो सकती है।ये टिप्पणियां जस्टिस जितेंद्र कुमार की सिंगल जज बेंच ने आपराधिक विविध...
इलाहाबाद हाईकोर्ट: केवल धारा 313 CrPC के बयान के आधार पर दोषसिद्धि अवैध, 24 साल बाद डकैती के आरोपी को बरी किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में डकैती के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे व्यक्ति की दोषसिद्धि को रद्द करते हुए अहम टिप्पणी की कि केवल धारा 313 CrPC के अंतर्गत दिए गए कथित स्वीकारोक्ति/बयान के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, खासकर तब जब अभियोजन पक्ष कोई भी पुष्टिकरण या आपराधिक साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा हो।यह फैसला जस्टिस जे.जे. मुनीर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ ने दिया। अदालत ने मामले के “दुखद पहलू” पर जोर देते हुए कहा कि अपीलकर्ता आजाद खान लगभग 24 वर्षों तक जेल में बंद...
SHANTI Act 2025: परमाणु विस्तार में निजी भागीदार के लिए पर्यावरण की अनदेखी
हाल ही में संसद ने सस्टेनेबल हार्नेसिंग एंड एडवांसमेंट ऑफ न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया बिल, 2025 (SHANTI विधेयक) पारित किया है, जो अब राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा में है। यह विधेयक भारत के परमाणु ऊर्जा ढांचे में निजी क्षेत्र की भागीदारी को तेज़ी से बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। यह भारत में परमाणु ऊर्जा से संबंधित कानूनों के इतिहास में पहली बार है कि निजी खिलाड़ियों के लिए इस क्षेत्र को इस स्तर पर खोला जा रहा है।यह देश के किसी भी परमाणु ऊर्जा से जुड़े कानून के लिए पहला होगा,...
मासिक धर्म अवकाश का मामला: इसे श्रम कानूनों में वैधानिक अधिकार के रूप में क्यों संहिताबद्ध किया जाना चाहिए?
2025 के अंत में कर्नाटक सरकार ने निजी क्षेत्र के लिए 12-दिवसीय अनिवार्य सवेतन मासिक धर्म अवकाश को अधिसूचित करके लैंगिक-संवेदनशील श्रम सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया। संविधान के अनुच्छेद 15(3) के तहत एक प्रगतिशील जीत के रूप में मनाए जाने के बावजूद, यह कदम कर्नाटक हाईकोर्ट में मैनेजमेंट ऑफ अविराटा एएफएल कनेक्टिविटी सिस्टम्स लिमिटेड बनाम कर्नाटक राज्य, डब्ल्यू पी नंबर 36659/2025 (कर्नाटक हाईकोर्ट, 18 दिसंबर, 2025) के मामले में पहुंच गया है। जबकि न्यायालय "कार्यकारी बनाम विधायी" शक्ति पर...
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर के फेज-II निर्माण के लिए ₹197.13 करोड़ की मंज़ूरी दी
मध्य प्रदेश सरकार की मंत्रिपरिषद ने सोमवार, 22 दिसंबर, 2025 को धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर के स्थायी परिसर में फेज–II निर्माण कार्य के लिए ₹197 करोड़ 13 लाख की राशि को स्वीकृति प्रदान की है। इस स्वीकृत राशि से विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, स्टाफ आवास, कैंपस की बाउंड्री वॉल तथा अन्य आवश्यक सहायक अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) का निर्माण किया जाएगा।वर्तमान में धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बी.ए. एल.एल.बी. (ऑनर्स), एल.एल.एम. एवं पीएच.डी. कार्यक्रम संचालित किए...
उन्नाव रेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित की, कड़ी शर्तों पर रिहाई
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (23 दिसंबर) को उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए और आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया। अदालत ने यह राहत उनकी अपील लंबित रहने तक सशर्त दी है।जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि सेंगर की सजा निलंबित की जा रही है लेकिन उस पर कई कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।अदालत ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और समान राशि की तीन जमानतों पर रिहा करने का निर्देश...
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश: स्मृति ईरानी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली शूटर वर्तिका सिंह के खिलाफ जालसाजी का केस रद्द
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अंतरराष्ट्रीय शूटर और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वर्तिका सिंह के खिलाफ दर्ज जालसाजी और मानहानि से जुड़े आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया।अदालत ने कहा कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि वर्तिका सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) या तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यालय के नाम से कथित पत्रों की जालसाजी की थी।जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा लगाए गए आरोप महज अनुमान पर आधारित हैं और रिकॉर्ड पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे...
फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट को चुनौती देनी है तो भारत लौटिए: बॉम्बे हाईकोर्ट ने विजय माल्या से कहा
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि वह फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट 2018 (FEO Act) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं तो उन्हें भारत लौटकर अदालत के अधिकार क्षेत्र के अधीन आना होगा।अदालत ने माल्या से यह भी कहा कि वह एक हलफनामा दाखिल कर यह बताएँ कि वह भारत कब लौटने का प्रस्ताव रखते हैं।चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखाड़ की खंडपीठ विजय माल्या द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।एक याचिका में FEO Act की वैधता को...



















