इम्प्रेस्ड स्टैम्प के उपयोग और संबंधित कानूनी प्रावधान : धारा 13- 16 भारतीय स्टैम्प अधिनियम, 1899
Himanshu Mishra
17 Feb 2025 11:58 AM

भारतीय स्टैम्प अधिनियम, 1899 (Indian Stamp Act, 1899) भारत में स्टैम्प शुल्क (Stamp Duty) लगाने और उपयोग करने के नियमों को निर्धारित करता है। स्टैम्प किसी दस्तावेज़ (Document) को कानूनी रूप से मान्य (Legally Valid) बनाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। विभिन्न प्रकार के स्टैम्प में, इम्प्रेस्ड स्टैम्प (Impressed Stamp) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इम्प्रेस्ड स्टैम्प वे स्टैम्प होते हैं जो पेपर पर पहले से छपे या उभरे होते हैं, और इन्हें दस्तावेज़ लिखने से पहले ही लगाया जाता है। यह लेख धारा 13 से 16 (Section 13 to 16) को विस्तार से समझाएगा, जो यह निर्धारित करते हैं कि इम्प्रेस्ड स्टैम्प पर दस्तावेज़ कैसे लिखे जाएं, एक स्टैम्प पेपर पर कितने दस्तावेज़ लिखे जा सकते हैं, इन नियमों का उल्लंघन करने पर क्या परिणाम होंगे और ड्यूटी (Duty) अंकित करने की प्रक्रिया क्या है।
धारा 13: इम्प्रेस्ड स्टैम्प पर दस्तावेज़ कैसे लिखा जाए (How to Write on Impressed Stamp - Section 13)
धारा 13 के अनुसार, जब किसी दस्तावेज़ को इम्प्रेस्ड स्टैम्प लगे पेपर पर लिखा जाता है, तो इसे इस प्रकार लिखा जाना चाहिए कि स्टैम्प दस्तावेज़ के सामने (Face of the Document) स्पष्ट रूप से दिखे और इसे किसी अन्य दस्तावेज़ में पुनः उपयोग न किया जा सके।
इस प्रावधान (Provision) का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक दस्तावेज़ के लिए अलग स्टैम्प शुल्क चुकाया जाए और कोई भी व्यक्ति धोखाधड़ी (Fraud) करके एक ही स्टैम्प को बार-बार उपयोग न कर सके।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए, राम ने इम्प्रेस्ड स्टैम्प पेपर खरीदा और उस पर एक बिक्री अनुबंध (Sale Agreement) लिखा। यदि अनुबंध इस प्रकार लिखा गया कि स्टैम्प स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा है या अलग किया जा सकता है, तो कोई अन्य व्यक्ति इसे दूसरे अनुबंध के लिए उपयोग कर सकता है। इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए, धारा 13 कहती है कि दस्तावेज़ इस तरह लिखा जाना चाहिए कि स्टैम्प का पूरा उपयोग हो और इसे हटाया न जा सके।
धारा 14: एक ही स्टैम्प पेपर पर केवल एक दस्तावेज़ (One Document Per Stamped Paper - Section 14)
धारा 14 के तहत, एक ही स्टैम्प पेपर पर दो ऐसे दस्तावेज़ नहीं लिखे जा सकते जिन पर स्टैम्प शुल्क लागू होता है। यदि एक स्टैम्प पेपर पर पहले से कोई दस्तावेज़ लिखा गया है, तो उस पर दूसरा दस्तावेज़ लिखना अवैध होगा।
हालांकि, इस नियम में एक छूट (Exception) दी गई है।
यदि कोई एंडोर्समेंट (Endorsement - दस्तावेज़ पर लिखी गई अतिरिक्त टिप्पणी या पुष्टि) किया जाता है, तो वह वैध होगा यदि:
1. एंडोर्समेंट के लिए आवश्यक स्टैम्प शुल्क चुकाया गया हो, या
2. एंडोर्समेंट पर स्टैम्प शुल्क लागू न होता हो।
उदाहरण (Illustration)
अगर मोहन ने ऋण अनुबंध (Loan Agreement) के लिए एक स्टैम्प पेपर खरीदा और उसी पेपर पर बाद में एक किरायानामा (Rent Agreement) लिख दिया, तो यह अवैध (Illegal) होगा। दोनों दस्तावेज़ों के लिए अलग-अलग स्टैम्प पेपर की आवश्यकता होगी।
लेकिन अगर मोहन ने अपने ऋण अनुबंध पर यह लिख दिया कि उसे आंशिक भुगतान (Partial Payment) प्राप्त हुआ है, तो यह एंडोर्समेंट (Endorsement) कहलाएगा और यदि इस पर अलग से स्टैम्प शुल्क लागू नहीं होता, तो यह मान्य होगा।
इस प्रावधान का उद्देश्य स्टैम्प शुल्क की चोरी को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक कानूनी दस्तावेज़ के लिए उचित शुल्क चुकाया जाए।
धारा 15: धारा 13 और 14 का उल्लंघन करने के परिणाम (Consequences of Violating Section 13 or 14 - Section 15)
धारा 15 के अनुसार, यदि कोई दस्तावेज़ धारा 13 या धारा 14 के नियमों के विरुद्ध लिखा जाता है, तो उसे "अनस्टैम्प्ड" (Unstamped) माना जाएगा और वह कानूनी रूप से मान्य नहीं होगा।
अगर किसी दस्तावेज़ को अनस्टैम्प्ड माना जाता है, तो:
• उसे न्यायालय में साक्ष्य (Evidence in Court) के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा, जब तक कि उचित स्टैम्प शुल्क और जुर्माना (Penalty) अदा न किया जाए।
• संबंधित व्यक्तियों को स्टैम्प शुल्क चोरी (Stamp Duty Evasion) के लिए कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है।
• उस दस्तावेज़ से उत्पन्न अधिकार (Rights) और दायित्व (Obligations) कानूनी रूप से अमान्य (Invalid) हो सकते हैं।
उदाहरण (Illustration)
सीता ने एक संपत्ति विक्रय अनुबंध (Property Sale Agreement) स्टैम्प पेपर पर लिखा, लेकिन उसने इसे इस तरह लिखा कि स्टैम्प स्पष्ट नहीं था। जब यह अनुबंध कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, तो न्यायालय ने इसे अवैध (Invalid) करार दिया, क्योंकि यह धारा 13 का उल्लंघन करता था।
इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति एक स्टैम्प पेपर पर पहले से लिखे किरायानामा के साथ एक नया व्यापार अनुबंध (Business Agreement) लिखता है, तो दूसरा अनुबंध अमान्य होगा, क्योंकि यह धारा 14 का उल्लंघन करता है।
धारा 16: स्टैम्प शुल्क का अंकन (Denoting Duty - Section 16)
धारा 16 उन मामलों से संबंधित है जहां किसी दस्तावेज़ पर लागू स्टैम्प शुल्क इस बात पर निर्भर करता है कि किसी अन्य दस्तावेज़ पर पहले ही कितना शुल्क चुकाया जा चुका है।
इस स्थिति में, व्यक्ति को:
1. जिला कलेक्टर (Collector) को लिखित आवेदन (Written Application) देना होगा।
2. दोनों दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
3. यदि कलेक्टर संतुष्ट होता है कि पहले दस्तावेज़ पर उचित शुल्क दिया गया है, तो वह दूसरे दस्तावेज़ पर एक एंडोर्समेंट (Endorsement) कर देगा, जिससे यह प्रमाणित हो जाएगा कि आवश्यक शुल्क पहले ही अदा किया जा चुका है।
उदाहरण (Illustration)
अजय ने एक बंधक अनुबंध (Mortgage Agreement) के लिए स्टैम्प शुल्क अदा किया। कुछ समय बाद, उसने अतिरिक्त धन उधार लिया और एक अतिरिक्त चार्ज डीड (Deed of Further Charge) बनाई। अब, अतिरिक्त चार्ज डीड का शुल्क बंधक अनुबंध पर दिए गए शुल्क पर निर्भर करेगा।
अजय ने कलेक्टर को आवेदन दिया और दोनों दस्तावेज़ प्रस्तुत किए। कलेक्टर ने एंडोर्समेंट (Endorsement) कर दिया कि पहले से भुगतान किया गया शुल्क पर्याप्त है। इससे अजय को दोबारा स्टैम्प शुल्क देने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
धारा 13 से 16 स्टैम्प शुल्क के उचित उपयोग और दुरुपयोग को रोकने से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान हैं। ये प्रावधान यह सुनिश्चित करते हैं कि:
• इम्प्रेस्ड स्टैम्प का सही उपयोग हो और इसे दोबारा न किया जाए।
• एक ही स्टैम्प पेपर पर एक से अधिक करयोग्य (Chargeable) दस्तावेज़ न लिखे जाएं।
• नियमों का उल्लंघन करने वाले दस्तावेज़ कानूनी रूप से अमान्य (Invalid) हों।
• स्टैम्प शुल्क दोबारा न लगे यदि पहले ही सही ढंग से अदा किया गया हो।
इन नियमों का पालन करके व्यक्ति अपने दस्तावेज़ों को कानूनी रूप से वैध (Legally Valid) बना सकते हैं और भविष्य में किसी भी विवाद से बच सकते हैं।