गुजरात हाईकोर्ट

Morbi Tragedy| यह आकष्मिक घटना नहीं, आपने सार्वजनिक संपत्ति के साथ खेल किया: गुजरात हाईकोर्ट ने पीड़ितों के पुनर्वास योजना के लिए ओरेवा को फटकार लगाई
Morbi Tragedy| 'यह आकष्मिक घटना नहीं, आपने सार्वजनिक संपत्ति के साथ खेल किया': गुजरात हाईकोर्ट ने पीड़ितों के पुनर्वास योजना के लिए 'ओरेवा' को फटकार लगाई

कोर्ट के आदेशों का पालन न करने और देरी करने के लिए ओरेवा कंपनी के निदेशक जयसुख पटेल के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी होने के बाद, कंपनी ने माफी जारी की है, जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने आज स्वीकार कर लिया है और प्रबंध निदेशक के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।हालांकि, चीफ़ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध मयी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पीड़ितों के पुनर्वास के संबंध में कंपनी के प्रस्तावों की कमी पर असंतोष व्यक्त किया। मोरबी पुल ढहने पर स्वतः सुनवाई के दौरान, चीफ़ जस्टिस...

छंटनी नोटिस और नोटिस के बदले भुगतान की प्रक्रियात्मक आवश्यकताएं आईडी एक्ट की धारा 25एफ और राज्य नियमों के तहत पूरी की जानी चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट
छंटनी नोटिस और नोटिस के बदले भुगतान की प्रक्रियात्मक आवश्यकताएं आईडी एक्ट की धारा 25एफ और राज्य नियमों के तहत पूरी की जानी चाहिए: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट की एक खंडपीठ, जिसमें जस्टिस बीरेन वैष्णव और जस्टिस प्रणव त्रिवेदी शामिल थे, उन्होंने अहमदाबाद स्थित मार्बल डीलर त्रिवेदी क्राफ्ट्स के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया। पीठ ने औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25एफ और औद्योगिक विवाद (गुजरात) नियम, 1996 के नियम 80बी का अवलोकन किया और कहा कि निर्धारित प्रारूप में नोटिस देकर और नोटिस की एवज में प्रभावित श्रमिकों को एक महीने का वेतन देकर छंटनी की प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं का विधिवत पालन किया गया था।आईडी अधिनियम की धारा 25एफ कामगारों की...

अल्कोहोलिक आयुर्वेदिक दवा? ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कार्यवाही गुजरात निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई को नहीं रोकती: हाईकोर्ट
अल्कोहोलिक आयुर्वेदिक दवा? ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कार्यवाही गुजरात निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई को नहीं रोकती: हाईकोर्ट

गुजरात हाइकोर्ट ने आयुर्वेदिक दवा के रूप में मादक पदार्थों को बेचकर राज्य के निषेध कानून का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए दवा कंपनी के मालिक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की पुष्टि की है यह स्पष्ट करते हुए कि ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स अधिनियम के तहत कार्रवाई किसी व्यक्ति को अभियोजन से छूट नहीं देती, यदि गुजरात निषेध अधिनियम, 1949 के तहत मामला बनता है।जस्टिस हसमुख डी. सुथार की पीठ ने बताया कि FSL रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता की फर्म द्वारा बेची गई दवा में अल्कोहल का स्तर 12% से अधिक पाया गया जो निषेध...

शेरों की मौत: गुजरात हाइकोर्ट ने वन और रेलवे विभागों के कामकाज की उच्च स्तरीय जांच करने को कहा
शेरों की मौत: गुजरात हाइकोर्ट ने वन और रेलवे विभागों के कामकाज की उच्च स्तरीय जांच करने को कहा

गुजरात हाइकोर्ट ने अमरेली जिले में रेलवे पटरियों पर तीन एशियाई शेरों की अप्राकृतिक मौतों की रेलवे और वन विभाग द्वारा की गई जांच पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,"हम रेलवे और वन विभाग के कामकाज की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर रहे हैं।"उन्होंने बताया कि अधिकारी पहली दुर्घटना के बाद निवारक उपाय करने में विफल रहे और मार्च में न्यायालय द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद ही वे हरकत में आए। इसके बाद भी जस्टिस अनिरुद्ध पी माई की पीठ ने कहा कि घटना के कारणों की...

गुजरात हाइकोर्ट ने विशिष्ट न्यायालय आदेशों के बावजूद अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने में बार-बार विफल रहने के लिए वकील पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया
गुजरात हाइकोर्ट ने विशिष्ट न्यायालय आदेशों के बावजूद अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने में बार-बार विफल रहने के लिए वकील पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया

गुजरात हाइकोर्ट ने विशिष्ट न्यायालय आदेशों के बावजूद अपने मुवक्किल का प्रतिनिधित्व करने में बार-बार विफल रहने के लिए वकील पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया।इसके एडिशनल कोर्ट ने वकील प्रशांत वी. चावड़ा के आचरण को आगे की जांच के लिए गुजरात बार काउंसिल को भेजने का निर्णय लिया। न्यायालय ने टिप्पणी की कि चावड़ा का आचरण कानूनी पेशे के मानकों को पूरा नहीं करता है और बार काउंसिल द्वारा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया। चावड़ा को 30 दिनों के भीतर गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को...

गुजरात हाइकोर्ट ने आपराधिक पृष्ठभूमि के आरोपों के बीच वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्य की नियुक्ति पर सवाल उठाए, राज्य से जवाब मांगा
गुजरात हाइकोर्ट ने आपराधिक पृष्ठभूमि के आरोपों के बीच वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्य की नियुक्ति पर सवाल उठाए, राज्य से जवाब मांगा

गुजरात हाइकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य में वक्फ ट्रिब्यूनल के तीसरे सदस्य की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान आपराधिक पृष्ठभूमि के आरोपों के बीच अनवर हुसैन शेख की नियुक्ति के बारे में राज्य से स्पष्टीकरण मांगा।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध पी माई की खंडपीठ ने राज्य सरकार और शेख को पद से हटाने के लिए उठाए गए तर्कों का जवाब देने का निर्देश दिया।सीजे अग्रवाल ने 19 अप्रैल को जारी आदेश में कहा,“प्रतिवादी नंबर 1 के कार्यालय से सक्षम अधिकारी का हलफनामा...

पशुओं और पक्षियों के लिए हेबियस कॉर्पस का आह्वान नहीं किया जा सकता: गुजरात हाइकोर्ट ने चोरी हुए पशुओं की कस्टडी की मांग करने वाली याचिका में संशोधन करने को कहा
पशुओं और पक्षियों के लिए हेबियस कॉर्पस का आह्वान नहीं किया जा सकता: गुजरात हाइकोर्ट ने चोरी हुए पशुओं की कस्टडी की मांग करने वाली याचिका में संशोधन करने को कहा

गुजरात हाइकोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की कि वह चोरी हुए पशुओं के लिए हेबियस कॉर्पस याचिका जारी नहीं कर सकता। कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले वकील को सुझाव दिया कि वह पहले हेबियस कॉर्पस से संबंधित कानून को देखें।जस्टिस ए वाई कोगजे और जस्टिस एस जे दवे की खंडपीठ सूरत की महिला कसमबेन सोमुभाई सिंगाड़े द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जो अपनी अपहृत बेटी और चोरी हुए पशुओं की कस्टडी की मांग कर रही थी।शुरू में पीठ ने 'पक्षियों, गायों, भैंसों आदि' की कस्टडी की मांग करने वाली प्रार्थना पर सवाल...

प्रथम दृष्टया बेतुका: गुजरात हाइकोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा असत्यापित तस्वीरों से महिला की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और भरण-पोषण देने से इनकार करने पर कहा
प्रथम दृष्टया बेतुका: गुजरात हाइकोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा असत्यापित तस्वीरों से महिला की वित्तीय स्थिति का आकलन करने और भरण-पोषण देने से इनकार करने पर कहा

गुजरात हाइकोर्ट ने परित्यक्त महिला के भरण-पोषण के आवेदन को धारा 125 सीआरपीसी के तहत खारिज करने के फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रथम दृष्टया टिप्पणियां की हैंमहिला की वित्तीय स्थिति और कुछ असत्यापित तस्वीरों से आंकी गई कथित भव्य जीवनशैली के आधार पर यह आदेश दिया गया।मामले की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस जेसी दोशी ने कहा,"फैमिली जज ने पृष्ठ 38, विशेष रूप से पैरा 15.13 से 15.19 में कुछ अजीब निष्कर्ष दर्ज किए, जिसमें परित्यक्त महिला के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 125 के तहत भरण-पोषण से इनकार...

मोरबी ब्रिज हादसा| गुजरात हाईकोर्ट ने पीड़ितों के पुनर्वास की जिम्मेदारी से बचने के लिए ओरेवा समूह को फटकार लगाई, कंपनी के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया
मोरबी ब्रिज हादसा| गुजरात हाईकोर्ट ने पीड़ितों के पुनर्वास की जिम्मेदारी से बचने के लिए ओरेवा समूह को फटकार लगाई, कंपनी के निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी सस्पेंशन ब्रिज ढहने से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास की जिम्मेदारी से बचने पर ओरेवा समूह के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कंपनी के निदेशक जयसुख पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें अदालत के आदेशों की अवहेलना करने और देरी करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया।हाल में पुल ढहने के मामले में स्वत: संज्ञान जनहित याचिका की सुनवाई के के दरमियान चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की खंडपीठ ने उस समय काफी नाराज हो गई, जब कंपनी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट जल...

बालिग महिला अपना खुद का रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र: लिव-इन पार्टनर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट
बालिग महिला अपना खुद का रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र: लिव-इन पार्टनर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने दोहराया कि वयस्क महिला रिश्ते में अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है। यह टिप्पणी महिला के लिव-इन पार्टनर द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका से निपटने के दौरान की गई थी। उक्त याचिका में कथित तौर पर उसके पति द्वारा उसे ले जाने और उसके मायके में कैद कर दिए जाने के बाद उसकी कस्टडी की मांग की गई।अदालत के समक्ष याचिकाकर्ता ने उस महिला का लिव-इन पार्टनर होने का दावा किया, जिसकी शादी किसी अन्य व्यक्ति से हुई थी, लेकिन वैवाहिक कलह के कारण वह अपने माता-पिता के साथ रह रही थी। बाद...

गुजरात हाइकोर्ट ने समाधान योजना का हिस्सा न बनने वाले किसी भी दावे के अभाव में मांग नोटिस और मूल्यांकन आदेश रद्द किया
गुजरात हाइकोर्ट ने समाधान योजना का हिस्सा न बनने वाले किसी भी दावे के अभाव में मांग नोटिस और मूल्यांकन आदेश रद्द किया

गुजरात हाइकोर्ट ने समाधान योजना (RP) का हिस्सा न बनने वाले किसी भी दावे के अभाव में मांग नोटिस और मूल्यांकन आदेश रद्द कर दिया।जस्टिस भार्गव डी. करिया और जस्टिस निरल आर. मेहता की खंडपीठ ने कहा कि दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के अनुसार, 13 मार्च, 2023 के आदेश के अनुसार 20 मार्च, 2023 को मांग नोटिस जारी करके जो मांग उठाई गई थी, उसे समाधान योजना का हिस्सा होने वाले दावे के संबंध में नहीं कहा जा सकता।खंडपीठ ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 147 के तहत विभाग द्वारा जारी कार्यवाही, उस दावे के...

क्या भारत में क्राउडफंडिंग के लिए कोई विशिष्ट नियम हैं?: गुजरात हाईकोर्टट ने सांसद साकेत गोखले की याचिका पर सरकार से जवाब मांगा
'क्या भारत में क्राउडफंडिंग के लिए कोई विशिष्ट नियम हैं?': गुजरात हाईकोर्टट ने सांसद साकेत गोखले की याचिका पर सरकार से जवाब मांगा

गुजरात हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद साकेत गोखले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए क्राउडफंडिंग को नियंत्रित करने वाले नियमों के बारे में जानकारी मांगी, जिसमें कथित तौर पर क्राउडफंडिंग अभियान के तहत जनता को धोखा देने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने की मांग की गई।क्राउडफंडिंग को नए और दिलचस्प विषय के रूप में मान्यता देते हुए आगे की जांच की आवश्यकता है, जस्टिस एचडी सुथार ने अभियोजन पक्ष और गोखले के वकील दोनों से इनपुट मांगा।जस्टिस सुथार ने...

आपको हमेशा अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत क्यों पड़ती है?: गुजरात हाईकोर्ट ने रेल पटरियों पर शेरों की मौत के बाद निष्क्रियता के लिए वन विभाग, रेलवे को फटकार लगाई
'आपको हमेशा अदालत के हस्तक्षेप की जरूरत क्यों पड़ती है?': गुजरात हाईकोर्ट ने रेल पटरियों पर शेरों की मौत के बाद निष्क्रियता के लिए वन विभाग, रेलवे को फटकार लगाई

गुजरात हाईकोर्ट ने अमरेली जिले में रेलवे पटरियों पर दो शेरों की एक्सीडेंट के कारण हुई मौत के समाधान में रेलवे और राज्य वन विभाग दोनों की ओर से की गई देरी पर चिंता जताई है। चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध पी मायी की खंडपीठ ने कहा, “हमारी सुविचारित राय में, जब जनवरी 2024 के महीने में ये दुर्घटनाएं हुईं तो वन और रेलवे अधिकारियों के लिए कार्रवाई का उचित तरीक, संयुक्त रूप से या अलग-अलग (दुर्घटनाओं की) जांच करना था, ताकि रेलवे ट्रैक पर मौत के कारण का पता लगाया जा सके और सुधारात्मक उपाय...

महात्मा गांधी आश्रम पुनर्विकास: गुजरात हाइकोर्ट ने मुआवजे को चुनौती देने वाली पूर्व निवासियों की अपील खारिज की
महात्मा गांधी आश्रम पुनर्विकास: गुजरात हाइकोर्ट ने मुआवजे को चुनौती देने वाली पूर्व निवासियों की अपील खारिज की

सोमवार को गुजरात हाइकोर्ट ने साबरमती गांधी आश्रम परिसर के दो पूर्व निवासियों की अपील खारिज कर दी, जिन्होंने पुनर्विकास पहल के तहत अपने घरों से स्थानांतरित होने के लिए दिए गए मुआवजे के बारे में आपत्ति जताई थी।आश्रम परिसर के निवासी जयेश वाघेला और करण सोनी द्वारा दायर याचिकाओं को चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध पी. माई की खंडपीठ ने खारिज किया। इससे पहले एकल न्यायाधीश की पीठ ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार किया था।याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि राज्य सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये की...

गुजरात हाइकोर्ट ने जज पर आदेश में हेराफेरी करने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति को हटाया, व्यक्तिगत रूप से पक्षकार के रूप में पेश होने से रोका
गुजरात हाइकोर्ट ने जज पर आदेश में हेराफेरी करने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति को हटाया, व्यक्तिगत रूप से पक्षकार के रूप में पेश होने से रोका

गुजरात हाइकोर्ट ने मौजूदा जज पर न्यायिक आदेश में हेराफेरी करने का आरोप लगाने वाले व्यक्ति की दलीलों पर कड़ी आपत्ति जताई और उसे व्यक्तिगत रूप से पक्षकार के रूप में पेश होने से रोक दिया।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने रजिस्ट्री को जतिन सीताभाई पटेल के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया।चीफ जस्टिस ने कहा,"अदालत में व्यक्तिगत रूप से पक्ष द्वारा किए गए दावे और हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस की हैसियत से मेरे समक्ष प्रस्तुत आवेदन जज और इस हाइकोर्ट को बदनाम करने वाले हैं।"पटेल ने विशेष आपराधिक...

[Bhavnagar Sewer Deaths] गुजरात हाईकोर्ट ने सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले सफाई कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर राज्य को फटकार लगाई
[Bhavnagar Sewer Deaths] गुजरात हाईकोर्ट ने सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मरने वाले सफाई कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर राज्य को फटकार लगाई

गुजरात हाईकोर्ट ने सेप्टिक टैंक में घुसकर मरने वाले संविदा सफाई कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यकर्ता को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह केवल अपने परिवार का समर्थन करने की कोशिश कर रहा है।यह फटकार एनजीओ मानव गरिमा द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें मैनुअल स्केवेंजर्स के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 को सख्ती से लागू करने की मांग की गई।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और...

तीन दशक से अधिक पुरानी अपीलें अभी भी लंबित: गुजरात हाइकोर्ट ने राज्य को आपराधिक अपीलों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया
तीन दशक से अधिक पुरानी अपीलें अभी भी लंबित: गुजरात हाइकोर्ट ने राज्य को आपराधिक अपीलों को नियंत्रित करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश दिया

गुजरात हाइकोर्ट ने तीन दशक से लंबित पुरानी अपीलों को देखते हुए राज्य को आपराधिक अपीलों की देखरेख करने की प्रक्रिया में सुधार करने का निर्देश दिया।जस्टिस ए.एस. सुपेहिया और जस्टिस विमल के. व्यास की खंडपीठ ने राज्य अधिकारियों को न्यायालय के पिछले निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा पुरानी आपराधिक अपीलों के लंबित मामलों को संबोधित करने के लिए सिस्टम स्थापित करने का आग्रह किया।न्यायालय ने पिछले आदेशों में उल्लिखित दिशा-निर्देशों को लागू करने में विफल रहने के लिए राज्य की आलोचना की तथा...

गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा वाइन शॉप मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की
गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा वाइन शॉप मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश दमन के शराब व्यापारियों के संघ द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी। उक्त याचिका में गुजरात में उनके द्वारा बेची गई शराब पकड़े जाने पर गुजरात के निषेध कानूनों के तहत उनके खिलाफ गुजरात पुलिस की कार्रवाई को रोकने में हस्तक्षेप की मांग की गई।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध माई की खंडपीठ ने कहा,“हम यह समझने में विफल हैं कि वाइन शॉप के मालिक, जो गुजरात राज्य में कोई व्यवसाय नहीं कर रहे हैं, उन्हें शराब बेचने और गुजरात के तहत मामलों में...

किसी को सिर्फ बयान वापस लेने के लिए कहना उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के बराबर नहीं होगा: गुजरात हाईकोर्ट
किसी को सिर्फ बयान वापस लेने के लिए कहना उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने के बराबर नहीं होगा: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि केवल एक व्यक्ति को एक और हलफनामा दायर करके अपने बयान को वापस लेने के लिए कहने को मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने, उकसाने या उकसाने के रूप में नहीं माना जा सकता है।जस्टिस दिव्येश ए जोशी ने कहा, "केवल आरोपी ने मृतक को एक और हलफनामा दायर करके अपने संस्करण को वापस लेने के लिए कहा, किसी भी तरह से मृतक को आत्महत्या करने के लिए उकसाने, उकसाने या उकसाने के लिए एक कार्य के रूप में नहीं माना जाएगा और अगर मृतक पर कोई विशेष कार्य करने के लिए कोई धमकी या दबाव था, वह उचित सहारा ले...

गुजरात हाईकोर्ट ने अवैध भूमि आवंटन मामले में पूर्व IAS अधिकारी प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका खारिज की
गुजरात हाईकोर्ट ने अवैध भूमि आवंटन मामले में पूर्व IAS अधिकारी प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका खारिज की

गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को कच्छ के भुज में दर्ज 2023 के मामले के संबंध में रिटायर्ड IAS अधिकारी प्रदीप शर्मा की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसमें शर्मा पर कच्छ जिले के तत्कालीन कलेक्टर के रूप मौद्रिक के लिए सरकारी भूमि के कथित अवैध आवंटन के लिए भ्रष्टाचार और आपराधिक विश्वासघात का आरोप है।अदालत ने उच्च सरकारी पद पर उनके कार्यकाल के दौरान इसी तरह के अपराधों के लिए उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर का हवाला देते हुए शर्मा का पक्ष लेने में अनिच्छा व्यक्त की।जस्टिस दिव्येश जोशी ने मंगलवार को शर्मा की...