राज�थान हाईकोट
सरकारी शिक्षक के द्वारा शिक्षा मंत्री का पुतला जलाना सरकारी कदाचार का दोषी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत बर्दाश्त नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने, उनके पुतले जलाने और उन्हें अपमानित करने वाले होर्डिंग लगाने के लिए एक सरकारी शिक्षक के निलंबन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह के अनियंत्रित व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।जस्टिस दिनेश मेहता की पीठ ने कहा कि इस तरह का व्यवहार कदाचार है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक जांच की मांग की। अदालत जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के खिलाफ सरकारी...
आवेदन जमा करने के बाद अभ्यर्थी 100% अंधा हो गया: राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे श्रेणी बदलने, दिव्यांग कोटा प्राप्त करने की अनुमति दी; इसे ईश्वर का कृत्य बताया
राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक पद के लिए अभ्यर्थी द्वारा दायर रिट याचिका को अनुमति दी, जिसमें उसने अपनी श्रेणी को अनारक्षित से शारीरिक रूप से दिव्यांग में बदलने के लिए आवेदन जमा करने और परिणाम प्रकाशित होने के बीच अपनी दृष्टि 40% से 100% में बदल दी थी।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने इसे विस मेजर (ईश्वर का कृत्य) का उदाहरण मानते हुए फैसला सुनाया कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 (अधिनियम) के तहत परिभाषित उचित समायोजन के सिद्धांत को केवल सहायक उपकरण प्रदान करने के अर्थ में संकीर्ण रूप...
अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने में राज्य की गलती के लिए अभ्यर्थी जिम्मेदार नहीं, नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार याचिकाकर्ता को गलत अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने और फिर उसे इधर-उधर भटकाने तथा ऐसी गलती के आधार पर सहायक नर्स एवं दाइयों के पद के लिए उसकी उम्मीदवारी को खारिज करने की अपनी गलती का फायदा नहीं उठा सकती।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ सहायक नर्स एवं दाइयों के पद के लिए एक अभ्यर्थी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन अभ्यर्थियों को बोनस अंक दिए जाने थे, जिन्होंने पहले इस पद पर काम किया था।योग्य होने के बावजूद याचिकाकर्ता ने आवेदन किया लेकिन मेरिट सूची में...
पूर्ण रूप से विकसित भ्रूण को इस दुनिया में आने और स्वस्थ जीवन जीने का अधिकार: राजस्थान हाईकोर्ट ने 30 सप्ताह की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने से किया इनकार
एक कथित बलात्कार पीड़िता द्वारा 30 सप्ताह की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने के आवेदन को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने दोहराया कि पूर्ण रूप से विकसित भ्रूण को भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन का अधिकार है।“मेडिकल रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि भ्रूण का वजन और वसा बढ़ रहा है और वह अपने प्राकृतिक जन्म के करीब है। मस्तिष्क और फेफड़े जैसे महत्वपूर्ण अंग लगभग पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं, जो गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयार हो रहे हैं। वास्तव में भ्रूण में दिल की धड़कन के साथ जीवन है, इसलिए इस...
धारा 175 बीएनएसएस | मजिस्ट्रेट 'रबर स्टाम्प' की तरह एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर पारिवारिक विवादों से उत्पन्न शिकायतों में: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने धारा 175(3), बीएनएसएस के तहत एक शिकायत के आधार पर सीजेएम के निर्देश पर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को खारिज कर दिया। कोर्ट ने इसे “रबर-स्टैम्प निर्णय लेना” कहा और सीजेएम की ओर से पूर्ण न्यायिक निरीक्षण का अवलोकन किया। यह माना गया कि आरोपी के खिलाफ मामले के प्रथम दृष्टया अस्तित्व के बारे में स्वतंत्र निर्धारण करने के लिए कोई न्यायिक दिमाग नहीं लगाया गया था। बीएनएसएस की धारा 175(3) (धारा 156(3), सीआरपीसी के अनुरूप) एक मजिस्ट्रेट को एक सूचना प्राप्त होने पर पुलिस अधिकारी...
AIIMS जोधपुर ट्रॉमा सेंटर के निर्माण में 16 साल की देरी: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई, 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की इच्छा जताई
राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने AIIMS जोधपुर में ट्रॉमा सेंटर सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण में लगातार हो रही देरी के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई और 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के लिए कार्रवाई शुरू करने की इच्छा जताई।हालांकि कोर्ट ने न्याय के हित में राज्य सरकार को मामले में हलफनामा दाखिल करने का एक आखिरी मौका दिया।AIIMS जोधपुर में बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस...
जब मृत सरकारी कर्मचारी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करता है, तो बाद में केवल पारिवारिक पेंशन मिलेगी: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने मृत सरकारी कर्मचारी की पहली पत्नी द्वारा पारिवारिक पेंशन के लिए याचिका को इस आधार पर स्वीकार कर लिया है कि उनके बीच कोई वैध तलाक नहीं हुआ क्योंकि "सामाजिक तलाक" हमारी कानूनी प्रणाली द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं था। इस आलोक में, चूंकि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के अनुसार दूसरी पत्नी के साथ विवाह वैध नहीं था, इसलिए उसे पारिवारिक पेंशन की हकदार होने के लिए मृत कर्मचारी की "विधवा" के रूप में नहीं देखा जा सकता था।"इस प्रकार, पहली शादी के विघटन के बिना किसी की दूसरी शादी को वैध...
मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11 के तहत रेफरल कोर्ट विवाद के विषय-वस्तु के गुण-दोष पर विचार नहीं कर सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस सुदेश बंसल की पीठ ने माना है कि मध्यस्थता अधिनियम की धारा 11 के तहत न्यायालय विवादों के विषय-वस्तु के गुण-दोष में प्रवेश नहीं कर सकता। उसे केवल मध्यस्थता समझौते के प्रथम दृष्टया अस्तित्व को देखना होगा। मामले पर निर्णय देते हुए अदालत ने शुरू में टिप्पणी की कि ऐसे विवाद विवादों के विषय-वस्तु के गुण-दोष को छूते हैं और इस न्यायालय को एक रेफरल न्यायालय होने के नाते विवादों के ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं है। यह मानना और टिप्पणी करना पर्याप्त है कि प्रथम...
सरकारी कर्मचारी माता-पिता की मृत्यु के बाद विधवा या तलाकशुदा हुई बेटी पेंशन नियमों के तहत “परिवार” में शामिल नहीं होगी: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने बेटियों की ओर से दायर उन रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता, जो सरकारी कर्मचारी थे, की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन का दावा किया था। इन याचिकाओं में बेटियों ने अपने माता-पिता की मृत्यु के बाद विधवा या तलाकशुदा होने का दावा किया था। जस्टिस दिनेश मेहता की पीठ ने फैसले में कहा कि पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए परिवार के अधिकार को निर्धारित करने की प्रासंगिक तिथि सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की तिथि या मृत्यु की तिथि है, और तदनुसार, पिता की...
क्या बलात्कार और POCSO Act के दोषियों को जेल से खुले शिविरों में भेजा जा सकता है? राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले को बड़ी पीठ को भेजा
विरोधाभासी विचारों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मुद्दे को बड़ी पीठ को भेजा कि क्या जेल में कारावास की सजा काट रहे IPC की धारा 376/POCSO Act के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराए गए कैदी को खुले शिविर में भेजा जा सकता है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड ने जेल से खुले शिविरों में ट्रांसफर करने की मांग करने वाले व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा,“इस याचिका में शामिल कानूनी मुद्दे पर कोई सटीक निर्णय नहीं है, बल्कि इस न्यायालय की विभिन्न खंडपीठों की परस्पर विरोधी राय और विचार...
यदि पुलिस जांच में आरोपी की कथित अपराध में संलिप्तता नहीं पाई जाती है तो LOC जारी रखना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर और गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने का निर्देश दिया है जिसे पुलिस द्वारा कथित अपराध में संलिप्त नहीं पाया गया। यह निर्णय देते हुए कि जब पुलिस स्वयं उस पर मुकदमा चलाने में रुचि नहीं रखती है तो LOC जारी रखना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ एक बेटे और एक मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ क्रूरता का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज की गई। इसमें उनके...
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में 17 दिनों तक महाराष्ट्र में मेडिकल इलाज की अनुमति दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में 17 दिनों तक महाराष्ट्र स्थित मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर अस्पताल में मेडिकल ट्रीटमेंट की अनुमति दी।जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,"यह सच है कि आवेदक पिछले 12 वर्षों से सलाखों के पीछे है और वह 88 वर्ष का है तथा हृदय रोग सहित कई बीमारियों से पीड़ित है। इसलिए उचित उपचार पाने के उसके अधिकार को सुनिश्चित करने...
राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में 17 दिन के लिए महाराष्ट्र में इलाज की अनुमति दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू बाबा आसाराम बापू को महाराष्ट्र स्थित मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर अस्पताल में 17 दिन की पुलिस हिरासत में इलाज कराने की मंगलवार को अनुमति दे दी।अदालत ने कहा, ''बेशक, आवेदक पिछले 12 साल से जेल में बंद है और उसकी उम्र 88 साल है और दिल की बीमारी समेत कई बीमारियों से पीड़ित है। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ''इसलिए, उचित इलाज पाने के उसके अधिकार को...
राजस्थान हाईकोर्ट ने डेंटल मेडिकल ऑफिसर्स परीक्षा की उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज किया
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने डेंटल मेडिकल ऑफिसर्स परीक्षा के लिए राजस्थान हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी (RUHS) द्वारा जारी अंतिम उत्तर कुंजी को चुनौती देने वाली कई रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि विवादित उत्तर कुंजी में हस्तक्षेप केवल तभी किया जा सकता है, जब वह "स्पष्ट और प्रत्यक्ष रूप से त्रुटिपूर्ण" प्रतीत हो।ऐसा करते हुए न्यायालय ने पाया कि RUHS ने संबंधित अभ्यर्थियों द्वारा मॉडल उत्तर कुंजी के विरुद्ध उठाई गई आपत्तियों को विधिवत नोट किया, जिसका विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण भी...
राज्य पर यौन पीड़िता को गर्भपात के अधिकार के बारे में सूचित करने का कोई दायित्व नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने एमटीपी नियमों पर चिंता जताई, स्वत: संज्ञान लेकर मामला शुरू किया
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने कथित रूप से तस्करी और बलात्कार की शिकार अपनी बेटी के 24 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की मांग करने वाले एक पिता की याचिका को खारिज करने के आदेश को बरकरार रखते हुए इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया और कहा कि राज्य पर यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को गर्भपात के उसके अधिकार के बारे में बताने का कोई कानूनी दायित्व नहीं है। ऐसा करते हुए न्यायालय ने पाया कि कदम उठाने में देरी के कारण कई जटिलताएं पैदा हुईं, जिसके कारण ऐसी महिलाओं को अनचाहे गर्भ को जारी रखने के...
गलाकाट प्रतिस्पर्धा के युग में फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी पाने वाला उम्मीदवार समानता का दावा नहीं कर सकता: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (प्रतिवादी) के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें याचिकाकर्ता की नियुक्ति इस आधार पर रद्द कर दी गई थी कि जिस एमबीए डिग्री के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की गई थी, वह फर्जी और झूठी थी। जस्टिस दिनेश मेहता की पीठ ने याचिकाकर्ता की बाद की डिग्री के आधार पर उसकी नियुक्ति को नियमित करने की प्रार्थना को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि भर्ती के लिए एमबीए की डिग्री एक शर्त थी, इसलिए एक फर्जी/गैर-मान्यता प्राप्त और...
राजस्थान हाईकोर्ट ने महामारी के कारण पूर्ण शैक्षणिक सत्र में शामिल न हो पाने वाले स्टूडेंट को नवोदय विद्यालय में एडमिशन की अनुमति दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय में स्टूडेंट को एडमिशन देने का निर्देश दिया, जो COVID-19 के कारण कुछ महीनों की देरी से शुरू होने वाली कक्षाओं के कारण पूरे शैक्षणिक सत्र में तीसरी कक्षा में शामिल नहीं हो पाया था, जबकि चयन दिशा-निर्देशों के अनुसार उम्मीदवार को पूर्ण शैक्षणिक सत्र बिताने के बाद तीसरी चौथी और पांचवीं कक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है।जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने कहा कि दिशा-निर्देशों में इस शर्त को निर्दिष्ट करने वाले खंड को इस तरह से उदारतापूर्वक पढ़ा जाना चाहिए...
2018 में मां द्वारा भारत लाया गया नाबालिग बेटा अमेरिकी नागरिक, भारत में अवैध प्रवासी: राजस्थान हाईकोर्ट ने पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका स्वीकार की
राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ ने नाबालिग बच्चे के पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका स्वीकार की, जो अमेरिका में पैदा हुआ था। पहले वहीं रहता था, उसे उसकी मां 2018 में भारत लेकर आई और वह अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं लौटा। फैसला सुनाया कि बच्चे को भारत में अवैध प्रवासी माना जाएगा।जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने आगे कहा कि न्यायालयों के शिष्टाचार के सिद्धांत के आधार पर याचिकाकर्ता के पक्ष में अमेरिकी न्यायालय द्वारा पारित अंतिम हिरासत आदेश के आलोक...
COVID-19 महामारी के दौरान अस्थायी सेवा के लिए बोनस अंक या नर्स के पद के लिए आरक्षण मांगने का कोई आधार नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला नर्स के पद के लिए दिव्यांग उम्मीदवार की याचिका इस आधार पर खारिज की कि पद के आरक्षण के लिए पात्र दिव्यांगताओं को निर्दिष्ट करने वाले दिशा-निर्देश केवल एक पैर की दिव्यांगता को दर्शाते हैं और कहा कि केवल इसलिए कि उसने COVID-19 के दौरान अस्थायी रूप से पद पर सेवा की है, उसे किसी भी तरह की समानता नहीं दी जा सकती।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने यह भी रेखांकित किया कि याचिकाकर्ता के समान स्थिति वाले अन्य उम्मीदवारों को भी समान मानदंडों के तहत अयोग्य ठहराया गया। इसलिए याचिकाकर्ता...
राजस्थान हाईकोर्ट ने एएजी, लॉ ऑफिसर्स की नियुक्तियों के खिलाफ दायर याचिका खारिज की; कहा- उनकी उपयुक्तता तय करना कार्यपालिका का अधिकार क्षेत्र
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) और विधि अधिकारी (एलओ) की नियुक्तियों के खिलाफ दायर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि “लश्कर-ए-हिंद” के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से दायर याचिका में दम नहीं है और यह अस्पष्ट आरोपों के आधार पर दायर की गई है। कोर्ट ने कहा, “सरकार द्वारा नियुक्त वकील की उपयुक्तता पूरी तरह से कार्यकारी निर्णय के दायरे में आता है और इस तरह के निर्णय को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि अन्य उपयुक्त और अधिक सक्षम वकीलों को छोड़...
















