भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899: स्टांप ड्यूटी का भुगतान और Adhesive Stamps का उपयोग

Himanshu Mishra

15 Feb 2025 1:04 PM

  • भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899: स्टांप ड्यूटी का भुगतान और Adhesive Stamps का उपयोग

    स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) एक प्रकार का कर (Tax) है जो विभिन्न दस्तावेज़ों (Documents) पर लगाया जाता है ताकि उन्हें कानूनी मान्यता (Legal Validity) मिले। भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 (Indian Stamp Act, 1899) इस कर की वसूली और उपयोग को नियंत्रित करता है।

    अधिनियम (Act) के भाग "B – स्टांप और उनके उपयोग की विधि" (B – Of Stamps and the Mode of Using Them) में यह बताया गया है कि स्टांप ड्यूटी का भुगतान कैसे किया जाए, किन दस्तावेजों पर चिपकाने योग्य स्टांप (Adhesive Stamps) का उपयोग किया जा सकता है, और स्टांप को रद्द (Cancel) करना क्यों आवश्यक है।

    इस लेख में, हम स्टांप ड्यूटी से संबंधित धारा 10, 11 और 12 (Section 10, 11, and 12) को सरल भाषा में समझाएंगे ताकि आम लोग भी इसे आसानी से समझ सकें।

    धारा 10: स्टांप ड्यूटी का भुगतान कैसे किया जाए (How Stamp Duties Should Be Paid)

    यह धारा कहती है कि हर दस्तावेज़, जिस पर स्टांप ड्यूटी लागू होती है, उस पर स्टांप के माध्यम से भुगतान किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि दस्तावेज़ कानूनी रूप से मान्य हो और अदालत में या अन्य आधिकारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सके।

    स्टांप ड्यूटी के भुगतान के दो मुख्य तरीके हैं:

    1. भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार (As per the Provisions of the Indian Stamp Act) – यह अधिनियम विभिन्न दस्तावेजों के लिए स्टांप उपयोग करने के नियम तय करता है। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

    2. राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार (As per the Directions of the State Government) – यदि किसी दस्तावेज़ के लिए अधिनियम में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, तो राज्य सरकार अपने नियम बना सकती है कि उस दस्तावेज़ पर स्टांप ड्यूटी कैसे अदा की जाएगी।

    राज्य सरकार निम्नलिखित पहलुओं को विनियमित (Regulate) कर सकती है:

    • दस्तावेज़ के प्रकार (Type of Document) के अनुसार कौन सा स्टांप इस्तेमाल किया जा सकता है।

    • इम्प्रेस्ड स्टांप (Impressed Stamps) (मुद्रांकित स्टांप जो पहले से कागज़ पर छपे होते हैं) के मामले में कितने स्टांप इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

    • बिल ऑफ एक्सचेंज (Bill of Exchange) या प्रोमिसरी नोट (Promissory Note) के लिए कागज़ का आकार क्या होना चाहिए।

    उदाहरण (Illustration)

    मान लीजिए कि एक व्यापारी (Businessman) अपने ग्राहक के साथ एक अनुबंध (Contract) करता है और उसे स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होता है। यदि यह अनुबंध अधिनियम की सूची में शामिल है, तो व्यापारी को उसी प्रकार के स्टांप का उपयोग करना होगा जो अधिनियम के अनुसार निर्धारित है। लेकिन अगर अधिनियम में इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है, तो व्यापारी को राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होगा।

    धारा 11: चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग (Use of Adhesive Stamps)

    यह धारा उन मामलों को बताती है जहां चिपकाने योग्य स्टांप (Adhesive Stamps) का उपयोग किया जा सकता है। चिपकाने योग्य स्टांप वही होते हैं जो डाक टिकट (Postage Stamp) की तरह होते हैं और दस्तावेज़ों पर लगाकर स्टांप ड्यूटी का भुगतान किया जाता है।

    धारा 11 के अनुसार, निम्नलिखित मामलों में चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग किया जा सकता है:

    1. ऐसे दस्तावेज़ जिन पर ड्यूटी दस नए पैसे (Ten Naye Paise) से अधिक नहीं है – लेकिन कुछ मामलों को छोड़कर, जैसे कि बिल ऑफ एक्सचेंज (Bill of Exchange), जो तुरंत देय (Payable on Demand) नहीं है।

    2. बिल ऑफ एक्सचेंज और प्रोमिसरी नोट, जो भारत के बाहर बनाए गए हैं (Bills of Exchange and Promissory Notes Made Outside India) – जब ये दस्तावेज़ भारत में पेश किए जाते हैं, तो उन पर चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग किया जा सकता है।

    3. हाई कोर्ट में एडवोकेट, वकील या अटॉर्नी के रूप में पंजीकरण (Entry of Advocate, Vakil, or Attorney in High Court Rolls) – जब कोई व्यक्ति हाई कोर्ट में वकील के रूप में नाम दर्ज कराता है, तो वह स्टांप ड्यूटी के रूप में चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग कर सकता है।

    4. नोटरी पब्लिक द्वारा सत्यापित किए गए दस्तावेज़ (Notarial Acts) – किसी दस्तावेज़ को नोटरी द्वारा प्रमाणित (Attest) करने के लिए भी चिपकाने योग्य स्टांप इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

    5. शेयर ट्रांसफर (Share Transfer) के लिए (Transfers by Endorsement of Shares) – यदि किसी कंपनी के शेयरों का हस्तांतरण (Transfer) किया जाता है, तो इस प्रक्रिया में भी चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग किया जा सकता है।

    उदाहरण (Illustration)

    अगर कोई व्यक्ति अमेरिका (USA) में एक प्रोमिसरी नोट (Promissory Note) बनाता है और इसे भारत में प्रस्तुत करता है, तो इसे कानूनी रूप से मान्य बनाने के लिए, उस पर भारत में चिपकाने योग्य स्टांप लगाना होगा।

    इसी तरह, यदि कोई वकील हाई कोर्ट (High Court) में अपना नाम पंजीकृत करवाता है, तो उसे भी चिपकाने योग्य स्टांप का उपयोग करना होगा।

    धारा 12: चिपकाने योग्य स्टांप को रद्द करना (Cancellation of Adhesive Stamps)

    यह धारा बताती है कि एक बार जब कोई चिपकाने योग्य स्टांप किसी दस्तावेज़ पर लगाया जाता है, तो उसे तुरंत रद्द (Cancel) किया जाना चाहिए ताकि कोई उसे दोबारा उपयोग न कर सके।

    स्टांप रद्द करने के दो मुख्य तरीके हैं:

    1. अगर कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज़ पर चिपकाने योग्य स्टांप लगाता है, तो उसे तुरंत रद्द करना होगा।

    2. अगर कोई व्यक्ति स्टांप लगे हुए कागज़ पर दस्तावेज़ बनाता है, तो उसे भी यह सुनिश्चित करना होगा कि स्टांप पहले से रद्द किया गया है।

    अगर किसी दस्तावेज़ पर चिपकाने योग्य स्टांप सही तरीके से रद्द नहीं किया गया है, तो वह "अस्टांपित" (Unstamped) माना जाएगा और कानूनी रूप से अमान्य हो सकता है।

    स्टांप रद्द करने के तरीके (Methods of Cancellation)

    कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित तरीकों से स्टांप को रद्द कर सकता है:

    • स्टांप पर अपना नाम या आद्याक्षर (Initials) लिखकर।

    • स्टांप पर अपनी फर्म (Firm) का नाम या आद्याक्षर लिखकर।

    • स्टांप रद्द करने की वास्तविक तारीख (True Date) लिखकर।

    • किसी अन्य प्रभावी विधि (Effective Method) से जिससे स्टांप दोबारा इस्तेमाल न किया जा सके।

    उदाहरण (Illustration)

    अगर कोई व्यक्ति शेयर ट्रांसफर फॉर्म (Share Transfer Form) पर चिपकाने योग्य स्टांप लगाता है लेकिन उसे रद्द नहीं करता, तो कोई दूसरा व्यक्ति उस स्टांप को हटाकर किसी अन्य दस्तावेज़ पर उपयोग कर सकता है। इससे सरकार को राजस्व (Revenue) का नुकसान हो सकता है और दस्तावेज़ भी कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेगा।

    धारा 10, 11 और 12 भारतीय स्टांप अधिनियम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो स्टांप ड्यूटी के भुगतान, उपयोग और रोकथाम से संबंधित हैं। इन प्रावधानों का पालन करके लोग अपने दस्तावेज़ों को कानूनी रूप से सुरक्षित और वैध बना सकते हैं।

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