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किराया न स्वीकारने या संदेह की स्थिति में किराया प्राधिकरण के पास किराया जमा कराने की प्रक्रिया – राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 22-जी
किराया न स्वीकारने या संदेह की स्थिति में किराया प्राधिकरण के पास किराया जमा कराने की प्रक्रिया – राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 22-जी

राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 (Rajasthan Rent Control Act, 2001) की धारा 22-जी (Section 22-G) किरायेदार (Tenant) को यह अधिकार देती है कि जब मकान-मालिक (Landlord) किराया स्वीकार करने से इनकार कर दे या जब यह स्पष्ट न हो कि किराया किसे दिया जाना चाहिए, तब किरायेदार Rent Authority के पास वह किराया जमा कर सके। यह प्रावधान खासकर उन मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है जहाँ मकान-मालिक और किरायेदार के बीच विवाद (Dispute) हो या संपत्ति को लेकर स्वामित्व (Ownership) का झगड़ा चल रहा हो।इस लेख में हम धारा...

Injunction से संबंधित वादों में न्यायालय शुल्क की गणना – धारा 26 राजस्थान न्यायालय शुल्क अधिनियम
Injunction से संबंधित वादों में न्यायालय शुल्क की गणना – धारा 26 राजस्थान न्यायालय शुल्क अधिनियम

राजस्थान न्यायालय शुल्क और वाद मूल्यांकन अधिनियम की धारा 26 उन वादों से संबंधित है जिनमें वादी अदालत से निषेधाज्ञा (injunction) की मांग करता है। निषेधाज्ञा एक प्रकार का आदेश होता है जिसमें अदालत प्रतिवादी को किसी कार्य को करने या न करने का निर्देश देती है। यह धारा बताती है कि ऐसे वादों में न्यायालय शुल्क कैसे गणना किया जाएगा।धारा 26 की व्याख्या करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि इस अधिनियम में विभिन्न प्रकार के वादों के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारण की व्यवस्था की गई है: • धारा 21: धन की वसूली...