अन्य व्यक्ति के आरोपों का प्रभावी ढंग से बचाव नहीं कर सकने पर दोषी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त की गई: राजस्थान हाईकोर्ट

Amir Ahmad

17 Feb 2025 11:29 AM IST

  • अन्य व्यक्ति के आरोपों का प्रभावी ढंग से बचाव नहीं कर सकने पर दोषी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त की गई: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि दोषी कर्मचारी ही एकमात्र व्यक्ति है जो राज्य द्वारा उसके खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्यवाही में अपना बचाव उचित तरीके से कर सकता है और कार्यवाही के दौरान ऐसे दोषी कर्मचारी की मृत्यु के बाद जांच जारी नहीं रह सकती है और कार्यवाही समाप्त कर दी जाती है।

    जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ एक कर्मचारी के खिलाफ दायर आरोप पत्र और परिणामी कार्यवाही के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय को इस तथ्य से अवगत कराया गया कि दोषी कर्मचारी की कार्यवाही के दौरान ही मृत्यु हो गई।

    बदली हुई परिस्थितियों के मद्देनजर न्यायालय ने माना कि विभाग आरोप पत्र के साथ आगे नहीं बढ़ सकता है और याचिका समाप्त हो गई।

    "एक बार जब किसी कर्मचारी के खिलाफ आरोप लगाए जाते हैं, जो अब जीवित नहीं है तो कोई भी ऐसा नहीं होता, जो उन आरोपों का प्रभावी ढंग से बचाव कर सके जब तक कर्मचारी को खुद का बचाव करने का उचित अवसर नहीं दिया जाता, तब तक उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए कोई कार्यवाही जारी नहीं रह सकती। इस मामले में कर्मचारी की मृत्यु के बाद आरोपों का बचाव करने का अवसर प्रदान करना असंभव है, क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जो पर्याप्त रूप से ऐसा कर सके। इसलिए संबंधित कर्मचारी की मृत्यु के बाद जांच जारी नहीं रह सकती।"

    यह माना गया कि कर्मचारी की मृत्यु के मद्देनजर उसके खिलाफ जारी किए गए आरोप पत्रों से उत्पन्न कार्यवाही स्वतः ही समाप्त हो गई।

    तदनुसार याचिका का निपटारा किया गया और राज्य को मृतक कर्मचारी के बकाया को उसके कानूनी प्रतिनिधियों को जारी करने का निर्देश दिया गया।

    केस टाइटल: गिरधारी कर्मचंदानी बनाम पंजाब नेशनल बैंक और अन्य।

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