राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज 'नकारात्मक शक्तियों' से प्रदूषित न हो; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय हास्य अभिनेता मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका खारिज की

LiveLaw News Network

28 Jan 2021 7:48 AM GMT

  • राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज नकारात्मक शक्तियों से प्रदूषित न हो; मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय हास्य अभिनेता मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका खारिज की

    हास्य अभिनेता मुनव्वर फारुकी और सह-अभियुक्त नलिन यादव की जमानत अर्जियों को खारिज करते हुए, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समाज 'नकारात्मक शक्तियों' से प्रदूषित न हो।

    ज‌स्ट‌िस रोहित आर्या ने टिप्पणी की, "हमारा देश सुंदर देश है; धर्म, भाषा, संस्कृति, भौगोलिक स्‍थल आदि के कारण, वैश्विक स्तर पर यह विविधताओं के बीच सह-अस्तित्व का उदाहरण है; कानून के शासन के सिद्धांतों द्वारा शासित एक कल्याणकारी समाज में सभी नागरिकों के बीच पारस्परिक सम्मान, आस्था और विश्वास सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांत हैं।"

    न्यायालय ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 ए (ई) और (एफ) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह देश के प्रत्येक नागरिक और सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय या पंथ संबंध‌ित विविधताओं के बावजूद और हमारी समग्र संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्व देते हुए और उनका संरक्षण करते हुए सभी के बीच सौहार्द और भाईचारे के भावना को बढ़ावा दिया जाए।

    कोर्ट ने कहा, "राज्यों को प्रयास करना चाहिए कि हमारे कल्याणकारी समाज में सह-अस्तित्व का पारिस्थितिकी तंत्र और निर्वाह नकारात्मक शक्तियों द्वारा प्रदूषित न हो और भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 ए(ई) और (एफ) के तहत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास किए जाएं..."

    गुजरात निवासी फारुकी को दो जनवरी को चार अन्य लोगों के साथ हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कथित रूप से अभद्र टिप्पणी करने और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

    उन्हें एक जनवरी को इंदौर के 56 दुकान इलाके के एक कैफे में आयोजित एक शो के दरमियान उक्त ‌टिप्प‌ण‌ियां करने के लिए गिरफ्तार किया गया ‌था। स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौर (36) ने फारुकी और अन्य चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया ‌था

    गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों की पहचान एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास और प्रियम व्यास के रूप में की गई। उन पर धारा 295-ए, धारा 269 और आईपीसी के अन्य प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

    जमानत याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ अब तक इकट्ठा सबूत / सामग्री, यह सुझाव देते हैं कि व्यावसायिक क्षेत्र में एक सार्वजनिक स्थल पर स्टैंड अप कॉमेडी की आड़ में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में, जानबूझकर, नागरिकों की एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए अपमानजनक बयान दिए गए।

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