दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जी हलफनामा देकर मामले के निपटारे के संबंध में कोर्ट को गुमराह करने वाले बलात्कार के अभियुक्त की जमानत याचिका निरस्त की
LiveLaw News Network
20 Feb 2021 10:35 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बलात्कार के उस अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी जिसने पीड़िता के फर्जी हस्ताक्षर और जाली आधार कार्ड की कॉपी लगाकर झूठा हलफनामा दाखिल किया, जिसमें दावा किया गया था कि उसके और पीड़िता के बीच मामले का निपटारा हो चुका है, इसलिए अब मुकदमा खत्म किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की एकल पीठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अभियुक्त के खिलाफ इस मामले में एक और प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और अभियुक्त का कदम यह दर्शाता है कि वह जेल से बाहर आने के लिए किस कदर हताशा में है।
कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया कि पीड़िता को बार-बार यह धमकी दी गयी कि वह अभियुक्त के खिलाफ मुकदमे को आगे न बढ़ाये। इस बारे में पीड़िता के कहने पर अभियुक्त के खिलाफ एक और प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
इतना ही नहीं, एक अन्य प्राथमिकी में, पीड़िता को धमकी दिये जाने वाले मामले के गवाह की हत्या के प्रयास का अभियोग भी आरोपी के खिलाफ दर्ज है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि अपराध शाखा द्वारा जांच पूरी किये जाने के बाद इस मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किये जाने की प्रक्रिया जारी है।
कोर्ट ने यह कहते हुए अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी कि उसके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
इस मामले का संक्षिप्त तथ्य यह है कि पीसीआर (पुलिस कंट्रोल रूम) कॉल के जरिये पांच अगस्त 2020 को प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ पीड़िता का मामला दर्ज किया था। अभियुक्त के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने आरोप लगाये थे कि याचिकाकर्ता / अभियुक्त ने जून 2017 में उसका उत्पीड़न किया था और उसके साथ बलात्कार भी किया था।
पीड़िता ने खुलासा किया था कि वह फरवरी 2017 में अभियुक्त / याचिकाकर्ता की एलडोराडो इवेंट्स कंपनी से जुड़ी थी। याचिकाकर्ता / अभियुक्त उसे इवेंट मीटिंग के लिए अक्सर ले जाया करता था।
जून 2017 में ऐसी ही एक मीटिंग के लिए पीड़िता को सेक्टर नौ द्वारका मेट्रो स्टेशन बुलाया गया था। वहां से अभियुक्त ने उसे अपनी कार में बिठाया तथा उसे नशीला पदार्थ मिलाया हुआ पानी पिलाया। उसके बाद उसे चक्कर आने लगा। पीड़िता ने शिकायत दर्ज करायी कि उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया। उसने यह भी शिकायत की कि याचिकाकर्ता / अभियुक्त ने उसके बाद कई मौकों पर उसके बारे में अभद्र एवं अश्लील टिप्पणियां की तथा उसे यौन संबंध बनाने के लिए कहा।