हत्या के प्रयास के मामले में हथियार की FSL रिपोर्ट के लिए आवेदन खारिज करने का फैसला न्याय की विफलता की ओर ले जाता है: राजस्थान हाईकोर्ट

Amir Ahmad

29 July 2024 6:40 AM GMT

  • हत्या के प्रयास के मामले में हथियार की FSL रिपोर्ट के लिए आवेदन खारिज करने का फैसला न्याय की विफलता की ओर ले जाता है: राजस्थान हाईकोर्ट

    राजस्थान हाईकोर्ट ने एडिशनल सेशन जज के उस आदेश को खारिज किया, जिसमें शिकायतकर्ता द्वारा हत्या के प्रयास के मामले में कथित हथियार और खून से सने कपड़ों की FSL रिपोर्ट मांगने के लिए दायर आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था।

    अदालत ने माना कि FSL रिपोर्ट को अस्वीकार करना, जो आरोपी की भूमिका को सही ढंग से निष्कर्ष निकालने में ट्रायल कोर्ट की सहायता करेगी न्याय की विफलता है।

    यह माना गया,

    “जहां तक ​​FSL रिपोर्ट मांगने का सवाल है तो यह आरोपी को चोट पहुंचाने में दी गई भूमिका के बारे में सही निष्कर्ष पर पहुंचने में ट्रायल कोर्ट की सहायता करने में काफी मददगार साबित होगी। रिपोर्ट मांगे बिना आवेदन को अस्वीकार करना न्याय की विफलता होगी।"

    जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ हत्या के प्रयास के लंबित मामले में शिकायतकर्ता द्वारा सेशन जज के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। घायल करने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार और खून से सने कपड़ों की FSL रिपोर्ट मांगने वाले आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि यह मुकदमे में देरी करने के उद्देश्य से देरी से दायर किया गया।

    सेशन जज की राय थी कि आवेदन को मुकदमे के समय मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किया जाना चाहिए, जब प्रारंभिक रूप से संज्ञान लिया गया।

    सेशन जज की राय को गंभीर गलती मानते हुए न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि आवेदन साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रकृति का था। इसलिए इसे केवल अभियोजन साक्ष्य के चरण में सेशन कोर्ट के समक्ष दायर किया जाना था। लंबित मामला अभियोजन साक्ष्य चरण में था, इसलिए आवेदन सही तरीके से दायर किया गया। आवेदन खारिज करके सेशन कोर्ट द्वारा भ्रांति की गई थी।

    हाईकोर्ट ने कहा,

    “सेशन जज ने यह टिप्पणी करते हुए गंभीर गलती की कि आवेदन को मुकदमे की सुनवाई के समय मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किया जाना चाहिए था। आवेदन साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रकृति का है, इसलिए इसे सेशन कोर्ट के समक्ष अभियोजन साक्ष्य के चरण में दायर किया जाना चाहिए। इसलिए इस आधार पर इसे खारिज करना सेशन कोर्ट द्वारा की गई पूरी तरह से भ्रांति है।”

    न्यायालय ने आगे कहा कि FSL रिपोर्ट मांगने से ट्रायल कोर्ट को चोट पहुंचाने में आरोपी की भूमिका का सही निर्धारण करने में सहायता मिलेगी। इसलिए FSL रिपोर्ट के लिए उस आवेदन को अस्वीकार करने से न्याय की विफलता होगी।

    आवेदन अस्वीकार करने वाले सेशन कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया गया। न्यायालय ने FSL रिपोर्ट तैयार करने और सेशन कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

    केस टाइटल- मोहम्मद अतीक शेख बनाम राजस्थान राज्य

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