संपादकीय

अगर एक चैनल मुस्लिमों द्वारा  OBC का लाभ लेने पर आपत्ति जताता है तो इसे सांप्रदायिक नहीं कहा जा सकता : सुदर्शन टीवी के लिए श्याम दीवान ने दलील दी
"अगर एक चैनल मुस्लिमों द्वारा OBC का लाभ लेने पर आपत्ति जताता है तो इसे सांप्रदायिक नहीं कहा जा सकता" : सुदर्शन टीवी के लिए श्याम दीवान ने दलील दी

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ द्वारा दिए गए स्थगन आदेश पर विवाद करते हुए, चैनल ने कहा है कि यह शो "खोजी पत्रकारिता" से बना है, जो आतंकवादी जुड़े संगठनों के "अवैध विदेशी धन" को यूपीएससी के लिए कोचिंग संस्थानों के लिंक का खुलासा करता है जो अल्पसंख्यक समुदाय के लिए काम करते हैं।चैनल के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने तर्क दिया कि एडिटर-इन-चीफ का मानना ​​है कि यह शो खोजी पत्रकारिता से जुड़े ठोस तथ्यों पर आधारित है और सच्चाई को अपने दर्शकों तक पहुंचाना मीडिया का कर्तव्य है।...

स्टाम्प ड्यूटी के अभाव में दस गुना जुर्माने की प्रावधान यांत्रिक तरीके से नहीं लगेगाः सुप्रीम कोर्ट
स्टाम्प ड्यूटी के अभाव में "दस गुना जुर्माने" की प्रावधान यांत्रिक तरीके से नहीं लगेगाः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भारतीय स्टाम्प अधिनियम की धारा 40 (1) (बी) के तहत निर्धारित दस गुना जुर्माना यांत्रिक रूप से नहीं लगाया जा सकता है।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने कहा कि वंचित करने के लिए धोखाधड़ी या छल या अनुचित समृद्धि जैसे कारण किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए प्रासंगिक कारक हैं कि धारा 40 (1) (बी) के तहत दंड की सीमा क्या होनी चाहिए।धारा 40 (1) (बी) के अनुसार, यदि कलेक्टर की राय है कि ऐसा उपकरण ड्यूटी से संबंधित है और इसकी विधिवत स्टाम्प नहीं...

[ब्रेकिंग] सुदर्शन न्यूज टीवी ने अपने शो बिंदास बोल के खिलाफ सुनवाई का सीधा प्रसारण करने के लिए SC में अर्जी दायर की
[ब्रेकिंग] सुदर्शन न्यूज टीवी ने अपने शो "बिंदास बोल" के खिलाफ सुनवाई का सीधा प्रसारण करने के लिए SC में अर्जी दायर की

सुदर्शन न्यूज टीवी ने अपने विवादास्पद शो "बिंदास बोल" के खिलाफ मामले में सुनवाई का सीधा प्रसारण करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की है। इस शो के प्रसारण पर सुप्रीम कोर्ट ने ये कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि पहली नजर में ये शो मुसलमानों को कलंकित करता है।दलीलों में कहा गया है कि सुदर्शन न्यूज टीवी के करोड़ों दर्शक सुप्रीम कोर्ट में कानूनी कार्यवाही देखना चाहते हैं और पक्षकारों द्वारा दिए गए कानूनी तर्कों को सुनना चाहते हैं। आवेदन में ऑडियो विजुअल ब्रॉडकास्टिंग/टेलीकास्टिंग के...

[मोटर वाहन दुर्घटना दावा] स्थायी अक्षमता के मामलों में भविष्य की संभावनाओं के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट
[मोटर वाहन दुर्घटना दावा] स्थायी अक्षमता के मामलों में भविष्य की संभावनाओं के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोटर दुर्घटना के परिणामस्वरूप होने वाली स्थायी अक्षमता के मामलों में भविष्य की संभावनाओं के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जा सकता है। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एस रविंद्र भट की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के साथ असहमति जताई कि "भविष्य की संभावनाओं" के लिए आय में वृद्धि केवल मौत के मामले में दी जा सकती है, चोट के लिए नहीं। यह कहा गया है कि न्यायालयों को एक रूढ़िवादी या अदूरदर्शी दृष्टिकोण को नहीं अपनाना चाहिए, बल्कि इसके बजाय, जीवन की...

कोई भी अस्पताल COVID के मरीजों के लिए बेड उपलब्ध होने पर रोगी को भर्ती करने से मना नहीं कर सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट
कोई भी अस्पताल COVID के मरीजों के लिए बेड उपलब्ध होने पर रोगी को भर्ती करने से मना नहीं कर सकता है: कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार (16 सितंबर) को कहा कि कोई भी अस्पताल किसी COVID​​-19 रोगी को भर्ती करने से मना नहीं कर सकता है, यदि ऐसे रोगियों के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं और यह चिकित्सा नैतिकता के मूल सिद्धांतों में से एक है।मुख्य न्यायाधीश थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बैनर्जी की खंडपीठ ने आगे कहा, "एक अस्पताल की प्राथमिक जिम्मेदारी, चाहे वह सरकारी हो या निजी, उन लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करनी है, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।"वास्तव में, याचिकाकर्ताओं द्वारा न्यायालय के समक्ष...

बैक फुट पर खेलना बंद करें; COVID से हुई मृत्यु के डाटा को छुपाना सार्वजनिक हित में नहीं, गुजरात HC ने सरकार को सलाह दी
'बैक फुट पर खेलना बंद करें; COVID से हुई मृत्यु के डाटा को छुपाना सार्वजनिक हित में नहीं,' गुजरात HC ने सरकार को सलाह दी

हाल ही में, गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात राज्य में COVID की स्थिति का स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि हालाँकि राज्य सरकार द्वारा COVID की स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे थे, फिर भी, दुर्भाग्य से, बड़े पैमाने पर लोग सहयोग नहीं कर रहे थे।मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की डिवीजन बेंच ने यह पाया कि, "एक उच्च न्यायालय के रूप में, मौजूदा स्थिति में जो कुछ भी करने की उम्मीद की जा रही है वह किया जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य से, अदालत जो कह...

वर्चुअल कोर्ट ने युवा महिला वकीलों की कार्य क्षमता बढ़ाईः जस्टिस चंद्रचूड़
वर्चुअल कोर्ट ने युवा महिला वकीलों की कार्य क्षमता बढ़ाईः जस्टिस चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वर्चुअल कोर्ट ने युवा वकीलों, विशेषकर महिला वकीलों की उत्पादकता या कार्य क्षमता में वृद्धि की है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि,''मैं विशेष रूप से उन जूनियर वकीलों की संख्या से प्रभावित हूं जो वुर्चअल कोर्ट के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हो रहे हैं। उनमें आत्मविश्वास की भावना है। अब वे एक वास्तविक फिजिकल कोर्ट से भयभीत नहीं होते हैं, जहां उन्हें सैकड़ों वकीलों के सामने बहस करनी होती थी।'' उन्होंने कहा कि,''मैं विशेष...

अगर उन्होंने कुछ मूर्खतापूर्ण कहा है, तो हम इसे अनदेखा कर देंगे: जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुरेश चव्हाणके के ट्वीट पर अवमानना की अर्जी पर कहा
"अगर उन्होंने कुछ मूर्खतापूर्ण कहा है, तो हम इसे अनदेखा कर देंगे": जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुरेश चव्हाणके के ट्वीट पर अवमानना की अर्जी पर कहा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुदर्शन टीवी के एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाणके के खिलाफ अदालत द्वारा उनके शो 'बिंदास बोल' का प्रसारण रोकने का आदेश पारित करने के बाद उनके ट्वीट्स के लिए स्वत: संज्ञान आपराधिक अवमानना का मुकदमा दायर करने की याचिका को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। याचिकाकर्ता फिरोज इकबाल खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप चौधरी ने कहा कि उन्होंने चव्हाणके के खिलाफ अदालत के आदेश के जवाब में उनके ट्वीट के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाने की याचिका दायर...

हिंदी विधि भाग-15:  बगैर वसीयत के स्वर्गवासी होने वाले हिंदू पुरुष के उत्तराधिकारियों में संपत्ति के बंटवारे का क्रम क्या होता है?
हिंदी विधि भाग-15: बगैर वसीयत के स्वर्गवासी होने वाले हिंदू पुरुष के उत्तराधिकारियों में संपत्ति के बंटवारे का क्रम क्या होता है?

इससे पूर्व के आलेख में किसी बगैर वसीयत के मरने वाले हिंदू पुरुष की संपत्ति के उत्तराधिकार के निर्धारण के संबंध में उल्लेख किया गया था तथा उन वारिसों को बताया गया था जिन्हें इस प्रकार बगैर वसीयत के मरने वाले हिंदू पुरुष की संपत्ति हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 8 के अंतर्गत उत्तराधिकार में प्राप्त होती है। इस आलेख में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अनुसार संपत्ति जब उत्तराधिकारियों को प्राप्त होती है तो वह किस क्रम में प्राप्त होगी! इस संबंध में चर्चा की जा रही है।हिंदू उत्तराधिकार...

सुप्रीम कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के शादी से पहले निजी विवरण को सार्वजनिक करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के शादी से पहले निजी विवरण को सार्वजनिक करने के प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

उस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि उन्हें विवाह से पहले विवाह के 30 दिनों से पहले, अपने निजी विवरणों को जांच के लिए सार्वजनिक करने की आवश्यकता होती है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के उस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें कहा गया है कि उन्हें विवाह से पहले विवाह के 30 दिनों से पहले, अपने निजी विवरणों को जांच के लिए सार्वजनिक करने की आवश्यकता होती है।मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
अन्य राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई को सीमित करने वाली महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के अस्पतालों को दी राहत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की उस अधिसूचना के सम्बन्ध में याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की, जिस अधिसूचना के अंतर्गत महाराष्ट्र सरकार द्वारा यह निर्देश जारी किया गया था कि महाराष्ट्र राज्य में विनिर्माण इकाइयों द्वारा ऑक्सीजन के उत्पादन के 80% की आपूर्ति महाराष्ट्र राज्य के अस्पताल में की जाए। न्यायमूर्ति एस. सी. शर्मा एवं न्यायमूर्ति शैलेन्द्र शुक्ला द्वारा अंतरिम राहत के माध्यम से, प्रतिवादी No.3 मेसर्स आईनोक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को याचिकाकर्ता अस्पताल...

सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले: सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी के सुझावों पर फैसला सुरक्षित रखा
सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामले: सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी के सुझावों पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एमिकस क्यूरी, विजय हंसारिया की देश भर में सांसदों/विधायकों (वर्तमान और पूर्व) के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के शीघ्र निपटारे की अर्जी पर अपने आदेश सुरक्षित रख लिए।सुनवाई के दौरान, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से केंद्र ने कहा कि वह सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों की प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से दिए गए आदेश का स्वागत करेगा।10 सितंबर, 2020 को शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, विशेष विधानों के तहत वर्तमान और पूर्व सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित...

जोधपुर NLU छात्र की संदिग्ध मौत:  सुप्रीम कोर्ट ने  राजस्थान पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को रद्द किया, नए सिरे से जांच करने का दिया आदेश
जोधपुर NLU छात्र की संदिग्ध मौत: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को रद्द किया, नए सिरे से जांच करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में तृतीय वर्ष के छात्र विक्रांत नगाइच की अगस्त 2017 में हुई रहस्यमय मौत के मामले की जांच राज्य पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका पर आदेश सुनाते हुए पुलिस को नए सिरे से मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने राजस्थान पुलिस द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को रद्द कर दिया है।दरअसल 8 सितंबर को पीठ ने मामले को सुना और...

वयस्क अविवाहित बेटी, यदि किसी शारीरिक या मानसिक असमानता से पीड़ित नहीं है, तो धारा 125 सीआरपीसी के तहत पिता से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती : सुप्रीम कोर्ट
वयस्क अविवाहित बेटी, यदि किसी शारीरिक या मानसिक असमानता से पीड़ित नहीं है, तो धारा 125 सीआरपीसी के तहत पिता से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि वयस्क हो चुकी अव‌िवाहित बेटी, यदि वह किसी शारीरिक या मानसिक असामान्यता/चोट से पीड़ित नहीं है तो धारा 125 सीआरपीसी की कार्यवाही के तहत, अपने पिता से भरण-पोषण का दावा करने की हकदार नहीं है।तीन जजों की बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस अशोक भूषण ने की, ने कहा कि हिंदू दत्तक एवं भरण-पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20 (3) पर भरोसा करें तो एक अविवाहित हिंदू बेटी अपने पिता से भरण-पोषण का दावा कर सकती है, बशर्ते कि वह यह साबित करे कि वह अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है, जिस अधिकार के...

आप एक समुदाय को टारगेट नहीं कर सकते और उन्हें एक विशेष तरीके से ब्रांड नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के शो यूपीएससी ज़‌िहाद पर रोक लगाई
आप एक समुदाय को टारगेट नहीं कर सकते और उन्हें एक विशेष तरीके से ब्रांड नहीं कर सकते: सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के शो 'यूपीएससी ज़‌िहाद' पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने सुदर्शन टीवी को मुसलमानों द्वारा संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं पास करने पर आधार‌ित अपने विवादित कार्यक्रम 'बिंदास बोल' की बची हुई कड़ियों को अगले आदेश तक प्रसारण करने से रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी प्रथम दृष्टया टिप्पणी में कहा कि काय्रक्रम का उद्देश्य मुस्लिमानों को अपमान‌ित करना है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा ​​और केएम जोसेफ की पीठ ने मंगलवार को शो के प्रसारण पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की। सुदर्शन टीवी के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके द्वारा आयोजित...

सुप्रीम कोर्ट हिरासत में टॉर्चर पर नई गाइडलाइन बनाने के लिए डीके बसु केस को फिर से खोलने की याचिका पर सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट हिरासत में टॉर्चर पर नई गाइडलाइन बनाने के लिए डीके बसु केस को फिर से खोलने की याचिका पर सुनवाई करेगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हिरासत में टॉर्चर से संबंधित मामले की सुनवाई 7 अक्टूबर, 2020 तक टाल दी और एमिकस क्यूरी व वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी को सुनवाई होने पर पर दलीलें शुरू करने के लिए कहा। जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विनीत सरन की पीठ में हिरासत टॉर्चर को खत्म करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों की आवश्यकता के बारे में याचिकाओं के एक समूह की सुनवाई कर रही थी। जून 2020 में तमिलनाडु में जयराज और बेनिक्स के पिता-पुत्र की जोड़ी की हिरासत में मौत की भयावह घटना के...

याचिकाकर्ता जेल में है क्योंकि वह गरीब है; उसे स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता: उत्तराखण्ड HC ने ज़मानत की राशि कम की
याचिकाकर्ता जेल में है क्योंकि वह गरीब है; उसे स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता: उत्तराखण्ड HC ने ज़मानत की राशि कम की

एक "गरीब व्यक्ति" की जमानत की राशि को कम करते हुए, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गुरुवार (10 सितंबर) को कहा कि याचिकाकर्ता को उसकी स्वतंत्रता वापस नहीं मिल सकी क्योंकि वह ज़मानत की व्यवस्था नहीं कर सका। न्यायमूर्ति रवींद्र मैथानी की एकल पीठ ने आगे टिप्पणी की,""तत्काल मामले में याचिकाकर्ता जेल में है क्योंकि वह गरीब है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, ऐसा नहीं होना चाहिए और यह न्यायालय ऐसा नहीं होने देगा।"दरअसल, न्यायालय एक अजीत पाल की लिखित याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो वर्ष 2018 के अपराध...

छात्रों को सत्ता और शक्ति के दुरुपयोग पर सवाल उठाना सिखाएं लॉ स्कूल: डॉ जस्टिस मुरलीधर
छात्रों को सत्ता और शक्ति के दुरुपयोग पर सवाल उठाना सिखाएं लॉ स्कूल: डॉ जस्टिस मुरलीधर

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज डॉ जस्टिस एस मुरलीधर ने कहा है कि लॉ कॉलेजों को सामाजिक रूप से प्रासंगिक कानूनी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। वह लाइवलॉ द्वारा "समकालीन भारत में कानूनी शिक्षा की कल्पना" विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे, जिसे प्र‌थम शामनाद बशीर मेमोरियल लेक्चर के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के सहायक प्रोफेसर डॉ अनूप सुरेंद्रनाथ ने किया था।जस्टिस मुरलीधर ने प्रोफेसर शामनाद को "सकारात्मकता और जीवन शक्ति के व्यक्ति" के...

National Uniform Public Holiday Policy
[सीपीसी की धारा 25] महज याचिका के निपटारे में विलंब के एक मात्र आधार पर इसे एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

"प्रत्येक कोर्ट के अपने अधिकार क्षेत्र होते हैं।" सुप्रीम कोर्ट ने एक स्थानांतरण याचिका खारिज करते हुए कहा है कि याचिका के निपटारे में विलम्ब के एक मात्र आधार पर उस याचिका को एक अदालत से दूसरी अदालत में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता।इस मामले में याचिकाकर्ता ने तेलंगाना हाईकोर्ट में 2016 में दायर एक रिट अपील को दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की इजाजत मांगी गयी थी। अपीलकर्ता ने दलील दी थी कि वह सब कुछ गंवा चुका है और अपने बेहतरीन प्रयासों के बावजूद हैदराबाद हाईकोर्ट में उसकी याचिका अंतिम...