संपादकीय

ट्र्स्ट ने हर साल वकीलों और क्लर्कों को फ्री मेडिकल बीमा उपलब्ध करवाया : सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर ट्र्स्ट ने SCAORA के प्रस्ताव पर जवाब दिया
"ट्र्स्ट ने हर साल वकीलों और क्लर्कों को फ्री मेडिकल बीमा उपलब्ध करवाया" : सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर ट्र्स्ट ने SCAORA के प्रस्ताव पर जवाब दिया

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) के हालिया प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें ट्रस्ट को अपने संचालन और गतिविधियों में SCAORA के पते के साथ SCAOR के नाम का उपयोग करने से रोकने का आह्वान किया गया है। ट्रस्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा है कि ट्रस्ट ने अपने गठन के बाद से वरिष्ठ अधिवक्ताओं और अन्य लोगों से धन जुटाया है और वकीलों, क्लर्कों और उनके परिवारों को हर साल मुफ्त चिकित्सा बीमा दे रहा है।लूथरा, जो...

UAPAऔर देशद्रोह-गलत तरीके से गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए: जस्टिस मदन लोकुर
UAPAऔर देशद्रोह-गलत तरीके से गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए: जस्टिस मदन लोकुर

जस्टिस मदन बी लोकुर ने शनिवार को कहा, "मेरा विचार है कि देशद्रोह कानून और UAPA कहीं नहीं जा रहे हैं, वे जहां हैं वहीं रहेंगे। और वास्तव में, लोगों को बात करने से रोकने के लिए एनएसए को अब इसमें जोड़ा जा रहा है।"सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीजेएआर के एक वेबिनार में बोल रहे थे, जिसका विषय था- "लोकतंत्र, असहमति और कठोर कानून पर चर्चा- क्या UAPA और राजद्रोह को हमारी कानून की किताबों में जगह मिलनी चाहिए?"जस्टिस लोकुर मुख्य रूप से इन कानूनों के तहत लंबी अवधि की कैद के बाद बरी किए गए लोगों के लिए...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
यदि कथित कृत्य आधिकारिक कर्तव्य से संबंधित तो सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मुकदमे के लिए धारा 197 CrPC के तहत मंजूरी जरूरी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सार्वजनिक कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने के लिए, यदि उनका कथित कृत्य आधिकारिक कर्तव्य से संबंधित है, तो सक्षम प्राधिकरणों की मंजूरी आवश्यक होगी।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, उक्त कानून के अनुपालन का पैमाना यह होगा कि प्राध‌िकरण का प्रथम दृष्‍टया यह राय कायम करनी होगी कि चूक का कार्य, जिसके लिए कर्मचारी को आरोपित किया गया है, उनके कर्तव्यों के निर्वहन के साथ उचित रूप से जुड़ा था।पीठ ने यह टिप्पणी...

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास से धार्मिक संस्थान प्रभावित हुए तो भगवान हमें क्षमा करेंगे : केरल हाईकोर्ट
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास से धार्मिक संस्थान प्रभावित हुए तो भगवान हमें क्षमा करेंगे : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग 66 को चौड़ा करने के लिए अधिग्रहण की कार्यवाही में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए याचिकाओं के एक बैच को इस आधार पर खारिज कर दिया कि इस मामले में न्यायिक समीक्षा की अनुमति नहीं है।न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने कोल्लम में NH-66 को चौड़ा करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ याचिकाओं के एक बैच को खारिज करते हुए कहा,"अगर राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के दौरान धार्मिक संस्थान प्रभावित होते हैं, तो भगवान हमें माफ कर...

समझौते की शक्ति स्पष्ट रूप से उस क़ानून द्वारा प्रदान की जानी चाहिए जो अपराध पैदा करता है : सुप्रीम कोर्ट
समझौते की शक्ति स्पष्ट रूप से उस क़ानून द्वारा प्रदान की जानी चाहिए जो अपराध पैदा करता है : सुप्रीम कोर्ट

समझौते की शक्ति स्पष्ट रूप से उस क़ानून द्वारा प्रदान की जानी चाहिए जो अपराध पैदा करता है, सुप्रीम कोर्ट ने पारित एक फैसले में कहा।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के बाहर के अपराधों के संबंध में, समझौते की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब इस तरह के अपराध मे समझौते करने से पहले अपराध बनाने वाले क़ानून में समझौते के लिए एक स्पष्ट प्रावधान हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि सीआरपीसी की धारा 320 केवल आईपीसी के तहत अपराधों में समझौते का प्रावधान करती है।भारतीय...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
बूथ पर कब्जा और फर्जी मतदान कानून के शासन और लोकतंत्र को प्रभावित करता है; सख्ती से निपटा जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को एक फैसले में कहा कि बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग के मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए क्योंकि यह अंततः कानून के शासन और लोकतंत्र को प्रभावित करता है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि मतदान की स्वतंत्रता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का एक हिस्सा है और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वोट डालने की गोपनीयता आवश्यक है।पीठ ने कहा कि चुनावी प्रणाली का सार मतदाताओं को अपनी स्वतंत्र पसंद का प्रयोग करने की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना होना...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
'उत्पीड़न का औजार': कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाजियाबाद FIR मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी के ‌खिलाफ जारी यूपी पुलिस के नोटिस को रद्द किया

कर्नाटक उच्‍च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ट्व‌िटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्ट के खिलाफ आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत जारी नो‌टिस को रद्द कर दिया। कोर्ट ने उक्त नोटिस को "उत्पीड़न का उपकरण" करार दिया। गाजियाबाद में एक मुस्लिम पर हुए हमले के वीडियो को ट्विटर पर पोस्ट करने के मामले में दर्ज एफआईआर में उक्त नोटिस जारी की गई थी।उच्च न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह सुनिश्‍चित किए बिना नोटिस जारी किया है कि ट्विटर कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड...

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता  खराब होने पर पटाखों पर बैन के आदेश को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र में वायु गुणवत्ता ' खराब' होने पर पटाखों पर बैन के आदेश को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज कर दिया, जिसमें एनसीआर और भारत के अन्य शहरों में COVID​​​​-19 महामारी के दौरान सभी पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब था।यह कहते हुए कि अधिकारी एक्यूआई की श्रेणी के अनुसार पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे सकते हैं, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने आदेश दिया कि इसे एनजीटी के आदेश में संबोधित किया गया था और आगे...

उन्हें पूछताछ का सामना करने में संकोच नहीं करना चाहिए: कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीसीआई जांच के खिलाफ अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज की
'उन्हें पूछताछ का सामना करने में संकोच नहीं करना चाहिए': कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीसीआई जांच के खिलाफ अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज की

कर्नाटक हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। इस अपील में हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को उनकी प्रारंभिक जांच करने की अनुमति दी थी।न्यायमूर्ति सतीशचंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति नटराज रंगास्वामी की खंडपीठ ने कहा,"...इस अदालत की संबंधित राय में इस स्तर पर जांच को किसी भी हद तक कुचला नहीं जा सकता है। यदि अपीलकर्ता 2002 के अधिनियम के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन में शामिल...

सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया की पुनर्गणना की मांग करने वाली दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया की पुनर्गणना की मांग करने वाली दूरसंचार कंपनियों की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग ( डीओटी) द्वारा मांगे गए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया की पुनर्गणना की मांग करने वाली दूरसंचार कंपनियों की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज द्वारा दायर आवेदनों को खारिज करते हुए आदेश सुनाया। पीठ ने 19 जुलाई को आवेदनों पर आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि पहले के एक आदेश के मद्देनज़र पुनर्मूल्यांकन प्रतिबंधित है।पिछले साल सितंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने...

आपातकालीन अवार्ड मध्यस्थता अधिनियम की धारा 17 के तहत एक आदेश नहीं है : फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
आपातकालीन अवार्ड मध्यस्थता अधिनियम की धारा 17 के तहत एक आदेश नहीं है : फ्यूचर ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

अमेज़ॅन के तर्कों का जवाब देते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की ओर से रिलायंस के साथ एफआरएल के सौदे को रोकने वाले सिंगापुर ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आपातकालीन मध्यस्थता अवार्ड के विवाद में प्रस्तुतियां दीं।साल्वे ने अमेज़ॅन के इस तर्क का खंडन किया कि एफआरएल द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष दायर अपील सुनवाई योग्य नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस प्रश्न में मुख्य रूप से मध्यस्थता अधिनियम की धारा 37 का गठन शामिल है, यह देखने के लिए कि क्या 37(1) सीपीसी के आदेश 43 के...

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप आरोपों पर एनएचआरसी रिपोर्ट का ब्योरा देने की राज्य सरकार की मांग खारिज की
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा : कलकत्ता हाईकोर्ट ने रेप आरोपों पर एनएचआरसी रिपोर्ट का ब्योरा देने की राज्य सरकार की मांग खारिज की

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए 26 जुलाई तक का समय दिया। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को सुबह 11 बजे होनी है।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, जस्टिस आईपी मुखर्जी, जस्टिस हरीश टंडन, जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस सुब्रत तालुकदार की पांच जजों की बेंच ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार को एनएचआरसी रिपोर्ट के जवाब में अपना हलफनामा दाखिल करने का 'अंतिम अवसर' दिया जा रहा...

चार्जशीट 20,000 पेजों की है: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपील पर छात्र एक्टिविस्ट को पेनड्राइव दाखिल करने की अनुमति दी
'चार्जशीट 20,000 पेजों की है': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अपील पर छात्र एक्टिविस्ट को पेनड्राइव दाखिल करने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीन छात्र-एक्टिविस्ट देवांगना कलिता, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को जमानत देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में दायर अपील में चार्जशीट की फिजिकल कॉपी के स्थान पर पेन ड्राइव दाखिल करने की अनुमति दी।देवांगना कलिता और नताशा नरवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने 20,000 पृष्ठों की चार्जशीट के चलते पेन ड्राइव जमा करने की अनुमति मांगी।न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की...

बहुत कम संभावना है, लेकिन आप कोशिश कर सकते हैं : दंगे के मामले में एक्टिविस्ट की जमानत को रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा
"बहुत कम संभावना है, लेकिन आप कोशिश कर सकते हैं" : दंगे के मामले में एक्टिविस्ट की जमानत को रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को मौखिक रूप से बताया कि दंगों की साजिश के मामले में आरोपी तीन छात्र- एक्टिविस्ट, देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने के लिए आश्वस्त होने की "बहुत कम संभावना" है।साथ ही, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि जमानत आदेश में वैधानिक प्रावधानों के बारे में लंबी बहस होनी चाहिए या नहीं, इस पर उसकी अलग राय हो सकती है। न्यायमूर्ति कौल ने सॉलिसिटर...

पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की याचिका
पेगासस जासूसी आरोपों की जांच के लिए अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की याचिका

सीरियल जनहित याचिका के वादी एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर विशेष जांच दल द्वारा अदालत की निगरानी में उस मामले की जांच की मांग की है, जिसमें पत्रकारों, एक्टिविस्ट , राजनेताओं आदि पर इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित जासूसी की रिपोर्ट की गई है।शर्मा को राफेल सौदे, अनुच्छेद 370, हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ आदि जैसे सनसनीखेज मामलों में जनहित याचिकाओं के साथ सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए जाना जाता है। 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन वित्त मंत्री...

COVID-19 पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा: केंद्र ने दिशानिर्देश तय करने के लिए मध्य सितंबर तक के समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
COVID-19 पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा: केंद्र ने दिशानिर्देश तय करने के लिए मध्य सितंबर तक के समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को COVID-19 पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह सहायता के भुगतान की सिफारिश करने वाले दिशानिर्देश तैयार करने के लिए 4 सप्ताह का समय देने की मांग की है।भारत सरकार ने अपने आवेदन के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक व्यापक और मजबूत दिशा-निर्देशों के साथ आने में सक्षम बनाने के लिए समय की मांग की है।आवेदक ने प्रस्तुत किया कि COVID-19 आपदा के पीड़ितों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए उचित दिशा-निर्देश तैयार करने की कवायद...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
धारा 482 सीआरपीसी: असाधारण मामलों में संक्षिप्त कारण बताते हुए अंतरिम संरक्षण आदेश पारित किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट अपवादात्मक मामलों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत याचिकाओं में संक्षिप्त कारण बताते हुए अंतरिम संरक्षण आदेश पारित कर सकता है।न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की खंडपीठ ने कहा, "निहारिका इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र सरकार' मामले में जिस बात को लेकर असहमति प्रकट की गयी है, वह यह है कि अदालतों की प्रवृत्ति है कि वे केवल इतना लिखकर आवृत्त, गुप्त, संक्षिप्त, अस्पष्ट आदेश पारित करते हैं कि...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
"अधिवक्ता सोचते हैं कि जनहित याचिकाओं में पूरा बोझ कोर्ट पर डाला जा सकता है, पीआईएल किसी अन्य रिट याचिका की तरह है और दलीलों के नियमों का पालन करना होगा": सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि जनहित याचिका दायर करते समय वादियों को दलीलों के नियमों का पालन करना होगा और तथ्य-खोज का पूरा बोझ अदालतों पर नहीं छोड़ा जा सकता है।"अधिवक्ता सोचते हैं कि जनहित याचिकाओं में पूरा बोझ अदालत पर डाला जा सकता है। आप कम से कम जो एफआईआर हैं,उनका हमें विवरण दें। जनहित याचिका किसी अन्य नियमित रिट याचिका की तरह है। आपको अपनी मदद करनी होगी और दलीलों के नियमों का पालन करना होगा, "जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र की कोविड -19 टीकाकरण नीति...