हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
15 फरवरी 2021 से 19 फरवरी 2021 तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र
दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जी हलफनामा देकर मामले के निपटारे के संबंध में कोर्ट को गुमराह करने वाले बलात्कार के अभियुक्त की जमानत याचिका निरस्त की
दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बलात्कार के उस अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी जिसने पीड़िता के फर्जी हस्ताक्षर और जाली आधार कार्ड की कॉपी लगाकर झूठा हलफनामा दाखिल किया, जिसमें दावा किया गया था कि उसके और पीड़िता के बीच मामले का निपटारा हो चुका है, इसलिए अब मुकदमा खत्म किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की एकल पीठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अभियुक्त के खिलाफ इस मामले में एक और प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और अभियुक्त का कदम यह दर्शाता है कि वह जेल से बाहर आने के लिए किस कदर हताशा में है।
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टूलकिट केस- युवा देशभक्त भारतीयों को डराने के लिए देशद्रोह कानून का दुरुपयोग किया जाता है;आईपीसी की धारा 124ए पर पुनर्विचार करने की जरूरतः दिल्ली हाईकोर्ट वूमन एडवोकेट फोरम ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र
दिल्ली हाईकोर्ट वूमन एडवोकेट फोरम ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक प्रतिनिधित्व सौंपा है, जिसमें कथित तौर पर ग्रेटा थुनबर्ग 'टूलकिट' मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने के मद्देनजर आईपीसी की धारा 124 ए (सेडिशन) की संवैधानिक वैधता पर फिर से विचार करने का आग्रह किया गया है। फोरम ने कहा कि,''हाल की घटनाओं में जहां बैंगलोर की एक युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि (21 वर्ष) को दिल्ली पुलिस ने बैंगलोर में गिरफ्तार किया है और किसी भी निर्धारित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और गिरफ्तारी का कोई स्पष्ट कारण बताए बिना ही उसे 14 फरवरी 2021 को दिल्ली ले आया गया।''
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दिल्ली कोर्ट ने टूलकिट एफआईआर के संबंध में दिशा रवि को तीन दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को टूलकिट एफआईआर के संबंध में दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दिशा रवि को आज पांच दिन की पुलिस हिरासत की समाप्ति पर पटियाला हाउस कोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मुख्य मजिस्ट्रेट आकाश जैन ने आदेश पारित किया। पुलिस ने अदालत को बताया कि सह-अभियुक्त शांतनु मुलुक को 22 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है। दिशा रवि की पैरवी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल पेश हुए।
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एडल्ट कंटेंट मामले में शर्लिन चोपड़ा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की
अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा ने मुफ्त अश्लील वेबसाइटों पर 'वयस्क सामग्री' प्रकाशित करने के लिए अपने खिलाफ लगे अश्लीलता के आरोपों के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। अपनी याचिका में शर्लिन चोपड़ा ने का दावा किया है कि सामग्री एक सदस्यता-आधारित अंतर्राष्ट्रीय पोर्टल के लिए थी और वह वास्तव में चोरी का शिकार है। हालांकि इससे पहले अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा की अग्रिम जमानत को सेशन कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा था कि एक आत्मनिर्भर महिला से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपने चुनिंदा समूह के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए एडल्ट कंटेंट बनाती है और उस कंटेंट को प्री-पोर्न वेबसाइट पर प्रकाशित करती है, जिससे यह आसानी से और मुफ्त में देखने के लिए उपलब्ध हो सके।
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मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के ट्रायल में शामिल वॉलियंटर्स पर हुए साइड इफेक्ट के आरोप पर SII, DCGI, ICMR नोटिस जारी किया
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा उत्पादित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्रा ज़ेनेका वैक्सीन 'कोविशील्ड' के क्लिनल ट्रायल में शामिल एक वॉलियंटर द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है। अपनी याचिका में वॉलियंटर ने वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद कथित रूप से गंभीर प्रभाव पड़ने का आरोप लगाया है। वॉलियंटर की इस याचिका पर हाईकोर्ट ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव के माध्यम से भारत सरकार को नोटिस जारी किया। इसी तरह ड्रग्स कंट्रोलर जनरल, ICMR के महानिदेशक, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ, एस्ट्रा ज़ेनका यूके के सीईओ और एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है।
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सड़कों पर सामान बेचने वाले बच्चों का सर्वेक्षण का उद्देश्य उनके शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना है; किसी को दंडित करना नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने (गुरुवार) कर्नाटक राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (KSLSA को निर्देश दिया कि, "यह किसी को दंडित करने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि जिन बच्चों को खिलौने और अन्य सामान सड़कों पर बेचने के लिए मजबूर किया जाता है, उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के काम में लगाया जाना चाहिए।" इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि, बेंगलुरु की सड़कों पर खिलौने, फूल आदि बेचने के लिए मजबूर किए जाने वाले कमजोर बच्चों की पहचान के लिए डेटा संग्रह सर्वेक्षण शुरू की जाए।
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'इस भयावह घटना ने हमें फिर से अराजकता के दिनों में पहुँचा दिया है': बीसीआई ने तेलंगाना में वकील दंपति की हत्या की निंदा की
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बुधवार दोपहर तेलंगाना में एक वकील दंपति की हत्या की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है। जारी बयान में काउंसिल ने कहा कि यह पेशे की स्वतंत्रता पर हमला है। यह बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। यहां तक कि अधिवक्ताओं के लिए भी घातक साबित हो रहा है। बयान में कहा गया कि दंपति की कथित असामयिक मौत की वजह हिरासत में सीलम रंगैया की हत्या के खिलाफ आवाज़ उठाना थी। आगे कहा गया, "यह नोट करने और चौंकाने वाला है कि मृतक ने पुलिस थाने में हिरासत में मौत के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की थी। इसके खिलाफ तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं ने उनकी हत्या कर दी। यह घटना हमें अराजकता, गुंडाराज और अधर्म के दिनों में वापस ले गई है।"
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मिर्जापुर वेब सीरीज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीरीज के निर्देशकों और लेखकों की गिरफ्तारी पर रोक लगाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (18 फरवरी) को 'मिर्जापुर सीरीज' के निदेशकों और लेखकों यानी करण अंशुमन, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्णा और विनीत कृष्णा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई। न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और इस मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। मामले की पृष्ठभूमि याचिकाकर्ता (करण अंशुमन, गुरमीत सिंह, पुनीत कृष्ण और विनीत कृष्णा) और फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट 17 जनवरी 2021 को कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन (मिर्जापुर) में स्थानीय पत्रकार अरविंद चतुर्वेदी के द्दवारा एक अवांछित घटना के लिए दर्ज की गई थी।
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अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित हिंदू कानून को नकारने का संसद के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है', 'ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में मंदिर की पुनर्स्थापना' के लिए वाराणसी में मुकदमा दायर
वाराणसी में सिविल सीनियर जज के समक्ष एक मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें "ज्ञानवापी मस्जिद क्षेत्र में एक प्राचीन मंदिर की मुख्य गद्दी पर अनुष्ठान की बहाली" की मांग की गई है। मुकदमा मां गौरी के "अगले मित्र" के रूप में रंजना अग्निहोत्री और 9 अन्य लोगों ने दायर किया है। वादकारियों ने दावा किया है कि वो भगवान शिव के भक्त और उपासक हैं। मुकदमे में गृह मंत्रालय के माध्यम से केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य, डीएम वाराणसी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, वाराणसी, यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन समिति, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद और न्यासी बोर्ड काशी विश्वनाथ मंदिर को प्रतिवादी बनाया गया है।
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घर से भागे युगल पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जुर्माना लगाया, आधार कार्ड में हेराफेरी का था आरोप
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में घर से भागे एक युगल की संरक्षण याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने आधार कार्ड में दी गई जन्मतिथि में हेरफेर कारण युगल पर जुर्माना भी लगाया। फरीदाबाद की दंपति ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि उन्होंने शादी की है और उनकी साथ रहने की इच्छा है। हालांकि, आरोप लगाया गया था कि लड़की के परिजन उनके रिश्ते के खिलाफ हैं और लड़के के खिलाफ उन्होंने आईपीसी की धारा 346 (गुप्त रूप से, गलत ढंग से कैद में रखना) के तहत झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी।
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पत्नी की तम्बाकू चबाने की आदत के आधार पर तलाक की डिक्री को मंजूरी नहीं दी जा सकती : बॉम्बे हाईकोर्ट
फैमिली कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ एक पति की तरफ से दायर अपील को खारिज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट (नागपुर बेंच) ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि तलाक की डिक्री पारित करने के लिए पत्नी की तम्बाकू चबाने की आदत अकेले पर्याप्त आधार नहीं है। इससे पहले फैमिली कोर्ट ने भी पति की तरफ से दायर तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था। यह देखते हुए कि यदि विवाह को भंग कर दिया जाता है, तो बच्चों को बहुत नुकसान होगा, न्यायमूर्ति पुष्पा वी गणेदीवाला और न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर की पीठ ने कहा कि अपीलकर्ता/पति द्वारा ऐसे कोई सबूत पेश नहीं किए गए,जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट के सुविचारित निष्कर्षों में हस्तक्षेप किया जाए।
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मीडिया में जानकारी लीक करने का आरोप लगाने वाली दिशा रवि की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने NBSA, टाइम्स नाऊ, न्यूज़ 18 को नोटिस जारी किया, पुलिस से हलफनामा मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक्टिविस्ट दिशा रवि द्वारा दायर उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली पुलिस को टूलकिट मामले में उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर से संबंधित जांच सामग्री को लीक करने से रोकने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को शुक्रवार सुबह इस मामले में एक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुत किया कि जांच में कुछ भी लीक नहीं हुआ है।
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जब कोई पुरुष एक ऐसी महिला से शादी करता है जिसके बारे में जानता है कि उसका पहले पति से कानूनी रूप से तलाक नहीं हुआ है, तो 125 की कार्यवाही में शादी के अवैध होने की दलील नहीं दे सकताः छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना है कि एक पुरुष, जो एक महिला से बारे में पूरी तरह से जानता था कि उसकी पूर्व की शादी वैध तलाक के जरिए समाप्त नहीं हुई है, उसे सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण पोषण की कार्यवाही में विवाह के अवैध होने की दलील देने से रोक दिया जाता है। न्यायमूर्ति राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत की एकल पीठ ने एक फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ दायर एक रिविजन पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। फैमिली कोर्ट ने आवेदक-पत्नी को इस आधार पर भरण पोषण भत्ता देने से इनकार कर दिया था कि उसने पहले पति से वैध तलाक नहीं लिया,इसलिए वह प्रतिवादी (दूसरे पति) की कानूनी रूप से पत्नी नहीं है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने बिटकॉइन एटीएम की स्थापना करने पर आपराधिक मामले को खारिज किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 में बेंगलुरु में एक बिटकॉइन एटीएम स्थापित पर Unocoin कंपनी के संस्थापकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एच. पी. संधेश की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 23 अक्टूबर, 2018 को साइबर अपराध पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए बी वी हरीश और सात्विक विश्वनाथ के खिलाफ दर्ज मामले को खारिज कर दिया। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 6 अप्रैल, 2018 को जारी किए गए परिपत्र के आधार पर पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। उक्त परिपत्र द्वारा आरबीआई ने बैंकों और NBFC जैसे विनियमित संस्थाओं पर वर्चुअल करेंसी से निपटने और क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग करने के लिए सेवाएं प्रदान करने से रोक लगा दी थी।
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दिल्ली कोर्ट का पुलिस को निर्देश, प्रश्न पत्र में जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए
दिल्ली कोर्ट ने (बुधवार) पुलिस अधिकारियों को प्राथमिक शिक्षक परीक्षा (Primary Teacher Examination) के लिए निर्धारित प्रश्न पत्र में जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का उपयोग करने के कारण दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। कड़कड़डूमा जिला न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर बेदी ने आदेश दिया कि, "अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 के प्रावधानों के तहत किए गए अपराधों के लिए आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके साथ ही इसी अधिनियम के तहत अधिकार प्राप्त अधिकारी द्वारा जांच की जानी चाहिए, जो मासिक रिपोर्ट के साथ न्यायालय के समक्ष दायर की जाएगी।"
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तेलंगाना हाईकोर्ट ने दिनदहाड़े वकील दंपत्ति की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लिया
तेलंगाना हाईकोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली और न्यायमूर्ति बी. विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने बुधवार को हैदराबाद के पास एक वकील दंपति की हत्या पर स्वत: संज्ञान लिया है। तेलंगाना के एक वकील दंपति, जिन्होंने पहले उनके द्वारा दायर जनहित याचिकाओं के संबंध में उत्पीड़न की शिकायत की थी, की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। तेलंगाना के एक वकील दंपति की बुधवार को हैदराबाद के पास दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। वकील दंपति ने उनके द्वारा दायर जनहित याचिकाओं के संबंध में धमकी और प्रताड़ना की शिकायत की थी।
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यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जाता है तो वर्चुअल सुनवाई में वापस जाएंगे': जस्टिस गौतम पटेल
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम पटेल ने (बुधवार) कोर्टरूम में भीड़भाड़ को लेकर चिंता जताई। जस्टिस पटेल ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोविड-19 के सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं किया जाएगा, तो फिजिकल (भौतिक सामाजिक दूरी) सुनवाई को निलंबित कर देंगे और वर्चुअल सुनवाई में वापस चले जाएंगे। हाईकोर्ट के वेबसाइट पर प्रकाशित नोटिस में लिखा है कि, "कोर्ट रूम नबंर 37 में बहुत अधिक भीड़भाड़ है। अधिवक्ता और पक्षकार सुरक्षा मानदंडों और सावधानियों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस कारण से, अब केवल उन लोगों को ही न्यायालय में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जिनका न्यायालय में मामला चल रहा है। इसके साथ ही जांच भी की जाएगी। जिनके मामले नहीं चल रहे होंगे, उन्हें कोर्ट से बाहर जाने के लिए कहा जाएगा।"
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एक्टिविस्ट दिशा रवि टूलकिट मामले में इंडिया टुडे, टाइम नाउ, न्यूज 18 के द्वारा हिंसात्मक रिपोर्टिंग करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुँची
टूलकिट मामले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार और 5 दिन के लिए रिमांड पर भेजी गई 22 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर दिल्ली पुलिस को उसके खिलाफ गई जांच को सेल, मीडिया सहित किसी भी तीसरे पक्ष को उसके द्वारा निजी चैट / संचार की कथित सामग्री सहित किसी भी जांच सामग्री को लीक करने से रोकने की मांग की। रवि द्वारा दायर याचिका में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और न्यूज 18 के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश देने की भी मांग की गई है।
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'मैनुअल स्कैवेंजिंग को रोकने के लिए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया जाए': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने (बुधवार) राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वे राज्य के सभी प्राधिकरणों और एजेंसियों को द प्रोहिबिशन ऑफ एंप्लॉयमेंट ऑफ मैनुअल स्कैवेंजर्स एंड द रिहैबिलिटेशन रूल्स, 2013 के नियम 3 के कार्यान्वयन के लिए एक सामान्य दिशा निर्देश जारी करने पर विचार करें। नियम के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को कुछ अपवादों को छोड़कर, सुरक्षा उपकरणों के साथ मैनुअल रूप से सीवर को साफ करने की अनुमति नहीं है। मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की खंडपीठ ने कहा कि,
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भगवान किसी भी समुदाय को मान्यता नहीं देते, मंदिर को सांप्रदायिक अलगाव का स्थान बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : मद्रास हाईकोर्ट
यह देखते हुए कि व्यक्तियों के बीच वर्गीकरण का, भगवान के निवास-स्थान में कोई स्थान नहीं है, मद्रास उच्च न्यायालय (मदुरै बेंच) ने पिछले हफ्ते टिप्पणी की थी कि यह "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" था कि तिरुचि जिला के एक मंदिर के उत्सव के आयोजन पर लोगों के बीच मतभेद था। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस. अनंथी की खंडपीठ ने श्री एरण्यमन थिरुकोविल के मंदिर उत्सव के आयोजन को लेकर 3 समुदायों के बीच एक शांति बैठक आयोजित करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज करते हुए इस प्रकार अवलोकन किया।
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कील दंपत्ति की हत्या केस: वकील ने तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष सीबीआई जांच की मांग को लेकर पत्र याचिका दायर की
तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है, जिसमें राज्य में एक वकील दंपति की कथित हत्या की सीबीआई जांच की मांग की गई है। अधिवक्ता ख्वाजा एजाजुद्दीन द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व में कहा गया है कि मृतक दंपति को मौत के घाट उतार दिया गया, क्योंकि वह जनहित याचिका दायर करके नियम कानून के पालन में लगे हुए थे और शोषितों के लिए न्याय हासिल करने में शामिल थे। पत्र याचिका में आगे कहा गया है कि हाईकोर्ट द्वारा पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के निर्देशों के बावजूद दंपति की हत्या की गई। इससे यह जाहिर होता है कि संबंधित पुलिस विभाग जानबूझकर वकील दंपति की सुरक्षा करने में विफल रहा है।
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तेलंगाना : वकील दंपति की दहाड़े हत्या, वाहन रोका, चाकुओं से वार किए
तेलंगाना के एक वकील दंपति की बुधवार को हैदराबाद के पास दिन दहाड़े हत्या कर दी गई। वकील दंपति ने उनके द्वारा दायर जनहित याचिकाओं के संबंध में धमकी और प्रताड़ना की शिकायत की थी। जैसा कि द हिंदू द्वारा रिपोर्ट किया गया है, अधिवक्ता गट्टू वामन राव और उनकी पत्नी पीवी नागमणि मंथनी में एक अदालत के मामले में भाग लेने के बाद हैदराबाद लौट रहे थे, जब उनके वाहन को रोका गया और कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर कई बार चाकू से वार किया।
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स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन': मद्रास हाईकोर्ट ने प्रॉसिक्यूशन को एक लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (अभियोजन) को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता (अभियुक्त) को 1 लाख रुपये का मुआवजा दे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि, "याचिकाकर्ता के स्पीडी ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन हुआ है और मैं इस चीज (सच्चाई) से अपना हाथ पीछे नहीं खींच सकता हूं।" कोर्ट, एम. अनंथन की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत निषिद्ध पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने अभियोजन पक्ष की सुनवाई के लिए अभियोजन पक्ष यानी नारकोटिक्स ब्यूरो को पक्ष रखने के लिए बुलाया।
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने टूलकिट मामले में एडवोकेट निकिता जैकब को तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल दी
बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट का सामना करने वाली मुंबई की एडवोकेट निकिता जैकब को किसानों के विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में "टूलकिट" मामला में तीन सप्ताह के लिए ट्रांजिट एंटीसिपेटरी बेल दे दी। न्यायमूर्ति पीडी नाइक की एकल पीठ ने उनके आवेदन पर सुनवाई के बाद जैकब को यह राहत दी। पीठ ने कहा कि चूंकि पुलिस अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी ली है। उनके लैपटॉप और फोन को जब्त कर लिया है और उसका बयान दर्ज किया है। इसका मतलब है कि जैकब ने खुद को जांच के लिए उपलब्ध कराया है।
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दिल्ली दंगा षड्यंत्र केस: दिल्ली कोर्ट ने उमर खालिद, शारजील इमाम और अन्य की न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2021 तक बढ़ाई
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मंगलवार को उमर खालिद, शारजील इमाम और अन्य की दिल्ली दंगों की साजिश मामले (एफआईआर 59/2020) में न्यायिक हिरासत 1 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस दंगों की इस "बड़ी साजिश" की जांच कर रही है। दिल्ली में ये दंगे पिछले साल फरवरी में हुए थे। पिछले साल सितंबर में पिंजरा तोड़ की सदस्य और जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ मुख्य आरोप पत्र दायर किया गया है।
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राजद्रोह कानून का उपयोग उपद्रवियों को शांत करने के बहाने के तहत आशंकाओं को दूर करने के लिए नहीं किया जा सकता : दिल्ली कोर्ट
दिल्ली कोर्ट ने (सोमवार) एक 21 वर्षीय मजदूर को जमानत दी, जिसे किसान विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से संबंधित अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट करने पर राजद्रोह (Sedition) और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने आरोपी को यह देखते हुए जमानत दी कि आरोपी ने वह पोस्ट नहीं लिखा था, उसने बस उस पोस्ट को फॉरवर्ड किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें टैगलाइन थी कि, "दिल्ली पुलिस में बगावत, 200 पुलिस कर्मियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा। जय जवान जय किसान #I_Support_ Rakesh_ Tikait_ Challenge" (दिल्ली पुलिस में बगावत है और लगभग 200 पुलिस अधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया। सैनिक की जय हो। किसान की जय हो।)
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बार को न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने वाले मुवक्किलों को हतोत्साहित करना चाहिए : मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने हाल ही में कहा है कि वकीलों को चाहिए कि वे न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ निराधार आरोप लगाने से अपने मुवक्किलों को हतोत्साहित करें और इन आरोपों को अपनी दलीलों में शामिल करने से परहेज करें। न्यायमूर्ति के. मुरली शंकर ने यह टिप्पणी उस पुनर्विचार याचिका पर की जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि याचिकाकर्ता को अपने मामले में व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर विस्तार से जिरह करने का पर्याप्त मौका नहीं दिया गया था।
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निजी संचार की निगरानी, निजता के अधिकार को सीमित करती है': दक्षिण अफ्रीका के संवैधानिक कोर्ट ने निगरानी कानून को असंवैधानिक ठहराया
दक्षिण अफ्रीका के संवैधानिक न्यायालय ने निजी संचार की निगरानी निजता के अधिकार को सीमित करती है, इसके आधार पर संचार के अवरोधन के प्रावधान और संचार से संबंधित सूचना अधिनियम, 2002 (RICA ACT 2002) प्रावधान को असंवैधानिक घोषित किया। न्यायालय ने उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित करने को, इस हद तक सही ठहराया कि आरआईसीए विफल रहा है - (a) सुरक्षा उपायों के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि धारा 1 के संदर्भ में निर्दिष्ट न्यायाधीश पर्याप्त रूप से स्वतंत्र है; (b) उसके या उसकी निगरानी के तथ्य की निगरानी के विषय को सूचित करने के लिए प्रदान करें जैसे ही निगरानी समाप्त होने के बाद निगरानी के उद्देश्य को खतरे में डाले बिना अधिसूचना दी जा सकती है; (c) इस तथ्य को संबोधित करने के लिए पर्याप्त रूप से सुरक्षा उपाय प्रदान करते हैं कि अवरोधन निर्देश
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सीएम एडवोकेट वेलफेयर पॉलिसी : दिल्ली हाईकोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को 29077 वकीलों को ई-कार्ड जारी करने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NIACL) को उन सभी 29077 वकीलों को ई-कार्ड जारी करने का निर्देश दिया, जो सीएम एडवोकेट वेलफेयर मेडिक्लेम पॉलिसी के लाभार्थी हैं, जिससे वे पॉलिसी लेने की तारीख से लाभ प्राप्त कर सकें। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने निर्देश दिया कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किए बिना ऐसे ई-कार्ड जारी किए जाएं। न्यायालय ने NIACL को उक्त पॉलिसी के तहत कोई क्लेम करने वाले अधिवक्ताओं के डेटा के सत्यापन की सुविधा के लिए बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के कार्यालय में एक प्रतिनिधि नियुक्त करने का भी निर्देश दिया।
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'बहुत गंभीर मामला' : दिल्ली महिला आयोग ने टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लिया
दिल्ली महिला आयोग ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया जिनमें कहा गया कि 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को अनुच्छेद 22 के तहत उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया। यह देखते हुए कि यह एक "गंभीर मामला" है, दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से निम्नलिखित बिंदुओं पर जवाब मांगा है: 1. मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी। 2. कथित रूप से गिरफ्तार लड़की को ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत में पेश नहीं करने के कारण।
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राजस्थान सरकार ने 'राजस्थान कारागार नियम 1951 में संशोधन' के तहत जेल में धर्म/जाति के आधार पर श्रम आबंटन के प्रावधान को हटाने वाले प्रावधान की अधिसूचना जारी की
राजस्थान सरकार ने 02 फरवरी को जेलों में जाति/धर्म आधारित श्रम आवंटन की अनुमति के प्रावधानों को हटाने/संशोधन करने के लिए एक अधिसूचना जारी की। यह संशोधन राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में राज्य सरकार से यह तय करने के बाद पेश किए गए हैं कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि कैदियों को केवल उनकी जाति के आधार पर शौचालय की सफाई आदि जैसे कामों में लिप्त होने के लिए मजबूर नहीं किया जाए। न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया,