हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र...

LiveLaw News Network

9 Nov 2020 4:54 AM GMT

  • हाईकोर्ट वीकली राउंड अप : पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र...

    हाईकोर्ट में कैसा रहा पिछला सप्ताह। आइए जानते हैं 2 नवंबर से 6 नवंबर तक हाईकोर्ट के कुछ ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र।

    अर्नब गोस्वामी को जमानत नहीं, अंतर‌िम याच‌िका पर फैसला सुरक्षित, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, जमानत के लिए सत्र न्यायालय में कर सकते हैं आवेदन

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिपब्लिक टीवी प्रमुख अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर अपने आदेश को सुरक्ष‌ित रख लिया है। अर्नब को 2018 के आत्महत्या के मामले बुधवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्याय‌िक रिमांड पर भेज दिया था। गिरफ्तार और रिमांड के खिलाफ उसने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। शनिवार को आयोजित विशेष सुनवाई में, जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने अंतरिम राहत के लिए तत्काल आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

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    तब्लीगी जमात केस: दिल्ली की अदालत ने 8 विदेशियों को उनके डिस्चार्ज के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लंबित रहने के दौरान वापस भेजने का आदेश दिया

    दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को तब्लीगी जमात से संबंधित 8 कजाक नागरिकों को उनके देश वापस भेजने का आदेश दिया जबकि उनके डिस्चार्ज के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका उसके समक्ष लंबित है दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को तब्लीगी जमात से संबंधित 8 कजाक नागरिकों को वापस भेजने का आदेश दिया जबकि उनके डिस्चार्ज के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका उसके समक्ष लंबित है। यह आदेश अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश साकेत ने मौलाना अला हदरामी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में दिया है।

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    [दिल्ली दंगे] : अभियुक्तों को तिहाड़ जेल में मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने का आरोप : दिल्ली कोर्ट ने जेल का निरीक्षण करने की चेतावनी दी

    दिल्ली दंगों के कई आरोपियों ने शिकायत की कि उन्हें तिहाड़ जेल प्राधिकरणों द्वारा बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही हैं। इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट (एएसजे अमिताभ रावत की अध्यक्षता में) ने मंगलवार (03 नवंबर) को जेल अधिकारियों को चेतावनी दी कि वह आरोपियों को बुनियादी सुविधआएं मुहैया कराए। अधिकारियों को जेल का निरीक्षण करना चाहिए और यदि शिकायत या अभियुक्त की समस्याओं को अगली तारीख तक हल नहीं किया जाता है तो न्यायालय को जेल के परिसर में स्थिति का जायजा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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    हिमाचल प्रदेश सरकार का कामकाज अप्रिय और निरंकुश : हाईकोर्ट

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को उदारता प्रदान करने के मामले में विवेक का मनमाना प्रयोग करने के लिए फटकार लगाई और टिप्पणी की कि तत्काल मामले में राज्य सरकार के "अप्रिय निरंकुश कार्यप्रणाली" को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है । न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने प्राधिकरण को याद दिलाया कि यह कानून का निर्माण होने के नाते सार्वजनिक संपत्ति से निपटने में एक साधारण व्यक्ति की तरह कार्य करने के लिए स्वतंत्र नहीं है।

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    [दिल्ली दंगे] गुलफिशा फातिमा ने तिहाड़ जेल स्टाफ पर उत्पीड़न का आरोप लगाया: दिल्ली अदालत ने अधीक्षक को जरूरत पड़ने पर स्टाफ बदलने का निर्देश दिया

    कड़कड़डूमा कोर्ट (दिल्ली) ने गुरुवार (05 नवंबर) को तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर स्टाफ में बदलाव किया जाए, जिसके खिलाफ आरोपी/आवेदक और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। कड़कड़डूमा कोर्ट कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा, "मामले के तथ्यों पर मैं इसे उचित समझता हूँ कि आरोप के सही होने/आरोप के गलत होने में बिना जाए जेल अधीक्षक निर्देश दें और सुनिश्चित करें कि यदि जरूरत हो, आवेदक का वार्ड बदलें या किसी टकराव से बचने के लिए स्टाफ की ड्यूटी बदलें।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने SCBA से अशोक अरोड़ा के सस्पेंशन केस पर आदेश सुरक्षित रखा

    अशोक अरोड़ा और अन्य को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को सुनकर मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए सोमवार तक का समय देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस एंडलॉ और जस्टिस आशा मेनन की डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के सचिव के रूप में अशोक अरोड़ा के निलंबन के मामले में शुक्रवार को आदेश सुरक्षित रखा। SCBA की कार्यकारी समिति ने 8 मई को ऑनलाइन कॉन्फ्रेंंस के माध्यम से आयोजित बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें अरोड़ा को तत्काल प्रभाव से सचिव पद से निलंबित कर दिया था।

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    परिवार के सदस्यों को पीटने, गाली देने और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाने का आरोप : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने किया उत्तरकाशी सीजेएम को निलंबित

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक ऑफिस मेमोरैंडम जारी कर सूचित किया है कि नीरज कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(सीजेएम), उत्तरकाशी (जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जा रहा हैै) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तरकाशी में कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों/कलेक्ट्रेट कॉलोनी के निवासियों, जहाँ नीरज कुमार अपने परिवार के साथ रहते हैं,ने 30 अक्टूबर 2020 को अपने ज्ञापन के जरिए सूचित किया था कि श्री नीरज कुमार अपने परिवार और अन्य लोगों के साथ मारपीट की है और नशे की हालत में आस-पास के लोगों के साथ भी दुर्व्यवहार किया है।

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    महामारी तक छात्रों से केवल 'ट्यूशन फीस' वसूल सकते हैं स्कूल, कर्मचारियों को देना होगा नियमित वेतनः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

    अभिभावकों और स्कूल स्टाफ को राहत देते हुए, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच ने गुरुवार (05 नवंबर) को कहा कि स्कूल महामारी के दौर में छात्रों से केवल ट्यूशन शुल्क ही वसूल सकते हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायमूर्ति राजीव कुमार दुबे की खंडपीठ ने यह भी आदेश दिया कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का वेतन नियत तिथि पर नियमित रूप से भुगतान किया जाएगा। मामला प्रिंसिपल बेंच ने यह आदेश अदालत के समक्ष दायर 10 याचिकाओं पर दिया है, जिन्हें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और स्कूल शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश राज्य द्वारा 17.04.2020, 24.04.2020 और 16.05.2020 को जारी किए गए नोटिफिकेशनों के विरोध में दायर किया गया था। नोटिफिकेशन COVID 19 महामारी के मद्देनजर लागू किए गए लॉक-डाउन में निजी और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के माता-पिता को शुल्क के भुगतान संबंध में जारी किया गया था।

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    बीएचयू के लापता छात्र मामले में केस को सीबीसीआईडी को स्थानांतरित किया गया : यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया

    यूपी सरकार ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि उसने बीएचयू के लापता छात्र मामले में जांच सीबीसीआईडी को ट्रांसफर कर दी है। राज्य के वकील ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि पुलिस द्वारा किए गए भरसक प्रयासों के बावजूद लापता व्यक्ति का पता नहीं लगाया जा सका और इसलिए अब राज्य सरकार ने इस मामले को आगे की जांच के लिए सीबीसीआईडी को सौंपने का निर्णय लिया है और इस आशय का अनुरोध राज्य सरकार द्वारा सीबीसीआईडी के महानिदेशक को पहले ही किया जा चुका है।

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    RTI आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण देने के खिलाफ साकेत गोखले की याचिका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को जांच का निर्देश दिया, 25 हजार का भुगतान करने को कहा

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय के खिलाफ साकेत गोखले की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंत्रालय पर 25,000 रूपये का जुर्माना लगाया। मंत्रालय पर यह जुर्माना "भारत की लक्ष्मी" अभियान के खिलाफ आरटीआई दायर करने के बाद मंत्रालय की वेबसाइट पर गोखले के व्यक्तिगत विवरण प्रदर्शित करने के लिए लगाया गया है। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने याचिका के कागजात को सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय को देेने और 3 महीने के भीतर मामले के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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    कलकत्ता हाईकोर्ट ने दीवाली, काली पूजा, छठ पूजा के दौरान पूरे राज्य में पटाखों की बिक्री और जलाने पर लगाया प्रतिबंध

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार (05 अक्टूबर) को COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर काली पूजा पर पटाखों के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। जस्ट‌िस संजीब बनर्जी और जस्ट‌िस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने आदेश दिया, "राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि काली पूजा और दीवाली पर पटाखों का कोई उपयोग, प्रदर्शन या विस्फोट न हो।" इसके अलावा, कोर्ट ने आदेश दिया,"इस मौके के लिए, नागरिकों भी भलाई और व्यापक सार्वजनिक हित के लिए, मोम या तेल का दीया पर्याप्त होगा। पटाखों के संबंध में यह दिशा पूरे राज्य में प्रभावी होगा और न केवल काली पूजा और दीवाली पर लागू होगा, बल्‍कि इसके बाद छठ पूजा, जगधात्री पूजा और गुरु नानक जयंती समारोह पर भी लागू रहेगा।"

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    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की वल्गर तस्वीर पोस्ट करने का मामला : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अभियुक्त को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार किया

    मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंगलवार (03 नवंबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की अश्लील फोटो पोस्ट करने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। एक कौशल सिंह मसराम के खिलाफ पुलिस स्टेशन उमरिया में आईपीसी की धारा 292 और धारा 67 आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आवेदक पर कथित रूप से डॉ. मोहन भागवत की अश्लील तस्वीर पोस्ट करने का आरोप है। उसने इस पोस्ट में 28 व्यक्तियों को टैग भी किया था।

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    'बहुमूल्य जान चली गई' :मद्रास हाईकोर्ट ने कहा ऑनलाइन गैंबलिंग को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाया जाए

    मंगलवार (03 नवंबर) को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने कहा कि ''यह नोट करना निराशाजनक है कि ऑनलाइन गैंबलिंग के कारण कई बहुमूल्य ज़िंंदगियांं खत्म हो गई हैं।'' न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी की खंडपीठ एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सातवें प्रतिवादी और अन्य द्वारा आयोजित ऑनलाइन रमी पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रतिवादी अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए परमोदश जारी करने की मांग की गई थी।

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    तेलंगाना उच्च न्यायालय ने धारानी पोर्टल में संपत्ति का विवरण अपलोड करने के लिए आधार को अनिवार्य नहीं करने निर्देश दिया

    तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह धारानी पोर्टल पर लोगों द्वारा दिए जा रहे कृषि भूमि के विवरण को आधार के साथ अपलोड करने पर जोर न दे। मुख्य न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति न्यायमूर्ति बी. विजयसेन रेड्डी की खंडपीठ ने धारानी पोर्टल में संपत्ति विवरण अपलोड करने के लिए संपत्ति मालिकों से आधार कार्ड संख्या के संग्रह को चुनौती देने वाली याचिकाओं में अंतरिम आदेश पारित किया।

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    अधिवक्ता का दावा, उसने कई न्यायाधीशों को 'बनाया, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने खिंचाई की, जुर्माना लगाया

    पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक वकील को यह दावा करने के लिए डांट दिया कि उसने कई न्यायाधीशों को 'बनाया' और उसकी याचिका को खारिज करते हुए उस पर लगाए गए जुर्माने को दोगुना कर दिया। न्यायमूर्ति अरुण मोंगा की एकल पीठ ने अधिवक्ता सुशील गौतम के "दावों" को ध्यान में रखते हुए कहा, " याचिकाकर्ता के वकील का स्वर, तरीका और आचरण बहुत कुछ उनके बारे में बता देता है। फिर भी, एक उदार दृष्टिकोण रखते हुए, यह अदालत आगे की कार्रवाई करने से एक आत्म-संयम पसंद करती है। हालांकि, याचिकाकर्ता के लिए जुर्माने को बढ़ाया जाता है।"

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    "निर्णायक रूप से खत्म हो चुके मामले को सत्ता के दुरुपयोग के लिए दोबारा खोला गया": बॉम्‍बे हाईकोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में अर्नब गोस्वामी ने कहा

    रिपब्लिक टीवी प्रमुख अर्नब गोस्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा बुधवार को हुई अपनी 'अवैध गिरफ्तारी' और 'गलत तरीके से हिरासत' को चुनौती दी है। अर्नब गोस्वामी को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अलीबाग पुलिस स्टेशन, रायगढ़ में दर्ज एक एफआईआर के तहत गिरफ्तार किया गया है। गोस्वामी को रायगढ़ पुलिस ने कल सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया। यह आरोप लगाया गया है कि अन्वय नाइक ने आत्महत्या से पहले अंग्रेजी में एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा गया था कि उन्होंने और उनकी मां ने कॉनकॉर्ड डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (सीडीपीएल) के बकाया का भुगतान नहीं होने के कारण आत्महत्या करने का फैसला किया है, जिसके वे दोनों निदेशक थे। उन्होंने उक्त नोट में निर्दिष्ट किया था कि रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, आईकास्टएक्‍स के फ़िरोज़ शेख और स्मार्टवर्क के नीतीश सारडा ने उनका बकाया नहीं चुकाया।

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    योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो साल तक के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानत दी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (02 नवंबर) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी एक व्यक्ति को इस शर्त पर जमानत दी कि वह दो साल की अवधि तक या ट्रायल कोर्ट के समक्ष ट्रायल की समाप्त‌ि तक तक, सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेगा। जस्टिस सिद्धार्थ की खंडपीठ आवेदक अखिलानंद राव की ओर से दायर जमानत आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। आवेदन के खिलाफ धारा 419, 420, 120B आईपीसी और 66D आईटी एक्ट के तहत पुलिस थाना कोतवाली, जिला देवरिया में केस अपराध संख्या 500 दायर की गई थी। मामला ट्रायल कोर्ट में लंब‌ित है।

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    पुणे में वकील के अपहरण और हत्या के बाद वकीलों की सुरक्षा को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में पत्र याचिका

    पुणे के एक वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पास एक पत्र याचिका दायर की है, जिसमें एक भूमि विवाद के संबंध में एक वकील के अपहरण और उसके बाद हत्या के मामले में वकीलों की सुरक्षा की मांग की गई है। पत्र पृथ्वीराज प्रदीप फाल्के ने लिखा है, जिसमें कहा गया है कि वकालत का पेशा अक्सर शत्रुता की ओर ले जाता है, हालांकि, इसके बाद इस तरह के जघन्य अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। यह आरोप लगाया गया है कि एक वकील की हत्या कर दी गई थी और सही तरीके से अंतिम संस्कार के लिए उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया गया, केवल इसलिए कि उसने भ्रष्टाचार की बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसलिए उन्होंने वकीलों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समाज के कारण के लिए मुकदमेबाजी करते हुए डर में न रहें।

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    गैंगस्टर्स एक्ट के प्रावधान उत्तर प्रदेश राज्य में पुलिस द्वारा गलत तरीके से इस्तेमाल किए जा रहे हैं: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

    राज्य पुलिस को फटकार लगाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य में पुलिस द्वारा गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधानों का पूरी तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने धारा 439 Cr.P.C के तहत दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की। यह एक एफआईआर के संबंध में थी, जिसमें धारा 2/3 यू.पी. गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 पुलिस थाना बघौली, जिला हरदोई में आरोपी-आवेदक और दो अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया है।

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    कैसे पुलिस केवल आईपीसी की धारा 34 और 120-बी के तहत चार्जशीट दाखिल कर सकती हैः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईओ से मांगा स्पष्टीकरण

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार (02 नवंबर) को पुलिस स्टेशन अखंड नगर, जिला सुल्तानपुर से जुड़े जांच अधिकारी और सर्कल ऑफिसर को यह पूछने के लिए बुलाया कि कैसे सिर्फ आईपीसी की धारा 34 और 120-बी के तहत चार्जशीट दायर की गई है? न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने दोनों अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह मामले की अगली सुनवाई पर अदालत के समक्ष उपस्थित रहे और व्यक्तिगत हलफनामों पर लिखित रूप से अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।

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    [धारा 311 सीआरपीसी] अभियोजन साक्ष्य की उचित सराहना के लिए आरोपी को संबंधित साक्ष्य/गवाह बुलाने का अधिकार है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

    एक महत्वपूर्ण आदेश में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीआरपीसी की धारा 311 के तहत एक आरोपी द्वारा पेश किए गए गवाह को वापस बुलाने के लिए आवेदन की अनुमति दी और यह माना कि अभियोजन पक्ष के सबूतों की उचित सराहना करने के लिए यह अधिकार का मामला है । न्यायमूर्ति राजीव जोशी की एकल पीठ ने कहा, "इस बात पर कोई विवाद नहीं हो सकता कि अभियुक्त को किसी भी साक्ष्य/गवाह को बुलाने का अधिकार है जो अभियोजन साक्ष्यों की उचित सराहना करने और उसके बचाव को पुख्ता करने के लिए प्रासंगिक हो, इसलिए किसी भी मामले में जब मोबाइल और पेन ड्राइव को रिकॉर्ड में पहले ही प्रदर्शित किया जा चुका है, तो उस वीडियो क्लिप के सवाल पर बचाव पक्ष द्वारा उसकी दोबारा जांच के लिए घायल गवाह को वापस बुलाना आवश्यक प्रतीत होता है।"

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    रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में गिरफ्तार किया

    रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया है। उन्हें एक ऐसे मामले में गिरफ्तार किया गया है जो अब पहले बंद होने के बाद फिर से खोला गया है, रिपब्लिक टीवी ने बताया। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बुधवार सुबह गोस्वामी के निवास में प्रवेश किया और उन्हें हिरासत में ले लिया।

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    मद्रास हाईकोर्ट विराट कोहली, सौरव गांगुली समेत कई फिल्मी सितारों को जारी किया नोटिस, फैंटसी लीग एप्स को बढ़ावा देने का आरोप

    मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने मंगलवार (03 नवंबर) को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और बीसीसीआई प्रमुख और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को ऑनलाइन स्पोर्ट्स ऐप विज्ञापनों में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किया। जस्टिस एन किरुबाकरण और जस्टिस बी पुगालेंधी की खंडपीठ ने अभिनेता प्रकाश राज, तमन्ना भाटिया सहित अन्य को भी नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि यह आदेश मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में मोहम्मद रिज़वी द्वारा एडवोकेट के नीलमेगम्न थुजा के माध्यम से दायर एक याचिका पर आया है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस तरह के ऐप में पैसे गंवाने के बाद, भारत के विभिन्न हिस्सों में कुछ युवाओं ने आत्महत्या कर ली है।

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    दिल्ली हाईकोर्ट ने फिज़िकल एक्ज़ाम आयोजित करने के विश्वविद्यालय के निर्णय को चुनौती देने वाली लॉ स्टूडेंट की याचिका पर नोटिस जारी किया

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों के कानून के छात्रों द्वारा स्थानांतरित एक याचिका में नोटिस जारी किया है, जिसमें फिज़िकल तौर पर परीक्षा आयोजित करने के विश्वविद्यालय के फैसले को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की डिवीजन बेंच ने यूनियन ऑफ इंडिया, दिल्ली सरकार, जीजीएसआईपीयू, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, एमिटी लॉ स्कूल, विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।

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    हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में ए 4 साइज पेपर और उसके दोनों तरफ छपाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

    दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें ए 4 आकार के कागज का उपयोग करने और दोनों साइड़ के उपयोग के लिए उच्च न्यायालय के साथ-साथ दिल्ली के सभी अधीनस्थ न्यायालयों में छपाई की मांग की गई है। अकृति अग्रवाल और लक्ष्मी पुरोहित द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय और केरल उच्च न्यायालय दोनों ने अपने समक्ष याचिकाओं पर ए 4 आकार के कागज के उपयोग के लिए समान निर्देश पारित किए हैं।

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    करंट लगने से मौतः मद्रास हाईकोर्ट ने TENGEDCO के खिलाफ कठोर दायित्व का सिद्धांत लागू किया, मुआवजे का आदेश

    मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को 22 साल के एक लड़के के माता-पिता को मुआवजा देने का आदेश दिया। लड़के की मृत्यु एक टूटे हुए तार पर पैर रखने के बाद करंट लगने से हुई थी। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की खंडपीठ ने तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (TANGEDCO) को शोक संतप्त परिवार को 13,86,000 रुपए का मुआवजा देने और मृतक के भाई को अनुकंपा आधार पर कनिष्ठ सहायक की नौकरी देने का आदेश दिया। यह आदेश महत्वपूर्ण है, कारण यह है कि कोर्ट ने करंट से मौत के मामले में मुआवजे के भुगतान के संबंध में एक अनूठी विधि अपनाई है और यहां तक ​​य‌थास्‍थ‌िति बहाली के लिए ‌दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अनुकंपा रोजगार देने का भी आदेश दिया है।

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    सुप्रीम कोर्ट चैंबर कमेटी ने एससीबीए के सदस्यों को 300-400 चैंबर उपलब्ध कराने के लिए नए चैंबर ब्लॉक के निर्माण को मंजूरी दी

    सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि एससीबीए के सदस्यों को वर्तमान में आवंटित 243 निर्मित चैंबर के बदले अब लगभग 475-500 चैंबर मिलने की संभावना है। सर्कुलर में कहा गया है कि जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता में हुई चैंबर कमेटी की बैठक में न्यायाधीशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि परिसर के पीछे खाली पड़ी 1.33 एकड़ भूमि पर एक चैंबर ब्लाॅक का निर्माण किया जाएगा ताकि 300-400 प्रदान किए जा सके। इस प्रकार, एससीबीए के पास 800-900 चैंबर हो जाएंगे।

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    एक कर्मचारी को ट्रेनी का दर्जा देकर, उसे ग्रेच्युटी एक्ट के लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता हैः केरल हाईकोर्ट

    केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि एक नियोक्‍ता, एक कर्मचारी को ट्रेनी का दर्जा देकर, जबकि उससे नियमित कर्मचारी जैसे काम लेते हुए, उसे ग्रेच्युटी एक्ट के लाभ से वंचित नहीं कर सकता है। जस्टिस एएम बदर ने कहा कि एक ट्रेनी को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत 'कर्मचारी' शब्द की परिभाषा से बाहर नहीं किया गया है, बल्‍कि केवल एक 'अप्रेंटिस' को बाहर रखा गया है। अदालत ने आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड/ नियोक्ता की रिट याचिका रद्द करते हुए उक्त टिप्पणियां की हैं। याचिका के पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत नियंत्रण प्राध‌िकारी द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती गई दी थी।

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    वकील ने समीत ठक्कर को मुंबई पुलिस द्वारा कथित रूप से हथकड़ी लगाने के मामले में एनएचआरसी के समक्ष शिकायत दर्ज की

    महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और उनके बेटे तथा राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार किए गए भाजपा समर्थक समीत ठक्कर के मानवाधिकारों का हनन करने के आरोप में मुंबई पुलिस के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज की गई है । यह शिकायत एडवोकेट सिद्धार्थ शंकर दुबे ने दायर की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि ठक्कर की परेशानी को साझा करते हुए इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आया है, जिसके तहत मुंबई पुलिस को ठक्कर को रस्सी से घसीटते हुए देखा जा सकता है, जिसमें उनका सिर काले कपड़े से बंधा गया है ।

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    दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब बार के सदस्य न्यायिक कार्य नहीं करते हैं तो मुविक्कलों को परेशानी उठानी पड़ती है और केस बढ़ते हैं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

    इलाहाबाद हाईकोर्ट नेे सोमवार (02 नवंबर) को कहा कि, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि क्लाइंट/मुविक्कल ऐसे मामलों के लिए परेशान हैं, जिन्हें आसानी से निपटाया जा सकता है, लेकिन बार के सदस्य न्यायिक कार्य से अनुपस्थित रहते हैं और लंबित मामलों का भार बढ़ रहा है।'' न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ एक 80 वर्षीय महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एक मामला यू.पी. राजस्व संहिता, 2006 के तहत 06 फरवरी 2019 को दायर किया था और वह मामला प्रतिवादी नंबर 1 (आयुक्त, देवी पाटन मंडल, गोंडा) के समक्ष लंबित है।

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    [जन्मपूर्व लिंग निर्धारण] कन्या भ्रूण हत्या भविष्य की महिला का विनाश हैः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट

    जन्मपूर्व लिंग निर्धारण की प्रथा पर चिंता व्यक्त करते हुए, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार (30 अक्टूबर) को कहा, "एक बालिका के प्रति समाज के तिरस्कारपूर्ण रवैये और नैदानिक ​​उपकरणों के उपयोग को ध्यान में रखते हुए जन्म पूर्व लिंग निर्धारण को रोकने के लिए कन्या भ्रूण हत्या अधिनियम को लागू किया गया था। विशिष्ट कानून के बावजूद लिंग के आधार पर भ्रूण के विनाश की आशंका समाज में कायम है। " ज‌स्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने कहा, "संविधान लिंगों के लिए समानता की गारंटी देता है, लेकिन जन्मपूर्व लिंग निर्धारण एक बालिका के भ्रूण को दुनिया में आने से वंचित करता है। एक सभ्य समाज में, भ्रूण का लिंग उसे जीवन देने के फैसले का निर्धारण नहीं कर सकता है....परिणाम विनाशकारी होंगे, सभ्यता खुद लुप्तप्राय हो जाएगी। "

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