जानिए हमारा कानून

संपत्ति पर किसी हिस्सेदार द्वारा अपना हिस्सा किस प्रक्रिया से छोड़ा जाता है?
संपत्ति पर किसी हिस्सेदार द्वारा अपना हिस्सा किस प्रक्रिया से छोड़ा जाता है?

किसी संपत्ति के अनेक मालिक हो सकते हैं कई मौके ऐसे आते हैं जब कुछ हिस्सेदार अपना हिस्सा छोड़ देते हैं और उनका हिस्सा अन्य हिस्सेदारों के नाम पर हो जाता है वह अन्य हिस्सेदार उस हिस्से के स्वामी बन जाते हैंऐसे अपने हिस्से के त्याग को हक़ त्याग कहा जाता है जिसके माध्यम से अन्य हिस्सेदार को मालिक बनाया जाता है और कोई हिस्सेदार अपना हिस्सा छोड़ देता हैकब बनाया जाता है हक़ त्यागऐसी डीड उस स्थिति में बनाई जाती है जब किसी संपत्ति के एक से ज्यादा वारिस हो वहां पर जब दोनों ही वारिसों के बीच किसी प्रकार का...

Tofan Singh बनाम तमिलनाडु राज्य : क्या NDPS Act के अधिकारी पुलिस अधिकारी हैं और उनके सामने दिए गए इकबालिया बयानों का साक्ष्य मूल्य क्या है?
Tofan Singh बनाम तमिलनाडु राज्य : क्या NDPS Act के अधिकारी पुलिस अधिकारी हैं और उनके सामने दिए गए इकबालिया बयानों का साक्ष्य मूल्य क्या है?

Tofan Singh बनाम तमिलनाडु राज्य के महत्वपूर्ण मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने दो मुख्य मुद्दों पर फैसला दिया। पहला, क्या नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम, 1985 के तहत अधिकारी पारंपरिक पुलिस अधिकारी माने जाएंगे? और दूसरा, ऐसे अधिकारियों के सामने दिए गए इकबालिया बयानों (Confessions) का साक्ष्य मूल्य (Evidentiary Value) क्या होगा? ये सवाल इसलिए महत्वपूर्ण थे क्योंकि NDPS अधिनियम के तहत कड़ी सज़ाएँ होती हैं, और इसलिए इकबालिया बयानों की स्वीकार्यता (Admissibility) सजा तय करने में...

इन्क्वेस्ट रिपोर्ट की जांच में मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ : धारा 196, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
इन्क्वेस्ट रिपोर्ट की जांच में मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ : धारा 196, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 ने क्रिमिनल प्रोसीजर कोड को प्रतिस्थापित किया है और यह 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है। यह कानून देश में क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन और प्रक्रियाओं को आधुनिक और सरल बनाने के लिए बनाया गया है। धारा 196 इस संहिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो मजिस्ट्रेट को मौत के कारण की जांच करने का अधिकार देता है, खासकर उन मामलों में जहां मौत के कारण पर शक हो। धारा 196 को समझने के लिए, पहले धारा 194 का समर्थन समझना ज़रूरी है, जो शक के साथ हुई मौत की जांच का विस्तृत प्रावधान बताती...