हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
LiveLaw News Network
2 Feb 2021 9:45 PM IST
25 जनवरी 2021 से 29 जनवरी 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
'कार्यकाल बढ़ाने के लिए कोई आकस्मिक स्थिति नहीं थी': इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्यों के चुनाव 28 फरवरी तक कराने के लिए निर्देश जारी करते हुए सोमवार को कहा, "लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय के चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों को लागू करने की अनिवार्य शर्त है और संस्थान इसी के मुताबिक काम करते हैं।" चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस एसएस शमशेरी की पीठ ने इस अवधि तक बोर्ड के प्रशासक के रूप में यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ विभाग के प्रधान सचिव को नियुक्त किया।
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मुनव्वर फारुकी के केस को न्यायमूर्ति रोहित आर्य की पीठ से अलग एक पीठ को सौंपा जाना चाहिए: साकेत गोखले ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा
कार्यकर्ता साकेत गोखले ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की है। इसमें प्रार्थना की गई है कि कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायाधीश/पीठ द्वारा सार्वजनिक हित में बेंच को फिर नियुक्त किया जाए। न्यायमूर्ति रोहित आर्य द्वारा मामले को जब्त किए जाने के बाद आवेदन पर विचार करने के लिए असंतोष व्यक्त किया और याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि क्या वह इसे वापस लेना चाहता है।
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सीआरपीसी की धारा 173 (8) एक रिट कोर्ट द्वारा सीबीआई को जांच ट्रांसफर करने पर रोक नहीं लगाती : कलकत्ता हाईकोर्ट
सिलीगुड़ी पुलिस द्वारा संवेदनशील सूचना रखने वाले एक आईबी अधिकारी की कथित हत्या के संबंध में की गई एक आपराधिक जांच में व्यापक खामियों को ध्यान में रखते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी। न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की एकल पीठ ने मामला सीबीआई को सौंपते हुए कहा, "निष्पक्ष जांच पूरी तरह से जांच की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। यदि जांच में कई खामियां हैं या महत्वपूर्ण साक्ष्य के संग्रह या संरक्षण का अभाव है, तो जांच सतही और दिखावे वाली हो जाती है।"
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सूचित सहमति के बिना नागरिकों के स्वास्थ्य डेटा को साझा करना अनुच्छेद 21 के तहत गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन है : कर्नाटक हाईकोर्ट ने 'आरोग्य सेतु' मामले में कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में भारत सरकार और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को आरोग्य सेतु ऐप के उपयोगकर्ताओं के प्रतिक्रिया डेटा को साझा करने से रोक दिया। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के स्वास्थ्य डेटा को उनको सूचित और उनकी सहमति के बिना साझा करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
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'अगर अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट में उपस्थित होने में सक्षम नहीं हैं, तो प्रतिकूल आदेश पारित न करें': SCAORA ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट निलंबन का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के कई हिस्सों में इंटरनेट निलंबन/प्रतिबंध के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है और न्यायाधीशों से पार्टियों या वकीलों के खिलाफ उनकी अनुपस्थति में कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया है। 27 जनवरी के पत्र में, SCAORA ने कहा, "चल रहे किसानों के विरोध के कारण सुरक्षा कारणों से दिल्ली के कई क्षेत्रों में इंटरनेट पर प्रतिबंध के मद्देनजर, हम आपसे और आपके माननीय साथी न्यायाधीशों से अनुरोध करते हैं कि
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'अनुचित व्यापार व्यवहार': ओडिशा राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कन्फर्म ऑर्डर को रद्द करने पर 40,000 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया
ओडिशा राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अमेजन इंडिया को 'अनुचित व्यापार व्यवहार' का दोषी पाया है। कंपनी पर यह दोष एक लैपटॉप की बिक्री पर एक ऑफर को वापस लेने के बाद लगा है। कंपनी ने 190 रुपए में लैपटॉप बेचने का ऑफर दिया था, हालांकि पुष्टिकरण रसीद जारी करने के बाद भी ऑफर को वापस ले लिया गया। आयोग के अध्यक्ष डॉ डीपी चौधरी ने कंपनी को शिकायतकर्ता को क्षतिपूर्ति के रूप में 40,000 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता कानून का छात्र है।
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3 महीने के भीतर कर्नाटक में पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को दो याचिकाओं में की गई प्रार्थनाओं पर निर्णय लेने के तीन महीने के भीतर कर्नाटक राज्य के भीतर पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एम जी उमा की खंडपीठ ने डॉ. सी एस विष्णु भरत और एक गैर-सरकारी संगठन 'समतापना 'द्वारा दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शरीर के अंगों और ऊतकों के लिविंग बॉडी डोनेशन (जीवित देह दान) करने की मांग वाली एक आदमी की याचिका खारिज कर दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते एक याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में अपने मानव शरीर और उसके सभी जीवित अंग और ऊतकों के लीविंग बॉडी डोनेशन (जीवत देह दान) करने के लिए याचिकाकर्ता को सक्षम बनाने और इसे वैध बनाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
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शैक्षणिक मामलों में हस्तक्षेप, अधिक न्यायिक पहुंच और राज्य के अन्य अंगों के क्षेत्र में कदम रखना होगा: बॉम्बे हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने पिछले सप्ताह एक याचिका का निपटारा किया, जिसमें उत्तरदाताओं (यूओआई और अन्य) पर भारत के संविधान की सामग्री, सूचना का अधिकार अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में जनता के जागरूकता फैलाने के लिए दिशा-निर्देश देने की मांग की गई थी। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति रवींद्र वी. घुंग की खंडपीठ संजय भास्करराव काले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में उपर्युक्त कानूनों को उच्च स्तर की पढ़ाई यानी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शिक्षा के अनिवार्य विषयों के रूप में शामिल करने की मांग की गई थी।
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गुजरात हाईकोर्ट ने 13 साल की बलात्कार पीड़िता के 27 सप्ताह के भ्रूण को खत्म करने की अनुमति देने से इनकार किया, राज्य को वित्तीय सहायता देने का आदेश
गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (18 जनवरी) को 13 साल की बलात्कार पीड़ित के गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने से इंकार किया। कोर्ट का कहा कि इस स्थिति में गर्भावस्था को खत्म करना घातक हो सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार को तुरंत वित्तीय सहायता के रूप में लड़की के परिवार को उसके पोषण और चिकित्सा खर्च के लिए 1 लाख रु प्रदान करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने बालकों की सुरक्षित और हानिरहित सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के लिए कुछ निर्देश भी जारी किए।
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने कब्बन पार्क के अंदर आगे के निर्माण पर रोक लगाया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को कब्बन पार्क में कर्नाटक राज्य सरकार कर्मचारी संघ (KSGEA) द्वारा बनाई जा रही एक इमारत के आगे के निर्माण पर रोक लगा दी। इसके साथ ही एक और भवन को लेकर निर्देश दिया कि जो आवास HOPCOMs के लिए बागवानी विभाग द्वारा रखा गया, इसे कोर्ट के इजाजत के बिना कब्जा नहीं किया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगादुम की एक खंडपीठ ने कब्बन पार्क वाकर्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया।
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अगर एक मेहनतकश किसान की फसल की कीमत हड़पने वाले मिडल मैन को छोड़ दिया गया तो यह बहुत बड़ा अन्याय होगाःपंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते शिकायतकर्ताओं(किसानों) को देय धन की हेराफेरी करने के आरोपी विजय कुमार व दर्शना रानी (पति और पत्नी) को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया। शिकायतकर्ताओं ने आरोपियों की कमीशन एजेंसी के माध्यम से अपनी फसल बेची थी,परंतु उसका पैसा दोनों आरोपियों ने सरकार से ले लिया और शिकायतकर्ताओं को नहीं दिया।
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जब एक जैसे आरोप पर शिकायत और प्रति-शिकायत दर्ज कराई जाए तो दोनों पक्ष इस आधार पर मामले को रद्द करने की मांग नहीं कर सकते कि मामला दीवानी प्रकृति का हैः कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्टार्ट-अप्स माईगेट और नोब्रोकर की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायतों को खत्म करने की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि जब एक बार एक पक्ष दूसरे पक्ष के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करता है और दूसर पक्ष, पहले पक्ष के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करता है तो पहला शिकायतकर्ता को यह कहने के लिए नहीं सुना जा सकता है कि दूसरी शिकायत पूरी तरह से वाणिज्यिक है और रद्द की जाए।
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नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और पैंट की ज़िप खोलना, POCSO के तहत " यौन हमला' नहीं बल्कि IPC की धारा 354 के तहत ' यौन उत्पीड़न' के तहत आएगा : बॉम्बे हाईकोर्ट
बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) ने माना है कि नाबालिग लड़की का हाथ पकड़ना और पैंट की ज़िप खोलना, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, अधिनियम 2012 के तहत "यौन हमले" की परिभाषा में नहीं आएगा। हालांकि, न्यायालय ने कहा कि इस तरह के कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए (1) (i) के तहत "यौन उत्पीड़न" के समान होंगे। यह खोज न्यायमूर्ति पुष्पा गनेदीवाला की एकल पीठ ने 50 वर्षीय एक व्यक्ति को 5 साल की लड़की (लिबनस बनाम महाराष्ट्र राज्य ) के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दी गई सजा के खिलाफ दायर आपराधिक अपील में दी।
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ऑनलाइन गैम्बलिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर केरल हाईकोर्ट ने विराट कोहली, तमन्ना भाटिया,अजु वर्गीज को नोटिस जारी किया
केरल हाईकोर्ट ने गुरूवार को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, अभिनेत्री तमन्ना भाटिया और अजु वर्गीज और राज्य सरकार को ऑनलाइन गैम्बलिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और जस्टिस अनिल के नरेंद्रन की खंडपीठ एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह नोटिस जारी किया है,जो फिल्म निर्देशक पाउल वडक्कन द्वारा दायर की गई है। ''प्ले गेम्स 24*7 प्राइवेट लिमिटेड'' और ''मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल)''-नामक ऑनलाइन सट्टेबाजी पोर्टल चलाने वाली दो कंपनियों को भी याचिका में प्रतिवादी बनाया गया है। विराट कोहली, तमन्ना भाटिया और अजु वर्गीज ऑनलाइन रमी पोर्टल के ब्रांड एंबेसडर हैं।
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इस तथ्य पर न्यायिक ध्यान दिया कि असम राज्य में जहां तक COVID-19 महामारी की स्थिति है, वह बेहतर है: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह इस तथ्य पर न्यायिक ध्यान दिया कि असम राज्य में जहां तक COVID-19 महामारी की स्थिति है, वह बेहतर है। मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने 31 मार्च, 2020 (जब पहला मामला पता चला था) से असम राज्य में COVID -19 संक्रमित मामलों की संख्या में तेजी से प्रसार और वृद्धि को लेकर चिंता जताई थी। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लिया है और समय-समय पर मामले में कुछ निर्देश पारित किए गए हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युवा जोड़े और उनके परिवार वालों को मिलाने के लिए पूरे दिन का समय दिया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह अपने स्तर पर पूरी कोशिश की, कि दो परिवारों को फिर से एक मामले में आपस में उत्पन्न विवादों को सुलझाकर एक साथ लाया जाए। इसमें पत्नी और उनके पति ने कोर्ट के सामने कहा कि वे सभी पुराने मतभेदों और बुरे सपने को दूर करना चाहते हैं। न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि, "हम आम तौर पर इस तरह के अपराध से संबंधित विवाद में नोटिस जारी नहीं करते हैं, लेकिन अब हम महसूस करते हैं कि राज्य के सर्वोच्च न्यायालय में लोगों को हमसे अधिक उम्मीद है। वे ट्रायल न्यायपालिका से जितना चाहते थे, उससे अधिक हमसे चाहते हैं।"
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राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज 'नकारात्मक शक्तियों' से प्रदूषित न हो; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय हास्य अभिनेता मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका खारिज की
हास्य अभिनेता मुनव्वर फारुकी और सह-अभियुक्त नलिन यादव की जमानत अर्जियों को खारिज करते हुए, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज 'नकारात्मक शक्तियों' से प्रदूषित न हो। जस्टिस रोहित आर्या ने टिप्पणी की, "हमारा देश सुंदर देश है; धर्म, भाषा, संस्कृति, भौगोलिक स्थल आदि के कारण, वैश्विक स्तर पर यह विविधताओं के बीच सह-अस्तित्व का उदाहरण है; कानून के शासन के सिद्धांतों द्वारा शासित एक कल्याणकारी समाज में सभी नागरिकों के बीच पारस्परिक सम्मान, आस्था और विश्वास सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांत हैं।"
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CBSE स्कूलों के लिए 'पूर्व मान्यता का आदेश' केरल RTE नियमों के केवल फॉर्म नंबर II के तहत जारी किया जाएगा: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि केरल के बच्चों के नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा नियम 2011 के नियम 14 के नियमों के तहत "पूर्व-मान्यता प्राप्त करने का आदेश" मांगने वाले किसी भी आवेदन को संबंधित उप निदेशकों द्वारा केवल शिक्षा नियमों के प्रपत्र संख्या II के तहत जारी किया जाएगा और कोई अन्य तरीके से जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह के आदेश का उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद और इसके तहत वारंट किए गए आवश्यक निरीक्षण करने के बाद जारी किया जाएगा। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने दो स्व-संबद्ध सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधकों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की परिषद, सीबीएसई से संबद्ध विभिन्न स्व-वित्तपोषित स्कूलों द्वारा दायर एक रिट याचिका का निपटारा करते हुए देखा।
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"अपवित्र गठबंधन": पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक अन्य आदमी के साथ रहने वाली विवाहित महिला की संरक्षण याचिका 25,000 की लागत के साथ खारिज की
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक विवाहित महिला द्वारा दायर की गई संरक्षण याचिका को खारिज कर दिया, जिसने तलाक लिए बिना एक अन्य पुरुष (याचिकाकर्ता नंबर 2) के साथ रहने का फैसला किया। इसे "अपवित्र गठबंधन" कहते हुए, न्यायमूर्ति मनोज बजाज की पीठ ने Rs.25,000 / - की लागत के साथ याचिका को खारिज कर दिया।
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'उसने आरोपी के साथ अपने प्रेम संबंध को स्पष्ट रूप से वर्णित किया है': बॉम्बे हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी को बरी किया
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के मामले में दोषी ठहराए गए एक 27 वर्षीय ड्राइवर को राहत देते हुए उसको दी गई सजा को रद्द कर दिया है। अदालत ने कहा कि पीड़िता की गवाही विश्वसनीय नजर नहीं आ रही है। अपराध के समय पीड़िता की उम्र 17 साल और 9 महीने थी। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376 (2) (एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार करना) और पाॅक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत दंडनीय धारा 5 (नाबालिग पर आक्रामक यौन हमला) के तहत किए गए अपराध के लिए दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
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अडानी मानहानि मामला: गुजरात हाईकोर्ट ने पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को निलंबित कर दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने आज (28 जनवरी) को कच्छ के मजिस्ट्रेट द्वारा पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता के खिलाफ अडानी समूह द्वारा दायर 2017 मानहानि के मुकदमे के सिलसिले में जारी किए गए गिरफ्तारी के गैर-जमानती वारंट को निलंबित कर दिया। न्यायमूर्ति बी.एन.करिया की खंडपीठ ने गुहा द्वारा दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया और इसके साथ ही कच्छ के मुंद्रा के प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा पारित 18 जनवरी 2021 के आदेश को रद्द कर दिया।
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दिल्ली कोर्ट ने आप नेता सोमनाथ भारती को AIIMS के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला केस में दी गई दो साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया
राउज़ एवेन्यू कोर्ट (मध्य दिल्ली) की अदालत ने गुरुवार (28 जनवरी) को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती को वर्ष 2016 में दर्ज एक मामले में एम्स के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में दी गई 2 साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे के आदेश के खिलाफ एक अपील को प्राथमिकता देने के बाद विशेष न्यायाधीश विकास ढुल द्वारा सोमनाथ भारती के 2 साल की जेल अवधि को निलंबित करने का आदेश पारित किया गया है।
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सीआरपीसी की धारा 125 (3) के तहत भरण पोषण का अधिकार ; डिफॉल्टर के खिलाफ इसका आह्वान गलत नहीं हो सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक व्यक्ति का अपनी पत्नी, बच्चों या माता-पिता का भरण पोषण करना और इसे बनाए रखने का दायित्व "निरंतर प्रकृति" में से एक है और एक मजिस्ट्रेट को डिफ़ॉल्ट के मामले में धारा 125 (3) के तहत वारंट जारी करने के लिए दोष नहीं दिया जा सकता है।
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डिविजन बेंच के समक्ष जिला न्यायालय के आदेशों की सभी वाणिज्यिक अपीलों को सूचीबद्ध किया जाए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अपनी रजिस्ट्री को वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन बेंच से पहले जिला अदालत के आदेशों से सभी वाणिज्यिक अपील को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इन अपीलों को एफएओ (कॉम) के रूप में पंजीकृत करने का भी निर्देश दिया है, इससे पहले कि वे वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन में सूचीबद्ध हों। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने निर्देश दिया है कि वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 की धारा 13 (1 ए) के तहत दायर सभी अपील, अतिरिक्त जिला जज सहित जिला न्यायाधीश के स्तर पर एक वाणिज्यिक न्यायालय द्वारा पारित आदेश या निर्णय से उत्पन्न होगी। इसके साथ ही डिवीजन बेंच से पहले सूचीबद्ध किया जाए।
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में उम्र कैद की सजा काट रहे ईसा मेमन को भाई की मौत के छह महीने बाद पैरोल दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ईसा मेमन को आपातकालीन मौत की पैरोल दी, जो 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है। ईसा मेमन, टाइगर मेमन का भाई है, जो धमाकों के पीछे दिमाग होने का आरोपी है। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने मेमन को बिना पुलिस एस्कॉर्ट्स के सात दिन की पैरोल दी। ईसा मेमन, जो 26 साल जेल में बिता चुका है, ने पिछले साल नासिक जेल के अधीक्षक द्वारा तीन दिन की पैरोल के लिए पुलिस एस्कॉर्ट शुल्क के रूप में प्रति दिन 70,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा जाने के बाद हाईकोर्ट से संपर्क किया।
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'एफआईआर तुरंत क्यों नहीं दर्ज की गई'': दिल्ली हाई कोर्ट ने ढाई साल की बच्ची से रेप के आरोपी को जमानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एफआईआर दर्ज करने में 8 घंटे की देरी का हवाला देते हुए ढाई साल की बच्ची से बलात्कार करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि, '' पीड़िता ढाई वर्ष की है, जिसके कारण उसका बयान दर्ज नहीं किया गया था, हालांकि, अभियोजन के मामले की मैरिट पर टिप्पणी किए बिना और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि एफआईआर दर्ज करने में 8 घंटे की देरी है,इस अदालत का विचार है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है।''
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शिक्षक का काम शिक्षा प्रदान करना है, लेकिन बिहार शिक्षा विभाग ने ठेकेदार स्तर के कार्य सौंप दिए : पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट ने सोमवार (18 जनवरी) को शिक्षक (शैलेश कुमार) को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि अब शिक्षकों को इस आरोप के साथ अभियुक्त बनाया जाता है कि शिक्षक/प्रधानाध्यापक को आवंटित धन का उचित उपयोग नहीं किया गया था। न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ शिक्षक शैलेश कुमार की याचिका पर सुनवाई की। दरअसल, साल 2016 के कटेया पी. एस. केस नंबर 172 के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और धार 34A के तहत विभिन्न अपराधों के लिए शैलेश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद उसे गिफ्तार भी कर लिया गया था।
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राज्य में शिक्षा को व्यवसाय के रूप में ले लिया गया है या डिग्री बेचने के उद्योग के रूप मेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार (19 जनवरी) को कहा कि,''यह अज्ञात नहीं है कि राज्य में शिक्षा को व्यवसाय या उद्योग के रूप में ले लिया गया है। यह डिग्री बेचने का व्यवसाय है। इसे रोकने की आवश्यकता है।'' न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने बी.एड में 25 सीटों को भरने के लिए अपीलकर्ताओं/याचिकाकर्ताओं की संस्था द्वारा उठाए गए कदम पर नाराजगी दिखाते हुए यह टिप्पणी की। इन सभी सीटों को सीधे तौर पर भर दिया गया था,जबकि केंद्रीकृत काउंसलिंग के जरिए इन सभी सीटों के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 25 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी।
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मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ने कानूनी डेटाबेस सॉफ्टवेयर 'जोति जर्नल' लॉन्च किया
मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ने गुरुवार को न्यायपालिका के उपयोग के लिए "जोति जनर्ल सॉफ्टवेयर" नाम से अपना कानूनी डेटाबेस सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। सॉफ्टवेयर का उद्घाटन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की मौजूदगी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक ने किया। सॉफ्टवेयर में लगभग 10,000 निर्णय, 700 कानूनी लेख और 500 से अधिक अधिनियम, संशोधन, परिपत्र और अधिसूचना शामिल हैं, जो दिन-प्रतिदिन के काम में जिला न्यायपालिका के न्यायाधीशों के प्रत्यक्ष उपयोग के हैं।
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पति, कैरी होम सैलरी के अभाव में तलाकशुदा पत्नी और बेटी को गुजारा भत्ता देने की जिम्मेदारी को अनदेखा नहीं कर सकता हैः त्रिपुरा हाईकोर्ट
त्रिपुरा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि पति को वेतन के अभाव में तलाकशुदा पत्नी और बेटी को गुजारा भत्ता देने की जिम्मेदारी को अनदेखा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, पिछले सप्ताह एक पति को तलाकशुदा पत्नी और उसकी बेटी को पालन-पोषण और रखरखाव के लिए को प्रति माह 17,000 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ एक आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तलाकशुदा पत्नी ने पारिवारिक न्यायालय, अगरतला के आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसे देय मासिक गुजारा भत्ता के राशि को 5000 रुपए से बढ़ाकर 8000 रुपए करने का आदेश दिया गया था, जबकि उसने उक्त राशि को 5000 रुपए से बढ़ाकर 23,500 रुपए प्रति माह करने की मांग की थी।
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दिल्ली उच्च न्यायालय में सोशल मीडिया ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर एमआरपी, निर्माता विवरण, मूल देश का प्रदर्शन करने के निर्देश की मांग करते हुए याचिका दाखिल
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें सोशल मीडिया ई-कॉमर्स वेबसाइटों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे अपने पोर्टल पर बिक्री के लिए पेश किए जा रहे उत्पादों का पूरा विवरण प्रदर्शित करें, जिसमें अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP), विक्रेता का विवरण, निर्माता का नाम और मूल देश शामिल हों। एक अजय कुमार सिंह द्वारा दायर याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि जहां भारत सरकार अमेज़न, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की सक्रिय रूप से निगरानी कर रही है और उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कर रही है, वहीं इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक (जहां उत्पादों को रेफरल के माध्यम से बेचा जाता है) जैसे सोशल मीडिया ई-कॉमर्स इन अनिवार्य नियमों के अनुपालन में नहीं हैं।
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केरल हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी
केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम शिवशंकर को सोने की तस्करी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अशोक मेनन की एकल पीठ ने आदेश पारित किया। इससे पहले आज शिवशंकर केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले में सीमा शुल्क द्वारा दर्ज एक मामले में डिफ़ॉल्ट जमानत मिली। 28 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने ईडी मामले में शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसी परिस्थितियां हैं कि वह स्वप्न सुरेश के साथ मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने की संभावना है।
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'COVID-19 के टीकाकरण का द्वितीय चरण कब से शुरू होगा? ': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि केंद्र सरकार Covid -19 वायरस को दूर करने के लिए अलग-अलग चरणों के साथ सटीक टीकाकरण कार्यक्रम के साथ आए। जस्टिस अजीत कुमार और सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को 5 फरवरी तक एक बेहतर हलफनामा दायर करने का आदेश दिया, जिसमें संकेत दिया गया कि चरण -1 कब समाप्त होगा और चरण -2 शुरू होगा, केंद्र सरकार को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। इससे पहले, 12 जनवरी को हाई कोर्ट ने सरकार से उचित टीकाकरण कार्यक्रम के साथ आने के लिए कहा था।
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भारतीय और यूरोपीय संघ के उपयोगकर्ताओं के लिए व्हाट्सएप की भेदकर नीति चिंता का प्रमुख कारणः दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा
व्हाट्सएप की हालिया गोपनीय नीति के अपडेट को चुनौती देते हुए एडवोकेट चैतन्य रोहिला की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर अपना जवाब दायर करते हुए केंद्र ने आज अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा के माध्यम से प्रस्तुत किया कि व्हाट्सएप की भारत और यूरोपीय संघ के उपयोगकर्ताओं के लिए अपडेट पाॅलिसी की स्वीकृति के संबंध में अपनाई जा रही भेदकर नीति चिंता का एक प्रमुख कारण है।
'कोई सूचित सहमति नहीं' : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र और NIC को ' आरोग्य सेतु' के जरिए एकत्रित प्रतिक्रिया डेटा को साझा करने से रोका
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को किसी व्यक्ति द्वारा दिए गए प्रतिक्रिया डेटा को 'आरोग्य सेतु' (COVID-19 के मद्देनज़र विकसित सरकार के संपर्क-ट्रेसिंग ऐप) अन्य सरकारी विभागों और एजेंसियों से साझा करने से रोक दिया। मुख्य न्यायाधीश ए एस ओका और न्यायमूर्ति विश्वजीत शेट्टी की पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या, "प्रतिक्रिया डेटा साझा करने के लिए उपयोगकर्ताओं की कोई सूचित सहमति नहीं ली गई थी जैसा कि आरोग्य सेतु प्रोटोकॉल 2020 में प्रदान किया गया है।"
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'माँ को बहुत ही निराधार और क्रूर आरोपों के साथ कटघरे में खड़ा कर दिया': केरल हाईकोर्ट ने बेटे के यौन शोषण मामले में आरोपी महिला को जमानत दी
केरल हाईकोर्ट ने अपने नाबालिग बेटे (कडककवूर पाॅक्सो मामला) के यौन शोषण के मामले में आरोपी महिला को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति वी. शर्की ने कहा कि यह मामला काफी अजीब, चैंकाने वाला और असामान्य है,जहां एक माँ को बहुत ही निराधार और क्रूर आरोपों के साथ कटघरे में खड़ा कर दिया गया है।
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कंगना रनौत के ट्वीट्स महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ नफरत पैदा करने के इरादे से किए गए: कंगना और रंगोली की ओर से एफआईआर रद्द करने के लिए दायर याचिका के खिलाफ जवाबी हलफनामा दायर
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल की ओर से राजद्रोह की एफआईआर को रद्द करने के लिए दायर याचिका के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष जवाबी हलफनामा दायर किया गया है। जवाबी हलफनामा कास्टिंग डायरेक्टर मुनव्वर अली सैय्यद ने दायर किया है, जिन्होंने आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए, 124 ए, धारा 34 के साथ पढ़ें, तहत दंडनीय अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कंगना और उनकी बहन रंगोली पर कथित रूप से सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।
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टीआरपी स्कैम- पार्थो दासगुप्ता की हालत स्थिर: मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया, जमानत पर सुनवाई स्थगित
राज्य ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि पूर्व-प्रसारण ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के सीईओ पार्थो दासगुप्ता, जेजे अस्पताल से छुट्टी के बाद तलोजा जेल अस्पताल में हैं और उनकी हालत "स्थिर" है। न्यायमूर्ति पीडी नाइक ने दासगुप्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को जेजे अस्पताल से तलोजा जेल में उनके स्थानांतरण में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए उनके स्वास्थ्य पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की थी। वे टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (TRP) स्कैम के आरोपी हैं।
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राष्ट्रीय महिला आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट की 'त्वचा-से-त्वचा' संपर्क POCSO मामले के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती देने का निर्णय लिया
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट के जजमेंट (सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष) को चुनौती देने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया था कि त्वचा- से- त्वचा संपर्क किए बिना बच्चे के स्तनों को टटोलना यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत 'यौन हमला' नहीं माना जाएगा। बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर खंडपीठ) द्वारा निर्णय मे कहा गया था कि इस तरह के अपराध को वास्तव में भारतीय दंड संहिता [ IPC की धारा 354 ( महिला की विनम्रता को अपमानित करना)] के तहत 'छेड़छाड़' माना जाएगा।
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बॉम्बे हाईकोर्ट का 'त्वचा-से-त्वचा' संपर्क मामले में निर्णय: NCPCR ने महाराष्ट्र सरकार से निर्णय के खिलाफ 'तत्काल अपील' दायर करने की मांग की
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार (25 जनवरी) को महाराष्ट्र सरकार से बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ "तत्काल अपील" दायर करने के लिए कहा, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि बच्चे की त्वचा से संपर्क किए बिना स्तनों को टटोलना यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत 'यौन हमला' नहीं माना जाएगा। बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर खंडपीठ) द्वारा निर्णय मे कहा गया था कि इस तरह के अपराध को वास्तव में भारतीय दंड संहिता [ IPC की धारा 354 ( महिला की विनम्रता को अपमानित करना)] के तहत 'छेड़छाड़' माना जाएगा।
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मीडिया द्वारा केंद्र सरकार को 'मोदी सरकार' और कर्नाटक राज्य सरकार को 'बीएसवाई सरकार' संबोधित करने से रोकने के लिए रिट जारी नहीं कर सकते: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को एक कृषि विशेषज्ञ द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा किया। याचिका में मीडिया से आपत्ति इस बात से जताई गई कि प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) और मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा भारत सरकार को मोदी सरकार और कर्नाटक राज्य सरकार को बीएसवाई या येदियुरप्पा की सरकार के रूप में संदर्भित किया जाता है।
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तेलंगाना उच्च न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को गणतंत्र दिवस पर हैदराबाद में किसानों की रैली को अनुमति देने के निर्देश दिए
तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार (25 जनवरी) को रचाकोंडा पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे हैदराबाद में मंगलवार (26 जनवरी) को 'किसान परेड' आयोजित करने के लिए तेलंगाना राष्ट्र रायतु संगम (TRRS) को अनुमति दें। न्यायमूर्ति के. लक्ष्मण की पीठ तेलंगाना राष्ट्र रायतु संगम (टीआरआरएस) और एक सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने अदालत के सामने कहा कि वे दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन में एकजुटता के साथ उनके समर्थन में प्रदर्शन आयोजित करना चाहते हैं।
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''आपने पत्रकारीय नैतिकता का उल्लंघन करते हुए एक न्यायाधीश, ज्यूरी और एक्जीक्यूशनर के रूप में काम कियाः रिपब्लिक टीवी ने अर्नब गोस्वामी की स्टोरी पर इंडियन एक्सप्रेस को लीगल नोटिस भेजा
रिपब्लिक टीवी न्यूज चैनल ने इंडियन एक्सप्रेस को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें कथित तौर पर टीआरपी घोटाले के संबंध में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ फर्जी और बेबुनियाद खबरों की रिपोर्टिंग बंद करने के लिए कहा गया है। चैनल ने मुख्य रूप से 25 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक समाचार रिपोर्ट का विरोध किया है, जिसमें यह दावा किया गया है कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक, अर्नब गोस्वामी ने अपनी टीआरपी रैंकिंग बढ़ाने के लिए बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को रिश्वत दी थी।
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'संविधान न्यायिक नियुक्तियों में आरक्षण की परिकल्पना नहीं करता, लेकिन सरकार सामाजिक विविधता के लिए प्रतिबद्ध : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
न्यायपालिका में अल्पसंख्यकों/कमजोर समुदायों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व पर चिंताओं के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि यह "सामाजिक विविधता के लिए प्रतिबद्ध है"। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि सरकार हाईकोर्ट स्तर पर विविधता बढ़ाने पर जोर दे रही है, जहां से शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीश आमतौर पर नियुक्त किए जाते हैं।
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'तीर्थयात्रा पर जाने वाले लोगों का कोर्ट का संज्ञान नहीं लेता': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्थगन की मांग करने पर जुर्माना लगाया
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने सोमवार को स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रा के लिए जाना कानून की अदालत में स्थगन की मांग करने कोई आधार नहीं है। बार में एक अनुरोध के उत्तर में, जिसमें जमानत जमानत अर्जी को इस आधार पर स्थगित करने की मांग की गई थी कि सभी वकील तीर्थ यात्रा पर चले गए हैं, जस्टिस डीके सिंह की एकल पीठ ने कहा, "यह न्यायालय तीर्थ यात्रा पर जाने वालों का संज्ञान नहीं लेता है।" खंडपीठ ने ओम प्रकाश त्रिपाठी की ओर से दायर आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसे पुलिस ने केस क्राइम नंबर 632/2019 के तहत, एक्साइज एक्ट की धारा 60/63 और आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत पकड़ा था।
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अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की याचिका: गुरुमूर्ति को नोटिस जारी
तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल विजय नारायण ने न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में साप्ताहिक पात्रिका 'तुग़लक' के संपादक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति देने के लिए दायर दो आवेदनों पर नोटिस जारी किए हैं। गुरुमूर्ति को 16 फरवरी, 2021 को एडवोकेट जनरल के समक्ष या तो व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए कहा गया है।
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बिना कपड़े निकाले स्तनों को दबाना पोक्सो अधिनियम के तहत 'यौन उत्पीड़न' नहीं बल्कि आईपीसी 354 के तहत अपराध : बॉम्बे हाईकोर्ट
बिना कपड़े निकाले स्तनों को दबाना पोक्सो अधिनियम के तहत ' यौन उत्पीड़न' नहीं बल्कि आईपीसी 354 के तहत अपराध : बॉम्बे हाईकोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने माना है कि त्वचा-से-त्वचा के संपर्क' के बिना बच्चे के स्तनों को टटोलना भारतीय दंड संहिता के तहत छेड़छाड़ होगा, लेकिन यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम ( पोक्सो) के तहत 'यौन उत्पीड़न' का गंभीर अपराध नहीं।
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पहचान होने भर से महिला की आपत्तिजनक तस्वीरें प्रसारित करने का आदमी को हक़ नहीं, ना उसे बदनाम करने काः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक आवेदक को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि आवेदक और अभियोजन पक्ष एक-दूसरे को जानते है, इससे आवेदक को सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने और अभियोजन पक्ष के संबंध में आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने का अधिकार नहीं मिल जाता है। जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ धारा 354 और 354-ए आईपीसी और सूचना और प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 के तहत आरोपित एक व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ने कानूनी डेटाबेस सॉफ्टवेयर 'जोति जर्नल' लॉन्च किया
मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी ने गुरुवार को न्यायपालिका के उपयोग के लिए "जोति जनर्ल सॉफ्टवेयर" नाम से अपना कानूनी डेटाबेस सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। सॉफ्टवेयर का उद्घाटन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजीव कुमार दुबे की मौजूदगी में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक ने किया। सॉफ्टवेयर में लगभग 10,000 निर्णय, 700 कानूनी लेख और 500 से अधिक अधिनियम, संशोधन, परिपत्र और अधिसूचना शामिल हैं, जो दिन-प्रतिदिन के काम में जिला न्यायपालिका के न्यायाधीशों के प्रत्यक्ष उपयोग के हैं।
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राज्य में शिक्षा को व्यवसाय के रूप में ले लिया गया है या डिग्री बेचने के उद्योग के रूप मेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार (19 जनवरी) को कहा कि,''यह अज्ञात नहीं है कि राज्य में शिक्षा को व्यवसाय या उद्योग के रूप में ले लिया गया है। यह डिग्री बेचने का व्यवसाय है। इसे रोकने की आवश्यकता है।'' न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने बी.एड में 25 सीटों को भरने के लिए अपीलकर्ताओं/याचिकाकर्ताओं की संस्था द्वारा उठाए गए कदम पर नाराजगी दिखाते हुए यह टिप्पणी की। इन सभी सीटों को सीधे तौर पर भर दिया गया था,जबकि केंद्रीकृत काउंसलिंग के जरिए इन सभी सीटों के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 25 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी।