क्या Software License पर Service Tax लगाया जा सकता है? एक कानूनी विश्लेषण
Himanshu Mishra
8 March 2025 1:54 PM

सुप्रीम कोर्ट के मामले Commissioner of Service Tax, Delhi बनाम Quick Heal Technologies Ltd. (2022) में एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रश्न पर फैसला दिया गया।
इसमें यह तय किया गया कि क्या End User License Agreement (EULA) के तहत बेचा गया software license भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366(29A)(d) के तहत "काल्पनिक बिक्री" (Deemed Sale) मानी जाएगी और इस पर केवल VAT लगेगा या फिर इसे सेवा (Service) मानकर Service Tax लगाया जाएगा। इस फैसले का software उद्योग (Software Industry) और कराधान (Taxation) पर बड़ा असर पड़ा है।
संविधान में "काल्पनिक बिक्री" (Deemed Sale) की परिभाषा
संविधान का अनुच्छेद 366(29A) जिसे 46वें संशोधन द्वारा जोड़ा गया था, "बिक्री" (Sale) की परिभाषा को विस्तृत करता है। इसका उपखंड (Sub-Clause) (d) स्पष्ट रूप से कहता है कि यदि किसी वस्तु (Goods) के उपयोग का अधिकार (Right to Use) किसी व्यक्ति को एक निश्चित समय के लिए या स्थायी रूप से हस्तांतरित (Transferred) किया जाता है, तो यह बिक्री मानी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने Tata Consultancy Services बनाम State of Andhra Pradesh (2005) में यह स्पष्ट किया था कि जब Software को किसी भौतिक माध्यम (Physical Medium) जैसे CD पर डाला जाता है, तो यह "माल" (Goods) बन जाता है। Quick Heal Technologies के फैसले में कोर्ट ने यही सिद्धांत अपनाया और कहा कि अगर Software पैकेज के रूप में बेचा गया है, तो यह बिक्री मानी जाएगी और इस पर सेवा कर (Service Tax) नहीं लगाया जा सकता।
सेवा कर अधिनियम (Finance Act) में "सेवा" (Service) की परिभाषा
Finance Act, 1994 की धारा 65B(44) में "सेवा" (Service) को परिभाषित किया गया है, लेकिन इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई लेन-देन "काल्पनिक बिक्री" (Deemed Sale) के अंतर्गत आता है, तो उस पर सेवा कर नहीं लगाया जा सकता।
Quick Heal Technologies के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यह दोहराया कि यदि कोई Software बिक्री (Sale) के रूप में वर्गीकृत (Classified) हो चुका है, तो इस पर सेवा कर नहीं लगाया जा सकता, भले ही इसमें Updates और Support शामिल हों। यह Bharat Sanchar Nigam Ltd. (BSNL) बनाम Union of India (2006) के फैसले के अनुरूप है, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी लेन-देन में सेवा और बिक्री दोनों शामिल हैं, तो उसे कृत्रिम रूप से अलग करके दो अलग-अलग कर (Tax) नहीं लगाए जा सकते।
End User License Agreement (EULA) की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने यह देखने के लिए कि क्या Quick Heal का Software License केवल उपयोग का अधिकार देता है या इसमें कोई अतिरिक्त सेवा (Service) भी शामिल है, EULA की सावधानीपूर्वक जांच की। कोर्ट ने पाया कि इस समझौते (Agreement) में उपयोगकर्ता (User) को Software पर पूरा नियंत्रण (Full Control) दिया गया है, जिससे यह "अधिकार का हस्तांतरण" (Transfer of Right to Use) बन जाता है और इसे सेवा (Service) नहीं माना जा सकता।
यह तर्क 20th Century Finance Corporation Ltd. बनाम State of Maharashtra (2000) के फैसले के आधार पर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि यदि किसी व्यक्ति को किसी वस्तु (Goods) का उपयोग करने का पूर्ण अधिकार दिया जाता है, तो यह "काल्पनिक बिक्री" (Deemed Sale) होगी, चाहे सामान (Goods) उसे भौतिक रूप में दिया गया हो या नहीं।
सेवा कर और नकारात्मक सूची व्यवस्था (Negative List Regime)
2012 में लागू की गई नई सेवा कर प्रणाली (Service Tax System) में धारा 66E में "घोषित सेवाओं" (Declared Services) की एक सूची दी गई थी। इसमें Software Development, Customization और Upgradation को सेवा (Service) माना गया था। हालांकि, CBEC द्वारा जारी किए गए 2012 के Education Guide में यह स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई "Pre-Packaged या Canned Software" बेचा जाता है, तो इसे माल (Goods) माना जाएगा और इस पर सेवा कर नहीं लगेगा।
कोर्ट ने इस गाइड का उल्लेख करते हुए कहा कि Quick Heal के Software License के मामले में कोई सेवा कर (Service Tax) लागू नहीं होगा, क्योंकि यह माल (Goods) के रूप में बेचा गया था।
Software लेन-देन (Transaction) को तीन श्रेणियों में विभाजित करना
कोर्ट ने Software से जुड़े कराधान (Taxation) को स्पष्ट करने के लिए तीन श्रेणियों (Categories) की पहचान की:
1. पूर्व-पैकेज्ड Software की बिक्री (Sale of Pre-Packaged Software) – जब Software को CD/DVD में या Downloadable रूप में स्थायी License के साथ बेचा जाता है, तो इसे माल (Goods) माना जाएगा और इस पर VAT लगेगा, न कि सेवा कर (Service Tax)।
2. सदस्यता-आधारित Software सेवाएं (Subscription-Based Software Services) – यदि Software को ग्राहक को मासिक या वार्षिक सदस्यता (Subscription) के आधार पर दिया जाता है, या इसे Cloud के माध्यम से एक्सेस किया जाता है (Software as a Service - SaaS), तो इसे सेवा (Service) माना जाएगा और इस पर सेवा कर (Service Tax) लगेगा।
3. Software का अनुकूलन और विकास (Customization and Development Services) – यदि कोई Software विशेष रूप से ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है, तो इसे सेवा (Service) माना जाएगा।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि Quick Heal का मामला पहली श्रेणी में आता है, और इसलिए इस पर सेवा कर (Service Tax) नहीं लगाया जा सकता।
GST के तहत भविष्य के कराधान (Future Taxation Under GST) पर प्रभाव
हालांकि यह मामला सेवा कर (Service Tax) के पुराने नियमों के तहत तय किया गया था, लेकिन इसका प्रभाव वर्तमान वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) प्रणाली में भी लागू हो सकता है। GST के तहत, यदि Software किसी भौतिक रूप (Physical Form) में बेचा जाता है, तो इसे "माल" (Goods) माना जाएगा, जबकि यदि इसे Online Access या Cloud Services के रूप में दिया जाता है, तो इसे "सेवा" (Service) माना जाएगा।
इस फैसले ने स्पष्ट किया कि किसी भी Software लेन-देन (Transaction) का कर निर्धारण (Tax Classification) उसके वास्तविक स्वरूप (Nature) के आधार पर किया जाना चाहिए, न कि कृत्रिम रूप से उसे सेवा (Service) में बदलकर दोहरे कराधान (Double Taxation) को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला Commissioner of Service Tax, Delhi बनाम Quick Heal Technologies Ltd. इस बात की पुष्टि करता है कि यदि कोई Software License EULA के तहत बेचा जाता है, तो यह अनुच्छेद 366(29A)(d) के अंतर्गत "काल्पनिक बिक्री" (Deemed Sale) मानी जाएगी और इस पर केवल VAT लगाया जा सकता है, सेवा कर (Service Tax) नहीं।
यह निर्णय Software उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि Software कंपनियों पर दोहरा कर (Double Taxation) न लगाया जाए। यह डिजिटल उत्पादों (Digital Goods) और सेवाओं (Services) के बीच अंतर को स्पष्ट करता है और कराधान (Taxation) को सही दिशा में ले जाता है।
भविष्य में यह फैसला GST के तहत भी Software के कर निर्धारण (Tax Classification) के लिए एक मिसाल बनेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि Software कंपनियों को गलत तरीके से सेवा कर (Service Tax) के दायरे में न लाया जाए।