न्यायालय को कार्यवाही प्रक्रिया के दुरुपयोग होने का संदेह होने पर कोर्ट न आ सकने वाले अभियुक्त भी लाभ पाने के हकदार: राजस्थान हाईकोर्ट
LiveLaw News Network
15 Feb 2025 6:51 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि जो अभियुक्त न्यायालय में नहीं जा सकते, वे भी लाभ पाने के हकदार हैं, जब न्यायालय को लगता है कि कार्यवाही प्रक्रिया का दुरुपयोग होगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 23 वर्षों से लम्बित वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और राजस्थान वन अधिनियम, 1953 के तहत चल रहे आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया।
यह मामला 2001 में बिना अनुमति के सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ा था।
मामले की पृष्ठभूमि
30 अगस्त 2002 को भादरा क्षेत्रीय वन अधिकारी ने 17 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आरोप था कि महाराणा वितरिक से महाराणा गांव तक जाने वाले मार्ग पर वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों को पीडब्ल्यूडी और उसके ठेकेदारों द्वारा काट दिया गया। जांच में यह सामने आया कि ठेकेदार मेसर्स गणेश बिल्डर्स ने 2002 में ही अपराध स्वीकार किया और 61,000 की अग्रिम राशि जमा करवाई, लेकिन कुल 3,73,200 की राशि में से 3,12,200 बाकी रह गई। इसी तरह, दूसरे मामले में 2,90,400 की कुल राशि में से 2,49,400 का भुगतान नहीं किया गया।
मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ, लेकिन 7 आरोपियों की मृत्यु हो गई। 4 आरोपियों को अब तक सम्मन नहीं मिल पाया। 1 आरोपी (राजेंद्र) ने 2019 में रिवीजन याचिका दायर कर केस से मुक्ति पा ली। न्यायालय ने माना कि अभियुक्तों को बिना अपराध सिद्ध हुए ही वर्षों तक मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जस्टिस फरजंद अली ने अपने आदेश में कहा,
मामले की 23 वर्षों की देरी न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। तेज गति से न्याय पाना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार है। पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध न होने के कारण निष्पक्ष मुकदमा संभव नहीं। जो अभियुक्त अदालत नहीं आए, उन्हें भी स्वत: राहत दी जाएगी। न्यायालय ने राज्य सरकार की विभागीय असमन्वय पर प्रश्न उठाया और कहा कि यदि वन विभाग ने पीडब्ल्यूडी को पहले ही सूचित किया होता तो यह मामला खड़ा ही नहीं होता। मामले में याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट विनीत जैन और उनके सहयोगी प्रवीण व्यास ने किया।
केस टाइटल: हरी सिंह बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य
रजाक खान हैदर @ लाइव लॉ नेटवर्क