जानिए हमारा कानून
क्या राज्य सरकार अनुसूचित जाति सूची में बदलाव कर सकती है?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में Dr. Bhim Rao Ambedkar Vichar Manch Bihar, Patna v. State of Bihar & Ors. (2024 INSC 528) मामले में एक महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्न पर निर्णय दिया। सवाल यह था कि क्या किसी राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह अनुसूचित जातियों (Scheduled Castes) की सूची में किसी जाति को जोड़, घटा या किसी दूसरी जाति में मिला दे। अदालत ने स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 341 (Article 341) के तहत केवल संसद (Parliament) को ही यह अधिकार है, और राज्य सरकारें इस सूची में कोई भी छेड़छाड़ नहीं...
चुनाव में Presiding Officer कौन होता है?
Representation of the People Act, 1951 की धारा 26 मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी Presiding Officer और मतदान अधिकारियों (Polling Officers) की नियुक्ति से संबंधित है। यह धारा जिला चुनाव अधिकारी (District Election Officer) को मतदान केंद्रों के लिए अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार देती है, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता, सुरक्षा और सुचारु संचालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। धारा 26 भाग IV (चुनाव का संचालन) के अंतर्गत आती है, जो मतदान प्रक्रिया से संबंधित है। यह धारा 1951 से...
चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति और महत्व
Representation of the People Act, 1951 भारत की चुनावी प्रक्रिया की रीढ़ है। यह अधिनियम संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनावों की आयोजना, संचालन और विवादों के निपटारे से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है। इस अधिनियम की धारा 21 चुनावी मशीनरी के प्रशासनिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो रिटर्निंग ऑफिसर (Returning Officer) और सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (Assistant Returning Officer) की नियुक्ति से संबंधित है। यह धारा चुनाव आयोग को राज्य सरकारों के साथ परामर्श करके इन अधिकारियों की नियुक्ति करने का...
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 28 से 33 : वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर नियम और प्रबंधन
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) एक ऐतिहासिक कानून (landmark law) है जो भारत के वन्यजीवों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए एक व्यापक कानूनी ढाँचा (comprehensive legal framework) स्थापित करता है।जबकि अधिनियम के शुरुआती खंड अभयारण्यों की घोषणा और स्थापना पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बाद के प्रावधान, विशेष रूप से धारा 28 से 33, इन संरक्षित क्षेत्रों के भीतर की गतिविधियों के लिए विशिष्ट नियम निर्धारित करते हैं। ये खंड अभयारण्यों के दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन (day-to-day...
जल अधिनियम 1974 की धारा 26 से 28 : मौजूदा अपशिष्ट निकासी, सहमति का अस्वीकरण और अपील
धारा 26 : मौजूदा निकासी से संबंधित प्रावधान (Provision Regarding Existing Discharge of Sewage or Trade Effluent)इस धारा में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि इस अधिनियम (Act) के लागू होने से ठीक पहले कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार का अपशिष्ट जल (Sewage) या औद्योगिक अपशिष्ट (Trade Effluent) किसी धारा (Stream), कुएँ (Well), नाले (Sewer) या भूमि (Land) में प्रवाहित कर रहा था, तो ऐसे मामलों में भी धारा 25 के प्रावधान लागू होंगे। अर्थात, जैसे नए उद्योग या नई निकासी के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State...
जैव विविधता अधिनियम, 2002: एक परिचयात्मक लेख
जैव विविधता अधिनियम, 2002 (The Biological Diversity Act, 2002) भारत का एक महत्वपूर्ण कानून है, जिसे देश की जैव विविधता (Biological Diversity) के संरक्षण और इसके घटकों के टिकाऊ उपयोग (Sustainable Use) के लिए बनाया गया था।इसका एक सबसे अहम मकसद यह भी है कि जैव संसाधनों (Biological Resources) और उनसे जुड़े पारंपरिक ज्ञान (Traditional Knowledge) के उपयोग से होने वाले लाभ को उन लोगों के साथ उचित और न्यायपूर्ण तरीके से साझा किया जाए जिन्होंने इनकी रक्षा की है। यह कानून अंतरराष्ट्रीय जैविक विविधता...
क्या केंद्रीय सूचना आयोग को Benches बनाने और विनियम बनाने का अधिकार है?
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) का उद्देश्य सरकारी कामकाज में transparency (पारदर्शिता) और accountability (जवाबदेही) लाना है। इसके लिए कानून ने Central Information Commission (CIC) और राज्य सूचना आयोगों की स्थापना की। इन आयोगों का काम अपीलें सुनना, शिकायतें निपटाना और यह सुनिश्चित करना है कि जनता को जानकारी आसानी से मिल सके।लेकिन एक बड़ा सवाल यह रहा है कि क्या CIC को अपने आंतरिक कामकाज (internal functioning) को संगठित करने का पूरा अधिकार है? खासकर, क्या वह अपनी पीठें (Benches) बना सकता...
निर्वाचन अधिकारियों को अपनी ड्यूटी में लापरवाही करने पर सजा
Representation of the People Act, 1950 की धारा 32 निर्वाचन अधिकारियों द्वारा आधिकारिक कर्तव्य के उल्लंघन को दंडनीय बनाती है, जो मतदाता सूची की शुद्धता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। धारा 32 का मुख्य उद्देश्य निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (Electoral Registration Officers - ERO) और सहायक अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए बाध्य करना है। यदि कोई अधिकारी बिना उचित कारण के मतदाता सूची की तैयारी, संशोधन या सुधार में लापरवाही बरतता है, तो वह दो साल तक की सज़ा...
मतदाता सूची में झूठी जानकारी देकर नाम शामिल करवाने का क्राइम
संविधान के अनुच्छेद 324 से 329 तक निर्वाचन संबंधी प्रावधान हैं, लेकिन व्यावहारिक रूप से निर्वाचन की तैयारी और मतदाता सूचियों के निर्माण के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 एक महत्वपूर्ण कानून है। यह अधिनियम मतदाता सूचियों की तैयारी, संशोधन और सुधार से संबंधित है। इस अधिनियम की धारा 31 विशेष रूप से मतदाता सूची से जुड़ी झूठी घोषणाओं को दंडनीय अपराध बनाती है। धारा 31 का उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना है, क्योंकि मतदाता सूची ही निर्वाचन का आधार है। यदि कोई व्यक्ति मतदाता सूची की...
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 26 से 27: अभयारण्य की घोषणा और विनियमन के लिए एक मार्गदर्शिका
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) भारत की विविध वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए कानूनी आधार (legal basis) है। इस अधिनियम के भीतर, वन्यजीव अभयारण्यों के निर्माण और प्रबंधन के लिए एक विस्तृत कानूनी ढाँचा (legal framework) स्थापित किया गया है।जबकि अधिनियम के पिछले खंड प्रारंभिक सर्वेक्षण (initial survey) और भूमि अधिग्रहण (land acquisition) प्रक्रियाओं पर केंद्रित हैं, धारा 26 से 27 तक के खंड अधिकारों के प्रत्यायोजन (delegation), अभयारण्य की औपचारिक घोषणा और इन...
जल अधिनियम, 1974 की धारा 25 : नए आउटलेट और नए डिस्चार्ज पर रोक
जल अधिनियम, 1974 का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यही है कि किसी भी जल स्रोत – जैसे नदी (Stream), कुआँ (Well), नाला (Sewer) या भूमि (Land) – को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। धारा 25 इसी दिशा में एक बहुत अहम प्रावधान है। यह धारा उद्योगों, कारखानों, संस्थानों और अन्य गतिविधियों पर नियंत्रण लगाती है ताकि बिना अनुमति के कोई भी नया प्रदूषित जल निकासी (Discharge of Sewage or Trade Effluent) शुरू न हो सके।सरल शब्दों में कहा जाए तो इस धारा के तहत यह नियम है कि यदि कोई नया उद्योग लगाना चाहता है, नया आउटलेट...
क्या तलाकशुदा मुस्लिम महिला CrPC की धारा 125 के तहत Maintenance माँग सकती है, भले ही 1986 Act मौजूद हो?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मोहम्मद अब्दुल समद बनाम स्टेट ऑफ तेलंगाना (2024) मामले में यह अहम सवाल तय किया कि क्या तलाकशुदा मुस्लिम महिला, Criminal Procedure Code, 1973 (CrPC) की धारा 125 के तहत Maintenance (भरण-पोषण) का दावा कर सकती है, जबकि Muslim Women (Protection of Rights on Divorce) Act, 1986 (1986 Act) पहले से मौजूद है।यह मामला दो कानूनों के बीच सामंजस्य (Harmony) को लेकर था—एक ओर सेक्युलर (Secular) प्रावधान CrPC की धारा 125 और दूसरी ओर व्यक्तिगत (Personal) कानून के दायरे वाला 1986 Act।...
क्या किसी राज्य को CBI की Consent वापसी के बाद Article 131 के तहत केंद्र के खिलाफ Suit दायर करने का अधिकार है?
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने State of West Bengal v. Union of India (2024 INSC 502) में एक बेहद अहम संवैधानिक सवाल (Constitutional Question) पर विचार किया। यह मामला सीधे Article 131 (Original Jurisdiction of Supreme Court) के तहत दायर किया गया था, जो केंद्र और राज्यों के बीच विवादों (Disputes) को सुनने का विशेष अधिकार सुप्रीम कोर्ट को देता है।मुख्य प्रश्न यह था कि क्या पश्चिम बंगाल राज्य CBI (Central Bureau of Investigation) की कार्यवाही को चुनौती दे सकता है, जब उसने DSPE Act, 1946 की Section 6 के...
मतदाता सूची में नए व्यक्तियों के नाम जोड़े जाने के प्रावधान
Representation of the People Act, 1950 की धारा 23 विशेष रूप से मतदाता सूचियों में नामों को शामिल करने से संबंधित है, जो मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करती है। यह धारा उन व्यक्तियों को अनुमति देती है जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, वे पंजीकरण अधिकारी से नाम जोड़ने का आवेदन कर सकते हैं। धारा 23 का महत्व इसलिए है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि योग्य मतदाता चुनाव में भाग ले सकें, लेकिन नामांकन की अंतिम तिथि के बाद कोई बदलाव न हो, जो चुनाव की निष्पक्षता बनाए रखता है।लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950...
चुनावी मतदाता सूची में अमेंडमेंट करने का कानून
Representation of the People Act, 1950) का मुख्य उद्देश्य संसद और राज्य विधानसभाओं के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण, मतदाता सूचियों की तैयारी और चुनावों का संचालन सुनिश्चित करना है। अधिनियम की विभिन्न धाराएं मतदाता पंजीकरण, नामांकन, चुनावी अपराध और अन्य संबंधित मुद्दों को कवर करती हैं। इस एक्ट की धारा 22 मतदाता पंजीकरण अधिकारी को मतदाता सूची में गलतियों को सुधारने, नामों को स्थानांतरित करने या हटाने की शक्ति प्रदान करती है। यह धारा लोकतंत्र की शुद्धता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती...
क्या Section 37 Appeal में अदालत Arbitral Award की स्वतंत्र समीक्षा कर सकती है या केवल Section 34 तक सीमित है?
सुप्रीम कोर्ट ने Bombay Slum Redevelopment Corporation Pvt. Ltd. v. Samir Narain Bhojwani (2024 INSC 478) में एक अहम प्रश्न पर विचार किया: क्या Section 37 of the Arbitration and Conciliation Act, 1996 के तहत अपील सुनने वाला Appellate Court किसी मामले को वापस (Remand) Section 34 Court को भेज सकता है?यह मुद्दा इस बात से जुड़ा है कि Arbitration प्रक्रिया (Arbitration Process) में अदालतों की भूमिका कितनी सीमित है और अपीलीय अदालत (Appellate Court) किस सीमा तक दखल दे सकती है। इस केस में सुप्रीम...
भारतीय प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 64 और धारा 65: नियम बनाने की शक्ति और कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति
यह लेख भारतीय प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की दो महत्वपूर्ण धाराओं, धारा 64 (Section 64) और धारा 65 (Section 65) की विस्तृत व्याख्या करता है। ये धाराएं सुनिश्चित करती हैं कि यह अधिनियम प्रभावी ढंग से लागू हो सके और भारत की व्यापक कानूनी प्रणाली (legal system) के साथ सहजता से एकीकृत (integrated) हो सके।धारा 64 "नियम बनाने की शक्ति" (Power to make regulations) प्रदान करती है, जो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India - CCI) के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र (mechanism) है, जबकि धारा 65...
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 21 से 25 : वन्यजीव अभयारण्यों के लिए भूमि और अधिकारों का अधिग्रहण
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) भारत में वन्यजीव अभयारण्यों की घोषणा और प्रबंधन के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित प्रक्रिया स्थापित करता है। इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन व्यक्तियों और समुदायों से अधिकारों और भूमि का अधिग्रहण (acquisition of rights and land) करना है, जिनका प्रस्तावित अभयारण्य की सीमाओं के भीतर दावा हो सकता है।अधिनियम की धाराएँ, विशेष रूप से धारा 21 से 25, एक विस्तृत रूपरेखा प्रदान करती हैं कि कैसे सरकार, एक नामित कलेक्टर (Collector) के माध्यम...
जल अधिनियम की धारा 23 और 24 : प्रवेश और निरीक्षण की शक्ति तथा प्रदूषित पदार्थ डालने पर रोक
भारत का जल (Prevention and Control of Pollution) अधिनियम, 1974 एक महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय कानून है। इसका मुख्य उद्देश्य जल प्रदूषण को रोकना और जल को शुद्ध तथा सुरक्षित बनाए रखना है। इस अधिनियम की धारा 23 और 24 बहुत अहम हैं। धारा 23 अधिकारियों को किसी स्थान में प्रवेश और निरीक्षण (Inspection) की शक्ति देती है, जबकि धारा 24 जल स्रोतों (streams, wells, land, sewer) में प्रदूषित पदार्थ डालने पर स्पष्ट रोक लगाती है। ये दोनों धाराएँ मिलकर कानून के Prevention (रोकथाम) और Enforcement (प्रवर्तन/पालन...
पुलिस ने रोका – आपके अधिकार क्या हैं?
पुलिस ने रोका – आपके अधिकार क्या हैं? (चेकिंग, तलाशी और ट्रैफिक नियम) हम सबके साथ कभी न कभी ऐसा हुआ है कि पुलिस ने रास्ते में रोक लिया हो – कभी ट्रैफिक चेकिंग के नाम पर, तो कभी तलाशी (search) के लिए। लेकिन सवाल ये है कि ऐसे हालात में आपके अधिकार क्या हैं? और पुलिस आपको कहाँ तक रोक सकती है? 1. ट्रैफिक चेकिंग के दौरान आपके अधिकार ड्राइविंग डॉक्यूमेंट्स – मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत, आपसे केवल 4 ज़रूरी डॉक्यूमेंट मांगे जा सकते हैं: (i) ड्राइविंग लाइसेंस (ii) RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) ...




















