दिल्ली दंगा: अदालत ने सफूरा जरगर को अपने बच्चे की देखभाल के लिए 2 महीने के लिए मैटरनल होम जाने की अनुमति दी

LiveLaw News Network

26 Nov 2020 11:15 AM IST

  • दिल्ली दंगा: अदालत ने सफूरा जरगर को अपने बच्चे की देखभाल के लिए 2 महीने के लिए मैटरनल होम जाने की अनुमति दी

    दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के एक मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओंं के तहत आरोपी सफूरा जरगर को अपने बच्चे की केयर और रीति-रिवाजों के उचित नर्सिंग के लिए दो महीने के लिए अपने मैटरनल होम जाने की अनुमति दी।

    जरगर इस मामले में जमानत पर बाहर हैं और उन्होंने 12 अक्टूबर को एक बच्चे को जन्म दिया था।

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानवीय आधार पर 23 जून को सफूरा की जमानत मंजूर कर ली थी क्योंकि वह तब 23 सप्ताह की गर्भवती थी।

    अभियोजन पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति नहीं किए जाने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने गुरुवार से जरगर को हरियाणा स्थित अपने मैटरनल होम जाने की अनुमति दे दी।

    अदालत ने उसे गूगल मैप्स पर ' ड्रॉप-ए-पिन ' करने का निर्देश दिया, ताकि जांच अधिकारी उसकी उपस्थिति और स्थान को सत्यापित कर सके।

    अदालत ने उसे उच्च न्यायालय द्वारा उस पर लगाई गई सभी जमानत शर्तों का पूरी लगन से पालन करने और अदालत के निर्देशों के अनुसार फिज़िकल रूप से या वेबेक्स के माध्यम से अदालत की सुनवाई के दौरान पेश होने का भी निर्देश दिया।

    उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह ऐसी किसी भी गतिविधि में लिप्त नहीं होगी जिसके लिए उसकी जांच की जा रही है और वह चल रही जांच में बाधा या हस्तक्षेप नहीं करेगी या गवाहों को प्रभावित नहीं करेगी।

    साथ ही यह भी कहा कि अगर जरगर को यात्रा करने की जरूरत है तो उसे निचली अदालत से अनुमति लेनी होगी और वह 15 दिन में एक बार मोबाइल फोन पर मामले के जांच अधिकारी के संपर्क में रहेगी।

    जरगर की ओर से पेश हुए एडवोकेट रितेश दुबे ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि वह अपने रिकवरी मोड में हैं और उन्हें अपने बच्चे को प्राइमरी केयरटेकर की भूमिका मुहैया करानी है।

    यह प्रस्तुत किया गया कि वह दो महीने की अवधि के लिए अपने बच्चे के उचित नर्सिंग के लिए अपने मैटरनल होम का दौरा करना चाहती है। दुबे ने कहा वह फ्लाइट रिस्क नहीं है और इस कोर्ट द्वारा लगाई गई किसी भी शर्त का पालन करने के लिए तैयार है।

    पुलिस की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है और अदालत द्वारा आवश्यक शर्तें लगाई जाएं।

    Next Story