राज�थान हाईकोट
राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जोधपुर में 25% डोमिसाइल आरक्षण को बरकरार रखा
राजस्थान हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जोधपुर (NLUJ) में 25% अधिवास-आधारित आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा, और निर्णय दिया कि इस तरह का आरक्षण अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है, क्योंकि वर्गीकरण उचित, गैर-मनमाना था और क्षेत्रीय शैक्षिक विकास को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से तर्कसंगत संबंध बनाए रखता है। जस्टिस डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस चंद्र प्रकाश श्रीमाली की खंडपीठ ने कई अन्य NLU पर ध्यान दिया, जिन्होंने अपने-अपने राज्यों के आधार पर अधिवास-आधारित आरक्षण लागू किया है,...
राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला: BNSS की धारा 170 के तहत एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को सीमित रोकथाम अधिकार, दंडात्मक हिरासत नहीं दी जा सकती
राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया कि भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की धारा 170 एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को केवल सीमित रोकथाम अधिकार प्रदान करती है। इस प्रावधान का उपयोग दंड के रूप में या आपराधिक प्रक्रिया की जगह नहीं किया जा सकता।जस्टिस फर्ज़ंद अली ने एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा व्यक्तियों को हिरासत में लेने और जमानत देने के लिए चरित्र प्रमाण पत्र की अतिरिक्त-वैधानिक शर्त लगाने की कड़ी आलोचना की।अदालत ने टिप्पणी की कि मजिस्ट्रेट ने संवैधानिक लोकतंत्र के अंतर्गत मजिस्ट्रेट की भूमिका की...
राजस्थान हाईकोर्ट ने उम्मेद सागर बांध के जलग्रहण क्षेत्र पर अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई में हस्तक्षेप करने से किया इनकार
राज्य सरकार की बेदखली की कार्रवाई के खिलाफ उम्मेद सागर बांध के जलग्रहण क्षेत्र के कथित अतिक्रमणकारियों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस सुनील बेनीवाल की पीठ ने कहा कि जल निकाय का हिस्सा बनने वाली भूमि पर किसी भी कब्जे को नियमित नहीं किया जा सकता।याचिकाकर्ता चोपसानी जागीर के खसरा नंबर 5 पर पिछले 15 से 20 वर्षों से रह रहे थे। जिला सतर्कता समिति को सौंपी गई अतिक्रमण की शिकायत के बाद समिति ने याचिकाकर्ताओं को हटाना शुरू कर दिया।याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया...
अनिश्चित काल के लिए फैसला सुरक्षित नहीं रखा जा सकता: राजस्थान हाईकोर्ट ने बेदखली के डर से किरायेदार की याचिका पर अपीलीय किराया न्यायाधिकरण से कहा
राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि अपीलीय किराया न्यायाधिकरण से अनिश्चित काल के लिए निर्णय सुरक्षित रखने की अपेक्षा नहीं की जाती है, विशेषकर तब जब उसके समक्ष किसी मामले में बहस महीनों पहले सुनी और समाप्त हो चुकी हो। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने कहा कि राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 19(8) के अनुसार न्यायाधिकरण को अपील का नोटिस प्रतिवादियों को दिए जाने की तिथि से एक सौ अस्सी दिन की अवधि के भीतर निपटारा करना चाहिए।प्रतिवादियों ने किराए के परिसर से बेदखल करने के लिए...
जब तक अभियोजन पक्ष प्रथम दृष्टया मामला स्थापित नहीं कर देता, तब तक लास्ट-सीन-थ्योरी लागू नहीं की जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट ने मौत की सजा पाए दोषियों को बरी किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने मृत्युदंड को खारिज करते हुए तथा 4 बच्चों सहित 6 लोगों के परिवार की हत्या के आरोपी अपीलकर्ताओं को बरी करते हुए कहा कि आपराधिक मुकदमे में अंतिम बार साथ देखे जाने के साक्ष्य के महत्व को "अत्यधिक महत्व" नहीं दिया जा सकता, क्योंकि यह अपने आप में किसी आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं है। जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस चंद्र शेखर शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 106 के क्रियान्वयन द्वारा आरोपी पर दायित्व स्थानांतरित किए जाने से पहले, यह माना जाना...
राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम की धारा 15| जवाब के साथ हलफनामा/दस्तावेज़ प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं, निर्देशात्मक प्रकृति का: हाईकोर्ट ने दोहराया
राजस्थान हाईकोर्ट ने रमेश कुमार बनाम चंदू लाल व अन्य मामले में डिवीजन बेंच के निर्णय पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 की धारा 15 अनिवार्य नहीं बल्कि निर्देशात्मक (Directory) प्रकृति की है।अधिनियम की धारा 15 के अनुसार पक्षकार को अपने जवाब के साथ हलफनामे और दस्तावेज़ दाखिल करने होते हैं।जस्टिस अनूप कुमार धंड की एकल पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें किराया न्यायाधिकरण (Rent Tribunal) के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता का...
100% श्रवण हानि से पीड़ित स्टूडेंट को प्रायोगिक परीक्षा में अतिरिक्त समय और दुभाषिया उपलब्ध कराया जाए: राजस्थान हाईकोर्ट
100% श्रवण हानि से पीड़ित स्टूडेंट को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को दो दुभाषिए उपलब्ध कराए, एक सैद्धांतिक परीक्षा की तैयारी में उसकी सहायता के लिए और दूसरा प्रायोगिक परीक्षा के समय तैयारी में सहायता के लिए।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षा के दौरान याचिकाकर्ता को एक अतिरिक्त घंटा और अतिरिक्त प्रति उपलब्ध कराए।न्यायालय स्टूडेंट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा...
AIIMS जोधपुर के अज्ञानतापूर्ण रवैये के कारण रिटायर डॉक्टरों से 'वेतन माइनस पेंशन' की राशि पूर्वव्यापी रूप से वसूल नहीं की जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
AIIMS जोधपुर द्वारा "पुनः नियोजित" रिटायर डॉक्टरों द्वारा बिना किसी शर्त के उनकी नियुक्ति के आदेश जारी होने के पांच साल बाद "वेतन माइनस पेंशन" नियम लागू करने के खिलाफ दायर याचिकाओं में राजस्थान हाईकोर्ट ने अस्पताल को अपने कर्मचारियों पर लागू कानून के बारे में अज्ञानता के लिए फटकार लगाई।न्यायालय केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के आदेश के खिलाफ कुछ डॉक्टरों और AIIMS जोधपुर द्वारा दायर याचिकाओं के समूह पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता "पुनः नियोजित" व्यक्तियों की श्रेणी में...
राजस्थान हाइकोर्ट ने उस यूनानी मेडिकल स्टूडेंट को राहत दी, जिसका एडमिशन ओपन स्कूल मार्कशीट जमा न करने के कारण रद्द हो गया था
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक छात्र को राहत प्रदान की, जिसका राजस्थान यूनानी मेडिकल कॉलेज, जयपुर में प्रोविजनल एडमिशन रद्द कर दिया गया था, क्योंकि वह राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से जीव विज्ञान उत्तीर्ण करने की मूल मार्कशीट प्रस्तुत नहीं कर सका था। यह निर्णय दिया गया कि यदि उम्मीदवार ने मूल सीमाएं पूरी कर ली हैं, तो तकनीकी औपचारिकताओं का सख्ती से पालन करने से प्रवेश योजना का उद्देश्य कमज़ोर हो जाता है। जस्टिस समीर जैन की पीठ ने कहा कि नेशनल काउंसिल फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (NCISM) के खंड 23 और 31 की...
राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अनावश्यक पक्षकार न जोड़े जाने का मुद्दा तब तक महत्वहीन, जब तक वह अनिवार्य न हो
राजस्थान हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का आदेश बरकरार रखा, जिसमें प्रतिवादी द्वारा दायर संशोधन याचिका (Order 6 Rule 17 CPC के तहत) को खारिज कर दिया गया था।हाईकोर्ट ने साथ ही यह स्पष्ट किया कि मुकदमे का स्वामी वादी होता है। उसे यह निर्णय लेने का अधिकार होता है कि वह किसके खिलाफ मुकदमा दायर करना चाहता है। प्रतिवादी इस निर्णय को वादी की ओर से नहीं ले सकता।जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने यह टिप्पणी उस याचिका की सुनवाई के दौरान की, जो ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी।वादी ने एक संपत्ति...
राजस्थान हाईकोर्ट ने जवाई बांध वितरण मुद्दे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ FIR रद्द की, कहा- पानी उनके लिए जीवन का सवाल
जवाई बांध जल वितरण मुद्दे पर "शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन" करने वाले 50 से अधिक किसानों के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जब किसी व्यक्ति के हित प्रभावित होते हैं तो अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने का यह मतलब नहीं है कि उसने आईपीसी और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के तहत कथित अपराध किया है। न्यायालय उन रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 117 (आम जनता या दस से अधिक व्यक्तियों द्वारा...
राजस्थान हाईकोर्ट ने गवाहों की गवाही में देरी का हवाला देते हुए पक्ष के साक्ष्य बंद करने के आदेश को रद्द किया, कहा- 'न्याय में जल्दबाजी, न्याय दफन करने जैसी'
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें एक गवाह को बुलाने की अनुमति देने के बाद एक पक्ष के साक्ष्य को बंद कर दिया गया था, जब गवाह को कई अवसरों के बाद भी पेश नहीं किया गया था। कोर्ट ने कहा, " न्याय में जल्दबाजी, न्याय दफनाने के समान है"। जस्टिस अरुण मोंगा ने कहा कि उचित साक्ष्य के बिना, न्यायनिर्णयन गलत निष्कर्षों के परिणामस्वरूप हो सकता है। इसलिए, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाने के बाद एक और अवसर दिया।कोर्ट ने कहा,"यह पता चलता है कि विद्वान...
पीड़िता के डर का फायदा आरोपी को मिल सकता है: राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की FIR रद्द करने से किया इनकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने दो FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया- एक फरवरी 2024 में दर्ज और दूसरी मार्च 2024 में - शादी के झूठे वादे के तहत दो महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई।अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में आरोपी द्वारा स्थिति का फायदा उठाने या यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर महिलाओं में पैदा होने वाले डर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. दोनों FIR में सामान्य अपराध आईपीसी की धारा 376 (2) (n) (एक ही महिला पर बार-बार बलात्कार करना) था, और...
राजस्थान हाईकोर्ट ने जूनियर प्रशिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए 'शिल्प प्रशिक्षक प्रमाण पत्र' रखने की अनिवार्यता को बरकरार रखा
राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान तकनीकी प्रशिक्षण अधीनस्थ सेवा नियमों में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें जूनियर प्रशिक्षकों के पद के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय शिल्प प्रशिक्षक प्रमाण पत्र (एनसीआईसी)/शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) प्रमाण पत्र रखने को अनिवार्य बनाया गया था। जस्टिस इंद्रजीत सिंह और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि नियमों में संशोधन के लिए राज्य द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, एनसीआईसी/सीआईटीएस प्रमाण पत्र रखने की...
राजस्थान हाईकोर्ट ने अनिवार्य CPC प्रावधानों के उल्लंघन के लिए रिवेन्यू कोर्ट का आदेश किया खारिज
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि प्रशासनिक सेवाओं से नियुक्त राजस्व न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों के पास कोई कानूनी पृष्ठभूमि नहीं थी और न ही उन्होंने कोई औपचारिक कानूनी प्रशिक्षण लिया था। इसलिए, कई मौकों पर, यह देखा गया कि वे अनिवार्य CPC प्रावधानों का पालन किए बिना मुकदमों और अपीलों का फैसला करते समय प्रक्रियागत गलतियां करते हैं। कोर्ट ने कहा,“भारत में, कानूनी विवादों की बढ़ती जटिलता, बढ़ते मुकदमों के बोझ और न्याय प्रदान करने के उभरते आयामों ने निरंतर न्यायिक शिक्षा को आवश्यक बना दिया है। एक...
'अत्यधिक असुरक्षित युवा, गरीबी के चक्र में फंस जाते हैं': राजस्थान हाईकोर्ट ने आश्रय गृहों को छोड़ने के बाद CCL की कठिनाइयों पर सुनवाई की
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य की निष्क्रियता के कारण सहायता अनुदान प्राप्त न होने से उनके सामने आ रही गंभीर चुनौतियों के बारे में बालिका गृह, अलवर में रहने वाले बच्चों से प्राप्त पत्र का संज्ञान लेते हुए एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका दर्ज की, जिसमें कहा गया कि संस्थागत देखभाल से स्वतंत्र जीवन में संक्रमण हर उस बच्चे के लिए एक कमजोर चरण था, जिसने अपना बचपन आश्रय गृहों में बिताया था। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने फैसला सुनाया कि यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक निवेश, जागरूकता और जवाबदेही की...
गैर-योग्य विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक को मजबूर करना बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने एक ग्रेड III शिक्षक (सामाजिक विज्ञान) का तबादला रद्द कर दिया जिनका विषय बदलकर अंग्रेजी कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि यदि किसी शिक्षक को ऐसा विषय पढ़ाने के लिए मजबूर किया जाए, जिसमें वह योग्य नहीं है तो उसे विभागीय कार्रवाई जैसे प्रतिकूल नागरिक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस सनीप शाह की खंडपीठ ने यह भी कहा कि शिक्षक का यह तबादला छात्रों को एक योग्य शिक्षक से पढ़ने के अधिकार से वंचित कर देगा, जो संविधान के अनुच्छेद 21-ए के तहत उनके शिक्षा के...
POCSO Act | “बाल विशेष” प्रक्रियात्मक सुरक्षा उस पीड़ित को उपलब्ध नहीं हो सकती जो मुकदमे के दौरान वयस्क हो जाता है: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि POCSO अधिनियम की धारा 33(2) और 37 के तहत प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय पीड़ित की आयु पर निर्भर हैं, और उन्हें "बच्चे" की वैधानिक परिभाषा तक सीमित रखा जाना चाहिए। इसलिए, जब कोई पीड़ित मुकदमे के लंबित रहने के दौरान वयस्क हो जाता है, तो ये प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय लागू नहीं होते। "जबकि POCSO अधिनियम वास्तव में एक परोपकारी कानून है, जिसे बच्चों को यौन अपराधों से बचाने के लिए बनाया गया है, इसमें निहित सुरक्षात्मक तंत्र को वयस्कों तक नहीं बढ़ाया जा सकता है...ऐसा...
राजस्व बोर्ड की प्रशासनिक शक्ति संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट की पर्यवेक्षी शक्तियों के समान नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 (अधिनियम) की धारा 221 के तहत राजस्व मंडल को दी गई शक्ति केवल प्रशासनिक प्रकृति की है तथा संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट की पर्यवेक्षी शक्ति के समान नहीं है। इसलिए, ऐसी प्रशासनिक शक्ति के प्रयोग में, किसी भी डिक्री या न्यायिक आदेश को रद्द नहीं किया जा सकता। अधिनियम की धारा 221, मंडल को सभी राजस्व न्यायालयों तथा उनके अधीनस्थ न्यायालयों पर अधीक्षण तथा नियंत्रण की सामान्य शक्तियाँ प्रदान करती है।जस्टिस अनूप कुमार ढांड...
गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्थान अधिनियम के तहत कर्मचारियों को हटाने के लिए मान्यता प्राप्त संस्थान बाध्य: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि किसी संस्था को कोई भी अनुदान प्राप्त हो रहा है, तो संपूर्ण संस्था को सहायता प्राप्त मानी जाएगी और यदि किसी विशेष पद के लिए अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है, तो ऐसे कर्मचारियों को भी कर्मचारियों के लिए राज्य गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्था अधिनियम और संबंधित संस्थाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी। जस्टिस आनंद शर्मा ने आगे कहा कि किसी भी प्रकार की सहायता प्राप्त करने के बावजूद, राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्था अधिनियम की धारा 18 के तहत किसी भी प्रकार की...
















