सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

LiveLaw News Network

22 Feb 2021 10:04 AM IST

  • सुप्रीम कोर्ट वीकली राउंड अप : जानिए सुप्रीम कोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह

    15 फरवरी 2021 से 19 फरवरी 2021 तक सुप्रीम कोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र

    सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय बेंच के खिलाफ एनसीएलएटी की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को हटाया

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एनसीएलएटी की 3 -सदस्यीय पीठ के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) की 5-सदस्यीय पीठ द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को हटा दिया, जिसमें जस्टिस (सेवानिवृत्त) जरात कुमार जैन, बविंदर सिंह और विजय प्रताप सिंह शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच जिसमें न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई शामिल थे, ने तीन सेवारत एनसीएलएटी सदस्यों द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश दिया।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    जो पक्षकार सीपीसी 89 के तहत अदालती हस्तक्षेप के बिना विवाद को निपटाने में सहमत हुए, वो कोर्ट फीस वापस लेने के हकदार : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जो पक्ष निजी तौर पर सिविल विवाद प्रक्रिया की धारा 89 के तहत विचार किए गए माध्यम के बाहर अपने विवाद को निपटाने के लिए सहमत होते हैं, वो भी कोर्ट फीस वापस लेने के हकदार हैं। निजी समझौतों में भाग लेने वाले समान लाभ के हकदार होंगे, जिन्हें धारा 89 सीपीसी के तहत वैकल्पिक विवाद निपटान विधियों का पता लगाने के लिए संदर्भित किया गया है, पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन शामिल हैं, ने कहा।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री पर केस को सूचीबद्ध करने में देरी करने के आरोप लगाने वाली पार्टी इन पर्सन की रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक पार्टी इन पर्सन (पक्षकार) द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री पर उसके द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को सूचीबद्ध करने में देरी का आरोप लगाया था। यह याचिका अभिषेक कुमार मिश्रा द्वारा दायर की गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट सेक्रेटरी जनरल को प्रतिवादी बनाया गया था। मिश्रा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ 5 नवंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, जिसमें उनके बच्चे से मुलाक़ात के अधिकार से इनकार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी दादी उस समय मौत के करीब थीं और वह आखिरी बार बच्चे से मिलने की इच्छा जाहिर कर रही थीं।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    "हम चाहते हैं कि सरकार पेड़ काटने से पहले विकल्पों की तलाश करे" : सुप्रीम कोर्ट ने राजमार्ग परियोजनाओं के लिए पेड़ काटने पर दिशानिर्देश जारी करने के संकेत दिए

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह राजमार्ग परियोजनाओं के प्रयोजनों के लिए पेड़ों की कटाई के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। "हम चाहते हैं कि सरकार सड़कों के लिए पेड़ों को काटने से पहले विकल्पों का पता लगाए," भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने पश्चिम बंगाल में एक परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई के खिलाफ एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की। पीठ, जिसमें जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं, ने आगे कहा कि वह इस तरह के दिशानिर्देशों के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर सकते हैं और वनरोपण मुआवजे के प्रयोजनों के लिए गिरे हुए पेड़ों को भी महत्व दे सकता है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के पीछे "बड़ी साजिश" की जांच पर शुरू स्वतः संज्ञान कार्यवाही बंद की

    भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के पीछे "बड़ी साजिश" होने की जांच करने के लिए शुरू की गई स्वतः संज्ञान कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बंद कर दिया। "इन रि : मैटर ऑफ ग्रेट पब्लिक इंपोर्टेंस टचिंग अपॉन द इंडिपेंडेंस ऑफ ज्यूडिशियरी" शीर्षक वाले इस मामले पर 1 साल 9 महीने की अवधि के बाद जस्टिस संजय किशन कौल,जस्टिस, एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने विचार किया।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने NRI के लिए डाक मतपत्र सुविधा की जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस रिट याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव के समय अपने मतदान क्षेत्र के बाहर रहने वाले अनिवासी भारतीयों और अन्य लोगों के लिए डाक मतपत्र जैसे तरीकों के जरिए मतदान के अधिकार की मांग की गई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। केरल के एक राजनीतिक एक्टिविस्ट के सत्यन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि इन दिनों, बहुसंख्यक आबादी अपने निर्वाचन क्षेत्र से अस्थायी रूप से दूर रहती है, जिनमें पेशा, व्यवसाय, व्यापार, शिक्षा, विवाह आदि सहित कई कारण शामिल हैं। अदालत से से यह आग्रह किया गया है कि ऐसे लोगों को डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान का लाभ दिया जाना चाहिए।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    "हम किसी को शारीरिक रूप से सुनवाई के लिए सहमति देने के लिए कैसे बाध्य कर सकते हैं " : सुप्रीम कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के परिपत्र के खिलाफ याचिका पर कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए दी जिसमें COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप अदालत के प्रतिबंधित कामकाज के दौरान किसी मामले की अंतिम सुनवाई से पहले दोनों पक्षों की सहमति के उच्च न्यायालय के परिपत्र को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अब्दुल्ला 2016 में दिल्ली हाईकोर्ट में उनके द्वारा दायर की गई वैवाहिक अपील की अंतिम सुनवाई की मांग कर रहे हैं, जिसमें पारिवारिक अदालत द्वारा उनसे अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला के खिलाफ तलाक की डिक्री देने से इनकार किया गया है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    महिला को उत्पीड़न के खिलाफ अवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकताः प्र‌िया रमानी का बरी किया जाना 'मी टू' आंदोलन की जीत

    पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ मानहानि के मुकदमे में पत्रकार प्रिया रमानी का बरी किया जाना देश में यौन उत्पीड़न के मामले में दिया गया महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के एसीएमएम रवींद्र पांडे ने बुधवार को यह फैसला दिया था। यौन उत्पीड़न के मामले में रमानी का बोलना, पेशकश के बावजूद 'समझौते' से इनकार करना और उनका बचाव - इन सभी बातों ने उस मुद्दे में काफी मदद की, जिसके लिए उन्होंने अपनी आवाज उठाई थी, यानी-सार्वजनिक कल्याण और सार्वजनिक हित। आज भी, केवल आवाज उठाने के लिए लड़ी गई लंबी लड़ाई के अंत में, रमानी अपने फैसले पर ‌अडिग हैं। कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने कहा, "मुझे आशा है कि फैसला अधिक महिलाओं को आवाज उठाने के लिए प्रेर‌ित करेगा, और मुझे यह भी उम्मीद है कि यह शक्तिशाली पुरुषों को, उन महिलाओं के खिलाफ, जिन्होंने अपनी सच्चाई को साझा किया है, झूठे मुकदमे दर्ज करने से रोकेगा।"

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    RTI : सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस अरुण मिश्रा के सेवानिवृत्ति के बाद भी सरकारी आवास में रहने पर कारण देने से इनकार किया

    सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई अधिनियम) के तहत दायर एक आवेदन में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा के अपने आधिकारिक बंगले में समय से अधिक रहने के बारे में विवरण मांगने पर, सुप्रीम कोर्ट ने खुलासा किया है कि इस संबंध में जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती है क्योंकि इसे आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जे) और धारा 11 (1) के तहत छूट प्राप्त है। यह जवाब शेरिल डिसूजा द्वारा दायर एक आवेदन में सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त रजिस्ट्रार और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी अजय अग्रवाल ने दिया है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    जहां धोखाधड़ी, गलतबयानी या गलती से समझौता नष्ट हो गया है वहां सहमति देने वाली डिक्री प्रतिबंध के रूप में काम नहीं करेगी : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जहां धोखाधड़ी, गलतबयानी, या गलती से समझौता नष्ट हो गया है वहां सहमति देने वाली डिक्री एक प्रतिबंध के रूप में काम नहीं करेगी। यह मामला बेअंत सिंह द्वारा पूर्व में स्वामित्व वाली संपत्ति के भूतल के संबंध में कम्पैक एंटरप्राइजेज पर दायर कब्जे और मध्यवर्ती मुनाफे के लिए दाखिल सूट से निकला था। उच्च न्यायालय ने एक सहमति डिक्री पारित की, जिसमें निर्देश दिया गया कि 'याचिकाकर्ता (कम्पैक) उत्तरदाता (सिंह) को मध्यवर्ती मुनाफे के माध्यम से, हर 12 महीने बाद 10% की वृद्धि के साथ 1,00,000 रुपये की राशि प्रतिमाह भुगतान करेगा, यानी 1.10.2009, 1.10.2011 आदि 1.10.2008 से (यानी, जिस तारीख को 2006 का समझौता समाप्त हुआ) उस तारीख तक जब याचिकाकर्ता 5,472 वर्ग फुट सूट की संपत्ति का वास्तविक कब्जा सौंपेगा। याचिकाकर्ता द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    चार धाम परियोजना और उत्तराखंड आपदा के बीच कोई लिंक नहीं : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

    चार धाम राजमार्ग परियोजना के संबंध में, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तराखंड में आई बाढ़ के मद्देनज़र अदालत द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार समिति की रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष रक्षा मंत्रालय के लिए पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उत्तराखंड में हाल ही में दुर्भाग्यपूर्ण आपदा के मद्देनज़र एचपीसी में अध्यक्ष के नेतृत्व में सदस्यों ने परियोजना को इसके लिए दोषी ठहराया है, जो कि सही दावा नहीं है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    'महिलाओं को दशकों बाद भी अपनी शिकायत सामने रखने का अधिकार': दिल्ली कोर्ट ने एमजे अकबर आपराधिक मानहानि केस में प्रिया रमानी को बरी किया

    दिल्ली की अदालत ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को बरी कर दिया है। प्रिया द्वारा लगाए गए ''मीटू'' यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद यह अवमानना का केस दायर किया गया था। अदालत ने कहा कि,''महिलाओं को दशकों के बाद भी अपनी शिकायत सामने रखने का अधिकार है।'' यह भी कहा कि सोशल स्टे्टस वाला व्यक्ति भी यौन उत्पीड़न करने वाला हो सकता है। कोर्ट ने माना कि,''यौन शोषण गरिमा और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है। प्रतिष्ठा का अधिकार गरिमा के अधिकार की कीमत पर संरक्षित नहीं किया जा सकता है।''

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    राज्य उपक्रम और निजी पार्टी के बीच अनुबंध में मध्यस्थता खंड की उपस्थिति अनुच्छेद 226 के तहत लाभ उठाने पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाती : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक राज्य उपक्रम और एक निजी पार्टी के बीच एक अनुबंध के भीतर मध्यस्थता खंड की उपस्थिति संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत लाभ उठाने के लिए एक पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगाती है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि राज्य और उसके उपक्रम को केवल इसलिए निष्पक्ष तरीके से कार्य करने के कर्तव्य से छूट नहीं है क्योंकि अपने व्यापारिक व्यवहार में वे अनुबंध के दायरे में आ गए हैं।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने 'लव जिहाद' कानूनों को चुनौती देने के मामलोंं में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के हस्तक्षेप आवेदन को अनुमति दी

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 'जमीयत उलेमा-ए-हिंद' (इस्लामिक विद्वानों की एक संस्था) को उत्तर प्रदेश निषेध धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 और उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2018 और अन्य राज्यों द्वारा बनाए गए इस प्रकार के कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में प्रतिवादी के रूप में खुद को जोड़ने की अनुमति दी। जब अदालत धार्मिक परिवर्तन कानूनों को चुनौती देने वाली दो जनहित याचिकाओं पर विचार कर रही थी, तब वरिष्ठ अधिवक्ता एजाज मकबूल ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद 'द्वारा दायर किए गए हस्तक्षेप आवेदन का उल्लेख किया।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    जीव विज्ञान या जैविक विज्ञान में वरिष्ठ माध्यमिक स्तर का सैद्धांतिक और व्यावहारिक पूर्व ज्ञान एमबीबीएस दाखिले के लिए अनिवार्य योग्यता : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जीव विज्ञान या जैविक विज्ञान में वरिष्ठ माध्यमिक स्तर का सैद्धांतिक और व्यावहारिक, दोनों पूर्व ज्ञान एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए एक अनिवार्य योग्यता हैं। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि योग्यता में समानता केवल 10 + 2 की आवश्यकता के स्तर पर नहीं है, बल्कि एमसीआई विनियमन को एक परीक्षा में 'मानक और विस्तार ' में समकक्षता की आवश्यकता होती है जहां उम्मीदवार का व्यावहारिक परीक्षण सहित भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान के साथ साथ अंग्रेजी में परीक्षण किया जाता है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    घर खरीदार द्वारा रियल एस्टेट परियोजना पर अनुच्छेद 32 की याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती : सुप्रीम कोर्ट ने सीपीए, रेरा, आईबीसी आदि प्रावधानों का इशारा किया

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को घोषणा की कि किसी घर खरीदार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कार्यवाही में एक रियल एस्टेट परियोजना के संबंध में राहत की मांग पर सुनवाई नहीं की जा सकती है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ बुलंदशहर में "सुशांत मेगापोलिस" नामक एक रियल एस्टेट परियोजना के संबंध में घर खरीदारों में से एक द्वारा एक याचिका पर विचार कर रही थी। प्राथमिक राहत जो मांगी गई थी (i) सभी समझौतों को रद्द करना; (ii) खरीदारों को धन वापस करना, और वैकल्पिक तौर पर (iii) यह सुनिश्चित करना कि निर्माण कार्य पूरा हो हो और घर उचित समय के भीतर खरीदारों सौंप दिए जाएं। उपरोक्त राहतों के अलावा, याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में अन्य लोगों की एक-एक समिति के गठन की मांग की, जो वर्तमान मामले में डवलपर की परियोजनाओं की निगरानी और संचालन करे।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    वसीयत के तहत निष्पादक या वसीयत दार के रूप में अधिकार स्थापित करने के लिए प्रोबेट यानी प्रमाणित इच्छा पत्र या प्रशासन के पत्र लेने की अनिवार्यता आवश्यक ? सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी वसीयत के तहत निष्पादक या वसीयतदार के रूप में अधिकार स्थापित करने के लिए प्रोबेट यानी प्रमाणित इच्छा पत्र या प्रशासन के पत्र लेने की अनिवार्य आवश्यकता, केवल हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन द्वारा बनाई गई वसीयत पर लागू होती है, जो उच्च न्यायालयों के सिविल अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमा के भीतर होती है और उन क्षेत्रों के बाहर बनाई गई वसीयत की सीमा, जिसमें वे उन क्षेत्रों के भीतर अचल संपत्ति को सम्मिलित किया गया है, को कवर करती

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    "समुदाय की जरूरतों और हितों को देखना होगा": सुप्रीम कोर्ट ने चांदनी चौक के दशकों पुराने हनुमान मंदिर को हटाने के खिलाफ याचिका को खारिज किया, वैकल्पिक स्थल के अनुदान के लिए प्रतिनिधित्व देने को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के चांदनी चौक में 3 जनवरी को दशकों पुराने हनुमान मंदिर में तोड़फोड़ के खिलाफ याचिका को एक वैकल्पिक स्थल के अनुदान के लिए प्रतिनिधित्व देने की स्वतंत्रता के साथ खारिज कर दिया। इस घटना ने राष्ट्रीय राजधानी में हंगामा मचा दिया था। इस तोड़फोड़ ने, जो कि दिल्ली सरकार की चांदनी चौक पुनर्विकास योजना का हिस्सा थी, ने आम आदमी पार्टी (आप) जो सरकार का नेतृत्व करती है, और भाजपा, जो उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को नियंत्रित करती है, के बीच तनातनी भी पैदा

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    राजदीप सरदेसाई के खिलाफ कोर्ट की अवमानना को लेकर कोई स्वतः संज्ञान नहीं लिया गया, केस स्टेटस से अनजानः सुप्रीम कोर्ट ने कहा

    सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं किया गया है और एससी वेबसाइट पर मामले की स्थिति स्वतः संज्ञान केस (आपराधिक) 2/2020 (सरदेसाई के खिलाफ दर्ज मामला) के "अनजाने में" रखी हुई दिखाई गई है। यह भी कहा गया कि इसे स्थिति को ठीक करने के लिए उचित कार्रवाई चल रही है। इस रिपोर्ट के समय, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट का केस स्टेटस सेक्शन काम नहीं कर रहा था।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट कोविड वैक्सीन प्राथमिकता सूची में न्यायधीशों, वकीलों, अदालत के कर्मचारियों को शामिल करने की मांग पीआईएल पर विचार करने के लिए कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह वकीलों, न्यायाधीशों और अदालत के कर्मचारियों को COVID-19 वैक्सीन के लिए प्राथमिकता सूची में शामिल करने की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने दो सप्ताह बाद अरविंद सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि न्यायपालिका और वकीलों को भी डॉक्टरों, पुलिस आदि के बराबर अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता माना जाना चाहिए और वैक्सीन के लिए प्राथमिकता मिलनी चाहिए ।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने दो नाबालिग बच्चों की निर्मम हत्या के दोषी को प्राकृतिक जीवन की अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की पुष्टि की

    सुप्रीम कोर्ट ने सल्फास खिलाकर दो बच्चों की हत्या के दोषी व्यक्ति को शेष प्राकृतिक जीवन की अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा की पुष्टि की है। गौरी शंकर को चार वर्ष और दो वर्ष की उम्र के दो नाबालिग बच्चों को सल्फास खिलाकर निर्मम हत्या करने का दोषी पाया गया था। ट्रायल कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत दोषी ठहराया था और 01 जुलाई 2013 को एक आदेश जारी करते हुए उसे प्राकृतिक जीवन की अंतिम सांस तक के लिए उम्रकैद की सजा सुनायी थी और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    DRAT के समक्ष अपील दायर करने के लिए प्री-डिपॉजिट अनिवार्यः सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऋण वसूली और शोधन अक्षमता अधिनियम (आरडीबी एक्ट)की धारा 21 के तहत ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण(DRAT) के समक्ष अपील दायर करते समय पूर्व-जमा की पूरी छूट अस्वीकार्य है। सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि सभी मामलों में पचास प्रतिशत की डिक्रीटल राशि अर्थात देय ऋण को डीआरएटी के समक्ष जमा करवाना अनिवार्य आवश्यकता है, लेकिन उचित मामलों में कारण बताते हुए देय ऋण का कम से कम पच्चीस प्रतिशत जमा करवाने की अनुमति दी जा सकती है,परंतु पूरी राशि से छूट की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    "कानून घृणित, विभाजनकारी और साम्प्रदायिक दुष्प्रचार के लिए प्रभावशाली शक्ति के रूप में कार्य करता है" : मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

    यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 'लव जिहाद' की राजनीतिक और सांप्रदायिक नौटंकी, जो पहले केवल फर्जी दुष्प्रचार मशीनों (जैसे- 'व्हाट्सएप विश्वविद्यालय', 'संदेहास्पद सोशल मीडिया' आउटलेट्स) आदि के द्वारा 'हमें बनाम उनका' की भावनाओं, राजनीतिक रैलियों और सामाजिक गौण गतिविधियों तक सीमित थी, अब इसने खुद को एक कानून के रूप में प्रकट कर दिया है।" मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है। याचिका में राज्य सरकार के अध्यादेश को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21 और 25 का उल्लंघन करार दिया गया है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    भारत में वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनाने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भारत में "विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय" (world class University) की स्थापना की मांग की गई थी। यह याचिका बनमाली दास वेलफेयर एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन नामक एक एनजीओ ने दायर की थी। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यद्यपि भारत में सौ से अधिक विश्वविद्यालय हैं, उनमें से कोई भी 'विश्वस्तरीय' नहीं है और केंद्र सरकार देश में 'विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय' (वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी) स्थापित करने के लिए बाध्य है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि इस तरह की प्रार्थना करने वाली जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की, "कई विश्व स्तरीय चीजें हैं, जो भारत के पास नहीं हैं।"

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    2016 जेएनयू देशद्रोह केस: दिल्ली कोर्ट ने कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और अन्य को 15 मार्च को कोर्ट के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया

    दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 2016 के जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है। इस मामले में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य 10 आरोपियों को तलब किया है और उन्हें 15 मार्च को अदालत के समक्ष उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। सोमवार को पारित आदेश में कहा गया, "आरोप-पत्र की सामग्री पर विचार करने के बाद उपरोक्त सभी अभियुक्त व्यक्तियों को आईपीसी की धारा 124ए / 323/465/47 1/143/147/149/120 / के तहत मुकदमे का सामना करने के लिए बुलाया जाता है। आरोपित व्यक्तियों को 15.03.2021 को जांच अधिकारी के माध्यम से बुलाया गया है।"

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए बीजेपी नेता की याचिका को खारिज किया

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) का दर्जा पाने की भाजपा नेता की याचिका को खारिज कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने प्रभाकर तुकाराम शिंदे द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बॉम्बे उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने शिवसेना के साथ अपनी पार्टी के साथ दरार, और महा विकास अघाड़ी के गठन के बाद मुंबई नागरिक निकाय में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मांगा था।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को पांच दिनों की अंतरिम जमानत दी

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स द्वारा दायर अंतरिम जमानत अर्जी को अनुमति दी जिसमें अपनी 90 साल की बीमार मां की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति और अपने बेटे को देखने की अंतिम इच्छा का हवाला देते हुए पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई की मांग की गई है। सीजेआई एसए बोबडे के नेतृत्व वाली पीठ ने आदेश दिया, "यह प्रस्तुत किया गया है कि मां एक गंभीर स्थिति में है और यह संभावना है कि वह कई दिनों तक जीवित नहीं रहेगी। इन परिस्थितियों में, हम कप्पन को अपनी मां से मिलने और फिर 5 वें दिन के आखिरी में जेल में लौटने की अनुमति देना उचित समझते हैं।"

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    "लोगों की निजता आपके पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण है " : सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप की नई नीति के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया

    भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने फेसबुक और व्हाट्सएप को भारत में नई निजता नीति को लागू करने से रोकने और यूरोपीय क्षेत्र के लिए लागू नीति को यहां लागू करने के निर्देश वाले एक आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए "लोगों की निजता आपके धन से अधिक महत्वपूर्ण है" टिप्पणी की। सीजेआई ने कहा कि लोगों ने व्हाट्सएप की नई नीति के संबंध में निजता के अपने अधिकार के बारे में गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं और कंपनी को 4 सप्ताह के भीतर एक जवाबी हलफनामा दाखिल करके अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    यौन उत्पीड़न का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने वकील के क्लर्क पर तीन महीने के लिए परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया

    सुप्रीम कोर्ट ने एक आंतरिक जांच में यौन उत्पीड़न का दोषी पाए जाने के बाद एक वकील के क्लर्क को तीन महीने की अवधि के लिए परिसर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया है। इस आशय के एक नोटिस में, सर्वोच्च न्यायालय की लिंग संवेदीकरण आंतरिक शिकायत समिति (GSICC) (Gender Sensitization Internal Complaints Committee) द्वारा जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि क्लर्क अशोक सैनी को 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2021 तक न्यायालय परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सुप्रीम कोर्ट ने NDTV प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को सेबी जुर्माने के खिलाफ SAT में अपील की सुनवाई के लिए सुरक्षा राशि जमा करने से छूट दी

    एनडीटीवी के प्रमोटरों प्रणय रॉय और राधिका रॉय को राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष सुरक्षा राशि जमा करने से छूट दी, जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग से संबंधित एक मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( सेबी) द्वारा लगाए गए 16.9 करोड़ रुपये से अधिक के दंड के खिलाफ उनकी अपील पर सुनवाई होनी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि,

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को अडानी ग्रुप को लीज पर देने के खिलाफ केरल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 16 मार्च को सुनवाई करेगा

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार के अडानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को लीज पर देने के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच को सुनवाई को 16 मार्च के लिए पोस्ट किया। केरल सरकार और कुछ अन्य व्यक्तियों ने केरल उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की हैं। केरल हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2020 में अडानी एंटरप्राइजेज को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को लीज पर देने के एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के फैसले को बरकरार रखा था, जिसके खिलाफ उक्त विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की गई हैं।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    सीपीसी आदेश 20 में निर्धारित निर्णय की घोषणा के लिए टाइम लाइन हाईकोर्ट के लिए लागू नहीं होती : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 20 में निर्धारित निर्णय की घोषणा के लिए टाइम लाइन (समयरेखा) उच्च न्यायालय के लिए लागू नहीं होती है। इस मामले में, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने निर्णय देने में देरी के आधार पर एकल न्यायाधीश के निर्णय को रद्द कर दिया था। डिवीजन बेंच ने कहा कि इस मामले में बहस 24.12.2019 को समाप्त हो गई और उसके बाद 30.09.2020 को नौ महीने से अधिक समय के बाद निर्णय सुनाया गया। इस प्रकार ये तय करने के लिए, डिविजन बेंच ने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 20 नियम 1 के प्रावधान पर भरोसा किया, जिसमें कहा गया है कि आदेश सुरक्षित रखे जाने के 30 दिनों के भीतर निर्णय दिया जाना चाहिए।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    एससीबीए चुनाव फिज़िकली गुप्त मतदान के माध्यम से करवाए जाएं : सुप्रीम कोर्ट में चुनाव समिति को निर्देश देने की याचिका

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की चुनाव समिति को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन उप नियमों के संदर्भ में शारीरिक रूप से गुप्त मतदान के माध्यम से आगामी चुनाव कराने के निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। एडवोकेट प्रदीप कुमार यादव द्वारा दायर याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह संयुक्त सचिव सहकारिता और केंद्रीय रजिस्ट्रार, चुनाव समिति के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को उसके सचिव के माध्यम से निर्देश जारी करे और उन्हें एससीबीए के उप नियम 17 के संदर्भ में चुनाव कराने के लिए कहें।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    जूनियर अधिकारी के साथ फ्लर्ट करना किसी न्यायाधीश के लिए स्वीकार्य आचरण नहीं ' : सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के लिए विभागीय कार्यवाही झेल रहे मध्य प्रदेश के जज को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के एक पूर्व जिला जज द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने पर अनिच्छा व्यक्त की जिन्होंने एक जूनियर न्यायिक अधिकारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर मप्र उच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को चुनौती दी है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से अपील करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता रवींद्र श्रीवास्तव ने भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शिकायतकर्ता महिला अधिकारी को याचिकाकर्ता द्वारा भेजे गए व्हाट्सएप संदेशों को पढ़ा।

    आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

    Next Story