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पिछले वकील की सहमति के बिना रिव्यू फाइल करने के लिए वकील बदलना सही तरीका नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लगाया ₹50,000 का जुर्माना
पिछले वकील की सहमति के बिना रिव्यू फाइल करने के लिए वकील बदलना सही तरीका नहीं: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लगाया ₹50,000 का जुर्माना

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले स्टेज पर मामले की पैरवी करने वाले पिछले वकील की सहमति लिए बिना नए वकील द्वारा रिव्यू फाइल करना एक सही तरीका नहीं है। इसके बाद एक ऐसे व्यक्ति पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, जिसने अपील और रिव्यू के अलग-अलग स्टेज पर अलग-अलग वकील रखे।मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता को एक डिपार्टमेंटल जांच में दोषी पाया गया और उस पर चार सालाना इंक्रीमेंट रोकने की सज़ा दी गई, जिसका असर आगे भी जारी रहेगा। नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इस...

आरोपी द्वारा हस्ताक्षरित विस्तृत रिकवरी मेमो गिरफ्तारी के आधारों की लिखित सूचना की आवश्यकता को पूरा करता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आरोपी द्वारा हस्ताक्षरित विस्तृत रिकवरी मेमो गिरफ्तारी के आधारों की लिखित सूचना की आवश्यकता को पूरा करता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक विस्तृत रिकवरी मेमो (फर्द बरामदगी), जो उसी समय तैयार किया गया हो, जिसमें लागू की गई दंडात्मक धाराएं शामिल हों और जिस पर आरोपी के हस्ताक्षर हों, वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 22 (1) के तहत गिरफ्तारी के आधारों की लिखित रूप में सूचना देने की आवश्यकता को पूरा करता है।कोर्ट ने कहा कि जहां ऐसा कोई दस्तावेज़ मौजूद है, वहां औपचारिक गिरफ्तारी मेमो में आधारों की तकनीकी चूक घातक नहीं होगी, क्योंकि यह गिरफ्तारी के आधार की सूचना देने की आवश्यकता का पर्याप्त...

एक ही मुद्दों पर IPR विवादों की सुनवाई एक साथ की जा सकती है, भले ही वे गैर-वाणिज्यिक अदालतों में लंबित हों: दिल्ली हाईकोर्ट
एक ही मुद्दों पर IPR विवादों की सुनवाई एक साथ की जा सकती है, भले ही वे गैर-वाणिज्यिक अदालतों में लंबित हों: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि एक ही या मिलते-जुलते मुद्दों से जुड़े इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी विवादों की सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए ताकि समानांतर मामलों और विरोधाभासी फैसलों को रोका जा सके, भले ही उनमें से कुछ मामले गैर-वाणिज्यिक अदालतों में लंबित हों।कोर्ट ने कहा कि सिविल प्रोसीजर कोड के तहत मामलों को ट्रांसफर करने की उसकी शक्ति व्यापक है और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी विवादों पर भी लागू होती है। यह शक्ति इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी डिवीजन (IPD) नियमों द्वारा सीमित नहीं है, जिसमें मुख्य रूप...

दावेदार अवॉर्ड के अलग किए गए हिस्से के लिए बिना लिमिटेशन बार के वैकल्पिक उपाय अपना सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
दावेदार अवॉर्ड के अलग किए गए हिस्से के लिए बिना लिमिटेशन बार के वैकल्पिक उपाय अपना सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि लिमिटेशन की गणना करते समय पिछली आर्बिट्रल कार्यवाही में बिताए गए समय को बाहर रखा जा सकता है, भले ही आर्बिट्रल अवॉर्ड का केवल एक हिस्सा रद्द किया गया हो और नई कार्यवाही किसी अलग एग्रीमेंट से शुरू हुई हो।जस्टिस संदीप वी मार्ने की सिंगल बेंच ने 17 दिसंबर, 2025 के आदेश में कहा कि आर्बिट्रेशन एंड कॉन्सिलिएशन एक्ट की धारा 43(4) ऐसे समय को बाहर रखने की अनुमति देती है, जब तक कि विवाद पिछली आर्बिट्रेशन का हिस्सा था।कोर्ट ने कहा,"जब ऐसे मामले में दावेदार मुकदमा दायर करता...

इस तरह शराब का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सनबर्न फेस्टिवल में शराब की खुली बिक्री की इजाज़त देने पर महाराष्ट्र सरकार से कहा
इस तरह शराब का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सनबर्न फेस्टिवल में शराब की खुली बिक्री की इजाज़त देने पर महाराष्ट्र सरकार से कहा

पहले सनबर्न फेस्टिवल में शराब की बिक्री को लेकर चिंता जताने वाली जनहित याचिका (PIL) पर, जो 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक मुंबई में हो रहा है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के इस कार्यक्रम में शराब की इजाज़त देने के फैसले पर सवाल उठाया, खासकर तब जब यह एक खुले मैदान में होने वाला है।चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की डिवीजन बेंच ने भी ऐसे कार्यक्रम में शराब की इजाज़त देने के फैसले पर चिंता जताई, जिसमें हजारों लोगों के आने की उम्मीद है, क्योंकि इस कार्यक्रम के लिए पहले...

मेघालय हनीमून मर्डर केस | शिलांग कोर्ट ने मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की ज़मानत याचिका खारिज की
मेघालय हनीमून मर्डर केस | शिलांग कोर्ट ने मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की ज़मानत याचिका खारिज की

मेघालय के शिलांग कोर्ट ने इस हफ़्ते मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की ज़मानत याचिका खारिज की, जिस पर इस साल मई में मेघालय में हनीमून के दौरान अपने पति, इंदौर के बिजनेसमैन राजा रघुवंशी की हत्या का आरोप है।राज्य पुलिस ने इस मामले में पहले ही 700 से ज़्यादा पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें दावा किया गया कि हत्या सोनम और उसके कथित प्रेमी राज सिंह कुशवाहा ने मिलकर प्लान की थी। इसमें तीन कथित हत्यारों के नाम भी हैं: आकाश सिंह राजपूत, विशाल सिंह चौहान और आनंद कुर्मी। एक एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने भी हत्या के...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1995 के धोखाधड़ी मामले में खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे की सज़ा पर रोक लगाने से इनकार किया, सज़ा निलंबित की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 1995 के धोखाधड़ी मामले में खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे की सज़ा पर रोक लगाने से इनकार किया, सज़ा निलंबित की

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) (अजित पवार गुट) के सीनियर नेता माणिकराव कोकाटे को झटका देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 1995 के धोखाधड़ी मामले में उनकी सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल उनकी सज़ा निलंबित कर दी है।सिंगल-जज जस्टिस राजेश लड्ढा ने कोकाटे द्वारा सीनियर वकील रवि कदम और वकील अनिकेत निकम के माध्यम से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की, जिसमें कोर्ट से उनकी सज़ा पर रोक लगाने का आग्रह किया गया, क्योंकि इससे उन्हें विधायक (MLA) के पद से हटाया या अयोग्य...

हत्या मामले में मुख्य आरोपी को भगाने में मदद करना साफ तौर पर मिलीभगत दिखाता है: हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत से इनकार किया
हत्या मामले में मुख्य आरोपी को भगाने में मदद करना साफ तौर पर मिलीभगत दिखाता है: हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत से इनकार किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक आरोपी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, जिस पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कंचन कौर भाभी की हत्या के मुख्य संदिग्ध को भागने में मदद करने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यवहार साफ तौर पर मिलीभगत दिखाता है और याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से पहले के चरण में विवेकाधीन राहत का हकदार नहीं बनाता।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह को घटना के तुरंत बाद जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र से भागने में मदद की, जो साफ तौर पर उसकी...

धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी के बेटे को राहत, हाईकोर्ट ने फर्म के अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने का फैसला किया रद्द
धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी के बेटे को राहत, हाईकोर्ट ने फर्म के अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने का फैसला किया रद्द

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कथित तौर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का फैसला रद्द कर दिया, जिसमें अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी की फर्म के बैंक अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया गया था।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि जय अनमोल अंबानी को कोई शो कॉज नोटिस नहीं भेजा गया, जो एक ऐसे पते पर भेजा गया, जिसे कंपनी ने 2020 में खाली कर दिया था।जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि फ्रॉड घोषित करने से पहले याचिकाकर्ता को कभी कोई शो कॉज नोटिस नहीं दिया गया और इस घोषणा को रद्द कर दिया।रिपोर्ट में कहा गया कि कोर्ट...

S. 482 CrPC | हाईकोर्ट कर्ज या देनदारी की प्री-ट्रायल जांच करके चेक बाउंस मामलों को रद्द नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट
S. 482 CrPC | हाईकोर्ट कर्ज या देनदारी की प्री-ट्रायल जांच करके चेक बाउंस मामलों को रद्द नहीं कर सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को कहा कि हाईकोर्ट के लिए विवादित तथ्यों की प्री-ट्रायल जांच करके चेक डिसऑनर की कार्यवाही रद्द करना गलत है, खासकर जब नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 (NI Act) की धारा 139 के तहत एक कानूनी अनुमान शिकायतकर्ता के पक्ष में काम करता हो।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने पटना हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए यह बात कही, जिसमें हाईकोर्ट ने CrPC की धारा 482 के तहत अपनी अंतर्निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चेक डिसऑनर की शिकायत रद्द कर दी...

बिजली अधिनियम की धारा 127(2) के तहत जमा की गई वैधानिक जमा राशि पर उपभोक्ता ब्याज का दावा नहीं कर सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
'बिजली अधिनियम की धारा 127(2) के तहत जमा की गई वैधानिक जमा राशि पर उपभोक्ता ब्याज का दावा नहीं कर सकता': बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 127(2) के तहत अनिवार्य रूप से जमा की गई राशि पर ब्याज का दावा करने का उपभोक्ता के पास कोई लागू करने योग्य वैधानिक अधिकार नहीं है, जब बिजली के अनधिकृत उपयोग के मूल्यांकन को अपील में रद्द कर दिया जाता है। कोर्ट ने कहा कि धारा 127(2) के तहत जमा राशि वैधानिक अपील को बनाए रखने के लिए एक पूर्व शर्त है और यह टैरिफ या उपभोग शुल्क के भुगतान के लिए नहीं है; लाइसेंसधारी पर ब्याज का भुगतान करने का पारस्परिक दायित्व बनाने वाले किसी भी स्पष्ट...

किस्मत दरवाज़े खोलती है, कड़ी मेहनत आपको आगे ले जाती है: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस अचल कुमार पालीवाल
'किस्मत दरवाज़े खोलती है, कड़ी मेहनत आपको आगे ले जाती है': मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस अचल कुमार पालीवाल

जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को अलविदा कहा, जिससे उनका 35 साल का शानदार न्यायिक करियर खत्म हो गया।26 दिसंबर, 1963 को जन्मे जस्टिस पालीवाल 1990 में एमपी न्यायिक सेवा में शामिल हुए। इन सालों में वे धीरे-धीरे पदोन्नति पाते गए सिविल जज, सीनियर सिविल जज और चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के रूप में काम किया। बाद में न्यायिक सेवा में डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में भी काम किया।उन्हें 2012 में सिलेक्शन ग्रेड और 2018 में सुपर टाइम स्केल दिया गया, जो उनके बेहतरीन सेवा...

राहुल गांधी नागरिकता विवाद | BJP कार्यकर्ता ने रायबरेली में वकीलों पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया, हाईकोर्ट ने मामला लखनऊ ट्रांसफर किया
राहुल गांधी नागरिकता विवाद | BJP कार्यकर्ता ने रायबरेली में वकीलों पर 'जान से मारने की धमकी' देने का आरोप लगाया, हाईकोर्ट ने मामला लखनऊ ट्रांसफर किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक शिकायत मामले को रायबरेली के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट-IV की कोर्ट से लखनऊ की स्पेशल MP/MLA कोर्ट में तुरंत ट्रांसफर करने का निर्देश दिया।जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने इस तरह BJP कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर (मूल शिकायतकर्ता) द्वारा BNSS की धारा 447 के तहत दायर ट्रांसफर एप्लीकेशन को मंज़ूरी दी।अपनी ट्रांसफर याचिका में शिशिर ने रायबरेली कोर्ट में तनावपूर्ण और हिंसक...

राबड़ी देवी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस जज विशाल गोगने से ट्रांसफर करने की याचिका खारिज
राबड़ी देवी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस जज विशाल गोगने से ट्रांसफर करने की याचिका खारिज

दिल्ली कोर्ट ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को राबड़ी देवी की याचिका खारिज की, जिसमें उन्होंने अपने और अपने परिवार के सदस्यों, जिनमें उनके पति लालू यादव और बेटे तेजस्वी यादव शामिल हैं, उनके खिलाफ राउज़ एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने की कोर्ट से केस ट्रांसफर करने की मांग की थी।पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राबड़ी देवी ने जज पर पक्षपात का आरोप लगाया था।रिपोर्ट में कहा गया कि प्रिंसिपल एंड डिस्ट्रिक्ट सेशंस जज दिनेश भट्ट ने चार केस ट्रांसफर करने की याचिका खारिज की, जिनमें ED और CBI के केस भी शामिल...

प्रधानमंत्री पर कथित सोशल मीडिया पोस्ट मामले में BJP कार्यकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार
प्रधानमंत्री पर कथित सोशल मीडिया पोस्ट मामले में BJP कार्यकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बेंगलुरु निवासी भाजपा कार्यकर्ता गुरुदत्त शेट्टी द्वारा दायर उस रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित रूप से निशाना बनाने वाली सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ गुरुदत्त शेट्टी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका उस पोस्ट से संबंधित थी, जो सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर...

नोएडा पुलिस पर 14 घंटे की अवैध हिरासत और कस्टोडियल यौन उत्पीड़न का आरोप, महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
नोएडा पुलिस पर 14 घंटे की अवैध हिरासत और कस्टोडियल यौन उत्पीड़न का आरोप, महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक महिला अधिवक्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्हें नोएडा के एक पुलिस थाने में रातभर लगभग 14 घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और इस दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा कस्टोडियल यौन उत्पीड़न, शारीरिक यातना और जबरदस्ती की गई। याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए केंद्र को 7 जनवरी 2026 तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।याचिका में संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(g), 21...

सरासर उद्दंडता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CJM को जवाब देने के लिए सब-इंस्पेक्टर तैनात करने पर SSP को फटकारा, जवाब तलब
सरासर उद्दंडता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CJM को जवाब देने के लिए सब-इंस्पेक्टर तैनात करने पर SSP को फटकारा, जवाब तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को बदायूं के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उसे सरासर उद्दंडता करार दिया। अदालत ने SSP द्वारा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) को जवाब देने का काम एक सब-इंस्पेक्टर को सौंपने पर सख्त आपत्ति जताई और उनसे व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि उनके खिलाफ अलग से सिविल अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।जस्टिस जे.जे. मुनिर और जस्टिस संजीव कुमार की खंडपीठ एक ऐसे आपराधिक अपील मामले की सुनवाई कर रही थी, जो वर्ष 1984 से लंबित है...