हाईकोर्ट

अपीलीय न्यायालय दावेदारों द्वारा प्रति-अपील किए बिना भी Order 41 Rule 33 CPC के तहत दुर्घटना मुआवज़ा बढ़ा सकता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
अपीलीय न्यायालय दावेदारों द्वारा प्रति-अपील किए बिना भी Order 41 Rule 33 CPC के तहत दुर्घटना मुआवज़ा बढ़ा सकता है: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने कहा कि मोटर दुर्घटना दावा अपीलों में यदि दावा न्यायाधिकरण का निर्णय कमतर पाया जाता है तो हाईकोर्ट दावेदारों द्वारा प्रति-अपील या प्रति-आपत्ति के अभाव में भी मुआवज़े को संशोधित और बढ़ा सकता है।जस्टिस संजय धर की पीठ ने कहा कि दावा न्यायाधिकरण का कर्तव्य है कि वह निष्पक्षता, समता और सद्विवेक के सिद्धांतों के आधार पर "उचित और उचित" मुआवज़ा प्रदान करे।न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सीपीसी के आदेश 41 नियम 33 (Order 41 Rule 33 CPC) के तहत अपीलीय शक्तियां व्यापक...

नयागांव में खुले मैनहोलों की मरम्मत में लापरवाही पर सख्त हाईकोर्ट, कहा- आदेश का पालन न हुआ तो लगेगा भारी जुर्माना
नयागांव में खुले मैनहोलों की मरम्मत में लापरवाही पर सख्त हाईकोर्ट, कहा- आदेश का पालन न हुआ तो लगेगा भारी जुर्माना

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ से सटे पंजाब सरकार के अधीन नयागांव इलाके में खुले व टूटे हुए मैनहोलों की मरम्मत में बरती जा रही लापरवाही पर नाराज़गी जताई है। कोर्ट ने साफ चेतावनी दी कि यदि नगर परिषद ने आदेशों का पालन नहीं किया तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा या फिर उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा,“कितना इंतज़ार करेंगे अब हम आप पर भारी कॉस्ट (जुर्माना) डालेंगे।”कोर्ट ने याद दिलाया कि 28 मई को ही नगर परिषद...

स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत ही अधिकारी आज लाभ उठा रहे हैं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शहीद की विधवा को पेंशन न देने पर सरकार को फटकारा
स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत ही अधिकारी आज लाभ उठा रहे हैं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शहीद की विधवा को पेंशन न देने पर सरकार को फटकारा

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानी की विधवा को पेंशन देने से इनकार करने पर केंद्र और राज्य सरकार की अपीलों को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन योजना का उद्देश्य सेनानियों के त्याग और बलिदान को सम्मानित करना है, न कि तकनीकी कारणों से लाभ से वंचित करना।चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा,“जिन कार्यालयों पर ये अधिकारी आज आसीन हैं और जिन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं, वे केवल इसलिए संभव हैं, क्योंकि स्वतंत्रता...

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका BCI की मंजूरी के बिना कानूनी शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त ढांचे की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका BCI की मंजूरी के बिना कानूनी शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त ढांचे की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ पीठ) में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य प्राधिकारियों को सख्त तंत्र बनाने और लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उत्तर प्रदेश राज्य के किसी भी लॉ कॉलेज या यूनिवर्सिटी को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की वैध मान्यता के बिना स्टूडेंट्स को प्रवेश देने की अनुमति न हो।आजमगढ़ के 26 वर्षीय वकील सौरभ सिंह द्वारा दायर इस याचिका में राज्य भर में ऐसे संस्थानों के निरीक्षण और पहचान के लिए भी निर्देश देने की मांग की गई, जो...

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: विदेशी नागरिकों के अपहरण की साज़िश में उम्रकैद काट रहे दोषी को समय से पहले रिहाई नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: विदेशी नागरिकों के अपहरण की साज़िश में उम्रकैद काट रहे दोषी को समय से पहले रिहाई नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को नासिर मोहम्मद सोदोज़े उर्फ़ अफ़्ताब अहमद की याचिका खारिज की, जिसमें उसने उम्रकैद की सज़ा पूरी होने के बाद समयपूर्व रिहाई की मांग की थी।जस्टिस संजीव नरूला ने 30 जून, 2023 को सज़ा पुनरीक्षण बोर्ड (SRB) द्वारा दी गई अस्वीकृति बरकरार रखते हुए कहा कि लंबा कारावास महत्वपूर्ण पहलू है लेकिन यह समाज और राष्ट्रीय सुरक्षा के बड़े हितों पर हावी नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि विदेशी नागरिकों का अपहरण भारत की संप्रभुता पर सीधा ख़तरा था। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की साख को...

65 वर्षीय बरेली निवासी अवैध हिरासत में नहीं, धर्मांतरण मामले में हुई है गिरफ्तारी: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कहा
65 वर्षीय बरेली निवासी अवैध हिरासत में नहीं, धर्मांतरण मामले में हुई है गिरफ्तारी: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (8 सितंबर) को हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें बरेली की एक महिला ने दावा किया था कि उसके 65 वर्षीय पति को 20 अगस्त से पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा है।कोर्ट के पहले के आदेश पर अधिकारियों ने व्यक्ति (बेग) को पेश किया।जस्टिस सलील कुमार राय और जस्टिस जफीर अहमद की बेंच को राज्य की ओर से बताया गया कि बेग को अवैध धर्मांतरण मामले में हिरासत में लिया गया है। 7 सितंबर को औपचारिक तौर पर गिरफ्तार किया गया, जब पीड़िता के बयान में उसका नाम सामने आया।याचिकाकर्ता पत्नी का...

काम करने दीजिए सरकार को जवाब बाद में दीजिए: बाढ़ PIL में तुरंत उत्तर की मांग पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की फटकार
काम करने दीजिए सरकार को जवाब बाद में दीजिए: बाढ़ PIL में तुरंत उत्तर की मांग पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की फटकार

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बाढ़ राहत और पुनर्वास को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को फिलहाल राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की छूट दी और छह हफ्ते बाद हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा, “राहत दल काम कर रहे हैं, सेना काम कर रही है, हर कोई जुटा हुआ है। ऐसे समय पर नोटिस जारी करने से लोग बचाव और राहत कार्यों से हटाकर जवाब तैयार करने में लग जाएंगे। यह संकट की घड़ी है। कृपया...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने द बंगाल फाइल्स में स्वतंत्रता सेनानी गोपाल पाठा की आपत्तिजनक छवि को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 'द बंगाल फाइल्स' में स्वतंत्रता सेनानी गोपाल पाठा की आपत्तिजनक छवि को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार (8 सितंबर) को स्वतंत्रता सेनानी गोपाल चंद्र मुखर्जी उर्फ़ गोपाल पाठा के पोते द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' में उनके दादा की कथित रूप से अपमानजनक छवि दिखाए जाने का आरोप लगाया गया था।जस्टिस अमृता सिन्हा ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता ने RTI Act के तहत कुछ सूचनाएं मांगी थीं, लेकिन निर्धारित समय सीमा में उत्तर न मिलने पर उचित उपाय अपनाने की बजाय सीधे रिट याचिका दायर कर दी।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस आधार पर दायर...

दिल्ली हाईकोर्ट ने कलकाजी मंदिर में सेवादार की संदिग्ध हत्या की घटना की जांच का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने कलकाजी मंदिर में सेवादार की संदिग्ध हत्या की घटना की जांच का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को उस घटना की जांच करने को कहा, जिसमें आरोप लगाया गया कि 29 अगस्त की शाम को कालकाजी मंदिर परिसर में एक सेवादार की क्रूर हत्या की गई।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने मृतक के भाई और घटना के दो चश्मदीद गवाहों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर करने और अपनी जान की सुरक्षा की मांग की गई।याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस के साथ-साथ आरोपियों के परिजनों से भी खतरा है।अदालत ने दिल्ली पुलिस को अपनी...

CLAT-PG स्कोर को वकीलों की भर्ती से जोड़ने के फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है: NHAI ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया
CLAT-PG स्कोर को वकीलों की भर्ती से जोड़ने के फैसले पर पुनर्विचार हो सकता है: NHAI ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह वकीलों की भर्ती के लिए CLAT-PG स्कोर को आधार बनाने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।NHAI के वकील ने चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ के समक्ष यह दलील दी।अदालत वकील शन्नू बघेल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें NHAI द्वारा 11 अगस्त को जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई। इसमें कहा गया कि CLAT PG स्कोर वकीलों की भर्ती का आधार होगा।NHAI के वकील ने कहा कि आवेदन की...

पत्नी द्वारा खुद को आग लगाने के बाद पति के परिवार पर आरोप लगाना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने तलाक मंजूर किया
पत्नी द्वारा खुद को आग लगाने के बाद पति के परिवार पर आरोप लगाना क्रूरता के समान: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने तलाक मंजूर किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम (HMA) के तहत क्रूरता के आधार पर यह देखते हुए व्यक्ति को तलाक की अनुमति दी कि उसकी पत्नी ने "निराशा के क्षण में" खुद को आग लगा ली थी। बाद में बिना कोई विश्वसनीय सबूत दिए, इसके लिए उसके रिश्तेदारों को दोषी ठहराया।ऐसा करते हुए हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट का आदेश रद्द करते हुए यह भी कहा कि पत्नी ने कथित कृत्य के लिए पति के रिश्तेदारों के खिलाफ कभी कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया। न्यायालय ने कहा कि ऐसा "भयानक कृत्य" ही यह मानने के लिए पर्याप्त था कि पत्नी...

दादा-दादी के साथ बच्चे का भावनात्मक लगाव माता-पिता को संरक्षण देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट
दादा-दादी के साथ बच्चे का 'भावनात्मक लगाव' माता-पिता को संरक्षण देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

केवल भावनात्मक लगाव होने के कारण बच्चे की अभिरक्षा उसके दादा-दादी को नहीं दी जा सकती और इससे जैविक माता-पिता की तुलना में अभिरक्षा का कोई 'वरिष्ठ' अधिकार नहीं मिलता, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 4 सितंबर (गुरुवार) को एक पिता की अपने बेटे की अभिरक्षा पाने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए यह निर्णय दिया।जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अंखड की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता दंपत्ति को 12 नवंबर, 2019 को जुड़वां बच्चों का आशीर्वाद मिला और चूंकि (जुड़वां बच्चों के) पिता ने बृहन्मुंबई नगर...

नियोक्ता द्वारा स्क्रीनिंग न करने के कारण 10+ वर्ष की सेवा वाले रेलवे कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
नियोक्ता द्वारा स्क्रीनिंग न करने के कारण 10+ वर्ष की सेवा वाले रेलवे कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने कहा कि अस्थायी दर्जा पाने वाले और मृत्यु से पहले 10 वर्ष से अधिक की अर्हक सेवा प्रदान करने वाले रेलवे कर्मचारी फैमिली पेंशन योजना, 1964 के तहत पारिवारिक पेंशन लाभों का हकदार है, भले ही उसकी औपचारिक स्क्रीनिंग न की गई हो, अर्थात पूर्ण लाभों की पात्रता के लिए उसका मूल्यांकन और नियमित सेवा में पुष्टि न की गई हो। इसके अलावा, यह भी माना गया कि पेंशन का दावा करने में देरी कोई बाधा नहीं है, क्योंकि यह एक सतत...

वॉलंटरी रिटायरमेंट के आवेदन पर निर्णय में देरी किसी कर्मचारी को पेंशन लाभों से वंचित नहीं कर सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
वॉलंटरी रिटायरमेंट के आवेदन पर निर्णय में देरी किसी कर्मचारी को पेंशन लाभों से वंचित नहीं कर सकती: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की जस्टिस संजीव कुमार और जस्टिस संजय परिहार की खंडपीठ ने कहा कि वॉलंटरी रिटायरमेंट के आवेदन पर निर्णय न होने से किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादी को 31.12.1983 को कृषि विभाग में कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने 17.04.2006 को अवकाश के लिए आवेदन किया, जो 15.06.2006 तक स्वीकृत था। हालांकि, अवकाश समाप्त होने के बाद उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। उन्होंने 20.10.2008 को ही कार्यभार...

रिट याचिका प्रतिवादियों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त न हो तो उसे मध्यस्थता अधिनियम की धारा 37 के अंतर्गत अपील में परिवर्तित किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
रिट याचिका प्रतिवादियों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त न हो तो उसे मध्यस्थता अधिनियम की धारा 37 के अंतर्गत अपील में परिवर्तित किया जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

जस्टिस मनीष कुमार निगम की इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 227 (COI) के अंतर्गत रिट याचिका को मध्यस्थता और सुलह अधिनियम (ACA) की धारा 37 के अंतर्गत अपील में परिवर्तित करने की अनुमति दी। पीठ ने यह भी कहा कि जहां किसी विशेष प्रकार की कार्यवाही स्वीकार्य नहीं है। उसके संबंध में न्यायालय के समक्ष अलग प्रकार की कार्यवाही लंबित है, वहां न्यायालय को सीमा अवधि और कोर्ट फीस से संबंधित कानून के अधीन रिट याचिका को अन्य रिट याचिका में परिवर्तित करने का अधिकार है।तथ्ययह याचिका जिला जज...

ज़मानती अपराध की आरोपी महिलाओं को 43 दिनों तक हिरासत में क्यों रखा गया?: राजस्थान हाईकोर्ट ने DGP को जांच का निर्देश दिया
ज़मानती अपराध की आरोपी महिलाओं को 43 दिनों तक हिरासत में क्यों रखा गया?: राजस्थान हाईकोर्ट ने DGP को जांच का निर्देश दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने दो महिलाओं पर दुःख और पीड़ा व्यक्त की, जिन्हें ज़मानती अपराधों में आरोपित होने के बावजूद 43 दिनों की न्यायिक हिरासत में रखा गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट और एडीजे ने उनकी ज़मानत याचिकाएं लापरवाही और यांत्रिक तरीके से खारिज कीं और अपने विवेक का सही ढंग से प्रयोग नहीं किया।जस्टिस अनिल कुमार उपमन ने खेद व्यक्त करते हुए डीजीपी को निर्देश दिया कि वह ज़मानती प्रकृति के मामले में याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए संबंधित जांच अधिकारी से "स्पष्टीकरण" मांगें। तदनुसार, आगे की कार्रवाई करें।...

प्रेम पत्र पीड़िता की भावनाओं का सबूत: बलात्कार मामले में आरोपी की बरी को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बरकरार रखा
"प्रेम पत्र पीड़िता की भावनाओं का सबूत": बलात्कार मामले में आरोपी की बरी को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बरकरार रखा

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा दायर उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 504 506, 376 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(i)(xii) के तहत अपराधों के लिए दंडित व्यक्ति को बरी किए जाने को चुनौती दी गई थी।न्यायालय ने कहा कि यद्यपि बलात्कार के मामलों में पीड़िता के साक्ष्य को प्रमुखता से ध्यान में रखा जाना चाहिए। फिर भी यदि पीड़िता की गवाही रिकॉर्ड से असंगत और विरोधाभासी है तो उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता।रिकॉर्ड पर मौजूद...