कोर्ट नोटिस भेजने में नाकामी पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने डाक विभाग को फटकार लगाई

Praveen Mishra

21 Nov 2025 3:01 PM IST

  • कोर्ट नोटिस भेजने में नाकामी पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने डाक विभाग को फटकार लगाई

    मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डाक विभाग द्वारा एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोर्ट द्वारा जारी नोटिस को प्रेषित न किए जाने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की है। न्यायालय ने इस स्थिति को “चौंकाने वाला” बताया और रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि नए तारीख़ के साथ ताज़ा नोटिस जारी किए जाएँ।

    समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि 14 अक्टूबर 2025 को प्रतिवादी को जारी नोटिस न तो वापस आया और न ही संबंधित पक्ष को सेवा हुआ।

    गौरतलब है कि आधिकारिक ट्रैकिंग सिस्टम में भी 'नो बुकिंग इन्फ़ॉर्मेशन' दिख रहा था, जबकि कंसाइनमेंट नंबर पहले ही जनरेट किया जा चुका था।

    कोर्ट ने उल्लेख किया कि यह समस्या कई मामलों में बार-बार सामने आ रही है, जहाँ पोस्टल वेबसाइट लगातार 'कंसाइनमेंट नॉट फाउंड' दिखाती है, जबकि कंसाइनमेंट नंबर जारी किए जा चुके होते हैं।

    इस विसंगति को स्पष्ट करने के लिए कोर्ट ने हाई कोर्ट शाखा पोस्ट ऑफिस के सब-पोस्टमास्टर को तलब किया, जिन्होंने स्वीकार किया कि कंसाइनमेंट भेजा ही नहीं गया था।

    चीफ़ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने टिप्पणी की:

    “यह वास्तव में चौंकाने वाली बात है कि 04.11.2025 को पोस्ट ऑफिस को नोटिस दिया गया था, फिर भी उसे आज तक भेजा नहीं गया। पोस्ट ऑफिस की चाहे जो व्यक्तिगत कठिनाइयाँ हों, लेकिन वे पत्रों को हफ़्तों तक अपने कार्यालय में नहीं रख सकते।”

    अतः खंडपीठ ने निर्देश दिया:

    “भविष्य में कार्यालय यह स्पष्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करे कि नोटिस पोस्ट ऑफिस को कब सौंपा गया और यदि पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट पर कंसाइनमेंट का विवरण नहीं दिखता है, तो क्या वास्तव में पोस्ट ऑफिस ने नोटिस भेजा है या नहीं। कार्यालय को निर्देशित किया जाता है कि वे पोस्ट ऑफिस से वह नोटिस वापस लें और नई तिथि के साथ नया नोटिस जारी करें।”

    मामले की अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है।

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