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दहेज मुस्लिम शादियों में भी फैल चुका है, महर  की सुरक्षा को कर रहा खोखला: सुप्रीम कोर्ट
दहेज मुस्लिम शादियों में भी फैल चुका है, महर की सुरक्षा को कर रहा खोखला: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दहेज प्रथा को समाज की एक गंभीर बुराई बताते हुए इसके खिलाफ व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने इस दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें एक पति और उसकी मां को बरी कर दिया गया, जबकि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें दहेज की मांग पूरी न होने पर 20 वर्षीय महिला को जिंदा जलाने का दोषी ठहराया था।जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एन.के. सिंह की पीठ द्वारा दिए गए इस फैसले में जस्टिस करोल ने दहेज प्रथा के ऐतिहासिक और सामाजिक विकास का विस्तार से विश्लेषण किया।उन्होंने कहा कि...

सोशल मीडिया से जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का आदेश
सोशल मीडिया से जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी के खिलाफ सोशल मीडिया पर मौजूद आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने का आदेश दिया।जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि चौधरी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में पहली नज़र में मामला उनके पक्ष में बनता है।जज ने कहा,"पहली नज़र में मामला बनता है।"कोर्ट ने कहा कि मुकदमे के अनुसार चौधरी अपने पूरे करियर में एक ईमानदार नेता रहे हैं और उन्होंने अपने प्रयासों से यह पद हासिल किया है।चौधरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो से परेशान है, जिसमें एक...

तकनीकी खामी से मिले अतिरिक्त मुनाफे को अनुचित लाभ नहीं माना जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
तकनीकी खामी से मिले अतिरिक्त मुनाफे को अनुचित लाभ नहीं माना जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा कि ब्रोकर की प्रणाली में आई तकनीकी खामी के कारण यदि किसी ग्राहक को अधिक ट्रेडिंग मार्जिन दिखाई देता है। वह उसके आधार पर ट्रेड कर मुनाफा कमाता है तो उसे अनुचित लाभ नहीं कहा जा सकता।अदालत ने स्पष्ट किया कि मार्जिन की उपलब्धता केवल ट्रेडिंग का अवसर देती है, जबकि वास्तविक लाभ ग्राहक की जोखिम उठाने की क्षमता और ट्रेडिंग कौशल से उत्पन्न होता है।जस्टिस संदीप वी. मार्ने कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें राष्ट्रीय स्टॉक...

नेशनल हेराल्ड केस: दिल्ली कोर्ट ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी के खिलाफ ED की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार किया
नेशनल हेराल्ड केस: दिल्ली कोर्ट ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी के खिलाफ ED की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार किया

दिल्ली कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार किया, जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी शामिल हैं।राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने ने यह आदेश सुनाया।ED ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 की धारा 44 और 45 के तहत एक नई अभियोजन शिकायत दायर की थी, जिसमें धारा 3 के साथ धारा 70 के तहत परिभाषित मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए और PMLA, 2002...

केंद्र सरकार की अपनी कोई लिमिटेशन पीरियड नहीं हो सकती: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अपीलों में देरी पर सवाल उठाया
'केंद्र सरकार की अपनी कोई लिमिटेशन पीरियड नहीं हो सकती': सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अपीलों में देरी पर सवाल उठाया

सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन मामले खारिज कर दिए और देरी को माफ करने से इनकार किया। कोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि केंद्र सरकार के अधिकारी तय समय के अंदर फाइल करने में उतने मेहनती नहीं हैं।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की बेंच इन मामलों की सुनवाई कर रही थी, जिसमें एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना दवे पाठक केंद्र सरकार की ओर से पेश हुईं। ये ऐसे मामले थे, जिनमें केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों को चुनौती देते हुए स्पेशल लीव याचिकाएं दायर की थीं।मामले की मेरिट में जाए बिना जस्टिस...

कानूनी तौर पर पहली शादी खत्म न होने पर महिला CrPC की धारा 125 के तहत अपने पार्टनर से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट
कानूनी तौर पर पहली शादी खत्म न होने पर महिला CrPC की धारा 125 के तहत अपने पार्टनर से भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि अगर किसी महिला की पहली शादी अभी भी कानूनी तौर पर वैलिड है तो वह अपने साथ रहने वाले पार्टनर से CrPC की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का दावा नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि शादी जैसा लंबा रिश्ता भी उसे 'पत्नी' का कानूनी दर्जा नहीं देता, अगर उसने अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया है।जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने कहा कि ऐसे दावों की इजाज़त देने से "हिंदू परिवार कानून की नैतिक और सांस्कृतिक नींव" कमजोर होगी।बेंच ने टिप्पणी की,"अगर समाज में ऐसी प्रथा की इजाज़त दी जाती है,...

सिर्फ़ शिकायतें दर्ज करना, भले ही बाद में वे झूठी पाई जाएं, मानहानि नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
सिर्फ़ शिकायतें दर्ज करना, भले ही बाद में वे झूठी पाई जाएं, मानहानि नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ़ शिकायतें दर्ज करना, भले ही बाद में वे झूठी पाई जाएं, अपने आप मानहानि का अपराध नहीं बन जाता।जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि मानहानि साबित करने के लिए यह दिखाना होगा कि आरोप प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए या इस जानकारी या विश्वास के साथ लगाए गए थे कि ऐसे आरोपों से प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।कोर्ट ने कहा,"सिर्फ़ शिकायतें दर्ज करना, भले ही बाद में वे झूठी पाई जाएं, अपने आप मानहानि नहीं है, खासकर जब ऐसी शिकायतें कानून के तहत अधिकारियों से की जाती...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को क्रिमिनल मामलों में ईमेल से निर्देश भेजने का निर्देश दिया, ICJS इंटीग्रेशन को तुरंत लागू करने को कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को क्रिमिनल मामलों में ईमेल से निर्देश भेजने का निर्देश दिया, ICJS इंटीग्रेशन को तुरंत लागू करने को कहा

एक महत्वपूर्ण आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को यह सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी निर्देश जारी करने का निर्देश दिया कि जमानत और अन्य आपराधिक मामलों में निर्देश सामान्य मैनुअल तरीके के बजाय इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से खासकर ईमेल के ज़रिए, हाईकोर्ट के सरकारी वकील को भेजे जाएं।जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की बेंच ने यह निर्देश देते हुए कहा कि मौजूदा मैनुअल सिस्टम के तहत आपराधिक मामलों में पुलिस स्टेशनों से निर्देश मिलने में काफी देरी होती है।बता दें, बेंच को बताया गया कि मौजूदा चलन...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मीमियोग्राफिक स्टाइल में FIR दर्ज करने के खिलाफ राज्य अधिकारियों को चेतावनी दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त यूपी धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत 'मीमियोग्राफिक स्टाइल' में FIR दर्ज करने के खिलाफ राज्य अधिकारियों को चेतावनी दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) ने उत्तर प्रदेश राज्य अधिकारियों को सख्त उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत मशीनी और रूटीन मामले दर्ज करने के खिलाफ चेतावनी दी।कोर्ट ने कहा कि विशेष कानून के 'सख्त' प्रावधानों को देखते हुए अधिकारियों को ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए और "मीमियोग्राफिक स्टाइल" में FIR दर्ज करने से बचना चाहिए।यह टिप्पणी जस्टिस अब्दुल मोइन और जस्टिस बबीता रानी की डिवीजन बेंच ने प्रतापगढ़ जिले में एक पुलिस अधिकारी द्वारा साबिर अली के खिलाफ दर्ज की गई 'झूठी' FIR...

सज़ा पूरी होने और जुर्माने पर रोक के बावजूद 2 महीने से ज़्यादा समय तक हिरासत में रखा गया दोषी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- आर्टिकल 21 का घोर उल्लंघन
सज़ा पूरी होने और जुर्माने पर रोक के बावजूद 2 महीने से ज़्यादा समय तक हिरासत में रखा गया दोषी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- 'आर्टिकल 21 का घोर उल्लंघन'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ़्ते एक दोषी को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया, जिसने पहले ही 10 साल की पूरी सज़ा काट ली थी। हालांकि, 27 लाख रुपये का जुर्माना न चुकाने के कारण उसे 2.5 महीने तक हिरासत में रहना पड़ा था।जस्टिस समीर जैन की बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट के जुर्माने की वसूली पर रोक लगाने के आदेश के बावजूद उसे हिरासत में रखना, "भारत के संविधान के आर्टिकल 21 में दिए गए मौलिक अधिकार का घोर उल्लंघन" है।अपीलकर्ता (विनोद कुमार) को फरवरी 2013 में ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया और उसे अधिकतम दस साल की...

एक्ट्रेस रेप केस का फैसला सुनाने वाली जज पर हुआ साइबर हमला, केरल ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने की कार्रवाई की मांग
एक्ट्रेस रेप केस का फैसला सुनाने वाली जज पर हुआ साइबर हमला, केरल ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने की कार्रवाई की मांग

केरल ज्यूडिशियल ऑफिसर्स एसोसिएशन (KJOA) ने केरल हाई कोर्ट से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया, जिन्होंने एक्ट्रेस रेप केस में फैसले को लेकर एर्नाकुलम की प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट और सेशंस जज श्रीमती हनी एम. वर्गीस के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं।इसे एक मौजूदा जज को "सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की अभूतपूर्व घटना" बताते हुए KJOA ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अवमानना ​​और अन्य कार्रवाई की मांग की। KJOA केरल में जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारियों का एक रजिस्टर्ड प्रतिनिधि निकाय...

तेज़ और लापरवाही से ड्राइविंग: लंबा ट्रायल, आरोपी का सुधारात्मक रवैया सज़ा कम करने के लिए काफ़ी: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
तेज़ और लापरवाही से ड्राइविंग: लंबा ट्रायल, आरोपी का सुधारात्मक रवैया सज़ा कम करने के लिए काफ़ी: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ़ तेज़ और लापरवाही से ड्राइविंग के लिए ट्रायल कोर्ट और अपीलेट कोर्ट द्वारा दर्ज किए गए दोषी पाए जाने के फ़ैसले को सही ठहराते हुए सज़ा के आदेश में बदलाव किया। साथ ही लंबे समय बीत जाने और कम करने वाली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मुख्य सज़ा को पहले ही जेल में बिताई गई अवधि तक कम कर दिया।जस्टिस विनोद एस. भारद्वाज ने कहा,"मुझे लगता है कि लंबा आपराधिक ट्रायल और याचिकाकर्ता को होने वाली परेशानी, कुल सज़ा में से याचिकाकर्ता द्वारा पहले ही जेल...

नाबालिग लड़की से रेप के दोषी की मौत की सज़ा हुई कम, हाईकोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने सुधार की संभावना की जांच नहीं की
नाबालिग लड़की से रेप के दोषी की मौत की सज़ा हुई कम, हाईकोर्ट ने कहा- ट्रायल कोर्ट ने सुधार की संभावना की जांच नहीं की

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आदमी की मौत की सज़ा को उम्रकैद में बदल दिया, जिसे ट्रायल कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से रेप के लिए दोषी ठहराया था।ऐसा करते हुए कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने दोषी को मौत की सज़ा सुनाते समय दोषी के सुधार और इस संभावना पर कोई फैसला नहीं दिया कि अगर उसे मौका दिया जाए तो वह समाज का एक उपयोगी सदस्य बन सकता है।जस्टिस इलेश वोरा और जस्टिस आरटी वच्छानी की डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में मौत की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और उन परिस्थितियों का ज़िक्र किया जिनमें यह सज़ा दी...

ऑटिज़्म व बौद्धिक/विकासात्मक दिव्यांगों के केयर होम्स के नियमन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
ऑटिज़्म व बौद्धिक/विकासात्मक दिव्यांगों के केयर होम्स के नियमन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें ऑटिज्म और अन्य विकासात्मक और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए आवासीय और संस्थागत देखभाल घरों में दुर्व्यवहार, उपेक्षा और वाणिज्यिक शोषण पर प्रकाश डाला गया है, और ऐसे देखभाल घरों के विनियमन की मांग की गई है।"पूरे भारत से कई रिपोर्टों ने इन संस्थानों के भीतर दुर्व्यवहार के चौंकाने वाले उदाहरणों को उजागर किया है। इनमें शारीरिक हमला, मौखिक दुर्व्यवहार, भावनात्मक उत्पीड़न, लंबे समय तक उपेक्षा और कुछ मामलों में, यहां तक कि उन निवासियों...

शादी में समानता के बारे में भावी पीढ़ी को जागरूक करें: सुप्रीम कोर्ट ने दहेज की बुराई से निपटने और रोक लागू करने के लिए जारी किए निर्देश
'शादी में समानता के बारे में भावी पीढ़ी को जागरूक करें': सुप्रीम कोर्ट ने दहेज की बुराई से निपटने और रोक लागू करने के लिए जारी किए निर्देश

दहेज हत्या और प्रताड़ना के लिए दोषी ठहराए गए एक पति और उसकी मां को बरी करने को रद्द करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने समाज में दहेज की मौतों के मुद्दे से निपटने के लिए सामान्य निर्देश जारी करना आवश्यक समझा।आदेश पारित करते हुए, अदालत ने दहेज को एक सामाजिक बुराई के रूप में वर्णित किया, जिसके कारण एक 20 वर्षीय को अपने जीवन को छोड़ना पड़ा: "इस मामले में, एक युवा लड़की, मुश्किल से 20 साल की, जब उसे सबसे जघन्य और दर्दनाक मौत के माध्यम से जीवित दुनिया से दूर भेज दिया गया था, तो इस दुर्भाग्यपूर्ण अंत को केवल...

सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों के फैसलों में गवाहों और सबूतों की लिस्टिंग के लिए ट्रायल कोर्ट को निर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों के फैसलों में गवाहों और सबूतों की लिस्टिंग के लिए ट्रायल कोर्ट को निर्देश जारी किए

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (15 दिसंबर) को सभी ट्रायल कोर्ट को निर्देश जारी किए, जिसका मकसद गवाहों, दस्तावेजी सबूतों और भौतिक वस्तुओं की लिस्टिंग के लिए एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट को संस्थागत बनाना है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने POCSO एक्ट के तहत 4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोपी एक व्यक्ति को बरी करते हुए कहा,"हमारा मानना ​​है कि आपराधिक फैसलों की पठनीयता को बढ़ाने के लिए एक अधिक संरचित और समान अभ्यास अपनाया जाना चाहिए। इसलिए सबूतों की व्यवस्थित प्रस्तुति सुनिश्चित करने के...

सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलना संज्ञेय अपराध, बिना वारंट गिरफ्तारी व जांच वैध: इलाहाबाद हाईकोर्ट
सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलना संज्ञेय अपराध, बिना वारंट गिरफ्तारी व जांच वैध: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में यह स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक सड़क या सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेलने का अपराध, जो पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट, 1867 की धारा 13 के तहत दंडनीय है, संज्ञेय (Cognizable) अपराध है, क्योंकि इस प्रावधान में पुलिस अधिकारी को बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है।न्यायालय ने यह भी कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 2(सी) के आवश्यक निहितार्थों को देखते हुए, पुलिस ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना एफआईआर दर्ज कर जांच भी कर सकती है।जस्टिस विवेक कुमार...

बिहारी मंदिर में दर्शन समय और डेहरी पूजा बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार व हाई पावर्ड कमेटी से जवाब मांगा
बिहारी मंदिर में दर्शन समय और डेहरी पूजा बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार व हाई पावर्ड कमेटी से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने आज उत्तर प्रदेश सरकार और कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी से उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें मथुरा स्थित ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के दर्शन समय में बदलाव और डेहरी पूजा बंद किए जाने को चुनौती दी गई है। इस मामले में नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए 7 जनवरी 2026 की तारीख तय की है।चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की खंडपीठ मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता मंदिर की...

स्टे ऑर्डर के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए ED असिस्टेंट डायरेक्टर ने हाई कोर्ट में मांगी माफी
स्टे ऑर्डर के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए ED असिस्टेंट डायरेक्टर ने हाई कोर्ट में मांगी माफी

एनफोर्समेंट (ED) के असिस्टेंट डायरेक्टर विकास कुमार ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट में फिल्म प्रोड्यूसर आकाश भास्करन को हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद शो कॉज नोटिस जारी करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी।यह माफी जस्टिस एमएस रमेश और जस्टिस वी लक्ष्मीनारायणन की बेंच के सामने मांगी गई। कोर्ट भास्करन द्वारा दायर अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें आरोप लगाया गया कि हाईकोर्ट द्वारा जारी स्टे के बावजूद कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच जारी रखी गई।आकाश भास्करन ने बिजनेसमैन विक्रम रविंद्रन के साथ...