केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए
केरल हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने के मामले में केरल के पूर्व मुख्य सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए।यह आदेश जस्टिस के. बाबू ने लोकप्रिय कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरकल द्वारा दायर याचिका पर पारित किया।आरोप है कि वित्तीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर रहते हुए अब्राहम ने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।इससे पहले सतर्कता विभाग ने मामले की जांच की थी और शिकायत को बंद कर दिया था। अब हाईकोर्टने सतर्कता विभाग को फाइलें CBI को सौंपने का आदेश...

केरल हाईकोर्ट ने JDU नेता की हत्या मामले में RSS के 5 कार्यकर्ताओं को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
केरल हाईकोर्ट ने JDU नेता की हत्या मामले में RSS के 5 कार्यकर्ताओं को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

केरल हाईकोर्ट ने जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) पार्टी के पदाधिकारी दीपक की हत्या के आरोप से पांच RSS कार्यकर्ताओं को बरी करने के सेशन कोर्ट का आदेश पलट दिया।जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार और जस्टिस जोबिन सेबेस्टियन की खंडपीठ ने राज्य और दीपक की पत्नी की अपील स्वीकार की और पांचों को आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।इसके अलावा, न्यायालय ने त्रिशूर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को मृतक के कानूनी प्रतिनिधियों को मुआवजा देने के लिए कहा। अन्य आरोपियों के संबंध में, न्यायालय ने माना...

एक्ट्रेस पर हमले मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की, हाईकोर्ट ने कहा- मुकदमा निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है
एक्ट्रेस पर हमले मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज की, हाईकोर्ट ने कहा- मुकदमा निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार (7 अप्रैल) को मलयालम एक्ट्रेस यौन उत्पीड़न मामले में CBI जांच की मांग करने वाली एक्टर दिलीप की अपील खारिज कर दी। दिलीप इस मामले में 8वें आरोपी हैं और उन पर अपराध की साजिश रचने का आरोप है।यह अपराध 18.02.2017 को हुआ था, जब हमलावरों का एक गिरोह पीड़िता के वाहन में घुस गया और उसके साथ यौन अपराध किया। कथित तौर पर पीड़िता के खिलाफ अपने निजी रंजिश को पूरा करने के लिए दिलीप के कहने पर किराए के गुंडों द्वारा अपराध को अंजाम दिया गया।मामले की CBI जांच के लिए उनकी याचिका को दिसंबर,...

UAPA | केरल हाईकोर्ट ने RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल PFI सदस्यों को जमानत दी
UAPA | केरल हाईकोर्ट ने RSS नेता श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल PFI सदस्यों को जमानत दी

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार (2 अप्रैल) को पलक्कड़ में RSS नेता एस. के. श्रीनिवासन की हत्या में कथित रूप से शामिल 10 PFI सदस्यों को जमानत दी।जस्टिस राजा विजय राघवन वी. और जस्टिस पी. वी. बालकृष्णन की खंडपीठ ने नास्सर, जमशीर एच., अब्दुल बासित, मुहम्मद शेफीक के., अशरफ के., जिशाद बी., अशरफ उर्फ अशरफ मौलवी, सिराजुद्दीन इन 8 व्यक्तियों को जमानत प्रदान की यह देखते हुए कि उन्होंने पहले ही लंबे समय तक कारावास भोग लिया और उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है।श्रीनिवासन की हत्या की जांच शुरू में राज्य पुलिस...

BJP नेता ने केरल हाईकोर्ट में एम्पुराण पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दायर की, कहा- फिल्म सांप्रदायिक हिंसा भड़का सकती है
BJP नेता ने केरल हाईकोर्ट में एम्पुराण पर प्रतिबंध लगाने के लिए याचिका दायर की, कहा- फिल्म सांप्रदायिक हिंसा भड़का सकती है

केरल हाईकोर्ट में मलयालम फिल्म एम्पुराण की स्क्रीनिंग रोकने के लिए रिट याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) त्रिशूर जिला समिति के सदस्य वी. वी. विजेश हैं।याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में फिल्म में गोधरा के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे सांप्रदायिक हिंसा भड़कने का खतरा है।मोहनलाल अभिनीत बड़े बजट की फिल्म एम्पुराण उस समय विवाद का केंद्र बन गई है, जब कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने 2002 के गुजरात दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई।इसके बाद मोहनलाल ने फेसबुक...

सोशल मीडिया के दौर में साइबर बुलिंग से निपटने के लिए प्रभावी कानूनों की जरूरत, नया बना BNS भी इसे संबोधित नहीं कर पाया: केरल हाईकोर्ट
सोशल मीडिया के दौर में साइबर बुलिंग से निपटने के लिए प्रभावी कानूनों की जरूरत, नया बना BNS भी इसे संबोधित नहीं कर पाया: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कानूनी प्रावधानों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की है और टिप्पणी की है कि दूसरों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी या अपमानजनक सामग्री के रूप में साइबर बुलिंग को वर्तमान कानूनी ढांचे के माध्यम से अपर्याप्त रूप से संबोधित किया जा रहा है। यह देखते हुए कि हाल ही में अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता 2023 में भी साइबर बुलिंग पर कोई सीधा प्रावधान नहीं है, जस्टिस सीएस सुधा ने कहा कि ऑनलाइन उत्पीड़न जिसमें यौन संबंध नहीं हैं, उसे भी...

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए Evidence Act की धारा 65B प्रमाणपत्र अनिवार्य, विशेषज्ञ रिपोर्ट इसका विकल्प नहीं: केरल हाईकोर्ट
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के लिए Evidence Act की धारा 65B प्रमाणपत्र अनिवार्य, विशेषज्ञ रिपोर्ट इसका विकल्प नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि CrPC की धारा 293 के तहत प्राप्त सरकारी विशेषज्ञ की रिपोर्ट को भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के तहत प्रमाणपत्र के औपचारिक विकल्प के रूप में नहीं माना जा सकता, जो इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की वैधता साबित करने के लिए आवश्यक होता है।अदालत ने कहा कि CrPC की धारा 293 के तहत विशेषज्ञ की रिपोर्ट केवल साक्ष्य का विश्लेषण करती है, लेकिन इससे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड स्वतः स्वीकार्य नहीं हो जाता।मामले के तथ्यों के अनुसार, ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया DVR काम नहीं कर रहा था,...

मोटर वाहन अधिनियम | धारा 163ए के तहत दावा मालिक या बीमाकर्ता के अलावा किसी और के खिलाफ नहीं होगा: केरल हाईकोर्ट
मोटर वाहन अधिनियम | धारा 163ए के तहत दावा मालिक या बीमाकर्ता के अलावा किसी और के खिलाफ नहीं होगा: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने माना कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 163ए के तहत मुआवज़ा देने का दायित्व वाहन के मालिक और बीमाकर्ता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध नहीं होगा, क्योंकि दावेदार को लापरवाही का दावा करने या उसे स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है। धारा 163ए संरचित सूत्र के आधार पर मुआवज़े के भुगतान के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है। जस्टिस सी.प्रतीप कुमार ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम माधवन एम (2011) में डिवीजन बेंच के फैसले पर भरोसा करते हुए इस प्रकार टिप्पणी की,“यद्यपि...

ईसाइयों द्वारा सिविल कानून के अनुसार किया गया वैध दत्तक ग्रहण कैनन कानून के तहत मान्यता प्राप्त: केरल हाईकोर्ट
ईसाइयों द्वारा सिविल कानून के अनुसार किया गया वैध दत्तक ग्रहण कैनन कानून के तहत मान्यता प्राप्त: केरल हाईकोर्ट

ऐसा करते हुए न्यायालय ने पूर्वी चर्चों के कैनन संहिता का संदर्भ दिया, जहां दत्तक बच्चों का उल्लेख है। इसके अलावा कैनन 110 जिसका पालन ईसाइयों के कुछ संप्रदायों द्वारा किया जाता है, यह प्रावधान करता है कि नागरिक कानून के मानदंड के अनुसार गोद लिए गए बच्चों को उस व्यक्ति या व्यक्तियों के बच्चे माना जाता है, जिन्होंने उन्हें गोद लिया है।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने कहा कि यद्यपि भारत में ईसाइयों के लिए गोद लेने को मान्यता देने वाला कोई व्यक्तिगत कानून नहीं है लेकिन सिविल कानून के अनुसार वैध दत्तक ग्रहण को...

हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी वकील को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार, कहा- यह पेशे के लिए शर्मनाक
हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी वकील को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार, कहा- 'यह पेशे के लिए शर्मनाक'

केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने वाले वकील की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की। न्यायालय ने पाया कि प्रथम दृष्टया वकील के खिलाफ मामला बनता है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 482 (4) के तहत प्रतिबंध के कारण उसकी जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।BNSS की धारा 482 (4) भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 65 और धारा 70 (2) के तहत आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से रोकती है। BNS की धारा 65 12 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के बलात्कार से संबंधित है। BNS की...

POSH Act | केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- जांच के दरमियान शिकायतकर्ता की पहचान सार्वाजनिक ना हो, इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करें
POSH Act | केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- जांच के दरमियान शिकायतकर्ता की पहचान सार्वाजनिक ना हो, इसके लिए दिशानिर्देश तैयार करें

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH अधिनियम) के तहत जांच कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता के विवरण को सार्वजनिक डोमेन से गुमनाम करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि वर्तमान में POSH अधिनियम के तहत जांच कार्यवाही के दौरान शिकायतकर्ता के विवरण को गुमनाम करने के लिए कोई तंत्र नहीं है।हालांकि, जस्टिस ए मुहम्मद मुस्ताक और जस्टिस पी कृष्ण कुमार की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि इससे उस...

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रैगिंग रोकने के लिए नियम बनाने वाले कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा
केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रैगिंग रोकने के लिए नियम बनाने वाले कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार (19 मार्च) को राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर कार्य समूह का मसौदा दाखिल करने को कहा, जिसका उद्देश्य राज्य में रैगिंग की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए व्यापक नियम बनाना है।चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस सी. जयचंद्रन की स्पेशल बेंच ने पहले कहा कि रैगिंग गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत वैधानिक तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार को नियमों का मसौदा तैयार करने और यह आकलन करने के लिए कि केरल रैगिंग निषेध अधिनियम 1998 में किसी संशोधन की आवश्यकता है या नहीं विभिन्न...

कंसोर्टियम विवाह का मूलभूत पहलू: केरल हाईकोर्ट ने बिना किसी उचित कारण के पति को छोड़ने वाली पत्नी को भरण-पोषण देने से इनकार किया
'कंसोर्टियम' विवाह का मूलभूत पहलू: केरल हाईकोर्ट ने बिना किसी उचित कारण के पति को छोड़ने वाली पत्नी को भरण-पोषण देने से इनकार किया

'केरल हाईकोर्ट ने कहा कि जो पत्नी अपने पति को छोड़कर बिना किसी उचित कारण के अलग रहने का विकल्प चुनती है, वह CrPC की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा करने की हकदार नहीं है।न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि एक-दूसरे के साथ रहने आराम और स्नेह पाने का अधिकार जिसे आमतौर पर कंसोर्टियम के रूप में जाना जाता है, विवाह का एक मूलभूत पहलू है। इसने आगे कहा कि जब कोई भी पति या पत्नी दूसरे के साथ रहना छोड़ देता है तो यह वैवाहिक दायित्वों से वापसी माना जाता है।जस्टिस कौसर एडप्पागथ ने कहा,"विवाह का प्राथमिक...

विजुअल मीडिया में हिंसा का लोगों पर अवांछनीय प्रभाव हो सकता है, लेकिन इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कसौटी पर परखा जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट
विजुअल मीडिया में हिंसा का लोगों पर अवांछनीय प्रभाव हो सकता है, लेकिन इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कसौटी पर परखा जाना चाहिए: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार (18 मार्च) को मौखिक रूप से कहा कि दृश्य मीडिया में हिंसा का चित्रण लोगों पर अवांछनीय प्रभाव डाल सकता है, हालांकि, इसे किस हद तक दिखाया जा सकता है, यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाना चाहिए। जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस सीएस सुधा की खंडपीठ ने कहा, "दृश्य मीडिया में हिंसा का लोगों पर अवांछनीय प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि आप इस हिंसा का महिमामंडन करते हैं। दूसरी ओर, आपके पास भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।...

रिट कोर्ट अनुशासनात्मक कार्यवाही में साक्ष्यों की फिर से जांच नहीं करेगा, जब तक कि जांच अधिकारी द्वारा दोष का निष्कर्ष गलत न हो: केरल हाईकोर्ट
रिट कोर्ट अनुशासनात्मक कार्यवाही में साक्ष्यों की फिर से जांच नहीं करेगा, जब तक कि जांच अधिकारी द्वारा दोष का निष्कर्ष गलत न हो: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि रिट कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 226 या 227 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही में साक्ष्यों की फिर से जांच नहीं करेगा। न्यायालय ने आगे कहा कि रिट कोर्ट जांच अधिकारी द्वारा दोष के निष्कर्षों में तभी हस्तक्षेप करेगा जब वे गलत हों।जस्टिस अनिल के.नरेंद्रन और जस्टिस मुरली कृष्ण एस. की खंडपीठ अनुशासनात्मक कार्यवाही को चुनौती देने वाली अपील पर विचार कर रही थी।न्यायालय ने इस प्रकार कहा,“यह सामान्य बात है कि अनुशासनात्मक कार्यवाही में हाईकोर्ट, भारत के संविधान...

केरल हाईकोर्ट ने अरलम फार्म में हाथियों के हमलों पर राज्य से विस्तृत कार्ययोजना मांगी
केरल हाईकोर्ट ने अरलम फार्म में हाथियों के हमलों पर राज्य से विस्तृत कार्ययोजना मांगी

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (13 फरवरी) को राज्य सरकार से पूछा कि क्या कन्नूर के अरलम फार्म पर हाथियों के बार-बार अतिक्रमण और हमलों से निपटने के लिए कोई कार्ययोजना बनाई गई।चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस एस. मनु की खंडपीठ ने राज्य से कहा कि वह तैयार की गई किसी भी कार्ययोजना, अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना और योजना के प्रत्येक चरण को पूरा करने के लिए प्रस्तावित समयसीमा का विवरण प्रस्तुत करे।न्यायालय ने मौखिक रूप से कदमों को लागू करने में समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इसमें विभिन्न विभागों...

असली माता-पिता की अनुमति के बिना बच्चा गोद नहीं ले सकते सौतेले माता-पिता: केरल हाईकोर्ट
असली माता-पिता की अनुमति के बिना बच्चा गोद नहीं ले सकते सौतेले माता-पिता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सौतेले माता-पिता द्वारा गोद लेने की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती जब तक कि बच्चे के जैविक माता-पिता गोद लेने के लिए सहमति न दें। न्यायालय ने आगे स्पष्ट किया कि CARA (केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसी) गोद लेने के कानूनी निहितार्थों के कारण गोद लेने के लिए जैविक माता-पिता की सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता को कम नहीं कर सकती।इस प्रकार जस्टिस सी.एस. डायस ने कहा कि जैविक माता-पिता के अपने बच्चे की हिरासत पर मौलिक और वैधानिक अधिकार को CARA द्वारा माफ या शिथिल...

ड्रग माफिया के जहरीले दांत स्कूली बच्चों तक पहुंच गए: केरल हाईकोर्ट ने NDPS मामले में शामिल आरोपी की जमानत रद्द करने की पुष्टि की
ड्रग माफिया के जहरीले दांत स्कूली बच्चों तक पहुंच गए: केरल हाईकोर्ट ने NDPS मामले में शामिल आरोपी की जमानत रद्द करने की पुष्टि की

केरल हाईकोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत आरोपी की जमानत रद्द करने के विशेष न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जो जमानत पर रहते हुए एक अन्य NDPS मामले में शामिल हो गया था।जस्टिस वी. जी. अरुण ने टिप्पणी की कि ड्रग्स स्कूली बच्चों तक पहुंच गए हैं। न्यायालय ने कहा कि अगर NDPS Act के तहत अपराध के आरोपी व्यक्ति को जिसने कथित तौर पर उसी अपराध को अंजाम देकर अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया, खुलेआम घूमने दिया जाता है तो यह समाज के लिए खतरा...

केवल विरोध या नारेबाजी से अनुच्छेद 19 के सीमित अधिकारों का उल्लंघन नहीं: केरल हाईकोर्ट
केवल विरोध या नारेबाजी से अनुच्छेद 19 के सीमित अधिकारों का उल्लंघन नहीं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा जारी एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक महिला को यह बताने का निर्देश दिया गया था कि उसे बीएनएसएस की धारा 130 के तहत एक वर्ष की अवधि के लिए शांति बनाए रखने के लिए पचास हजार रुपये के बांड पर हस्ताक्षर करने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। जस्टिस वी जी अरुण ने कहा कि सार्वजनिक प्रदर्शन करने के लिए दर्ज अपराधों का हवाला देकर किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को लापरवाही से सीमित नहीं किया जा सकता है। न्यायालय ने कहा, "केवल प्रदर्शनों में भाग...