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RTI Act: CIC ने किसानों के विरोध प्रदर्शन और सरकार की आलोचना करने वाले अकाउंट को कवर करने वाले X अकाउंट को ब्लॉक करने के बारे में सूचना देने से इनकार करने के मामले को सही ठहराया
RTI Act: CIC ने किसानों के विरोध प्रदर्शन और सरकार की आलोचना करने वाले अकाउंट को कवर करने वाले 'X' अकाउंट को ब्लॉक करने के बारे में सूचना देने से इनकार करने के मामले को सही ठहराया

किसानों के विरोध प्रदर्शन और सरकार की आलोचना करने वाले अकाउंट को कवर करने वाले 'X' अकाउंट को ब्लॉक करने से संबंधित सूचना देने से इनकार करने के खिलाफ RTI आवेदक द्वारा दायर अपील का निपटारा करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने कहा कि लोक सूचना अधिकारी (PIO) का जवाब "उचित और RTI Act के दायरे में है"।मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल समारिया ने अपने फैसले में कहा,"मामले के रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि प्रतिवादी द्वारा अपीलकर्ता को उचित जवाब भेजा गया, जो RTI Act के प्रावधानों के अनुरूप है। चूंकि PIO...

RTI Act | सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा निजता का हनन नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
RTI Act | सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा निजता का हनन नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों का खुलासा उम्मीदवारों की निजता का हनन नहीं होगा। ऐसा खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के तहत स्वीकार्य है।जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेन्द्र जैन की खंडपीठ ने लोक सूचना अधिकारी (PIO) द्वारा पारित आदेशों और उसके बाद प्रथम और द्वितीय अपीलीय प्राधिकारियों द्वारा पारित आदेशों को रद्द कर दिया, जिसमें सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों से संबंधित जानकारी का...

सुप्रीम कोर्ट ने Online RTI Portals स्थापित करने के निर्देशों के अनुपालन पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने Online RTI Portals स्थापित करने के निर्देशों के अनुपालन पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (23 सितंबर) को प्रवासी लीगल सेल बनाम भारत संघ एवं अन्य के मामले में देश के सभी राज्यों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने के निर्देशों का अनुपालन न करने का आरोप लगाने वाली अवमानना ​​याचिका पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने अनुज नाकाड़े द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि 7 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक Online RTI Portals...

CIC द्वारा दिया गया मुआवज़ा सीधे तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा अनुभव की गई व्यक्तिगत हानि से संबंधित होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
CIC द्वारा दिया गया मुआवज़ा सीधे तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा अनुभव की गई व्यक्तिगत हानि से संबंधित होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) द्वारा दिया गया मुआवज़ा सीधे तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा अनुभव की गई व्यक्तिगत हानि से संबंधित होना चाहिए।जस्टिस संजीव नरूला ने कहा,“जबकि CIC के पास सूचना चाहने वाले को मुआवज़ा देने का अधिकार है, यह अनिवार्य है कि ऐसा मुआवज़ा सीधे तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा अनुभव की गई व्यक्तिगत हानि से संबंधित हो।”अदालत ने कहा,“शिकायतकर्ता के अलावा अन्य पक्षों द्वारा उठाए गए नुकसान के आधार पर मुआवज़ा देना RTI Act की...

दिल्ली हाईकोर्ट ने मृतक पिता के बैंक लॉकर के विवरण के लिए बेटे की याचिका खारिज की, कहा- व्यापक जनहित में व्यक्तिगत हित शामिल नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने मृतक पिता के बैंक लॉकर के विवरण के लिए बेटे की याचिका खारिज की, कहा- 'व्यापक जनहित' में व्यक्तिगत हित शामिल नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की। उक्त आदेश में सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के तहत व्यक्ति को उसके मृतक पिता के बैंक लॉकर से संबंधित जानकारी देने से केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) का इनकार बरकरार रखा गया था।अपीलकर्ता रवि प्रकाश सोनी ने कहा कि उनके पिता ने राजस्थान के चूरू जिले में बैंक ऑफ बड़ौदा की सरदारशहर शाखा में बैंक लॉकर किराए पर लिया था।वर्ष 2011 में अपने पिता के निधन के बाद, जबकि RTI आवेदन दाखिल करने की तिथि तक बैंक लॉकर सक्रिय और...

सूचना मांगने वाले को RTI Act की धारा 20 के तहत लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही में कोई अधिकार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
सूचना मांगने वाले को RTI Act की धारा 20 के तहत लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही में कोई अधिकार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) की धारा 20 के तहत लोक सूचना अधिकारी के खिलाफ शुरू की गई दंडात्मक कार्यवाही में सूचना चाहने वाले को कोई अधिकार नहीं है।धारा 20 में कहा गया कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) या राज्य सूचना आयोग (SIC) को शिकायत या दूसरी अपील पर निर्णय लेते समय लोक सूचना अधिकारी (PIO) पर जुर्माना लगाने की शक्ति है।प्रावधान के अनुसार, जुर्माना लगाया जा सकता है, यदि PIO आवेदन प्राप्त करने से इनकार करता है और आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों...

CIC के पास केंद्रीय सूचना आयोग के सुचारू संचालन के लिए पीठों का गठन करने और नियम बनाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
CIC के पास केंद्रीय सूचना आयोग के सुचारू संचालन के लिए पीठों का गठन करने और नियम बनाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के पास सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) की धारा 12(4) के तहत केंद्रीय सूचना आयोग के मामलों के प्रभावी प्रबंधन के लिए पीठों का गठन करने और नियम बनाने का अधिकार है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा,"महत्वपूर्ण रूप से RTI Act की धारा 12(4) CIC को आयोग के मामलों का सामान्य अधीक्षण, निर्देशन और प्रबंधन प्रदान करती है। इस प्रावधान का तात्पर्य है कि CIC के पास कामकाज की देखरेख और निर्देशन करने का व्यापक अधिकार है। यह...

RTI Act | क्या प्रथम अपील के अभिलेखों में उपलब्ध दस्तावेजों को द्वितीय अपील के समय अनिवार्य रूप से दाखिल किया जाना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार
RTI Act | क्या प्रथम अपील के अभिलेखों में उपलब्ध दस्तावेजों को द्वितीय अपील के समय अनिवार्य रूप से दाखिल किया जाना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट करेगा विचार

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि क्या सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत प्रथम अपील के अभिलेखों में उपलब्ध दस्तावेजों को द्वितीय अपील के समय पुनः मंगाया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यह आदेश पारित किया।संक्षेप में कहें तो यह याचिका किशन चंद जैन नामक व्यक्ति ने दाखिल की, जिसमें RTI नियम, 2012 के नियम 8 और 9 के...

प्रेस की स्वतंत्रता: ऑनलाइन न्यूज स्पेस को नियंत्रित करने के केंद्र सरकार के कदम क्यों है चिंताजनक
प्रेस की स्वतंत्रता: ऑनलाइन न्यूज स्पेस को नियंत्रित करने के केंद्र सरकार के कदम क्यों है चिंताजनक

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में दिलचस्प घटना यह देखने को मिली कि समाचार और समसामयिक मामलों की रिपोर्टिंग, चर्चा और विश्लेषण करने वाले व्यक्तिगत YouTubers की लोकप्रियता में उछाल आया। ध्रुव राठी, रवीश कुमार और आकाश बनर्जी (देशभक्त) जैसे YouTubers ने आम लोगों को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाने वाले अपने वीडियो से काफ़ी लोकप्रियता हासिल की।उल्लेखनीय रूप से इन वीडियो को कई मिलियन व्यू मिले, जो अक्सर कई स्थापित टीवी चैनलों के कुल व्यू से भी ज़्यादा होते हैं।...

हाईकोर्ट ने मंदिरों को RTI Act के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
हाईकोर्ट ने मंदिरों को RTI Act के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को जनहित याचिका खारिज की। उक्त याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई कि कर्नाटक राज्य में मंदिर सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) की धारा 2 (एच) के अर्थ में सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं हैं।चीफ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने मेसर्स अखिला कर्नाटक हिंदू मंदिर पुजारी आगमिका और अर्चक एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका खारिज की।याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी नंबर 2 (हिंदू धार्मिक एवं बंदोबस्ती विभाग के आयुक्त) को 16-06-2007 की अपनी अधिसूचना, साथ ही...

RTI Act के तहत मांगी गई कर चोरी याचिका के नतीजे से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती: उड़ीसा हाईकोर्ट
RTI Act के तहत मांगी गई कर चोरी याचिका के नतीजे से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने माना कि सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI Act) के तहत मांगी गई कर चोरी याचिका के नतीजे से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती।जस्टिस बी.आर. सारंगी और जस्टिस जी. सतपथी की खंडपीठ ने पाया कि RTI Act के तहत दायर आवेदन में मांगी गई जानकारी की आपूर्ति के संबंध में याचिकाकर्ता का दावा धारा 8(1) खंड (i) के तहत निहित प्रावधानों के मद्देनजर स्वीकार्य नहीं है।धारा 8(1)(i) के अनुसार, किसी भी नागरिक को मंत्रिपरिषद, सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श के रिकॉर्ड सहित कैबिनेट कागजात देने...

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य से जवाब मांगा
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने "मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना" को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर राज्य से जवाब मांगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में शुरू की गई "मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना" को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा।एक्टिंग चीफ़ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस निधि गुप्ता की खंडपीठ ने योजना पर रोक लगाने की मांग करने वाली परविंदर सिंह कित्तना की जनहित याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई तीर्थ यात्रा योजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को देश और राज्य भर के विभिन्न पवित्र स्थानों की सुविधा प्रदान करना है। याचिका में कहा गया कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने अज़फल खान के मकबरे को तोड़े जाने पर महाराष्ट्र के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के सतारा के प्रतापगढ़ में स्थित अफजल खान दरगाह में बनी संरचनाओं को तोड़ने के संबंध में जिला कलेक्टर और सतारा के डिप्टी कंजर्वेटर से रिपोर्ट मांगी।अधिकारियों को कोर्ट को सूचित करते हुए रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए: (ए) अतिक्रमण की प्रकृति; (बी) कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया; (ग) की गई कार्रवाई की प्रकृति।दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब...

वकीलों को गर्मी में काला कोट और गाउन पहनने से छूट दी जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
वकीलों को गर्मी में काला कोट और गाउन पहनने से छूट दी जाए: सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में गर्मियों के महीनों में वकीलों को काला कोट और गाउन पहनने से छूट की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने रिट याचिका दायर कर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को अपने नियमों में संशोधन करने का निर्देश देने की मांग की है ताकि अधिवक्ताओं को गर्मियों के महीनों में काला कोट और गाउन पहनने से छूट मिल सके।अधिवक्ता त्रिपाठी ने आगे प्रत्येक राज्य की बार काउंसिल को अपने नियमों में संशोधन करने और उस विशेष राज्य के लिए प्रचलित गर्मी के महीनों...

National Uniform Public Holiday Policy
शरणार्थियों की नागरिकता के लिए केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना सीएए से संबंधित नहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

केंद्र ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा दायर एक हस्तक्षेप आवेदन के जवाब में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 28 मई, 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना का नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 से कोई संबंध नहीं है।केंद्र सरकार के 28 मई,2021 के आदेश के तहत (i) गुजरात राज्य में मोरबी, राजकोट, पाटन और वडोदरा (ii) छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग और बलौदाबाजार (iii) राजस्थान राज्य में जालोर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर और सिरोही (iv) हरियाणा राज्य में फरीदाबाद और (v) पंजाब राज्य में जालंधर जिला के...

किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को अनुबंध मामले में एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है : सुप्रीम कोर्ट
किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को अनुबंध मामले में एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है : सुप्रीम कोर्ट

किसी मध्यस्थता खंड का अस्तित्व अदालत को एक रिट याचिका पर सुनवाई करने से प्रतिबंधित नहीं करता है, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (12 मई 2021) को पारित एक फैसले में कहा।इस मामले में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस लिमिटेड द्वारा दायर एक रिट याचिका की अनुमति दी, जिसमें कार्यकारी अभियंता, उन्नाव यूपीपीटीसीएल द्वारा भवन और अन्य निर्माण कर्मचारी कल्याण अधिनियम, 1996 की धारा 3 की उपधारा (1) और (2), के साथ पढ़ते हुए निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर नियम, 1998, नियम 3 और नियम 4 (1),...

आरटीआई- यूपी सरकार 48 घंटे की समयसीमा के भीतर व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की जानकारी देने में पूरी तरह नाकामः वकील ने एसआईसी को लिखा
आरटीआई- यूपी सरकार 48 घंटे की समयसीमा के भीतर व्यक्ति के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की जानकारी देने में पूरी तरह नाकामः वकील ने एसआईसी को लिखा

लखनऊ के एक वकील सैयद मोहम्मद हैदर रिज़वी ने राज्य सूचना आयोग और यूपी सचिवालय के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर कर राज्य के सभी विभागों को 48 घंटे के भीतर, व्यक्तियों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित सूचना का प्रसार किया जाए।एडवोकेट हैदर ने सरकार से 2015 के आरटीआई नियमों में संशोधन करने का भी आग्रह किया ऐसा तंत्र विकसित किया जाए, जहां 48 घंटे के भीतर जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित जानकारी प्रस्तुत नहीं करने पर ऐसे मामलों/अपीलों पर शीघ्रता से निर्णय लिया जा सके।यह ध्यान दिया जा सकता है...