'सड़क बनाने के लिए मालिक की बात सुने बिना इमारत नहीं गिराई जा सकती': बॉम्बे हाईकोर्ट
Shahadat
11 July 2025 5:23 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई नगर निगम अधिनियम, 1888 (MMC Act) की धारा 291 के तहत ग्रेटर मुंबई नगर निगम (MCGM) द्वारा नई सड़क लाइन (RL) की मंज़ूरी रद्द की। कोर्ट ने कहा है कि यह कदम बिना सोचे-समझे उठाया गया और ज़मीन मालिक के सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन है।
चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप वी. मार्ने की खंडपीठ राघवेंद्र कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसकी संपत्ति से होकर सड़क बनाने की मंज़ूरी देने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता को ज़मीन पर पुनर्विकास योजना के लिए स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) की अनुमति पहले ही मिल चुकी है और निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। हालांकि, अन्य डेवलपर और सोसाइटी के अनुरोध पर बगल के एक भूखंड पर एक और SRA योजना को सुविधाजनक बनाने के लिए 2024 में एक नई RL को मंज़ूरी दी गई। RL को SRA की सिफ़ारिश के आधार पर मंज़ूरी दी गई, जिसमें याचिकाकर्ता की ज़मीन पर स्वीकृत परियोजना का उल्लेख करना भूलवश भूल गया। SRA ने बाद में इस चूक को स्वीकार किया और अनुरोध किया कि दोनों पक्षों की बात सुनी जाए, लेकिन MCGM ने इस सुधार पर कोई कार्रवाई नहीं की।
प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के भूखंड पर जो मंज़ूरी दी गई, वह कोई नई सड़क नहीं है, बल्कि केवल मौजूदा सड़क के संरेखण में परिवर्तन किया गया। इसके अलावा, यह भी तर्क दिया गया कि MMC Act की धारा 291 के तहत RL को मंज़ूरी देते समय याचिकाकर्ता को सुनवाई का कोई अधिकार नहीं है।
इन दलीलों को खारिज करते हुए न्यायालय ने कहा कि जब प्रस्तावित सार्वजनिक सड़क किसी इमारत का अतिक्रमण करती है, जिसके लिए उसे गिराना आवश्यक हो तो मालिक/कब्ज़ाधारी को सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।
न्यायालय ने कहा:
“यदि प्रस्तावित सार्वजनिक सड़क किसी स्वीकृत इमारत को निर्माण योग्य नहीं बनाती है तो ऐसा नहीं हो सकता कि नगर निगम प्रभावित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बिना एकतरफ़ा सड़क को मंज़ूरी दे दे।”
न्यायालय ने यह भी नोट किया कि MCGM ने SRA से प्रस्ताव प्राप्त होने पर विवादित RL की मंजूरी पर पुनर्विचार करने की इच्छा व्यक्त की। न्यायालय ने माना कि SRA ने याचिकाकर्ता द्वारा उस भूखंड पर विकास कार्य करने के तथ्य के प्रति घोर लापरवाही बरतते हुए विवादित आरएल को मंजूरी दी है, जहां से RL गुजरता है।
न्यायालय ने कहा,
"चूंकि विवादित निर्णय प्रासंगिक कारकों की अनदेखी पर आधारित है, इसलिए विवादित RL रद्द करने में न्यायिक पुनर्विचार के अधिकार का प्रयोग करना हमारे लिए न्यायोचित होगा।"
तदनुसार, न्यायालय ने विवादित RL को बिना सोचे-समझे और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन के आधार पर रद्द कर दिया और कहा कि SRA से नई टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद MCGM को एक नई सार्वजनिक सड़क की मंजूरी के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
Case Title: Raghavendra Construction Company Pvt. Ltd. v. Municipal Commissioner & Ors. [Writ Petition No. 2207 of 2025]