राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी परीक्षा देने के लिए 'डमी उम्मीदवार' भेजने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत दी
Shahadat
25 July 2024 11:39 AM IST
राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षक पद के लिए आयोजित परीक्षा में डमी भेजने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत दी। कोर्ट ने जमानत इस आधार पर दी कि उम्मीदवार को परीक्षा हॉल में नहीं पकड़ा गया था, बल्कि यह मामला परीक्षा आयोजित होने के एक साल बाद दर्ज किया गया।
जस्टिस फरजंद अली की पीठ आरोपी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी। आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता शिक्षक की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का उम्मीदवार था और उसने अपनी ओर से परीक्षा में बैठने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को भेजा था।
आरोपी पर आईपीसी की धारा 419 के साथ-साथ राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2022 के तहत धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। उस पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 66डी के तहत भी मामला दर्ज किया गया, जो किसी भी संचार उपकरण या कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी करने के लिए दंड का प्रावधान करता है।
अभिलेख पर मौजूद सामग्री का अवलोकन करने के पश्चात न्यायालय ने पाया कि यह आरोप लगाया गया कि अभियुक्त की ओर से डमी अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुआ था। हालांकि, न्यायालय ने महत्वपूर्ण तथ्य पर प्रकाश डाला कि परीक्षा विभाग द्वारा लगाए गए आरोप के बावजूद डमी अभ्यर्थी को परीक्षा हॉल में नहीं पकड़ा गया, बल्कि मामला परीक्षा आयोजित होने के एक वर्ष पश्चात दर्ज किया गया।
न्यायालय ने कहा:
“मामले का चौंकाने वाला तथ्य यह है कि अभ्यर्थी को परीक्षा हॉल में नहीं पकड़ा गया, बल्कि मामला परीक्षा आयोजित होने के एक वर्ष पश्चात दर्ज किया गया। इस प्रकार, याचिकाकर्ता के पक्ष में मजबूत तर्कपूर्ण मामला मौजूद है।”
इस विचित्र तथ्य पर विचार करते हुए न्यायालय ने याचिकाकर्ता को जमानत का लाभ प्रदान करना उचित समझा। तदनुसार, जमानत आवेदन स्वीकार किया गया।
केस टाइटल: प्रेम राज बनाम राजस्थान राज्य