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क्या सुप्रीम कोर्ट की निर्णय प्रक्रिया RTI अधिनियम के तहत जानकारी के लिए खुली होनी चाहिए?
परिचय: पारदर्शिता और न्यायिक स्वतंत्रता (Judicial Independence) के बीच संतुलन”सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) को सार्वजनिक अधिकारियों (Public Authorities) के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही (Accountability) बढ़ाने के लिए लागू किया गया था। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट की निर्णय प्रक्रिया, विशेष रूप से न्यायाधीशों की नियुक्ति और अन्य आंतरिक मामलों से संबंधित, RTI अधिनियम के तहत खुलासा (Disclosure) के लिए खुली होनी चाहिए। यह मुद्दा पारदर्शिता और न्यायपालिका की...
क्या सुप्रीम कोर्ट कोर्ट की मौजूदगी में किए गए अवमानना के लिए तुरंत सजा दे सकता है?
अवमानना (Contempt of Court) को समझनाअवमानना (Contempt of Court) एक गंभीर अपराध है जो तब होता है जब कोई व्यक्ति न्यायालय की गरिमा, अधिकार या कार्यक्षमता का अपमान करता है। न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और सम्मान को बनाए रखने के लिए अवमानना के कानून बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये कानून न्यायपालिका के सम्मान और उसके आदेशों के पालन को सुनिश्चित करते हैं। भा रत में, न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को बनाए रखने और उसकी कार्यवाही में बाधा न डालने के लिए सख्त प्रावधान (Provisions) हैं। कानूनी ढांचा: अवमानना...
जब दो न्यायालय एक ही अपराध का संज्ञान लेते हैं: धारा 205 – 206, BNSS 2023 के अनुसार राज्य सरकार और हाईकोर्ट की शक्तियाँ
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023), जिसे 1 जुलाई 2024 से लागू किया गया है और जिसने Criminal Procedure Code को प्रतिस्थापित किया है, इसके अंतर्गत न्यायालयों के अधिकार-क्षेत्र और उनके बीच के विवादों के समाधान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान सम्मिलित किए गए हैं।इसमें दो मुख्य प्रावधान हैं - धारा 205 और धारा 206। इन प्रावधानों का उद्देश्य न्यायालय में मामलों की सुनवाई को सुचारु रूप से संचालित करना है। धारा 205: राज्य सरकार की शक्ति किसी मामले को किसी अन्य...
पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ संपत्ति से जुड़ी बाधाएं: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 218-220 का विश्लेषण
भारतीय न्याय संहिता, 2023, जो 1 जुलाई, 2024 से लागू हुई और जिसने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) को प्रतिस्थापित किया, में कई प्रावधान शामिल हैं जो संपत्ति से संबंधित पब्लिक सर्वेंट के कानूनी कर्तव्यों में बाधा डालने से संबंधित हैं। धारा 218 से 220 विशेष रूप से उन मामलों से निपटती है जहां व्यक्ति पब्लिक सर्वेंट द्वारा संपत्ति की जब्ती (seizure), सार्वजनिक बिक्री में बाधा डालते हैं, या धोखाधड़ी (fraud) से बोली लगाते हैं।इस लेख में हम प्रत्येक धारा का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, और वास्तविक...
स्टांप पेपर का क्या यूज है और क्यों होते हैं ज़रूरी?
किसी भी दस्तावेज के वेलिडेशन के लिए स्टांप पेपर ज़रूरी होते हैं, स्टांप पेपर का यूज दस्तावेजों के लिए ही किया जाता है। स्टांप पेपर एक तरह का कर है जो शासन को किसी भी दस्तावेज के वेलिडेशन के लिए अदा किया जाता है।स्टांप पेपर का यूजस्टांप पेपर राजस्व विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। यह स्टांप पेपर एक करेंसी की तरह कार्य करते हैं। हालांकि इन्हें नोट की तरह किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया जाता है। इसके वेंडर होते हैं जो लोगों को स्टांप जारी करते हैं और जिस व्यक्ति को स्टांप...
पिता की संपत्ति में बेटियों का अधिकार
पिता की संपत्ति में बेटियों का अधिकार हमेशा से विवादित रहा है। कई दफा केवल पुत्र का पुत्रों द्वारा पिता की संपत्ति पर अधिकार कर लिया जाता है जबकि बेटियों को उनका कोई हिस्सा अपने पिता की संपत्ति में प्राप्त नहीं होता है।हमारे देश में संपत्ति के विभाजन को लेकर अलग-अलग कानून है। यह कानून सभी धर्मों के कानून है। इन कानूनों में कुछ कानून पार्लियामेंट के बनाए हुए भी है जैसे भारत के हिंदुओं के लिए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 है। मुसलमानों के लिए उनका पर्सनल लॉ है, ऐसे ही कानून ईसाइयों के लिए भी...
किसी भी तरह के क्रिमिनल केस से गवर्मेंट जॉब में होने वाली परेशानी
कोई भी क्रिमिनल केस के कारण भविष्य में सरकारी जॉब मिलने में परेशानी हो सकती है और साथ ही अगर जॉब चल रही है तब भी परेशानी खड़ी हो सकती है। सभी राज्यों के शासकीय सेवकों के लिए अलग अलग रूल्स हैं और उनमें सभी में ऐसे प्रावधान ज़रूर है जहां शासकीय सेवा और क्रिमिनल केस बड़े पेचीदा मामले में हो जाते हैं।किसी गवर्मेंट सर्वेंट पर पुलिस केसजब भी किसी सरकारी सेवक पर कोई पुलिस केस होता है, तब उसके सस्पेंड या फिर टर्मिनेशन जैसी स्थिति निर्मित हो जाती है। सस्पेंड में किसी व्यक्ति की सेवा को अस्थाई रूप से समाप्त...
पुलिस अधिकारी के गलत आचरण की शिकायत कैसे होती है?
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पुलिस अधिकारी को काफी सारी शक्तियां दी गयी है। शक्तियों के कारण कभी कभी देखने में यह आता है कि पुलिस अधिकारी ही जनता के साथ गलत आचरण रखने लगते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह के मामले में सन 2006 में इस विषय पर संज्ञान लिया और पुलिस की शिकायत हेतु एक स्वतंत्र प्राधिकरण बनने पर दिशा निर्देश दिए हैं। पुलिस शिकायत से संबंधित प्रक्रिया में यह दिशानिर्देश मील का पत्थर है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की शिकायत से संबंधित प्रक्रिया पर विस्तृत दिशा निर्देश प्रस्तुत कर दिए...
NDPS एक्ट : क्या ड्रग्स की मात्रा का निर्धारण पूरे मिश्रण पर आधारित होना चाहिए या केवल शुद्ध ड्रग्स की मात्रा पर?
NDPS एक्ट में ड्रग्स की मात्रा को लेकर बहसनारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (NDPS Act) भारत का एक कठोर कानून है, जिसका उद्देश्य ड्रग्स की तस्करी और दुरुपयोग को रोकना है। इस कानून के तहत एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि जब ड्रग्स अन्य पदार्थों के साथ मिश्रित होते हैं, तो अपराध में शामिल ड्रग्स की मात्रा का निर्धारण कैसे किया जाए। यह सवाल इस बात के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण है कि मात्रा को छोटा (Small), वाणिज्यिक (Commercial) या मध्यम (Intermediate) माना जाए, जो सीधे तौर पर सजा की...
क्या डीम्ड यूनिवर्सिटी के अधिकारी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सरकारी सेवक माने जा सकते हैं?
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम में "सरकारी सेवक" का दायराभ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (PC Act) को सार्वजनिक कार्यालयों में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए लागू किया गया था। समय के साथ, एक महत्वपूर्ण प्रश्न उभरा है कि क्या डीम्ड यूनिवर्सिटी, जो मान्यता प्राप्त हैं लेकिन पारंपरिक विश्वविद्यालयों जैसी नहीं हैं, के अधिकारियों को इस अधिनियम के तहत सरकारी सेवक (Public Servant) माना जा सकता है। यह वर्गीकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तय करता है कि ऐसे अधिकारियों को भ्रष्टाचार के लिए PC Act के तहत मुकदमा चलाया...
पब्लिक सर्वेंट को गुमराह करना: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 217 का विश्लेषण
भारतीय न्याय संहिता, 2023 ने पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC) को बदल दिया है और यह 1 जुलाई, 2024 से लागू हो गई है। इस संहिता के तहत धारा 217 उस अपराध का विवरण करती है जिसमें कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पब्लिक सर्वेंट को गलत जानकारी देता है, ताकि किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान या परेशानी हो। यह धारा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पब्लिक सर्वेंट और व्यक्तियों को झूठी रिपोर्टों से गुमराह होने या नुकसान पहुंचने से बचाती है।आइए धारा 217 का विस्तार से अध्ययन करते हैं और इसके उदाहरणों से इसके उपयोग को समझते हैं। ...
एक से अधिक अपराधों के लिए सुनवाई के प्रावधान: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 204
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023) ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code) की जगह ले ली है और यह 1 जुलाई 2024 से प्रभाव में आ गई है।इसके महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक कई अपराधों की सुनवाई से संबंधित है, जो यह बताता है कि जब एक व्यक्ति या कई लोग एक से अधिक अपराधों में संलग्न होते हैं, तो न्यायालयों को ऐसे मामलों को किस प्रकार संभालना चाहिए। इस लेख में संहिता की धारा 204, 242, 243 और 244 की चर्चा की गई है, जो यह निर्धारित करती हैं कि...
किसी दस्तावेज की नोटरी का क्या मतलब है? जानिए
शपथपत्र और ऐसे कई छोटे बड़े दस्तावेजों को रजिस्ट्रेशन एक्ट से छूट मिली हुई है, ऐसे दस्तावेज केवल नोटरी द्वारा तस्दीक करवा लिए जाने से ही कानूनी मान्यता प्राप्त हो जाते हैं। सरकार द्वारा नोटरी नियुक्त किये जाते हैं जो इन दस्तावेजों को तस्दीक करके उनके पक्षकारों के नाम अपने रजिस्टर में दर्ज़ कर लेते हैं और समय आने पर ऐसे रजिस्टर कोर्ट में पेश भी करते हैं। इस काम के लिए नोटरी नॉमिनल फीस लेते हैं जो अधिकतम डेढ़ सौ रुपये होती है। इसके साथ ही नोटरी वकील कोई भी ऐसा दस्तावेज तस्दीक नहीं करते, हैं जिसे...
कोई वाहन चोरी होने पर इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध मुकदमा कैसे किया जाता है?
वाहन का बीमा केवल दूसरे व्यक्ति के नुकसानी के ही काम नहीं आता है बल्कि बीमित वाहन होने से उस वाहन के चोरी हो जाने पर भी इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम प्राप्त किया जा सकता है और यदि इंश्योरेंस कंपनी ऐसा क्लेम नहीं देती है तब उसके लिए कोर्ट के पास जाने की भी सुविधा उपलब्ध होती है।अगर कोई दुर्घटना में किसी व्यक्ति का वाहन क्षतिग्रस्त हो जाता है या फिर किसी चोरी में किसी व्यक्ति का वाहन चला जाता है। ऐसे बीमा को आवश्यक नहीं बनाया गया है पर वाहन मालिक को ऐसा बीमा भी करवा कर रखना चाहिए जिससे अगर किसी...
क्या स्पीकर को अयोग्यता के मामले 3 महीने में निपटाने चाहिए? क्या 10वीं अनुसूची के तहत एक निष्पक्ष न्यायाधिकरण की आवश्यकता है?
अयोग्यता याचिकाओं (Disqualification Petitions) में स्पीकर की भूमिकाभारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची, जिसे आमतौर पर "दलबदल विरोधी कानून" (Anti-Defection Law) के रूप में जाना जाता है, राजनीतिक दल-बदल को रोकने के उद्देश्य से लाई गई थी। इस अनुसूची के तहत, विधानसभा के स्पीकर या विधान परिषद के अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, ऐसे मामलों में स्पीकर की भूमिका को समय पर और निष्पक्ष निर्णय के लिए लंबे समय से विवादित माना जाता रहा है। 10वीं अनुसूची और इसका...
क्या किसी भी परिस्थिति में बच्चे को जेल या पुलिस लॉकअप में रखा जा सकता है?
भारतीय कानून के तहत बच्चों का संरक्षण (Protection of Children)भारत में कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों (Children in Conflict with Law) के मामलों को निपटाने के लिए एक विशेष कानून है, जिसका नाम जुवेनाइल जस्टिस (बाल संरक्षण और देखभाल) अधिनियम, 2015 (Juvenile Justice Act) है। यह अधिनियम बच्चों की सुरक्षा, देखभाल, और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है, खासकर उन बच्चों के लिए जो किसी अपराध में संलिप्त होने के आरोपी होते हैं। इस अधिनियम का एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह है कि किसी भी परिस्थिति...
शपथ लेने से या हस्ताक्षर करने से इनकार करना या झूठा बयान देना के परिणाम: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराएं 213 से 216
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bhartiya Nyaya Sanhita, 2023), जो 1 जुलाई, 2024 से लागू हुई है, ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की जगह ली है। इसमें कई प्रावधान शामिल हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति सार्वजनिक सेवकों (Public Servants) के सामने सत्य बोले, शपथ (Oath) ले, और सच्चे बयान दे।यह लेख धाराओं 213 से 216 का विश्लेषण करता है, जो शपथ लेने से इनकार, सार्वजनिक सेवकों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देने से इनकार, और झूठे बयान देने पर आधारित हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य यह सुनिश्चित...
इलेक्ट्रॉनिक संचार और यात्रा के दौरान किए गए अपराधों के परीक्षण के नियम: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 202 और 203
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023), जिसने Criminal Procedure Code की जगह ली है, 1 जुलाई 2024 से लागू हुई है। इस संहिता में कुछ अपराधों के परीक्षण के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं, खासकर जब वे अपराध इलेक्ट्रॉनिक संचार (Electronic Communications) या यात्रा के दौरान किए गए हों। इस लेख में हम सेक्शन 202 और 203 को विस्तार से समझेंगे, जो इन अपराधों के परीक्षण से जुड़े हुए हैं, और उदाहरणों के साथ इसे और स्पष्ट करेंगे।सेक्शन 202: इलेक्ट्रॉनिक संचार,...
एग्रीकल्चर लैंड का पार्टीशन कैसे किया जाता है?
एग्रीकल्चर लैंड के बंटवारे का मतलब होता है किसी भी ज़मीन के सभी मालिकों को या फिर कुछ मालिकों को अपने हिस्से की ज़मीन का सेपरेट ओनर बना देना।बंटवारे की प्रोसेसजैसे एक व्यक्ति के पास में कुछ खेती की जमीन थी और उस व्यक्ति की मृत्यु बगैर कोई वसीयत किए हो जाती है तब ऐसे व्यक्ति की जमीन उसके उत्तराधिकारियों के पास चली जाती है। अब यहां पर उस व्यक्ति के दो बेटे और एक विधवा है। इस स्थिति में तीनों ही बराबर के हिस्सेदार होते हैं। अगर खतौनी में नाम उस मरने वाले व्यक्ति का दर्ज है तब यह तीनों ही उत्तराधिकारी...
इंश्योरेंस कंपनी क्लेम नहीं दे तब क्या हैं रिलीफ?
कई बार देखने में आता है कंपनी बीमा तो बेच देती है लेकिन क्लेम दिए जाते समय परेशान करती है और ग्राहकों को क्लेम देने इंकार कर देती है। ऐसा विशेषकर हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में देखने में आता है कि बीमा धारक अस्पताल में भर्ती हो गया लेकिन कंपनी ने क्लेम देने से इंकार कर दिया।हेल्थ इंश्योरेंस एक प्रकार से एक संविदा है यह संविदा किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को लेकर होती है। यहां पर बीमा कंपनी अपने ग्राहक के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करती है जिस कॉन्ट्रैक्ट में कुछ शर्तें होती हैं। उन शर्तों के अंतर्गत ऐसा...