संपादकीय

[हवाई किराया वापसी ] लॉकडाउन से पहले की गई हवाई बुकिंग पर रिफंड और क्रेडिट शेल की सुविधा : DGCA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
[हवाई किराया वापसी ] लॉकडाउन से पहले की गई हवाई बुकिंग पर रिफंड और क्रेडिट शेल की सुविधा : DGCA ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पष्ट किया है कि वो सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर 24 मई तक यात्रा के लिए, लॉकडाउन से पहले बुक किए गए हवाई टिकटों पर पूर्ण वापसी प्रदान करने के लिए कहेगा। दरअसल लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई उड़ानों में रिफंड के लिए शीर्ष अदालत के समक्ष जनहित याचिका दायर की गई है। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष बुधवार को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।पिछली सुनवाई में पीठ ने केंद्र से विमान किराया और...

सुदर्शन टीवी लिमिटेड पर भारत की एकता के खिलाफ कार्य करने के लिए कार्यवाही शुरू की जाए: प्रो जगदीप छोकर और वेंकटेश नाइक ने सरकार को लिखा पत्र
सुदर्शन टीवी लिमिटेड पर भारत की एकता के खिलाफ कार्य करने के लिए कार्यवाही शुरू की जाए: प्रो जगदीप छोकर और वेंकटेश नाइक ने सरकार को लिखा पत्र

ट्रांसपेरेंसी राइट्स एक्टिविस्ट वेंकटेश नायक और प्रसिद्ध अकादमिक प्रोफेसर जगदीप छोकर ने गृह मंत्रालय और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्‍था और भारत की एकता के खिलाफ कार्य करने के लिए सुदर्शन टीवी चैनल का संचालन को समाप्त करने की कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।नायक और छोकर ने आरोप लगाया है कि चैनल ने "झूठे बयानों" को लगातार प्रसारित करके, "घृणा फैलाने और सार्वजनिक व्यवस्‍था को खतरे में डालने" का इरादा करके विश्वसनीय पत्रकारिता के प्रत्येक...

मिस्त्री द्वारा टाटा सन्स के शेयरों के जरिए पूंजी जुटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए   
मिस्त्री द्वारा टाटा सन्स के शेयरों के जरिए पूंजी जुटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मिस्त्री फर्मों और शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री के खिलाफ टाटा संस में अपने शेयरधारिता की सुरक्षा के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने, शेयरों के संबंध में कोई हस्तांतरण या कोई और कार्रवाई ना करने का आदेश दिया।मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन की पीठ 28 अक्टूबर को टाटा संस द्वारा दाखिल "तत्काल आवेदन" पर सुनवाई करेगी।मंगलवार को मिस्त्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने अदालत को बताया कि टाटा संस शेयरों को गिरवी रखने...

सुदर्शन टीवी का कार्यक्रम हिंदू-मुस्लिम संबंधों को तोड़ने का प्रयास, एडवोकेट शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
सुदर्शन टीवी का कार्यक्रम हिंदू-मुस्लिम संबंधों को तोड़ने का प्रयास, एडवोकेट शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सुदर्शन टीवी का शो 'बोल बिंदास' शो मुस्लिमों और हिंदुओं के बीच की एकता को तोड़ने का एक प्रयास था, सोमवार को एडवोकेट शादान फरासत ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दलील पेश की। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा ​​और केएम जोसेफ की बेंच के समक्ष जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 3 छात्रों की ओर से वह पेश हुए थे।फरासत ने कहा, "यह सुनिश्चित करना राज्य की सकारात्मक ज़िम्मेदारी है कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 से निकले अधिकारों का एक नागरिक के ‌लिए उल्लंघन न हो। अगर उनका उल्लंघन किया जाता है, तो क्या...

हिंदू विधि भाग- 17 : कोई हिंदू वारिस उत्तराधिकार से कब बेदखल होता है
हिंदू विधि भाग- 17 : कोई हिंदू वारिस उत्तराधिकार से कब बेदखल होता है

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 किसी बगैर वसीयत के स्वर्गीय होने वाले हिंदू पुरुष और स्त्री की संपत्ति के उत्तराधिकार के संबंध में नियमों को प्रस्तुत करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत वारिसों का निर्धारण किया गया है। कौन से वारिस किस समय संपत्ति में उत्तराधिकार का हित रखते हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी संपत्ति में उत्तराधिकार रखने वाले वारिसों के बेदखल के संबंध में भी प्रावधान किए गए।कुछ परिस्थितियां ऐसी है जिनके आधार पर विधि वारिसों को उत्तराधिकार के हित से अयोग्य कर देती है। उत्तराधिकार के संबंध...

[शाहीन बाग विरोध- प्रदर्शन] सुप्रीम कोर्ट ने अन्य लोगों के आवागमन के अधिकार के साथ विरोध के अधिकार को संतुलित करने पर फैसला सुरक्षित रखा
[शाहीन बाग विरोध- प्रदर्शन] सुप्रीम कोर्ट ने अन्य लोगों के आवागमन के अधिकार के साथ विरोध के अधिकार को संतुलित करने पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को "अन्य लोगों के आवागमन के अधिकार के साथ विरोध के अधिकार को संतुलित करने की आवश्यकता" के पहलू पर अपना फैसला सुरक्षित रखा, जिसमें शाहीन बाग और अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों को महामारी की स्थिति के चलते तुरंत हटाने के दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एसके कौल की अगुवाई वाली पीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि शाहीन बाग में जो प्रयोग किया गया था, उसमें कहा गया था कि कोई आदेश पारित किया जाए, चाहे वह सफल हो या न हो।व्यक्तिगत रूप से पेश याचिकाकर्ता,...

PM केयर्स फंड अनुच्छेद 53 (3) (बी) के समर्थन बिना मंत्रीपरिषद की ट्रस्टीशिप में चल रहा है: सुप्रीम कोर्ट में PM केयर्स फंड को ट्रांसफर करने पर पुनर्विचार याचिका दाखिल
"PM केयर्स फंड अनुच्छेद 53 (3) (बी) के समर्थन बिना मंत्रीपरिषद की ट्रस्टीशिप में चल रहा है": सुप्रीम कोर्ट में PM केयर्स फंड को ट्रांसफर करने पर पुनर्विचार याचिका दाखिल

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 अगस्त को सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत PM केयर्स फंड को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत निधियों को हस्तांतरित करने की मांग वाली याचिका को खारिज करने पर एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है।याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा था कि COVID-19 के लिए एक ताजा राष्ट्रीय आपदा राहत योजना की कोई आवश्यकता नहीं है, और COVID-19 से पहले आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी राहत के न्यूनतम मानक पर्याप्त थे। पीठ ने...

सुप्रीम कोर्ट ने POCSO- गैंगरेप के आरोपी UP के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अंतरिम जमानत पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने POCSO- गैंगरेप के आरोपी UP के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की अंतरिम जमानत पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अल्पकालिक जमानत पर रोक लगा दी। उनके खिलाफ एक सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने 3 सितंबर, 2020 को हाईकोर्ट द्वारा दी गई चिकित्सा आधार पर अल्पकालिक जमानत आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा दाखिल याचिका पर नोटिस जारी किया है।अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने इस आधार के साथ केंद्र की ओर से दलीलें...

पहले वेब आधारित डिजिटल मीडिया को विनयमित करने की जरूरत, क्योंकि ये पूरी तरह अनियंत्रित हैं: केंद्र ने सुदर्शन टीवी मामले में SC में कहा
पहले वेब आधारित डिजिटल मीडिया को विनयमित करने की जरूरत, क्योंकि ये पूरी तरह अनियंत्रित हैं: केंद्र ने सुदर्शन टीवी मामले में SC में कहा

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह मुख्यधारा के इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के नियमन के लिए कोई दिशानिर्देश तय नहीं करे और इस मुद्दे को सक्षम विधायिका द्वारा निपटाए जाने के लिए छोड़ दें।इसमें प्रकाश डाला गया है कि इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण चैनलों के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए "स्व-नियामक तंत्र", "प्रभावी और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।" इस प्रकार, "सामान्य आवेदन के किसी भी व्यापक दिशा-निर्देश को प्रस्तुत करके वर्तमान याचिका के दायरे को चौड़ा करना वांछनीय नहीं है।" साथ ही...

सुदर्शन टीवी का बिंदास बोल शो स्थायी  इस्लामोफोबिया: जकात फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हस्तक्षेप आवेदन
"सुदर्शन टीवी का बिंदास बोल शो स्थायी इस्लामोफोबिया": जकात फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हस्तक्षेप आवेदन

सुदर्शन टीवी के सिविल सर्विसेज में कथित मुस्लिम घुसपैठ के बारे में एक शो के प्रसारण के खिलाफ चल रहे मामले में ज़कात फाउंडेशन ने सुप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।ज़कात फ़ाउंडेशन विवाद के केंद्र में है और सुदर्शन टीवी द्वारा उस पर "UPSC जिहाद" टैगलाइन के साथ अपने शो 'बिंदास बोल' में आतंकवाद से जुड़े संगठनों से विदेशी फंड प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े मामले में ज़कात फाउंडेशन के लिए बहस करेंगे। पहले उदाहरण में फाउंडेशन ने कहा है कि समाचार चैनल ने...

[एनआईए एक्ट] जिस बैंक में भुगतान प्राप्त करने वाले व्यक्ति का खाता है, उससे संबंधित अधिकार क्षेत्र वाला कोर्ट चेक बाउंस के मुकदमे की सुनवाई कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट
[एनआईए एक्ट] जिस बैंक में भुगतान प्राप्त करने वाले व्यक्ति का खाता है, उससे संबंधित अधिकार क्षेत्र वाला कोर्ट चेक बाउंस के मुकदमे की सुनवाई कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक स्थानांतरण याचिका खारिज करते हुए कहा है कि भुगतान प्राप्त करने वाले व्यक्ति का खाता जिस बैंक में होता है, उससे संबंधित इलाके के कोर्ट के पास चेक बाउंस के मामले की सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र होता है, यदि चेक को खाते के माध्यम से समाहरण (कलेक्शन) के लिए दिया जाता है। इस मामले में, हिमालय सेल्फ फार्मिंग ग्रुप ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 406 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दलील दी थी कि डिलीवरी चालान के तहत पक्षकारों के बीच सभी प्रकार के...

[अनुच्छेद 227] रिट याचिका तभी सुनवाई योग्य हो सकती है यदि आर्बिट्रेटर के आदेश में उसके अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र की प्रत्यक्ष कमी नजर आये : सुप्रीम कोर्ट
[अनुच्छेद 227] रिट याचिका तभी सुनवाई योग्य हो सकती है यदि आर्बिट्रेटर के आदेश में उसके अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र की प्रत्यक्ष कमी नजर आये : सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 16 के तहत याचिका को खारिज किये जाने के खिलाफ भारत के संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत दायर रिट याचिका पर तभी विचार किया जा सकता है जब आदेश दुराग्रहपूर्ण हो तथा जिसमें अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र की प्रत्यक्ष कमी नजर आती हो।अधिनियम की धारा 16 में प्रावधान है कि एक मध्यस्थ न्यायाधिकरण मध्यस्थता समझौते के अस्तित्व या वैधता के संबंध में किसी भी आपत्ति पर फैसला देने सहित खुद के अधिकार क्षेत्र पर निर्णय दे सकता है। इस मामले में, आर्बिट्रेटर ने...

हमें मान्यता प्रदान करें ताकि सभी समाचार प्रसारकों को, वह सदस्य हो या नहीं, बाध्यकारी कार्यक्षेत्र के भीतर लाया जा सकेः एनबीए ने सुदर्शन मामले में दायर हलफनामे में कहा
हमें मान्यता प्रदान करें ताकि सभी समाचार प्रसारकों को, वह सदस्य हो या नहीं, बाध्यकारी कार्यक्षेत्र के भीतर लाया जा सकेः एनबीए ने सुदर्शन मामले में दायर हलफनामे में कहा

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में सुझाव दिया है कि उसकी आचार संहिता को सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के 'प्रोग्राम कोड' के नियम 6 में शामिल किया जाना चाहिए और एनबीए की सदस्यता के बावजूद, सभी समाचार प्रसारकों के लिए बाध्यकारी बनाया जाए। एनबीए ने यह हलफनामा शुक्रवार को अदालत के निर्देशों के जवाब में दायर किया है, जिसमें मांग की गई थी कि कैसे समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) के स्व-नियामक तंत्र को मजबूत किया जा सकता है और...

हिंदू विधि भाग 16 : बगैर वसीयत के स्वर्गवासी होने वाली हिंदू नारी की संपत्ति का उत्तराधिकार (Succession) कैसे तय होता है
हिंदू विधि भाग 16 : बगैर वसीयत के स्वर्गवासी होने वाली हिंदू नारी की संपत्ति का उत्तराधिकार (Succession) कैसे तय होता है

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 ( Hindu Succession Act, 1956) हिंदू पुरुष और हिंदू स्त्रियों में किसी प्रकार का उत्तराधिकार के संबंध में कोई भेदभाव नहीं करता है। यह विधि प्राकृतिक स्नेह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है। भारत की संसद द्वारा इसका निर्माण सामाजिक समरसता और समानता के आधार पर किया है। इस अधिनियम के अंतर्गत हिंदू पुरुष की संपत्ति को उत्तराधिकार में बांटने का अलग वैज्ञानिक तरीका है जिसका वर्णन इस अधिनियम की धारा 8 के अंतर्गत किया गया है। लेखक द्वारा इस अधिनियम की धारा 8 पर...

राज्य सभा ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 पास किया
राज्य सभा ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 पास किया

राज्यसभा ने शनिवार को महामारी संबंधी बीमारियों से स्वास्थ्य कर्मियों के बचाव के लिए महामारी रोग (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनि मत से पारित कर दिया।पहले से ही एक अध्यादेश के रूप में लागू यह विधेयक, इस तरह की बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियों के दायरे को और भी बढ़ाता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि COVID-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को अक्सर बदनाम किया जाता था। उनके व्यक्ति, संपत्ति और स्वास्थ्य सुविधा पर हमलों के उदाहरण...

राज्य सभा ने आईबीसी के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए विधेयक पारित किया
राज्य सभा ने आईबीसी के तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया को अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए विधेयक पारित किया

राज्यसभा ने आज ध्वनि मत से इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी (दूसरा संसोधन) विधेयक, 2020 पारित कर दिया। एक अध्यादेश के रूप में पहले से ही लागू विधेयक, IBC कोड 2016 में संशोधन करता है और अस्थायी रूप से एक वर्ष की अवधि के लिए कॉर्पोरेट इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) को निलंबित करता है।विधेयक पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह विधेयक असाधारण आर्थिक स्थिति, COVID-19 महामारी के कारण के दौरान कंपनियों के सामने आने वाले वित्तीय तनाव को कम करने के लिए, 25 मार्च, 2020 से एक वर्ष...