जानिए हमारा कानून
सहमति से तलाक कैसे होता है? जानिए
एक स्थिति ऐसी होती है जब विवाह का कोई एक पक्षकार तलाक के लिए सहमत होता है तथा दूसरा पक्षकार तलाक नहीं लेना चाहता है और एक स्थिति वह होती है जब तलाक के लिए विवाह के दोनों पक्षकार पति और पत्नी एकमत पर सहमत होते हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय कानून में क्या व्यवस्था दी गई है?अनेक मामलों में यह देखा जाता है कि जब विवाह के दोनों पक्षकार तलाक हेतु सहमत होते हैं तब वह अज्ञानता में नोटरी या शपथ पत्र के माध्यम से तलाक कर लेते हैं। कुछ परिस्थितियां तो ऐसी देखी गई हैं कि सादे कागज पर लिखकर भी तलाक कर लेते हैं...
सुप्रीम कोर्ट का 'The Temple of Healing' केस पर निर्णय: एडॉप्शन की प्रक्रिया, समस्याएँ, और सुधार
भारत में दत्तक ग्रहण (Adoption) की प्रक्रिया को लेकर कई वर्षों से समस्याएँ और विवाद उठते रहे हैं। दत्तक ग्रहण से जुड़ी कानूनी प्रक्रियाएँ जटिल हैं, और इसके कारण बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और दत्तक माता-पिता के अधिकारों के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में, 'The Temple of Healing बनाम Union of India' का मामला दत्तक ग्रहण की मौजूदा प्रक्रिया, उसकी कमियों, और सुधार के संभावित तरीकों पर ध्यान केंद्रित करता है। यह मामला न केवल दत्तक ग्रहण की प्रक्रियाओं की समीक्षा करता...
BNSS की धारा 175 का विश्लेषण: पुलिस की संज्ञेय मामलों की जांच करने की शक्ति
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है, ने दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की जगह ले ली है। इस नई कानूनी संरचना में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जो भारत में कानून प्रवर्तन (Law Enforcement) के कामकाज को प्रभावित करते हैं। इस संहिता के तहत धारा 175 एक महत्वपूर्ण धारा है, जो पुलिस को संज्ञेय मामलों की जांच करने की शक्ति प्रदान करती है। इस धारा को समझना पुलिस के अधिकारों और जिम्मेदारियों के व्यापक दायरे को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।संज्ञेय...
BSA 2023 की धारा 151 और 152 के अनुसार न्यायिक कार्यवाही के दौरान गवाहों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रासंगिकता
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुआ है, ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की जगह ली है। इस अधिनियम की धारा 151 और 152 न्यायिक कार्यवाही के दौरान गवाहों से पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रासंगिकता और उचितता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन धाराओं का उद्देश्य गवाहों को अनुचित या असंवेदनशील प्रश्नों से बचाना है, जो बिना किसी उचित आधार के पूछे जाते हैं। इस लेख में, हम धारा 151 और 152 के प्रावधानों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, जिसमें दिए गए...
भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत चुनावों से संबंधित रिश्वतखोरी के प्रावधान - धारा 172, 173, और 174
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित करते हुए 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आई है, में चुनावों से संबंधित अपराधों के लिए कई महत्वपूर्ण धाराएँ शामिल हैं। पिछले लेख में हमने धारा 169, 170, और 171 पर चर्चा की, जो चुनावी अधिकारों, रिश्वतखोरी, और अनुचित प्रभाव (Undue Influence) से संबंधित अपराधों को परिभाषित करती हैं। इस लेख में हम धारा 172, 173, और 174 पर विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे, जो चुनाव में व्यक्तित्व की नकल (Personation), रिश्वतखोरी के दंड, और अनुचित...
चरण सिंह बनाम उत्तराखंड राज्य: सुप्रीम कोर्ट का दहेज हत्या पर ऐतिहासिक फैसला
चरण सिंह @ चरंजीत सिंह बनाम उत्तराखंड राज्य (Charan Singh @ Charanjit Singh vs. The State of Uttarakhand) का मामला दहेज हत्या (Dowry Death) के संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है। यह मामला भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code, IPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की महत्वपूर्ण धाराओं से संबंधित है।इस केस में एक युवती, छिलो कौर की शादी के दो साल के भीतर मृत्यु हो जाती है, जिससे उसके पति को IPC की धारा 304B (दहेज मृत्यु), 498A (क्रूरता, Cruelty), और 201 (सबूत नष्ट करना, Causing...
गवाह की गवाही से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान : BSA 2023 की धारा 137, 150, और 151
1 जुलाई, 2024 को भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हुआ, जो लंबे समय से प्रचलित भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) का स्थान ले चुका है। यह नया अधिनियम गवाहों के साथ न्यायिक कार्यवाही (Legal Proceedings) में कैसे व्यवहार किया जाता है, इसके कई महत्वपूर्ण प्रावधान पेश करता है। इस लेख में, हम भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के धारा 137, 150, और 151 पर चर्चा करेंगे, हर प्रावधान को सरल भाषा में समझाएंगे और उदाहरणों के माध्यम से इसे स्पष्ट करेंगे।भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के धारा 137, 150, और 151...
भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत चुनावों से संबंधित अपराध - धारा 169 - 171
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित करते हुए 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आई है, में चुनावों से संबंधित अपराधों के लिए एक विशेष अध्याय है। इस अध्याय में रिश्वतखोरी, अनुचित प्रभाव (Undue Influence) और चुनावी कदाचार के अन्य रूपों को परिभाषित किया गया है और उनके लिए दंड निर्धारित किया गया है। इस लेख में हम मुख्य धाराओं, धारा 169, 170, और 171 का सरल हिंदी में विश्लेषण करेंगे, जो चुनाव से जुड़े अपराधों को स्पष्ट करती हैं।भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा...
धारा 174: गैर-संज्ञेय अपराधों के मामले में पुलिस की कार्यवाही
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bhartiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) ने 1 जुलाई 2024 को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को बदल दिया। यह नया कानून पुलिस द्वारा गैर-संज्ञेय अपराधों (Non-Cognizable Offences) के मामलों में कार्रवाई करने के तरीकों को स्पष्ट करता है। धारा 174 (Section 174) में बताया गया है कि जब किसी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (Officer in Charge) को किसी गैर-संज्ञेय अपराध के बारे में सूचना प्राप्त होती है, तो उसे कैसे कार्रवाई करनी चाहिए।सूचना दर्ज करने...
संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विवाह विच्छेद से संबंधित शिल्पा शैलेश का ऐतिहासिक फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने शिल्पा सैलेश बनाम वरुण श्रीनिवासन मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस मामले में, जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने यह माना कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 का उपयोग करके एक विवाह को विच्छेद (Dissolution) कर सकता है, यदि वह विवाह अपरिवर्तनीय रूप से टूट चुका है।अनुच्छेद 142 भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान है, जो सुप्रीम कोर्ट को किसी भी मामले में 'पूर्ण न्याय' करने की शक्ति देता है। यह एक असाधारण शक्ति है, जो अदालतों को प्रक्रिया और कानून के नियमों से ऊपर...
भारतीय दंड संहिता 2023 के प्रावधान: सेना, नौसेना और वायुसेना से संबंधित अपराध (धारा 163 से 168)
परिचयभारतीय दंड संहिता, 2023, जो 1 जुलाई 2024 से प्रभावी हुई है, ने पुराने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की जगह ली है। इस संहिता में सेना, नौसेना और वायुसेना (Army, Navy, Air Force) से संबंधित अपराधों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इस लेख में हम धारा 163 से 168 तक के प्रावधानों को समझेंगे, जो कि सेना के कर्मियों द्वारा की जाने वाली अपराधों को रोकने और उन्हें अनुशासन में बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। ये प्रावधान उन लोगों के लिए हैं जो सेना के सदस्यों को अनुशासनहीनता (Indiscipline) या...
नए कानून BNSS 2023 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करना : धारा 173
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bhartiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023), जिसने 1 जुलाई 2024 को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को बदल दिया, ने पुलिस द्वारा संज्ञेय अपराधों (Cognizable Offences) से संबंधित सूचनाओं (Information) के साथ कैसे निपटा जाए, इस पर कई बदलाव किए हैं। धारा 173 (Section 173) में इस नई कानून के अंतर्गत जानकारी देने के तरीके, पुलिस की जिम्मेदारियाँ और जांच की शक्तियाँ विस्तार से दी गई हैं। नये कानून के तहत एफआईआर दर्ज करने का काम धारा 173 के तहत किया...
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के तहत क्रॉस एक्जामिनेशन से जुड़े नियम
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुआ है, ने 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। इस अधिनियम में अदालत में साक्षियों (Witnesses) की जिरह (Cross-Examination) से जुड़े नियमों को विस्तार से समझाया गया है। इनमें गवाह के जिरह (Cross-Examination) के प्रावधान (Provisions) बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अदालत में प्रस्तुत गवाही (Testimony) की विश्वसनीयता (Reliability) और सच्चाई की जांच सुनिश्चित करते हैं। इस लेख में, हम भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की धारा 142 से 149 के तहत...
Domestic Violence Act के अंतर्गत किस तरह के ऑर्डर मजिस्ट्रेट द्वारा दिए जा सकते हैं
मजिस्ट्रेट को डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट (Domestic Violence Act) के अंतर्गत काफी तरह के पॉवर्स दिए गए हैं। उन पॉवर्स को यूज करके मजिस्ट्रेट किसी भी पीड़ित महिला के पक्ष में ऑर्डर जारी करते हैं।घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अंतर्गत दिए जाने वाले आदेश-घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 (झ) में वर्णित मजिस्ट्रेट को धारा 12 में अधिकार है कि वह व्यथित व्यक्ति, संरक्षण अधिकारी या व्यथित व्यक्ति की ओर से किसी व्यक्ति द्वारा अनुतोष हेतु आवेदन किए जाने पर निम्नलिखित...
इम्मोरल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट क्या है? जानिए
यह एक्ट भारत में वेश्यावृत्ति रोकने के उद्देश्य से वर्ष 1956 में बनाया गया है। यह एक क्रिमिनल एक्ट है जिसमें दोषी पाए जाने पर कठोर सज़ा के प्रावधान हैं। भारत के संविधान में गरिमामय प्रतिष्ठा के जीवन का उल्लेख अपनी प्रस्तावना में किया है भारत के सभी नागरिकों को जीवन प्रदान करने का अवसर दिया है यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपने शरीर का व्यवसाय किया जा रहा है यौन क्रियाओं हेतु अपने शरीर को किसी अन्य व्यक्ति को धन के बदले एक के बदले सौंपा जा रहा है तब इस स्थिति में गरिमा सिद्धांत की अवहेलना होती है।अनैतिक...
भारतीय न्याय संहिता, 2023 के अध्याय 8 के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित अपराध : धारा 159 से 162
भारतीय न्याय संहिता, 2023, जिसने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित (replaced) किया है, 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है। इस संहिता के अध्याय 8 में सेना, नौसेना और वायु सेना से संबंधित अपराधों का वर्णन किया गया है, जिसमें विद्रोह (mutiny) और अधिकारियों पर हमले (assault) जैसे कार्यों के लिए सख्त दंड निर्धारित किए गए हैं।ये प्रावधान (provisions) भारतीय सेना में अनुशासन (discipline) और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। इस लेख में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 159 से 162 तक...
पुलिस की रोकथाम कार्रवाई: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 : धारा 168 से 172
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने पुराने Criminal Procedure Code (फौजदारी प्रक्रिया संहिता) को बदल दिया है। इस नए कानून का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पुलिस अधिकारी जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस प्रकार की रोकथाम कार्रवाई कर सकते हैं। इस लेख में, हम अध्याय XII के तहत Sections 168 से 172 के प्रावधानों (Provisions) पर चर्चा करेंगे, जिसमें पुलिस अधिकारियों के कर्तव्यों और शक्तियों का उल्लेख है। इस लेख में प्रत्येक Section के उदाहरण भी दिए गए हैं, ताकि...
विदेशी राष्ट्रों के खिलाफ अपराध: भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 154 से 158 का सरल विश्लेषण
भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) ने 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस संहिता के अंतर्गत धारा 154 से 158 विशेष रूप से उन अपराधों से संबंधित हैं जो विदेशी राष्ट्रों के खिलाफ होते हैं और जिनमें सार्वजनिक सेवक (public servants) की लापरवाही या जानबूझकर की गई सहायता शामिल होती है। इस लेख में, हम प्रत्येक धारा का सरल भाषा में विश्लेषण करेंगे और उदाहरणों के माध्यम से समझाएंगे कि ये कानून कैसे लागू होते हैं।इस अध्याय के पिछले...
सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के आधार पर Vertical Reservation और Horizontal Reservation की व्याख्या
आरक्षित वर्गों को आरक्षण का लाभ प्रदान करने के लिए दो प्रकार की व्यवस्थाएं अपनाई जाती हैं, अर्थात् वर्टिकल आरक्षण (Vertical Reservation) और होरिजोंटल आरक्षण (Horizontal Reservation)।वर्टिकल और होरिजोंटल आरक्षण की अवधारणा को समझाते हुए, इंद्रा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जब अनुच्छेद 16(4) के तहत अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के पक्ष में आरक्षण किया जाता है, तो इसे वर्टिकल आरक्षण कहा जा सकता है, जबकि जब अनुच्छेद 16(1) के तहत विशेष श्रेणी जैसे...
BNSS 2023 की धारा 166 और 167 का विश्लेषण: स्थानीय विवादों का समाधान और जांच की प्रक्रिया
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस संहिता में कई प्रावधान शामिल हैं, जो शांति बनाए रखने और विवादों को उचित तरीके से सुलझाने के लिए बनाए गए हैं।धारा 166 और 167 ऐसे ही प्रावधानों में से हैं, जो स्थानीय विवादों के समाधान और जांच की प्रक्रिया से संबंधित हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार के विवाद, जो शांति भंग कर सकते हैं, उन्हें उचित और निष्पक्ष तरीके से निपटाया जा सके। ...