मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

सुरक्षा उल्लंघन के आरोपों पर पति की मौत की जांच की मांग वाली कोल वर्कर की पत्नी की याचिका पर MP हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुरक्षा उल्लंघन के आरोपों पर पति की मौत की जांच की मांग वाली कोल वर्कर की पत्नी की याचिका पर MP हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल जिले की SECL खदान में एक कोल वर्कर की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। यह याचिका मृतक अनिल कुशवाहा की पत्नी ने दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को भारी बारिश और खदान में जलभराव के बावजूद ओवरबर्डन उतारने के लिए मजबूर किया गया, जिसके कारण उनका वाहन फिसलकर पानी से भरे गहरे गड्ढे में गिर गया और उनकी मृत्यु हो गई। याचिका में Mines Act, 1952 की धारा 24 के तहत जांच, कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा घोषित ₹40 लाख मुआवजा तथा मृतक...

मकर-संक्रांति त्योहार: एमपी हाईकोर्ट ने चीनी मांझे पर बैन को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया
मकर-संक्रांति त्योहार: एमपी हाईकोर्ट ने चीनी मांझे पर बैन को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 दिसंबर) को इंदौर पुलिस कमिश्नर और आस-पास के जिलों के सुपरिटेंडेंट को चीनी नायलॉन धागे (मांझे) के निर्माण, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर लगे बैन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।8 दिसंबर को बेंच ने रजिस्ट्री को चीनी मांझे की अवैध बिक्री और इस्तेमाल के संबंध में स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिससे चोटें और मौतें हो रही हैं।11 दिसंबर को यह बताया गया कि चीनी मांझे का अवैध इस्तेमाल इंदौर के साथ-साथ आस-पास के जिलों में भी...

पत्नी द्वारा किसी अन्य पुरुष को अश्लील फोटो भेजना भारतीय समाज में अस्वीकार्य: एमपी हाईकोर्ट ने व्यभिचार के आधार पर तलाक बरकरार रखा
पत्नी द्वारा किसी अन्य पुरुष को अश्लील फोटो भेजना भारतीय समाज में अस्वीकार्य: एमपी हाईकोर्ट ने व्यभिचार के आधार पर तलाक बरकरार रखा

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के उस आदेश को सही ठहराया, जिसमें पति को उसकी पत्नी के व्यभिचार और क्रूरता के आधार पर तलाक दिया गया था।अदालत ने कहा कि प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य न्यूड फोटोग्राफ, ईमेल, चैट, वीडियो कॉल और संदेश स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि पत्नी विवाह के बाद किसी अन्य पुरुष के साथ अवैध संबंध में है।जस्टिस विशाल धागत और जस्टिस बी.पी. शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि भारतीय समाज में यह अपेक्षित नहीं है कि कोई विवाहित महिला स्वयं की नग्न तस्वीरें लेकर किसी अन्य पुरुष को भेजे वीडियो...

नियमित किए गए कर्मचारी को ऐड-हॉक सेवा में दिए गए कृत्रिम अवकाश के आधार पर पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
नियमित किए गए कर्मचारी को ऐड-हॉक सेवा में दिए गए कृत्रिम अवकाश के आधार पर पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्त्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि किसी कर्मचारी की ऐड-हॉक अवधि में दिए गए कृत्रिम अवकाश को आधार बनाकर उसे पेंशन के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता यदि बाद में उसकी सेवा को नियमित कर दिया गया हो।अदालत ने माना कि ऐसे अवकाश केवल औपचारिक होते हैं और इन्हें वास्तविक सेवा-व्यवधान नहीं माना जाएगा।यह मामला जिला सागर के सरकारी कॉलेज में भौतिकी व्याख्याता रहे अरुण प्रकाश बुखारिया से संबंधित था, जिन्हें 5 मार्च 1977 को ऐड-हॉक नियुक्ति मिली और वे 4 मार्च 1987 तक सेवा में रहे।...

सिर्फ़ आर्य समाज सर्टिफ़िकेट ही सही शादी का सबूत नहीं: मध्य प्रदेशहाई कोर्ट ने सप्तपदी न होने पर शादी को अमान्य ठहराया
सिर्फ़ आर्य समाज सर्टिफ़िकेट ही सही शादी का सबूत नहीं: मध्य प्रदेशहाई कोर्ट ने सप्तपदी न होने पर शादी को अमान्य ठहराया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फ़ैमिली कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें एक महिला को किसी पुरुष की कानूनी तौर पर शादीशुदा पत्नी घोषित किया गया था। कोर्ट ने कहा कि अगर पवित्र अग्नि, फेरे या सप्तपदी जैसी ज़रूरी रस्में नहीं की गईं तो हिंदू मैरिज एक्ट के तहत शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती।ऐसा करते हुए जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस हिरदेश की डिवीज़न बेंच ने कहा कि फ़ैमिली कोर्ट ने आर्य समाज सर्टिफ़िकेट और रजिस्टर एंट्री को सही शादी होने का पक्का सबूत मानकर गलती की।इसने आगे कहा कि हिंदू धर्म में शादी एक रस्म...

2023 विक्रम अवॉर्ड: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में माउंटेनियर भावना डेहरिया के सलेक्शन को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज की
2023 विक्रम अवॉर्ड: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी में माउंटेनियर भावना डेहरिया के सलेक्शन को चुनौती देने वाली अर्जी खारिज की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (8 दिसंबर) को माउंटेनियर मधुसूदन पाटीदार की अर्जी खारिज की, जिसमें 2023 विक्रम अवॉर्ड (एडवेंचर स्पोर्ट्स कैटेगरी) के लिए अवॉर्डी को चुनने में राज्य सरकार की तरफ से 'निष्क्रियता और भेदभाव' का आरोप लगाया गया था और खास तौर पर माउंटेनियर भावना डेहरिया के सिलेक्शन को चुनौती दी गई थी।जस्टिस प्रणय वर्मा ने कहा कि पाटीदार मध्य प्रदेश अवॉर्ड रूल्स, 2021 के तहत विचार के लिए अयोग्य हैं, क्योंकि उनका माउंट एवरेस्ट समिट, जो उनके दावे का एक ज़रूरी आधार है, तय पांच साल की...

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने व्यभिचार के आधार पर तलाक को ठहराया सही, धारा 65-बी प्रमाणपत्र को अनिवार्य नहीं माना
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने व्यभिचार के आधार पर तलाक को ठहराया सही, धारा 65-बी प्रमाणपत्र को अनिवार्य नहीं माना

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि वैवाहिक विवादों में भारतीय साक्ष्य अधिनियम का कठोरता से पालन आवश्यक नहीं है। ऐसे मामलों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए धारा 65-बी का प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं माना जाएगा। न्यायालय ने पत्नी की व्यभिचार संबंधी तस्वीरों के आधार पर फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए तलाक के आदेश को सही ठहराते हुए पत्नी की अपील को खारिज कर दिया।जस्टिस विशाल धगट एवं जस्टिस बी.पी. शर्मा की खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि फैमिली कोर्ट एक्ट की धारा 14 के अंतर्गत फैमिली कोर्ट को...

एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस वाले के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर लगाया ₹1 लाख का जुर्माना
एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस वाले के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर लगाया ₹1 लाख का जुर्माना

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक पुलिस ऑफिसर के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज की कि याचिका एक खास पुलिस ऑफिसर को टारगेट करती दिख रही है।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने कहा;"याचिकाकर्ता के व्यवहार और Facebook स्क्रीनशॉट के रूप में हमारे सामने रखे गए मटीरियल को देखते हुए हमारा मानना ​​है कि यह जनहित याचिका गलत इरादे से फाइल की गई। यह असली PIL नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।"यह जनहित याचिका सचिन सिसोदिया ने फाइल की थी,...

अवैध हिरासत और हथकड़ी लगाना अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन : एमपी हाईकोर्ट ने SHO से जुड़े मामले में सख़्त रुख अपनाया
अवैध हिरासत और हथकड़ी लगाना अनुच्छेद 21 का घोर उल्लंघन : एमपी हाईकोर्ट ने SHO से जुड़े मामले में सख़्त रुख अपनाया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक व्यक्ति को बिना किसी अपराध दर्ज किए और अदालत की अनुमति के बिना पुलिस थाने में अवैध रूप से बंद रखने तथा हथकड़ी लगाने के मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कड़ी नाराज़गी जताई। अदालत ने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के मौलिक अधिकार का घोर उल्लंघन करार दिया। साथ ही इंदौर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह यह स्पष्ट करें कि संबंधित थाना प्रभारी (SHO) के खिलाफ विभागीय और आपराधिक स्तर पर क्या कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है।यह आदेश जस्टिस विजय...

डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल किसी व्यक्ति के विदेश यात्रा पर रोक नहीं लगा सकता या उस पर शर्तें नहीं थोप सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल किसी व्यक्ति के विदेश यात्रा पर रोक नहीं लगा सकता या उस पर शर्तें नहीं थोप सकता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार (2 दिसंबर) को कहा कि चूंकि डेट्स रिकवरी ट्रिब्यूनल के पास किसी व्यक्ति के विदेश यात्रा के मौलिक अधिकार पर रोक लगाने की शक्ति नहीं है, इसलिए वह ऐसी यात्रा के लिए कोई शर्त भी नहीं लगा सकता।यह बात मेटलमैन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्व डायरेक्टर द्वारा दायर याचिका में कही गई, जिसमें रिकवरी ऑफिसर के 22 अगस्त, 2025 के आदेश को चुनौती दी गई। इस आदेश में याचिकाकर्ता की यात्रा पर यह शर्त लगाई गई कि वह बैंक के लिए गारंटी के तौर पर एक ऑफिशियल अकाउंट में 50,00,00,000 जमा...

व्हाट्सऐप पोस्ट पर दर्ज FIR रद्द करने से एमपी हाईकोर्ट का इनकार, पत्रकार की याचिका खारिज
व्हाट्सऐप पोस्ट पर दर्ज FIR रद्द करने से एमपी हाईकोर्ट का इनकार, पत्रकार की याचिका खारिज

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उस पत्रकार की याचिका खारिज की, जिसमें उसने व्हाट्सऐप ग्रुप में कथित रूप से ऐसा मैसेज साझा करने पर दर्ज FIR रद्द करने की मांग की थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि अच्छा हिंदू होने के लिए गोमांस का सेवन आवश्यक है।अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया FIR में दर्ज आरोप संज्ञेय अपराध बनाते हैं। इस स्तर पर जांच को रोका नहीं जा सकता।जस्टिस मिलिंद रमेश फाडके की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली सामग्री के प्रकाशन अथवा...

वकील ने बेसिक प्रोविज़न भी नहीं पढ़े: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने POCSO केस में मैकेनिकल अपील के लिए राज्य की आलोचना की, विभागीय जांच के निर्देश दिए
'वकील ने बेसिक प्रोविज़न भी नहीं पढ़े': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने POCSO केस में मैकेनिकल अपील के लिए राज्य की आलोचना की, विभागीय जांच के निर्देश दिए

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार (28 नवंबर) को राज्य की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें आरोपी को दी गई सज़ा को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि राज्य ने प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफ़ेंस एक्ट (POCSO Act) के प्रोविज़न की जांच किए बिना मैकेनिकली अपील तैयार की थी।अपील में स्पेशल जज (POCSO Act) के फैसले को चुनौती दी गई, जिसमें आरोपी को एक्ट के सेक्शन 5(L) और 6 के तहत दोषी ठहराया गया और उसे 20 साल की सज़ा और 20,000 के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।राज्य के वकील ने तर्क दिया कि चूंकि आरोपी को...

कफ सिरप से मौतें मेडिकल हिस्ट्री का सबसे चौंकाने वाला मामला: एमपी हाईकोर्ट ने डिस्ट्रीब्यूटर की सीलिंग और लाइसेंस सस्पेंड करने के खिलाफ राहत देने से मना किया
कफ सिरप से मौतें 'मेडिकल हिस्ट्री का सबसे चौंकाने वाला मामला': एमपी हाईकोर्ट ने डिस्ट्रीब्यूटर की सीलिंग और लाइसेंस सस्पेंड करने के खिलाफ राहत देने से मना किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोल्डरिफ कफ सिरप के डिस्ट्रीब्यूटर की अपील खारिज की, जिसमें उसने अपनी दुकान की सीलिंग और ड्रग लाइसेंस कैंसिल करने को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि यह मामला 'मेडिकल हिस्ट्री का सबसे चौंकाने वाला मामला' है।बेंच ने कहा कि अपील करने वाले के पास ड्रग रूल्स, 1945 के तहत राज्य सरकार के सामने अपील करने का एक असरदार तरीका था।यह मामला कोल्डरिफ नाम के कोल्ड सिरप के कथित सेवन से 30 बच्चों की मौत से जुड़ा था। ये मौतें अगस्त में शुरू हुईं।यह अपील राजपाल कटारिया ने दायर की, जिसमें उस...

एमपी हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: मृत कर्मचारी के विवाहित पुत्र को भी 25 वर्ष की आयु तक मिलती रहेगी फैमिली पेंशन
एमपी हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय: मृत कर्मचारी के विवाहित पुत्र को भी 25 वर्ष की आयु तक मिलती रहेगी फैमिली पेंशन

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया कि मृत कर्मचारी के विवाहित पुत्र को भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि विवाह होना पुत्र के अधिकार को समाप्त नहीं करता और वह 25 वर्ष की आयु तक या स्वयं की आय से जीवनयापन शुरू करने तक या मृत्यु तक, जो भी पहले हो पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार है।जस्टिस आशिष श्रोटी की सिंगल बेंच ने कहा कि केवल विवाह होना पात्रता समाप्त होने का आधार नहीं हो सकता। आदेश में उल्लेख किया गया कि नियम 47(6) के अनुसार पुत्र के लिए पेंशन की...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को लिखी पत्र, लिस्टिंग व रोस्टर को लेकर जताई गंभीर चिंताएं
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस को लिखी पत्र, लिस्टिंग व रोस्टर को लेकर जताई गंभीर चिंताएं

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बुधवार 26 नवंबर को चीफ जस्टिस को विस्तृत पत्र लिखकर वादों की लिस्टिंग, रोस्टर आवंटन और अदालत के प्रशासनिक प्रबंधन से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं को तत्काल ध्यान देने योग्य बताया।पत्र में कहा गया कि पहले प्रचलित स्लिप ड्रॉप बॉक्स सिस्टम के हटने से वकीलों को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वकील अपनी कोर्ट स्लिप के माध्यम से वादों के लिए संभावित तिथि का अनुरोध सुगमता से कर पाते थे लेकिन अब ऐसा संभव नहीं रह गया। बार ने यह भी कहा कि जिन मामलों की सुनवाई...

शिक्षा के अधिकार में रुकावट नहीं डाली जा सकती: MP हाईकोर्ट ने टाइप-1 डायबिटीज वाले स्टूडेंट को एडमिशन देने का आदेश दिया
'शिक्षा के अधिकार में रुकावट नहीं डाली जा सकती': MP हाईकोर्ट ने टाइप-1 डायबिटीज वाले स्टूडेंट को एडमिशन देने का आदेश दिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन को B.P.Ed कोर्स में टाइप 1 डायबिटीज वाले स्टूडेंट को यह देखते हुए एडमिशन देने का निर्देश दिया कि उसे बाहर करना मनमाना और भेदभाव वाला था।जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस पुष्पेंद्र यादव की डिवीजन बेंच ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि दिव्यांगता के कारण शिक्षा पाने के अधिकार में रुकावट नहीं डाली जा सकती या उसे छीना नहीं जा सकता।बेंच ने कहा;"यह स्टूडेंट को B.P.Ed. कोर्स करने के लिए दिया गया एडमिशन है। इसलिए टाइप-1 डायबिटीज के बहाने...

पुनर्वास की कोई गुंजाइश न होने के बावजूद तलाक का विरोध करना और इससे संतुष्टि पाना क्रूरता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट
पुनर्वास की कोई गुंजाइश न होने के बावजूद तलाक का विरोध करना और इससे संतुष्टि पाना क्रूरता: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक पत्नी द्वारा फैमिली कोर्ट के तलाक न देने के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर एक पति या पत्नी साथ रहने की कोई संभावना न होने के बावजूद तलाक का विरोध करता है तो दूसरे पक्ष के लगातार दुख और तनाव से संतुष्टि पाने का ऐसा व्यवहार अपने आप में क्रूरता माना जा सकता है।जस्टिस विशाल धागट और जस्टिस बीपी शर्मा की डिवीजन बेंच ने कहा,"दूसरा पक्ष तलाक की अर्जी का विरोध करता है, जबकि उनके साथ रहने की कोई संभावना नहीं है। दूसरे पक्ष की मुश्किलों और तनाव से...

छोड़कर जाने के लिए शादी के रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म करने का इरादा होना चाहिए: एमपी हाईकोर्ट ने पति को तलाक देने से इनकार करने का फैसला सही ठहराया
छोड़कर जाने के लिए शादी के रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म करने का इरादा होना चाहिए: एमपी हाईकोर्ट ने पति को तलाक देने से इनकार करने का फैसला सही ठहराया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पति द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए, जिसमें उसने क्रूरता और छोड़कर जाने के आधार पर फैमिली कोर्ट द्वारा अपनी तलाक की याचिका खारिज करने को चुनौती दी थी, यह कहा कि छोड़कर जाने के आधार को लागू करने के लिए शादी के रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म करने का इरादा साबित होना चाहिए।जस्टिस विशाल धागट और जस्टिस बीपी शर्मा की डिवीजन बेंच ने कहा,"अपीलकर्ता यह साबित नहीं कर पाया कि प्रतिवादी का इरादा हमेशा के लिए अलग होने का था या वह इस पक्के इरादे से ससुराल छोड़कर गई कि वह वापस नहीं...