हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

Update: 2021-02-16 04:11 GMT

08 फरवरी 2021 से 12 फरवरी 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत पर बाहर रहे सभी अंडरट्रायल कैदियों के COVID-19 टीकाकरण की मांग को लेकर याचिका दायर

दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष दिल्ली हाई पावर्ड कमेटी (एचपीसी) को अंडर-ट्रायल कैदियों (यूटीपी) और दोषियों के टीकाकरण के लिए उचित उपाय करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाने की मांग करते हुई एक जनहित याचिका दायर की गई है। इन अंडर-ट्रायल कैदियों (यूटीपी) और दोषियों को 14.01.2021 को इकट्ठा किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 23.03.2020 के आदेश के तहत निर्धारित मानदंडों के संदर्भ में COVID-19 महामारी के तहत इन अंडर-ट्रायल कैदियों/दोषियों को अंतरिम जमानत दी गई थी।

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जब दूसरे पक्ष ने समझौते के तहत अपने दायित्व पूरे कर दिए हों,तो तलाक की संयुक्त याचिका से एकतरफा सहमति वापिस लेने की अनुमति नहीं दी जा सकतीः केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने एक उल्लेखनीय निर्णय देते हुए कहा कि जब दूसरे पक्ष ने समझौते के तहत अपने दायित्व पूरे कर दिए हों,तो उसके बाद तलाक के लिए दायर एक संयुक्त याचिका से पति या पत्नी द्वारा एकतरफा सहमति की वापसी कानून के तहत अरक्षणीय है। न्यायालय ने इसे ''शार्प प्रैक्टिस कहा, जिसे एक पल के लिए भी सहन नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह न्याय वितरण प्रणाली में वादियों के विश्वास को चकनाचूर कर देगी और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र का मखौल बनाएगी।''

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मुनव्वर फारुकी केस: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सह अभियुक्त प्रखर व्यास और एडविन एंथॉय को अंतरिम जमानत दी

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (इंदौर खंडपीठ) ने (शुक्रवार) मुनव्वर फारुकी के सह अभियुक्त प्रखर व्यास और एडविन एंथोनी को अंतरिम जमानत दी, जिन्हें एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 2 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने उनके द्वारा दायर जमानत आवेदनों पर नोटिस जारी करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (न्यायमूर्ति रोहित आर्य की पीठ) द्वारा उनकी जमानत अर्जी को खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट के पास जाने के बाद मुनव्वर फारुकुरी को 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी।

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी की 'परिवर्तन रथ यात्रा' के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार (11 फरवरी) को पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की चुनाव रथ यात्रा के खिलाफ दायर एक याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने पेशे से वकील राम प्रसाद सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य में भाजपा की "रथ यात्रा" पर रोक लगाने की मांग की गई थी। तर्क सामने रखे भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाई.जे. दस्तूर ने याचिकाकर्ता के ठिकाने के संदर्भ में जनहित में रिट याचिका को सुनवाई योग्य को लेकर एक प्रारंभिक आपत्ति उठाई।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्रीज में वेकेंसी और खराब बुनियादी ढांचों पर स्वतः संज्ञान लिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य में फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्रीज (एफएसएल) में उचित बुनियादी ढांचे की कमी और वेकेंसी को भरने के बारे में स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, गृह विभाग और अन्य उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किए। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने 22 दिसंबर, 2020 को एक एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा पारित आदेश के आधार पर कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार को रिक्तियों को भरने के लिए कई निर्देश जारी किए।

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डीवी एक्ट का मामला-घरेलू हिंसा के अर्थ के तहत पत्नी को भरण पोषण भत्ता देने से इनकार करना ''आर्थिक दुर्व्यवहार'' करने के समानः त्रिपुरा हाईकोर्ट

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत एक पति द्वारा अपनी पत्नी को भरण पोषण भत्ता देने से इनकार करना उसके साथ आर्थिक दुर्व्यवहार करने के समान है। याचिकाकर्ता पति ने 18 जुलाई 2020 के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित फैसले को चुनौती देते हुए एक क्रिमनल रिविजन पिटिशन दायर की थी। उक्त निर्णय में कहा गया था कि पति ने अपनी पत्नी के साथ घरेलू हिंसा की है और निर्देश दिया गया था कि वह अधिनियम का 20 (1) (डी) के तहत अपनी पत्नी को 15000 रुपये प्रतिमाह के भरण पोषण के रूप में मौद्रिक राहत दे।

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इंटर फेथ मैरिज: गुजरात हाईकोर्ट ने विवाह को पंजीकृत करवाने के लिए महिला को अहमदाबाद तक एस्कॉर्ट करने का निर्देश दिया, सूर्यास्त के बाद महिला को थाने बुलाने पर सवाल उठाया

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (08 फरवरी) को गुजरात पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि एक लोक रक्षक दल (एलआरडी) की महिला को जूनागढ़ अकादमी से अहमदाबाद तक सुरक्षित मार्ग प्रदान किया जाए ताकि वह विशेष विवाह अधिनियम के तहत एक मुस्लिम व्यक्ति के साथ शादी कर सकें। न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति संगीता के.विसेन की खंडपीठ एक हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका समीरखान फैजुल्लाहखान पठान ने दायर की थी और अपनी साथी एलआरडी की प्रशिक्षु को अदालत के समक्ष पेश करने की मांग की थी।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर ईडी की कार्यवाही में डेक्कन क्रोनिकल्स की संपत्तियों की कुर्की पर रोक लगाई

दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति प्रतीबा सिंह की पीठ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा डेक्कन क्रॉनिकल्स होल्डिंग लिमिटेड की संपत्तियों की कुर्की से कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया है कि डेक्कन क्रोनिकल्स के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) पहले ही शुरू की गई थी और ईडी द्वारा कुर्की इस तरह की कार्यवाही के बाद की गई है। हालांकि, अदालत ने शर्त लगाई है कि यह स्टे बैंक द्वारा संपत्ति से कमाई करने के लिए उठाए गए कदमों और यदि कोई हो, तो की गई वसूली के किसी भी विवरण को रिकॉर्ड पर रखने के अधीन होगा ।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने कोर्ट के कार्य का बहिष्कार करने पर बार एसोसिएशनों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना कार्यवाही शुरू की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि वे राज्य में बार एसोसिएशनों के उन पदाधिकारियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान (Suo-Moto) लेते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू करें, जिन्होंने अपने सदस्यों को अदालती काम से परहेज करने के लिए कहा था। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा कि, "यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि Covid -19 के मद्देनजर, सभी अदालतें प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुईं, जो मुकदमों के पीड़ितों के साथ-साथ बार के सदस्यों के लिए भी दुखद थीं। अब जबकि सामान्य स्थिति काफी हद तक बहाल हो गई है, बार एसोसिएशन हड़ताल / बहिष्कार का सहारा नहीं ले सकते।"

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हाईकोर्ट/अधीनस्थ न्यायालयों में फिजिकल तौर पर कामकाज फिर से शुरू करने के लिए मध्य प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश ने एसओपी जारी की

मध्य प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश राज्यों में COVID19 महामारी की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, इन राज्यों के हाईकोर्ट ने एसओपी (स्टैंडिंग आॅपरेटिंग प्रोसीजर)जारी की हैं ताकि हाईकोर्ट/अधीनस्थ न्यायालयों में फिजिकल तौर पर कामकाज फिर से शुरू किया जा सके। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट की विशेष समिति की सिफारिशों पर विचार करने और बार संघों के साथ विचार-विमर्श के बाद मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) (मामलों की फिजिकल/वर्चुअल सुनवाई के लिए हाइब्रिड प्रणाली) जारी की है,जो मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल सीट जबलपुर और इसकी इंदौर व ग्वालियर में स्थित बेंच पर लागू होंगी।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जी एमबीबीएस घोटाले के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट की ज‌स्ट‌िस सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों के साथ धोखाधड़ी के आरोपी एक व्यक्त‌ि को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोप था कि आवेदक 'क्रैक योर करियर प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक कंपनी द्वारा छात्रों को ठगने के लिए बड़े पैमाने पर रची गई साजिश का हिस्सा था। मामले में कंपनी और आरोपी (यों)ने विभिन्न कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश का वादा करके पर्याप्त मात्रा में धन अर्जित किया था।

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"क्या अधिकारी पैरोल आवेदनों को निपटाने के लिए नियमित अंतराल पर जेल परिसर जा सकते हैं?" पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार (09 फरवरी) को पंजाब सरकार से पूछा कि क्या एक तंत्र (Mechanism) पर काम किया जा सकता है ताकि इस तरह के आवेदनों पर निर्णय पहले ही लिया जाए सके। कोर्ट ने यह बात एक ऐसे मामले में कही, जिसमें याचिकाकर्ता की पैरोल अर्जी को तय करने में भारी देरी हुई थी। न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ 16 दिसंबर 2020 की पैरोल की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। यह पैरोल अर्जी राजीव सिंह द्वारा दायर की गई थी, जो अधिकारियों के पास लंबित थी और उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था।

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इस अपराध ने समाज की आत्मा को छलनी किया: केरल कोर्ट ने मंदिर के पुजारी को अपनी सौतेली बेटी का बलात्कार करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई

केरल कोर्ट ने (शनिवार) एक मंदिर के पुजारी को अपनी सौतेली बेटी का कई सालों से यौन उत्पीड़न करने के मामलें दोषी ठहराते हुए कहा कि, "अगर वार्ड के अभिभावक इस तरीके से व्यवहार करते हैं, तो वार्डों की रक्षा कौन करेगा? " केरल के अलप्पुझा जिले के हरिपद में फास्ट-ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सलेना वीजी नायर ने पुजारी को कानून के तहत बलात्कार, यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के लिए दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई।

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'केरल में नशीली दवाओं के इस्तेमाल की दर काफी ज्यादा', केरल हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में ड्रग्स का इस्तेमाल रोकने के लिए द‌िशा निर्देश जारी किए

केरल उच्च न्यायालय ने यह देखते हुए कि "केरल में नशीली दवाओं के इस्तेमाल की दर काफी ज्यादा है", युवाओं और छात्रों को नशीली दवाओं का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के दिए दिश निर्देशों में सबसे ज्यादा उल्लेखनीय यह है कि राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों में कैंपस पुलिस यूनिट की स्थापना की है ताकि कैंपस में नशीली दवाओं के इस्तेमाल को रोका जा सके। न्यायालय ने कैंपस यूनिट के गठन का आदेश दिया, क्योंकि यह पाया गया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां शैक्षणिक संस्थानों में नियमित जांच नहीं कर पा रही थीं।

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गंगा प्रदूषण- बड़ी मात्रा में गंदा पानी अभी भी नदियों में बह रहा है, भारी मात्रा में जनता के धन की बर्बादी : समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से कहा

गंगा प्रदूषण को दूर करने के लिए बनी सलाहकार समिति, यू.पी. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केंद्र सरकार और एमिकस क्यूरी (एके गुप्ता) ने मंगलवार (09 फरवरी) को इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया कि बड़ी मात्रा में गंदा पानी (Untreated Water) अभी भी नदियों में बह रहा है और भारी मात्रा में जनता का धन बर्बाद हो रहा है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ को टीम द्वारा आगे बताया गया कि शहर में प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बड़े पैमाने पर जारी है और जो प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है वह सीवर लाइनों को काट रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत 'आईएनएस विराट'के विघटन पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक निजी कंपनी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत 'आईएनएस विराट' के विघटन पर रोक लगा दी। कंपनी द्वारा दायर याचिका मेंं राष्ट्रीय हित में प्रतिष्ठित जहाज को संरक्षित करने की पेशकश की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ मैसर्स एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी, जो वर्तमान मालिक से जहाज खरीद कर इसे एक समुद्री संग्रहालय में बदलने की इच्छुक है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक गरीब महिला को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार और अस्पताल के अधिकारियों को ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक गरीब महिला को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने का निर्देश दिया है, जो आय और धन की कमी के कारण इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ है। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है। इस मामले में एक सौहार्द लखनपाल द्वारा याचिका दायर की गई है, जो अपनी मां के लिए वित्तीय मदद मांग रहा है। उसकी मां इन्फिल्ट्रेटिंग डक्टल कार्सिनोमा से पीड़ित है,जो ब्रेस्ट कैंसर का एक प्रकार है और उसे मेडिकल उपचार की जरूरत है।

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'सत्रह साल की मुस्लिम लड़की मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विवाह करने योग्य आयु प्राप्त कर लेती है' : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सुरक्षा प्रदान की

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले महीने एक मुस्लिम लड़की (17 वर्ष) को सुरक्षा प्रदान की, जिसने एक मुस्लिम व्यक्ति (36 वर्ष) से शादी की। साथ ही अदालत ने यह भी देखा कि दोनों मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विवाह करने योग्य आयु में हैं। न्यायमूर्ति अलका सरीन की खंडपीठ मुस्लिम पति-पत्नी (याचिकाकर्ताओं) द्वारा दायर एक संरक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 21 जनवरी 2021 को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार शादी की थी।

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भारतीय मछुआरों की हत्या के लिए श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका

जनवरी 2021 में चार भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों की गिरफ्तारी और पीड़ितों के परिवार को श्रीलंका सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार वर्मा द्वारा दायर और अधिवक्ता सीआर जया सुकिन द्वारा तैयार की गई इस याचिका में तमिलनाडु के मछुआरों और उनकी संपत्तियों को श्रीलंकाई नौसेना से बचाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की भी प्रार्थना की गई है।

सीआरपीसी की धारा 107 और धारा 116 के तहत मनमाने और अवैध तरीके से चालान रिपोर्ट पेश की गई : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार के वाराणसी के एसडीएम को फटकार लगाई, जिसने दो व्यक्तियों को शांति भंग करने के आरोप में "मनमाने और अवैध रूप से" से हिरासत में रखने का काम किया। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ शिव कुमार वर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में 12 अक्टूबर 2020 से 21 अक्टूबर 2020 तक सीआरपीसी की धारा 151, धारा 107 और धारा 116 के तहत वाराणसी के रोहनिया पुलिस थाने में अवैध हिरासत में रखने के बदले मुआवजे की मांग की गई थी।

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दिल्ली दंगा मामला-''एक निर्दोष व्यक्ति को सिर्फ इसलिए बेरहमी से मार दिया गया क्योंकि वह दूसरे समुदाय से जुड़ा था'': अदालत ने सुलेमान मर्डर केस में आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

यह देखते हुए कि एक निर्दोष व्यक्ति की बेरहमी से हत्या की गई थी, वो भी सिर्फ इस तथ्य के कारण कि वह दूसरे समुदाय से संबंध रखता था, कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने सोमवार (08 फरवरी) को मर्डर केस के आरोपी आशीष कुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रकृति बहुत गंभीर है और इस चरण में जमानत पर रिहा होने पर आवेदक द्वारा गवाहों को धमकाने या डराने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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तांडव विवाद: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (08 फरवरी) को अमेज़ॅन के ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो से "तांडव" वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ आदित्य तिवारी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट, सेंसरशिप कानूनों के तहत सभी ओटीटी प्लेटफार्मों को लाने के लिए उचित कानूनी कदम उठाए जाने के लिए निर्देश दे।

'मैं बिल्ली नहीं हूं', अमेरिकी वकील ने वर्चुअल सुनवाई के दरमियान गलती से कैट फिल्टर ऑन किया, जज ने संयम से दिया जवाब

अमेरिका की एक अदालत में वर्चुअल सुनवाई के दरमियान एक रोचक वाकया सामने आया, जब एक वकील ने जूम एप पर गलती से बिल्‍ली का फिल्टर ऑन कर दिया। 394 वीं न्यायिक जिला न्यायालय, टेक्सास की सुनवाई का यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो चुका है। वाकये के तहत सुनवाई शुरू होने पर जज रॉय फर्ग्यूसन ने एडवोकेट रॉड पोंटन की स्‍क्रीन पर "कैट-फेस" का फिल्टर नोटिस किया था। संयम खोए बिना उन्होंने एडवोकेट को फिल्टर की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "श्री पोंटन, मुझे लगता है कि आपकी वीडियो सेटिंग्स में एक फ‌िल्टर ऑन हो गया है....।"

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'कल्पना कीजिए गड्ढों के कारण लोग मर रहे है!': कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीबीएमपी को बेंगलुरु रोड एक्शन प्लान प्रस्तुत करने के लिए कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) को निर्देश दिया है कि बेंगलुरु शहर में प्राथमिकता के आधार पर गड्ढों को भरने के लिए एक कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए और उक्त कार्य योजना को समय सीमा के भीतर लागू किया जाएगा। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्न और न्यायमूर्ति एम. जी. उमा की खंडपीठ ने कहा, "पहले यह सुनिश्चित करने के लिए बीबीएमपी की ओर से यह दृढ़ संकल्प होना चाहिए कि बैंगलोर शहर में सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी।"

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''यदि कंपनियों/एलएलपीएस को पंजीकृत करने के लिए पेशेवर के रूप में वकीलों के लिए एमसीए पोर्टल में कोई फील्ड नहीं है तो यह भेदभावपूर्ण होगा'': दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को उस याचिका पर हलफनामा दायर करने को निर्देश दिया है कि जिसमें वर्तमान कारपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के पोर्टल में अपने मुविक्कलों की ओर से कंपनियों और एलएलपी को पंजीकृत करने के लिए अधिवक्ताओं के लिए कोई फील्ड प्रदान न करने के मामले को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल पीठ ने कहा कि यदि यह सही है कि एमसीए के पोर्टल में उन अधिवक्ताओं के लिए कोई प्रावधान नहीं है जो बार काउंसिल के सदस्य हैं और बार काउंसिल की काउंसिल की सूची में एक विकल्प प्रदान नहीं किया गया है तो यह वकीलों के प्रति भेदभावपूर्ण है और इसको ठीक करने की जरूरत है।

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'परीक्षा के मोड पर छात्रों को कोई निहित अधिकार नहीं'':जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने लाॅ स्टूडेंट की ऑनलाइन परीक्षा की मांग खारिज की

याचिकाकर्ताओं की ऑन-लाइन मोड के माध्यम से परीक्षा आयोजित करवाने की मांग को खारिज करते हुए जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट ने सोमवार (08 फरवरी) को कहा कि''छात्रों की परीक्षा किस तरीके से संचालित की जाए,इस संबंध में छात्रों के लिए कोई निहित अधिकार नहीं हो सकता है।'' न्यायमूर्ति संजय धर की खंडपीठ छात्रों (द्वितीय वर्ष के कानून के छात्र) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यूजीसी व बीसीआई द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों/निर्णयों के अनुसार जल्द से जल्द चतुर्थ सेमेस्टर के मध्यस्थ कानून के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाने के लिए कश्मीर विश्वविद्यालय को निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि छात्रों के कैरियर को बचाया जा सके।

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निर्वाचित बार एसोसिएशन पदाधिकारी लगातार चुनाव नहीं लड़ सकते: मद्रास हाईकोर्ट द्वारा बार चुनावों में एकाधिकार समाप्त करने का निर्देश

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्वाचित पदाधिकारियों को लगातार दूसरी बार चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। बार एसोसिएशन के चुनावों में एकाधिकार को समाप्त करने के उद्देश्य से यह फैसला सुनाया गया। हालांकि कोर्ट ने ऐसे निर्वाचित सदस्यों को वैकल्पिक रूप से चुनाव लड़ने की अनुमति दी। जस्टिस एन किरुबाकरन और जस्टिस आर पोंगिप्पन की खंडपीठ ने कहा कि, "वैकल्पिक चुनाव लड़ने का प्रावधान एक स्वस्थ मानदंड होगा, जो सभी सदस्यों को चुनाव लड़ने और एकाधिकार के बिना निर्वाचित होने में सक्षम होगा।"

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बॉम्बे हाईकोर्ट कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट सस्पेंड करने की मांग करने वाली याचिका पर 9 फरवरी को सुनवाई करेगा

बॉम्बे हाईकोर्ट 9 मार्च, 2021 को अभिनेत्री कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में याचिकाकर्ता ने कंगना रनौत द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानो को "आतंकवादियों" कहने पर उनके ट्विटर अकाउंट को निलंबित करने की मांग की है। याचिकाकर्ता, जो एक वकील है, उसने अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। याचिका में दावा किया कि अभिनेत्री ने याचिका दायर किए जाने के बाद भी दिसंबर, 2020 में अपने "अपमानजनक आचरण" को नहीं रोका। उन्होंने हाल ही की एक घटना का हवाला दिया, जिसमें अभिनेत्री ने कथित तौर पर किसानों को "आतंकवादी" कहा था और किसानों के प्रदर्शन को चीन द्वारा भारत को विभाजित करने की कोशिश करार दिया था।

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कर्नाटक के वकील ने कंगना रनौत के खिलाफ एफआईआर की, आंदोलनकारी किसान को 'आंतकवादी' कहने का आरोप लगाया

कर्नाटक के बेलगावी के एक वकील ने पुलिस को एक शिकायत सौंपी है जिसमें अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट(FIR) दर्ज करने की मांग की गई है। आरोप लगाया है कि कंगना ने एक ट्वीट में विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को "आतंकवादी" कहा है। शिकायतकर्ता, हर्षवर्धन पाटिल नामक एक वकील ने अभिनेत्री के खिलाफ जान बूझकर उकसाने , विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ाने, आपराधिक धमकी देने और जानबूझकर शांति भंग करने के इरादे से किसानों का अपमान करने के लिए कार्रवाई की मांग की है।

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"शांतिपूर्ण प्रदर्शन का यह कौन-सा तरीका था, जिसमें वह तलवार हाथ में लिए फोटो खिंचवा रहा था? ": गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा UAPA के तहत दर्ज मामले में दो अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते 09 दिसंबर 2019 को चबुआ शहर में रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्ग पर आर्थिक नाकाबंदी और राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपूर्ति बाधित करने के आरोप में और पत्थर फेंककर सरकारी अधिकारियों की हत्या करने के प्रयास के आरोप में दो आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में जमानत याचिका को खारिज कर दी।

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चूंकि वह मनोरोगी है, सिर्फ इसलिए पति व परिवार के सदस्य महिला के साथ गुलाम की तरह व्यवहार नहीं कर सकतेः उड़ीसा हाईकोर्ट

कथित तौर पर अपनी पत्नी (शिकायतकर्ता-पीड़िता) से क्रूरता करने के मामले में आरोपी एक पति को नियमित जमानत देने से इनकार करते हुए उड़ीसा हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा कि एक महिला के साथ सिर्फ इस आधार पर किसी भी ''दया और मानवीय करुणा से परे गुलाम'' की तरह व्यवहार नहीं किया जा सकता है क्योंकि वह कथित तौर पर एक मनोरोगी है। न्यायमूर्ति एस के पाणिग्रही की खंडपीठ ने विशेष रूप से कहा कि, ''यहां तक कि शिकायतकर्ता-पीड़िता की मनोवैज्ञानिक बीमारी के आरोप भी याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को किसी भी दया और मानवीय करुणा से परे गुलाम की तरह व्यवहार करने का अधिकार नहीं देते हैं।''

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ऐसे वकीलों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे, जिनके आचरण से पूरे पेशे की छवि बिगड़ती है: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को वकीलों के एक समूह को भूमि हड़पने के मामले के कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने पर कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस एन आनंद वेंकटेश की एकल पीठ ने कहा कि जब अधिवक्ताओं के आचरण की बात आती है, तो कोर्ट बिल्कुल सहिष्णुता न दिखाए और यह सुनिश्चित करे कि कुछ वकीलों की गतिविधियां पूरे पेशे की छवि खराब न करें। कोर्ट ने यह ‌टिप्पणी इस जानकारी के बाद की कि कुछ अधिवक्ताओं ने एक विवादित संपत्ति का ताला खोलने का और जबरन कब्जा करने का प्रयास किया था।

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"यह इस देश में और सरकारी अधिकारी के साथ ही हो सकता है": मद्रास हाईकोर्ट ने मुआवजे के भुगतान में 54 साल की देरी के मामले में कहा

मद्रास हाईकोर्ट (मदुरै बेंच) ने पिछले हफ्ते देखा कि तमिलनाडु राज्य के सरकारी आधिकारिक द्वारा बस डिपो स्थापित करने के लिए अधिग्रहित भूमि के टुकड़े के लिए, मुआवजे के भुगतान में 54 साल तक की देरी की गई। न्यायमूर्ति आर. सुब्रमण्यन की खंडपीठ ने कहा कि, "भूमि के अधिग्रहण के बाद अब लगभग 54 साल हो गए हैं। यह केवल इस देश में और सरकारी अधिकारी के साथ हो सकता है।" न्यायालय के समक्ष मामला तमिलनाडु सरकार ने सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 148 के तहत एक याचिका दायर की, जिसमें पलानी के उप न्यायालय के समक्ष अर्जित ब्याज के साथ मुआवजा राशि जमा करने के लिए आगे चार महीने का समय देने की मांग की गई। उप न्यायालय द्वारा 1974 के L.A.O.P.No.73 में पारित निर्णय के निष्पादन में कार्यवाही हुई।

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'अदालत अधिवक्ताओं के लिए फीस तय नहीं कर सकती'': बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत मामले में बीएमसी द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता को दी फीस को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के मामले में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का प्रतिनिधित्व करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अस्पी चिनॉय को नियुक्त करने और उनको भुगतान की गई ''मोटी फीस'' को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। कंगना ने पिछले साल उनके बंगले में बीएमसी द्वारा किए गए विध्वंस कार्य को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पितले की खंडपीठ ने ऐक्टिविस्ट शरद यादव की याचिका को खारिज कर दिया।

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बॉम्बे हाईकोर्ट में भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने (सोमवार) एलगर परिषद के माओवादी लिंक मामले में आरोपी वरिष्ठ पत्रकार और कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने विशेष अदालत के एक आदेश के खिलाफ नवलखा द्वारा दायर आपराधिक अपील पर आदेश पारित किया। इसमें पिछले साल जून में डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए नवलखा के आवेदन को खारिज कर दिया था। वह 14 अप्रैल, 2020 को अपने आत्मसमर्पण के बाद से जेल में है।

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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बार काउंसिल और कर्नाटक लॉ यूनिवर्सिटी के उस फैसले को रद्द किया जिसमें ऑफलाइन मोड में एलएलबी की इंटरमीडिएट सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन किया जाना था 

कर्नाटक हाईकोर्ट ने (सोमवार) बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसले को और कर्नाटक स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी द्वारा जारी सर्कुलर को रद्द किया और अलग रख दिया। इस सर्कुलर के माध्यम से लॉ के छात्रों की इंटरमीडिएट सेमेस्टर की परीक्षा होनी थी। न्यायमूर्ति आर देवदास की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि "प्रणीत.के के मामले में सुप्रीम कोर्ट की याचिका और निर्णय में शिकायत के संबंध में, बार काउंसिल और विश्वविद्यालय का निर्णय किसी विशेषज्ञ की राय के आधार नहीं है। इसके साथ ही यह यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देश के विपरीत है । यह अदालत का मत है कि यदि सभी परीक्षाओं को रद्द नहीं किया जाता है, तो कम- से-कम इंटरमीडिएट लॉ छात्रों के सम (EVEN) सेमेस्टर परीक्षा के प्रथम से चौथे वर्ष के को रद्द करने की आवश्यकता है।"

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या मस्जिद के लिए दी गई जमीन पर दावा करने वाली दो बहनों की याचिका खारिज कर दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या के धनीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन के आवंटन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। दिल्ली की दो बहनों ने 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में मस्जिद के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित पांच एकड़ भूमि के स्वामित्व का दावा किया था। राज्य के लिए अपील कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मस्जिद के लिए आवंटित भूखंड संख्या उन लोगों से अलग है जिनके बारे में याचिका दायर की गई है।

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पति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला-''पत्नी को चिकित्सा सहायता प्रदान करना, उसे अपराधबोध से मुक्त नहीं करेगा'': इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में उस पति की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिस पर अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। पीठ ने कहा कि केवल अपनी पत्नी को चिकित्सा सहायता प्रदान करना आवेदक को उसके आरोपों से मुक्त नहीं करेगा। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की खंडपीठ ने आगे कहा कि पति का निरंतर आचरण गलत रहा है। उसने अपनी पत्नी को अपने बेटे से मिलने की अनुमति भी नहीं दी थी, जो उसकी पत्नी के लिए गंभीर उदासीनता का कारण बन गया और गंभीर मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल के इस चरण में उसके पास यह चरम कदम उठाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं रह गया था।

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[मेक इन इंडिया? ] बोली लगाने वाले भारतीयों के साथ भेदभाव के आरोप: दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएमओ से कहा, यदि बोली लगाने वाले प्रतिनिधित्व दाखिल करें तो PM के संज्ञान में लाएं

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक भारतीय मशीन उपकरण कंपनी को निर्देश देते हुए कहा कि वह सीएनसी मशीनों और उपकरणों की आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी निविदा (Tender) प्रक्रिया में बोली लगाने वाले भारतीयों के साथ कथित भेदभाव के संबंध में प्रधानमंत्री के कार्यालय (PMO) का रुख करें। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में देरी से याचिका डालने के कारण के पास निविदा (Tender) प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

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'फॉरेन ट्रिब्यूनल ने आधे मन से काम किया': गुवाहाटी हाईकोर्ट ने उस आदेश को खारिज किया जिसमें उचित गवाह के परीक्षण के बिना महिला को विदेशी घोषित किया गया

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा कि, "एक व्यक्ति की नागरिकता एक मूल्यवान अधिकार है"। दरअसल कोर्ट ने उस निर्णय को खारिज करते हुए आदेश दिया, जिसमें एक विदेशी आदिवासी महिला को विदेशी घोषित कर दिया गया था। कोर्ट ने पाया कि ट्रिब्यूनल ने "आधे मन से" काम किया है, क्योंकि इसने एक महत्वपूर्ण गवाह की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए गंभीर कदम नहीं उठाए। हेडमास्टर ने स्कूल प्रमाणपत्र जारी किया जो याचिकाकर्ता द्वारा उसके वंश यानी 24 मार्च 1971 से पहले (असम एनआरसी के लिए कट-ऑफ तारीख) का पता लगाने के लिए जारी किया गया था।

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