रिहायशी इमारत को गैर-रिहायशी इमारत में बदलना और मकान मालिक की मरम्मत की ज़िम्मेदारी – हिमाचल प्रदेश शहरी किराया नियंत्रण अधिनियम, 1987 की धारा 12 और 13

Himanshu Mishra

20 Feb 2025 11:49 AM

  • रिहायशी इमारत को गैर-रिहायशी इमारत में बदलना और मकान मालिक की मरम्मत की ज़िम्मेदारी – हिमाचल प्रदेश शहरी किराया नियंत्रण अधिनियम, 1987 की धारा 12 और 13

    हिमाचल प्रदेश शहरी किराया नियंत्रण अधिनियम, 1987 (Himachal Pradesh Urban Rent Control Act, 1987) मकान मालिक (Landlord) और किरायेदार (Tenant) के बीच संबंधों को नियंत्रित करता है ताकि दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित रहें। इस अधिनियम के तहत धारा 12 और धारा 13 (Section 12 and Section 13) बहुत महत्वपूर्ण हैं।

    धारा 12 (Section 12) यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति बिना लिखित अनुमति (Written Permission) के रिहायशी (Residential) इमारत को गैर-रिहायशी (Non-Residential) इमारत में न बदले। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि जिन इमारतों का उपयोग रहने के लिए किया जाना चाहिए, उन्हें बिना किसी नियामक (Regulatory) प्रक्रिया के व्यावसायिक (Commercial) उपयोग में न बदला जाए।

    धारा 13 (Section 13) मकान मालिक (Landlord) की ज़िम्मेदारी तय करता है कि वह किराए पर दी गई इमारत को अच्छी स्थिति में रखे। यदि मकान मालिक मरम्मत (Repairs) करने में असफल रहता है, तो किरायेदार को कानूनी अधिकार है कि वह मरम्मत करवाए और उसका खर्च किराए से समायोजित (Adjust) कर ले।

    ये दोनों प्रावधान (Provisions) किरायेदारों के हितों की रक्षा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि मकान मालिक अपनी संपत्ति को अच्छी स्थिति में बनाए रखें।

    रिहायशी इमारत को गैर-रिहायशी में बदलना (Section 12 - Conversion of a Residential Building into a Non-Residential Building)

    एक रिहायशी इमारत (Residential Building) वह होती है जिसे मुख्य रूप से रहने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जबकि गैर-रिहायशी इमारत (Non-Residential Building) का उपयोग व्यावसायिक (Commercial), औद्योगिक (Industrial), या कार्यालय (Office) के उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

    धारा 12 (Section 12) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति बिना नियंत्रक (Controller) की लिखित अनुमति (Written Permission) के किसी भी रिहायशी इमारत को गैर-रिहायशी में नहीं बदल सकता।

    यह प्रावधान (Provision) यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी मकान मालिक या किरायेदार अपने निजी लाभ के लिए किराये की इमारत (Rented Building) के उपयोग को अचानक न बदले, जिससे अन्य निवासियों (Residents) को असुविधा हो।

    उदाहरण (Illustration)

    रमेश शिमला में एक मकान का मालिक है, जिसे उसने एक परिवार को किराए पर दिया है। कुछ समय बाद, बिना नियंत्रक (Controller) की अनुमति के, वह उस मकान को एक व्यवसायी को किराए पर देने का फैसला करता है, जो वहां एक दुकान खोलना चाहता है। यह धारा 12 (Section 12) का उल्लंघन होगा।

    अगर रमेश बिना अनुमति के ऐसा करता है, तो नियंत्रक (Controller) उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। यह कानून किरायेदारों को इस प्रकार की अनियमितताओं (Irregularities) से बचाने के लिए लागू किया गया है।

    अगर मकान मालिक या किरायेदार किसी रिहायशी इमारत को व्यावसायिक उपयोग (Commercial Use) के लिए बदलना चाहते हैं, तो उन्हें पहले नियंत्रक (Controller) से लिखित अनुमति (Written Permission) लेनी होगी।

    मकान मालिक की मरम्मत की ज़िम्मेदारी (Section 13 - Landlord's Duty to Keep the Building in Good Repairs)

    हर मकान मालिक की यह ज़िम्मेदारी (Responsibility) होती है कि वह किराये पर दी गई संपत्ति को अच्छी और रहने योग्य (Tenantable Condition) स्थिति में बनाए रखे। धारा 13 (Section 13) के तहत, यह सुनिश्चित किया जाता है कि मकान मालिक मरम्मत की अनदेखी न करे और किरायेदार को असुविधा न हो।

    एक किराये की संपत्ति को ऐसी स्थिति में रखा जाना चाहिए कि किरायेदार को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। इसका मतलब यह है कि छत मजबूत हो, पानी की सप्लाई सुचारू रूप से चले, खिड़कियां टूटी न हों, छत या दीवारों में सीलन न हो, और अन्य आवश्यक सेवाएं ठीक से काम करें।

    अगर मकान मालिक मरम्मत नहीं करवाता तो किरायेदार के अधिकार (Tenant's Right to Get Repairs Done if Landlord Fails to Do So)

    अगर मकान मालिक लिखित नोटिस (Written Notice) मिलने के बावजूद मरम्मत करवाने में असफल रहता है, तो किरायेदार स्वयं मरम्मत (Repairs) करवा सकता है और उसका खर्च किराए से समायोजित कर सकता है।

    लेकिन इस कानून में एक सीमा (Limit) तय की गई है कि किरायेदार एक वर्ष में अधिकतम कुल किराए का बारहवां हिस्सा (One-Twelfth of the Total Rent) ही मरम्मत के खर्च के रूप में समायोजित कर सकता है।

    उदाहरण (Illustration)

    सुरेश एक किराए के मकान में रहता है। बारिश के मौसम में छत टपकने लगती है। वह मकान मालिक को लिखित रूप से सूचित करता है, लेकिन मकान मालिक कोई कार्रवाई नहीं करता। सुरेश उचित समय तक इंतजार करने के बाद ₹3,000 की मरम्मत करवाता है। उसके सालाना किराए की राशि ₹36,000 है, जिसका बारहवां हिस्सा ₹3,000 बनता है। वह यह रकम अपने अगले किराए से समायोजित कर सकता है।

    यदि मकान रहने योग्य न हो तो किरायेदार क्या कर सकता है? (Repairs Essential for Habitability – Tenant's Right to Approach the Controller)

    कुछ मरम्मत इतनी ज़रूरी होती हैं कि उनके बिना मकान रहने योग्य (Habitable) नहीं रह जाता या किरायेदार को अत्यधिक असुविधा होती है। ऐसे मामलों में, अगर मकान मालिक मरम्मत नहीं करता, तो किरायेदार नियंत्रक (Controller) से अनुमति ले सकता है।

    प्रक्रिया (Procedure)

    1. किरायेदार को मरम्मत के खर्च का अनुमान (Estimate of Cost) नियंत्रक (Controller) को देना होगा।

    2. नियंत्रक मकान मालिक को सुनवाई का अवसर देगा।

    3. नियंत्रक मरम्मत की आवश्यकता और खर्च का आकलन करेगा।

    4. नियंत्रक आदेश जारी करके किरायेदार को मरम्मत करवाने की अनुमति देगा।

    5. किरायेदार अपने खर्च से मरम्मत करवा सकता है और इसकी लागत तीन महीने के किराए (Three Months' Rent) से अधिक नहीं होगी।

    उदाहरण (Illustration)

    प्रिया एक किराए के मकान में रहती है। मकान की नाली (Drainage) पूरी तरह टूट चुकी है, जिससे घर में पानी भर रहा है। मकान मालिक कोई ध्यान नहीं दे रहा। प्रिया नियंत्रक (Controller) से अनुमति लेती है, मरम्मत कराती है और तीन महीने के किराए की सीमा में रहकर खर्च को समायोजित करती है।

    धारा 12 और 13 (Section 12 and 13) मकान मालिक और किरायेदार दोनों के हितों की रक्षा करते हैं। धारा 12 यह सुनिश्चित करता है कि मकान मालिक बिना अनुमति के रिहायशी संपत्ति को व्यावसायिक में न बदले। धारा 13 मकान मालिक पर मरम्मत की जिम्मेदारी डालता है, जिससे किरायेदार को उचित रहने की स्थिति मिल सके।

    अगर मकान मालिक मरम्मत नहीं करवाता, तो कानून किरायेदार को अधिकार देता है कि वह नियंत्रक से अनुमति लेकर मरम्मत करवाए और खर्च को किराए से समायोजित करे। यह कानून हिमाचल प्रदेश में किरायेदारी को न्यायसंगत और संतुलित बनाने का कार्य करता है।

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