हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : आइए जानते हैं हाईकोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

LiveLaw News Network

30 Nov 2020 3:32 PM IST

  • हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : आइए जानते हैं हाईकोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

    23 नवंबर से 27 नवंबर 2020 तक विभिन्न हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

    शादी के कथित झूठे वादे पर सेक्स करने का मामलाः ''दोनों बालिग हैं, लड़के पर सारा दोष ड़ालना उचित नहीं होगा'' हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार (25 नवंबर) को एक ऐसे शख्स को जमानत दे दी है, जिसने मुस्लिम होने के बावजूद कथित तौर पर अपने आप को हिंदू बताते हुए एक महिला से ''शादी का वादा करके उससे संबंध स्थापित किए और बाद में वह अपने वादे से मुकर गया।'' न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की खंडपीठ ने इस मामले में उस याचिकाकर्ता को जमानत दे दी है,जिसके खिलाफ महिला पुलिस स्टेशन, ऊना, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश में भारतीय दंड संहिता, 1860, (आईपीसी) की धारा 376, 506, 419, 201 सहपठित धारा 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी और इसी मामले में उसे गिरफ्तार किया गया था।

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    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 7 दिसंबर से सामान्य कामकाज फिर से शुरू करने का फैसला किया

    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (27 नवंबर) को एक अधिसूचना जारी कर सूचित किया कि वह सोमवार (7 दिसंबर) से सामान्य कामकाज फिर से शुरू करेगा। उच्च न्यायालय माननीय न्यायालय की COVID-19 समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन द्वारा आदेश पारित किया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए और यह ध्यान में रखते हुए कि मेट्रो रेलवे और उपनगरीय रेलवे दोनों ने सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं, सभी न्यायाधीशों सोमवार (7 दिसंबर) से सामान्य निर्धारण के साथ उच्च न्यायालय में बैठेंगे।

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    दिल्ली दंगा: कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को जमानत देने से इनकार किया

    दिल्ली की एक अदालत ने इस साल फरवरी में पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जहां ने मंडोली जेल में COVID -19 फैलने और अन्य चिकित्सा मुद्दों का हवाला देते हुए जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था । अपर सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 26 नवंबर को आरोपी की अर्जी खारिज करते हुए कहा था, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 सहित उन अपराधों की गंभीरता को देखते हुए, जिन पर आवेदक पर आरोप लगाया गया है, पिछले पैराग्राफ और जेल रिपोर्ट में हुई चर्चा, मैं आरोपी इशरत जहां को अंतरिम जमानत देना उचित मामला नहीं समझता।

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    सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती स्थानीय आबादी में यह मिथक तोड़ने की है कि 'बिहार कोरोना (COVID-19) को खा गया है' : पटना हाईकोर्ट

    पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार (26 नवम्बर) को टिप्पणी की कि सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बिहार के लोगों की मानसिकता को बदलने और स्थानीय आबादी में यह मिथक तोड़ने की है कि 'बिहार कोरोना (COVID-19) को खा गया है।' न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ COVID-19 से निपटने वाले व्यक्तियों के हितों की रक्षा करने के लिए विशेष दिशानिर्देश दिये जाने की मांग करने और इस संकट से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण को सुनिश्चित करने संबंधी कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

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    उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 लागू किया

    उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020) को लागू किया है। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार (24 नवंबर) को मसौदा अध्यादेश को मंजूरी दी थी, जिसके तहत व‌िध‌ि विरुद्ध धर्म परिवर्तन को को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध बना दिया गया है। [धारा 7] अधिनियम की प्रस्तावना- "दुर्व्यपदेशन, बल, असम्यक असर, प्रपीड़न, प्रलोभन द्वारा या किसी कपटपूर्ण साधन द्वारा या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन का प्रतिषेध करने और उससे संबंधित या आनुषंगिक विषयों का उपबन्ध करने के लिए।"

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    शादी का कथित झूठा वादा कर बनाया यौन संबंध, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत देते हुए कहा, "दोनों वयस्‍क थे, लड़के पर पूरा दोष डालना ज्यादती होगी"

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार (25 नवंबर) को एक ऐसे शख्स को जमानत दी, जिसने कथित रूप से मुस्लिम होने के बावजूद एक हिंदू होने का नाटक किया, और बाद में एक महिला से शादी का वादा करके, उसके सा‌थ यौन संबंध स्थापित किए और बाद में उसे छोड़ दिया। याचिकाकर्ता को महिला पुलिस थाना, ऊना, जिला ऊना, हिमाचल प्रदेश में भारतीय दंड संहिता, 1860, (IPC) की धारा 376, 506, 419, 201, धारा 34 के साथ पढ़ें, के तहत दर्ज एफआईआर में गिरफ्तार किया गया था। मामले की सुनवाई जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ ने की।

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    कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश की अवधि को जनवरी 7, 2021 तक बढ़ाया

    कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने अधीनस्थ न्यायालयों और ट्रिब्यूनलों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों की अवधि को 7 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया है। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने कहा, "केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिक न्यायालयों से संपर्क करने के अपने अधिकार से वंचित नहीं हैं, हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 और 227 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का कुछ दिशा-निर्देश जारी करने के लिए उपयोग करने का प्रस्ताव रखते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए जाने हैं कि वादकारियों को कानून के न्यायालयों के सामने आने में असमर्थता का सामना न करना पड़े। "

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने सीमित मामलों की सुनवाई के आधार पर कामकाज करने की अवधि को 15 जनवरी तक बढ़ाया, फिज़िकल हियरिंग के लिए रोस्टर में संशोधन किया

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र हियरिंग सुनवाई को 15 जनवरी तक बढ़ाने का फैसला किया है। वर्तमान कार्यप्रणाली के अनुसार, तीन न्यायालयों - सिविल, आपराधिक, और मूल के दौरान अदालत की प्रत्येक खंडपीठ समय-समय पर फिजिकल हियरिंग के लिए बैठती है, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों को भी उठाती है। नए रोस्टर के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता के डिवीजन बेंच के अलावा, जो इस अवधि के दौरान तीन दिन तक फिजिकल हियरिंग के लिए बैठेंगे, सभी डिवीजन बेंच 15 जनवरी तक चार बार फिजिकल हियरिगं के लिए बैठेंगे। सिविल क्षेत्राधिकार में सभी एकल बेंच इस अवधि के दौरान चार बार फिजिकल हियरिंग के लिए बैठेंगे, न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ को छोड़कर जो तीन दिनों के लिए बैठेंगे।

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    क्या अधिवक्ता स्टिकर कानूनी रूप से अधिकृत है और न्यायालय क्यों न स्टीकर पर प्रतिबन्ध लगाये क्योंकि इसका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है? मद्रास हाईकोर्ट ने पूछा

    मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में उत्तरदाताओं (सूची नीचे दी गई है) से जवाब मांगा है कि क्या अधिवक्ता स्टिकर कानूनी रूप से अधिकृत है और क्या इसे कानूनी मंजूरी मिली है? न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति बी. पुगलेंधी की खंडपीठ ने उत्तरदाताओं से आगे जवाब देने के लिए कहा कि क्यों न "अदालत द्वारा एडवोकेट स्टिकर को प्रतिबंधित किया जाए क्योंकि पुलिस और कानून के शिकंजे से बचने और डराने के लिए इसे वाहनों में चिपकाकर आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।"

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    ''किसी महिला को शादी करने के लिए परिवार मजबूर नहीं कर सकता' : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, परिवार उससे संपर्क न करे और 26 वर्षीय महिला को उसकी इच्छानुसार रहने दें

    दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में गुरुवार (26 नवंबर) को दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 26 वर्षीय महिला xyz (नाम जानबूझकर छिपाया है) को एक सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी के घर पर छोड़ दे, जहां वह अगले कुछ दिनों के लिए निवास करेगी। इस महिला ने दिल्ली महिला आयोग से संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता उसे उसकी मर्जी के खिलाफ शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। वहीं उसने एक रिट याचिका दायर कर स्वयं को पेश करने की मांग की थी।

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    महाराष्ट्र और गोवा की सभी अधीनस्थ अदालतें (पुणे को छोड़कर) 1 दिसंबर से नियमित कामकाज शुरू करें: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति में मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों ने महाराष्ट्र और गोवा राज्य और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (पुणे न्यायिक जिले में अदालतों को छोड़कर) के केंद्र शासित प्रदेशों के कामकाज के संबंध में पहले के एसओपी और उसमें संशोधनों के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दी । नए एसओपी के अनुसार- 1. पुणे न्यायिक जिले में अदालतों को छोड़कर सभी अदालतें (दो पालियों में 01.12.2020 से नियमित रूप से कार्य करना शुरू करेंगी।

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    बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत की इमारत ध्वस्त करने के बीएमसी के आदेश को रद्द किया, कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया

    बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को बड़ी राहत देते हुए, बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा उनके बंगले को ध्वस्त करने के लिए जारी नोटिस और आदेश को रद्द कर दिया। उच्च न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि यह आदेश "कानूनी द्वेष से से दिया गया" था। हाईकोर्ट ने अपने 166 पृष्ठ के फैसले में कहा, "हम एक स्पष्ट निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अधिनियम की धारा 354 ए के तहत जारी किए गए नोटिस और इसके बाद विध्वंस की कार्रवाई, द्वेष से कार्रवाई है, किसी भी रूप में, कानून के अनुसार, स्पष्ट दुर्भावना शामिल है, इससे याचिकाकर्ता को काफी चोट पहुंची है।"

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    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनिवार्य प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त से जवाब मांगा

    मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने आयुक्त से कहा है कि वे अगली तारीख यानी 6 जनवरी, 2020 से पहले एक हलफनामे के रूप में अपना जवाब दाखिल करें। आदेश मेंं कहा गया कि, "रिट याचिका में दिए गए तथ्यों पर विचार करने के बाद, हम मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनिवार्य प्रावधान के अनुपालन के संबंध में उत्तरदाता, नंबर 2, परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश को बुलाना करना उचित समझते हैं। "

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    नवरात्र पर ट्वीट: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने एडवोकेट दीपिका सिंह राजावत के खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया

    जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने बुधवार (25 नवंबर) को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एडवोकेट दीपिका सिंह राजावत के खिलाफ नवरात्र/नवरात्रों पर ट्वीट करने के मामले में दायर एफआईआर के संबंध में चल रही जांच में दखल देने से इनकार कर दिया । जस्टिस संजय धर की बेंच ने विशेष रूप से अवलोकन किया, "इस स्तर पर, पार्टियों के प्रतिद्वंद्वी विवादों के गुण-दोषों में जाना उचित नहीं होगा और एफआईआर की जांच में हस्तक्षेप करना भी उचित नहीं होगा ।

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    विपक्षी पक्ष जिले मे वकील है और इसके चलते प्रार्थी उचित कानूनी सहायता प्राप्त करने में असमर्थ है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामला गोरखपुर जिला अदालत में ट्रांसफर किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले को संत कबीर नगर जिला न्यायालय से गोरखपुर जिला न्यायालय में अन्तरित (Transfer) कर दिया क्योंकि अदालत ने यह पाया कि मामले में विपक्षी पक्ष (पक्ष नंबर 2) जिले में वकालत करता है, और इसके चलते प्रार्थी उचित कानूनी सहायता प्राप्त करने में असमर्थ है. न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की पीठ ने यह आदेश सुनते हुए इस बात पर गौर किया कि "न्याय न केवल किया जाना चाहिए बल्कि न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए।"

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    दिल्ली सरकार ने प्रत्येक जिले में एक अदालत को 'मानवाधिकार अदालत' के रूप में नामित किया

    दिल्ली सरकार के विधि, न्याय और विधायी कार्य विभाग ने दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रत्येक जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-02 की अदालत को मानवाधिकार अदालत के रूप में नामित करने की अधिसूचना जारी की है। 24 नवंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 30 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अनुपालन में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से दिल्ली के राष्ट्रीय स्वयं निर्वाचन आयोग के उपराज्यपाल ने प्रत्येक जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-02 की अदालत को मानवाधिकार न्यायालय के रूप में नामित करने की कृपा की है।

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    यूपी में वायु प्रदूषण: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की गई कार्रवाई रिपोर्ट मांगी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी लखनऊ बेंच के माध्यम से यूपी सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि वह राज्य में वायु प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने के लिए इसके द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताए। जस्टिस पंकज मिठल और जस्टिस सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने अधिकारियों को छह सप्ताह के भीतर अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है। पीठ ने पूछा, "साफ-सुथरे माहौल को बनाए रखने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए गए उपायों या योजनाओं के बारे में स्पष्ट रूप से संकेत देना और इस मुद्दे पर क्या उपाय किए जा रहे हैं।"

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    लॉ स्टूडेंड्स मिस्बाह रेशी और अनुप्रिया धोंचक, जिन्होंने 2021 रोड्स स्कॉलरशिप जीती

    भारत की दो लॉ स्टूडेंट्स ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए 2021 रोड्स छात्रवृत्ति हासिल करने में कामयाब हुई हैं। अनुप्रिया धोंचक, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली की अंतिम वर्ष की छात्रा और कैंपस लॉ सेंटर की अंतिम वर्ष की छात्रा मिस्बाह रेशी को प्रतिष्ठित रोड्स स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है, जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पीजी कोर्स करने के लिए युवा छात्रों को दी जाती है। अनुप्रिया ने यौन हिंसा सरवाइवर महिला कैदियों और न्याय के के अधिकारों के बारे में नीति परियोजनाओं पर काम किया है। उनके इस शोध को बर्कले जर्नल ऑफ़ जेंडर, लॉ एंड जस्टिस द्वारा प्रकाशित किया गया है और हाल ही में कॉपीराइट कानून में नैतिक अधिकारों के एक नारीवादी पुनरुत्थान पर प्रो कैरीज़ क्रेग के साथ एक पुस्तक अध्याय की सह-लेखक हैं। वर्तमान में वह एनएलयूडी में बौद्धिक संपदा के लिए स्पाइसीआईपी में एक साथी और एक शिक्षण सहायक हैं। वह समानता कानून और बौद्धिक संपदा के साथ मुक्त भाषण के मुद्दों के प्रतिच्छेदन में रुचि रखती है। उसने पूरे मध्य विद्यालय और हाईस्कूल में 5 राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप भी खेली हैं।

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    आईटी एक्ट की धारा 66 ए के तहत एफआईआर दर्ज करके यूपी पुलिस कर रही है श्रेया सिंघल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना

    इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश पुलिस अभी तक 2015 के श्रेया सिंघल मामले के फैसले से अनभिज्ञ दिख रही है, जबकि इस फैसले के तहत आईटी एक्ट की धारा 66 ए को असंवैधानिक करार दिया गया था। पिछले हफ्ते, एक बार फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ धारा 66 ए के तहत पिछले साल दर्ज की गई एक प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस समित गोपाल की पीठ ने कहा कि अदालत धारा 66 ए के तहत दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट को लेकर ऐसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है।

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    जब तक विज्ञापन में स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा गया कि योग्यताएं छूट योग्य हैं, कम योग्यता वाले व्यक्तियों को नियुक्त करना जनता से धोखाधड़ी के समान : बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में मानव संसाधन विकास में मास्टर्स पाठ्यक्रम में दाखिले के बावजूद अयोग्य ठहराई गई आरक्षित वर्ग से संबंधित 23 वर्षीय एक छात्रा की रिट याचिका को खारिज कर दिया, क्योंकि उसने 12 वीं में 55% हासिल करने के मापदंड को पूरा नहीं किया था। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि जिला कलेक्टर और अध्यक्ष बनाम एम त्रिपुरा सुंदरी देवी के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के सिद्धांत वर्तमान मामले पर लागू होते हैं और याचिका खारिज कर दी।

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    दिल्ली दंगा: अदालत ने सफूरा जरगर को अपने बच्चे की देखभाल के लिए 2 महीने के लिए मैटरनल होम जाने की अनुमति दी

    दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओंं के तहत आरोपी सफूरा जरगर को अपने बच्चे की केयर और रीति-रिवाजों के उचित नर्सिंग के लिए दो महीने के लिए अपने मैटरनल होम जाने की अनुमति दी। जरगर इस मामले में जमानत पर बाहर हैं और उन्होंने 12 अक्टूबर को एक बच्चे को जन्म दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानवीय आधार पर 23 जून को सफूरा की जमानत मंजूर कर ली थी क्योंकि वह तब 23 सप्ताह की गर्भवती थी।

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    उत्तर प्रदेश में राजस्व न्यायालयों के लिए अपर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव को एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें यूपी सरकार से पूछा गया है कि राज्य में रेवेन्यू कोर्ट को आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के लिए क्या कदम उठाए गए। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कहा, "हम उत्तर प्रदेश राज्य के कार्यक्रमों और परियोजनाओं के बारे में अदालत को जानकारी देने के लिए याचिका की सामग्री का जवाब देने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश देना उचित समझते हैं।"

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    रिपब्‍ल‌िक टीवी सीओओ प्र‌िया मुखर्जी को टीआरपी घोटाले में 20 दिनों की ट्रांजिट जमानत, कर्नाटक हाईकोर्ट ने दिया आदेश

    कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर, जिसमें टीआरपी स्कैम का आरोप लगाया गया है, में आरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (रिपब्लिक टीवी और आर भारत चैनल का मालिक कंपनी ) की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रिया मुखर्जी को 20 दिनों की ट्रांजिट जमानत दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि 20 दिनों बाद, प्र‌िया मुखर्जी को राहत के लिए उचित मंच पर अपील करनी होगी। इस बीच अगर उसे गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे 2 लाख रुपए के बांड और दो जमानतदारों की जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

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    बालिग महिला अपनी इच्छा से कहीं भी और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वच्छंद है : दिल्ली हाईकोर्ट ने माता-पिता को यह परामर्श देने का पुलिस को निर्देश दिया

    दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी मर्जी के व्यक्ति से शादी करने के लिए घर छोड़ने वाली बालिग महिला को राहत प्रदान की है। उस महिला की सहमति और इच्छा पर विचार करने के बाद, हाईकोर्ट ने कहा कि वह (महिला) अपनी इच्छा के अनुसार कहीं भी और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वच्छंद है। हाईकोर्ट का यह आदेश संबंधित महिला के परिजनों की ओर से दायर उस बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका पर आया है, जिसमें परिजनों ने महिला को कोर्ट के समक्ष पेश करने की गुहार लगायी थी। याचिका के अनुसार, वह महिला 12 सितम्बर 2020 को लापता हो गयी थी। उस महिला के अपने माता पिता के घर से लापता होने के पीछे बबलू नामक एक व्यक्ति को संदिग्ध के तौर पर पहचान की गयी थी

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    ऑनलाइन कक्षाओं से स्वास्थ्य को खतरा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बिना परीक्षा के आठवीं कक्षा तक के छात्रों को प्रमोट कर देने की याचिका पर जवाब मांगा

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संबंधित सरकारी प्राधिकरण से कहा है कि वह 8वीं कक्षा तक के छात्रों की अगली कक्षा में पदोन्नति के लिए 'जब तक फिजिकल कक्षाएं फिर से शुरू नहीं हो जाती परीक्षा प्रणाली नहीं वाली याचिका पर जवाब दे| यह याचिका ऑनलाइन कक्षाओं के कारण होने वाले बच्चों के बीच स्वास्थ्य संबंधी खतरों और लैपटॉप/कंप्यूटर/मोबाइल स्क्रीन द्वारा उत्सर्जित विद्युत चुम्बकीय तरंगों के लंबे समय तक संपर्क में रहने की पृष्ठभूमि में दायर की गई है।

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    धार्म‌िक पुजारी विवाह के लिए धर्मांतरण की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट को नहीं दे रहे,उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दिए जांच के आदेश

    उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट, देहरादून को उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2018 की धारा 8 (2) का पालन न करने के बारे में विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। उक्त कानून के तहत एक पुजारी को किसी व्यक्ति का धर्मांतरण कराने से पहले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना देना अनिवार्य होता है। जस्टिस आलोक कुमार वर्मा और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने दो मामलों में अंतर-धार्मिक जोड़ों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए उक्‍त निर्देश दिए। एक मामले में, एक हिंदू लड़की ने इस्लाम धर्म अपनाया था और दूसरे मामले में, एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू धर्म अपनाया था।

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    याचिकाकर्ता ने केवल महाराणा प्रताप के वर्ग (क्षत्रिय या मारवाड़ी) के बारे में अपनी धारणा साझा की; नफरत फैलाने का कोई इरादा नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने FIR रद्द की

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट के लिए मनोरंजन यादव (याचिकाकर्ता) नामक व्यक्ति के खिलाफ दायर एक एफआईआर को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी धारणा साझा की कि महाराणा प्रताप किस वर्ग में आएंगे, यानि क्षत्रिय या मारवाड़ी के रूप में। न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ याचिकाकर्ता (मनोरंजन यादव) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 (2000 का अधिनियम 21) 2000 की धारा 66 और 505 आई.पी.सी. के तहत दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की प्रार्थना की थी।

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    पति को सौंपी गई संपत्ति पर दावा करने के लिए तलाकशुदा पत्नी के लिए कोई लिमिटेशन पीरियड नहींः केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट की एक पूर्ण पीठ ने माना है कि विवाह के विघटन के बाद भी पति को उन संपत्तियों के संबंध में विश्वास में रखने वाला व्यक्ति (होल्ड इन ट्रस्ट ) माना जाएगा,जो दहेज के रूप में शादी से पहले पत्नी द्वारा उसको सौंपी गई थी। इसका मतलब यह है कि लिमिटेशन एक्ट 1963 की धारा 10, जो ट्रस्ट और ट्रस्टियों के खिलाफ लिमिटेशन पीरियड के आवेदन से छूट देती है, विवाह के विघटन के बाद भी ऐसी संपत्ति पर लागू रहेगी। इसलिए पति या ससुराल वालों को सौंपी गई संपत्ति की वापसी के दावे के संबंध में विवाह के विघटन के बाद भी लिमिटेशन पीरियड शुरू नहीं होगा।

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    FIR हिंसा के किसी भी कृत्य का खुलासा नहीं करती, पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए: मद्रास उच्च न्यायालय ने 2 CAA-NRC प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज FIR रद्द की

    यह देखते हुए कि याचिकाकर्ताओं ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) में संशोधन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन/विरोध प्रदर्शन किया था, मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में सीएए-एनआरसी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दायर एफआईआर को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति जे. निशा बानू की पीठ हेनरी टिपाग्ने और साथिक अली की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने अपने खिलाफ सीएए-एनआरसी में प्रदर्शन करने के चलते दर्ज एफआईआर को रद्द करने की प्रार्थना की थी।

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    'एक झूठी शिकायत के आधार पर एक व्यक्ति 77 दिनों तक जेल में रहा है' : केरल हाईकोर्ट ने पीड़िता द्वारा सहमति से संबंध बनाए जाने की बात स्वीकार करने के बाद बलात्कार के आरोपी को जमानत दी

    COVID नेगेटिव सर्टिफिकेट बनवाने आई एक महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को जमानत देते हुए केरल हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता के खिलाफ उचित कार्रवाई करे क्योंकि उसने बयान दिया है कि आपसी सहमति से संबंध बनाए गए थे। अदालत स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई तीसरी जमानत अर्जी का निपटारा कर रही थी। पिछले दो जमानत आवेदनों को अदालत ने खारिज कर दिया था और वह लगभग 77 दिनों से जेल में था।

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    शादी के प्रस्ताव को ठुकराना मर्डर के लिए उकसाने का कारण नहीं हो सकता : कर्नाटक हाईकोर्ट

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक ठुकराए हुए प्रेमी के द्वारा प्रस्तुत किए गए अचानक उकसाने के बचाव को खारिज कर दिया है। इस प्रेमी ने शादी के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार करने पर एक लड़की की हत्या कर दी थी। न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव और न्यायमूर्ति पी कृष्णा भट की खंडपीठ ने कहा किः '' इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अगर आरोपी को 'गंभीर और अचानक उकसावे' का बचाव लेने की अनुमति दे दी गई तो यह केस ''निदंनीय'' हो जाएगा और इसके अलावा भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 (1)(ए) और 21 के तहत मृतक को मिले मौलिक अधिकारों की उपेक्षा करेगा और इस तरह होगा,जैसे सार्वजनिक नीति का विरोध किया जा रहा है।''

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    एक वकील के खिलाफ शिकायत को अनुशासनात्मक समिति को संदर्भित करते हुए बार काउंसिल उसकी प्रैक्टिस का लाइसेंस निलंबित नहीं कर सकतीः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल द्वारा पारित एक प्रस्ताव को रद्द कर दिया है, जिसमें न्यायपालिका और वकीलों के बारे में कथित रूप से फेसबुक पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोपी वकील की प्रैक्टिस का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि एडवोकेट्स एक्ट और बीसीआई रूल्स के प्रावधान स्टेट बार काउंसिल को यह शक्ति प्रदान नहीं करते हैं, कि वह अपनी अनुशासनात्मक समिति को एक अधिवक्ता के खिलाफ शिकायत का हवाला देते हुए उसका प्रैक्टिस करने का लाइसेंस निलंबित कर सकती है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने टेलीग्राम को उस चैनल को डिसएबल करने को कहा जिस पर एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की कॉपीराइट स्टडी मटीरियल / लेक्चर उपलब्ध कराए जा रहे थे

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार (18 नवंबर) को टेलीग्राम मोबाइल इंटरनेट एप्लिकेशन (और प्रतिवादी नं. 2 से 5) के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए उन्हें एलन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के कॉपीराइटेड स्टडी मटीरियल / लेक्चर प्रदान करने वाले चैनलों को हटाने / निष्क्रिय करने का निर्देश दिया गया। न्यायमूर्ति राजीव शकधर की एकल पीठ ने टेलीग्राम के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध 31 चैनलों के नाम / लिंक वाली एक सूची प्रदान की, जो कथित रूप से 'एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कॉपीराइट स्टडी मटीरियल/लेक्चर प्रदान करती है।

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    बलात्कार का झूठा आरोप लगाने का मामला : सात साल तक मुकदमे का सामना करने वाले व्यक्ति को चेन्नई कोर्ट ने 15 लाख रुपये मुआवजा दिया

    चेन्नई की एक अदालत (XVIII एडिशनल सिटी सिविल कोर्ट, चेन्नई) ने संतोष नामक एक व्यक्ति को मुआवजे के रूप में 15 लाख दिए हैं। उसे बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था (जब वह एक कॉलेज का छात्र था।) और उसे 7 साल से अधिक समय तक मुकदमे का सामना करना पड़ा। XVIII एडिशनल सिटी सिविल कोर्ट, चेन्नई डॉ आर सत्या संतोष इस मामले में वादी संतोष की तरफ दायर एक मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे। यह मुकदमा ऑर्डर VII,रूल 1सीपीसी के तहत दायर किया गया था और मांग की गई थी कि प्रतिवादियों (महिला और उसकी मां) को निर्देश दिया जाए कि वह संयुक्त रूप से या अलग-अलग उसे क्षति व लागत के रूप में तीस लाख रुपये दे।

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    ड्रग्स केस: मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भारती सिंह और पति हर्ष लिम्बाचिया को जमानत दी

    एस्प्लेनेड कोर्ट में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने सोमवार को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को जमानत दे दी। भारती सिंह और उनके पति को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने उनके घर पर छापा मारकर 86.5 ग्राम मारिजुआना (गांजा) बरामद करने के बाद 4 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इससे पहले भारती सिंह को शनिवार को NCB के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अगले दिन उनके पति को भी गिरफ्तार कर लिया गया था और रविवार को उसी अदालत ने दंपति को 4 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। NCB ने दावा किया है कि दोनों आरोपियों ने मारिजुआना के सेवन की बात कबूल की है। दंपती को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के तुरंत बाद उन्होंने जमानत की अर्जी दाखिल की और रिहा करने की मांग की।

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