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सच का पोस्टमार्टम: कैसे निष्पक्ष डॉक्टर एक जीवित बच्चे की गवाही का पोस्टमार्टम करते हैं?
सच का पोस्टमार्टम: कैसे निष्पक्ष डॉक्टर एक जीवित बच्चे की गवाही का पोस्टमार्टम करते हैं?

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत अभियोजन में, बाल पीड़ित की गवाही प्राथमिक साक्ष्य का गठन करती है, जबकि चिकित्सा साक्ष्य का उद्देश्य एक पुष्टित्मक भूमिका निभाना है। अधिनियम की धारा 29 मूलभूत तथ्यों के साबित होने के बाद अभियुक्त के खिलाफ एक वैधानिक अनुमान पेश करके इस स्थिति को और मजबूत करती है।इस कानूनी ढांचे के बावजूद, निचली अदालतें बार-बार अभियोजन को लड़खड़ाती हुई देखती हैं, न कि बच्चे की गवाही अविश्वसनीय होने के कारण, बल्कि इसलिए कि चिकित्सा परीक्षा और गवाही तटस्थता की आड़...

सुप्रीम कोर्ट का इंडिगो संकट पर दायर PIL पर सुनवाई से इनकार, याचिकाकर्ताओं को दी यह छूट
सुप्रीम कोर्ट का इंडिगो संकट पर दायर PIL पर सुनवाई से इनकार, याचिकाकर्ताओं को दी यह छूट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडिगो फ्लाइट संकट के संबंध में दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से यह देखते हुए इनकार किया कि दिल्ली हाईकोर्ट पहले से ही इसी तरह के मामले की सुनवाई कर रहा है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की बेंच ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाही में शामिल होने की छूट दी। बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह याचिकाकर्ता को चल रही कार्यवाही में हस्तक्षेप करने की अनुमति दे।जैसे ही मामला लिया गया सीनियर...

वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली के स्कूलों में खेल गतिविधियां जारी, एमिक्स क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को किया आगाह
वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली के स्कूलों में खेल गतिविधियां जारी, एमिक्स क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को किया आगाह

Delhi-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के बावजूद कई स्कूलों द्वारा खुले में खेल गतिविधियां कराए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में चिंता जताई गई। दिल्ली वायु प्रदूषण मामले में कोर्ट की सहायता कर रहीं सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनेक स्कूल सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों को दरकिनार कर नवंबर-दिसंबर के दौरान आउटडोर खेल गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश होते हुए एमिक्स क्यूरी ने कहा कि अदालत द्वारा खुले...

ट्रैफिक चेकिंग के दौरान वकील ने खुद को बताया न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार
ट्रैफिक चेकिंग के दौरान वकील ने खुद को बताया न्यायिक मजिस्ट्रेट, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान खुद को न्यायिक मजिस्ट्रेट बताकर पुलिसकर्मियों को प्रभावित करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोपी एक वकील के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार किया। अदालत ने कहा कि मामले में गंभीर और स्पष्ट आरोप हैं, जिनकी जांच और सत्यता का परीक्षण इस स्तर पर संभव नहीं है।जस्टिस सूर्य प्रताप सिंह ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि FIR में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध को दर्शाते हैं। अदालत के अनुसार रिकॉर्ड पर मौजूद तथ्यों से स्पष्ट है...

S.125 CrPC | पूर्व पति के साथ वैध पुनर्विवाह तभी माना जाएगा, जब मुस्लिम महिला की बाद की शादी का टूटना साबित हो: केरल हाईकोर्ट
S.125 CrPC | पूर्व पति के साथ वैध पुनर्विवाह तभी माना जाएगा, जब मुस्लिम महिला की बाद की शादी का टूटना साबित हो: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में साफ किया कि CrPC की धारा 125 के तहत मुस्लिम पुरुष और उसकी पूर्व पत्नी के बीच वैध पुनर्विवाह का अनुमान तभी लगाया जा सकता है, जब उसकी बाद की शादी उसके पूरे होने और टूटने का सबूत हो भले ही वे लंबे समय से साथ रह रहे हों।जस्टिस डॉ. कौसर एडप्पागाथ मुस्लिम पुरुष द्वारा दायर रिवीजन पर विचार कर रहे थे, जिसमें उसने फैमिली कोर्ट द्वारा अपनी पहली पत्नी को दिए गए मेंटेनेंस को चुनौती दी थी। पत्नी ने दावा किया कि दूसरे आदमी से अपनी दूसरी शादी टूटने के बाद उसने उससे दोबारा शादी कर...

वीसी नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को लेकर केरल के राज्यपाल की आपत्ति, बोले- यह रुझान सही नहीं
वीसी नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को लेकर केरल के राज्यपाल की आपत्ति, बोले- यह रुझान सही नहीं

केरल के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों (वाइस चांसलर) की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक सही परंपरा नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अधिनियम और संबंधित राज्य यूनिवर्सिटी अधिनियमों के तहत कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार चांसलर को दिया गया है। इस व्यवस्था का सम्मान किया जाना चाहिए।राज्यपाल की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया कदम की पृष्ठभूमि में आई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और...

राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय मज़दूर के शव को वापस लाने में देरी पर सऊदी दूतावास को नोटिस जारी किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय मज़दूर के शव को वापस लाने में देरी पर सऊदी दूतावास को नोटिस जारी किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने नई दिल्ली में स्थित सऊदी अरब के दूतावास को याचिकाकर्ता के बेटे के शव को जल्द-से-जल्द वापस लाने के लिए नोटिस जारी किया, जो वहां काम करता था और नवंबर 2025 में उसकी मौत हो गई थी।जस्टिस डॉ. नूपुर भाटी की बेंच एक पिता की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसका बेटा सऊदी अरब में वैलिड वर्क वीज़ा पर काम कर रहा था। 13 नवंबर, 2025 को उसकी मौत हो गई। हालांकि, आज तक वह उसके शव का इंतज़ार कर रहे हैं।कोर्ट ने राज्य के वकील की बात रिकॉर्ड की कि रियाद में कम्युनिटी वेलफेयर से मिले ईमेल के अनुसार...

Delhi Air Pollution : CJI ने खराब मौसम की वजह से वकीलों को हाइब्रिड सुनवाई अपनाने की सलाह दी
Delhi Air Pollution : CJI ने खराब मौसम की वजह से वकीलों को हाइब्रिड सुनवाई अपनाने की सलाह दी

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जस्टिस सूर्यकांत ने मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए बार के सदस्यों और खुद पेश होने वाली पार्टियों को कोर्ट के सामने लिस्टेड मामलों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हाइब्रिड तरीके से पेश होने पर विचार करने की सलाह दी है।रजिस्ट्री ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया। रजिस्ट्री ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश होने का विकल्प वहां इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां संबंधित पार्टियों के लिए यह सुविधाजनक हो।सर्कुलर में आगे बार के सदस्यों और खुद पेश होने...

यूपी पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर पर NOTA ऑप्शन और उम्मीदवारों के नाम के लिए PIL पर नोटिस जारी किया
यूपी पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने बैलेट पेपर पर 'NOTA' ऑप्शन और उम्मीदवारों के नाम के लिए PIL पर नोटिस जारी किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया और राज्य चुनाव आयोग और यूपी सरकार को पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ़्ते का समय दिया। इस याचिका में राज्य में पंचायत चुनावों के लिए बैलेट पेपर और EVM में 'इनमें से कोई नहीं (NOTA)' ऑप्शन को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग की गई।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस इंद्रजीत शुक्ला की बेंच ने सुनील कुमार मौर्य द्वारा दायर PIL याचिका पर यह आदेश दिया, जो एक प्रैक्टिसिंग वकील और गोंडा जिले के स्थायी निवासी...

उमादेवी फैसले को स्थायी अस्थायी रोज़गार के लिए ढाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट
उमादेवी फैसले को स्थायी अस्थायी रोज़गार के लिए ढाल के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता: जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस रजनेश ओसवाल की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाया कि 31-03-1994 से पहले काम पर रखे गए और दशकों से लगातार काम कर रहे दिहाड़ी मज़दूर को कैज़ुअल लेबरर होने के बहाने SRO-64 के तहत रेगुलराइज़ेशन से मना नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, स्थायी काम के लिए स्थायी अस्थायी रोज़गार को सही ठहराने के लिए उमादेवी फैसले का हवाला नहीं दिया जा सकता।पृष्ठभूमि तथ्यप्रतिवादी को पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में दिहाड़ी मज़दूर के तौर पर काम पर रखा गया। उसने...

पत्नी द्वारा कथित तौर पर 10 साल तक पीरियड्स न होने की बात छिपाने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक को सही ठहराया
पत्नी द्वारा कथित तौर पर 10 साल तक पीरियड्स न होने की बात छिपाने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक को सही ठहराया

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पति के पक्ष में दिए गए तलाक के फैसले को सही ठहराया। पति ने पाया था कि शादी के बाद उसकी पत्नी को 10 साल से पीरियड्स नहीं हुए, जिसके बाद उसने 'क्रूरता' के आधार पर तलाक की अर्जी दी।पत्नी की अपील खारिज करते हुए जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने कहा –“माननीय फैमिली कोर्ट ने मौखिक और दस्तावेजी सबूतों का बारीकी से मूल्यांकन किया और पाया कि मुद्दे नंबर 1 और 3 प्रतिवादी/पति के पक्ष में हैं। सही तरीके से उसके पक्ष में तलाक का फैसला...

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रूरता की FIR रद्द करने से इनकार किया, कहा- 23 साल पहले मरी सास पर आरोप टाइपिंग की गलती लगते हैं
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रूरता की FIR रद्द करने से इनकार किया, कहा- 23 साल पहले मरी सास पर आरोप टाइपिंग की गलती लगते हैं

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने क्रूरता की FIR रद्द करने की याचिका खारिज की। कोर्ट ने कहा कि शिकायत में मरी हुई सास का ज़िक्र टाइपिंग की गलती लगता है। सिर्फ़ इसी आधार पर आपराधिक कार्यवाही रद्द नहीं किया जा सकता।FIR में आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता की सास, जिनकी 23 साल पहले ही मौत हो चुकी थी, उसे दहेज के लिए परेशान करती थी।जस्टिस आलोक जैन ने कहा,"पूरी FIR में 'सास' शब्द सिर्फ़ एक जगह इस्तेमाल किया गया। शिकायतकर्ता ने शिकायत की शुरुआत में सास का नाम कहीं भी शामिल नहीं किया। इसके अलावा, सास के...

प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार्जशीट दी गई हो तो अधिकारी का प्रमोशन नहीं रोका जा सकता: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दोहराया
प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार्जशीट दी गई हो तो अधिकारी का प्रमोशन नहीं रोका जा सकता: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दोहराया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक आदेश पर रोक लगाई, जिसमें एक व्यक्ति को फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर के पद पर प्रमोशन देने पर रोक लगा दी गई थी। यह रोक उसके खिलाफ जारी की गई चार्जशीट के आधार पर लगाई गई, जो उसे प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दी गई।ऐसा करते हुए कोर्ट ने दोहराया कि किसी व्यक्ति का प्रमोशन इस आधार पर रोकना कि चार्जशीट प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले की तारीख में जारी की गई, कानून की नज़र में सही नहीं है, खासकर तब जब कर्मचारी को उसके प्रमोशन पर विचार करते समय चार्जशीट नहीं दी गई।कोर्ट एक...

2025 के चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल  2.59 करोड़ केस निस्तारित, ₹7,747 करोड़ का निपटान
2025 के चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2.59 करोड़ केस निस्तारित, ₹7,747 करोड़ का निपटान

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने 13 दिसंबर 2025 को वर्ष 2025 की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह आयोजन देश के 26 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च न्यायालयों, जिला न्यायालयों, विभिन्न अधिकरणों, उपभोक्ता मंचों तथा स्थायी लोक अदालतों में एक साथ संपन्न हुआ।इस राष्ट्रीय पहल का मार्गदर्शन भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं नालसा के संरक्षक-प्रमुख जस्टिस सूर्यकांत तथा NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस विक्रम नाथ द्वारा किया गया।राष्ट्रीय लोक...

फैसले इतने आसान होने चाहिए कि नागरिक उन्हें समझ सकें: CJI सूर्यकांत ने बहुत ज़्यादा कानूनी शब्दों के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी
फैसले इतने आसान होने चाहिए कि नागरिक उन्हें समझ सकें: CJI सूर्यकांत ने 'बहुत ज़्यादा कानूनी शब्दों' के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी

शनिवार को वेस्ट ज़ोन रीजनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने न्यायपालिका से जानबूझकर "बहुत ज़्यादा कानूनी शब्दों" को कम करने का आग्रह किया, जो न्याय और उससे जुड़े लोगों के बीच दूरी पैदा करते हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि फैसले साफ और समझने लायक भाषा में लिखे जाने चाहिए।मुख्य भाषण देते हुए CJI ने चेतावनी दी कि अगर न्याय "पढ़ने लायक या अस्पष्ट" है तो यह उन लोगों के लिए अपना मतलब खोने का जोखिम उठाता है, जिनकी सेवा करने का इसका मकसद है। उन्होंने इस बात पर...

S. 321 CrPC | सिर्फ़ राज्य सरकार की प्रॉसिक्यूशन वापस लेने की मंशा बाध्यकारी नहीं, PP और कोर्ट द्वारा स्वतंत्र जांच ज़रूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट
S. 321 CrPC | सिर्फ़ राज्य सरकार की प्रॉसिक्यूशन वापस लेने की मंशा बाध्यकारी नहीं, PP और कोर्ट द्वारा स्वतंत्र जांच ज़रूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी खास मामले में राज्य सरकार द्वारा प्रॉसिक्यूशन वापस लेने की "सिर्फ़ मंशा ज़ाहिर करना" न तो कोर्ट को बाध्य करता है, न ही पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और न्यायपालिका द्वारा स्वतंत्र जांच की कानूनी ज़रूरत को कम करता है।धोखाधड़ी और SC-ST Act के तहत अपराधों से जुड़े एक मामले में चार आरोपियों द्वारा दायर आपराधिक अपील खारिज करते हुए जस्टिस शेखर कुमार यादव की बेंच ने ज़ोर दिया कि CrPC की धारा 321 के तहत प्रॉसिक्यूशन वापस लेना तभी मंज़ूर है, जब पब्लिक प्रॉसिक्यूटर...