बॉम्बे हाईकोर्ट

स्पष्ट कानूनी प्रावधान न होने पर भी कलेक्टर अपने प्रशासनिक आदेशों की समीक्षा कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
स्पष्ट कानूनी प्रावधान न होने पर भी कलेक्टर अपने प्रशासनिक आदेशों की समीक्षा कर सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कलेक्टर के पास प्रशासनिक आदेशों की समीक्षा करने का अंतर्निहित (inherent) अधिकार होता है, भले ही कोई स्पष्ट वैधानिक प्रावधान न हो — बशर्ते वह निर्णय प्रशासनिक हो, न कि अर्ध-न्यायिक (quasi-judicial)। यह टिप्पणी जस्टिस रोहित डब्ल्यू. जोशी (औरंगाबाद खंडपीठ) ने एक मामले में की, जिसमें उन्होंने सरस्वतीबाई गंगागौड़ अनंतवार के कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा दाखिल एक रिट याचिका खारिज कर दी। यह याचिका महाराष्ट्र सरकार के एक निर्णय को चुनौती देती थी जो CL-III देशी शराब अनुज्ञप्ति...

योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म के निर्माताओं ने प्रमाणन में देरी को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया
योगी आदित्यनाथ पर बनी फिल्म के निर्माताओं ने प्रमाणन में देरी को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया

फिल्म "अजय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी" के निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा फिल्म के प्रमाणन के लिए उनके आवेदन पर निर्णय लेने में की गई 'मनमाने' और 'अस्पष्ट' देरी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। यह फिल्म 1 अगस्त को रिलीज होने वाली है।जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस डॉ. नीला गोखले की खंडपीठ ने फिल्म के निर्माताओं - सम्राट सिनेमैटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में CBFC को फिल्म के प्रमाणन पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का...

सोनू निगम की निजता का संरक्षण: बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील को X अकाउंट में पूरा नाम इस्तेमाल करने का आदेश दिया
सोनू निगम की निजता का संरक्षण: बॉम्बे हाईकोर्ट ने वकील को X अकाउंट में पूरा नाम इस्तेमाल करने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते बॉलीवुड के पार्श्व गायक सोनू निगम की 'गोपनीयता' की रक्षा करते हुए एक वकील को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर अपने अकाउंट के डिस्प्ले नेम के रूप में 'सोनू निगम' का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया था।जस्टिस रियाज चागला ने बिहार के वकील से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स में अपने पूरे नाम 'सोनू निगम सिंह' का उपयोग करने के लिए कहा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गायक सोनू निगम के बारे में नेटिज़न्स के मन में कोई भ्रम न हो। "जबकि प्रत्येक नागरिक को बोलने और...

हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR की मांग पर बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार, कहा- इतने संवेदनशील मत बनो
हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR की मांग पर बॉम्बे हाईकोर्ट की फटकार, कहा- "इतने संवेदनशील मत बनो"

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर विकास फाटक उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ को फटकार लगाई, जिन्होंने फिल्म निर्माता फराह खान के खिलाफ हिंदू भावनाओं को आहत करने के आरोप में FIR दर्ज कराने की मांग की थी। कोर्ट ने मौखिक रूप से पूछा कि क्या याचिका केवल प्रचार पाने के लिए दायर की गई।जस्टिस रविंद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड़ की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा कि वह फराह खान की टिप्पणी से कैसे आहत हो सकते हैं।कोर्ट ने कहा,"आप इतनी तकलीफ में क्यों हैं? इतने संवेदनशील...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गेटवे ऑफ इंडिया के पास यात्री जेटी के लिए रास्ता साफ किया; कोलाबा निवासियों की याचिका खारिज
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गेटवे ऑफ इंडिया के पास यात्री जेटी के लिए रास्ता साफ किया; कोलाबा निवासियों की याचिका खारिज

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज कोलाबा के निवासियों द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें दक्षिण मुंबई में रेडियो क्लब के पास, प्रतिष्ठित ताज महल पैलेस होटल के पास और गेटवे ऑफ इंडिया के पास एक जेटी सुविधा के निर्माण को चुनौती दी गई थी। चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप वी. मार्ने की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के समुद्री बोर्ड के फैसले की वैधता बरकरार रखी। पीठ ने कहा,"रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री, विशेषज्ञों की राय, वैधानिक मंज़ूरी आदि पर विचार करने के बाद, हम परियोजना के निर्माण के...

पक्षकारों को जवाब देने का अवसर दिए बिना रेस जुडिकाटा के आधार पर मुकदमा खारिज नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
पक्षकारों को जवाब देने का अवसर दिए बिना रेस जुडिकाटा के आधार पर मुकदमा खारिज नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 11 के तहत रेस जुडिकाटा के प्रतिबंध को किसी मुद्दे को तय किए बिना या पक्षों को जवाब देने का अवसर दिए बिना अंतिम निर्णय में पहली बार लागू नहीं किया जा सकता। इसने एकल जज का फैसला रद्द कर दिया, जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना के डिक्री चरण में रेस जुडिकाटा का हवाला देते हुए मुकदमा खारिज कर दिया गया था।जस्टिस एम.एस. सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ मूल वादी यूनिक इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट एंड मैनेजमेंट कंसल्टेंसीज़ प्राइवेट...

न्यायालय कानून में त्रुटियों को पूर्वव्यापी प्रभाव से सुधारने का आदेश नहीं दे सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट
न्यायालय कानून में त्रुटियों को पूर्वव्यापी प्रभाव से सुधारने का आदेश नहीं दे सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायालय विधायिका को अधिनियमित कानूनों में कथित लिपिकीय त्रुटियों को सुधारने या विधायी परिवर्तनों को पूर्वव्यापी प्रभाव देने का निर्देश देने वाली रिट जारी नहीं कर सकते। न्यायालय ने कहा कि भले ही सीमा शुल्क में किसी परिवर्तन को सुधारात्मक या स्पष्टीकरणात्मक माना जाता हो, ऐसे परिवर्तनों को पूर्वव्यापी प्रभाव देना पूरी तरह से विधायी क्षेत्राधिकार में आता है।जस्टिस एम.एस. सोनक और जितेंद्र जैन की खंडपीठ आरती ड्रग्स लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुना रही थी, जिसमें...

हिंदुओं में विवाह केवल सामाजिक अनुबंध नहीं, दो आत्माओं का आध्यात्मिक मिलन, DV Act का दुरुपयोग खतरनाक: बॉम्बे हाईकोर्ट
हिंदुओं में विवाह केवल सामाजिक अनुबंध नहीं, दो आत्माओं का आध्यात्मिक मिलन, DV Act का दुरुपयोग खतरनाक: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक परिवार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के तहत दर्ज मामला खारिज करते हुए कहा कि वैवाहिक कलह आजकल समाज में एक खतरा बन गया है और दो व्यक्तियों के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़े के कारण हिंदुओं के लिए 'पवित्र' विवाह की अवधारणा को धक्का लग रहा है।जस्टिस नितिन साम्ब्रे और जस्टिस महेंद्र नेर्लिकर की खंडपीठ ने महिलाओं द्वारा पति के अधिक से अधिक रिश्तेदारों के खिलाफ FIR दर्ज कराने के 'प्रवृत्ति' पर ध्यान दिया और कहा कि वैवाहिक कलह के मामलों को 'अलग' नजरिए से...

संदिग्ध को जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इसका उल्लंघन न हो: बॉम्बे हाईकोर्ट
संदिग्ध को जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इसका उल्लंघन न हो: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने शुक्रवार को कहा कि किसी संदिग्ध व्यक्ति को जिसे जांच में आरोपी बनाया जाना है, जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी से वंचित नहीं किया जा सकता। यह सुनिश्चित करना राज्य और न्यायालयों का दायित्व है कि इस अक्षम्य अधिकार का उल्लंघन न हो।जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के की एकल पीठ ने सूर्यास्त के बाद गिरफ्तार की गई महिला को ज़मानत देते हुए कहा कि पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के प्रावधानों का पालन करना चाहिए, जो बताता है कि किसी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से किस...

SEBI की वार्षिक रिपोर्ट RTI की धारा 11 की प्रक्रिया के बिना सार्वजनिक नहीं की जा सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
'SEBI की वार्षिक रिपोर्ट RTI की धारा 11 की प्रक्रिया के बिना सार्वजनिक नहीं की जा सकती': बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि RTI Act, 2005 के तहत एनएसई और बीएसई जैसे स्टॉक एक्सचेंजों सहित तीसरे पक्ष से संबंधित किसी भी जानकारी का खुलासा करने से पहले, संबंधित प्राधिकरण को अधिनियम की धारा 11 में निर्धारित अनिवार्य प्रक्रिया का सख्ती से पालन करना चाहिए।जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने पारदर्शिता कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन से उत्पन्न रिट याचिकाओं के एक बैच में यह फैसला सुनाया, जिसमें सेबी द्वारा जनहित निदेशकों की नियुक्ति और बीएसई, एनएसई और...

[Companies Act] कर्जदार कंपनी समापन कार्यवाही में पहली बार अपनी देनदारी का विरोध नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट
[Companies Act] कर्जदार कंपनी समापन कार्यवाही में पहली बार अपनी देनदारी का विरोध नहीं कर सकती: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐसी कंपनी के समापन के खिलाफ अपील खारिज की, जिसने सरकारी उद्यम को देय राशि का भुगतान नहीं किया था और जिसकी कोई व्यावसायिक गतिविधि या संपत्ति नहीं चल रही थी। न्यायालय ने कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि लोन को लेकर "वास्तविक विवाद" था। साथ ही कहा कि कंपनी की आपत्तियां बाद में उठाई गईं और भुगतान करने में उसकी असमर्थता पूरी तरह से स्थापित थी।जस्टिस एम.एस. सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ मेसर्स बेसीन मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। लिमिटेड ने...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन फिल्म टिकटों पर सर्विस चार्ज लगाने से रोकने वाला आदेश किया रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन फिल्म टिकटों पर सर्विस चार्ज लगाने से रोकने वाला आदेश किया रद्द

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में गुरुवार को 4 अप्रैल, 2013 और 18 मार्च, 2014 को जारी दो सरकारी आदेशों (GO) को रद्द कर दिया, जिनके तहत महाराष्ट्र सरकार ने सिनेमा मालिकों को ऑनलाइन टिकटों पर सेवा शुल्क या सुविधा शुल्क लगाने से प्रतिबंधित कर दिया था।जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की खंडपीठ ने कहा कि उक्त GO किसी भी पेशे को अपनाने के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।खंडपीठ ने आदेश में कहा,"हमारा मानना ​​है कि विवादित GO ने थिएटर मालिकों और अन्य लोगों को अपने ग्राहकों से सुविधा शुल्क...

भूमि अधिग्रहण में प्रतिनिधित्व न होने पर भी मुआवज़ा देय: बॉम्बे हाईकोर्ट अनुच्छेद 300-A के तहत निगम की जिम्मेदारी को बताया बाध्यकारी
भूमि अधिग्रहण में प्रतिनिधित्व न होने पर भी मुआवज़ा देय: बॉम्बे हाईकोर्ट अनुच्छेद 300-A के तहत निगम की जिम्मेदारी को बताया बाध्यकारी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया कि यदि किसी नगर निगम ने सार्वजनिक परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के बदले ज़मीन मालिकों को ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स (TDR) देने का आश्वासन दिया है तो वह संविधान और क़ानून के तहत उस वादे को निभाने के लिए बाध्य है। कोर्ट ने नागपुर नगर निगम द्वारा वर्ष 2024 में TDR देने से इनकार करने का फैसला रद्द कर दिया और निर्देश दिया कि 2001 में दिए गए आश्वासन के अनुसार TDR जारी किया जाए।जस्टिस नितिन डब्ल्यू. सांबरे और जस्टिस सचिन एस. देशमुख की खंडपीठ उस याचिका पर...

क्या संसद द्वारा पारित कानून महाराष्ट्र पुलिस पर बाध्यकारी हैं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटिया जांच के बाद डीजीपी से पूछा
'क्या संसद द्वारा पारित कानून महाराष्ट्र पुलिस पर बाध्यकारी हैं?' बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटिया जांच के बाद डीजीपी से पूछा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक को शपथ पत्र पर यह स्पष्ट करने का आदेश दिया कि क्या संसद द्वारा पारित कानून के प्रावधान राज्य पुलिस बल पर बाध्यकारी हैं या उन्हें केवल कानून की किताबों तक ही सीमित रखा जा सकता है।जस्टिस अजय गडकरी और जस्टिस राजेश पाटिल की खंडपीठ ने डीजीपी से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा।खंडपीठ ने 7 जुलाई को पारित आदेश में कहा,"इसलिए हम पुलिस महानिदेशक को शपथ पर यह स्पष्ट करने का निर्देश देते हैं कि क्या भारत की संसद द्वारा पारित...

SARFAESI एक्ट की धारा 14 के तहत दूसरी याचिका पर विचार करने के डीएम के अधिकार पर कोई रोक नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के विचार का समर्थन किया
SARFAESI एक्ट की धारा 14 के तहत दूसरी याचिका पर विचार करने के डीएम के अधिकार पर कोई रोक नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के विचार का समर्थन किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट के इस दृष्टिकोण से सहमति व्यक्त की कि ऐसे मामलों में जहां उधारकर्ता SARFAESI अधिनियम की धारा 14 के तहत बैंक को कब्ज़ा सौंपे जाने के बाद भी सुरक्षित संपत्ति में अवैध रूप से पुनः प्रवेश करता है, उक्त प्रावधान के तहत एक नया आवेदन विचारणीय है। नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक (मल्टी स्टेट शेड्यूल्ड बैंक) बनाम जिला कलेक्टर, जालना एवं अन्य में बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरि की पीठ ने अतिरिक्त जिला...

DNA टेस्ट का आदेश देने से पहले बच्चे के अधिकारों की रक्षा जरूरी, सिर्फ मां की सहमति ही पर्याप्त नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
DNA टेस्ट का आदेश देने से पहले बच्चे के अधिकारों की रक्षा जरूरी, सिर्फ मां की सहमति ही पर्याप्त नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी बच्चे की मां उसके पितृत्व की जांच के लिए DNA टेस्ट कराने के लिए सहमत भी हो तब भी कोर्ट को बच्चे के अधिकारों का संरक्षक (Custodian) बनकर उसके हितों पर विचार करना आवश्यक है। कोर्ट को टेस्ट के पक्ष और विपक्ष दोनों पहलुओं का मूल्यांकन करना चाहिए, न कि केवल माता-पिता के विवाद को हल करने के उद्देश्य से DNA टेस्ट का आदेश दे देना चाहिए।जस्टिस आर.एम. जोशी की एकलपीठ ने यह टिप्पणी उस मामले में की, जिसमें महिला ने फैमिली कोर्ट द्वारा उसके बच्चे का DNA टेस्ट कराने के आदेश...

आयात/निर्यात चूक में कोई नरमी नहीं; बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना अनुमति के आयात क्लियर करने वाली कूरियर एजेंसी का लाइसेंस रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा
आयात/निर्यात चूक में कोई नरमी नहीं; बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना अनुमति के आयात क्लियर करने वाली कूरियर एजेंसी का लाइसेंस रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिना अनुमति के आयातों को मंजूरी देने के लिए एक कूरियर एजेंसी के लाइसेंस को रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा है। न्यायालय ने कहा कि इस तरह की उदारता दिखाने से लोगों को कूरियर एजेंसियों की सेवाओं का सहारा लेकर अपराध करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। जस्टिस एमएस सोनक और जस्टिस जितेन्द्र जैन की पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता ने 1998 के विनियमों के तहत अपने दायित्व को पूरा करने में लापरवाही बरती है। ये दायित्व अधिकृत कूरियर पर डाले गए हैं, क्योंकि याचिकाकर्ता आयात और निर्यात की मंजूरी...

घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति से निर्माणाधीन फ्लैट के लिए किश्तें भरने को नहीं कहा जा सकता, न ही इसे साझा घर कहा जा सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पति से निर्माणाधीन फ्लैट के लिए किश्तें भरने को नहीं कहा जा सकता, न ही इसे 'साझा घर' कहा जा सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बंबई हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि निर्माणाधीन फ्लैट, भले ही पति-पत्नी के नाम पर संयुक्त रूप से रजिस्टर्ड हो, उसे घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम (PwDV) 2005 के तहत 'साझा घर' नहीं कहा जा सकता। इसलिए पति को ऐसे फ्लैट की किश्तें भरने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।जस्टिस मंजूषा देशपांडे ने कहा कि विचाराधीन फ्लैट अभी भी निर्माणाधीन है और दंपति अभी तक उसमें नहीं रह रहे हैं।हाईकोर्ट ने 4 जुलाई के अपने आदेश में कहा,"वर्तमान मामले में कथित 'साझा घर' का कब्ज़ा अभी तक नहीं सौंपा गया, किश्तों का...