पटना हाईकोट
पहले जांच अधिकारी की गवाही न होना अभियोजन के लिए घातक नहीं, यदि घटना स्थल अन्य साक्ष्यों से साबित हो: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की कि यदि किसी आपराधिक मामले में घटना स्थल को अन्य साक्ष्यों के माध्यम से साबित किया जा सकता है तो पहले जांच अधिकारी (IO) की गवाही न होना अभियोजन पक्ष के मामले के लिए घातक नहीं होगा।जस्टिस आलोक कुमार पांडे की सिंगल बेंच भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304B (दहेज मृत्यु) के तहत दोषसिद्धि और दस साल के कठोर कारावास की सजा के खिलाफ दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी।तथ्यों के अनुसार शिकायतकर्ता की बेटी की शादी अपीलकर्ता से 28.03.2014 को हुई। आरोप था कि...
पटना हाईकोर्ट: 'सिर्फ़' ढाई साल की जेल UAPA के तहत ज़मानत का आधार नहीं
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक सेफ्टी को खतरे वाले मामलों की तुलना आम क्रिमिनल मामलों से नहीं की जा सकती। साथ ही कहा कि 'सिर्फ़ ढाई साल की जेल' किसी आरोपी को ज़मानत का हक़ नहीं दे सकती, जहाँ नेशनल सिक्योरिटी की चिंताएँ शामिल हों।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडे की डिवीज़न बेंच ने ये बातें प्रधानमंत्री के पटना दौरे के दौरान गड़बड़ी फैलाने की प्लानिंग में कथित तौर पर शामिल आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए कहीं।नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA)...
कई केस पेंडिंग होने से कोई नाबालिग सुधार के लिए नाकाबिल नहीं हो जाता: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि सिर्फ केस पेंडिंग होने से किसी नाबालिग को सुधरने के लिए नाकाबिल या अयोग्य नहीं माना जा सकता।जस्टिस अरुण कुमार झा की सिंगल-जज बेंच एक क्रिमिनल रिवीजन याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी। इसने याचिकाकर्ता को जमानत देने से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के इनकार को सही ठहराया था।अभियोजन पक्ष के अनुसार शिकायतकर्ता ने याचिकाकर्ता को एक मोटरसाइकिल चलाते हुए और पुलिस को देखकर यू-टर्न लेते हुए देखा। उसे तुरंत पकड़ लिया गया।...
30 साल की कानूनी लड़ाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने गैर-कानूनी तरीके से नौकरी से निकाले गए सरकारी कर्मचारी को पूरा पिछला वेतन दिया
पटना हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे 1995 में नौकरी से निकाल दिया गया और राज्य को उसे वापस नौकरी पर रखने पर पूरा पिछला वेतन देने का निर्देश दिया।कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि 'नो वर्क नो पे' का नियम तब लागू नहीं होता, जब नौकरी से निकालना ही गैर-कानूनी हो। इस फैसले से याचिकाकर्ता की लगभग तीन दशक पुरानी कानूनी लड़ाई खत्म हो है, जो सही हक के लिए चल रही थी और न्यायपालिका की प्रक्रिया में निष्पक्षता और कर्मचारियों के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई।मामले की...
छोड़कर जाने का आरोप लगाकर पत्नी को मेंटेनेंस देने से मना नहीं किया जा सकता: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने फिर से कहा कि छोड़कर जाने के आरोप सेक्शन 125 CrPC के तहत पत्नी के मेंटेनेंस के दावे को तब तक खत्म नहीं कर सकते, जब तक कि ये आरोप मैट्रिमोनियल प्रोसीडिंग्स में पक्के तौर पर साबित न हो जाएं।यह याचिका फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई, जिसमें याचिकाकर्ता को अपनी पत्नी को हर महीने 22,000 का मेंटेनेंस देने का निर्देश दिया गया। पति ने इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उसकी पत्नी ने सुलह से इनकार कर दिया और उसे छोड़कर चली गई। साथ ही उसकी इनकम का गलत अंदाज़ा लगाया गया।उसने हिंदू...
बिहार एक्साइज नियम | केवल शराब की मात्रा के आधार पर जब्त वाहन की रिहाई रोका जाना जनहित नहीं: हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने बिहार निषेध एवं मद्यनिषेध नियमावली, 2021 के नियम 12A(3) की अहम व्याख्या करते हुए कहा कि 'जनहित' का अर्थ कठोर, स्थिर या यांत्रिक ढंग से नहीं समझा जा सकता। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जब्त वाहन की रिहाई से इनकार करने का आधार केवल शराब की मात्रा नहीं हो सकता, बल्कि संबंधित प्राधिकारी को पूरे वैधानिक ढाँचे के अनुरूप कई महत्वपूर्ण तथ्यों का समुचित मूल्यांकन करना आवश्यक है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडेय की खंडपीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आयुक्त...
पटना हाईकोर्ट का सख्त रुख : छह दिन की अवैध हिरासत पर 2 लाख रुपये का मुआवज़ा, IG जेल को दिशानिर्देश जारी करने का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने अहम फैसले में राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह एक आरोपी को छह दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखने के लिए 2 लाख रुपये का मुआवज़ा दे।अदालत ने माना कि यह घटना न केवल न्यायिक आदेशों की अवहेलना है, बल्कि सीधे-सीधे व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडेय की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। आरोपी बिहार निषेध एवं उत्पाद अधिनियम, 2016 के तहत गिरफ्तार था। 29 सितंबर 2025 को स्पेशल एक्साइज जज ने उसकी जमानत...
रेलवे की छवि खराब करने की अफवाह फैलाने के आरोप में यूट्यूबर मनीष कश्यप को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत
पटना हाईकोर्ट ने भारतीय रेलवे की छवि खराब करने के आरोप में दर्ज एफआईआर के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप को अग्रिम जमानत दे दी।आरोप था कि कश्यप ने 'X' पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें रेलवे ट्रैक पर फिश-प्लेट्स के बीच पत्थर डाले जाने का दावा किया गया था। जस्टिस चंद्र शेखर झा की बेंच ने कहा कि कश्यप ने वीडियो सोशल मीडिया से प्राप्त होने के बाद बिना किसी बदलाव के रेलवे मंत्रालय को टैग करते हुए केवल जानकारी देने के उद्देश्य से अपलोड किया था। कश्यप पर BNS की कई धाराओं और IT Act की धारा 66 व...
चुनाव प्रचार मौलिक अधिकार नहीं, राजनीति से अपराधियों का सफाया होना चाहिए: पटना हाईकोर्ट ने जेल में बंद RJD MLA की याचिका खारिज की
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक रीतलाल यादव द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने प्रचार के लिए अंतरिम ज़मानत की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए, पटना हाईकोर्ट ने कहा कि किसी उम्मीदवार का प्रचार और प्रसार करने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है, बल्कि केवल एक वैधानिक अधिकार है जिस पर क़ानून द्वारा प्रतिबंध लगाया जा सकता है।दानपुर निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान विधायक और उसी सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे यादव ने अदालत से 6 नवंबर को होने वाले मतदान तक प्रचार करने के लिए चार हफ़्ते की रिहाई या,...
बिहार विधानसभा चुनाव | हाईकोर्ट ने नामांकन रद्द होने को चुनौती देने वाली उम्मीदवारों की रिट याचिकाएं खारिज कीं
पटना हाईकोर्ट ने आगामी 6 और 11 नवंबर को होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में क्रमशः राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJSP) के दो उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने को चुनौती देने वाली दो रिट याचिकाओं पर विचार करने से इनकार किया।जस्टिस ए अभिषेक रेड्डी ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 329(बी) के तहत विशिष्ट प्रतिबंध और उम्मीदवारों के लिए वैकल्पिक उपायों की उपलब्धता का हवाला दिया।याचिकाकर्ताओं में से एक राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मोहनिया विधानसभा क्षेत्र...
पटना हाईकोर्ट की अवमानना कार्रवाई की चेतावनी: PM मोदी की मां का AI-वीडियो 48 घंटे में हटाए मेटा
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. को चेतावनी दी कि यदि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी का आपत्तिजनक AI-जनरेटेड वीडियो हटाने के कोर्ट के पिछले निर्देश का पालन करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ स्वतः संज्ञान अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी।इसके जवाब में मेटा की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि एक बार URL उन्हें मुहैया करा दिया जाए तो इसे 48 घंटे के भीतर हटा दिया...
पत्नी को असुविधा में न रहने दें: पटना हाईकोर्ट ने पति को दिया ₹90 लाख स्थायी भरण-पोषण देने का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक मर्चेंट नेवी अधिकारी और उनकी पत्नी के बीच 15 साल पुराने विवाह को तलाक देते हुए पति को ₹90 लाख स्थायी भरण-पोषण (permanent alimony) का भुगतान करने का निर्देश दिया।चीफ़ जस्टिस पी बी बाजंठरी और जस्टिस एस बी पी डी सिंह की बेंच ने कहा कि पत्नी का जीवन भले ही शानदार न हो, लेकिन उसे असुविधा में नहीं रहना चाहिए। अदालत ने मूल फैमिली कोर्ट, मुजफ्फरपुर के फैसले को रद्द किया, जिसमें पति की तलाक याचिका को खारिज किया गया था। मामले की पृष्ठभूमि:• जोड़ा दिसंबर 2010 में शादी के बंधन...
स्थायी निष्कासन 'शैक्षणिक और व्यावसायिक मृत्यु' समान: पटना हाईकोर्ट ने MBBS स्टूडेंट्स की सज़ा को कम किया
पटना हाईकोर्ट ने परीक्षाओं में प्रतिरूपण के कारण स्थायी निष्कासन की सज़ा झेल रहे पांच MBBS स्टूडेंट को राहत देते हुए आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी की कार्रवाई को अत्यधिक कठोर और अत्यंत असंगत करार दिया।जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की पीठ ने कहा कि ऐसी चरम कार्रवाई युवा स्टूडेंट्स पर शैक्षणिक और व्यावसायिक मृत्यु थोपने के समान है और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने स्टूडेंट्स में सुधार की संभावना को नज़रअंदाज़ कर दिया।जस्टिस सिन्हा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जहां शैक्षणिक अनुशासन बनाए रखना सर्वोपरि है, वहीं...
'बिहार शराब पर प्रतिबंध अधिनियम गैर-मादक पेय पदार्थों पर लागू नहीं होता': पटना हाईकोर्ट ने एनर्जी ड्रिंक निर्माता के खिलाफ FIR रद्द की
पटना हाईकोर्ट ने मेसर्स सिद्धि एंटरप्राइजेज और उसके कर्मचारियों के खिलाफ एनर्जी ड्रिंक के रूप में बीयर बेचने के आरोप में दर्ज FIR रद्द की। अदालत ने कहा कि संबंधित पेय पदार्थ भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा निर्धारित गैर-मादक पेय पदार्थों के स्वीकार्य मानकों के अंतर्गत आते हैं।जस्टिस आलोक कुमार पांडे ने सिद्धि एंटरप्राइजेज की मालिक कुमारी पूनम और दो अन्य लोगों द्वारा दायर रिट याचिका स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि FIR में बिहार मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 के तहत किसी संज्ञेय अपराध...
कोडीन-आधारित कफ सिरप का अनधिकृत कब्ज़ा NDPS Act के अंतर्गत आता है: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने दोहराया कि NDPS Act के तहत ज़मानत एक कठोर अपवाद है, खासकर कोडीन-आधारित कफ सिरप की व्यावसायिक मात्रा से जुड़े मामलों में।जस्टिस जितेंद्र कुमार ने कहा,"ज़मानत का अस्वीकार करना एक नियम है और इसे देना एक अपवाद है।"उन्होंने दोहराया कि कोडीन-आधारित कफ सिरप का अनधिकृत कब्ज़ा, चाहे उसकी सांद्रता 2.5% से कम क्यों न हो, व्यावसायिक मात्रा में होने पर NDPS Act के दायरे में आता है और NDPS Act की धारा 37 के तहत ज़मानत नियम के बजाय एक अपवाद है।याचिकाकर्ता और सह-आरोपी को NDPS Act की धारा 20 और...
अभियुक्त के विरुद्ध फरारी उद्घोषणा जारी होने पर भी अग्रिम ज़मानत याचिका स्वीकार्य: पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने माना कि दंड प्रक्रिया संहिता (BNSS) की धारा 82 (फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा) और 83 (फरार व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की) के तहत कार्यवाही अग्रिम ज़मानत याचिका दायर करने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाती।बता दें, BNSS की धारा 82 में कहा गया कि यदि किसी अदालत को यह विश्वास करने का कारण है (चाहे साक्ष्य लेने के बाद हो या नहीं) कि कोई व्यक्ति, जिसके विरुद्ध उसके द्वारा वारंट जारी किया गया, फरार हो गया या खुद को छिपा रहा है ताकि ऐसे वारंट को निष्पादित न किया जा सके तो ऐसा अदालत लिखित...
BREAKING|हाईकोर्ट ने बिहार कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माँ वाली वीडियो हटाने का निर्देश दिया
पटना हाईकोर्ट ने बुधवार (17 सितंबर) को बिहार कांग्रेस द्वारा पोस्ट किए गए AI-जनरेटेड वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माँ हीराबेन मोदी दिखाई दे रही हैं।अदालत ने मध्यस्थों को निर्देश दिया कि यदि वीडियो अभी भी प्रसारित हो रहा है तो उसे "केएस पुट्टस्वामी", "नालसा फाउंडेशन", "सुब्रमण्यम स्वामी" आदि जैसे सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों के आलोक में प्रसारित होने से रोकें, जिनमें कहा गया कि निजता और सम्मान का अधिकार व्यक्ति...
एक मुस्लिम महिला तलाक के बाद भी CrPC की धारा 125 के तहत अपने पति से भरण-पोषण मांग सकती है
पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि एक मुस्लिम महिला तलाक के बाद भी धारा 125 CrPC के तहत अपने पति से भरण-पोषण (maintenance) मांग सकती है, अगर तलाक के बाद इद्दत अवधि में उसके भविष्य के लिए पति ने “उचित और न्यायसंगत प्रावधान” नहीं किया।जस्टिस जितेंद्र कुमार ने फैमिली कोर्ट के आदेश को सही ठहराया, जिसमें एक मुस्लिम पुरुष को अपनी पत्नी को महीने ₹7,000 देने का निर्देश दिया गया था। पति ने दलील दी थी कि उनकी शादी आपसी सहमति (mubarat) से खत्म हो गई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।मामले की जानकारी: पत्नी ने...
पटना हाईकोर्ट ने बिहार के शराबबंदी कानून को 'ड्रैकोनियन' बताया, कहा- घर जब्त करना मनमाना
पटना हाईकोर्ट ने बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 और बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क नियम, 2021 के प्रावधानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें 'ड्रैकोनियन' (अत्याचारी) बताया। कोर्ट ने कहा कि ये कानून अधिकारियों को बिना किसी स्पष्ट दिशा-निर्देश के मनमाने और बेलगाम अधिकार देते हैं, जिससे घरों को जब्त करने का एक परेशान करने वाला चलन शुरू हो गया।एक्टिंग चीफ जस्टिस पीबी बाजनथ्री और जस्टिस एसबी पीडी सिंह की खंडपीठ ने महेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।...
पटना हाईकोर्ट ने वकीलों पर हमले के मामले में DB-3 की स्वतः संज्ञान लेने की क्षमता पर उठाए सवाल, जांच पर मांगी रिपोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को DPS पटना के बाहर दो वकीलों पर हुए कथित हमले के मामले में स्वतः संज्ञान लेने वाली डिवीज़न बेंच-3 की अधिकारिता पर सवाल खड़े किए।अदालत ने कहा कि जिस विषय पर किसी बेंच को रोस्टर ही आवंटित नहीं है। उस पर वह स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कैसे कर सकती है।यह मामला 9 सितंबर को जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस सौरेंद्र पांडे की खंडपीठ द्वारा क्रिमिनल रिट स्वतः संज्ञान के रूप में दर्ज किया गया, जो बुधवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस पीबी बजंथ्री और जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ...
















