न्यायिक अधिकारियों की ACR बिना देरी के दर्ज करें : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के जजों से कहा
Shahadat
21 Jan 2025 1:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (21 जनवरी) को हाईकोर्ट के जजों से आग्रह किया कि वे न्यायिक अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) को तुरंत दर्ज करें, ताकि वे पदोन्नति के अवसर न खोएं।
कोर्ट ने हाईकोर्ट की अपीलीय समितियों से भी आग्रह किया कि वे ACR के संबंध में न्यायिक अधिकारियों द्वारा किए गए अभ्यावेदन पर जल्द से जल्द निर्णय लें।
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने ऑल इंडिया जजेज एसोसिएशन मामले में यह आदेश पारित किया, जिसमें पाया गया कि कई न्यायिक अधिकारियों की ACR में देरी हो रही है।
एमिक्स क्यूरी सीनियर एडवोकेट के परमेश्वर ने पीठ को सूचित किया कि कुछ हाईकोर्ट में संबंधित जज न्यायिक अधिकारियों की ACR दर्ज नहीं करते हैं। कुछ हाईकोर्ट में अपीलीय फोरम, जिसमें सामान्यतः हाईकोर्ट के जजों की समिति होती है, न्यायिक अधिकारियों द्वारा ACR के विलोपन/संशोधन/सत्यापन के लिए किए गए अभ्यावेदनों पर वर्षों तक बैठती है। देरी के कारण न्यायिक अधिकारी पदोन्नति के अवसरों पर विचार करने से वंचित रह जाते हैं।
इस पृष्ठभूमि में पीठ ने आदेश दिया:
"हम हाईकोर्ट्स के माननीय चीफ जस्टिस से अनुरोध करते हैं कि वे संबंधित जजों पर न्यायिक अधिकारियों की ACR को शीघ्र दर्ज करने के लिए दबाव डालें तथा अपीलीय समितियों से भी अनुरोध करें कि वे ACR के संबंध में न्यायिक अधिकारियों के अभ्यावेदनों पर यथाशीघ्र विचार करें, ताकि उन्हें पदोन्नति के अवसरों से वंचित न किया जाए।"
केस टाइटल: अखिल भारतीय न्यायिक संघ बनाम भारत संघ डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 643/2015