RG Kar दोषी की उम्रकैद सजा के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची बंगाल सरकार, मांगा मृत्युदंड
Amir Ahmad
21 Jan 2025 2:11 PM IST

पश्चिम बंगाल सरकार ने RG Kar बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसे सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
न्यायालय ने माना था कि यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने X हैंडल पर फैसले की आलोचना की और हाईकोर्ट के समक्ष इसके खिलाफ अपील करने की कसम खाई।
उल्लेखनीय है कि सेशन जज अनिरबन दास ने अपने फैसले में जांच करते समय पुलिस द्वारा की गई चूक और अस्पताल अधिकारियों द्वारा मामले को छिपाने के प्रयासों पर भी आपत्ति जताई थी।
पूरा मामला
अगस्त 2024 में हुई इस घटना ने पूरे देश में काफी हंगामा मचाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले को CBI को सौंप दिया, जिसने सेशन कोर्ट के समक्ष अपना आरोपपत्र दाखिल किया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, जिसने डॉक्टरों की कार्यस्थल सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश बनाने और जांच की निगरानी करने के लिए इसे स्वतः संज्ञान में लिया।
इस वीभत्स घटना के बाद कोलकाता और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की गई। कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी, जिसने पश्चिम बंगाल CID से जांच का जिम्मा संभाला, जिसने बलात्कार-हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष विभिन्न मामले दायर किए गए, जिसने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा कथित दुराचार और भ्रष्टाचार की जांच भी CBI को सौंप दी। क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए, जिन्होंने मामले को 'अप्राकृतिक मौत' के रूप में दर्ज किया। इसमें इस तथ्य की ओर इशारा किया गया कि पीड़िता ने पूर्व प्रिंसिपल के साथ कथित मिलीभगत से आत्महत्या की हो सकती है।
हालांकि, चूंकि CBI प्रिंसिपल और ओसी के खिलाफ समय पर आरोप पत्र दाखिल करने में असमर्थ थी, इसलिए उन्हें जमानत दे दी गई। इस प्रकार, मामले में एकमात्र शेष आरोपी, जिसके खिलाफ CBI ने आरोप पत्र दाखिल किया, वह मुख्य आरोपी संजय रॉय था।