मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया, ऐसा लगता है वह समानांतर अदालत चला रही है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई में जानबूझकर देरी करने के लिए पुलिस अधिकारियों की खिंचाई की जिसमें कहा गया कि हाईकोर्ट द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के बावजूद उसे धारा 41A CrPC के तहत नोटिस जारी किया गया, जो दर्शाता है कि पुलिस समानांतर अदालत चला रही है।ऐसा करते हुए न्यायालय ने इंदौर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह जांच को DCP से कम रैंक के अधिकारी को सौंपे और दोषी पुलिस अधिकारियों...
बाल कोर्ट का उद्देश्य केवल उन मामलों की सुनवाई करना नहीं, जहां बाल अधिकारों का उल्लंघन किया गया बल्कि जुवेनाइल पर वयस्कों की तरह मुकदमा चलाना भी है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
हाल ही में दिए गए एक फैसले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि बाल न्यायालय केवल उन मामलों की सुनवाई के लिए नहीं है, जहां बाल अधिकारों का उल्लंघन किया गया और पीड़ित बच्चे हैं बल्कि 16-18 वर्ष की आयु के उन किशोरों के लिए भी है जिन पर जघन्य अपराध करने का आरोप है।जस्टिस विशाल धगत की एकल पीठ ने कहा, "पहली नज़र में बाल कोर्ट ऐसा न्यायालय प्रतीत होता है, जो उन मामलों की सुनवाई कर रहा है, जहां बाल अधिकारों का उल्लंघन किया गया और पीड़ित बच्चे हैं। लेकिन बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005...
मध्य प्रदेश न्यायिक सेवा: हाईकोर्ट ने भविष्य की भर्ती परीक्षाओं में मेधावी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अनारक्षित श्रेणी में स्थानांतरित करने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने कहा है कि अब से हाईकोर्ट के परीक्षा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित सभी भावी भर्ती परीक्षाओं में चयन प्रक्रिया के सभी चरणों में अनारक्षित श्रेणी में मेधावी आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को माइग्रेशन का लाभ दिया जाएगा। अदालत ने इस पूरी सुनवाई में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट सहित प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए कि वे हाईकोर्ट के परीक्षा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा सहित चयन प्रक्रिया के हर चरण में अनारक्षित पदों के विरुद्ध...
पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदक के चरित्र का आकलन करने के लिए परिवार के सदस्यों के आपराधिक अतीत को ध्यान में नहीं रखा जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
हाल ही में एक फैसले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने माना कि आवेदक के चरित्र का आकलन करने और पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन करने में परिवार के सदस्यों के आपराधिक अतीत को ध्यान में नहीं रखा जा सकता।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ ने कहा,“कानून की नजर में आरोपित आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता, क्योंकि याचिकाकर्ता को भी इस देश के किसी भी अन्य नागरिक की तरह सभी मौलिक अधिकार प्राप्त हैं। उसके पति और ससुर के आपराधिक अतीत को उसके चरित्र का आकलन करने और पासपोर्ट जारी करने के लिए उसके आवेदन को...
जांच शुरू करने से पहले ICC POSH एक्ट मामले को निपटाने की कोशिश कर सकता है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवा से बर्खास्तगी के खिलाफ NIT के असिस्टेंट प्रोफेसर की याचिका मंजूर की
यौन उत्पीड़न के आरोपी एनआईटी भोपाल के सहायक प्रोफेसर की सेवा से बर्खास्तगी के खिलाफ याचिका स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने कहा कि आंतरिक शिकायत समिति विभागीय जांच शुरू करने से पहले मामले को सुलह के लिए भेजकर मामले को "समाधान" करने का प्रयास कर सकती है। ऐसा करते हुए न्यायालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम (पीओएसएच) की धारा 10 का अनुपालन करने के महत्व का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि मामले में कोई भी जांच शुरू करने से पहले...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 2024-25 सत्र के लिए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए नई शर्तें न लगाने को कहा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने राज्य प्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे मध्य प्रदेश नर्सिंग संस्थान मान्यता नियम, 2018 के तहत मौजूदा आवश्यकताओं के आधार पर नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान करें और सत्र 2024-25 के लिए किसी भी अतिरिक्त आवश्यकता के साथ कोई भी नई शर्त न बदलें या न ही लागू करें। जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की खंडपीठ ने कहा, "...सीबीआई ने कॉलेजों का निरीक्षण भी किया था ताकि उन्हें वर्गीकृत किया जा सके और सभी निरीक्षण मौजूदा नियमों को ध्यान में रखते हुए...
रिश्ते में आई दरार को सुधारा नहीं जा सकता, युगल को न्यायिक अलगाव के जरिए साथ रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने महिला को तलाक की अनुमति दी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक महिला को तलाक की डिक्री पाने का हकदार पाते हुए कहा कि एक बार जब दंपति के बीच संबंध "पूरी तरह से टूटने" के कगार पर पहुंच गए हैं और पांच साल से अधिक समय से वे एक-दूसरे से दूर हैं, तो उन्हें साथ रहने के लिए मजबूर करने से "न्यायिक अलगाव" डिक्री देने से कोई फायदा नहीं होगा। ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के "गलत" दृष्टिकोण पर भी ध्यान दिया, जिसने पाया कि महिला के साथ क्रूरता की गई थी, लेकिन पुनर्मिलन की संभावना के आधार पर न्यायिक अलगाव का आदेश...
स्टूडेंट ने 30 लाख रुपये के सीट लीविंग बॉन्ड नियम के खिलाफ याचिका दायर की, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेते समय हस्ताक्षरित 30 लाख रुपये के सीट लीविंग बॉन्ड के खिलाफ मेडिकल स्टूडेंट की याचिका पर राज्य सरकार का रुख पूछा, जो कोर्स पूरा किए बिना सीट छोड़ने पर लगाया जाएगा या उसके ओरिजनल दस्तावेज वापस नहीं किए जाएंगे।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी की खंडपीठ ने राज्य सरकार सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अपने आदेश में प्रतिवादी नंबर 3-महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, इंदौर को याचिकाकर्ता स्टूडेंट के...
पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और अपनी इच्छा और शैली के अनुसार जीने के लिए मजबूर करना क्रूरता: तलाक के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
महिला द्वारा एक व्यक्ति के साथ विवाह विच्छेद करने की याचिका स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा कि इस मामले में पति द्वारा अपनी पत्नी को नौकरी मिलने तक सरकारी नौकरी छोड़ने और "अपनी इच्छा और शैली के अनुसार जीने" के लिए मजबूर करना क्रूरता के समान है।ऐसा करते हुए न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि पति या पत्नी साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी "इच्छा" है। हालांकि उनमें से कोई भी दूसरे को जीवनसाथी की पसंद के अनुसार नौकरी करने या न करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।वर्तमान मामले...
स्कूली लड़कियों को फोन की तलाशी के लिए कपड़े उतारने पर मजबूर करने का आरोप: रिपोर्ट दाखिल न करने पर हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को अवमानना नोटिस जारी किया
सरकारी स्कूल के टीचर द्वारा नाबालिग लड़कियों को मोबाइल फोन की तलाशी के लिए कपड़े उतारने पर मजबूर करने के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने शहर के पुलिस कमिश्नर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की खंडपीठ ने 13 नवंबर के अपने आदेश में कमिश्नर को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा।अदालत ने पहले राज्य सरकार को शिकायत दर्ज होने के बाद उठाए गए कदमों...
किसी अन्य ब्रांड की उभरी हुई बीयर की बोतलों का दोबारा इस्तेमाल करके अपना बीयर उत्पाद बेचना ट्रेडमार्क का उल्लंघन: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पुरानी बीयर की बोतलों, जिन पर किसी अन्य कंपनी का ब्रांड नाम/लोगो अंकित है, का दोबारा उपयोग करके अपना बीयर उत्पाद बेचना ट्रेडमार्क उल्लंघन है। इस प्रकार जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने माउंट एवरेस्ट ब्रुअरीज लिमिटेड की पुरानी बोतलों में दो बीयर कंपनियों की बिक्री पर रोक लगा दी, जिन पर उनके बीयर ब्रांड 'स्टॉक' और उनके लोगो, पांडा का चेहरा अंकित है।उन्होंने कहा, “भले ही निजी प्रतिवादी अपीलकर्ताओं द्वारा निर्मित बोतलों पर अपने स्वयं...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 6 हजार लॉ ग्रेजुएट्स के नामांकन को लंबित रखने के लिए स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को एक जनहित याचिका पर राज्य बार काउंसिल को नोटिस जारी किया, जिसमें चार महीने से वकीलों का नामांकन नहीं होने का आरोप लगाया गया है।इंदौर में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव राकेश सिंह भदौरिया द्वारा दायर याचिका के अनुसार, लगभग 6,000 कानून स्नातकों के नामांकन की प्रतीक्षा में एक प्रशासनिक बैकलॉग है। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तारीख तय की है। याचिका के अनुसार, पिछली नामांकन समिति...
आधार कार्ड आयु का प्रमाण नहीं, पहचान का दस्तावेज: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया
यह दोहराते हुए कि आधार कार्ड को धारक की आयु के प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को सभी संबंधित अधिकारियों को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि आधार कार्ड केवल एक पहचान दस्तावेज है।ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने सरोज एवं अन्य बनाम इफ्कोटोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी एवं अन्य (2024) में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि आधार कार्ड आयु का दस्तावेज नहीं है। हाईकोर्ट के समक्ष मामला मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के तहत लाभ का दावा...
बार-बार स्थगन मांगकर उसे परेशान किया: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अभियुक्त के अभियोक्ता से क्रॉस एग्जामिनेशन करने के अधिकार को प्रतिबंधित करने वाला आदेश बरकरार रखा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने अभियुक्त के क्रॉस एग्जामिनेशन करने के अधिकार को प्रतिबंधित करने के ट्रायल कोर्ट का फैसला बरकरार रखा, जिसमें अभियोक्ता से जिरह करने के साथ ही यह भी कहा कि व्यक्ति ने महिला से जिरह के लिए लगातार स्थगन मांगकर उसे "परेशान करने का हर संभव प्रयास किया।ऐसा करते हुए न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि स्थगन केवल स्थगन के लिए नहीं दिया जाना चाहिए। न्यायालय को उन कठिनाइयों को ध्यान में रखना चाहिए जिनका सामना गवाहों को करना पड़ सकता है। जस्टिस जी.एस. अहलूवालिया की...
मुस्लिम कानून | ससुर को मृतक बेटे की विधवा का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने दोहराया है कि मुस्लिम कानून के तहत ससुर को अपने मृतक बेटे की विधवा को वित्तीय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट और सत्र न्यायालयों के आदेशों को खारिज कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता ससुर को अपने बेटे की मृत्यु के बाद अपनी बहू को मासिक भरण-पोषण देने का निर्देश दिया गया था।जस्टिस हिरदेश की एकल पीठ ने कहा, "वर्तमान मामले में, यह विवाद का विषय नहीं है कि प्रतिवादी याचिकाकर्ता के बेटे की विधवा है और उपर्युक्त मुस्लिम...
समान स्थिति वाले बंदियों के हलफनामे यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त कि कोई व्यक्ति आपातकाल के दौरान मीसा बंदी था या नहीं, जेल प्रमाण पत्र आवश्यक नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक फैसले में माना कि दो समान स्थिति वाले बंदियों के हलफनामे यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त हैं कि कोई व्यक्ति आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) 1971 के तहत और आपातकालीन अवधि के दौरान भारत की रक्षा नियम (डीआईआर) के तहत एक कैदी के रूप में जेल में बंद था।ग्वालियर स्थित जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के की एकल पीठ ने इस प्रकार एक आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें इस आधार पर वैधानिक पेंशन देने के लिए एक आवेदन को खारिज कर दिया गया था कि जिला मजिस्ट्रेट या जेल अधिकारियों या संबंधित पुलिस...
एक बार AOP/BOI से आय निर्धारिती की टैक्स योग्य आय में शामिल हो जाने के बाद प्राप्त किसी भी टैक्स-पश्चात शेयर पर फिर से टैक्स नहीं लगाया जा सकता: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि यदि किसी निर्धारिती ने पहले ही अपनी कर योग्य आय में एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AOP) या बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (BOI) से आय को शामिल कर लिया है, तो एओपी/बीओआई से प्राप्त किसी भी कर-पश्चात शेयर पर फिर से कर नहीं लगाया जा सकता है।जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि "निर्धारिती व्यक्तियों या निकाय व्यक्तियों के एक संघ का सदस्य था, व्यक्तियों या निकाय व्यक्तियों के ऐसे संघ के सदस्यों का हिस्सा निर्धारित और ज्ञात था। व्यक्तियों...
नगर परिषद प्रमुख के कार्यकाल के संबंध में 'अविश्वास प्रस्ताव' लाने के लिए समय बढ़ाने का अध्यादेश पूर्वव्यापी: मप्र हाईकोर्ट ने की पुष्टि
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने हाल ही में दोहराया कि मध्य प्रदेश नगरपालिका (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2024, जिसने अविश्वास प्रस्ताव लाने की अवधि को दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है, पूर्वव्यापी रूप से लागू होगा।ऐसा करते हुए न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मप्र नगरपालिका अधिनियम की धारा 43A की उपधारा (2) के तहत इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से बुलाई गई बैठक में निर्वाचित पार्षदों द्वारा नगर परिषद के उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसने अध्यादेश के पूर्वव्यापी आवेदन से...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस थानों में अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा, यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने सोमवार (4 नवंबर) को कथित रूप से अनधिकृत रूप से राज्य भर के पुलिस स्टेशन परिसरों में निर्मित धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा।हाईकोर्ट ने पक्षकारों को अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस सतीश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अधिकारियों की ओर से पेश एडीशनल एडवोकेट जनरल एचएस रूपरा ने नोटिस स्वीकार किया और आवश्यक...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट की कार्यवाही की रील्स, मीम्स को हटाने का आदेश दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रील और मीम्स के रूप में प्रसारित होने वाली लाइव-स्ट्रीम अदालती कार्यवाही के दुरुपयोग पर चिंता जताई है।चीफ़ जस्टिस सुरेश कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मीडिया एजेंसियों और व्यक्तियों को लाइव-स्ट्रीम वीडियो को संपादित करने, मॉर्फिंग करने या अवैध रूप से साझा करने से रोक दिया। कोर्ट ने कहा, ''अगले आदेश तक, हम प्रतिवादी संख्या 5 से 7, सभी सोशल मीडिया, व्यक्तियों, वीडियो बनाने वालों, मीडिया एजेंसियों और आम जनता को इस अदालत...