संपादकीय

संविदा विधि (Contract Law) भाग 5 :  कोई करार कब संविदा बनता है और संविदा करने के लिए सक्षम कौन होता है (धारा 10-12)
संविदा विधि (Contract Law) भाग 5 : कोई करार कब संविदा बनता है और संविदा करने के लिए सक्षम कौन होता है (धारा 10-12)

भारतीय संविदा अधिनियम 1872 के अंतर्गत सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि जब करार हो जाता है तो कौन से करार संविदा बनते हैं और संविदा करने के लिए सक्षम पक्षकार कौन होते हैं? इस प्रश्न का जवाब हमें इस अधिनियम की धारा 10 और 12 में प्राप्त होता है। इस अधिनियम की धारा 10 भारतीय संविदा अधिनियम 1872 के सर्वाधिक महत्वपूर्ण धाराओं में से एक धारा है। यदि इस धारा को गहनता से अध्ययन किया जाए तो यह प्राप्त होता है कि संविदा अधिनियम का संपूर्ण निचोड़ तथा निष्कर्ष इस धारा के अंतर्गत समाहित कर दिया गया है। इस...

संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के ऐसे कार्य न्यायिक स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं : एससीबीए ने जस्टिस रमना के खिलाफ आरोप वाले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के पत्र की कड़ी निंदा की
संवैधानिक पद पर बैठे लोगों के ऐसे कार्य न्यायिक स्वतंत्रता को प्रभावित करते हैं : एससीबीए ने जस्टिस रमना के खिलाफ आरोप वाले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के पत्र की कड़ी निंदा की

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारिणी समिति ने एक बयान जारी करके आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश को लिखे गये उस पत्र की कड़ी निंदा की है, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायिक प्रशासन में न्यायमूर्ति एन वी रमना के हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। समिति ने कहा है, "संवैधानिक पद पर बैठे ओहदेदारों के इस तरह के कार्य परिपाटी के विरुद्ध और गम्भीर दखलंदाजी है, जिससे भारतीय संविधान में न्यायपालिका को मिली आजादी प्रभावित होती है।"इसने पत्र...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
बेटे द्वारा घर से निकालने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और उनकी पत्नी पहुंचे हाईकोर्ट, कोर्ट ने दिया जिला मजिस्ट्रेट के पास जाने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह दो महीने के भीतर इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और उनके बेटे के बीच संपत्ति के स्वामित्व/कब्ज़े को लेकर चल रहे विवाद का हल निकालें। न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने मजिस्ट्रेट को यह भी निर्देश दिया है कि एक ''सशब्द और तर्कपूर्ण आदेश'' पारित करें। साथ ही मामले के पक्षकारों को स्वतंत्रता प्रदान की है कि वह आगे के निर्देशों के लिए इस अदालत के समक्ष उस आदेश को रख सकते हैं। ...

संविदा विधि (Contract Law) भाग 4 : संविदा अधिनियम के अंतर्गत प्रतिसंहरण ( Revocation) क्या होता है और कैसे किया जाता है (धारा 5-6)
संविदा विधि (Contract Law) भाग 4 : संविदा अधिनियम के अंतर्गत प्रतिसंहरण ( Revocation) क्या होता है और कैसे किया जाता है (धारा 5-6)

प्रतिसंहरण का सामान्य सा अर्थ होता है रद्द करना अर्थात अपने प्रस्ताव और स्वीकृति को रद्द करना। प्रश्न उठता है कि कोई भी प्रस्ताव या स्वीकृति को रद्द किया जा सकता है रद्द करने की समय अवधि क्या है।इस प्रश्न का उत्तर हमें संविदा अधिनियम 1872 धारा 5 के अंतर्गत प्राप्त होता है। इस धारा के अनुसार कोई भी प्रस्थापना उसके प्रतिग्रहण की सूचना प्रस्थापक के विरुद्ध संपूर्ण हो जाने के पूर्व किसी भी समय प्रतिसंहरण की जा सकेगी किंतु उसके पश्चात नहीं।कोई भी प्रतिग्रहण या प्रतिग्रहण की सूचना प्रतिग्रहिता के...

श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर बनी मस्जिद को हटाने के मामले में दायर मुकदमे को खार‌िज करने के फैसले के खिलाफ दायर अपील को मथुरा जिला अदालत ने स्वीकार किया
श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर बनी मस्जिद को हटाने के मामले में दायर मुकदमे को खार‌िज करने के फैसले के खिलाफ दायर अपील को मथुरा जिला अदालत ने स्वीकार किया

कथ‌ित रूप से श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर बनी मस्जिद ईदगाह को हटाने के मामले में दायर मुकदमे को खार‌िज करने के सिविल जज, मथुरा के फैसले के खिलाफ दायर अपील को मथुरा जिला अदालत ने शुक्रवार (16 अक्टूबर) को स्वीकार कर ‌लिया।जिला न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर ने शुक्रवार (16 अक्टूबर) को उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड, ट्रस्ट मस्जिद ईदगाह, श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को नोटिस जारी किए। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार (19 नवंबर) को होगी।केस की पृष्ठभूमिइससे पहले, सोमवार (12 अक्टूबर)...

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने से रोकने और कदम उठाने के लिए जस्टिस मदन बी लोकुर की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने से रोकने और कदम उठाने के लिए जस्टिस मदन बी लोकुर की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने को रोकने के लिए निगरानी करने और कदम उठाने के लिए जस्टिस (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने तीसरे साल के लॉ स्टूडेंट आदित्य दुबे की याचिका में सुझाव को स्वीकार कर लिया कि पराली जलाने से रोकने के लिए जस्टिस लोकुर की समिति नियुक्त की जाए, जिसमें पंजाब, हरियाणा और यूपी के मुख्य सचिव शामिल हों जो न्यायमूर्ति लोकुर को राज्यों...

(दिल्ली दंगे) दिल्ली हाईकोर्ट ने जी न्यूज से सोर्स पूछा, बताएं कहां से अभियुक्त का कथित इकबालिया बयान प्राप्त हुआ
(दिल्ली दंगे) दिल्ली हाईकोर्ट ने 'जी न्यूज' से सोर्स पूछा, "बताएं कहां से अभियुक्त का कथित इकबालिया बयान प्राप्त हुआ"

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार (15 अक्टूबर) को एक टीवी न्यूज चैनल 'जी न्यूज' को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई (यानी, 19 अक्टूबर) तक एक हलफनामा दायर करके स्पष्ट रूप से बताएं कि उनको कहां से याचिकाकर्ता (आसिफ इकबाल तन्हा) का कथित इकबालिया बयान प्राप्त हुआ था।न्यायमूर्ति विभु बाखरू की खंडपीठ ने यह निर्देश उस समय दिया है, जब प्रतिवादी नंबर 1 (डीसीपी स्पेशल सेल, नई दिल्ली) ने अदालत ने सूचित किया कि जांच में शामिल किसी भी पुलिसकर्मी ने जांच का कोई भी विवरण लीक नहीं किया है। अदालत के समक्ष यह भी कहा...

आरोपी पर पीड़िता से राखी बंधवाने की अदालती शर्त के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया
आरोपी पर पीड़िता से राखी बंधवाने की अदालती शर्त के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा एक अभियुक्त पर लगाई गई जमानत शर्त चुनौती देने वाली याचिका पर अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया जिसमें उसे शिकायतकर्ता से राखी बंधवाने के लिए कहा गया और उसके साथ उदारता दिखाने के आरोप लगाए थे। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि चूंकि याचिका इस तरह के आदेश पारित नहीं करने के लिए सभी उच्च न्यायालयों पर एक सामान्य घोषणा की मांग कर रही है, इसलिए इसे केवल अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी करने की जरूरत है।याचिकाकर्ताओं के लिए...

CrPC की धारा 167 (2), के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत / वैधानिक जमानत के लिए अदालत पैसा जमा कराने की शर्त नहीं लगा सकती : सुप्रीम कोर्ट
CrPC की धारा 167 (2), के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत / वैधानिक जमानत के लिए अदालत पैसा जमा कराने की शर्त नहीं लगा सकती : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत / वैधानिक जमानत देते समय, राशि जमा करने की शर्त नहीं लगाई जा सकती। CrPC की धारा 167 (2), के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत / वैधानिक जमानत पाने के लिए एकमात्र आवश्यकता ये है कि क्या आरोपी 60 या 90 दिनों से अधिक समय तक जेल में है, जैसा भी मामला हो, और 60 या 90 दिनों के भीतर, जैसा भी मामला हो, जांच पूरी नहीं हुई है और 60 वें या 90 वें दिन तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है और अभियुक्त डिफ़ॉल्ट जमानत के लिए आवेदन करता...

विदेशी अवार्ड को मान्यता देने और लागू करने के हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका बहुत ही बारीक आधार पर टिकेगी : सुप्रीम कोर्ट
विदेशी अवार्ड को मान्यता देने और लागू करने के हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका बहुत ही बारीक आधार पर टिकेगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विदेशी अवार्ड (आदेश) को मान्यता देने और उसे लागू करने से संबंधित हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) एक अत्यंत संकीर्ण आधार पर टिकी होगी। कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रिस्पॉन्सिव इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए कहा कि अपवाद के मामलों में मध्यस्थता कानून की धारा 48 की खुल्लमखुला अवहेलना अंधाधुंध इस्तेमाल किया जाने वाला मंत्र नहीं है।बेंच ने दलीलों पर विचार करते हुए...

संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 3 : संविदा अधिनियम के अंतर्गत प्रस्ताव ( Proposal) और स्वीकृति (acceptance) कैसे किया जाता है (धारा 3-4)
संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 3 : संविदा अधिनियम के अंतर्गत प्रस्ताव ( Proposal) और स्वीकृति (acceptance) कैसे किया जाता है (धारा 3-4)

भारतीय संविदा अधिनियम 1872 के अंतर्गत अब तक के दो आलेखों में हमने इस अधिनियम का मूल अर्थ और उससे संबंधित परिभाषाओं को समझने का प्रयास किया है, इस आलेख के अंतर्गत प्रस्थापना (प्रस्ताव) और प्रतिग्रहण ( स्वीकृति) कैसे किया जाता है प्रस्थापना और प्रतिग्रहण की सूचना कैसे संपूर्ण होती है, इस संदर्भ में उल्लेख किया जा रहा है।प्रस्ताव ( Proposal) की संसूचनासंविदा अधिनियम 1872 की धारा 3 प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रतिग्रहण कि संसूचना और प्रतिसंहरण के संबंध में उल्लेख कर रही है। इस धारा का सर्वाधिक महत्व...

हाईकोर्ट में भरोसा रखिए: सुप्रीम कोर्ट ने टीआरपी घोटाले में समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा
"हाईकोर्ट में भरोसा रखिए": सुप्रीम कोर्ट ने टीआरपी घोटाले में समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर रिपब्लिक टीवी को बॉम्बे हाईकोर्ट जाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रिपब्लिक टीवी चलाने वाली कंपनी और उसके प्रमुख अर्नब गोस्वामी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें मुंबई पुलिस द्वारा टेलीविजन रेटिंग अंक (टीआरपी) में हेरफेर करने के आरोप में दर्ज एफआईआर में जारी किए गए समन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की, "हमें अपने हाईकोर्ट पर विश्वास रखना चाहिए। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बिना सुनवाई एक...

अनुच्छेद 19 (1) (ए) के अधिकार को एक अपराध की जांच में ढाल नहीं बनाया जा सकता: मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में रिपब्लिक टीवी की याचिका का SC में विरोध किया
"अनुच्छेद 19 (1) (ए) के अधिकार को एक अपराध की जांच में ढाल नहीं बनाया जा सकता": मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में रिपब्लिक टीवी की याचिका का SC में विरोध किया

मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में चैनल के खिलाफ मुंबई पुलिस की जांच को चुनौती देने वाली रिपब्लिक टीवी (एजीआर आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड) और अर्णब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर कर इसे अनुकरणीय जुर्माने के साथ खारिज करने का आग्रह किया है। मुंबई पुलिस ने तर्क दिया है कि एक कथित अपराध की जांच को अनुच्छेद 19 (1) (ए) के उल्लंघन के लिए एक आधार के रूप में नहीं टाला जा सकता है।राज्य के एसीपी, सीआईडी ​​ के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया,"अनुच्छेद 19...

पीड़ित परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया: सुप्रीम कोर्ट में हाथरस मामले को लेकर यूपी सरकार का हलफनामा
"पीड़ित परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया": सुप्रीम कोर्ट में हाथरस मामले को लेकर यूपी सरकार का हलफनामा

हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने हलफनामे में, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्तुत किया है कि उसने पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल तैनात किया है। सीजेआई एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने पहले राज्य सरकार को इस तरह के विवरण को दाखिल करने का निर्देश दिया था।उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के विशेष सचिव ने अपने हलफनामे में कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित परिवार और गवाहों को स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए...

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी पार्टी की कानूनी इकाई के लिए सार्वजनिक संपत्ति का कथित इस्तेमाल करने और SCBA के चुनाव प्रचार में शामिल होने पर नोट‌िस जारी किया
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी पार्टी की कानूनी इकाई के लिए सार्वजनिक संपत्ति का कथित इस्तेमाल करने और SCBA के चुनाव प्रचार में शामिल होने पर नोट‌िस जारी किया

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (12 अक्टूबर) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कानूनी इकाई की ओर से आयोजित वकीलों के अधिवेशन में भाग लेने के लिए स्वतः संज्ञान नोटिस जारी किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की कानूनी इकाई जिन्ना कन्वेंशन सेंटर (इस्लामाबाद) में उक्त कार्यक्रम सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनावों में अपने कैंड‌िडेट के प्रचार के ‌लिए आयोजित किया था।जस्टिस काजी फ़ैज़ ईसा और ज‌स्टिस अमीन-उद-दीन खान की खंडपीठ ने पंजाब...

केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा अदालत में मुकरी, कहा कभी आरोप नहीं लगाया
केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा अदालत में मुकरी, कहा कभी आरोप नहीं लगाया

मंगलवार को एक हाई-प्रोफाइल मामले में अदालत के सामने कानून की छात्रा, जिसने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया था और अब पुलिस पर उसके बयानों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है जिसके चलते उसे झूठी गवाही के मामले का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ में एक एमपी-एमएलए अदालत के सामने LLM छात्रा ने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया कि उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई भी आरोप लगाए थे जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपित किया था।इस पर, अभियोजन पक्ष ने तुरंत सीआरपीसी की धारा 340 के तहत...

कानून को तोड़-मरोड़कर भाषण की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं: जस्टिस मदन लोकुर ने हाथरस, कफील खान, प्रशांत भूषण मामले में सरकार की कार्रवाई की निंदा की
कानून को तोड़-मरोड़कर भाषण की आजादी पर हमले किए जा रहे हैं: जस्टिस मदन लोकुर ने हाथरस, कफील खान, प्रशांत भूषण मामले में सरकार की कार्रवाई की निंदा की

जस्टिस मदन बी लोकुर ने सोमवार को कहा, "अगर कानून का पूर्णतया दुरुपयोग नहीं हो रहा है तो भी कानून को तोड़-मरोड़कर बोलने की आजादी को खत्म किया जा रहा है, उस पर हमला किया जा रहा है।"सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित बीजी वर्गीज मेमोरियल लेक्चर 2020 में बोल रहे थे, जिसकी मेजबानी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर ने की थी।"हमारे मौलिक अधिकारों का संरक्षण और सुरक्षा-भाषण, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध का अधिकार," विषय पर बोलते हुए जस्टिस लोकुर ने जोर देकर कहा कि कानून की 'वस्तुनिष्ठ'...

जांच की अधिकतम अवधि समाप्त होने पर,  चार्जशीट दायर होने से पहले आवेदन करने पर आरोपी को डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट
जांच की अधिकतम अवधि समाप्त होने पर, चार्जशीट दायर होने से पहले आवेदन करने पर आरोपी को 'डिफ़ॉल्ट जमानत' का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी अपराध की जांच के लिए अधिकतम अवधि समाप्त हो जाती है, और चार्जशीट दायर होने से पहले वह आवेदन करता है, तो आरोपी को 'डिफ़ॉल्ट जमानत' का असमर्थनीय अधिकार मिल जाता है। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, आरोपी व्यक्ति को धारा 167 (2) के प्रावधान की शर्तें पूरी होने के बाद डिफ़ॉल्ट जमानत पर रिहा होने का मौलिक अधिकार है।अभियुक्त, बिक्रमजीत सिंह को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा हिरासत में भेज दिया गया। 90 दिनों की हिरासत में समाप्त होने के बाद, उन्होंने...