त्रिपुरा हाईकोर्ट

भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 54 के तहत निष्पादन न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील स्वीकार्य नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट
भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 54 के तहत निष्पादन न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील स्वीकार्य नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने पाया है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 (एलए एक्ट) की धारा 54 के तहत निष्पादन न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध अपील स्वीकार्य नहीं है, बल्कि केवल निर्णय/पुरस्कारों के विरुद्ध अपील स्वीकार्य है। जस्टिस विश्वजीत पालित यूनियन ऑफ इंडिया/अपीलकर्ता द्वारा एलए अधिनियम की धारा 54 के तहत दायर अपील पर विचार कर रहे थे। निष्पादन न्यायालय द्वारा भूमि अधिग्रहण मामले में निष्पादन चरण के दौरान अपीलकर्ता का नाम शामिल किया गया था। त्रिपुरा हाईकोर्ट में एक अपील में, न्यायालय ने अपीलकर्ता की...

[NDPS Act] केवल आरोप पत्र दाखिल करने का कोई प्रेरक मूल्य नहीं है, आरोपी जमानत का हकदार नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट
[NDPS Act] केवल आरोप पत्र दाखिल करने का कोई प्रेरक मूल्य नहीं है, आरोपी जमानत का हकदार नहीं: त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने कहा कि केवल चार्जशीट दाखिल करने से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) के तहत किसी आरोपी को जमानत नहीं मिल जाती है और यह जमानत अधिनियम के तहत एक अपवाद है।एनडीपीएस अधिनियम से उत्पन्न एक मामले में विशेष ट्रायल कोर्ट द्वारा अभियुक्त/प्रतिवादी को जमानत दी गई थी। राज्य/याचिकाकर्ता ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को चुनौती दी और इसे रद्द करने की प्रार्थना की। राज्य/याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि यह मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि आरोपी ने अपराध नहीं...

आरोपी के गवाह को बुलाने का आवेदन खारिज करने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश अंतरिम नहीं, आरोपी को पुनर्विचार याचिका दायर करने का अधिकार: त्रिपुरा हाइकोर्ट
आरोपी के गवाह को बुलाने का आवेदन खारिज करने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश अंतरिम नहीं, आरोपी को पुनर्विचार याचिका दायर करने का अधिकार: त्रिपुरा हाइकोर्ट

त्रिपुरा हाइकोर्ट ने माना कि गवाहों को बुलाने का आरोपी का आवेदन खारिज करने वाला ट्रायल कोर्ट का आदेश अंतिम आदेश है, न कि मध्यवर्ती आदेश', जो आरोपी को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 397 के तहत पुनर्विचार याचिका दायर करने का अधिकार देता है।आरोपी/याचिकाकर्ता ने 07.03.2024 को दो गवाहों को समन जारी करने के लिए ट्रायल कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया, क्योंकि 24.01.2024 को गवाहों की सूची दाखिल करने के समय बचाव पक्ष ने दो गवाहों के नाम प्रस्तुत...

आंगनवाड़ी केंद्र Gratuity Act के तहत एस्टेब्लिशमेंट के दायरे में आते हैं: त्रिपुरा हाईकोर्ट
आंगनवाड़ी केंद्र Gratuity Act के तहत 'एस्टेब्लिशमेंट' के दायरे में आते हैं: त्रिपुरा हाईकोर्ट

बीना रानी पॉल एवं अन्य बनाम त्रिपुरा राज्य एवं अन्य के मामले में जस्टिस एस. दत्ता पुरकायस्थ की त्रिपुरा हाईकोर्ट की एकल पीठ ने माना कि आंगनवाड़ी केंद्र ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 (Gratuity Act) के तहत 'एस्टेब्लिशमेंट' के दायरे में आते हैं। इस प्रकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिका ग्रेच्युटी की हकदार हैं।मामले की पृष्ठभूमियाचिकाकर्ता गहन बाल विकास सेवा योजना (ICDS योजना) के तहत विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों पर अलग-अलग तिथियों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) और आंगनवाड़ी सहायिका (AWH)...

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों पर लागू: त्रिपुरा हाईकोर्ट
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों पर लागू: त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने हाल ही में माना कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 राज्य में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं पर लागू होता है। इस संदर्भ में, ज‌स्टिस एस. दत्ता पुरकायस्थ की एकल पीठ ने राज्य के समाज कल्याण और सामाजिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी 11 अगस्त, 2023 के ज्ञापन को इस हद तक रद्द कर दिया कि त्रिपुरा के विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों पर गहन बाल विकास सेवा योजना (आईसीडीएस योजना) के तहत कार्यरत कुछ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) और आंगनवाड़ी सहायिकाओं (एडब्ल्यूएच)...

बर्खास्तगी आदेश रद्द करने पर स्वतः बहाली की याचिका मान्य नहीं: त्रिपुरा हाइकोर्ट
बर्खास्तगी आदेश रद्द करने पर स्वतः बहाली की याचिका मान्य नहीं: त्रिपुरा हाइकोर्ट

त्रिपुरा हाइकोर्ट की जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस एस.डी. पुरकायस्थ की खंडपीठ ने राजेश दास बनाम सोसाइटी फॉर त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज एंड ऑर्स के मामले में रिट अपील पर निर्णय लेते हुए कहा कि बर्खास्तगी आदेश रद्द करने पर स्वतः बहाली की याचिका मान्य नहीं।मामले की पृष्ठभूमिसोसाइटी फॉर त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज (प्रतिवादी) ने याचिकाकर्ता के सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से प्रतिवादी की आलोचना करने और प्रतिवादी के सामान्य कामकाज में बाधा डालने के लिए राजेश दास (याचिकाकर्ता) के खिलाफ आरोप तय किए। यह भी...