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जांच अक्सर आधी-अधूरी होती है, एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
जांच अक्सर आधी-अधूरी होती है, एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि एनडीपीएस एक्ट, 1985 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए, यह देखते हुए कि मादक पदार्थों के मामलों में जांच अक्सर विभिन्न कारणों से आधी-अधूरी होती है। जस्टिस विकास महाजन ने कहा कि प्रवर्तन अधिकारियों से बचने के लिए, नशीली दवाओं के तस्कर नशीली दवाओं और मनोदैहिक पदार्थों के अवैध व्यापार के सबसे सरल और कुटिल तरीकों का सहारा लेते हैं।कोर्ट ने कहा, “गुप्त सौदों सहित विभिन्न कारणों से जांच अक्सर आधी-अधूरी होती है। नशीली दवाओं और नशीले पदार्थों का अवैध...

अदालतें जांच एजेंसी को आरोपियों की आवाज के नमूने लेने के लिए अधिकृत कर सकती हैं, लेकिन टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन अनिवार्य: दिल्ली हाईकोर्ट
अदालतें जांच एजेंसी को आरोपियों की आवाज के नमूने लेने के लिए अधिकृत कर सकती हैं, लेकिन टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन अनिवार्य: दिल्ली हाईकोर्ट

कॉल इंटरसेप्शन के मुद्दे को निस्तारित करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस अमित बंसल ने हाल ही में कहा कि रितेश सिन्हा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर, अदालतें आवाज के सैंपल प्राप्त करने के लिए एक जांच एजेंसी को अधिकृत कर सकती हैं, हालांकि इसमें टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के प्रावधानों का अनुपालन होना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि सीआरपीसी की धारा 173(6) के अनुसार, यदि कोई पुलिस अधिकारी मानता है कि आरोपी को कुछ बयान का खुलासा करना न्याय के हित में आवश्यक नहीं...

दिल्ली मेडिकल काउंसिल की मौजूदगी जमीनी स्तर पर महसूस नहीं की जा रही, इसे और अधिक प्रभावी और सक्रिय बनाने की जरूरत: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की मौजूदगी जमीनी स्तर पर महसूस नहीं की जा रही, इसे और अधिक प्रभावी और सक्रिय बनाने की जरूरत: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) की उपस्थिति और नियंत्रण जमीनी स्तर पर महसूस नहीं किया जाता है और वैधानिक निकाय को अधिक प्रभावी और सक्रिय होने की आवश्यकता है। कार्यवाहक चीफ ज‌स्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने कहा, “डीएमसी को थोड़ा और प्रभावी होना होगा। इसका वांछित प्रभाव नहीं पड़ रहा है।”अदालत ने एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें शहर भर में प्रैक्टिस करने वाले सभी मेडिकल चिकित्सकों की चिकित्सा योग्यता और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के समयबद्ध...

जिला उपभोक्ता आयोग चडीगढ़ ने अजीओ और रिलायंस रिटेल को एमआरपी से अधिक मूल्य पर सामान बेचने के लिए जिम्मेदार ठहराया
जिला उपभोक्ता आयोग चडीगढ़ ने अजीओ और रिलायंस रिटेल को एमआरपी से अधिक मूल्य पर सामान बेचने के लिए जिम्मेदार ठहराया

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-1, चंडीगढ़ की खंडपीठ जिसमे श्री पवनजीत सिंह (अध्यक्ष), श्रीमती सुरजीत कौर (सदस्य) और श्री सुरेश कुमार सरदाना (सदस्य) शामिल थे, खंडपीठ ने रिलायंस रिटेल लिमिटेड और उसके लाइफस्टाइल ब्रांड अजीओ को लैपटॉप ब्रीफकेस को उसके मूल एमआरपी से अधिक पर बेचने के लिए अनुचित व्यापार प्रथाओं और सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया।दीपिका भारद्वाज ("शिकायतकर्ता") ने रिलायंस रिटेल लिमिटेड ("सेलर") से अजीओ की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से एक लैपटॉप ब्रीफकेस खरीदा। ब्रीफकेस का...

जजों से उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा किशोरियों को यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह देने की ‌निंदा की
'जजों से उपदेश देने की अपेक्षा नहीं की जाती': सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा किशोरियों को यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की सलाह देने की ‌निंदा की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को किशोरों के यौन व्यवहार के संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को अस्वीकार कर दिया।युवा वयस्कों से जुड़े यौन उत्पीड़न के एक मामले में अपील पर फैसला करते समय, हाईकोर्ट ने किशोरों के लिए कुछ सलाहें जारी की ‌‌थी, विशेष रूप से कोर्ट ने किशोरावस्था में लड़कियों को 'अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित करने' के लिए आगाह किया था ताकि उन्हें लोगों की नजरों में 'लूज़र' न समझा जाए।इन टिप्पणियों पर आपत्ति जताते हुए, सुप्रीम कोर्ट की ओर से "इन रे: राइट टू...

हाईकोर्ट कॉलेजियम के 122 प्रस्ताव प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में लंबित: कानून और न्याय मंत्रालय
हाईकोर्ट कॉलेजियम के 122 प्रस्ताव प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में लंबित: कानून और न्याय मंत्रालय

कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा कि 04.12.2023 तक जजों की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट कॉलेजियम से प्राप्त 122 प्रस्ताव प्रोसेसिंग के विभिन्न चरणों में हैं।कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अदालतों में रिक्तियों के संबंध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से संबंधित राज्यसभा सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।केंद्रीय मंत्रालय ने कहा कि देश भर के हाईकोर्ट में जजों की 1114 स्वीकृत संख्या के मुकाबले 790 न्यायाधीश कार्यरत हैं और जजों के 324 पद रिक्त हैं।...

बैंगलोर जिला आयोग ने रिलायंस रिटेल को गलत सामान डेलीवर करने पर रिफंड और मुआवजे देने के लिए जिम्मेदार ठहराया
बैंगलोर जिला आयोग ने रिलायंस रिटेल को गलत सामान डेलीवर करने पर रिफंड और मुआवजे देने के लिए जिम्मेदार ठहराया

बैंगलोर जिला आयोग ने रिलायंस रिटेल को डेलीवर गलत सामान को वापस ना करने पर, रिफंड और मुआवजे देने के लिए जिम्मेदार ठहराया। बेंगलुरु शहरी-द्वितीय अतिरिक्त जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (कर्नाटक) की खंडपीठ, जिसमें श्री विजयकुमार एम. पावले (अध्यक्ष), श्री बी. देवराजू (सदस्य) और श्रीमती वी. अनुराधा (सदस्य) शामिल थे ,ने रिलायंस रिटेल लिमिटेड को गलत उत्पाद के रिटर्न अनुरोध को रद्द करने के लिए सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि उसने स्वेच्छा से अपनी गलती स्वीकार की और जल्द से जल्द...

संविधान के सेवक के रूप में मुझे निर्धारित कानून का पालन करना होगा: कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
"संविधान के सेवक के रूप में मुझे निर्धारित कानून का पालन करना होगा": कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ याचिका पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम को चुनौती देने वाली याचिका का उल्लेख किए जाने पर कहा कि "कानून और संविधान के सेवक" के रूप में उन्हें निर्धारित कानून का पालन करना होगा।वकील मैथ्यूज जे नेदुम्पारा ने कॉलेजियम सिस्टम खत्म करने और सीनियर एडवोकेट को नामित करने की प्रक्रिया के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर दायर याचिका सूचीबद्ध करने की मांग की।हालांकि, सीजेआई नेदुमपारा के अनुरोध पर विचार करने के इच्छुक नहीं दिखे और कहा,"एक वकील के रूप में आपको...

दिल्ली शराब नीति घोटाला |  सीबीआई और ईडी के आरोपों के बीच विरोधाभास प्रतीत होता है : सुप्रीम कोर्ट ने पेरनोड रिकार्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक को जमानत दी
दिल्ली शराब नीति घोटाला | " सीबीआई और ईडी के आरोपों के बीच विरोधाभास प्रतीत होता है" : सुप्रीम कोर्ट ने पेरनोड रिकार्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक को जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को दिल्ली शराब नीति घोटाले के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेरनोड रिकार्ड इंडिया (वैश्विक शराब कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी) के क्षेत्रीय प्रबंधक बेनॉय बाबू को जमानत दे दी।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जस्टिस भट्टी की पीठ ने इस तथ्य पर विचार करते हुए बाबू को जमानत दे दी कि वह 13 महीने की कैद से गुजर चुका है और मामले में ट्रायल अभी तक शुरू नहीं हुआ है। पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील को स्वीकार कर लिया, जिसने इस साल जुलाई में उन्हें...

जौहर यूनिवर्सिटी ज़मीन विवाद| इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार का आरोप, सरकारी भूमि का दुरुपयोग किया गया
जौहर यूनिवर्सिटी ज़मीन विवाद| इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार का आरोप, सरकारी भूमि का दुरुपयोग किया गया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित भूमि (लीज डीड रद्द करके) पर कब्जा करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के ट्रस्ट (मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट), रामपुर द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई की।सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रस्ट की याचिका को "तत्काल प्रवेश" के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिए जाने के कुछ दिनों बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस क्षितिज...

नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए - जब पश्चिम बंगाल बांग्लादेश के साथ बड़ी सीमा साझा करता है तो अकेले असम में ही क्यों किया गया : सुप्रीम कोर्ट
नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए - जब पश्चिम बंगाल बांग्लादेश के साथ बड़ी सीमा साझा करता है तो अकेले असम में ही क्यों किया गया : सुप्रीम कोर्ट

नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (6 दिसंबर) को मौखिक रूप से टिप्पणी की कि संवैधानिकता पहलू पर याचिकाओं के नतीजे की परवाह किए बिना, अवैध आप्रवासन से संबंधित याचिकाओं में धारा 6ए से स्वतंत्र" उठाए गए मुद्दे "महत्वपूर्ण समस्या" हैं। अदालत ने केंद्र सरकार को 25 मार्च, 1971 के बाद असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में अवैध प्रवासियों की आमद पर डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने केंद्र को अवैध आप्रवासन से निपटने के लिए...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित तौर पर आपत्तिजनक वेबसाइटों पर क्लाइंट की तस्वीरें वितरित करने के लिए फोटोग्राफर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित तौर पर आपत्तिजनक वेबसाइटों पर क्लाइंट की तस्वीरें वितरित करने के लिए फोटोग्राफर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में शास्त्रीय नर्तक की तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड करने के आरोप में पेशेवर फोटोग्राफर के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी। इसके कारण कथित तौर पर उन्हें आपत्तिजनक वेबसाइटों पर वितरित किया गया था।जस्टिस प्रकाश डी नाइक और जस्टिस एनआर बोरकर की खंडपीठ ने मामला रद्द करने के लिए रिट याचिका में अंतरिम राहत देते हुए कहा,“प्रश्न जो विचार के लिए उठता है, वह यह है कि क्या धारा 354 (सी) और इस कार्यवाही में लगाए गए अन्य अपराध याचिकाकर्ता के खिलाफ आकर्षित होते हैं।...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी और भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आरोपपत्र रद्द करने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीएम मोदी और भारतीय सेना के खिलाफ 'अपमानजनक' फेसबुक पोस्ट करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आरोपपत्र रद्द करने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट साझा करने के लिए एफआईआर का सामना कर रहे व्यक्ति के खिलाफ दायर आरोप पत्र रद्द करने से इनकार कर दिया।जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने कहा,"प्रथम दृष्टया, संदर्भ की समग्रता को देखते हुए बयान समुदाय को विभाजित करने वाले हैं और एक समुदाय के मन में दूसरे के खिलाफ असुरक्षा को बढ़ावा देते हैं। ये जनता के बीच भय या चिंता पैदा करते हैं, जो एक वर्ग को सार्वजनिक शांति या राज्य के खिलाफ अपराध करने के लिए...

CMRL Pay-Off Case: केरल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत खारिज करने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी बेटी और अन्य को नोटिस जारी किया
CMRL Pay-Off Case: केरल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत खारिज करने के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी बेटी और अन्य को नोटिस जारी किया

केरल हाईकोर्ट ने (मृतक) गिरीश बाबू द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रतिवादियों को पक्षकार बनाया और नोटिस जारी किया। याचिका में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनकी बेटी- वीना थाइकांडियिल और उनकी कंपनी एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (क्रमशः पहला और सातवां आरोपी), सहित राज्य के उच्च पदस्थ सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) के खनन और अन्य व्यावसायिक हितों के संबंध में अपने पिता की आड़ में अवैध प्रतिफल प्राप्त करने में की गई कथित...

हाईकोर्ट में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से संबंधित जजों की संख्या 25% से कम; सुप्रीम कोर्ट में 13.5% महिला जज: कानून मंत्रालय का डाटा
हाईकोर्ट में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों से संबंधित जजों की संख्या 25% से कम; सुप्रीम कोर्ट में 13.5% महिला जज: कानून मंत्रालय का डाटा

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी से पता चलता है कि 2018 और 2023 के बीच नियुक्त 650 हाईकोर्ट जजों में से 492 सामान्य श्रेणी (75.69%) से संबंधित हैं। इस अवधि के दौरान की गई हाईकोर्ट जजों की नियुक्तियों में से 23 अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी से, 10 अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी से, 76 अन्य पिछड़ा वर्ग से और 36 धार्मिक अल्पसंख्यकों से हैं। एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व क्रमशः 3.54 प्रतिशत, 1.54 प्रतिशत, 11.7 प्रतिशत और 5.54 प्रतिशत (कुल लगभग 22.24%) है। मंत्रालय ने...

न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस महत्वपूर्ण, लेकिन फिलहाल इस पर कोई सहमति नहीं: कानून मंत्रालय
न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस महत्वपूर्ण, लेकिन फिलहाल इस पर कोई सहमति नहीं: कानून मंत्रालय

अखिल भारतीय न्यायिक सेवा (All India Judicial Service) स्थापित करने की सरकार की योजना पर राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्रालय ने जवाब दिया कि फिलहाल प्रस्ताव पर हितधारकों के बीच कोई सहमति नहीं है।हालांकि, जवाब में यह भी कहा गया,"सरकार के विचार में समग्र न्याय वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए उचित रूप से तैयार की गई ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस महत्वपूर्ण है।"उत्तर में कहा गया कि इससे उचित अखिल भारतीय योग्यता चयन प्रणाली के माध्यम से चयनित उपयुक्त योग्य...

प्रशांत भूषण ने जस्टिस बेला त्रिवेदी के समक्ष UAPA याचिकाओं की सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एससी रजिस्ट्री को पत्र लिखा
प्रशांत भूषण ने जस्टिस बेला त्रिवेदी के समक्ष UAPA याचिकाओं की सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एससी रजिस्ट्री को पत्र लिखा

वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस बेला त्रिवेदी की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष मामलों के समूह को 'मनमाने ढंग से' सूचीबद्ध करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा। ये मामले त्रिपुरा दंगों पर तथ्यान्वेषी रिपोर्ट के संबंध में पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA Act) लागू करने को चुनौती देते हैं।मामलों के समूह में UAPA Act के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं। भूषण ने कहा की इस मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़...