जानिए हमारा कानून
सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के आधार पर Vertical Reservation और Horizontal Reservation की व्याख्या
आरक्षित वर्गों को आरक्षण का लाभ प्रदान करने के लिए दो प्रकार की व्यवस्थाएं अपनाई जाती हैं, अर्थात् वर्टिकल आरक्षण (Vertical Reservation) और होरिजोंटल आरक्षण (Horizontal Reservation)।वर्टिकल और होरिजोंटल आरक्षण की अवधारणा को समझाते हुए, इंद्रा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जब अनुच्छेद 16(4) के तहत अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के पक्ष में आरक्षण किया जाता है, तो इसे वर्टिकल आरक्षण कहा जा सकता है, जबकि जब अनुच्छेद 16(1) के तहत विशेष श्रेणी जैसे...
BNSS 2023 की धारा 166 और 167 का विश्लेषण: स्थानीय विवादों का समाधान और जांच की प्रक्रिया
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस संहिता में कई प्रावधान शामिल हैं, जो शांति बनाए रखने और विवादों को उचित तरीके से सुलझाने के लिए बनाए गए हैं।धारा 166 और 167 ऐसे ही प्रावधानों में से हैं, जो स्थानीय विवादों के समाधान और जांच की प्रक्रिया से संबंधित हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार के विवाद, जो शांति भंग कर सकते हैं, उन्हें उचित और निष्पक्ष तरीके से निपटाया जा सके। ...
सरकार के खिलाफ अपराध: भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 151 से 153 का विश्लेषण
भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023), जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित किया है और सरकार के खिलाफ विभिन्न अपराधों से संबंधित अद्यतन प्रावधान पेश किए हैं। धारा 151 से 153 विशेष रूप से उच्च अधिकारियों पर दबाव डालने, अलगाववादी गतिविधियों (secessionist activities) और मित्र राष्ट्रों के खिलाफ युद्ध छेड़ने से संबंधित अपराधों को संबोधित करती हैं। इस लेख में हम प्रत्येक धारा का सरल भाषा में वर्णन करेंगे और उदाहरणों के माध्यम से...
भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े अपराध: BNS 2023 की धाराएँ 147 से 150
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस संहिता की धाराएँ 147 से 150 विशेष रूप से भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े अपराधों से संबंधित हैं।ये धाराएँ यह परिभाषित करती हैं कि युद्ध छेड़ना, षड्यंत्र (conspiracy) करना और युद्ध की तैयारी क्या होती है और इन कृत्यों के लिए क्या सजा है। भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएँ 147 से 150 भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े कार्यों के लिए कड़ी सजा तय करती...
BNSS 2023 की धारा 165 का विश्लेषण: विवादित संपत्ति को अटैच करने और रिसीवर नियुक्त करने की शक्ति
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस नई संहिता में सार्वजनिक शांति बनाए रखने और विवादों को हिंसा में बदलने से रोकने के लिए कई प्रावधान शामिल हैं।इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रावधान धारा 165 है, जो विशेष परिस्थितियों में एक मजिस्ट्रेट को विवादित संपत्ति को अटैच (Attach) करने और रिसीवर (Receiver) नियुक्त करने की शक्ति प्रदान करता है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 165,...
मानव तस्करी से जुड़े प्रावधान : भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत धारा 143 और 144 की सरल व्याख्या
1 जुलाई 2024 को लागू हुई भारतीय न्याय संहिता 2023 ने भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित कर दिया है और इसमें मानव तस्करी (Trafficking) जैसे गंभीर अपराधों से निपटने के लिए नए प्रावधान शामिल किए गए हैं। धारा 143 और 144 विशेष रूप से तस्करी और इसके गंभीर परिणामों से संबंधित हैं। ये प्रावधान, IPC की धारा 370 के मूल तत्वों को आगे बढ़ाते हुए, कठोर दंड और विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ कानून को मजबूत बनाते हैं, ताकि इन घृणित अपराधों से प्रभावी रूप से निपटा जा सके। इस लेख में, इन धाराओं का सरल हिंदी में...
अचल संपत्ति से संबंधित विवाद BNSS 2023 की धारा 164
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने पुरानी आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को प्रतिस्थापित कर दिया है। इस नए कानून में एक महत्वपूर्ण धारा है धारा 164, जो स्थावर संपत्ति (Immovable Property) जैसे भूमि या जल से संबंधित विवादों से निपटने के लिए बनाई गई है, जो शांति भंग (Breach of Peace) का कारण बन सकती है। यह धारा उस प्रक्रिया को स्पष्ट करती है जिसके माध्यम से एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) ऐसे विवादों को हिंसा या अशांति में...
वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ होने वाले हैरेसमेंट रोकथाम के लिए क्या कानून है? जानिए
वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ होने वाले हैरेसमेंट को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध हैं। यह कानून महिलाओं के साथ बढ़ती ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बनाए गए हैं जिससे इस तरह की घटनाओं में कमी लायी जा सके। शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था के क्षेत्रों में भी महिलाएं अपनी पहचान बनाने में सफल हुई। कार्य स्थलों में अनेकों महिलाएं भी पुरुषों के साथ कार्यशील हो गई।कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने समय समय पर अपना मत व्यक्त करते हुए कुछ दिशा निर्देश...
चेक बाउंस नोटिस क्या है? जानिए इससे जुड़ी प्रक्रिया
नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 138 के अंतर्गत कोई चेक बाउंस होने पर चेक बाउंस का मुकदमा संस्थित किया जाता है परंतु इस प्रकार का मुकदमा संस्थित करने के पूर्व चेक देने वाले व्यक्ति को नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है।इस नोटिस का अर्थ होता है कि जिस व्यक्ति ने चेक दिया है उस का दिया हुआ चेक बैंक में किन्हीं कारणों से बाउंस हो जाता है तो इस विषय से चेक देने वाले व्यक्ति को अवगत कराया जाए तथा उससे उस धनराशि को मांगा जाए जिस धनराशि के भुगतान के लिए चेक दिया गया है। इस नोटिस के...
भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 140 से 142: Kidnaping और Abduction के उद्देश्य
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने Indian Penal Code को प्रतिस्थापित किया है, में अपहरण (Kidnapping) और (Abduction) से संबंधित गंभीर अपराधों के लिए धारा 140 से 142 के अंतर्गत विस्तृत प्रावधान किए गए हैं।ये प्रावधान उन मामलों में लागू होते हैं जहाँ किसी व्यक्ति का अपहरण या अपहरण हत्या, गंभीर चोट, दासता, या किसी अन्य घृणित उद्देश्य के लिए किया जाता है। इन धाराओं में न केवल अपराधियों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है, बल्कि कुछ विशेष परिस्थितियों में मृत्युदंड (Death...
आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए BNSS 2023 की धारा 163 के तहत प्रावधान
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है, ने पुराने दंड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को बदल दिया है। इस नए कानून के तहत धारा 163 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो आपातकालीन स्थिति में उत्पन्न होने वाली परेशानियों (nuisance) या संभावित खतरे को रोकने के लिए बनाई गई है।यह धारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के समान है, जो सार्वजनिक व्यवस्था (public order) बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा (public safety) के लिए तुरंत कार्रवाई करने के लिए उपयोग की जाती थी। भारतीय...
Doctrine of Prospective Overruling प्रयोग कब किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने 25 जुलाई के निर्णय को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने की अनुमति देते हुए राज्यों को खनिज अधिकारों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने की शक्तियाँ बरकरार रखीं, तथा Doctrine of Prospective Overruling को लागू करने के सिद्धांतों का विश्लेषण किया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 9 जजों वाली पीठ (8:1 बहुमत) की ओर से निर्णय लिखते हुए स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस सिद्धांत को कब लागू किया जा सकता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि Doctrine of...
मोहम्मद जुबैर बनाम दिल्ली सरकार: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं के बीच संतुलन
पृष्ठभूमिमोहम्मद जुबैर बनाम दिल्ली सरकार का मामला मोहम्मद जुबैर से जुड़ा है, जो एक fact-checking वेबसाइट के सह-संस्थापक हैं। उन्हें एक tweet के कारण गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया गया था। जुबैर ने एक हिंदी फिल्म से ली गई एक तस्वीर tweet की थी, जिसे कुछ लोगों ने आपत्तिजनक माना और जिससे सांप्रदायिक (Communal) तनाव बढ़ने की संभावना जताई। शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने जुबैर को गिरफ़्तार कर लिया, जिसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत के...
भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 139: बच्चों का अपहरण और भीख मंगवाने के लिए उनका दुरुपयोग
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने Indian Penal Code की जगह ली है, में बच्चों के अपहरण (Kidnapping) और उन्हें भीख मंगवाने के उद्देश्य से दुरुपयोग करने से संबंधित गंभीर अपराधों के लिए धारा 139 के तहत कठोर प्रावधान किए गए हैं।इस धारा के अंतर्गत, बच्चों का अपहरण, उन्हें विकलांग बनाना, या किसी भी प्रकार से उन्हें भीख मंगवाने के लिए इस्तेमाल करना अपराध माना गया है, और इसके लिए कड़ी सजा निर्धारित की गई है। भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत धारा 139 बच्चों के अपहरण और...
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत सार्वजनिक उपद्रव (Sections 160-162)
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 को लागू हुई, ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की जगह ले ली है और सार्वजनिक उपद्रव (Public nuisance) से संबंधित मामलों में नए प्रावधान (Provisions) लागू किए हैं।संहिता की धारा 160 से 162 में सार्वजनिक उपद्रव को रोकने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के उपाय बताए गए हैं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 160 से 162 सार्वजनिक उपद्रव को रोकने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट और प्रभावी प्रक्रियाएँ प्रदान करती...
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत सार्वजनिक उपद्रव : धारा 152 से 156
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 को लागू हुई, ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की जगह ली और सार्वजनिक उपद्रव (public nuisance) से निपटने के लिए नए प्रावधान (provisions) पेश किए।इस संहिता की धारा 152 से 156 कार्यकारी मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrates) को सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा या सुविधा (Convenience) को प्रभावित करने वाले उपद्रवों और बाधाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देती हैं। ये प्रावधान मजिस्ट्रेटों को शर्तीय आदेश (Conditional orders) जारी...
भारतीय न्याय संहिता 2023 के अंतर्गत Kidnapping और Abduction: धारा 137 और 138
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने Indian Penal Code की जगह ली है, इसमें Kidnapping और Abduction से संबंधित प्रावधानों को धारा 137 और 138 के तहत शामिल किया गया है। इन धाराओं में इन अपराधों की परिभाषा, सज़ा और कानूनी भिन्नताओं को स्पष्ट किया गया है। इस लेख में, हम इन प्रावधानों को विस्तार से समझेंगे, उदाहरण देंगे, और सरल शब्दों में Kidnapping और Abduction के बीच का अंतर समझाएंगे।भारतीय न्याय संहिता 2023 में Kidnapping और Abduction के बीच स्पष्ट भेद किया गया है, और...
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 132 से 136 : विभिन्न परिस्थितियों में किए गए असॉल्ट या आपराधिक बल
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 को लागू हुई और जिसने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित किया, विभिन्न अपराधों और उनके लिए दिए गए दंड के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान करती है। संहिता की धारा 132 से 136 विशेष रूप से उन अपराधों से संबंधित हैं जिनमें किसी पर असॉल्ट (Assault) करना या आपराधिक बल (Criminal force) का उपयोग करना शामिल है। इस लेख में इन प्रावधानों को सरल भाषा में समझाया गया है, ताकि पाठकों को इन धाराओं के कानूनी प्रभाव को समझने में आसानी हो।भारतीय न्याय...
BNSS 2023 के तहत सार्वजनिक उपद्रव रोकने की प्रक्रिया : धारा 151 से 156
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है और जिसने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) को प्रतिस्थापित किया है, में सार्वजनिक उपद्रव (Public Nuisances) से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।इन प्रावधानों में से महत्वपूर्ण धाराएँ—धारा 151 से 156—कार्यपालिका मजिस्ट्रेटों (Executive Magistrates) को सार्वजनिक उपद्रवों को रोकने और निपटने के लिए अधिकार देती हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता के उपयोग के स्थान बिना बाधा या खतरों के रहें। भारतीय नागरिक सुरक्षा...
सार्वजनिक उपद्रव: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत प्रावधान
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, जो कि 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है, ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की जगह ली है। इस संहिता का उद्देश्य देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना है। इस संहिता के तहत, सार्वजनिक उपद्रव (Public Nuisances) से संबंधित प्रावधानों को धारा 152 में विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है।यह धारा उन परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है, जो सार्वजनिक स्थलों, मार्गों, नदियों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अवैध अवरोध (obstruction) या उपद्रव के कारण...